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भिलाई / शौर्यपथ / आगजनी के चलते हुई मजदूर की मौत के मामले में भिलाई-3 पुलिस ने जांच के बाद श्री श्याम केमिकल फैक्ट्री के मालिक कमल सेन उर्फ कमल चौहान के खिलाफ अपराध कायम कर लिया है। पुलिस जांच में असुरक्षा और लापरवाहीपूर्वक मजदूरों से काम लिए जाने की बात ही साबित हुई है। इस मामले में अग्रदूत ने खबरों के जरिए फैक्ट्री मालिक की लापवाही को उजागर किया था।
हथखोज के भारी औद्योगिक क्षेत्र स्थित श्री श्याम केमिकल में 28 अप्रैल को भीषण आगजनी हुई थी। इस घटना में पचपेड़ी भिलाई तीन निवासी गोपेन्द्र देशलहरे पिता ईश्वरलाल (33 वर्ष) एवं मुकेश निषाद फैक्ट्री में काम करते समय बुरी तरीके से झुलस गए। दोनों को सेक्टर 9 अस्पताल के बर्न यूनिट में भर्ती कराया गया। जहां 3 मई को गोपेन्द्र देशलहरे की इलाज के दौरान मौत हो गई।
इस मामले में भिलाई-3 पुलिस ने जो जांच की उसमें पाया गया कि जब फैक्ट्री में आग लगी तो मालिक कमल सेन उर्फ कमल चौहान मृतक गोपेन्द्र देशलहरे व घायल मुकेश निषाद से बिना किसी सुरक्षा उपकरण उपलब्ध कराये काम करा रहा था। इसी आधार पर कमल सेन के खिलाफ धारा 287, 304 ए के तहत अपराध कायम किया गया है। गौरतलब रहे कि श्री श्याम केमिकल में 28 अप्रैल को हुई आगजनी में 3 मई को गोपेन्द्र देशलहरे की मौत के बाद अग्रदूत ने क्रमश: खबर प्रकाशित कर फैक्ट्री मालिक की लापरवाही की ओर शासन प्रशासन का ध्यानाकर्षण कराया था। 15 साल पहले बनी इस फैक्ट्री में समय के साथ पुराने मशीनरी को नहीं बदलने के चलते आगजनी की संभावना को बल मिला था। वहीं आगजनी के बाद उस पर काबू पाने आधनिकतम तकनीक विकसित करने के प्रति भी फैक्ट्री मालिक की अनदेखी मजदूर की मौत का कारण बन गई। मृतक मजदूर का ईएसआई में पंजीयन नहीं था। जबकि ऐसा किया जाना फैक्ट्री मालिक के लिए श्रम कानून के तहत जरुरी था। ईएसआई में पंजीकृत नहीं होने से मृतक गोपेन्द्र देशलहरे के परिजनों को लगभग 10 लाख रुपए मुआवजे से वंचित होना पड़ा। वहीं पत्नी को आजीवन तथा दोनों पुत्रों को 25 साल की उम्र तक पेंशन की पात्रता से भी हाथ धोना पड़ गया।
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