September 07, 2025
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धर्म संसार / शौर्यपथ / प्रभु यीशु के जन्म की ख़ुशी में मनाया जाने वाला क्रिसमस का त्योहार पूरी दुनिया में मनाया जाता है। यह त्योहार कई मायनों में बेहद खास है। क्रिसमस को बड़ा दिन, सेंट स्टीफेंस डे या फीस्ट ऑफ़ सेंट स्टीफेंस भी कहा जाता है। प्रभु यीशु ने दुनिया को प्यार और इंसानियत की शिक्षा दी। उन्होंने लोगों को प्रेम और भाईचारे के साथ रहने का संदेश दिया। प्रभु यीशु को ईश्वर का इकलौता प्यारा पुत्र माना जाता है। इस त्योहार से कई रोचक तथ्य जुड़े हैं। आइए जानते हैं इनके बारे में।
क्रिसमस ऐसा त्योहार है जिसे हर धर्म के लोग उत्साह से मनाते हैं। यह एकमात्र ऐसा त्योहार है जिस दिन लगभग पूरे विश्व में अवकाश रहता है। 25 दिसंबर को मनाया जाने वाला यह त्योहार आर्मीनियाई अपोस्टोलिक चर्च में 6 जनवरी को मनाया जाता है। कई देशों में क्रिसमस का अगला दिन 26 दिसंबर बॉक्सिंग डे के रूप मे मनाया जाता है। क्रिसमस पर सांता क्लॉज़ को लेकर मान्यता है कि चौथी शताब्दी में संत निकोलस जो तुर्की के मीरा नामक शहर के बिशप थे, वही सांता थे। वह गरीबों की हमेशा मदद करते थे उनको उपहार देते थे। क्रिसमस के तीन पारंपरिक रंग हैं हरा, लाल और सुनहरा। हरा रंग जीवन का प्रतीक है, जबकि लाल रंग ईसा मसीह के रक्त और सुनहरा रंग रोशनी का प्रतीक है। क्रिसमस की रात को जादुई रात कहा जाता है। माना जाता है कि इस रात सच्चे दिल वाले लोग जानवरों की बोली को समझ सकते हैं। क्रिसमस पर घर के आंगन में क्रिसमस ट्री लगाया जाता है। क्रिसमस ट्री को दक्षिण पूर्व दिशा में लगाना शुभ माना जाता है। फेंगशुई के मुताबिक ऐसा करने से घर में सुख समृद्धि आती है। पोलैंड में मकड़ी के जालों से क्रिसमस ट्री को सजाने की परंपरा है। मान्यता है कि मकड़ी ने सबसे पहले जीसस के लिए कंबल बुना था।

छात्रों के लिए मेडिकल कॉलेज रायपुर में 65 करोड़ की लागत से बनेगा छात्रावास : मुख्यमंत्री श्री साय
बस्तर–सरगुजा सहित दूरस्थ अंचलों तक स्वास्थ्य सेवाओं के विस्तार पर सरकार का फोकस
कैंसर के शोध, रोकथाम और इलाज में उपयोगी साबित होगी एरोकॉन 2025 संगोष्ठी

रायपुर / शौर्यपथ / मुख्यमंत्री श्री विष्णु देव साय ने कहा है कि छत्तीसगढ़ की तीन करोड़ जनता का स्वास्थ्य राज्य सरकार की सर्वोच्च प्राथमिकता है। उन्होंने आश्वस्त किया कि प्रदेशवासियों को स्वास्थ्य सुविधाएं उपलब्ध कराने में वित्तीय संसाधन कभी बाधा नहीं बनेंगे। मुख्यमंत्री श्री साय आज राजधानी रायपुर स्थित पंडित जवाहरलाल नेहरू मेडिकल कॉलेज सभागार में ‘एरोकॉन 2025’ छत्तीसगढ़–मध्यप्रदेश चैप्टर के दो दिवसीय आयोजन का शुभारंभ कर विशेषज्ञों और उपस्थित जनसमूह को संबोधित कर रहे थे। इस अवसर पर उन्होंने मेडिकल कॉलेज रायपुर के छात्रों के लिए 65 करोड़ रुपये की लागत से नए छात्रावास निर्माण की घोषणा की।
   मुख्यमंत्री श्री साय ने कहा कि कैंसर जैसी गंभीर बीमारी से जूझ रहे हजारों मरीज आज विशेषज्ञ चिकित्सकों के परिश्रम और नवीनतम चिकित्सा पद्धतियों के कारण संजीवनी प्राप्त कर रहे हैं। उन्होंने कहा कि बीते दो दशकों में कैंसर की प्रारंभिक पहचान और उपचार के क्षेत्र में हुए शोध से भविष्य के लिए नई उम्मीदें जगी हैं। उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी के नेतृत्व में प्रत्येक जिले में कैंसर डे-केयर सेंटर स्थापित किए जा रहे हैं और छत्तीसगढ़ भी इस दिशा में तेजी से आगे बढ़ रहा है।
   मुख्यमंत्री श्री साय ने कहा कि मुख्यमंत्री विशेष स्वास्थ्य सहायता योजना के तहत प्रदेश में अनेक मरीजों का इलाज संभव हुआ है। जीएसटी में कैंसर की दवाइयों और उपकरणों को सस्ता किए जाने से मरीजों को बड़ी राहत मिली है। श्री साय ने बताया कि राज्य के अस्पतालों में कैंसर उपचार के लिए अत्याधुनिक उपकरण उपलब्ध कराए जा रहे हैं और आज ही एम्स रायपुर में रोबोटिक सर्जरी सिस्टम का शुभारंभ किया जा रहा है, जो यह प्रमाणित करता है कि सरकारी अस्पताल नवीनतम तकनीक अपनाने में अग्रणी हैं। उन्होंने कहा कि कृत्रिम बुद्धिमत्ता (AI) कैंसर की पहचान में बेहद उपयोगी सिद्ध हो रही है और राज्य सरकार स्वास्थ्य सेवाओं में इसे तेजी से शामिल कर रही है।
   मुख्यमंत्री श्री साय ने कहा कि सरकार लगातार स्वास्थ्य बजट में वृद्धि कर रही है और नये मेडिकल कॉलेज खोल रही है। उन्होंने कहा कि नवा रायपुर में 5,000 बिस्तरों की क्षमता वाली मेडिसिटी का निर्माण किया जा रहा है। बस्तर और सरगुजा जैसे दूरस्थ अंचलों में स्वास्थ्य सुविधाओं के विस्तार के लिए सरकार हर विकल्प पर काम कर रही है। उन्होंने बताया कि सरगुजा, धरमजयगढ़ और बस्तर में नये अस्पताल स्थापित किए जाएंगे। उन्होंने विश्वास व्यक्त किया कि एरोकॉन 2025 संगोष्ठी कैंसर की रोकथाम और उपचार की दिशा में मील का पत्थर साबित होंगी।
  विधानसभा अध्यक्ष डॉ. रमन सिंह ने कार्यक्रम को संबोधित करते हुए कहा कि एरोकॉन 2025 के सातवें आयोजन में कैंसर उपचार से जुड़े विभिन्न क्षेत्रों के विशेषज्ञ एक मंच पर आए हैं। इससे इस बीमारी के इलाज में नये आयाम खुलेंगे। उन्होंने कहा कि रायपुर स्थित मेकाहारा अस्पताल न केवल छत्तीसगढ़ बल्कि मध्यभारत के अन्य राज्यों के मरीजों के लिए भी प्रमुख उपचार केंद्र है। भविष्य में अत्याधुनिक तकनीकों और मशीनों के माध्यम से यहां चिकित्सा सेवाओं को और अधिक सुदृढ़ किया जाएगा।
  स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्री श्री श्याम बिहारी जायसवाल ने कहा कि मेडिकल कॉलेज रायपुर राज्य का सबसे बड़ा कैंसर सेंटर है, जहाँ आधुनिकतम सुविधाएँ उपलब्ध कराई जा रही हैं। उन्होंने जानकारी दी कि आने वाले समय में प्रदेश में छह फिजियोथेरेपी कॉलेज स्थापित होंगे, बस्तर और सरगुजा में सुपर स्पेशलिटी अस्पताल प्रारंभ होंगे, मानसिक रोगियों के लिए पृथक चिकित्सालय और नेचुरोपैथी कॉलेज खोले जाएंगे। मेकाहारा में 232 करोड़ रुपये की लागत से 700 बिस्तरों की वृद्धि की जाएगी तथा रोबोटिक सर्जरी और आईवीएफ सेंटर जैसी नवीनतम सुविधाएँ उपलब्ध कराई जाएंगी।
  इस अवसर पर विधायक श्री पुरंदर मिश्रा, मेडिकल कॉलेज रायपुर के अधिष्ठाता डॉ. विवेक चौधरी, आयुष विश्वविद्यालय के कुलपति प्रो. पी.के. पात्रा, विशेषज्ञ चिकित्सकगण, विद्यार्थी और गणमान्य नागरिक बड़ी संख्या में उपस्थित थे।

रायपुर। शौर्यपथ । छत्तीसगढ़ में जिला खनिज संस्थान न्यास (DMFT) फंड घोटाले में प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने 3 सितंबर को तड़के राज्यभर में एक साथ बड़ी कार्रवाई करते हुए 28…
रायपुर / शौर्यपथ / मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय ने राजधानी रायपुर के टाटीबंध स्थित एम्स (AIIMS) रायपुर में भर्ती सुरजपुर जिले के श्री विशंभर यादव से मुलाकात कर उनका कुशलक्षेम जाना।…

श्रद्धेय शांताराम जी के पार्थिव शरीर पर पुष्पचक्र अर्पित कर किया नमन

रायपुर / शौर्यपथ / मुख्यमंत्री श्री विष्णु देव साय ने आज राजधानी रायपुर स्थित जागृति मंडल, पंडरी पहुँचकर छत्तीसगढ़ के पूर्व प्रांत प्रचारक श्रद्धेय श्री शांताराम जी को श्रद्धांजलि अर्पित की। मुख्यमंत्री श्री साय ने उनके पार्थिव शरीर पर पुष्पचक्र अर्पित कर उन्हें नमन किया।

मुख्यमंत्री श्री साय ने कहा कि श्रद्धेय शांताराम जी संघ के वरिष्ठ प्रचारक थे और उनका मेरे साथ गहरा आत्मीय संबंध रहा है। वे सदैव अभिभावक के समान स्नेह और मार्गदर्शन प्रदान करते रहे। उनका निधन संघ परिवार, समाज और प्रदेश के लिए ही नहीं, बल्कि मेरे लिए भी व्यक्तिगत क्षति है। मुख्यमंत्री श्री साय ने ईश्वर से प्रार्थना करते हुए कहा कि दिवंगत आत्मा को अपने श्रीचरणों में स्थान दें तथा सभी शुभचिंतकों को यह गहन दुःख सहन करने की शक्ति प्रदान करें।

पूर्व मुख्यमंत्री डॉ. रमन सिंह ने श्रद्धेय शांताराम जी को श्रद्धांजलि अर्पित करते हुए कहा कि वे हमारे लिए पिता तुल्य थे। उन्होंने मदकूदीप को पुनर्जीवित कर राष्ट्र निर्माण में महत्वपूर्ण योगदान दिया और अपनी विनम्रता तथा जीवन मूल्यों से सभी के आदर्श बने। संघ के वरिष्ठ प्रचारक के रूप में उन्होंने छत्तीसगढ़ की जनता और स्वयंसेवकों को परिवार मानकर निरंतर मार्गदर्शन किया। मुख्यमंत्री रहते हुए भी मुझे उनका स्नेह और आशीर्वाद मिलता रहा। उनके निधन से पूरा प्रदेश शोकाकुल है।

इस अवसर पर कैबिनेट मंत्री श्री टंकराम वर्मा, श्री गजेंद्र यादव, गुरु खुशवंत साहेब, पूर्व राज्यपाल श्री रमेश बैस, राज्यसभा सांसद श्री देवेंद्र प्रताप सिंह, राजनांदगांव सांसद श्री संतोष पांडे, विधायक सर्वश्री अनुज शर्मा एवं मोतीलाल साहू, अल्पसंख्यक आयोग के अध्यक्ष श्री अमरजीत छाबड़ा, बाल संरक्षण आयोग की अध्यक्ष डॉ. वर्णिका शर्मा, कृषि कल्याण बोर्ड के अध्यक्ष श्री चंद्रहास चंद्राकर सहित बड़ी संख्या में स्वयंसेवक एवं आमजन उपस्थित थे।

महतारी वंदन योजना के तहत 69 लाख से अधिक महिलाओं को 647 करोड़ से अधिक की राशि की गई अंतरित
अब तक कुल 12,376.19 करोड़ रुपये की राशि सीधे हितग्राहियों तक पहुँची, महिलाओं के जीवन में आया सकारात्मक बदलाव

रायपुर / शौर्यपथ /
मुख्यमंत्री श्री विष्णुदेव साय ने आज रायगढ़ जिले के खरसिया में आयोजित भव्य कार्यक्रम में महतारी वंदन योजना की 19वीं किस्त का भुगतान किया। इस अवसर पर उन्होंने प्रदेश की 69,15,994 महिलाओं के बैंक खातों में सीधे 1000-1000 रुपये की राशि अंतरित की। कुल 647.13 करोड़ रुपये की यह राशि एक क्लिक के माध्यम से हस्तांतरित की गई।
  मुख्यमंत्री श्री साय ने इस अवसर पर कहा कि महतारी वंदन योजना महिलाओं के जीवन स्तर को बेहतर बनाने और उनके आत्मसम्मान को सशक्त करने की दिशा में एक क्रांतिकारी पहल है। उन्होंने विश्वास व्यक्त किया कि यह आर्थिक सहयोग न केवल महिलाओं को आत्मनिर्भर बनाएगा, बल्कि परिवार की आर्थिक मजबूती और सामाजिक सुरक्षा में भी सहायक सिद्ध होगा। उन्होंने महिलाओं से संवाद करते हुए भरोसा दिलाया कि राज्य सरकार हमेशा उनके साथ खड़ी है और उनके जीवन को बेहतर बनाने के लिए निरंतर कदम उठाती रहेगी।
    मुख्यमंत्री श्री विष्णुदेव साय ने कहा कि यह योजना छत्तीसगढ़ की माताओं-बहनों के जीवन में आशा, विश्वास और नई प्रेरणा का संचार कर रही है। उन्होंने विश्वास दिलाया कि राज्य सरकार महिलाओं की बेहतरी और समाज की उन्नति के लिए इसी प्रकार लगातार कार्य करती रहेगी।
    मुख्यमंत्री श्री साय ने कहा कि 1 मार्च 2024 से प्रारंभ हुई इस योजना के अंतर्गत अब तक लगभग 69 लाख पात्र महिलाओं को प्रतिमाह सीधे उनके बैंक खातों में आर्थिक सहायता दी जा रही है। आज की 19वीं किस्त सहित अब तक कुल 12,376.19 करोड़ रुपये की राशि हितग्राहियों तक पहुँचाई जा चुकी है। उन्होंने कहा कि यह योजना महिलाओं को सामाजिक सुरक्षा प्रदान करने, आत्मनिर्भरता की दिशा में अग्रसर करने और उनके आत्मविश्वास को बढ़ाने में अभूतपूर्व भूमिका निभा रही है।
   महिला एवं बाल विकास मंत्री श्रीमती लक्ष्मी राजवाड़े ने कहा कि महतारी वंदन योजना प्रदेश की महिलाओं को नई ऊर्जा, आत्मविश्वास और सम्मान प्रदान कर रही है। यह उनके जीवन में सकारात्मक बदलाव ला रही है।  उन्होंने कहा कि योजना का प्रभाव न केवल महिलाओं तक सीमित है, बल्कि इससे पूरे परिवार को मजबूती मिल रही है और समाज में सकारात्मक परिवर्तन दिखाई दे रहा है।राज्य सरकार ने घोषणा की है कि महिलाओं के विकास, सुरक्षा और स्वाभिमान को सर्वोच्च प्राथमिकता देते हुए महतारी वंदन योजना को और अधिक प्रभावी बनाया जाएगा।
   कार्यक्रम में उप मुख्यमंत्री श्री अरुण साव, वित्त मंत्री श्री ओ.पी. चौधरी सहित बड़ी संख्या में गणमान्य नागरिक उपस्थित थे।

रायपुर / शौर्यपथ /
प्रदेश के उपमुख्यमंत्री  विजय शर्मा ने आज कबीरधाम प्रवास के दौरान कवर्धा विधानसभा क्षेत्र के ग्राम विचारपुर और भिभौंरी में आयोजित भेंट-मुलाकात कार्यक्रम में शिरकत की। उन्होंने ग्रामीणों, महिलाओं, युवाओं एवं बुजुर्गों से सीधे संवाद कर उनकी समस्याएं, मांगें और सुझाव सुने तथा सभी आवेदनों का त्वरित निराकरण करने के निर्देश संबंधित अधिकारियों को दिए।

इस अवसर पर उपमुख्यमंत्री ने ग्राम विचारपुर में 18 लाख रुपए की लागत से निर्मित विकास कार्यों का लोकार्पण किया। इसमें 10 लाख रुपए की लागत से झोंका नाला में पुलिया, 5 लाख रुपए की लागत से मंच और 3 लाख रुपए की लागत से ज्योति कक्ष का निर्माण शामिल है। उन्होंने कहा कि शासन की योजनाओं का लाभ हर पात्र हितग्राही तक समय पर पहुँचना चाहिए।

कार्यक्रम में जिला पंचायत अध्यक्ष   ईश्वरी साहू, जिला पंचायत सभापति   रामकुमार भट्ट, डॉ. बीरेन्द्र साहू,   परदेशी पटेल,  रवि राजपुत सहित अनेक जनप्रतिनिधि, ग्रामीण और युवा बड़ी संख्या में उपस्थित रहे।

ग्रामीणों को संबोधित करते हुए उपमुख्यमंत्री शर्मा ने कहा कि मुख्यमंत्री श्री विष्णुदेव साय के नेतृत्व में प्रदेश सरकार गांव, गरीब, किसान और युवाओं के उत्थान के लिए पूरी तरह समर्पित है। उन्होंने बताया कि ग्राम विचारपुर के विकास के लिए 82 लाख रुपये की स्वीकृति दी गई है। इस राशि से कई कार्य पूर्ण हो चुके हैं और शेष तेजी से प्रगति पर हैं। यह राशि गाँव के भविष्य को नई दिशा देने के लिए है।

उन्होंने आश्वासन दिया कि किसी भी ग्रामीण को शासन-प्रशासन तक पहुँचने में कठिनाई नहीं होगी और हर समस्या का समाधान प्राथमिकता से किया जाएगा। उपमुख्यमंत्री ने कहा कि सरकार की नीतियां और योजनाएं नागरिकों का जीवन आसान, सुरक्षित और समृद्ध बनाने के लिए हैं तथा समस्याओं का निपटारा स्थल पर ही सुनिश्चित किया जाएगा।

उन्होंने आगे कहा कि प्रदेश सरकार आम जनता के जीवन को बेहतर बनाने के लिए शिक्षा, स्वास्थ्य, सड़क, बिजली, सिंचाई और रोजगार जैसे महत्वपूर्ण क्षेत्रों में योजनाबद्ध तरीके से बड़े स्तर पर काम कर रही है। आने वाले समय में प्रदेश का कोई भी गांव मूलभूत सुविधाओं से वंचित नहीं रहेगा। किसानों को सशक्त बनाना, युवाओं को रोजगार से जोड़ना, महिलाओं को आत्मनिर्भर बनाना और हर घर तक विकास की रोशनी पहुँचाना सरकार की सर्वोच्च प्राथमिकता है।

उपमुख्यमंत्री शर्मा ने स्पष्ट शब्दों में कहा—“आपकी समस्या ही मेरी समस्या है और उसका समाधान करना ही मेरा दायित्व है।” उन्होंने ग्रामीणों से शासन की योजनाओं का अधिक से अधिक लाभ उठाने का आग्रह किया। उन्होंने बच्चों को शिक्षा की मुख्यधारा से जोड़ने पर बल दिया ताकि वे भविष्य में प्रदेश और देश की प्रगति में योगदान दे सकें।

युवाओं से नशे से दूर रहने की अपील करते हुए उपमुख्यमंत्री ने उन्हें शिक्षा और खेलकूद में आगे बढ़ने के लिए प्रेरित किया। उन्होंने कहा कि राज्य सरकार गांव के हर व्यक्ति तक विकास का लाभ पहुँचाने के लिए प्रतिबद्ध है। आने वाले समय में न केवल किसानों की आय में वृद्धि होगी, बल्कि रोजगार के अवसरों में भी इजाफा होगा। महिलाएं स्वरोजगार और आत्मनिर्भरता की दिशा में नए कदम बढ़ाएंगी और हर गांव विकास की नई मिसाल बनेगा।

  छत्तीसगढ़ / शौर्यपथ / कृषि उपकरणों पर GST कटौती का फैसला किसानों के लिए ऐतिहासिक राहत है। केंद्र सरकार द्वारा कृषि उपकरणों पर GST दर को 18% से घटाकर 5% कर दिया गया है, जिससे किसानों की उपकरण खरीद पर सीधी बचत होगी और आधुनिक खेती अब और सुलभ हो पाएगी.
किसानों को प्रत्यक्ष लाभ
ट्रैक्टर, थ्रेशर, पावर टिलर, सीडर, रोटावेटर, मल्चर, स्प्रेयर, हार्वेस्टर सहित प्रमुख कृषि उपकरण 18% जीएसटी‌ के बजाय अब मात्र 5% जीएसटी के दायरे में आ गए हैं।

45 HP ट्रैक्टर अब लगभग ₹45,000 सस्ता हुआ है तथा कई अन्य मशीनें ₹10,000 से लेकर ₹1,87,500 तक कम कीमत पर उपलब्ध हैं।

सिंचाई, बायोपेस्टिसाइड, माइक्रो न्यूट्रिएंट्स, ड्रिप इरिगेशन सिस्टम, स्प्रिंकलर्स आदि पर भी टैक्स घटाकर 5% किया गया है।

किसानों के लिए क्या बदलाव आएंगे
छोटी जोत के किसान अब आवश्यक मशीनरी कम कीमत में खरीद सकेंगे, जिससे लागत घटेगी और वे आर्थिक रूप से मजबूत होंगे।

मशीनरी सस्ती होने से खेती में समय की बचत और उत्पादकता बढ़ेगी, जिससे किसानों की आमदनी में सीधा इजाफा संभावित है।

सरकार के इस फैसले से कृषि क्षेत्र में तकनीकी अपनाने की गति बढ़ेगी और आत्मनिर्भर भारत की ओर एक ठोस कदम साबित होगा।



अर्थव्यवस्था और कृषि यंत्रीकरण को बढ़ावा
उपकरण कीमतों में आई कमी से ग्रामीण अर्थव्यवस्था को बल मिलेगा तथा मैन्युफैक्चरिंग इंडस्ट्री को भी लाभ होगा।

जीएसटी दरें घटने के बाद किसान ट्रैक्टर, थ्रेशर आदि उपकरण आसानी से खरीद सकेंगे, जिससे खेती अधिक मुनाफेवाली और वैज्ञानिक होगी।
  नई दरों और उनके लाभ पर विस्तृत कीमतें व तुलना आपको संलग्न PDF में मिलेगी। सरकार का यह निर्णय साफ़ तौर पर किसानों की लागत कम कर उन्हें आर्थिक रूप से सशक्त बनाने की दिशा में मील का पत्थर है।

एम्स रायपुर में शुरू हुई पहली शासकीय रोबोटिक सर्जरी सुविधा ‘देवहस्त’

रायपुर / शौर्यपथ /
अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान (AIIMS) रायपुर ने चिकित्सा सेवाओं के क्षेत्र में एक ऐतिहासिक उपलब्धि दर्ज की है। शनिवार को यहां मध्य भारत की पहली शासकीय रोबोटिक सर्जरी सुविधा ‘देवहस्त’ का शुभारंभ किया गया। इस अवसर पर छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री श्री विष्णु देव साय और स्वास्थ्य मंत्री श्री श्याम बिहारी जायसवाल मुख्य अतिथि के रूप में उपस्थित रहे।

नवीनतम तकनीक से सुसज्जित यह सुविधा न्यूनतम चीरा (Minimally Invasive) पद्धति पर आधारित है, जिससे सर्जरी अधिक सुरक्षित, सटीक और रोगियों के लिए कम दर्दनाक होगी। मरीजों को शीघ्र स्वास्थ्य लाभ, कम अस्पताल प्रवास और बेहतर उपचार परिणामों का लाभ मिलेगा।

मुख्यमंत्री श्री विष्णु देव साय ने इस अवसर पर कहा कि रोबोटिक-असिस्टेड सर्जरी प्रदेश की सार्वजनिक स्वास्थ्य सेवाओं में एक नए युग की शुरुआत है। उन्होंने विश्वास जताया कि यह सुविधा राज्य को चिकित्सा शिक्षा और नवाचार का प्रमुख केंद्र बनाएगी।
स्वास्थ्य मंत्री श्री श्याम बिहारी जायसवाल ने इसे स्वास्थ्य सेवा, चिकित्सा शिक्षा और शोध में एक नया मानदंड करार दिया।

एम्स रायपुर के कार्यकारी निदेशक ले. जनरल अशोक जिंदल (सेवानिवृत्त) ने कहा कि ड्यूल-कंसोल दा विंची Xi सर्जिकल सिस्टम और SimNow जैसे अत्याधुनिक सिमुलेशन प्लेटफॉर्म से प्रशिक्षु चिकित्सकों को अंतरराष्ट्रीय स्तर का प्रशिक्षण मिलेगा। प्रारंभिक चरण में यह सुविधा यूरोलॉजी, जनरल सर्जरी, ईएनटी और स्त्री रोग विभाग में उपलब्ध होगी।

कार्यक्रम के नोडल अधिकारी डॉ. दिव्यज्योति मोहंती और संयोजक डॉ. अमित शर्मा ने बताया कि इस सुविधा से रोगियों को महानगरों की यात्रा किए बिना ही किफायती, विश्वस्तरीय उपचार मिलेगा।

विशेष अवसर पर मुख्यमंत्री ने बी.एससी. नर्सिंग छात्रा सुश्री ज्योत्स्ना किराड़ो को ‘देवहस्त’ नाम सुझाने के लिए सम्मानित किया।

इस पहल से छत्तीसगढ़ ही नहीं, बल्कि पूरे मध्य भारत के रोगियों को जटिल सर्जरी के लिए एक सुलभ और भरोसेमंद विकल्प उपलब्ध होगा।

*बागबाहरा प्रगतिशील छत्तीसगढ़ सतनामी समाज शिक्षक दिवस के अवसर पर खेल सामग्री प्रदान किया गया*

 

 दैनिक शौर्यपत महासमुंद ब्यूरो संतराम कुर्रे 

 

आज प्रगतिशील छत्तीसगढ़ सतनामी समाज बागबाहरा के पदाधिकारियों द्वारा अनुसूचित जाति बालक और कन्या छात्रावास बागबाहरा में जाकर बच्चों से मुलाकात किए और पे बैक सोसाइटी के माध्यम से समाज द्वारा खेल सामग्री प्रदान किया गया। इस मौके पर जिला अध्यक्ष दाऊ विजय बंजारे, ब्लॉक अध्यक्ष श्री चिंता साय, श्री हेमनाथ रात्रे सर और शिक्षा प्रकोष्ठ अध्यक्ष श्री महेंद्र बंजारे , श्री मती निर्मला आवड़े मैडम हॉस्टल अधिक्षिका श्री मती लक्ष्मी साहू और हॉस्टल कर्मचारी गण उपस्थित रहे। दाऊ विजय बंजारे जी बच्चों को अच्छे से पढ़ाई करने और स्वस्थ का भी ध्यान रखने कहा गया, श्री हेमनाथ रात्रे सर बच्चों को कविता बोलकर शिक्षा को अच्छा से ग्रहण करने कहा गया।

बस्तर की आराध्य देवी मां दन्तेश्वरी के रथारूढ़ होने नए रथ निर्माण की हुई शुरुआत

जगदलपुर, शौर्यपथ।  छत्तीसगढ़ के बस्तर क्षेत्र में विश्व प्रसिद्ध ऐतिहासिक बस्तर दशहरा पर्व की दूसरी प्रमुख रस्म 'डेरी गड़ाई' आज पूरे धार्मिक उत्साह और पारंपरिक विधि-विधान के साथ संपन्न हो गई। यह रस्म बस्तर दशहरा की तैयारियों में एक महत्वपूर्ण पड़ाव है, जिसके साथ ही बस्तर की आराध्य देवी मां दंतेश्वरी की परिक्रमा के लिए रथ निर्माण की प्रक्रिया को औपचारिक रूप से शुरू करने की अनुमति प्राप्त हुई। इस अवसर पर सांसद एवं बस्तर दशहरा समिति के अध्यक्ष महेश कश्यप, जगदलपुर विधायक किरण देव, महापौर संजय पांडे, बस्तर कमिश्नर डोमन सिंह, कलेक्टर हरिस एस, जिला पंचायत के मुख्य कार्यपालन अधिकारी प्रतीक जैन सहित क्षेत्र के जनप्रतिनिधिगण, बस्तर दशहरा पर्व के पारंपरिक सदस्य मांझी-चालकी, नाइक-पाइक, मेंबर-मेंबरिन और बड़ी संख्या में स्थानीय समुदाय उत्साहपूर्वक शामिल हुए।

            बस्तर दशहरा पर्व के डेरी गड़ाई रस्म के तहत बिरिंगपाल गांव से विशेष रूप से लाई गई साल की पवित्र टहनियों को सिरहासार में खंभों के साथ विधि-विधानपूर्वक गाड़ा गया। यह प्रक्रिया पारंपरिक वाद्य यंत्रों की स्वर लहरियों के बीच मंत्रोच्चार और परम्परागत रीति-रिवाजों के साथ संपन्न हुई। इस रस्म का महत्व इसलिए भी है क्योंकि यह बस्तर दशहरा के रथ निर्माण की शुरुआत का प्रतीक है। रस्म के दौरान सिरहासार में रथ निर्माण की अनुमति के लिए विशेष पूजा-अर्चना की गई। 

          डेरी गड़ाई रस्म के अवसर पर महिलाओं ने हल्दी खेलने की परंपरा को निभाया, जिसमें वे एक-दूसरे पर हल्दी छिड़ककर उत्सव की खुशी को साझा करती हैं। यह दृश्य स्थानीय संस्कृति की जीवंतता और सामुदायिक एकता को दर्शाता है। हल्दी खेलने की यह परंपरा उत्साह बढ़ाती है। इसके साथ ही सामाजिक समरसता को भी मजबूत करती है। डेरी गड़ाई रस्म के समापन के साथ ही रथ निर्माण का कार्य विधिवत शुरू हो गया है। इस कार्य को झाड़ उमरगांव और बेड़ा उमरगांव के संवरा जाति के कुशल कारीगर संपन्न करेंगे। ये कारीगर अपनी परंपरागत तकनीकों और औजारों का उपयोग करते हुए रथ को तैयार करेंगे, जो आराध्य देवी मां दंतेश्वरी की रथारूढ़ होने के साथ परिक्रमा के लिए उपयोग किया जाएगा। रथ का निर्माण पूरी तरह से पारंपरिक तरीके से किया जाता है, जिसमें आधुनिक उपकरणों का उपयोग नहीं होता। यह प्रक्रिया न केवल कारीगरी का उत्कृष्ट नमूना है, बल्कि बस्तर की सांस्कृतिक धरोहर को भी जीवित रखती है। रथ का उपयोग बस्तर दशहरा के दौरान मां दंतेश्वरी की शोभायात्रा में किया जाएगा। यह रथ उत्सव का एक केंद्रीय प्रतीक है, जो मां दंतेश्वरी के प्रति श्रद्धा और भक्ति का प्रतीक है। रथ की परिक्रमा बस्तर दशहरा के सबसे आकर्षक और धार्मिक दृश्यों में से एक होती है, जिसमें हजारों श्रद्धालु भाग लेते हैं। साथ ही देश-विदेश के सैलानी भी ऐतिहासिक बस्तर दशहरा पर्व के साक्षी बनते हैं।

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