
CONTECT NO. - 8962936808
EMAIL ID - shouryapath12@gmail.com
Address - SHOURYA NIWAS, SARSWATI GYAN MANDIR SCHOOL, SUBHASH NAGAR, KASARIDIH - DURG ( CHHATTISGARH )
LEGAL ADVISOR - DEEPAK KHOBRAGADE (ADVOCATE)
पीएम मोदी ने कहा कि प्रकृति हमारी मां है, उसका संरक्षण करें. उन्होंने कहा कि हमारे आस-पास जो भी प्राकृतिक संसाधन हैं, हम उन्हें बचाएं और उन्हें फिर से असली रूप में लौटाएं. इसी में हम सबका हित है, जग का हित है.
नई दिल्ली /शौर्यपथ/
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने रविवार को 'मन की बात' ( Mann Ki Baat) के जरिए राष्ट्र को संबोधित किया. पीएम मोदी ने कहा कि प्रकृति हमारी मां है, उसका संरक्षण करें. उन्होंने कहा कि हमारे आस-पास जो भी प्राकृतिक संसाधन हैं, हम उन्हें बचाएं और उन्हें फिर से असली रूप में लौटाएं. इसी में हम सबका हित है, जग का हित है. पीएम मोदी ने कहा कि हमारे देश में अनेक राज्य हैं, अनेक क्षेत्र है जहां के लोगों ने अपनी प्राकृतिक विरासत के रंगों को संजोकर रखा है. इन लोगों ने प्रकृति के साथ मिलकर रहने की जीवनशैली आज भी जीवित रखी है. उन्होंने इसे सभी के लिए प्रेरणा बताया.
साथ ही पीएम मोदी ने कहा कि प्रकृति से हमारे लिए तभी खतरा पैदा होता है जब हम उसके संतुलन को बिगाड़ते हैं या उसकी पवित्रता नष्ट करते हैं.
पीएम मोदी ने कहा कि आपको जानकार खुशी होगी कि यूनिकॉर्न्स की दुनिया में भी भारत तेज उड़ान भर रहा है. एक रिपोर्ट के मुताबिक इसी साल एक बड़ा बदलाव आया है . सिर्फ 10 महीनों में ही भारत में हर 10 दिन में एक यूनिकॉर्न बना है उन्होंने कहा कि आज भारत में 70 से अधिक यूनिकॉर्न्स हो चुके हैं यानि 70 से अधिक स्टार्ट अप ऐसे हैं जो एक अरब से ज्यादा के वैल्यूएशन को पार कर गए हैं.
महीने के आखिरी रविवार को प्रसारित किए जाने वाले 'मन की बात' प्रोग्राम का यह 83वां संस्करण है. पीएम मोदी ने कहा कि पिछले दिनों दिल्ली में 'आजादी की कहानी-बच्चों की जुबानी' कार्यक्रम में बच्चों ने स्वाधीनता संग्राम से जुड़ी गाथाओं को प्रस्तुत किया. खास बात ये रही कि इसमें भारत के साथ नेपाल, मौरिशस, तंजानिया, न्यूजीलैंड और फीजी के छात्र भी शामिल हुए.
उन्होंने कहा कि आजादी में अपने जनजातीय समुदाय के योगदान को देखते हुए देश ने जनजातीय गौरव सप्ताह मनाया है. देश के अलग-अलग हिस्सों में इससे जुड़े कार्यक्रम भी आयोजित हुए. अंडमान-निकोबार द्वीप समूह में जारवा और ओंगे, ऐसे जनजातीय समुदायों के लोगों ने अपनी संस्कृति का जीवंत प्रदर्शन किया.
अमृत महोत्सव, सीखने के साथ ही हमें देश के लिए कुछ करने की भी प्रेरणा देता है, अब तो देश-भर में आम लोग हों या सरकारें, पंचायत से लेकर संसद तक, अमृत महोत्सव की गूंज है और लगातार इस महोत्सव से जुड़े कार्यक्रमों का सिलसिला चल रहा है.
Make sure you enter all the required information, indicated by an asterisk (*). HTML code is not allowed.