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दुर्ग / शौर्यपथ / दो साल के बाद फिर एक बार शहर में डेंगू जैसी बीमारी के महामारी का रूप धारण करने का आसार स्पष्ट नजर आ रहा है। इस बार फोरलेन सड़क पर फ्लाई ओव्हर निर्माण के लिए की गई खुदाई के चलते बने गड्ढों से डेंगू का खतरा उत्पन्न होने की संभावना उभरने लगी है। इन गड्ढों में बारिश का पानी जमा होने से डेंगू फैलाने वाले मच्छरों के लार्वा को पनपने का मौका मिलेगा। ऐसे में दो साल पहले खुर्सीपार में केनाल रोड निर्माण के साथ बनी परिस्थितियां इस बार भी बनने की संभावना से इंकार नहीं किया जा रहा है।
भिलाई नगर निगम क्षेत्र में अभी दर्जन भर के करीब डेंगू के मरीज सामने आ चुके हैं। स्वास्थ्य विभाग के साथ ही जिला और निगम प्रशासन के लिए बारिश शुरू होने से पहले शहर में डेंगू की दस्तक पड़ जाने से चुनौती बढ़ गई है। इस बीच डेंगू के लिहाज से फ्लाई ओव्हर निर्माण के लिए फोरलेन सड़क पर की गई खुदाई वाली जगह भी खासी चुनौती बन सकती है। दरअसल डेंगू फैलाने वाले मच्छर जमा पानी में पनपते हैं। ऐसे में फ्लाई ओव्हर के लिए सड़क की हुई खुदाई वाली जगह पर जमा होने वाले बारिश का पानी डेंगू के मच्छरों को लार्वा छोडऩे के लिए अनुकूल माहौल प्रदान कर सकते हैं। इन गड्ढों में पनपने वाले लार्वा जब मच्छर बनकर शहर में फैल जाएंगे तो इसमें संदेह नहीं कि डेंगू एक बार फिर कहर बरपा सकता है।
गौरतलब रहे कि दो साल पहले भिलाई-दुर्ग सहित इसके आसपास के इलाके में महामारी के रूप में कहर बरपाया था। भिलाई निगम क्षेत्र में ही 54 लोगों को अपनी जान गंवानी पड़ी थी। उस वक्त खुर्सीपार इलाका सबसे ज्यादा प्रभावित हुआ था। तब आम लोगों के बीच केनाल रोड निर्माण के लिए हुए खुदाई वाले जगहों पर बारिश का पानी जमा होने को डेंगू फैलने की चर्चा ने खासा जोर पकड़ा था। इस बार भी वैसी ही आशंका फ्लाई ओव्हर निर्माण के लिए की गई खुदाई वाली जगह को लेकर जताई जाने लगी है।
यहां पर यह बताना लाजिमी होगा कि फोरलेन सड़क पर कुम्हारी से लेकर सुपेला के बीच चार फ्लाई ओव्हर का निर्माण हो रहा है। पहला फ्लाई ओव्हर कुम्हारी में बन रहा है और इसका जमीनी स्तर का काम पूरा हो जाने से खुदाई वाले गड्ढों का भरा जा चुका है। इस लिहाज से कुम्हारी में तो कोई खास खतरा नहीं दिखता, लेकिन डबरापारा तिराहे सहित पावर हाउस और फिर चंद्रा-मौर्या से लेकर सुपेला चौक तक तीन स्थानों मे पिलर खड़ा करने के लिए की गई खुदाई के चलते बने गड्ढों में बारिश का पानी जमा होना तय है। इस जमे पानी में डेंगू के लार्वा को पनपने का मौका मिलेगा जिससे दो साल पहले जैसी परिस्थितियां बनने की संभावना से इंकार नहीं किया जा रहा है।
खुर्सीपार है संवेदनशील इलाका
डेंगू के लिहाज से भिलाई निगम के खुर्सीपार का इलाका संवेदनशील माना जाता है। दो साल पहले इसी इलाके में डेंगू से ज्यादा मौते हुए थी। हालांकि इस बार केम्प-2 के संतोषी पारा वार्ड में डेंगू की दस्तक पड़ चुकी है और 10 मरीज मिले हैं। इसके साथ ही संतोषी पारा में साफ सफाई के साथ लोगों को मच्छर से बचने और सतर्कता बरतने की सलाह दी जा रही है। कलेक्टर डॉ सर्वेश्वर भूरे ने गत दिनों संतोषी पारा वार्ड का दौरा कर निगम द्वारा डेंगू के रोकथाम हेतु किए जा रहे इंतजाम का अवलोकन कर जरुरी निर्देश दिया। निगम द्वारा सभी संवेदनशील वार्डों में टैमीफास का वितरण कर जमा पानी में इस्तेमाल करने की सलाह लोगों को दी जा रही है। इसके साथ ही कूलर, पानी टंकी की हर दो दिन में सफाई, खुले में पड़े टायर व गमलों व मिट्टी के बर्तन में पानी जमा नहीं होने देने की अपील निगम द्वारा की जा रही है।
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