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ईदगाह या मस्जिद में सिर्फ 5 लोग पढेंगे ईद की नमाज, बाकी घरों से करेंगे दुआएं
कोरोना संक्रमण को देखते हुए ईद पर पहली बार की गई व्यवस्था
कोरोना और लॉकडाउन के कारण मस्जिदों में नही हुई अलविदा जुमा की नमाज
ईद के तीन दिन बाद कब्रस्तान में होने वाला उर्सपाक भी हुआ कैंसल
भिलाई / शौर्यपथ / कोरोना संक्रमण के दौर में माहे रमजान में मस्जिदें सूनी रहीं और अब जबकि रमजान अपने आखिरी मकाम पर पहुंच गया है तब लोगों को चांद नजर आने का इंतजार है। अगर 29 रमजान का चांद 23 मई को नजर आ गया तो ईदुलफित्र 24 मई को होगी नहीं तो 30 रोजे पूरे होने के बाद 25 मई को ईदुलफित्र मनाई जाएगी। कोरोना संक्रमण को देखते हुए पहली बार नमाजे ईदुल फित्र का बिल्कुल अलग ढंग से इंतजाम किया गया है। मस्जिद कमेटियों की तरफ से भी व्हाट्सएप-फेसबुक के जरिए अपीलें जारी की गई हैं।
इस बार 29 वां रोजा 23 मई को रहेगा। अक्सर 29 का चांद नजर आने की संभावनाएं रहती हैं, इसलिए मुस्लिम समुदाय की नजरें 23 मई की शाम को आसमान पर टिकी रहेंगी। मस्जिद कमेटियों की तरफ से भी चांद नजर आने पर सूचना जारी करने तैयारी कर ली गई है। जामा मस्जिद सेक्टर-6 के इमाम हाफिज इकबाल हैदर अंजुम ने बताया कि कमेटी की तरफ से भी चांद देखे जाने की तस्दीक करने इंतजाम किए गए हैं। इसके अलावा उन्होंने सभी लोगों से अपील की है कि अगर कहीं भी 29 रमजान का चांद नजर आए तो उनके मोबाइल नंबर 8720051418 पर तुरंत कॉल या व्हाट्सएप कर खबर करें, जिससे आगे की जरूरी तैयारियों के बारे में ऐलान किया जा सके। अगर किसी भी सूरत में 23 मई को चांद नजर नहीं आता है तो फिर 30 रोजे पूरे होने के बाद 25 मई को ईदुल फित्र मनाई जाएगी। हाफिज इकबाल हैदर अंजुम ने नमाजे ईदुल फित्र को लेकर एक वीडियो भी जारी किया है। जिसमें उन्होंने कोरोना संक्रमण के दौर में ईद की नमाज को लेकर किए गए इंतजाम की जानकारी दी है। उन्होंने कहा कि मौजूदा दौर में हमारी सबसे ब?ी ईद यह है कि हम गरीबों और मिस्किनों का खयाल रखें। मोहताजों और जरूरतमंद को खाना खिलाएं। बेवाओं व यतीमों को मरहूमिन के नाम से पैसे दें। हो सके तो अपनी ओर से मुसाफिर को खाने का पैकेट तकसीम करें।
ईदगाह के बाद घरों में अकेले ही प?नी होगी नमाज
नमाजे ईदुल फित्र को लेकर मस्जिद कमेटियों की तरफ से कोरोना संक्रमण को देखते हुए तैयारियां की गई है। जामा मस्जिद सेक्टर-6 के ईमाम-खतीब हाफिज इकबाल हैदर अंजुम ने बताया कि लाक डाउन को देखते हुए ईद की नमाज 5 लोगों के साथ मस्जिद या ईदगाह में अदा की जाएगी। इसके ठीक बाद बाकी लोग अपने-अपने घरों में 2 रकअत या 4 रकअत नफ्ल नमाज शुक्रराने या चाश्त की नीयत से अकेले-अकेले अदा करेंगे। इसके लिए लोग अपने घरों में सुबह 7:15 बजे के बाद से सुबह 11:20 से पहले तक नवाफिल नमाज अदा करें।
कब्रिस्तान में इस बार नहीं होगा उर्स, अपील की हाफिज हैदर ने
ईद के तीसरे दिन कब्रिस्तान हैदरगंज कैम्प-1 में हाफिज अफजलुद्दीन हैदर का उर्स मुबारक बीते 4 दशक से लगातार हो रहा है। लेकिन इस बार कोरोना संकट को देखते हुए उर्स का आयोजन टाल दिया गया है। जामा मस्जिद सेक्टर-6 के साबिक इमाम और मुख्य आयोजनकर्ता हाफिज अजमलुद्दीन हैदर ने भी इस पूरे मसले को लेकर अपना वीडियो जारी किया है। उन्होंने बताया कि आज के हालात के पेशेनजर लाक डाउन का सिलसिला जारी है ऐसे मौके पर कहीं भी ज्यादा लोगों का इक_ा होना कानूनन जुर्म है। उन्होंने हजरत अफजलुद्दीन हैदर के तमाम चाहने वालेअकीदतमंदों से गुजारिश की है कि घरों में रहकर ही दुआएं करें और पूरे रमजान उन्होंने खत्मे कुरआन या जो कुछ भी प?ा है, उसे उनके मोबाइल नंबर 9926743263-8770328276 पर कॉल या व्हाट्सएप कर नोट करा दें। उन्होंने कहा कि यह उर्स सिर्फ उनके वालिद का नहीं बल्कि तमाम मरहूमीन के इसाले सवाल के लिए है।
हाफिज हैदर ने कहा कि कोरोना संक्रमण के इस दौर में जब पूरे रमजान भर मस्जिदों में बा-जमाअत नमाज नहीं हुई, अलविदा जुमा नहीं हुआ और ईदगाह भी वीरान रहेंगे। ऐसे में हर साल ब?े पैमाने पर होने वाले उर्स मुबारक को टाल दिया गया है और घर पर ही फातिहा ख्वानी रखी गई है, जिसमें अकीदतमंद जो भी प? कर नोट कराएंगे उसे ईसाले सवाल में शामिल करा लिया जाएगा।
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