
CONTECT NO. - 8962936808
EMAIL ID - shouryapath12@gmail.com
Address - SHOURYA NIWAS, SARSWATI GYAN MANDIR SCHOOL, SUBHASH NAGAR, KASARIDIH - DURG ( CHHATTISGARH )
LEGAL ADVISOR - DEEPAK KHOBRAGADE (ADVOCATE)
दुर्ग / शौर्यपथ / शंकराचार्य अस्पताल के संचालक ने अपने ऊंची सोर्स के बल पर आपदा को अवसर में बदलने के लिए प्रशासन से यहां कोविड अस्पताल बनवा लिया। प्रारंभिक दौर में ये अस्पताल में अच्छी सुविधाएं दी लेकिन बाद में यहां की व्यवस्था एक दम लचर हो गई। यहां भरपूर गंदगी है, सफाई पर कोई ध्यान नही दे रहा है। दो दिन तक यहां डॉक्टर जांच करने नही आते। यहां न ही मरीजों को ठीक से और समय पर खाना ही दिया जा रहा है और न ही गरम पानी। आक्सीजन रहते हुए भी आवश्यकता वाले मरीजों को नही दिया जा रहा है। प्रशासन द्वारा यहां कोरोना के लोगों को ले जाकर भर्ती करके इतिश्री कर लिया जा रहा है। अस्पताल प्रबंधन की लापरवाही के कारण यहां लोग असमय ही परलोक सिधार रहे हैं, अभी दो दिन पहले ही जैसे प्लेटफार्म पर कोई भिखारी कराहते कराहते बिना इलाज पानी के मर जाता है, वही स्थिति यहां निर्मित हो रही है,जिसके कारण दो दिन पूर्व एक बुर्जुग कराहते कराहते मर गया उसे ऑक्सीजन की आश्यकता होने के बाद भी ऑक्सीजन नही दिया गया। जिसका विडिया वायरल होने के बाद प्रदेश के स्वास्थ्य मंत्री ने इस मामले को संज्ञान में लेकर कलेक्टर को जांच करने कहा तो प्रशासन द्वारा जांच करने और व्यवस्था सुधारने के बजाय समाचार प्रकाशन के लिए भिजवाया जा रहा है कि शंकरा अस्पताल में कितने लोग इलाज कराने आये, कितने ठीक हुए। यहां की लापरवाही के कारण अब लोग भारी दहशत में आ गये है, अधिकांशतर लोग बुखार सर्दीं, खंासी व अन्य लक्षण होने के बाद भी जांच कराने नही जा रहे है कि कही कोरोना निकल गया तो यहां के लावरवाही कोविड अस्पतालों में मरने कौन जायेगा। बल्कि लोग घर में ही तुलसी, चिरैता व अन्य जड़ी बुटियो का काढा बनाकर या मेडिकल से दवालाकर घर में ही रहकर अपना इलाज कर रहे हैं।
शंकराचार्य कोविड अस्पताल प्रबंधन द्वारा किये जा रहे लापरवाही का एक और मामला सामने आया है जिसमें एक पुत्र ने शंकरा अस्पताल प्रबंधन पर आरोप लगाया है कि मेरी मां का उपचार नही किया गया और न ही खाना पानी दिया गया, जिसके कारण उसकी मां की मौत हो गई। मृतक के पुत्र मुकुंद बंसोड़ ने मीडिया को बताया कि मेरी मां लीला बाई बसोड़ जिनकी तबियत खराब होते ही मेरे व्दारा इलाज के दौरान मेरी मां को कोरोना पाज़िटिव बताकर शंकराचार्य में भर्ती करवाया और न बात करवाईं न खाना दिया न पानी दिया, मेरी मां से मंगलवार गत 2 सितंबर को रात 8 बजे बात हुई जो बगल वाले मरीज ने करवाईं, मां से कहा मैं कल आऊंगा मैं 3 सितंबर बुधवार को वहां पर अनिस सर से दिन भर कहता रहा कि मेरी मां से बात करा दो, लेकिन किसी ने नहीं सुनी मेरी दिन भर बात नहीं होने के कारण मेरी मां सदमे में आ गयी और वो परलोक सिधार गई। मुझे मां से बात करने के लिए एक नम्बर दिया गया था 6260221616 नम्बर को मैं दिन भर लगात रहा लेकिन किसी ने कोई जानकारी नहीं दी और रात 1 बजे मेरी मां की मरने की ख़बर दी गई। यानी मेरी मां की मौत एक साजीस के तहत हुई है, जिसका आडीयो वाईस रिकार्डिंग मेरे पास है, वहां किसी को जाने नहीं देते, और सही ढंग से देख देख नहीं होती मरीजों को उनके हाल पर छोड़ दिया जाता है, मेरी मां के मौत का हिसाब प्रबंधन को देना होगा।
Make sure you enter all the required information, indicated by an asterisk (*). HTML code is not allowed.