
CONTECT NO. - 8962936808
EMAIL ID - shouryapath12@gmail.com
Address - SHOURYA NIWAS, SARSWATI GYAN MANDIR SCHOOL, SUBHASH NAGAR, KASARIDIH - DURG ( CHHATTISGARH )
LEGAL ADVISOR - DEEPAK KHOBRAGADE (ADVOCATE)
दुर्ग।शौर्यपथ ख़ास रिपोर्ट
दुर्ग नगर पालिक निगम क्षेत्र आज "स्मार्ट सिटी" नहीं बल्कि "गंदगी सिटी" की पहचान से जाना जाने लगा है। जनता ने बड़े भरोसे के साथ भाजपा प्रत्याशी अलका बाघमार को महापौर और निगम की कमान सौंपी थी, परंतु अब यही जनता गंदगी, कचरे और दुर्गंध से जूझ रही है।
महापौर की पोस्टरबाज़ी बनाम जनता की नाराज़गी
महापौर अलका बाघमार ने चुनाव से पहले स्वच्छ और व्यवस्थित दुर्ग का सपना दिखाया था। लेकिन सत्ता में आते ही उनका ध्यान जनता की समस्याओं से हटकर केवल पोस्टरबाज़ी और उत्सवों की राजनीति तक सिमट गया। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के जन्मदिन पर "स्वच्छता सेवा पखवाड़ा" का आयोजन कर निगम शहर को स्वच्छ बताने की कोशिश कर रहा है, जबकि ज़मीनी हकीकत यह है कि हर गली और मोहल्ले में गंदगी और बदबू ने डेरा जमा लिया है। जनता पूछ रही है—"पोस्टर से पेट नहीं भरता और बदबू से जीना दूभर है, महापौर साहिबा ये कैसा सुशासन?"
स्वास्थ्य प्रभारी नीलेश अग्रवाल: अनुभवहीनता का प्रतीक
महापौर ने सफाई और स्वास्थ्य व्यवस्था की जिम्मेदारी निगम के स्वास्थ्य प्रभारी नीलेश अग्रवाल को सौंपी है। लेकिन अग्रवाल का प्रदर्शन शहर के लिए निराशाजनक और शर्मनाक रहा है। शहर के प्रमुख स्थानों—पुलिस अधीक्षक का बंगला, छात्रावास, गर्ल्स हॉस्टल और आम नागरिकों के ठहरने-बैठने वाले स्थानों तक—हर जगह कचरे के ढेर लगे हुए हैं। नालियों से निकलती दुर्गंध और सड़कों पर बिखरे कचरे ने नागरिकों का जीना मुश्किल कर दिया है। स्वास्थ्य प्रभारी की भूमिका केवल बैठकों और बातों तक सीमित रह गई है।
जनता कह रही है कि अगर पहली बार विधायक बने और शिक्षा मंत्री का पद संभालते ही गजेंद्र यादव सक्रियता से शिक्षा विभाग में नई ऊर्जा ला सकते हैं, तो फिर पहली बार पार्षद बने नीलेश अग्रवाल सफाई व्यवस्था में ऐसा असफल क्यों साबित हो रहे हैं? इसका जवाब शायद निगम की राजनीति के गलियारों में छिपा है।
मुख्यमंत्री और प्रधानमंत्री की सोच को आईना
प्रदेश के मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी लगातार "सुशासन" और "स्वच्छ भारत" की बात करते हैं। लेकिन उनके ही नाम पर चुनी गई शहरी सरकार जब गंदगी और बदबू फैलाने में अव्वल साबित हो रही है, तो यह न केवल शहर की छवि धूमिल कर रहा है बल्कि प्रदेश और केंद्र सरकार की सोच को भी कटघरे में खड़ा कर रहा है।
सामान्य सभा की अग्निपरीक्षा
अब पूरा शहर इस बात पर नज़र गड़ाए बैठा है कि दुर्ग नगर निगम की आगामी सामान्य सभा में क्या जनप्रतिनिधि जनता के स्वास्थ्य और सफाई जैसे गंभीर मुद्दे पर सवाल उठाएंगे? या फिर मौन रहकर केवल सत्ता सुख का आनंद लेंगे?
कटाक्ष :
"शहर डूबा कचरे में, पोस्टरों में चमक रही सरकार!"
"जनता मांगे सफाई, निगम दे रहा बदबू की कमाई!"
"अलका बाघमार की निष्क्रियता और नीलेश अग्रवाल की अनुभवहीनता ने दुर्ग को बना दिया बदबूगंज!"
मुख्यमंत्री विष्णु देव साय के संभावित विदेश दौरे से पहले विस्तार की चर्चा तेज़
90-सदस्यीय विधानसभा में संवैधानिक सीमा अनुसार अधिकतम 14 मंत्री (मुख्यमंत्री सहित) संभव—वर्तमान में 11
क्या 33% महिला भागीदारी की ‘आदर्श परिपाटी’ मंत्रिमंडल में दिखेगी?
रायपुर/विशेष संवाददाता शौर्यपथ
छत्तीसगढ़ में कैबिनेट विस्तार की अटकलें एक बार फिर परवान चढ़ गई हैं। सियासी गलियारों में चर्चा है कि 18 से 21 अगस्त के बीच किसी भी दिन मंत्रिमंडल में नए चेहरों को जगह मिल सकती है। फिलहाल सरकार में मुख्यमंत्री सहित 11 मंत्री हैं; संवैधानिक सीमा के अनुरूप तीन रिक्त पद भरे जा सकते हैं। चर्चा यह भी है कि इस विस्तार में महिला प्रतिनिधित्व को प्रमुखता दी जाएगी ताकि 33% आरक्षण की ‘आदर्श परिपाटी’ का संदेश कैबिनेट स्तर पर भी जाए।
मुख्य विवरण
संवैधानिक ढाँचा: अनुच्छेद 164(1A) के तहत 90-सदस्यीय विधानसभा में मंत्रिपरिषद की अधिकतम संख्या 14 तय है (मुख्यमंत्री सहित)।
वर्तमान स्थिति: सरकार में 11 मंत्री कार्यरत; 3 स्थान रिक्त।
चर्चा: 18–21 अगस्त के बीच विस्तार की संभावना—आधिकारिक घोषणा शेष।
राजभवन के ‘दरबार हॉल’ का नाम ‘छत्तीसगढ़ मंडपम’ किए जाने व यहीं शपथ समारोह की तैयारी की चर्चा—औपचारिक पुष्टि प्रतीक्षित।
महिला प्रतिनिधित्व: नारा नहीं, नीति
वर्तमान मंत्रिपरिषद में महिला मंत्रियों की संख्या 1 है। यदि कैबिनेट 14 तक भरता है, तो 33% के आदर्श मानक के हिसाब से कम-से-कम 5 महिलाओं की हिस्सेदारी का लक्ष्य प्रतीकात्मकता से आगे बढ़कर नीतिगत भागीदारी का संकेत देगा। विस्तार में कम-से-कम 1–2 नई महिला चेहरों को शामिल किए जाने की चर्चा है। बस्तर से लता उसेंडी और दुर्ग संभाग से भावना बोहरा (जिन्हें 2024 में ‘उत्कृष्ट विधायक’ के रूप में सम्मानित किए जाने का उल्लेख है) जैसे नाम सियासी चर्चा में हैं।
केंद्र स्तर पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ‘नारी शक्ति वंदन’ (33% आरक्षण) के पैरोकार रहे हैं और यह विधेयक संसद से पारित हो चुका है। ऐसे में छत्तीसगढ़ के लिए यह विस्तार ‘आदर्श राज्य’ की छवि गढ़ने का अवसर बन सकता है।
संभावित दावेदारों की भूमिका: दिए गए नाम सियासी चर्चाओं में चल रहे संभावित विकल्प हैं; आधिकारिक सूची/घोषणा शेष है। उद्देश्य सभी प्रमुख दावेदारों की भूमिका और संभावित संकेत को समग्रता से रखना है।
1) गजेन्द्र यादव: दुर्ग से कांग्रेस के पिछले तीस सालो से लगातार हार / जीत के बावजूद प्रत्याशी रहे अरुण वोरा को चुनावी मैदान में आसान शिकस्त दी आसान इसलिए कहा जा सकता है कि विधानसभा चुनाव में कांग्रेस प्रत्याशी के खिलाफ कांग्रेसी ही मैदान में परदे के पीछे खड़े रहे शहर की जनता भी लगातार एक ही कांग्रेस प्रत्याशी के नामांकन से उब चुकी थी निष्क्रियता और चाटुकारिता से घिरे विधायक की छवि के कारण दुर्ग विधान सभा में चुनावी मौसम में यह चर्चा रही कि भाजपा से कोई भी प्रत्याशी मैदान में होगा जीत निश्चित है ऐसे में भाजपा प्रत्याशी गजेन्द्र यादव को आसान और बड़ी जीत मिली.वर्तमान समय में विधायक यादव और महापौर बाघमार की राजनैतिक दुरी संगठन के कार्यकर्ताओ की विधायक से दुरी के साथ साथ दल्बद्लुओ की फौज का करीबी होना चर्चा का विषय है तो सामाजिक स्तर पर यादव समाज के प्रतिनिधितत्व एक बड़ा फेक्टर साथ दे रहा है .
2) राजेश अग्रवाल (सरगुजा)
क्षेत्रीय महत्व: सरगुजा संभाग का प्रतिनिधित्व मज़बूत करता है, जहाँ संतुलन साधना आवश्यक माना जा रहा है। उत्तरी छत्तीसगढ़ की प्राथमिकताओं—सड़क, स्वास्थ्य, शिक्षा, सिंचाई—पर फोकस।
3) गुरु खुशवंत साहिब (रायपुर संभाग ): गुरु खुशवंत साहिब प्रदेश के एक बड़े वर्ग के धार्मिक guru के रूप में जाने जाते है ऐसे में प्रदेश सरकार इस बड़े वर्ग को भी साधने के लिए इन्हें मौका दे सकती है . एससी /एसटी वर्ग को प्रतिनिधितव मिलने से इस वर्ग के मतदाता का रुझान भी पार्टी की तरफ ज्यादा रहेगा ऐसे में इनकी दावेदारी की भी प्रबल संभावना व्यक्त की जा रही है और इन्हें केबिनेट में जगह मिलने की बात से चर्चो का बाजार गर्म है .
4) राजेश मूणत : लंबे समय से सक्रिय और प्रशासनिक प्रक्रियाओं की जानकारी रखने वाले वरिष्ठ नेता।अनुभवी हाथों से विभागीय डिलीवरी में तेजी लाने का संकेत। किन्तु पिछली बार भाजपा की सत्ता में रहने के दौरान महत्तवपूर्ण विभाग कीई जिम्मेदारी सँभालने वाले पूर्व मंत्री राजेश मुड़त के कई विभागीय कार्यो में अनियमितता और कमीशनखोरी की चर्चो से पूर्व की भाजपा सरकार को काफी नुकसान हुआ था और सत्ता हाथ से जाने का एक बड़ा कारण भी मुड़त को माना गया .
5) अमर अग्रवाल: भाजपा के कद्दावर नेता के रूप में पहचान अनुभवी होने के साथ साथ प्रदेश भाजपा के वरिष्ठ विधायक व लम्बे प्रशासनिक कार्यो का अनुभव किन्तु बड़ी अड़चन यह कि प्रदेश सरकार की वर्तमान राजनितिक गलियारों में चर्चा के अनुसार नए एवं युवा विधायको को यह मौका देने का जोर कही ना कही अमर अग्रवाल जैसे वरिष्ठ भाजपा विधायक को दरकिनार करता नजर आ रहा है वर्तमान समय में मंत्री मंडल में नए विधायको को जिम्मेदारी मिली जो सरकार की मंशा के अनुरूप जोश के साथ कार्य को अंजाम दे रहे है वही नै पीढ़ी को आगे करने की रणनीति कार्यकर्ताओ में भी उम्मीद की किरण के रूप में एक सार्थक माहौल को जन्म दे रही जो संगठन के लिए भी काफी महत्तवपूर्ण है भविष्य की राजनीती के
6) भावना बोहरा (दुर्ग संभाग ): भावना बोहरा : महिला सशक्तिकरण की नई पहचान
पंडरिया विधानसभा से पहली बार चुनाव जीतने वाली विधायक भावना बोहरा ने अपने सामाजिक और विकास कार्यों से जनता के बीच गहरी छाप छोड़ी है। धार्मिक, शैक्षणिक और सामाजिक क्षेत्रों में सक्रिय भूमिका निभाने वाली बोहरा को 2024 में उत्कृष्ट विधायक सम्मान भी मिला। व्यावसायिक पृष्ठभूमि से आने के बावजूद उन्होंने क्षेत्र की समस्याओं पर पकड़ बनाकर प्रशासनिक दक्षता दिखाई है।
राजनीतिक हलकों में चर्चा है कि यदि प्रदेश सरकार उन्हें मंत्रिमंडल में स्थान देती है तो यह न केवल महिला आरक्षण और महिला सशक्तिकरण की दिशा में कदम होगा, बल्कि भाजपा संगठन को भी महिलाओं के बीच सशक्त नेतृत्व प्रदान करेगा।
निष्कर्षक संकेत: यदि तीन रिक्त स्थान में 2 पुरुष + 1 महिला या 1 पुरुष + 2 महिलाएँ का फार्मूला अपनता है, तो क्षेत्रीय-सामाजिक संतुलन के साथ महिला प्रतिनिधित्व का संदेश भी जाता है। दूसरी ओर 3 पुरुष विकल्प चुनने की स्थिति में महिला प्रतिनिधित्व बढ़ाने का रोडमैप अगले फेरबदल में स्पष्ट करना होगा।
‘हरियाणा मॉडल’ का संदर्भ
चर्चित ‘हरियाणा मॉडल’ का आशय संख्या-संतुलन और कार्य-वितरण वाले संकुचित-सक्षम कैबिनेट से है। छत्तीसगढ़ पहले से 14 की संवैधानिक सीमा में आता है; अतः यहाँ ‘मॉडल’ का अर्थ प्रशासनिक कार्यकुशलता और संतुलित प्रतिनिधित्व की कार्यशैली से है, न कि किसी कानूनी अपवाद से।
चुनावी गणित बनाम शासन-प्राथमिकताएँ
विधानसभा चुनावों के चक्र में प्रायः अंतिम वर्ष चुनावी मोड में बीतता है। ऐसे में इस विस्तार के बाद नए मंत्रियों के पास करीब दो वर्ष होंगे—अपने विभागीय प्रदर्शन से संदेश देने के लिए। क्षेत्रीय संतुलन (रायपुर, दुर्ग, बिलासपुर, सरगुजा, बस्तर), सामाजिक संतुलन (ST/SC/OBC/सामान्य/धार्मिक-भाषाई समुदाय) और राजनीतिक योगदान/संगठनात्मक सक्रियता—इन तीनों कसौटियों पर संतुलित चयन सरकार की प्राथमिकताओं का संकेत देगा।
कैबिनेट विस्तार सरकार के राजनीतिक मनोविज्ञान और शासन-दृष्टि की परीक्षा है। यदि महिला प्रतिनिधित्व को अर्थपूर्ण ढंग से बढ़ाया जाता है, तो यह संदेश जाएगा कि छत्तीसगढ़ में नारी शक्ति केवल घोषणाओं तक सीमित नहीं, बल्कि निर्णय-निर्माण की मेज़ पर बराबरी से बैठी है।आधिकारिक निर्णय आते ही नामों/तिथियों/स्थल का उल्लेख अद्यतन किया जाएगा।
रायपुर / शौर्यपथ।
स्वतंत्रता दिवस 2025 पर गृह मंत्रालय द्वारा जारी सम्मान सूची में छत्तीसगढ़ पुलिस का नाम गर्व के साथ दर्ज हुआ है। राज्य के कुल 25 पुलिसकर्मियों को उनके असाधारण साहस, उत्कृष्ट सेवा और जनसुरक्षा में योगदान के लिए गैलेंट्री मेडल (GM), प्रेसिडेंट्स मेडल फॉर डिस्टिंग्विश्ड सर्विस (PSM) और मेडल फॉर मेरिटोरियस सर्विस (MSM) से अलंकृत करने की घोषणा की गई है।
ये सम्मान न केवल राज्य पुलिस की कार्यकुशलता और वीरता को उजागर करते हैं, बल्कि वामपंथी उग्रवाद से जूझते हुए आंतरिक सुरक्षा को मजबूत बनाने में छत्तीसगढ़ की निर्णायक भूमिका को भी रेखांकित करते हैं।
गैलेंट्री मेडल (GM) – साहसिक पराक्रम का सम्मान
असाधारण वीरता और कठिन परिस्थितियों में उत्कृष्ट परिचालन क्षमता के लिए 14 पुलिसकर्मियों को गैलेंट्री मेडल प्रदान किया गया है। इनमें आईपीएस सुनील शर्मा (पुलिस अधीक्षक), संदीप कुमार मडिले (उप निरीक्षक), और आरक्षक मदकम पांडु, मदकम हदमा, मदकम देव, बरसे हुंगा, रोशन गुप्ता सहित कई अन्य जांबाज़ शामिल हैं।
कर्तव्यपालन के दौरान सर्वोच्च बलिदान देने वाले तीन शहीद – स्व. रामुराम नाग (सहायक उप निरीक्षक), स्व. कुंजाम जोगा (आरक्षक) और स्व. वंजाम भीमा (आरक्षक) – को मरणोपरांत यह सम्मान प्रदान किया गया है।
ये सभी पुरस्कार नक्सल प्रभावित इलाकों में जोखिमपूर्ण अभियानों के दौरान अदम्य साहस और दृढ़ संकल्प के प्रतीक हैं।
प्रेसिडेंट्स मेडल फॉर डिस्टिंग्विश्ड सर्विस (PSM) – दीर्घकालिक उत्कृष्टता का सम्मान
उच्च कोटि की सेवा और लंबे समय तक बेदाग पेशेवर ईमानदारी बनाए रखने के लिए छत्तीसगढ़ पुलिस के निदेशक हिमांशु गुप्ता को प्रेसिडेंट्स मेडल से नवाजा गया है।
उनके नेतृत्व में राज्य में पुलिसिंग के स्तर, प्रशासनिक दक्षता और जनसुरक्षा में उल्लेखनीय सुधार हुआ है।
मेडल फॉर मेरिटोरियस सर्विस (MSM) – समर्पण और सेवा का गौरव
लगन, अनुकरणीय सेवा और निरंतर योगदान के लिए 10 पुलिस अधिकारियों-कर्मचारियों को मेरिटोरियस सर्विस मेडल से सम्मानित किया गया है। इनमें –
पुलिस महानिरीक्षक ध्रुव गुप्ता, पुलिस अधीक्षक प्रशांत कुमार ठाकुर, कमांडेंट श्वेता राजमणि, पुलिस अधीक्षक रवी कुमार कुर्रे, निरीक्षक (एमआईएन) कौशल्या भट्ट, सहायक पुलिस महानिरीक्षक रोहित कुमार झा, निरीक्षक (एमआईएन) कमलेश कुमार मिश्रा, प्लाटून कमांडर दल सिंह नामदेव, कंपनी कमांडर दिलीप कुमार साहू और सहायक उप निरीक्षक सुशील कुमार बरुआ – शामिल हैं।
इनका योगदान अभियान संचालन, सामुदायिक पुलिसिंग, प्रशासनिक उत्कृष्टता और आपातकालीन परिस्थितियों में तेज़ प्रतिक्रिया के क्षेत्रों में महत्वपूर्ण रहा है।
राज्य के लिए गौरव का क्षण
इस वर्ष 14 गैलेंट्री मेडल, 1 प्रेसिडेंट्स मेडल और 10 मेरिटोरियस सर्विस मेडल के साथ छत्तीसगढ़ पुलिस ने राष्ट्रीय सम्मान सूची में शानदार उपस्थिति दर्ज कराई है।
ये उपलब्धियां राज्य पुलिस के साहस, नेतृत्व, त्याग और जनसेवा के उच्चतम मानकों की गवाही देती हैं। प्रदेश में कानून व्यवस्था बनाए रखने, अपराध नियंत्रण और समाज में शांति स्थापना में पुलिस प्रशासन के योगदान को ठुकराया नहीं जा सकता।
छत्तीसगढ़ के इन जांबाज़ों को मिला यह सम्मान न केवल उनकी व्यक्तिगत उपलब्धियों का प्रतीक है, बल्कि यह पूरे राज्य की जनता के विश्वास और गर्व का भी प्रतीक है।
मुख्यमंत्री साय ने हजारों युवाओं के साथ लगाई स्वतंत्रता की दौड़
भारत माता और रानी दुर्गावती की प्रतिमा पर माल्यार्पण कर उन्हें नमन किया
रायपुर / shouryapath / हमारा तिरंगा पूर्वजों के वर्षों के संघर्षों और बलिदान का जीवंत प्रतीक है। हम सभी तिरंगे की शान को हमेशा बनाए रखेंगे, अपने अमर बलिदानियों को कभी नहीं भूलेंगे और सभी मिलकर विकसित, समृद्ध और सशक्त छत्तीसगढ़ का निर्माण करेंगे। मुख्यमंत्री श्री विष्णु देव साय आज राजधानी रायपुर के मरीन ड्राइव में आयोजित स्वतंत्रता दौड़ में शामिल हुए और कार्यक्रम को संबोधित किया। इस दौरान उन्होंने हजारों युवाओं के साथ स्वतंत्रता दौड़ लगाई और भारत माता और अमर बलिदानी रानी दुर्गावती की प्रतिमा पर माल्यार्पण कर उन्हें नमन किया।
मुख्यमंत्री साय ने कहा कि तिरंगे में करोड़ों भारतीयों की आकांक्षाएं समाई हैं और यह हमारी वीरता, शांति और समृद्धि के भाव की अमिट चेतना है।
श्री साय ने पवित्र तिरंगे को प्रणाम करते हुए कहा कि हमारे देश के यशस्वी प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के आह्वान पर पिछले कुछ वर्षों से स्वतंत्रता दिवस में पूरा देश तिरंगामय हो जाता है। उन्होंने कहा कि पिछले कुछ दिनों से हम सभी अलग-अलग तरीकों से इस पावन दिवस को उत्साह के साथ मना रहे है। तिरंगा यात्राएं और हर-घर तिरंगा फहराने के संकल्प ने इस पावन अवसर को जन-जन से जोड़ दिया है। मुख्यमंत्री ने कहा कि यह तिरंगा यात्रा केवल एक आयोजन नहीं, बल्कि हमारी एकता, अखंडता और राष्ट्रीय गौरव का जीवंत प्रतीक है। उन्होंने कहा कि स्वतंत्रता दिवस हमें यह स्मरण कराती है कि आज़ादी अनगिनत बलिदानों की अमूल्य देन है। लाखों-करोड़ों देशभक्तों ने अपने प्राण न्योछावर किए, तब जाकर हमें यह स्वतंत्रता प्राप्त हुई।
मुख्यमंत्री ने कहा कि आज के खास अवसर ने मुझे बचपन के दिनों की याद दिला दी। जब मैं स्कूल में था तब स्वतंत्रता दिवस पर प्रभात फेरी निकलती थी, गांव-गांव में देशभक्ति गाने गूंजते थे। उन्होंने कहा कि उस समय जो गर्व महसूस होता था, वही गर्व आज भी हमारे दिल में है। मुख्यमंत्री ने कहा कि आज हमारा दायित्व है कि हम अपने देश और प्रदेश को विकास की नई ऊँचाइयों पर ले जाएं। वर्ष 2047 तक के लिए हमने विकसित छत्तीसगढ़ विज़न डॉक्यूमेंट तैयार किया है, और हमारी सरकार उसी के अनुरूप कार्य कर रही है। यह सरकार के साथ-साथ हम सभी का साझा संकल्प है। मुख्यमंत्री श्री साय ने इस अवसर उपस्थित सभी को स्वतंत्रता दिवस की अग्रिम शुभकामनाएं दी।
कार्यक्रम में खेल एवं युवा कल्याण मंत्री टंकराम वर्मा ने कहा कि स्वतंत्रता दौड़ सिर्फ एक दौड़ नहीं बल्कि आजादी के लिए किये गए संघर्ष का प्रतिसाद है। देश को वीर सपूतों के बलिदान से आजादी मिली है। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के विकसित, स्वच्छ, स्वस्थ और श्रेष्ठ भारत के विजन के साथ चलते हुए हमारे मुख्यमंत्री ने भी विकसित और समृद्धशाली छत्तीसगढ़ का सपना संजोया है। उन्होंने कहा कि इस स्वप्न को पूर्ण करने अपना अमूल्य योगदान देने का संकल्प लें।
इस दौरान विधायक पुरंदर मिश्रा, विधायक मोतीलाल साहू, विधायक गुरु खुशवंत साहेब, विधायक अनुज शर्मा, जिला पंचायत अध्यक्ष नवीन अग्रवाल, खेल एवं युवा कल्याण विभाग के सचिव यशवंत कुमार मौजूद रहे।
नया रायपुर / शौर्यपथ / छत्तीसगढ़ सरकार ने प्रशासनिक व्यवस्था को सुदृढ़ करने के उद्देश्य से एक बड़ा प्रशासनिक फेरबदल करते हुए भारतीय प्रशासनिक सेवा (आईएएस) के अधिकारियों का तबादला किया है। यह आदेश आज शाम सामान्य प्रशासन विभाग, मंत्रालय, महानदी भवन, नया रायपुर अटल नगर द्वारा जारी किया गया।
जारी आदेश के अनुसार, राज्य शासन ने कुल 10 आईएएस अधिकारियों का स्थानांतरण किया है। इस फेरबदल में कुछ अधिकारियों को वर्तमान दायित्वों के साथ-साथ अतिरिक्त प्रभार भी सौंपा गया है, जबकि कुछ अधिकारियों को नई जिम्मेदारियां दी गई हैं।
मुख्य बिंदुओं पर एक नजर:
* श्री अविनाश चंपावत (भा.प्र.से. 2003), सचिव, राजस्व एवं आपदा प्रबंधन तथा पुनर्वास विभाग को उनके वर्तमान कर्तव्यों के साथ-साथ सचिव, खाद्य नागरिक आपूर्ति एवं उपभोक्ता संरक्षण विभाग का अतिरिक्त प्रभार दिया गया है।
* श्री रितेश कुमार अग्रवाल (भा.प्र.से. 2012), संचालक, कोष एवं लेखा तथा अति. प्रभार संचालक, पेंशन, पंजीयक, फर्म एवं संस्थाएं को अब आगामी आदेश पर्यंत प्रबंध संचालक, छ.ग. मेडिकल सर्विसेज कॉर्पोरेशन, रायपुर के पद पर पदस्थ किया गया है।
* श्री रवि मित्तल (भा.प्र.से. 2016), आयुक्त, जनसंपर्क तथा अति. प्रभार मुख्य कार्यपालन अधिकारी, संवाद को आयुक्त, जनसंपर्क तथा मुख्य कार्यपालन अधिकारी, संवाद के अतिरिक्त प्रभार सौंपे गए हैं।
* श्रीमती पद्मिनी भोई साहू (भा.प्र.से. 2016), प्रबंध संचालक, छ.ग. मेडिकल सर्विसेज कॉर्पोरेशन, रायपुर को आगामी आदेश पर्यंत प्रबंध संचालक, कोष एवं लेखा तथा संचालक, पेंशन और पंजीयक, फर्म एवं संस्थाएं का अतिरिक्त प्रभार सौंपा गया है।
* श्रीमती हीना अनिमेष नेताम (भा.प्र.से. 2016), उप सचिव, राजभवन, रायपुर को आगामी आदेश पर्यंत संचालक, आदिम जाति अनुसंधान एवं प्रशिक्षण संस्थान के पद पर पदस्थ किया गया है।
सरकार ने प्रशासनिक कार्यों में गति लाने और जनकल्याणकारी योजनाओं के क्रियान्वयन को और प्रभावी बनाने के लिए यह निर्णय लिया है। इन तबादलों को राज्य की प्रशासनिक मशीनरी को और अधिक चुस्त-दुरुस्त करने की कवायद के रूप में देखा जा रहा है। राज्यपाल के नाम से जारी यह आदेश छत्तीसगढ़ शासन के सामान्य प्रशासन विभाग के अवर सचिव, रजत कुमार, द्वारा हस्ताक्षरित है।
यह प्रशासनिक बदलाव राज्य में शासन-प्रशासन के स्तर पर महत्वपूर्ण प्रभाव डालेगा और विभिन्न विभागों के कामकाज में नई ऊर्जा का संचार होने की उम्मीद है।