July 27, 2024
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बिलासपुर

बिलासपुर (185)

   बिलासपुर / शौर्यपथ / बिलासपुर हाई कोर्ट में लगातार अवमानना मामलों की पेंडेंसी में कमी आई है। मार्च 2023 में चीफ जस्टिस रमेश सिन्हा के प्रभार संभालने के बाद से ही अभी तक 1143 मामलों का निराकरण किया जा चुका है, जिससे आम लोगों को राहत मिली है। वर्तमान में 10 जुलाई की स्थिति में 944 मामले ही लंबित है। खास बात है कि यह पहली बार हुआ है कि अवमाननों मामलों की सुनवाई और निराकरण के लिए चीफ जस्टिस श्री सिन्हा ने पहल करते हुए अलग से रोस्टर जारी किया है। इससे अब अवमानना मामलों की सुनवाई दो से अधिक कोर्ट में हो रही है, जिससे प्रकरणों का त्वरित गति से निराकरण हो रहा है।

गौरतलब है कि नवंबर 2022 में हाई कोर्ट में 2299 मामले अवमानना के लंबित थे। इसके बाद मार्च 2023 में चीफ जस्टिस रमेश सिन्हा ने ज्वाइन करने के साथ ही इसके लिए अलग से व्यवस्था की। पिछले करीब एक सालों में 720 और मामले अवमानना के दायर हुए। उसके बाद भी लंबित प्रकरणों की संख्या नहीं बढ़ी और तेजी से निराकरण किया गया।

वर्ष 2015 में 611 केस का रजिस्ट्रेशन किया गया था, जिसमें 814 डिस्पोजल केस, 324 पेंडिंग केस है। इसी तरह वर्ष 2016 में 650 रजिस्ट्रेशन, जिसमें 597 डिस्पोजल केस, 377 पेंडिंग केस, वर्ष 2017 में 792 रजिस्ट्रेशन, 736 डिस्पोजल केस, 433 पेंडिंग केस, वर्ष 2018 में 1329 रजिस्ट्रेशन, 1019 डिस्पोजल केस, 743 पेंडिंग केस, वर्ष 2019 में 1209 रजिस्ट्रेशन, 958 डिस्पोजल केस, 994 पेंडिंग केस, वर्ष 2020 में 1023 रजिस्ट्रेशन, 507 डिस्पोजल केस, 1510 पेंडिंग केस, वर्ष 2021 में 1016 रजिस्ट्रेशन, 538 डिस्पोजल केस, 1988 पेंडिंग केस, वर्ष 2022 में 1282 रजिस्ट्रेशन, 946 डिस्पोजल केस, 2324 पेंडिंग केस, वर्ष 2023 में 1194 रजिस्ट्रेशन, 2623 डिस्पोजल केस, 895 पेंडिंग केस और वर्ष 2024 में 720 रजिस्ट्रेशन, जिसमें से 649 केस का निराकरण किया जा चुका है और 966 केस बाकी है, जो पूर्व के पेंडिंग केस से काफी कम है।

मुख्य न्यायाधीश श्री रमेश सिन्हा द्वारा अपने न्यायालय में लिस्टेड प्रकरणों में सुनवाई करने के पश्चात् ज्यूडिशियल शाखाओं में चल रहे प्रकरणों के सत्यापन कार्य का किया निरीक्षण
 बिलासपुर / शौर्यपथ /

    छत्तीसगढ़ उच्च न्यायालय, बिलासपुर में आज 13 मई 2024 (सोमवार) को ग्रीष्मकालीन अवकाश प्रारंभ हो गया है। ग्रीष्मकालीन अवकाश के प्रथम दिन मुख्य न्यायाधीश श्री रमेश सिन्हा द्वारा अपने न्यायालय में लिस्टेड प्रकरणों में सुनवाई करने के पश्चात् ज्यूडिशियल शाखाओं में चल रहे प्रकरणों के सत्यापन कार्य का निरीक्षण किया गया।
  उल्लेखनीय है कि उच्चतम् न्यायालय के निर्देशानुसार औचित्यहीन लंबित प्रकरणों को चिन्हांकित करने की प्रणाली विकसित किया जाना है जिससे ऐसे उपरोक्त चिन्हांकित लंबित प्रकरणों को सुनवाई पश्चात् निराकृत किया जा सके।
 इस तारतम्य में मुख्य न्यायाधीश श्री रमेश सिन्हा के निर्देशानुसार रिट, क्रिमिनल अपील, क्रिमिनल रिवीजन, अवमानना प्रकरणों एवं अन्य प्रकरणों में औचित्यहीन लंबित प्रकरणों की लिस्ट बनाने का कार्य चल रहा है जिसे ज्यूडिशियल ऑफिसर एवं उच्च न्यायालय के अधिकारियों एवं कर्मचारियों द्वारा किया जा रहा है। उपरोक्त कार्य का निरीक्षण करने हेतु मुख्य न्यायाधीश प्रत्येक शाखा में गये तथा सत्यापित किये गये प्रकरणों की जांच की। उन्होंने रजिस्ट्रार जनरल एवं रजिस्ट्रार ज्यूडिशियल को निर्देशित किया कि प्रतिदिन शाखाओं में चल रहे सत्यापन कार्य की जांच करें एवं उसकी रिपोर्ट उनके समक्ष प्रस्तुत की जाए।
 उन्होंने यह भी अवगत् कराया कि वे उपरोक्त सत्यापन कार्य का समय-समय पर औचक निरीक्षण करते रहेगें।

 बिलासपुर / शौर्यपथ / छत्तीसगढ़ उच्च न्यायालय, बिलासपुर के मुख्य न्यायाधीश श्री रमेश सिन्हा द्वारा उच्च न्यायालय भवन में आर्काइव/म्यूजियम कक्ष का आज उद्घाटन किया गया। इस अवसर पर समस्त न्यायमूर्तिगण भी उपस्थित रहे। मुख्य न्यायाधीश श्री रमेश सिन्हा के कुशल मार्गदर्शन में उक्त आर्काइव कक्ष की स्थापना की गई है।
  आर्काइव कक्ष में वर्ष 1879 के दस्तावेज, सेन्ट्रल प्रोविजन्स व बरार का नक्शा, सेन्ट्रल प्रोविजन्स के अंतर्गत नागपुर उच्च न्यायालय से संबंधित दस्तावेज व भवन की सुंदर तस्वीर, संविधान समिति के सदस्यों की तस्वीरें व अविभाजित मध्यप्रदेश के प्रथम मुख्यमंत्री स्वर्गीय श्री रविशंकर शुक्ल की तस्वीर से कक्ष को सुशोभित किया गया है।
 इसके साथ ही मध्यप्रदेश उच्च न्यायालय, जबलपुर के भवन की तस्वीर, छत्तीसगढ़ उच्च न्यायालय, बिलासपुर की स्थापना से संबंधित राजपत्र की तस्वीर, तदुपरांत छत्तीसगढ़ उच्च न्यायालय, बिलासपुर के उद्घाटन व भवन की तस्वीर, छत्तीसगढ़ उच्च न्यायालय, बिलासपुर के नवीन भवन के उद्घाटन व नवीन भवन की तस्वीरें व ज्यूडिशियल एकेडमी के भवन के उद्घाटन की तस्वीरों से कक्ष को सुसज्जित किया गया है।
  आर्काइव कक्ष में छत्तीसगढ़ उच्च न्यायालय, बिलासपुर के नवीन विस्तार भवन के उद्घाटन, राष्ट्रपिता महात्मा गांधी की प्रतिमा का अनावरण, आवासीय परिसर में 100 फिट उंचे राष्ट्रीय ध्वज की स्थापना तथा संविधान के जनक डॉ. भीमराव अम्बेडकर की प्रतिमा के अनावरण की तस्वीरें भी लगायी गयी हैं। उल्लेखनीय है कि मुख्य न्यायाधीश श्री रमेश सिन्हा के कुशल मार्गदर्शन व दिशा-निर्देश में ही उक्त नवीन विस्तार भवन व अन्य का निर्माण / स्थापना की गई है।
  आर्काइव कक्ष में छत्तीसगढ़ उच्च न्यायालय, बिलासपुर की स्थापना उपरांत पदस्थ मुख्य न्यायाधीशगण तथा न्यायमूर्तिणों की तस्वीरें सुसज्जित की गई हैं। साथ ही ऐसे न्यायमूर्तिगण जो कि छत्तीसगढ़ उच्च न्यायालय के साथ ही उच्चतम् न्यायालय में पदस्थ हुये, उनकी भी तस्वीरें सुसज्जित की गयी है।
  उक्त आर्काइव कक्ष से आगुंतकों को छत्तीसगढ़ उच्च न्यायालय, बिलासपुर तथा न्यायिक व्यवस्था के संबंध में अधिक से अधिक ज्ञानवर्धक जानकारी प्राप्त होगी तथा उनके ज्ञान में वृद्धि होगी। इस अवसर पर महाधिवक्ता श्री प्रफुल्ल एन. भारत, डिप्टी सॉलीसिटर जनरल श्री रमाकांत मिश्रा, वरिष्ठ अधिवक्तागण, उच्च न्यायालय बार एसोसिएशन के अध्यक्ष श्री उमाकांत सिंह चंदेल व पदाधिकारी, अधिवक्तागण, रजिस्ट्रार जनरल व न्यायिक अधिकारीगण, ज्यूडिशियल एकेडमी के न्यायिक अधिकारीगण, रजिस्ट्री के अधिकारी व कर्मचारीगण भी उपस्थित रहे।

   बिलासपुर / / शौर्यपथ / छत्तीसगढ़ उच्च न्यायालय बिलासपुर मुख्य न्यायाधीश श्री रमेश सिन्हा द्वारा अपने कोर्ट हाल में दोपहर 4 बजे न्यायमूर्ति श्री राकेश माहन पाण्डेय साहब, न्यायमूर्ति श्री सचिन सिंह राजपूत तथा न्यायमूर्ति श्री राधाकिशन अग्रवाल साहब को शपथ दिलाई गई।
  न्यायमूर्ति श्री राकेश माहन पाण्डेय द्वारा स्थायी जज के रूप में तथा न्यायमूर्ति श्री सचिन सिंह राजपूत तथा न्यायमूर्ति श्री राधाकिशन अग्रवाल द्वारा एडिशनल जज के रूप में शपथ ली गयी। इस अवसर पर समस्त माननीय न्यायमूर्तिगण भी उपस्थित रहे।  उल्लेखनीय है कि विधि एवं विधायी कार्य विभाग, नई दिल्लो द्वारा 9 मई 2024 को उक्त के संबंध में अधिसूचना जारी की गयी है।
  शपथ ग्रहण कार्यकम में महाधिवक्ता प्रफुल्ल एन. भारत, डिप्टी सॉलीसिटर जनरल रमाकांत मिश्रा, अध्यक्ष उच्च न्यायालय बार एसोसिएशन उमाकांत सिंह चंदेल, वरिष्ठ अधिवक्तागण, उच्च न्यायालय बार एसोसिएशन के पदाधिकारीगण, अधिवक्तागण एवं रजिस्ट्री व ज्यूडिशियल एकेडमी के न्यायिक अधिकारीगण उपस्थित रहे।

   

बिलासपुर / शौर्यपथ / छत्तीसगढ़ उच्च न्यायालय द्वारा प्रदेश में बड़े पैमाने पर जजों का ट्रांसफर किया गया है। सात न्यायिक अधिकारियों को एंट्री लेवल डिस्ट्रिक्ट जज के पद पर पदोन्नत कर एडीजे बनाया गया है। 70 से अधिक सिविल जजों का तबादला भी किया गया है। यही नहीं राज्यपाल के विधि अधिकारी को एडीजे बनाया गया है।
  छत्तीसगढ़ हाईकोर्ट के निर्देशानुसार न्यायिक सेवा में फेरबदल के साथ अफसरों का प्रमोशन किया गया है। इसके अंतर्गत नीरू सिंह राज्यपाल सचिवालय विधि अधिकारी को रायपुर में एडीजे दशम के रूप में स्थानांतरित किया गया है। साथ ही सात सीनियर सिविल जजों को एंट्री लेवल डिस्ट्रिक्ट जज के रूप में पदोन्नत किया गया है। इसके अलावा राज्य के अलग अलग स्थानों में पदस्थ करीब 70 के करीब सिविल जजों का तबादला आदेश भी जारी किया गया है।
सीनियर सिविल जजों को बनाया गया एडीजे
 प्रमोशन पाने वाले सात सीनियर सिविल जजों में संजय रात्रे रजिस्ट्रार कमर्शियल कोर्ट को एडीजे सेकेंड बलौदाबाजार, संतोष ठाकुर सीजेएम दुर्ग को रायगढ़, नरेंद्र कुमार सीजेएम अंबिकापुर को रायपुर में, श्यामवती मरावी सीजेएम बलौदाबाजार को दुर्ग में एडीजे, सुषमा लकड़ा सीजेएम सूरजपुर को यहीं एडीजे, अनिल प्रभात मिंज सीजेएम धमतरी को बिलासपुर में एडीजे और दीपक कुमार कोशले सीजेएम रायगढ़ को दुर्ग में फिफ्थ एडीजे नियुक्त किया गया है।

गरीबों को घर जमीन खरीदने से रोकना चाह रही है साय सरकार, वित्त मंत्री ओ पी चौधरी झूठ बोल रहे है,छूट से किसानों के मुआवजे में कोई अंतर नही पड़ेगा


बिलासपुर / शौर्यपथ / जमीनो के भाव से गाइडलाइन दरों में दी जा रही 30% की छूट को समाप्त करना साय सरकार का राज्य की जनता के साथ घोर अन्याय है, शहर ब्लॉक कांग्रेस कमेटी के अध्यक्ष अरविंद शुक्ला ने कहा कि साय सरकार गरीबों को घर जमीन खरीदने से रोकना चाह रही है, जनता इस अन्याय का बदला लोकसभा चुनाव में लेगी, भाजपा की रमन सरकार के दौरान भाजपाई सत्ताधीसों के दबाव में जमीनों के गाइडलाइन की दरों में हर साल 10 से 15% तक बढ़ाने की परंपरा बन गई थी ।
जिसके कारण अनेकों जगह बाजार भाव से दुगनी गाईड लाईन की दरें हो गई थी । आम आदमी की इसी परेशानी को देखते हुए तत्कालीन कांग्रेस की भूपेश सरकार ने गाईड लाईन की दरों में 30 प्रतिशत की छूट दिया था और पूरे पांच सालो तक कांग्रेस सरकार ने गाईड लाईन  की दरों में एक रुपए की बढ़ोतरी भी नहीं किया था।  जिसके कारण आम आदमी ,गरीब और मध्यम वर्ग को मकान ,दुकान, खेत खरीदने में सहूलियत हुई तथा गाईड लाईन की दरें कम होने से आम आदमी को अन्य टैक्सों में भी राहत मिल गाईड लाईन की दर 30% कम होने से राज्य के राजस्व में भी भारी बढ़ोतरी हुई थी ।

पावरनामा और एग्रीमेंट करवा कर संपत्ति खरीदने की परंपरा खत्म हुई तथा लोग रजिस्ट्री करवाने लगे जिससे सरकार के राजस्व में बढ़ोतरी हुई कृषि के बाद रियल एस्टेट ही ऐसा क्षेत्र है जहां सबसे ज्यादा रोजगार मिलता है ।इस छूट से राज्य के रियल स्टेट क्षेत्र में जबरदस्त उछाल आया था। ब्लॉक कांग्रेस कमेटी के अध्यक्ष अरविंद शुक्ला ने कहा कि वित्त मंत्री गलत बयानी कर रहे हैं कि इस छूट को खत्म करने से किसानों को फायदा होगा
   किसानों को मुआवजा गाईड लाईन की रेट पर मिलता है यह मुआवजा शहरी क्षेत्र में दोगुना और ग्रामीण क्षेत्र में चार गुना मिलता है, राज्य में गाईड लाईन का रेट कम नहीं किया गया, उसमें खरीदी बिक्री में छूट दी गई थी। गाईड लाईन के रेट में 30% की छूट रजिस्ट्री के समय मुद्रांक पेपर की गणना में की जाती है। किसान के मुआवजा की गणना मूल गाईड लाईन  की दरों के आधार पर ही होगी । अपने सरकार की टैक्सखोरी वाली नीति के बचाव में किसानों के कंधों पर बंदूक रखकर चलाना बंद करें ।
  ब्लॉक कांग्रेस कमेटी के अध्यक्ष अरविंद शुक्ला ने कहा कि जब भी भाजपा की सरकार आती है वह गरीबों को ,छोटे व्यापारियों को परेशान करने वाली नीति बनती है । पहले भी भाजपा की सरकार के समय 5 डिसमिल से कम जमीनों की रजिस्ट्री पर रोग लगा दिया था ताकि गरीबों के प्लॉट ना बिके और भाजपाई भूमाफिया का एकाधिकार चले फिर वही दौर वापस लाने की कोशिश शुरू की जा रही है। गाईड लाईन  की दरें छूट बंद होने का नुकसान आम आदमी के साथ जमीन के छोटे मझौले व्यापारियों को भी होगा ।

रायपुर / शौर्यपथ / श्री राम लला दर्शन योजना के तहत अयोध्या धाम के दर्शन के लिए रायगढ़ जिले से श्रद्धालुओं का पहला जत्था आज सुबह रवाना हुआ। वित्त मंत्री श्री ओ.पी.चौधरी ने बिलासपुर रेलवे स्टेशन में पहुंचकर प्रभु श्रीराम का जयकारा लगाते हुए रायगढ़ के श्रद्धालुओं के जत्थे को अयोध्या धाम के लिए रवाना किया। उन्होंने सभी यात्रियों को सुखद सफर की शुभकामनाएं दी। 
   रायगढ़ जिले से अयोध्या धाम दर्शन के लिए पहले जत्थे में जिले से कुल 112 यात्री शामिल हो रहे हैं। इनमें 84 ग्रामीण क्षेत्रों से हैं और 28 शहरी क्षेत्र के श्रद्धालु शामिल हैं। सड़क मार्ग से श्रद्धालुओं का यह दल बिलासपुर पहुंचा। वहां से स्पेशल आस्था ट्रेन से आगे के सफर के लिए रवाना हुआ। श्रद्धालुओं का दल 14 मार्च को वापस लौटेगा। तीन दिवसीय यात्रा के दौरान यात्री अयोध्या धाम के साथ वाराणसी में काशी विश्वनाथ के भी दर्शन करेंगे। यात्रियों के सहयोग के लिए 3 अधिकारियों की टीम भी जत्थे के साथ रवाना हुई है।
उत्साह में सराबोर दिखे श्रद्धालु
   अयोध्या धाम जाने वाले जिले के पहले जत्थे में शामिल श्रद्धालु भक्ति भाव और उत्साह में सराबोर दिखे। अलसुबह प्रभु श्री राम के जयकारे के साथ सफर की शुरुआत कर रहे जिले वासियों ने इसे सौभाग्य का पल बताया। उन्होंने मुख्यमंत्री श्री विष्णुदेव साय को धन्यवाद ज्ञापित करते हुए कहा कि शासन की इस नेक पहल से हमें अयोध्या धाम के नि:शुल्क यात्रा का सुअवसर मिल रहा है।
  किरोड़ीमल नगर के श्री भगतराम चौहान ने कहा हमारा सौभाग्य है कि आज हम प्रभु श्रीराम के दर्शन के लिए अयोध्या धाम के लिए रवाना हो रहे है। अयोध्या में जब से राममंदिर की प्राण-प्रतिष्ठा हुई तब से वहां जाने की लालसा थी, आज वह प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी एवं मुख्यमंत्री श्री विष्णुदेव साय की पहल पर पूरी होने जा रही है। खाना-पीना, आना-जाना सभी सुविधाएं नि:शुल्क व्यवस्था की गई है। घरघोड़ा विकासखण्ड के चारभांठा निवासी सपत्नीक श्री राम प्रसाद पैंकरा एवं श्रीमती बालमती पैंकरा ने जय-जय श्रीराम के नारे लगाते हुए कहा कि आज हमारे लिए खुशी का अवसर है कि हम प्रभु श्रीराम के दर्शन हेतु अयोध्या धाम के लिए रवाना हो रहे है। हमने कभी सोचा नहीं था कि वहां तक कभी जाकर प्रभु श्रीमान के राम दर्शन कर पायेंगे, लेकिन हमारा यह सपना आज पूरा होने जा रहा है। पंजरी प्लांट रायगढ़ की देवकी सिंह राजपूत ने कहा कि आज बहुत ही खुशी का दिन है कि हम सब एक साथ शासन की नेक पहल से प्रभु श्रीराम के दर्शन हेतु अयोध्या धाम के लिए रवाना हो रहे है और हमें किसी प्रकार की चिंता की करने की जरूरत नहीं है। सफर के दौरान सभी प्रकार की सुविधाएं शासन की तरफ से नि:शुल्क है।

बिलासपुर / शौर्यपथ / जिला न्यायालय परिसर बिलासपुर में सृजित नवीन उप डाक घर का वर्चुअल शुभारंभ न्यायमूर्ति रमेश सिन्हा, न्यायाधिपति, छत्तीसगढ़ उच्च न्यायालय बिलासपुर के द्वारा श्री न्यायमूर्ति संजय एस. अग्रवाल की वर्चुअल उपस्थिति में किया गया।
   जिला न्यायालय परिसर बिलासपुर में नवीन उपडाक घर के वर्चुअल शुभारंभ के दौरान न्यायमूर्ति रमेश सिन्हा, मुख्य न्यायाधिपति, छत्तीसगढ़ उच्च न्यायालय ने कहा कि नवीन उपडाक घर स्थापित होने से न्यायिक प्रकिया के संचालन में तीव्रता आयेगी साथ ही अधिवक्ता एवं पक्षकारों को भी इस सुविधा का लाभ होगा। डाकघर न्यायालयीन प्रकिया का अभिन्न अंग है, जिसके माध्यम से समंस और नोटिस भेजे जाने की प्रक्रिया में सुविधा होती है, इसलिए राज्य के प्रत्येक जिला न्यायालय में उपडाक घर खोले जाने के संबंध में विचार किया जा रहा है, जिससे राज्य के समस्त जिला न्यायालयों में व्यवसायरत् अधिवक्तागण एवं आने वाले पक्षकारों को लाभ प्राप्त होगा तथा न्यायालयीन प्रकिया के संचालन में भी गति आयेगी।
  शुभारंभ कार्यक्रम में स्वागत उदबोधन के दौरान जिला एवं सत्र न्यायाधीश श्री रमाशंकर प्रसाद ने कहा कि नवनिर्मित डाक घर की सबसे महत्वपूर्ण उपयोगिता यह है कि पहले पक्षकारों एवं अधिवक्तागण को समंस एवं नोटिस की तामिली के लिए दूर स्थित मुख्य डाक घर या अन्य डाक घर जाना पड़ता था जिससे उन्हें असुविधा होती थी साथ ही न्यायिक प्रक्रिया में भी इसका असर दिखता था। परंतु जिला न्यायालय परिसर में नवनिर्मित डाक घर के माध्यम से अधिवक्तागण एवं पक्षकार न्यायालय परिसर से ही सिविल और क्रिमीनल मामलों के समंस और नोटिस भेज सकेंगे। इसके अतिरिक्त नवीन उपडाक घर स्थापित होने से पंजीकृत डाक एवं कार्यालय से संबंधित पार्सल तथा मेमो भेजने में भी काफी सहूलियत होगी। अधिवक्तागण की भी काफी लंबे समय से यह मांग थी कि उपडाक घर न्यायालय परिसर में लाया जाए। यह मांग अब पूरी हो चुकी है। जिला न्यायालय परिसर में उप डाक घर की स्थापना से न्यायिक प्रक्रिया के सुगम एवं तीव्र होने की आशा है।
   वर्चुअल शुभारंभ कार्यक्रम में मंच संचालन श्रीमती एश्वर्या दीवान, व्यवहार न्यायाधीश, वर्ग दो बिलासपुर द्वारा किया गया तथा आभार प्रदर्शन प्रशांत कुमार शिवहरे, अपर जिला एवं सत्र न्यायाधीश, बिलासपुर द्वारा किया गया। शुभारंभ कार्यकम के दौरान जिला न्यायालय परिसर में स्थापित नव निर्मित डाक घर के प्रागंण में जिला न्यायालय बिलासपुर में पदस्थ समस्त न्यायिक अधिकारीगण, जिला अधिवक्ता संघ के अध्यक्ष चन्द्रशेखर बाजपेयी एवं विनय कुमार प्रसाद, अधीक्षक मुख्य डाक घर, बिलासपुर उपस्थित थे।

बिलासपुर / शौर्यपथ / मुख्यमंत्री श्री विष्णुदेव साय ने पूर्व प्रधानमंत्री भारतरत्न स्व.श्री अटल बिहारी वाजपेयी की जयंती पर आज अटल बिहारी विश्वविद्यालय परिसर में स्थापित स्व अटल बिहारी वाजपेयी की प्रतिमा पर माल्यार्पण कर उन्हें सादर नमन किया। मुख्यमंत्री श्री साय ने छत्तीसगढ़ के स्वतंत्रता संग्राम सेनानियों की याद में बनाए गए शहीद स्मारक पर भी पुष्पांजलि अर्पित कर सेनानियों को सादर नमन किया। इस अवसर पर विश्वविद्यालय के कुलपति श्री अरुण नाथ दिवाकर वाजपेयी, बिल्हा विधायक श्री धरम लाल कौशिक, बिलासपुर विधायक श्री अमर अग्रवाल और बेलतरा विधायक श्री सुशांत शुक्ला सहित अन्य लोगों ने पूर्व प्रधानमंत्री भारतरत्न स्व. श्री अटल बिहारी वाजपेयी की प्रतिमा पर माल्यार्पण कर उन्हें नमन किया और शहीद स्मारक पर छत्तीसगढ़ के स्वतंत्रता सेनानियो को श्रृद्धांजलि  अर्पित की।

  मुख्यमंत्री विष्णु देव साय ने  अटल बिहारी बाजपेयी विश्वविद्यालय, बिलासपुर (छ.ग.) के कुल उत्सव-2023 को सम्बोधित करते हुए कहा कि आज एक सप्ताह के अंदर प्रदेश की न्यायधानी में दूसरी बार आप सभी के बीच में खुद को पाकर मैं गौरवान्वित महसूस कर रहा हूँ।
आज 25 दिसंबर सुशासन दिवस पर मैं आप सभी को श्रद्धेय अटल बिहारी बाजपेयी जी की जयंती पर बधाई एवं शुभकामनाएं देता हूं। प्रदेश में सुशासन लाने के लिए आप सभी सहयोगी होंगे। जितनी साक्षरता शैक्षणिकता बढ़ेगी उतना ही सुशासन आएगा। आज बताते हुए बहुत दुःख होता है कि शिक्षा के केंद्रों को पर्याप्त स्टाफ नहीं मिल पाया, इस व्यवस्था को सुधारने और छत्तीसगढ़ में शिक्षा जगत में बहुत कुछ करने की आवश्यकता है।
  मैं एक मुख्यमंत्री होने के नाते कह सकता हूं कि शैक्षणिक संस्थानों में जिस सेटअप या जिन चीजों की आवश्यता है उन्हें पूरा करने का हम प्रयास करेंगे। आज बहुत विशेष दिन है, आज पूरे प्रदेश में कार्यक्रम हो रहे हैं, सुशासन दिवस उत्साहपूर्वक मनाया जा रहा है। आज हमारी सरकार प्रदेश के किसानों को दो वर्ष का बकाया बोनस का भुगतान करने जा रही है। माननीय प्रधानमंत्री मोदी की गारंटी में जितने भी वादे किए थे, वह सब पूरा करने की गारंटी हमारी है। हम हर वादे को पूरा करेंगे। श्री साय ने कहा कि हम छत्तीसगढ़िया सबले बढ़िया की कहावत को चरितार्थ करेंगे।

https://www.youtube.com/watch?v=GDO3qgeJM4I

कुल उत्सव 2023-‘’नामकरण एवं लोकार्पण समारोह “ बिलासपुर

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