
CONTECT NO. - 8962936808
EMAIL ID - shouryapath12@gmail.com
Address - SHOURYA NIWAS, SARSWATI GYAN MANDIR SCHOOL, SUBHASH NAGAR, KASARIDIH - DURG ( CHHATTISGARH )
LEGAL ADVISOR - DEEPAK KHOBRAGADE (ADVOCATE)
जन्म-मृत्यु प्रमाण पत्र तीन हफ्तों से ठप, एमसीसी (मिशन क्लीन सिटी) कर्मचारियों के साथ भेदभाव चरम पर
दुर्ग / शौर्यपथ / शहरी सरकार में "सुशासन" के दावों के बीच दुर्ग नगर पालिक निगम में हो रही कार्यवाही ने आमजन से लेकर वर्षों से सेवा दे रहे कर्मचारियों तक को असहज कर दिया है। छोटे-छोटे कारणों का हवाला देकर एमसीसी (मिशन क्लीन सिटी) और प्लेसमेंट कर्मचारियों को एक के बाद एक निकाला जा रहा है। कई कर्मचारियों के स्वास्थ्य संबंधी आवेदन भी गायब कर दिए गए हैं, जिससे प्रशासनिक पारदर्शिता पर गंभीर सवाल खड़े हो गए हैं।
भेदभावपूर्ण रवैये से नाराजग़ी बढ़ी
मिशन क्लीन सिटी के तहत कार्यरत एमसीसी कर्मचारियों की तैनाती फील्ड के बजाय ऑफिस कार्यों में की जा रही है, जो न केवल मिशन के उद्देश्य को ठेस पहुँचाता है बल्कि चयन प्रक्रिया में भी भेदभाव को उजागर करता है। इस स्थिति से निगम के महापौर श्रीमती अलका बाघमार , स्वास्थ्य अधिकारी धर्मेश मिश्रा, और स्वास्थ्य प्रभारी नीलेश अग्रवाल सभी अवगत हैं, फिर भी मौन साधे रहना प्रशासनिक निष्क्रियता का प्रतीक बनता जा रहा है।
अतिक्रमण पर चुप्पी और दोहरा रवैया
दुर्ग शहर के चौक-चौराहों पर अतिक्रमण ने बीते कुछ महीनों में विकराल रूप ले लिया है, परन्तु कार्रवाई में भेदभाव स्पष्ट दिख रहा है। राजनीतिक चश्मे से देखी जा रही व्यवस्थाओं ने आमजन में रोष पैदा कर दिया है। जनप्रतिनिधि, जो प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की लोकप्रियता के नाम पर चुनाव जीतकर आए, अब उन्हीं की योजनाओं को बेमानी कर रहे हैं और संगठन की अपेक्षाओं को नजरअंदाज कर रहे हैं।
जनसेवाएं ठप, जनता परेशान
तीन हफ्तों से जन्म-मृत्यु प्रमाण पत्र जनता को उपलब्ध नहीं हो पा रहे हैं। आश्चर्य की बात यह है कि इस कार्य से संबंधित शाखा में एक एमसीसी कर्मचारी को ही जिम्मेदारी दे दी गई है, जो सीधे तौर पर विभागीय लापरवाही और शहरी सरकार की विफलता को दर्शाता है।
निष्कषर्: नगर निगम में जारी अनियमितताएं, मनमानी और भेदभाव न केवल कर्मचारियों के मनोबल को तोड़ रहे हैं, बल्कि शासन-प्रशासन की पकड़ पर भी सवालिया निशान खड़े कर रहे हैं। मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय द्वारा प्रचारित "सुशासन" की अवधारणा दुर्ग निगम में कागजों तक सिमटती प्रतीत हो रही है।
Make sure you enter all the required information, indicated by an asterisk (*). HTML code is not allowed.