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अन्य खबर /शौर्यपथ /
शैलेंद्र प्रताप सिंह के पिता ने कहा, "मेरा बेटा अब इस दुनिया में नहीं है, लेकिन अब सीआरपीएफ जवानों के रूप में हमारे कई बेटे हैं जो सुख-दुख में हमेशा हमारे साथ खड़े रहते हैं."
सीआरपीएफ जवानों का एक समूह सोमवार को कांस्टेबल शैलेंद्र प्रताप सिंह की बहन की शादी में शामिल हुआ, जो पिछले साल पुलवामा में एक आतंकवादी हमले में शहीद हो गए थे. जब वह ड्यूटी के दौरान शहीद हुए थे तब वह केंद्रीय रिजर्व पुलिस बल की 110वीं बटालियन में तैनात थे. , कॉन्स्टेबल सिंह के सहयोगी उत्तर प्रदेश में उनकी बहन ज्योति की शादी में पहुंचे और उन फर्ज़ को पूरा किया जो आमतौर पर दुल्हन के भाई निभाते हैं.
सीआरपीएफ द्वारा ट्विटर पर शेयर की गई तस्वीरों से पता चलता है कि 'वर्दी में पुरुष' दुल्हन को मंडप तक ले गए - एक ऐसा कार्य जो आमतौर पर भाइयों द्वारा किया जाता है. ट्वीट में कहा गया, "बड़े भाइयों के रूप में, सीआरपीएफ के जवान कांस्टेबल शैलेंद्र प्रताप सिंह की बहन के विवाह समारोह में शामिल हुए." इसमें कहा गया, "110 बटालियन सीआरपीएफ के कांस्टेबल शैलेंद्र प्रताप सिंह ने पुलवामा में आतंकवादी हमले का बहादुरी से जवाब देते हुए 05/10/20 को सर्वोच्च बलिदान दिया."
सीआरपीएफ जवानों ने दुल्हन को आशीर्वाद दिया और शादी में उपहार दिए. शैलेंद्र प्रताप सिंह के पिता ने कहा, "मेरा बेटा अब इस दुनिया में नहीं है, लेकिन अब सीआरपीएफ जवानों के रूप में हमारे कई बेटे हैं जो सुख-दुख में हमेशा हमारे साथ खड़े रहते हैं."
पिछले साल अक्टूबर में, आतंकवादियों ने श्रीनगर के बाहरी इलाके में एक राजमार्ग पर ड्यूटी पर तैनात सीआरपीएफ कर्मियों पर गोलियां चलाईं. हमले में सीआरपीएफ के कम से कम दो जवान शहीद हो गए और पांच घायल हो गए. आतंकवादियों ने उस समय हमला किया जब सीआरपीएफ के जवान, जम्मू-कश्मीर पुलिस के साथ, 5 अक्टूबर को पंपोर बाईपास पर सड़क खोलने का अभियान चला रहे थे.
सीआरपीएफ के बयान में कहा गया, "जेकेपी के साथ सीआरपीएफ की 110 बटालियन के जवान आरओपी कर रहे थे, जिस दौरान अज्ञात आतंकवादियों (12:50 घंटे) ने जवानों पर गोलियां चलाईं. इस घटना में सीआरपीएफ के कुल 05 जवान घायल हो गए थे और उन्हें जिला अस्पताल पहुंचाया गया."
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