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नई दिल्ली, 19 जुलाई 2025
भारत ने आज अंतरिक्ष विज्ञान के क्षेत्र में एक और स्वर्णिम अध्याय लिखा। इंटरनेशनल स्पेस स्टेशन (ISS) से 18 दिन की ऐतिहासिक अंतरिक्ष यात्रा पूरी कर 15 जुलाई को सफलतापूर्वक लौटे ग्रुप कैप्टन शुभांशु शुक्ला को आज भारत सरकार के मंत्रिमंडल ने सामूहिक रूप से अभिनंदन किया और इस उपलब्धि को "राष्ट्रीय गौरव का क्षण" बताया।
मंत्रिमंडल की बैठक में कहा गया कि ग्रुप कैप्टन शुक्ला की यह उड़ान न केवल भारत की तकनीकी और वैज्ञानिक श्रेष्ठता का प्रतीक है, बल्कि यह अंतरिक्ष अनुसंधान में भारत की बढ़ती वैश्विक भूमिका को भी दर्शाता है।
इस मिशन की शुरुआत 25 जून 2025 को हुई थी, जिसमें शुभांशु शुक्ला मिशन पायलट के रूप में Axiom-4 क्रू के साथ इंटरनेशनल स्पेस स्टेशन पहुंचे। यह पहली बार था जब कोई भारतीय अंतरिक्ष यात्री ISS पर गया। उनका यह मिशन न केवल वैज्ञानिक दृष्टि से ऐतिहासिक रहा, बल्कि यह भारत के अंतरिक्ष कार्यक्रम का एक निर्णायक मोड़ भी साबित हुआ।
ISS पर रहते हुए उन्होंने Expedition 73 के वैज्ञानिकों के साथ मिलकर माइक्रोग्रैविटी में मानव मांसपेशियों की पुनर्रचना, शैवाल और सूक्ष्मजीवों की वृद्धि, फसलों की अनुकूलता, और सायनोबैक्टीरिया के व्यवहार जैसे उन्नत वैज्ञानिक प्रयोगों में योगदान दिया। इसके अलावा, अंतरिक्ष में मानव संज्ञानात्मक क्षमताओं पर पड़ने वाले प्रभावों का भी अध्ययन किया गया।
सरकार ने इस उपलब्धि के लिए ISRO, DRDO और वैज्ञानिकों की टीम को भी विशेष बधाई दी, जिनके समर्पण और तकनीकी कौशल ने इस मिशन को संभव बनाया।
मंत्रिमंडल ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व की भी सराहना की और कहा कि उनके दूरदर्शी दृष्टिकोण, स्पेस प्रोग्राम में गहरी आस्था और निर्णायक नीतियों ने भारत को वैश्विक अंतरिक्ष शक्ति बनने की दिशा में अग्रसर किया है।
सरकार ने यह भी रेखांकित किया कि बीते वर्षों में भारत ने कई अंतरिक्ष उपलब्धियाँ हासिल की हैं—
23 अगस्त 2023 को चंद्रयान-3 की चंद्रमा के दक्षिणी ध्रुव पर सफल लैंडिंग,
आदित्य-L1 मिशन द्वारा सूर्य पर महत्वपूर्ण शोध,
और स्पेस सेक्टर में सुधारों के चलते 300 से अधिक स्टार्टअप्स का उदय।
इन उपलब्धियों ने भारत की स्पेस इकॉनॉमी, रोजगार, और इनोवेशन इकोसिस्टम को नई गति दी है।
ग्रुप कैप्टन शुक्ला की सफलता को मंत्रिमंडल ने युवा पीढ़ी के लिए प्रेरणा का प्रतीक बताया। सरकार का मानना है कि इससे बच्चों और युवाओं में वैज्ञानिक सोच का विकास होगा और वे साइंस व टेक्नोलॉजी के क्षेत्र में करियर बनाने को प्रोत्साहित होंगे।
गगनयान मिशन और भारतीय अंतरिक्ष स्टेशन की योजनाओं को ध्यान में रखते हुए, यह मिशन भारत के लिए भविष्य के बड़े लक्ष्य हासिल करने की ओर एक मजबूत कदम है।
अंत में, मंत्रिमंडल ने इस उपलब्धि को "विकसित भारत 2047" के विजन के लिए एक प्रेरक ऊर्जा बताया और विश्वास जताया कि भारत अंतरिक्ष में विश्व की अग्रणी शक्तियों में एक बनकर उभरेगा।
?️ गौरवशाली भारत, उन्नत अंतरिक्ष विज्ञान
? "ये सिर्फ एक मिशन नहीं, ये भारत की अंतरिक्ष यात्रा का स्वर्णिम मोड़ है" – मंत्रिमंडल
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