Notice: Trying to get property 'alias' of non-object in /home/u383106781/domains/shouryapathnews.m47.in/public_html/components/com_k2/router.php on line 292
Shourya Path News - पवन केसवानी पर हमला : लोकतंत्र, संविधान और कानून व्यवस्था पर सीधा हमला

Notice: Undefined property: Joomla\CMS\Object\CMSObject::$id in /home/u383106781/domains/shouryapathnews.m47.in/public_html/plugins/k2/sppagebuilder/sppagebuilder.php on line 85

Warning: count(): Parameter must be an array or an object that implements Countable in /home/u383106781/domains/shouryapathnews.m47.in/public_html/administrator/components/com_sppagebuilder/helpers/sppagebuilder.php on line 156

Warning: count(): Parameter must be an array or an object that implements Countable in /home/u383106781/domains/shouryapathnews.m47.in/public_html/administrator/components/com_sppagebuilder/helpers/sppagebuilder.php on line 156

Warning: count(): Parameter must be an array or an object that implements Countable in /home/u383106781/domains/shouryapathnews.m47.in/public_html/administrator/components/com_sppagebuilder/helpers/sppagebuilder.php on line 156

Notice: Only variables should be assigned by reference in /home/u383106781/domains/shouryapathnews.m47.in/public_html/templates/ts_news247/html/com_k2/templates/default/item.php on line 23
Print this page

पवन केसवानी पर हमला : लोकतंत्र, संविधान और कानून व्यवस्था पर सीधा हमला

  • Ad Content 1

लोकतंत्र के चौथे स्तंभ पर बड़ा हमला

  भिलाई (दुर्ग)। शौर्यपथ। भिलाई के वरिष्ठ पत्रकार और राष्ट्रबोध के संपादक पवन केसवानी पर हाल ही में हुए कातिलाना हमले ने न केवल प्रेस की स्वतंत्रता बल्कि पूरे लोकतांत्रिक तंत्र को झकझोर कर रख दिया है। पवन केसवानी द्वारा अवैध अतिक्रमण के खिलाफ बेबाक समाचार प्रकाशित करने के बाद उन पर अपराधी तत्वों ने यह हमला किया। इस घटना का सीधा संदेश यही है कि अपराधी तत्व अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता, संविधान और कानून व्यवस्था में कतई विश्वास नहीं रखते।

अभिव्यक्ति की आजादी को चोट

  भारत का संविधान नागरिकों को अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता (Article 19) का अधिकार प्रदान करता है, परंतु यह स्वतंत्रता भी अनुशासन और व्यवस्था के दायरे में ही मान्य है। यदि किसी समाचार में तथ्यगत दोष या दुर्भावना झलकती भी हो, तो न्यायालय और विधिक व्यवस्थाएं उपलब्ध हैं―अपनी आपत्ति को दर्ज कराने के लिए, न कि हिंसा या आत्म निर्णय का विकल्प है। न्याय का अधिकार केवल न्यायपालिका के पास है, न कि किसी व्यक्ति या समूह के पास।

  अपराधियों की मानसिकता : कानून को अंगूठापवन केसवानी पर हमला करने वालों की यह प्रवृत्ति समाज और कानून दोनों के लिए हर प्रकार से घातक है। ये तत्व संविधान, कानून और लोकतंत्र को नकारकर स्वयं को सर्वोपरि समझते हैं। ऐसे लोगों को समाज का कोई अधिकार नहीं, बल्कि उन पर कठोरतम कार्रवाई होनी चाहिए ताकि संविधान का सम्मान अक्षुण्ण रहे और लोकतंत्र की चतुर्थ शक्ति अर्थात् मीडिया की आवाज बुलंद रहे।

 पुलिस-प्रशासन और न्यायिक व्यवस्था का दायित्व

   जरूरी है कि ऐसे हमलों के अपराधियों पर त्वरित और कठोर कार्रवाई हो तथा सामाजिक स्तर पर यह संदेश जाए कि न तो कानून से बड़ा कोई है और न ही लोकतंत्र को ठेस पहुंचाने वाले को बख्शा जाएगा। इतिहास गवाह है कि गलत खबर पर न्यायालय सजा भी देता है, लेकिन न्याय व्यवस्था की जगह खुद फैसला करना सीधा-सीधा कानून तोड़ना और देशद्रोह के बराबर है।

 संवैधानिक संदेश

  लोकतंत्र में संवाद, असहमति और समीक्षा से ही रास्ता निकलता है। पत्रकार की अच्छाई-बुराई का फैसला न्यायपालिका करती है, न कि अपराधी। पत्रकार चाहे बड़ा हो या छोटा, वह अगर कोई भी खबर प्रकाशित करता है और उस पर आपत्ति है, तो केवल न्यायिक उपाय ही विकल्प हैं। पवन केसवानी के मसले ने पूरे न्यायिक तंत्र को झकझोर दिया है और यह चेतावनी देता है कि प्रेस पर हमला, लोकतंत्र पर हमला है।

प्रशासन और न्याय प्रणाली से मांग

   शौर्यपथ दैनिक ने प्रशासन से यह भी मांग की है कि अपराधियों पर त्वरित एवं कठोर कार्रवाई हो, ताकि समाज में भय का माहौल न बने और हर पत्रकार स्वतंत्रता से अपनी जिम्मेदारी निभा सके। दोषियों पर सख्ती जरूरी है ताकि लोकतंत्र और संविधान की रक्षा हो सके। इतिहास में कई उदाहरण हैं जहां गलत समाचार पर न्यायिक सजा दी गई, लेकिन फैसला अदालत करेगी, अपराधी नहीं।


Warning: count(): Parameter must be an array or an object that implements Countable in /home/u383106781/domains/shouryapathnews.m47.in/public_html/templates/ts_news247/html/com_k2/templates/default/item.php on line 308
Rate this item
(0 votes)
शौर्यपथ

Latest from शौर्यपथ