
CONTECT NO. - 8962936808
EMAIL ID - shouryapath12@gmail.com
Address - SHOURYA NIWAS, SARSWATI GYAN MANDIR SCHOOL, SUBHASH NAGAR, KASARIDIH - DURG ( CHHATTISGARH )
LEGAL ADVISOR - DEEPAK KHOBRAGADE (ADVOCATE)
भोपाल / शौर्यपथ / मध्यप्रदेश के मंत्री बिसाहूलाल सिंह का राजपूत समाज की महिलाओं पर टिप्पणी का विरोध शनिवार को तीसरे दिन भी जारी रहा. बिसाहूलाल सिंह के विरोध में शनिवार को कई जगह प्रदर्शन किए गए और पुतले फूंके गए. हालांकि मंत्री ने महिलाओं के बारे में दिये गये अपने बयान पर खेद व्यक्त किया है, लेकिन इससे राष्ट्रीय राजपूत करणी सेना (Karni Sena) का गुस्सा शांत नहीं हुआ. संगठन ने मंत्री के खिलाफ प्रदर्शन कर उनके त्यागपत्र की मांग की. दूसरी तरफ, आदिवासी मंत्री ने दावा किया कि उनके बयान का गलत अर्थ निकाला गया और किसी को ठेस पहुंचाना उनका इरादा नहीं था. इसके कुछ घंटों बाद करणी सेना के कार्यकर्ताओं ने यहां प्रदेश भाजपा कार्यालय के बाहर उनकी कार का घेराव कर उन्हें काले झंडे दिखाए और उनके त्यागपत्र की मांग की.
भाजपा और करणी सेना के कार्यकर्ताओं के बीच तीखी नोकझोंक के बाद करीब आधे घंटे तक धरना प्रदर्शन चलता रहा. ठाकुर समुदाय से ताल्लुक रखने वाले कांग्रेस विधायक जयवर्धन सिंह ने भाजपा नेता पर निशाना साधा और कहा, ‘‘ आप महिलाओं को घरों से बाहर निकालने की बात कर रहे हैं, इतिहास गवाह है कि हमने उन लोगों को माफ नहीं किया जिन्होंने हम पर आंख उठाई है.''
गौरतलब है कि बिसाहूलाल सिंह को कभी कांग्रेस के दिग्गज नेता और जयवर्धन सिंह के पिता दिग्विजय सिंह के वफादार समर्थक के तौर पर जाना जाता था. बिसाहूलाल मार्च 2020 में भाजपा में शामिल हो गये थे . अनूपपुर जिले में महिलाओं को सम्मानित करने के लिए आयोजित एक समारोह को संबोधित करते हुए मंत्री ने कहा था, ‘‘ बड़े लोग (उच्च जाति) ठाकुर और कुछ अन्य बड़े लोग अपनी महिलाओं को घरों में रखते हैं और उन्हें बाहर नहीं जाने देते जबकि हमारे गांवों में (समाज के निचले तबके की) महिलाएं खेत और घर का काम करती हैं. आप आगे आएं और जितने बड़े बड़े ठाकुर-आकुर हैं न, उनका घर में जाकर महिलाओं को पकड़ कर बाहर निकालें. उनके साथ समाज का काम करें.' मंत्री द्वारा की गई टिप्पणी पर आपत्ति जताते हुए ‘श्री राष्ट्रीय राजपूत करणी सेना' ने शुक्रवार को यहां मंत्री के सरकारी निवास के पास विरोध प्रदर्शन किया और मंत्री का पुतला जलाया.
अपनी टिप्पणी पर अपना रुख साफ करते हुए मंत्री ने एक बयान जारी कर कहा कि महिलाओं के सम्मान के लिए आयोजित एक समारोह में अपने संबोधन में राजपूतों या समाज के किसी अन्य वर्ग को चोट पहुंचाने का उनका कोई इरादा नहीं था. उन्होंने दावा किया कि उनके कुछ वाक्यों का गलत अर्थ निकाला गया. सिंह ने कहा, ‘‘ जिनके पास मेरे भाषण की रिकॉर्डिंग है. वे यदि मेरे भाषण को ध्यान से सुनेंगे तो मुझसे सहमत होंगे.'' उन्होंने कहा कि अपने निर्वाचन क्षेत्र में आमतौर पर वह लोगों से हिंदी और स्थानीय बोली सहित मिश्रित भाषा में बात करते हैं. इस संबोधन में भी उन्होंने इसी तरह की भाषा का इस्तेमाल किया था.
उन्होंने कहा, ‘‘इस तरह की अप्रिय स्थिति शुद्ध हिंदी नहीं बल्कि मिश्रित भाषा के कारण पैदा हुई होगी. सभी जानते हैं कि मैं आदिवासी वर्ग का प्रतिनिधित्व करता हूं और मैं इस वर्ग की महिलाओं से उनके उत्थान के बारे में बात कर रहा था.'' मंत्री ने कहा कि अगर उच्च वर्ग की कुशल और शिक्षित महिलाएं काम के लिए आगे नहीं आती हैं तो पिछड़े समाज की महिलाएं किसका अनुसरण करेंगी और प्रेरणा लेंगी. उन्होंने कहा, ‘‘ मेरा कोई और इरादा नहीं था . यदि मेरे बयान से राजपूतों या किसी अन्य वर्ग की भावनाओं को ठेस पहुंची है तो मैं खेद व्यक्त करता हूं.''
Make sure you enter all the required information, indicated by an asterisk (*). HTML code is not allowed.