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दुर्ग / शौर्यपथ / कोरोना संक्रमण काल में ईदुल फित्र की तरह ईदुल अजहा भी मनाया जाएगा। एक अगस्त को ईद का त्यौहार देखते हुए प्रशासनिक तौर पर खरीदारी करने छूट दी गई थी। अब नमाज को लेकर शहर की तमाम मस्जिद कमेटियों ने अपने यहां नियम तय कर लिए हैं। जामा मस्जिद सेक्टर-6 के ईदगाह में एक अगस्त को सुबह 6:15 बजे ईदुल अजहा की नमाज में इमाम सहित सिर्फ 5 लोग शामिल होंगे। जामा मस्जिद सेक्टर-6 के इमामो खतीब मुहम्मद इकबाल हैदर अशरफी ने बताया कि कोरोना संक्रमण के खतरे को देखते हुए जमात के तौर पर मस्जिद या ईदगाह में नमाज अदा करने की इजाजत नहीं है। इसलिए शहर के मुस्लिम समुदाय ने जैसे ईदुल फित्र के मौके पर हुकूमत की आवाज पर लब्बैक कहते हुए तमाम नियमों का पालन किया ठीक वैसे ही ईदुल अजहा पर पाबंदी के बीच नमाज होगी।
इस तरह पढ़ें ईद की नमाज
हाफिज हैदर ने बताया कि जामा मस्जिद सेक्टर-6 के ईदगाह में सुबह 6 बज कर 15 मिनट तक नमाज होने के बाद लोग अपने घरों में नमाजे शुक्राना बशक्ले चाश्त या इशराक 2 या 4 रकअत में अदा कर सकते हैं। इसके बाद कुरबानी अदा कर सकते हैं। कुरबानी का यह सिलसिला 3 दिन तक चलेगा। उन्होंने कहा कि घरों में नमाज में खास तौर पर खयाल रखें कि जमाअत से अदा कर सकते हैं लेकिन तन्हा पढऩा ज्यादा बेहतर होगा। सलाम फेरने के बाद तकबीरे तशरीक यानि अल्लाहो अकबर-अल्लाहो अकबर, ला इलाहा इललल्लाह, वल्लाहो अकबर-वल्लाहो अकबर व लिल्लाहि हम्द तीन बार पढ़ लें और 34 मरतबा अल्लाहो अकबर-अल्लाहो अकबर और हो सके तो 100 या 300 बार सुबहान अल्लाहि वबे हम्दिही आप पढ़ लें।
कब्रिस्तान में लगा रहेगा ताला
शहर के कब्रिस्तान हैदरगंज कैम्प-1 में भी ईदुअ अजहा के मौके पर तीन दिन तक ताला लगा रहेगा। कब्रिस्तान इंतेजामिया कमेटी के शमशीर कुरैशी ने बताया ईद पर परंपरा अनुसार लोग ईदगाह/मस्जिदों में नमाज के बाद सबसे पहले कब्रिस्तान जाकर अपने दिवंगत परिजनों की कब्र पर दुआएं करते हैं। इन दिनों चूंकि कोरोना संक्रमण का खतरा है और शासन के आदेश अनुसार सार्वजनिक स्थलों पर लोगों की आवाजाही पर रोक है। इसे देखते हुए कब्रिस्तान में ईदुल अजहा पर ताला लगा रहेगा, जिससे यहां सार्वजनिक रूप से कोई भी इक_ा न हो सके। वहीं मैयत होने की हालत में सीमित लोगों को कब्रिस्तान में आने दिया जाएगा।
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