रायपुर/ / शौर्यपथ /18 लाख आवास देने का वादा कर सत्ता में आयी भाजपा चुनाव जीतने के बाद लोगों को आवास देने के मामले में भी लापरवाह बनी हुई है। प्रदेश कांग्रेस संचार विभाग के अध्यक्ष सुशील आनंद शुक्ला ने कहा कि इसका प्रमाण इसी से मिल जाता है कि प्रधानमत्री शहरी आवास में केंद्र ने छत्तीसगढ़ के कोटे में 50 हजार आवास स्वीकृत किये थे तथा राज्य सरकार को पात्र हितग्राहियों के नाम भेजने को कहा लेकिन साय सरकार ने तय सीमा तक केवल 11 हजार ही हितग्राहियों का नाम केंद्र को भेजा जो कुल टार्गेट का मात्र 23 प्रतिशत है। यह बताता है कि भाजपा सरकार गरीबों को आवास नहीं देना चाहती है।
प्रदेश कांग्रेस संचार विभाग के अध्यक्ष सुशील आनंद शुक्ला ने कहा कि 18 लाख प्रधानमंत्री आवास का दावा करने वाली भाजपा की साय सरकार ने अभी तक एक भी हितग्राही के लिए नया मकान नहीं बनाया है। भाजपा सरकार के प्रधानमंत्री आवास केवल सरकारी विज्ञापनों और होर्डिंग में ही दिखते रहे है, हकीकत में भाजपा सरकार के आने के बाद कोई नया आवास स्वीकृत नहीं हुआ है।
प्रदेश कांग्रेस संचार विभाग के अध्यक्ष सुशील आनंद शुक्ला ने कहा कि विधानसभा चुनाव के मोदी की गारंटी के नाम पर किए गए दावे भी जुमले साबित हुए हैं। पीएम आवास योजना 2015 में लागू हुई तब केंद्र और राज्य दोनों जगह बीजेपी की सरकार थी। 2011 के जनगणना को आधार मानकर छत्तीसगढ़ के लिए कुल 18 लाख आवास का लक्ष्य तय किया गया था। 2015 से 18 तक रमन सरकार के दौरान मात्र 2,37,000 ग्रामीण पीएम आवास तथा 19,000 शहरी पीएम आवास बने। 2018 से 23 तक भूपेश सरकार ने 10 लाख से अधिक पीएम आवास बनाएं। शेष लगभग 7 लाख आवास बनाने के लिए भूपेश बघेल सरकार ने बजट में 3234 करोड़ का प्रावधान किया तथा 7 लाख आवासहीनो के लिये मकान बनाने के लिये पहली किश्त अक्टूबर 2023 में ही भूपेश सरकार ने डाल दिया था। साय सरकार ने एक भी नया मकान स्वीकृत ही नहीं किया है। पुराने स्वीकृत मकानों की अगली किश्तें देने का काम साय सरकार ने किया है। उसी के लिए वित्तीय स्वीकृति भी किया गया।