October 24, 2025
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Naresh Dewangan

Naresh Dewangan

जगदलपुर, शौर्यपथ। पंडित दीनदयाल उपाध्याय की जयंती के अवसर पर सेवा पखवाड़े कार्यक्रम के अंतर्गत लोहंडीगुड़ा ब्लॉक के ग्राम मांदर में बाढ़ प्रभावित परिवारों को राहत सामग्री वितरित की गई।

कार्यक्रम की शुरुआत उपस्थित जनप्रतिनिधियों द्वारा दीप प्रज्वलन से हुई। इस दौरान उन्होंने प्रभावित परिवारों से संवाद किया और उन्हें हर संभव सहायता देने का आश्वासन दिया। सामाजिक और पर्यावरणीय जिम्मेदारी को दर्शाते हुए इस अवसर पर एक पेड़ भी “माँ” के नाम रोपा गया।

कार्यक्रम में बस्तर सांसद महेश कश्यप ने पंडित दीनदयाल उपाध्याय के ‘एकात्म मानववाद’ के आदर्शों पर अपनी भावना व्यक्त करते हुए कहा कि उनके विचार हमें समाज की असली शक्ति के महत्व को समझाते हैं और एक सशक्त, समृद्ध बस्तर के निर्माण की प्रेरणा देते हैं।

भाजपा प्रदेश अध्यक्ष एवं जगदलपुर विधायक किरण देव ने कहा कि केंद्र की मोदी और प्रदेश की साय सरकार हमेशा पीड़ितों और जरूरतमंदों के साथ खड़ी है और बस्तर के विकास के लिए सभी योजनाओं को तेजी से लागू किया जा रहा है ताकि बस्तर का विकास चौगुनी गति से होl चित्रकोट विधायक विनायक गोयल ने इस अवसर पर पीड़ित परिवारों के साथ मिलकर राहत वितरण में भागीदारी निभाई और कहा कि बाढ़ प्रभावित लोगों को हरसंभव मदद प्रदान की जाएगी। इस अवसर पर पूर्व सांसद दिनेश कश्यप,भाजपा जिला अध्यक्ष वेद प्रकाश पांडे, पूर्व विधायक लच्छुराम कश्यप सहित अन्य जनप्रतिनिधि, पदाधिकारी एवं कार्यकर्ता उपस्थित थे।

By- नरेश देवांगन

जगदलपुर, शौर्यपथ। गुरुवार को यातायात विभाग की हाईवे पेट्रोलिंग टीम ने दंतेश्वरी माता दर्शन हेतु जगदलपुर से दंतेवाड़ा जा रहे पद यात्री श्रद्धालुओं की सुरक्षा और सेवा का सराहनीय काम किया। टीम ने केवल सड़क सुरक्षा सुनिश्चित नहीं की, बल्कि लगातार पैदल यात्रा कर रहे श्रद्धालुओं के पैरों में पड़े छालों का भी ध्यान रखते हुए उन्हें प्राथमिक उपचार के रूप में मरहम-पट्टी बाँधकर राहत प्रदान की। श्रद्धालुओं ने इस मानवीय पहल की मुक्त कंठ से प्रशंसा करते हुए कहा, “पैदल चलते-चलते जब पैरों में छाले पड़ गए थे, तब हाईवे पेट्रोलिंग टीम ने हमारी मदद कर हमें राहत दी। यह हमारी यात्रा को और भी सुरक्षित और सुखद बना गया।” इस संवेदनशील सेवा ने श्रद्धालुओं में सुरक्षा का भरोसा जगाया और प्रशासन की संवेदनशील छवि को और मजबूत किया।

By - नरेश देवांगन 

जगदलपुर, शौर्यपथ। पुलिस अधीक्षक शलभ कुमार सिन्हा के निर्देश एवं अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक महेश्वर नाग के मार्गदर्शन में बस्तर पुलिस ने यातायात सुरक्षा को लेकर एक सराहनीय कदम उठाया है।

नवरात्र पर्व के दौरान दंतेश्वरी माता जी के दर्शन हेतु दंतेवाड़ा जा रहे पदयात्रियों की सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए उनके बैग पर सड़क सुरक्षा के मद्देनज़र रेडियम रिफ्लेक्टर स्टीकर लगाए जा रहे हैं। यह पहल 22 सितंबर 2025 से निरंतर जारी है।

प्रतिदिन हजारों श्रद्धालु जगदलपुर मार्ग से होते हुए दंतेवाड़ा पहुँच रहे हैं और अनुमान है कि पूरे नौ दिनों में लगभग एक लाख से अधिक श्रद्धालु इस मार्ग से गुजरेंगे। ऐसे में पुलिस द्वारा की गई यह पहल दुर्घटनाओं से बचाव में महत्वपूर्ण साबित हो रही है।

बस्तर पुलिस की इस पहल की हर ओर प्रशंसा हो रही है। श्रद्धालुओं ने भी पुलिस विभाग का आभार जताया है और कहा कि इस व्यवस्था से उन्हें रात के समय यात्रा करने में विशेष रूप से सुरक्षा का एहसास हो रहा है।

By- नरेश देवांगन 

​जगदलपुर, शौर्यपथ। विश्व प्रसिद्ध बस्तर दशहरा पर्व की शुरुआत के साथ, एक सदियों पुरानी और अनूठी परंपरा 'जोगी बिठाई' भी सम्पन्न हो गई है। यहां बड़े आमाबाल के रघुनाथ नाग जोगी बनकर नौ दिन की कठोर तपस्या पर बैठे। मंगलवार को सिरहासार में आयोजित जोगी बिठाई रस्म के अवसर पर जगदलपुर के विधायक किरण देव, बस्तर दशहरा समिति के उपाध्यक्ष बलराम मांझी, नगर निगम अध्यक्ष खेमसिंह देवांगन सहित मांझी, चालकी, नाइक, पाइक, मेंबर, मेंबरिन तथा जनप्रतिनिधि व बड़ी संख्या में श्रद्धालु उपस्थित थे। 

यह रस्म बस्तर दशहरा को बिना किसी बाधा के शांतिपूर्ण तरीके से संपन्न कराने के उद्देश्य से निभाई जाती है। इस वर्ष भी, हल्बा समुदाय का एक युवक नौ दिनों के उपवास और योग की मुद्रा में जगदलपुर के सिरहासार भवन में बैठ गया है।

 

क्या है 'जोगी बिठाई' की रस्म?

​यह रस्म हल्बा जाति के एक पुरुष द्वारा लगभग 600 सालों से निभाई जा रही है। जोगी पितृमोक्ष अमावस्या के दिन सिरहासार भवन पहुंचता है और दशहरा की शुरुआत से लेकर नौ दिनों तक उपवास पर रहता है। इस दौरान वह केवल फल और दूध का सेवन करता है। इस तपस्या का मुख्य उद्देश्य यह सुनिश्चित करना है कि बस्तर दशहरा का भव्य आयोजन बिना किसी विघ्न के सफलतापूर्वक पूरा हो।

 

कैसे निभाई जाती है यह रस्म?

​जोगी के रूप में बैठने वाले व्यक्ति को कई विशेष प्रक्रियाओं से गुजरना पड़ता है। सबसे पहले, वह अपने पितरों का श्राद्ध करता है। इसके बाद, उसे नए वस्त्र पहनाए जाते हैं और मावली माता मंदिर ले जाया जाता है, जहां तलवार की पूजा होती है। पूजा के बाद, जोगी तलवार लेकर सिरहासार भवन लौटता है और एक कुंड में योगासन की मुद्रा में बैठ जाता है। इस दौरान उसे बुरी नजर से बचाने के लिए चारों ओर कपड़े का पर्दा लगाया जाता है। नौ दिनों तक जोगी इसी अवस्था में रहकर बस्तर की शांति के लिए तपस्या करता है।

 

​पौराणिक कथा: महाराजा का सम्मान

​इस रस्म से जुड़ी एक पौराणिक कथा है। कहा जाता है कि बहुत साल पहले, दशहरा के दौरान एक हल्बा युवक ने निर्जल उपवास रखकर तपस्या शुरू कर दी थी। जब तत्कालीन महाराजा को इस बात का पता चला, तो वह स्वयं युवक से मिलने गए। युवक ने महाराजा को बताया कि उसने यह तपस्या दशहरा को निर्विघ्न संपन्न कराने के लिए की है। इससे प्रसन्न होकर, महाराजा ने उसके लिए सिरहासार भवन का निर्माण करवाया और इस परंपरा को हमेशा के लिए जारी रखने का आदेश दिया।

 

​आज भी यह रस्म उसी सम्मान और श्रद्धा के साथ निभाई जाती है, जो बस्तर दशहरा को न केवल एक पर्व, बल्कि एक गहरी आध्यात्मिक और सांस्कृतिक विरासत बनाती है।

By- नरेश देवांगन 

जगदलपुर, शौर्यपथ। विश्व प्रसिद्ध ऐतिहासिक बस्तर दशहरा पर्व का एक महत्वपूर्ण काछनगादी पूजा विधान रविवार को सम्पन्न हुई। जिसमें स्थानीय मिरगान समाज की कुंवारी कन्या काछनदेवी कांटे की झूले पर सवार होकर बस्तर दशहरा पर्व को निर्विघ्न सम्पन्न होने के साथ अपनी अनुमति प्रदान करती हैं। 

काछनदेवी ने कांटों के झूले में झूलकर दी निर्विघ्न आयोजन की अनुमति

        विश्व प्रसिद्ध बस्तर दशहरा पर्व का प्रमुख विधान काछनगादी रस्म में काछनदेवी ने मिरगान समाज की एक कुमारी कन्या पर सवार होकर, बेल के कांटों से बने झूले में झूलकर दशहरे के निर्विघ्न आयोजन की अनुमति और आशीर्वाद प्रदान किया। काछनदेवी से बस्तर के माटी पुजारी कमलचंद भंजदेव ने बस्तर दशहरा के निर्विघ्न आयोजन की अनुमति मांगी। इस अवसर पर वन मंत्री केदार कश्यप, सांसद एवं अध्यक्ष बस्तर दशहरा समिति महेश कश्यप, जगदलपुर विधायक किरण देव, महापौर संजय पांडे, अन्य जनप्रतिनिधियों सहित बस्तर दशहरा पर्व के परम्परागत सदस्य मांझी-चालकी, नाइक-पाइक, मेंबर-मेंबरिन सहित कलेक्टर हरिस एस, पुलिस अधीक्षक शलभ सिन्हा, अपर कलेक्टर सीपी बघेल और बड़ी संख्या में श्रद्धालु उपस्थित थे।

काछनगादी रस्म का महत्व

​बस्तर दशहरे में यह रस्म अत्यंत महत्वपूर्ण मानी जाती है। इसके बिना बस्तर दशहरे की शुरुआत नहीं होती। मान्यता है किरण की देवी काछनदेवी, आश्विन अमावस्या के दिन पनका जाति की एक कुंवारी कन्या के शरीर में प्रवेश करती हैं। यह कन्या, जिसे देवी का स्वरूप माना जाता है, भंगाराम चौक स्थित काछनगुड़ी में बेल के कांटों से बने एक विशेष झूले पर लेटकर दशहरे के सफल आयोजन की अनुमति देती है। इस वर्ष भी, 10 साल की बच्ची पीहू दास पर सवार देवी ने यह आशीर्वाद दिया। ज्ञात हो कि बस्तर दशहरा पर्व यहां पर सामाजिक समरसता का एक अनुपम उदाहरण है और बस्तर के स्थानीय विभिन्न समाजों के लिए बस्तर दशहरा पर्व में पृथक-पृथक दायित्व बंटे हुए हैं जिसे सभी समाजों के सदस्यों द्वारा पूरी तरह से सहकार की भावना के साथ निर्वहन किया जाता है।

परंपराओं का पालन

           काछनगादी पूजा विधान के लिए रविवार को सभी तैयारियां पूरी कर ली गई थीं। काछनगुड़ी को फूलों और रोशनी से सजाया गया था। पुजारी और राज परिवार के सदस्य परंपरानुसार देवी से अनुमति लेने पहुंचे। जैसे ही काछनदेवी ने झूले पर लेटकर अनुमति दी, पूरा क्षेत्र बस्तर की आराध्य देवी मां दन्तेश्वरी के जयकारों और आतिशबाजी से गूंज उठा। इस दौरान हजारों की संख्या में श्रद्धालुगण इस अद्भुत दृश्य के साक्षी बने।

गोल बाजार में की गई रैला देवी की पूजा

        काछनगादी पूजा विधान के पश्चात रविवार शाम जगदलपुर के गोल बाजार में रैला देवी की पारंपरिक पूजा विधिवत संपन्न हुई। जिसमें स्थानीय जनप्रतिनिधियों सहित बस्तर दशहरा पर्व के परम्परागत सदस्य मांझी-चालकी, नाइक-पाइक, मेंबर-मेंबरिन सहित जिला प्रशासन के अधिकारी-कर्मचारी, गणमान्य नागरिक और बड़ी संख्या में श्रद्धालु शामिल हुए।

जगदलपुर, शौर्यपथ। धुरवा समाज के नुआखाई मिलन समारोह में मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय का आत्मीय और वात्सल्यपूर्ण रूप सभी ने देखा। इस अवसर पर मुख्यमंत्री श्री साय ने धुरवा समाज की नन्हीं बच्ची भूमिका बघेल को स्नेहपूर्वक अपने गोद में बिठाकर दुलार किया और उसे महुआ लड्डू खिलाया।

जगदलपुर विकासखंड के उलनार निवासी भूमिका बघेल अपने दादा सोनसारी बघेल के साथ कार्यक्रम में पहुंची थी। पारंपरिक पोशाक में सजी-धजी भूमिका ने सभी का मन मोह लिया। मुख्यमंत्री श्री साय ने स्नेहपूर्वक उसका नाम पूछते हुए कहा—"बिटिया, किस कक्षा में पढ़ाई कर रही हो?" मासूम मुस्कान के साथ भूमिका ने उत्तर दिया—"मैं दीप्ति कान्वेंट स्कूल में एलकेजी में पढ़ती हूँ।"

यह स्नेहिल दृश्य समारोह में उपस्थित सभी लोगों के मन को गहराई तक छू गया। एलकेजी में पढ़ रही भूमिका की निश्छल मुस्कान, पारंपरिक परिधान और मासूम नज़रों की चमक में बस्तर की संस्कृति और उसकी खुशियाँ झलक रही थी।

मुख्यमंत्री श्री साय ने कहा कि यह हर्ष का विषय है कि समाज ने पिछले वर्ष ही अपने बच्चों के लिए कक्षा 12वीं तक की शिक्षा अनिवार्य करने का सराहनीय निर्णय लिया। यही शिक्षा और संस्कार हमारी आने वाली पीढ़ी का भविष्य संवारेंगे। उन्होंने कहा कि मैं यही कामना करता हूँ कि भूमिका और छत्तीसगढ़ की हर बेटी खूब पढ़े, आगे बढ़े, उड़ान भरे और अपनी संस्कृति से यूँ ही जुड़ी रहे।

मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय ने जिस आत्मीयता और वात्सल्य से नन्हीं भूमिका बघेल से स्नेहपूर्ण वार्तालाप किया, उसने पूरे समारोह का वातावरण स्नेह और आत्मीयता से परिपूर्ण कर दिया।

मुख्यमंत्री श्री साय का आत्मीय व्यवहार जनजातीय समाज के साथ उनके गहरे जुड़ाव और बच्चों के प्रति स्नेहपूर्ण हृदय का प्रमाण है। उनकी यह सरलता और अपनापन न केवल लोगों को विश्वास से भरता है, बल्कि यह भी संदेश देता है कि सरकार का नेतृत्व समाज के हर वर्ग और हर बच्चे के सुख-दुख में सहभागी है।

बस्तर जिला पत्रकार संघ में आयोजित हुआ श्रद्धांजलि सभा का कार्यक्रम

जगदलपुर, शौर्यपथ । बस्तर के वरिष्ठ पत्रकार स्व. राजेंद्र बाजपेयी के निधन के उपरांत रविवार को नयापारा स्थित बस्तर जिला पत्रकार संघ भवन में श्रद्धांजलि सभा का आयोजन किया गया।

कार्यक्रम की शुरुआत स्व. बाजपेयी के चित्र पर पुष्पांजलि अर्पित कर की गई। इसके पश्चात उपस्थित पत्रकारों ने उनके साथ बिताए संस्मरणों को साझा किया और पत्रकारिता क्षेत्र में उनके योगदान को अनुकरणीय बताया।

श्रद्धांजलि सभा में अध्यक्ष मनीष गुप्ता, सचिव धर्मेंद्र महापात्र, वरिष्ठ उपाध्यक्ष शिव प्रकाश सीजी, कनिष्ठ उपाध्यक्ष निरंजन दास, कोषाध्यक्ष सुब्बा राव, संयुक्त सचिव बादशाह खान सहित वरिष्ठ पत्रकार हेमंत कश्यप, गुप्तेश्वर सोनी, अनिल सामंत, संजीव पचौरी, सुनील मिश्रा समेत अनेक पत्रकार शामिल हुए।

इस अवसर पर अध्यक्ष मनीष गुप्ता ने कहा कि "बस्तर की पत्रकारिता में स्व. राजेंद्र बाजपेयी का योगदान अविस्मरणीय है। संघ इस दुख की घड़ी में बाजपेयी परिवार के साथ खड़ा है।"

कार्यक्रम के अंत में सचिव धर्मेंद्र महापात्र ने जानकारी दी कि स्व. राजेंद्र बाजपेयी की तेरहवीं एवं शांतिभोज का आयोजन आगामी 1 अक्टूबर को पत्रकार संघ भवन परिसर में किया जाएगा।

दीपक वैष्णव की खास रिपोर्ट

कोंडागांव, शौर्यपथ। कोंडागांव जिला मुख्यालय में एक ऐसे अधिकारी भी मौजूद है, जो हर छोटे से छोटे त्यौहार कहे या बड़े त्यौहार हमेशा जिले के हर खाद्य दुकान चाहे वो किराना हो फल या फिर होटल हो वहाँ पहुँच जाते है और खाद्य सामग्रियों का सेंपल तो जरूर लेते है पर सेम्पल ले जाने के पश्चात कभी वापस यह नहीं बताते की आप की सामग्री अच्छी है या बुरी या इन खाने के चीजों में यह कमियां पाई गई है ।

कोंडागांव के फ़ूड सेफ्टी खाद्य सुरक्षा अधिकारी डी के देवांगन अब चर्चा का विषय बन के रह गए है एक वर्ष होने होने को है दीपों का त्यौहार दीपावली पुनः आने वाली है। आपको बता दें कि खाद्य अधिकारी डी के देवांगन के द्वारा रक्षा बंधन पर भी औचक निरक्षण कर सभी दूकानों का सेम्पल लिया गया था मगर किसी भी दुकानदार को अब तक यह नहीं बताया गया कि आप की खाद्य में अनियमितता प्राप्त हुआ है या नहीं।

चर्चा में क्यों है फ़ूडसेफ्टी ऑफिसर

सुत्रो की माने तो हर त्यौहार में इनके द्वारा सेम्पल लिया जाता है एक साल बीतने वाला है फिर 30 दिनों बाद दीपावली का त्यौहार आने को है मगर अब तक महोदय द्वारा सेफ्टी कैप व सेफ्टी दस्ताना पहनवाने में असफलता हासिल किया है एक साल पहले से कई जगहों का निरीक्षण करते हुए सेम्पल लिया गया मगर अब तक किसी के ऊपर कार्यवाही न किया गया न ही किसी को नहीं बताया गया कि कितनी अनियमितता हासिल हुई है जिससे उनके कार्यशैली पर सवाल खड़े होते नजर आ रहे है ।

कुछ समय पहले भी शौर्यपथ की टीम के द्वारा उनसे रिकार्डडेट सवाल कैमरा चालू कर पूछा गया था कि कितने प्रतिष्ठानो को नोटिस जारी किया गया सेफ़्टी के नाम पे और कितने पर कार्यवाही की गई। पर जनाब ने बातों को काटा और दिखाता हु कह कर कैमरा बंद करा दिया गया । मगर अंत तक नोटिस नहीं दिखाया गया ।

क्या है सवाल

फ़ूडसेफ्टी ऑफिसर दीपक कुमार देवांगन के ऊपर अब सवाल खड़े हो रहे है कि एक साल बीत जाने के पश्चात भी अब तक असफलता क्यों हाथ लगी।

क्यों बीच बीच मे दुकानदारों से सेंपल लेने के पश्चात भी परिणाम सामने नही आया, क्यों उन्हें अवगत नही कराया गया। या सिर्फ खाना पूर्ति कर दिखावे की कार्यवाही कर औचक निरीक्षण करते धौस जमाते घूमने का कार्य ही होता रहा है।

जगदलपुर, शौर्यपथ।मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय का आज जगदलपुर में मां दंतेश्वरी हवाई अड्डे पर आत्मीय स्वागत किया गया। वे धुरवा समाज और माहरा समाज के भवन का लोकार्पण कार्यक्रम में शामिल होंगे। मुख्यमंत्री श्री साय के साथ उप मुख्यमंत्री विजय शर्मा, सांसद बस्तर महेश कश्यप भी पहुंचे हैं।

​हवाई अड्डे पर वन मंत्री केदार कश्यप, ब्रेवरेज कॉर्पोरेशन के अध्यक्ष श्रीनिवास राव मद्दी, जगदलपुर विधायक किरण सिंह देव, चित्रकोट विधायक विनायक गोयल, जगदलपुर के महापौर संजय पांडेय, पूर्व सांसद दिनेश कश्यप,पूर्व विधायक संतोष बाफना, महेश गागड़ा, डॉ सुभाऊ कश्यप, लच्छू कश्यप, बैदूराम कश्यप सहित अन्य जनप्रतिनिधियों और कमिश्नर डोमन सिंह, आईजी सुंदर राज पी., कलेक्टर हरिस एस, पुलिस अधीक्षक शलभ सिन्हा, सीईओ जिला पंचायत प्रतीक जैन ने स्वागत किया।

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