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जिला प्रशासन पुलिस प्रशासन एवं निगम प्रशासन क्यों है मौन?
बिना उचित दस्तावेज खुलेआम खरीदी बिक्री हो रही है लोहे की
दुर्ग / शौर्यपथ /रद्दी सामान के आड़ में इन दिनों शहर में कबाडिय़ों का धंधा जोर-शोर से चल रहा है शहर के पाश इलाके सहित बस्तियों में जगह-जगह कबाडिय़ों द्वारा दुकान खोलकर कबाड़ का व्यापार किया जा रहा है कबाड़ इक_ा करने कबाडिय़ों द्वारा कम उम्र के बच्चों को भी रिक्शा साइकिल थमा कर गली मोहल्ले भेजा जा रहा है.
शहर के तकिया पारा,लुचकी पारा ,धमधा नाका का इलाका कबाडिय़ों का गढ़ है वही धमधा नाका स्थित टोल टेक्स नाका के समीप इन कबाडियों का गोदाम . शहर के कई इलाको में गली मोहल्ले के रास्तों पर कबाडिय़ों द्वारा सामान फैलाकर आवागमन तो अवरुद्ध किया जा रहा है वही नियम विरुद्ध लोहे की खरीदी भी खुले आम की जा रही है वहीं तकिया पारा निगम परिसर की स्थिति इससे भी ज्यादा बेहतर है निगम परिसर और सड़क के बीच काफी चौड़ाई होने के बावजूद भी सड़कों तक कबाडिय़ों का सामान फैला हुआ नजर आ जाता है वही सामने गोदाम बनाकर कबाड़ का कचरा है इक_ा किए जाते हैं जो बरसात के दिनों में विभिन्न प्रकार की बीमारियों को जन्म देता ही है साथ ही यातायात को भी प्रभावित करता है.
ऐसा नहीं कि सिर्फ तकिया पारा वरण शहर के पाश क्षेत्र में कबाड़ का व्यापार धड्ल्ले ले से चल रहा है .गया नगर इलाके में बिच बस्ती में भी कबाडिय़ों द्वारा व्यापार किया जा रहा है वहीं शहर के सभ्य इलाके के रूप में पहचान बनाएं पद्मनाभपुर क्षेत्र में सार्वजनिक शौचालय के सामने सड़कों तक समान फैलाकर कबाडिय़ों द्वारा व्यापार किया जा रहा है.इनके हौसले इतने बुलंद है कि अगर इन पर पुलिस विभाग कार्रवाई के लिए जाता है तो उसे पर भी यह अनगर्ल आरोप लगाने से नहीं चुकते कुछ साल पहले ऐसे ही एक मामले में पद्मनाभपुर पुलिस चौकी (तात्कालिक ) के आरक्षक के ऊपर पैसे के लेनदेन के मामले में विभागीय कार्रवाई भी हो चुकी है.
वहीं यातायात को प्रभावित करता तकियापारा मुख्य मार्ग , ग्रीन चौक , नया पारा मार्ग सदा से ही विवाद का कारण रहा . तकिया पारा स्थित परिसर पर निगम प्रशासन का मालिकाना हक है परंतु शहर में नालियों की सफाई में ध्यान देने वाली शहरी सरकार निगम परिसर के बड़े क्षेत्र में हुए अतिक्रमण पर आखिर क्यों मौन है .
वही बसाहट क्षेत्र हो या फिर धमधा नाका का क्षेत्र या फिर ग्रीन चौक का इलाका हर जगह कबाडिय़ों द्वारा सड़कों तक समान फैलाकर गंदगी का वातावरण निर्मित किया जा रहा है परंतु मात्र जुर्माने की कार्यवाही कर निगम प्रशासन मौन है वहीं कई मामलों में चोरी के सामानो की धर पकड़ के बावजूद भी ऐसे दुकानदारों के द्वारा कबाड़ के व्यापार को अनुमति देना कहीं ना कहीं अनजाने जुर्म को पनाह देने जैसा है .
मिली जानकारी अनुसार कई कबाडिय़ों द्वारा कम उम्र के बच्चों को माल वाहक रिक्शा दे कर गली मोहल्ले भेजा जा रहा है और इस व्यापार में धकेलने का परोक्ष प्रयास किया जा रहा है ऐसे में देखना होगा कि शहर में नए जिलाधीश,नए पुलिस अधीक्षक एवं शहरी सरकार की नव नियुक्त महापौर क्या कबाड़ के व्यापार पर सख्त नियम बनाकर अनजाने में हो रहे अपराध पर रोकथाम लगाने पहल करेगी या फिर कबाड़ का यह व्यापार शहर के अन्य इलाकों में भी धीरे-धीरे पैर पसारता जाएगा?
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