July 02, 2025
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Naresh Dewangan

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जगदलपुर, शौर्यपथ। मुख्यमंत्री विष्णु देव साय ने अपने एक दिवसीय बस्तर प्रवास के दौरान जगदलपुर राजवाड़ा परिसर स्थित मंदिर में मां दंतेश्वरी की दर्शन और पूजा-अर्चना कर प्रदेश की जनता की सुख-समृद्धि एवं खुशहाली की कामना की।मुख्यमंत्री श्री साय के साथ बस्तर दशहरा के माटीपुजारी कमल चंद भंजदेव, वन मंत्री केदार कश्यप, सांसद महेश कश्यप, कांकेर सांसद भोजराज नाग, विधायक किरण देव, कोंडागाँव विधायक लता उसेंडी,चित्रकोट विधायक विनायक गोयल, दंतेवाड़ा विधायक चैतराम अटामी ने भी मां दन्तेश्वरी की पूजा-अर्चना की। 

इस अवसर पर साथ ही पूर्व सांसद और विधायक, पार्षदगण सहित क्षेत्र के अन्य जनप्रतिनिधि एवं कमिश्नर श्री डोमन सिंह, आईजी श्री सुंदरराज पी., कलेक्टर श्री हरिस एस, पुलिस अधीक्षक श्री शलभ सिन्हा समेत जिला प्रशासन के अन्य अधिकारी मौजूद रहे।

जगदलपुर, शौर्यपथ। मुख्यमंत्री विष्णु देव साय के बस्तर जिले के एक दिवसीय प्रवास में मुरिया दरबार में शामिल होने पहुचेंगे। इस दौरान 2 करोड़ 99 लाख 78 हजार से अधिक राशि का बस्तर दसराहा पसरा के विकास कार्य का लोकार्पण किया। दंतेश्वरी मंदिर के समीप स्थित पुराने तहसील कार्यालय को जीर्णोद्धार कर बस्तर दशहरा के लिए समर्पित किया गया है। इसका नाम बस्तर दसराहा पसरा (बस्तर दशहरा हेतु स्थल) दिया गया है। मुख्यमंत्री ने पसरा में बस्तर दशहरा के विभिन्न रस्मों के प्रदर्शित फोटो प्रदर्शनी, प्रतीकात्मक रथ, देवी देवताओं के प्रतिकों की सराहना की। साथ ही प्रतीकात्मक रथ के समीप फोटो भी खिंचवाई। 

इस "दसराहा पसरा" में 75 दिवसीय दशहरा उत्सव में होने वाले मुख्य विधि विधान - पाट जात्रा, डेरी गढ़ाई, काछन गादी, रैला देवी पूजा, जोगी बिठाई, रथ परिक्रमा, बेल पूजा, निशा जात्रा, मावली परघाव, भीतर रैनी-बाहर रैनी काछन जात्रा, कुटुम्ब जात्रा एवं डोली विदाई की जीवन्त प्रतिकृति स्थापित कर जन सामान्य एवं पर्यटकों को सुलभ जानकारी देने का प्रयास किया गया है। 

प्रसिध्द बस्तर दशहरा पर्व छत्तीसगढ़ की अनुठी सांस्कृतिक विशेषतापूर्ण एवं बस्तर के जन-जातियों की आराध्य देवी दन्तेश्वरी तथा स्थानीय देवी-देवताओं की पूजा विधान के रूप में मनाया जाता है। तहसील कार्यालय में पहले से चली आ रही परंपरा अनुसार दशहरा पर्व में शामिल होने वाले क्षेत्र के सभी देवी देवता, आंगादेव, देवी की छत्र की उपस्थिति का दर्ज इसी स्थल पर किया जाता रहा है। इसलिए प्रशासन द्वारा तहसील कार्यालय को अन्य स्थल पर स्थांनातरित कर पुराने तहसील कार्यालय को दसराहा पसरा के लिए चिन्हांकित कर दिया गया है। इस अवसर पर वनमंत्री केदार कश्यप, सांसद महेश कश्यप, कांकेर सांसद भोजराज नाग, विधायक किरण देव, कोंडागाँव विधायक लता उसेंडी,चित्रकोट विधायक विनायक गोयल, दंतेवाड़ा विधायक चैतराम अटामी,महापौर सफिरा साहू, साथ ही पूर्व सांसद और विधायक, पार्षदगण एवं अन्य गणमान्य जनप्रतिनिधि, कमिश्नर डोमन सिंह, आईजी सुंदरराज पी., कलेक्टर हरिस एस, पुलिस अधीक्षक शलभ सिन्हा सहित अन्य गणमान्य जनप्रतिनिधि और अधिकारी उपस्थित थे।

जगदलपुर,शौर्यपथ। स्थानीय मां दंतेश्वरी एयरपोर्ट में मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय के एक दिवसीय बस्तर प्रवास में जगदलपुर आगमन पर जनप्रतिनिधियों और अधिकारियों ने आत्मीय स्वागत किया। मुख्यमंत्री श्री साय का स्वागत वनमंत्री केदार कश्यप, सांसद बस्तर महेश कश्यप, सांसद कांकेर भोजराज नाग, विधायक किरणदेव, कोंडागांव विधायक सुश्री लता उसेण्डी, विधायक चित्रकोट विनायक गोयल, महापौर श्रीमती सफीरा साहू, जिला पंचायत अध्यक्ष श्रीमती वेदवती कश्यप, पूर्व सांसद दिनेश कश्यप,पूर्व विधायक संतोष बाफना, लच्छुराम कश्यप, सुभाऊ कश्यप के साथ-साथ बस्तर कमिश्नर डोमन सिंह, आईजी सुंदरराज पी., सीसीएफ़ आरसी दुग्गा, कलेक्टर हरिस एस.,एसपी शलभ कुमार सिन्हा सहित अन्य गणमान्य जनप्रतिनिधियों ने स्वागत किया।

जगदलपुर, शौर्यपथ। बस्तर मड़ई और क्षेत्रीय सरस मेला का आयोजन 12 से 19 अक्टूबर 2024 तक जगदलपुर के लालबाग मैदान में हो रहा है। इस मेले में लखपति दीदी पहल योजना के तहत रविवार को एक दिवसीय कार्यशाला का आयोजन किया गया। कार्यशाला में छत्तीसगढ़ राज्य ग्रामीण आजीविका मिशन की चीफ ऑपरेटिंग ऑफिसर (सीओओ) और प्रदान व ट्रीफ टीम की उपस्थिति रही।

इस कार्यशाला में सरस मेले में विभिन्न जिलों से आए प्रतिभागियों ने लखपति दीदी पहल योजना के तहत विविध आजीविका गतिविधियों में अपनी सफलताओं को साझा किया। प्रतिभागियों ने कृषि आधारित, पशुपालन, मत्स्य पालन, हस्तशिल्प, उद्यम, वनोपज आधारित गतिविधियों जैसे कोदो, कुटकी, रागी, बेलमेटल, सीसल, आचार, पापड़, बड़ी, कपड़ा बुनाई, अगरबत्ती निर्माण आदि के माध्यम से अपनी आजीविका सुधारने के अनुभव साझा किए। इन गतिविधियों से उनकी आय में महत्वपूर्ण वृद्धि दर्ज की गई है।

इसके अतिरिक्त, इस कार्यशाला में ग्रामीण स्तर पर विकास योजना (वीपीआरपी) और ग्राम पंचायत विकास योजना (जीपीडीपी) पर भी एक दिवसीय प्रशिक्षण का आयोजन किया गया, जिसे ट्रीफ संस्था द्वारा संचालित किया गया। इस प्रशिक्षण का उद्देश्य प्रतिभागियों को स्थानीय विकास और आजीविका सशक्तिकरण के बारे में जानकारी प्रदान करना था, ताकि वे अपने समुदायों में समृद्धि और आत्मनिर्भरता का मार्ग प्रशस्त कर सकें।

सरस मेला में स्थानीय उत्पादों की प्रदर्शनी और सामग्री को बिक्री का आयोजन किया गया है, जिसमें बड़ी संख्या में नागरिकों और आगंतुकों की उपस्थिति देखी जा रही है।

जगदलपुर, शौर्यपथ। बस्तर मड़ई और क्षेत्रीय सरस मेले में विभिन्न विभागों द्वारा लगाई गई प्रदर्शनी में नागरिकों की गहरी रुचि देखी जा रही है। प्रदर्शनी में विभिन्न शासकीय योजनाओं की जानकारी नागरिकों को प्रदान की जा रही है, जिससे वे सरकारी योजनाओं और कार्यक्रमों का लाभ उठाने के लिए प्रेरित हो रहे हैं।

प्रदर्शनी में पुलिस, ग्रामीण विकास, कृषि, वन, महिला एवं बाल विकास, जल संसाधन, स्वास्थ्य विभाग, जनसंपर्क और हथकरधा जैसे प्रमुख विभागों ने अपने स्टॉल लगाए हैं। नागरिकों को इन स्टॉलों पर नियद नेल्लानार, प्रधानमंत्री आवास योजना, स्वच्छ भारत मिशन, प्रधानमंत्री किसान सम्मान निधि, आजीविका मिशन के साथ- साथ केंद्रीय और राज्य की जनकल्याणकारी योजनाओं के बारे में विस्तार से बताया जा रहा है।

मेले में आए स्थानीय कुम्हारपारा निवासी पंकज झा ने कहा, सरकारी योजनाओं के बारे में यहां जो जानकारी मिल रही है, उससे हमें यह समझने में मदद मिल रही है कि हम किस तरह से इन योजनाओं का लाभ उठा सकते हैं। प्रदर्शनी में शासकीय योजनाओं के लाभार्थियों ने भी अपने अनुभव साझा किए, जिससे अन्य नागरिकों को प्रेरणा मिली और वे योजनाओं से जुड़ने के प्रति उत्साहित नजर आए।

 मैदान में चल रहे षेत्रीय सरस मेला में जनता का जबरदस्त उत्साह देखा जा रहा है। मेले में आए लोग बड़ी संख्या में विभिन्न स्टालों पर पहुंचकर स्व-सहायता समूहों और स्थानीय उद्यमियों द्वारा बनाए गए उत्पादों की सराहना कर रहे हैं।

मेले में प्रदर्शित वस्तुओं में हस्तशिल्प, कृषि आधारित उत्पाद, वनोपज, और स्थानीय पारंपरिक खाद्य सामग्री शामिल हैं। विशेष रूप से कोदो, कुटकी, रागी, बेलमेटल उत्पाद, आचार, पापड़, बड़ी, अगरबत्ती, और कपड़ा बुनाई के स्टॉल लोगों का ध्यान आकर्षित कर रहे हैं।

मेले में आई भावना ने कहा यह मेला हमारे स्थानीय कारीगरों और किसानों के उत्पादों को जानने और खरीदने का बेहतरीन अवसर प्रदान करता है। यहां के उत्पाद न केवल गुणवत्ता में श्रेष्ठ हैं बल्कि हमारी सांस्कृतिक धरोहर को भी दर्शाते हैं।

उद्घाटन के बाद से ही मेले में लोगों की भीड़ बढ़ती जा रही है, और स्थानीय उत्पादों की बिक्री में भी इजाफा हो रहा है। मेले में आए प्रतिभागी और आगंतुक न केवल खरीदारी का आनंद ले रहे हैं, बल्कि वे लखपति महिला पहल के तहत सफल महिलाओं की कहानियों से भी प्रेरित हो रहे हैं।

जगदलपुर, शौर्यपथ। जिला प्रशासन द्वारा आयोजित बस्तर मड़ई और पंचायत ग्रामीण विकास के द्वारा जगदलपुर शहर के लालबाग मैदान में आज से प्रारंभ हुए क्षेत्रीय सरस मेले का उद्घाटन छत्तीसगढ़ के वन मंत्री केदार कश्यप ने किया। यह मेला 12 से 19 अक्टूबर तक आयोजित किया जाएगा, जिसमें विभिन्न विभागों के शासकीय योजनाओं पर आधारित प्रदर्शनी और स्व-सहायता समूहों द्वारा उत्पादित वस्तुओं की प्रदर्शनी और बिक्री होगी। इस अवसर पर वनमंत्री श्री कश्यप ने कहा कि बस्तर की सांस्कृतिक विरासत को अक्षुण बनाकर आगामी पीढ़ी को अवगत करवाना है।मुख्यमंत्री के निर्देश पर सरस मेला का आयोजन का करने के लिए जिला प्रशासन का आभार, यह सरस मेला न केवल ग्रामीण अर्थव्यवस्था को सुदृढ़ करने का एक प्रमुख साधन है, बल्कि यह स्थानीय उत्पादों को बाजार उपलब्ध कराकर महिलाओं और ग्रामीण समुदायों को सशक्त बनाता है। मेले में कई जिलों के स्व सहायता समूहों ने हस्तशिल्प, कृषि उत्पाद, जैविक खाद्य पदार्थ, कपड़े, और अन्य स्थानीय वस्तुएं प्रदर्शित की गई हैं।उन्होंने विजयदशमी की सभी को शुभकामनाएँ दी।

कार्यक्रम को संबोधित करते बस्तर सांसद महेश कश्यप ने कहा कि बस्तर दशहरा में सभी समाजों का सहयोग और उनके द्वारा दायित्व का निर्वहन किया जा रहा है। इस प्रदर्शनी के माध्यम से योजनाओं की जानकारी दी जा रही इसका लाभ सभी लेवें। सरस मेला में विभिन्न जिलों से पहुँचे स्व सहायता की दीदियों द्वारा निर्मित उत्पाद को खरीदी कर प्रोत्साहित करें। विधायक किरणदेव ने कहा कि बस्तर का परंपरा दशहरा के अवसर पर शासन की जन कल्याण योजनाओं का विभागों द्वारा लगाया गया है इसका लाभ सभी नागरिक लें। साथ कार्यक्रम में खेलकूद एवं सांस्कृतिक कार्यक्रम का आयोजन किया जा रहा है इसका आनंद भी लें। 

उद्घाटन के अवसर पर केदार कश्यप, विधायक श्री देव, विधायक चित्रकूट विनायक गोयल, महापौर सफीरा साहू सहित अन्य जनप्रतिनिधि ने मेले में लगे विभिन्न विभागों के स्टालों और स्व-सहायता समूहों के स्टालों का निरीक्षण किया।अतिथियों ने विभागों के स्टालों में योजनाओं के हितग्राहियों को सामग्री का वितरण किया। उन्होंने स्व-सहायता समूहों द्वारा तैयार किए गए उत्पादों की सराहना की और उनके माध्यम से स्थानीय स्तर पर रोजगार सृजन और आर्थिक सशक्तिकरण की दिशा में किए जा रहे प्रयासों की प्रशंसा की।इस अवसर पर कमिश्नर डोमन सिंह, आईजी सुंदरराज पी., सीसीएफ आरसी दुग्गा,कलेक्टर हरिस एस, पुलिस अधीक्षक शलभ सिन्हा, एनआरएलएम की मिशन संचालक जयश्री जैन, जिला पंचायत सीईओ प्रकाश सर्वे, वन मंडलाधिकारी उत्तम गुप्ता सहित अन्य अधिकारी उपस्थित थे। उद्घाटन के अवसर पर नागलसर के स्कूली बच्चों ने धुरवा मड़ई का आकर्षक नृत्य का प्रदर्शन किया जिसका सभी ने सराहना की।

सरस मेले में नागरिकों की बड़ी संख्या में उपस्थिति देखी गई और लोगों ने विभिन्न स्टालों पर खरीदारी करते हुए स्थानीय उत्पादों के प्रति रुचि दिखाई। मेले के दौरान सांस्कृतिक कार्यक्रमों का भी आयोजन किया जाएगा, जो लोगों के मनोरंजन के साथ-साथ स्थानीय सांस्कृतिक धरोहर को बढ़ावा देंगे।

 नरेश देवांगन कि खास रिपोर्ट 

जगदलपुर, शौर्यपथ। बायो मेडिकल वेस्ट को लेकर भले ही गंभीरता बरतने के दावे किए जा रहे हों, लेकिन धरातल पर स्थिति कुछ और ही है। स्थिति यह है कि अस्पतालों से व निजी क्लिनिको से प्रतिदिन सैकड़ों किलो बायो मेडिकल वेस्ट कचरा निकलता है, मरीजों को इंजेक्शन लगाने के बाद सिरिंज को भी खुले में फेंक दिया जाता है। अस्पतालों से बॉयो वेस्ट का निस्तारण भी नियमित रूप से नहीं होता। बॉयो वेस्ट सड़क किनारे कूड़े में फेंक दिया जाता है। मेडिकल कचरा खुले में डालने से पशुओं और लोगों को उनसे इंफेक्शन होने खतरा रहता है। बायो मेडिकल कचरा स्वास्थ्य एवं पर्यावरण के लिए अत्यंत खतरनाक है। इससे न केवल बीमारियां फैलती है बल्कि जल, थल एवं वायु सभी दूषित होते हैं। ऐसा ही मामला शहर के जिला पशु चिकित्सालय जगदलपुर परिसर का है जहा यहाँ के कर्मचारी सामान्य कचरे के जैसे बायो मेडिकल वेस्ट को खुले में फेंक कर उसे जला रहे है. जिससे आस पास के लोगो के सेहत को नुकसान हो रहा है , इस मामले पर जिम्मेदार अधिकारी बायोमेडिकल वेस्ट का उचित प्रबंधन व निष्पादन के लिए कोई व्यवस्था नहीं कर रहे है । समाप्त हो चुकी दवाइयां,सुइयां, ब्लेड, खाली बोतलें, शीशियां और अन्य औषधीय अपशिष्ट मेडिकल कचरे को परिसर के अंदर प्रतिदिन जमीन पर खुले में जलाया जा रहा है. इसका खामियाजा कार्यालय के आस पास के लोगो को भुगतना पड़ रहा है। वही आस पास के लोगो ने नाम नहीं छापने कि सर्त में बताया कि परिसर में प्रतिदिन मेडिकल वेस्ट को जलाया जाता है जिससे भीषण बदबू आस पास फैली रहती ही जिसकी शिकायत अधिकारी से कई बार कि गई है लेकिन विभाग के अधिकारी इस पर गंभीर नहीं है। अब देखने वाली बात है कि खबर प्रकाशित होने के बाद इस पर जिम्मेदार अधिकारी गैरजिम्मेदार लोगों पर क्या कार्यवाही करते है?

नरेश देवांगन कि खास रिपोर्ट 

जगदलपुर, शौर्यपथ। 24 सितंबर को शौर्यपथ ने एक खबर प्रकशित कि थी कि उड़ीसा बॉर्डर ग्राम धनपुंजी में रूपारेला डाइगोनास्टिक सेंटर का संचालन बिना नर्सिंग होम पंजीयन किये ही डॉक्टर की अनुपस्थिति में ईसीजी, एक्स-रे व खून का सैंपल अप्रशिक्षित युवक के द्वारा किया जा रहा है, जिसकी विभाग को एक लिखित शिकायत भी मिली है. बावजूद इसके भी लगभग दो हफ्ते पुरे होने को है विभाग कुंभकर्णी नींद में सोया है, यही कारण है कि रूपारेला डाइगोनास्टिक सेंटर के संचालक बिना किसी डर के नियमों को ताक पर रखकर संचालन कर रहे है. विभाग के जिम्मेदार अधिकारी को लिखित शिकायत व खबरों के माध्यम से जानकारी दी गई कि बिना लैब टेक्नीशियन व डॉक्टर की मौजूदगी में कार्य संचालन किया जा रहा है संज्ञान में लाने के बाद भी अधिकारी संवेदनशील नहीं दिखाए दे रहे है. अब देखने वाली बात है कि विभाग के जिम्मेदार कब कुंभकरनी नींद से जागते है ओर मामले को गंभीरता से लेकर कार्यवाही करते है ? जबकि पूर्व में मुख्य चिकत्सा अधिकारी व स्वास्थ्य अधिकारी ने इस मामले में बहुत जल्द जाँच कर कार्यवाही करने कि बात कही थी बावजूद इसके भी साहब कि ऐसी क्या मज़बूरी है कि लगभग दो हफ्ते होने को है कार्यवाही नहीं कर साहब मूकदर्शक बन बैठे है? इस मामले में साहब कार्यवाही करने में रूचि नहीं ले रहे है या रूपारेला डाइगोनास्टिक सेंटर पर कार्यवाही करने में साहब के पसीने छूट रहे है?

जगदलपुर, शौर्यपथ। विश्वप्रसिद्ध ऐतिहासिक बस्तर दशहरा पर्व को निर्विघ्न सम्पन्न करवाने के लिए शुक्रवार शाम को जोगी बिठाई की पूजा विधान सीरासार भवन में पूरी की गई। ज्ञातव्य है कि ऐतिहासिक बस्तर दशहरा पर्व को निर्बाध रूप से सम्पन्न करवाने के लिए जिले के भानपुरी तहसील के छोटे आमाबाल निवासी पारम्परिक रूप से निर्धारित परिवार के युवक सदियों से उक्त अनूठी और सर्वाधिक महत्वपूर्ण रस्म को अदा करते हैं। जो दशहरा पर्व को निर्विघ्न संपन्न करवाने के लिए नियत दिवस तक कठोर उपासना में लीन रहते हैं। ऐतिहासिक बस्तर दशहरा पर्व के जोगी बिठाई विधान के मौके पर विधायक जगदलपुर किरण देव सहित क्षेत्र के अन्य जनप्रतिनिधियों सहित पारम्परिक नेतृत्वकर्ता मांझी-चालकी, मेम्बर-मेम्बरीन, नाईक-पाईक, पुजारी, सिरहा-गायता और सेवादार और कलेक्टर हरिस एस. और बस्तर दशहरा समिति के पदाधिकारी तथा जिला प्रशासन के अधिकारी-कर्मचारी तथा बड़ी संख्या में श्रद्धालु गणमान्य नागरिक मौजूद रहे।

नरेश देवांगन कि खास रिपोर्ट 

जगदलपुर, शौर्यपथ। दलपत सागर तालाब छत्तीसगढ़ कि सबसे बड़ी कृत्रिम तालाबों में से एक है। 400 वर्ष पहले दलपत देव ने खेतो कि सिचाई के सात ही पशुओ के पानी पिने के उद्देश्य से दलपत सागर का निर्माण करवाया था। इस तालाब के मध्य में एक द्वीप नुमा छोटा सा स्थल है जिस पर प्राचीन मंदिर स्थित है। तालाब 354 एकड़ में फैला है। वर्तमान में दलपत सागर का अस्तित्व यहाँ फैले जलकुम्भी कि वजह से खतरे में है जिसको लेकर नगर निगम लगातार जीणोद्धार के नाम पर करोड़ों रुपये खर्च करने के बाद भी नाकामयाब साबित हो रही है. नगर निगम ने लाखों की लागत से विड हार्वेस्टिंग मशीन खरीदा और हर रोज यह मशीन जलकुंभी निकालने के लिए सागर में चलाई जाती है. इस मशीन में हर महीने लाखों रुपये ईंधन के लिए खर्च होते हैं. बावजूद इसके दलपत सागर में जलकुंभी जस की तस बनी हुई है, जलकुम्भी कि सफाई करने में निगम विफल साबित हो रही है वर्तमान में तलाब के 50 प्रतिशत से भी अधिक जगह में जलकुम्भी फैला है। लेकिन एक चौकाने वाली खबर सामने आ रही है जिस तलाब को सवारने सुधारने के लिए लगातार निगम करोड़ों रुपए खर्च कर रही है उसी निगम के पास जनता के पैसे को किये गए खर्च का हिसाब नहीं है । जबकि पिछली सरकार ने रामवन गमन पथ से जोड़कर इसके सौंदर्यीकरण के लिए करोड़ों का बजट पास किया था. राशि से दलपत सागर में दर्जनों नई लाइट तो लगाए गए और आइलैंड का जिर्णोद्धार किया गया बावजूद इसके भी शहर के वरिष्ठ अधिवक्ता संकल्प दुबे ने निगम से सुचना के अधिकार के तहत दलपत सागर में बीते 15 साल में कितनी राशि मेंटनेस में खर्च कि गई है जानकारी चाही लेकिन निगम ने उन्हें मात्र 2 महीने खर्च कि गई राशि के तस्तावेज उपलब्ध कराये है। जबकि लगातार इस तलाब के जीणोद्धार के लिए राशि ख़र्च किया जाता रहा है ऐसे में खर्च का हिसाब निगम के पास क्यों नहीं है ? इस पुरे मामले कि लिखित शिकायत वरिष्ठ अधिवक्ता संकल्प दुबे ने कलेक्टर को दी है। 

शहर के वरिष्ठ अधिवक्ता संकल्प दुबे ने बताया कि उनके द्वारा नगर निगम जगदलपुर से सुचना के अधिकार के तहत एक सामान्य सा सवाल नगर निगम से किया कि पिछले 15 वर्षों में दलपत सागर को क्लीन करने के लिए क्या-क्या स्टेप लिए हैं साथ ही एक और आवेदन किया कि दलपत सागर को सफाई करने में और मेंटेनेंस में कितनी राशि खर्च की गई है जिसकी जानकारी प्राप्त नहीं होने पर प्रथम अपील किया जिसके बाद 2021 के कुछ आधे अधूरे दस्तावेज प्राप्त हुए जिसमें दो से तीन माह के दस्तावेज है. जिसे देखने से पता चल रहा है कि निगम के पास कोई पुक्ता जानकारी नहीं है. जो भी कार्य निगम के माध्यम से हुई है वह जनता के टैक्स के पैसे से कि गई है. जबकि लगातार देखा जा रहा है कि दलपत सागर कि सफाई को लेकर राशि खर्च की जा रही है. इस पुरे मामले कि जानकारी कलेक्टर से मिल एक लिखित शिकायत भी दी है कि आज तक मेंटेनेंस में निगम कितनी राशि खर्च की गई है और क्या-क्या कदम उनके द्वारा उठाए गए इसकी तत्काल जांच होनी चाहिए. इस मामले में कलेक्टर ने तत्काल कार्रवाई करने का आश्वासन दिया है. दलपत सागर हमारे शहर का बहुत पुराना तालाब है शहर की शोभा है लोग अपने हाथों से श्रमदान करते हैं. पब्लिक का पैसा कहां लगाया जा रहा है किस काम में कितना खर्च किया जा रहा है हमारा अधिकार है हम जानकारी प्राप्त करेंगे. रही बात इस मामले की अगर यहां से सही कार्रवाई नहीं होगी तो 'जनहित याचिका (Public Interest Litigation-PIL)' हाईकोर्ट में जल्द फाइल करूंगा।

इस मामले में नगर निगम आयुक्त श्री मंडावी का कहना है कि आरटीआई में बहुत सारे नियम बने हुए हैं. संबंधित व्यक्ति जवाब से संतुष्ट नहीं है तो अपील कर सकता है. दलपत सागर की सफाई के लिए लगातार विड हार्वेस्टिंग मशीन चलाया जा रहा है।

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