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दुर्ग/शौर्यपथ/ अहिल्याबाई होल्कर की 300 वीं जयंती पर संगोष्ठी कार्यक्रम का आयोजन घनश्याम सिंह आर्य कन्या महाविद्यालय में किया गया था इस कार्यक्रम में नगर पालिका निगम दुर्ग से उपायुक्त महेंद्र कुमार साहू नारायण यादव राजस्व निरीक्षक थान सिंह यादव पर प्रभारी राजस्व उपनिरीक्षक शामिल हुए थे!इस कार्यक्रम में कन्या महाविद्यालय के छात्राओं ने संगोष्ठी कार्यक्रम में भाग लेकर देवी अहिल्याबाई होलकर के जीवनी पर अपने विचार व्यक्त किया कन्या महाविद्यालय की प्राचार्य श्रीमती श्रीमती नीतू सिंह एवं महाविद्यालय के अन्य प्रोफेसर तथा छात्राएं इस संगोष्ठी कार्यक्रम में भाग लिया कार्यक्रम के उद्बोधन में उपायुक्त द्वारा वीरांगना देवी अहिल्याबाई की 300 वीं जयंती मनाने के शासन के आदेश से अवगत कराया एवं वर्तमान परिपेक्ष में शासन की मनसा अनुरूप महिलाओं के उत्थान एवं सशक्तिकरण हेतु शासन की योजनाओं एवं क्रियाकलाप से अवगत कराते हुए देवी वीरांगना अहिल्याबाई के जीवनी के संबंध में परिचय कराया वीरांगना देवी अहिल्याबाई के जीवन जीवन पर व्याख्यान देते हुए बताया गया कि उन्होंने विकट परिस्थितियों का डटकर मुकाबला करते हुए मालवा राज्य की बागडोर संभाली एवं इंदौर शहर की स्थापना के साथ साथ महेश्वर को विकसित कर अपना राजधानी बनाया वीरांगना देवी अहिल्याबाई ने सन 1767 से मालवा साम्राज्य मालवा राज्य की बागडोर अपने पुत्र के माध्यम से शासन संचालित किया तथा निरंतर 28 वर्षों तक शासन किया और अपने राज्य को युद्ध से दूर रखकर शांति और न्याय व्यवस्था को व्यवस्था को अपने राज्य में कायम रखा न्याय व्यवस्था को कायम रखने के लिए उन्होंने अपने पुत्र की कुर्बानी भी दे दी उद्बोधन में उपायुक्त द्वारा बताया गया कि इतिहास के पन्नों में देवी अहिल्याबाई होलकर के जीवनी से हमें सामाजिक परिवर्तन एवं सामाजिक व्यवस्था से प्रेरणा लेते हुए वर्तमान समय में सामाजिक बदलाव हेतु योगदान किया जाने हेतु प्रेरित किया आर्य कन्या महाविद्यालय की की छात्रा ने अपने विचार व्यक्त करते हुए अपने उद्बोधन में देवी अहिल्याबाई होलकर के द्वारा मुगल और अन्य बाहरी आक्रमण से स्वस्थ हुए वास्तविक शिव मंदिरों के पुनर्निर्माण पर बल देते हुए धार्मिक पक्ष के साथ साथ सांस्कृतिक पशुओं का भी उल्लेख किया छात्र ने अपने उद्बोधन में बताया कि हमारा समाज जो है नारी शक्ति के माध्यम से सशक्त और समृद्ध हो सकता है एक अन्य छात्र ने अपने उद्बोधन में कविता के माध्यम से देवी अहिल्याबाई होलकर के जीवनी को सुंदर रूप में प्रस्तुत किया महाविद्यालय की प्रोफ़ेसर श्रीमती श्रीवास्तव ने भी नारी शक्ति के संबंध में व्याख्यान देते हुए बताया!
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