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जगदलपुर, शौर्यपथ। 3 दिनों से लापता पत्रकार मुकेश चंद्राकर के शव मिलने के बाद से बीजापुर में पत्रकारों में रोष देखने को मिल रहा है, पत्रकार के शव मिलने के बाद मौके पर बीजापुर एसपी से लेकर पुलिस की कड़ी सुरक्षा व्यवस्था तैनात कर दिया गया था, वही पत्रकार के हत्यारे को गिरफ्तार करने के साथ आरोपियो को फाँसी देने की मांग की है, वही एसपी को भी गिरफ्तार करने की मांग की गई है,
बताया जा रहा है कि बस्तर के बीजापुर जिला के पत्रकार मुकेश चंद्राकर की बेरहमी से हत्या कर दी गई, साथ ही शव को सेप्टिक टैंक में डाल दिया गया था, मुकेश के लापता होने की रिपोर्ट उसके बड़े भाई ने पुलिस थाने में दर्ज कराया था, जहाँ बताया कि पत्रकार मुकेश चंद्राकर 1 जनवरी से अपने घर से लापता है, जिसके बाद से मुकेश चंद्राकर की लगातार खोजबीन की जा रही थी, बीजापुर एसपी जितेंद्र यादव द्वारा जारी विज्ञप्ति में पत्रकार मुकेश चंद्राकर की हत्या की पुष्टि की गई है, जिसमें बताया गया है कि 3 जनवरी शुक्रवार शाम को बीजापुर के चट्टानपारा बस्ती के ठेकेदार सुरेश चंद्राकर के परिसर में एक सेप्टिक टंकी के अंदर से मृतक पत्रकार मुकेश चंद्राकर शव बरामद किया गया है, वहीं इस हत्या में शामिल कई संदिग्धों से पुलिस पूछताछ कर रही है।
मुकेश चंद्रकार बीजापुर जिले में पिछले कई वर्षाें से पत्रकारिता कर रहे हैं। पुलिस के अनुसार 1 जनवरी की शाम टी-शर्ट और शॉर्ट्स में ही घर से बाहर निकले थे। कुछ देर के बाद उनका फोन बंद हो गया। जब रात तक घर नहीं लौटे तो उनके भाई और पत्रकार युकेश चंद्रकार ने करीबियों के घर, शहर में अलग-अलग जगह पता लगाया। लेकिन मुकेश चंद्राकर की कोई खबर नहीं मिली। जिसके बाद भाई युकेश चंद्रकार ने पुलिस थाने में गुमशुदगी की रिपोर्ट दर्ज करवाई थी। उसके बड़े भाई यूकेश चंद्राकर ने पुलिस काे बताया था कि कुछ दिनों पहले मुकेश चंद्राकर ने गंगालूर से नेलसनार तक 45 किलोमीटर की करोड़ों की लागत से बन रहे सड़क के भ्रष्टाचार की खबर प्रकाशित किया था, बीजापुर के युवा पत्रकार मुकेश चंद्राकर बीजापुर के निर्भिक, प्रतिभाशाली पत्रकाराें में से एक थे, बस्तर संभाग के नक्सल इलाकाें की अच्छी जानकारी रखते है। अंदरूनी इलाकाें के ज्वलंत मुद्दाें काे हमेंशा लाेगाें तक पंहुचाने में अहम भूमिका निभाते रहे हैं। युवा पत्रकार मुकेश चंद्राकर नक्सलियाें के कब्जे से जवानाें काे रिहा करवाने में भी महत्वपूर्ण याेगदान दे चुके थे,
मुकेश के शव मिलने के बाद शनिवार की सुबह से पत्रकारों के द्वारा नेशनल हाईवे को जाम करने के साथ ही आरोपियो के साथ ही बीजापुर एसपी को भी गिरफ्तार करने की मांग की गई है।
जगदलपुर, शौर्यपथ। बीजापुर के युवा पत्रकार की हत्या की खबर के फैलते ही पूरे छत्तीसगढ़ के पत्रकारों ने इस मामले से जुड़े आरोपियों को जहाँ फाँसी की सजा देने की मांग पर अड़ गए है, वही घटना की जानकारी लगने के बाद वन मंत्री और बस्तर सांसद पत्रकार के घर पहुँच श्रधांजलि अर्पित की, बता दे कि युवा पत्रकार मुकेश चंद्राकर की हत्या के विरोध में बस्तर संभाग के पत्रकारों द्वारा शनिवार को बीजापुर बंद का आह्वान किया गया। हत्या के विरोध में बीजापुर अस्पताल चौक में दो घंटे का सांकेतिक चक्का जाम भी किया गया, वही घटना को लेकर जहाँ वनमंत्री केदार कश्यप से लेकर बस्तर सांसद महेश कश्यप शनिवार की सुबह पत्रकार मुकेश के घर पहुँच श्रधांजलि अर्पित की,वही पत्रकारों के द्वारा मुकेश की हत्या के बाद 5 सूत्रीय मांग भी रखी है, अगर इन मांगों पर कार्यवाही नही होने पर 5 जनवरी से हड़ताल शुरू होने की बात पत्रकार संघ के द्वारा कही जा रही है,
1.बीजापुर सहित बस्तर संभाग में सुरेश चंद्राकर की जितनी भी संपत्तियां है उसे जब्त कर सरकारी संपत्ति घोषित की जाए
2.हत्याकांड में संलिप्त सुरेश चंद्राकर,रितेश चंद्राकर और अन्य लोगों के खिलाफ विभिन्न धाराओं के तहत FIR तथा फांसी की सजा हो
3.सुरेश चंद्राकर की सुरक्षा में लगाए जवानों को हटाया जाए
4.सुरेश चंद्राकर को जारी सभी टेंडर रद्द किया जाए,सभी बैंक खाते,पासपोर्ट सील किए जाए
5.घटना स्थल चट्टान पारा में बने अवैध बाड़ा को तत्काल निस्तेनाबूत किया जाए था गंगालूर रोड पर स्थित प्लांट सील किया जाए तथा गाड़ियों को राजसात किया जाए
6.पुलिस अधीक्षक बीजापुर जितेंद्र सिंह को तत्काल सस्पेंड या तबादला किया जाए
7.युवा पत्रकार मुकेश चंद्राकर को शहीद का दर्जा दिया जाए.
उक्त मांगें नहीं माने जाने पर 5 जनवरी से बीजापुर में अनिश्चिकालीन चक्का जाम किया जाएगा।
जगदलपुर, शौर्यपथ। बस्तर के बीजापुर में पत्रकार मुकेश चंद्राकर की हत्या की प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष दीपक बैज ने कड़ी निंदा करते हुये कहा कि प्रदेश में पत्रकार भी सुरक्षित नहीं है। प्रदेश की बिगड़ती कानून व्यवस्था अब असहनीय हो चुकी है। राजधानी से शुरू हुआ हत्याओं का खौफनाक मंजर अब बस्तर तक पहुंच गया है। मुख्यमंत्री की बस्तर में मौजूदगी के दौरान ही जगदलपुर में एक चिकित्सक की पत्नी की हत्या हो गयी। प्रदेश की बिगड़ चुकी कानून व्यवस्था का शिकार अब लोकतंत्र का चौथा स्तंभ भी हो रहा है। पत्रकार को अपनी निष्पक्ष पत्रकारिता की कीमत जान देकर चुकानी पड़ रही है। पत्रकार का शव साय राज में सेप्टिक टैंक में मिल रहा है।
प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष दीपक बैज ने कहा कि 48 घंटे में राजधानी में पांच हत्या की घटना हुई है, रोज हो रही हत्याओं से पूरे प्रदेश में भय का माहौल, प्रदेश में हत्या और चाकूबाजी की घटनाएं लगातार बढ़ती जा रही है। सरकार कुंभकर्णी निद्रा में सोई हुई है। जब से राज्य में भाजपा की सरकार बनी है, प्रदेश के सभी जिलों में रोज हत्या हो रही है। राजधानी रायपुर में औसतन रोज तीन हत्या हो रही है। हर शहर में ऐसा कोई दिन नहीं होता, जब भयावह हत्या की एक-दो घटनाएं न होती हो, अपराधी इतने बेखौफ हो गये है कि सरेआम सड़क पर दौड़ा-दौड़ाकर चाकू मार रहे, पुलिस मूकदर्शक बनी रहती है। रोज हो रहे सामूहिक दुष्कर्म की घटनाओं से प्रदेश शर्मसार। पूरे प्रदेश में नागरिकों को भय के माहौल में जीवन जीना पड़ रहा है। साय सरकार के राज में महिलाओं के प्रति अपराधों में बेतहाशा बढ़ोतरी हो गयी है। मासूम बच्चियों के साथ घृणित दुराचार की घटनाएं बढ़ गयी। रोज समाचारों में प्रदेश भर में तीन से चार मासूब अबोध बच्चियों के साथ तथा सामूहिक दुराचार की घटनाओं की खबरें सामने आ रही।
प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष दीपक बैज ने कहा कि भाजपा सरकार की प्राथमिकता में कानून व्यवस्था है ही नही। इसलिये अपराधिक घटनाये बढ़ रही है। सरकार अपराधियों पर लगाम कसने के बजाये उनकी संरक्षक बन गयी है। प्रदेश की कानून व्यवस्था दिनोंदिन और बिगड़ते जा रही है और सरकार मूकबधिर बनकर बैठी हुई है अब तो हत्या, अपराध की घटनाये बर्दाशत के बाहर हो गयी है। सरकार निकम्मी और लाचार बन गयी है मुख्यमंत्री से सरकार नही संभल रहा, गृहमंत्री से गृह विभाग नही संभल रहा है।
जगदलपुर, शौर्यपथ। मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय ने कहा कि बस्तर जैसे क्षेत्र में पत्रकारिता करना एक बड़ी चुनौती है, क्षेत्र की समस्याओं, आम जनता की आवाज बनकर शासन-प्रशासन के समक्ष प्रस्तुत करने की साहस को नमन है। बस्तर के विकास हेतु पत्रकारों के प्रयास सतत जारी रहे, आप लोंगों के प्रयास से प्रदेश की नकारात्मक छवि को दूर करने में सहायक हुए। छवि में सुधार होने के साथ ही इस बार तीस लाख से अधिक पर्यटक प्रदेश के पर्यटन स्थलों में पहुँचे है । उन्होंने बस्तर पत्रकार संघ के नव निर्वाचित पदाधिकारियों को बधाई और शुभकामनाएँ दी ।
कार्यक्रम में मुख्यमंत्री श्री साय ने बस्तर पत्रकार संघ के नव निर्वाचित पदाधिकारियों को पदीय दायित्व के प्रति निष्ठा, समर्पण की शपथ दिलवाई । कार्यक्रम को उप मुख्यमंत्री अरुण साव ने पदाधिकारियों को बधाई देते हुए कहा कि लोकतंत्र के चौथे स्तंभ के रूप में पत्रकारिता के उच्च आदर्शों का पालन कर सरकार के अच्छे काम की जानकारी जनता को दें तथा कमियों को भी बताएं। वनमंत्री केदार कश्यप ने संघ के पदाधिकारियों को बधाई देते हुए कहा कि बस्तर की समस्याओं को आवाज बनने में पत्रकारिता की महत्वपूर्ण भागीदारी रही है । विधायक जगदलपुर किरण देव ने नव नियुक्त पदाधिकारियों को बधाई दी और कहा कि पत्रकारिता के नए आयाम स्थापित करने में बस्तर के पत्रकारों महत्वपूर्ण भूमिका रही है। कार्यक्रम में बस्तर पत्रकार संघ के अध्यक्ष मनीष गुप्ता ने स्वागत उद्बोधन दिए। इस अवसर पर खेल मंत्री टंकराम वर्मा, चित्रकोट, दंतेवाड़ा और केशकाल विधायक सहित अन्य गणमान्य अतिथि उपस्थित थे ।
जगदलपुर, शौर्यपथ। बस्तर लोकसभा क्षेत्र के अंतर्गत अनेको ग्राम पंचायत में बुधवार को आयोजित कई कार्यक्रम में बस्तर सांसद महेश कश्यप शामिल हुए हैं। ग्राम पंचायत गारावंड में बस्तर सांसद महेश कश्यप ने सांसद निधि से स्वीकृत नेगीगुड़ा सेठिया पारा से खेत तक 200 मीटर के सीसी सड़क लागत मूल्य 7,50 लाख का भूमिपूजन किया है। इस दौरान बस्तर सांसद महेश कश्यप ने कहा की भाजपा सरकार क्षेत्र के साथ ही संपूर्ण प्रदेश के विकास को नई रफ़्तार देने के लिए प्रतिबद्ध है। लगातार डबल इंजन की सरकार जनता को हर प्रकार से सुविधा पहुँचाने की ओर कार्य कर रही है। सुदूर क्षेत्रो में सरकार के माध्यम से सड़क,पुल, पुलिया, पानी, बिजली पहुँचाने का प्रयास किया जा रहा है। श्री कश्यप ने कहा की दिल्ली में बैठे प्रधानमंत्री को बस्तर के जनता की चिंता है। इसलिए वह हम जैसे उनके सेनापतियों को आपके बीच भेजकर आपकी हर एक मूलभूत सुविधाओं को पूरा करने का कार्य कर रहे है। मेरे लोकसभा क्षेत्र के क्षेत्रवासियों को उनकी सभी मूलभूत सुविधाओं को मुहैया करवाना मेरा परम् कर्तव्य है।
*विश्व हिन्दू परिषद के हनुमान चालीसा पाठ में कार्यक्रम में सांसद हुए शामिल*
माड़पाल में विश्व हिंदू परिषद की ओर आयोजित 12 घण्टे से चल रहे हनुमान चालीसा पाठ के समापन अवसर पर बस्तर सांसद महेश कश्यप ने शामिल हो कर पूजा अर्चना किया है।
जगदलपुर, शौर्यपथ। जांजगीर चांपा जिले के सक्ति में सनातन हिन्दू पंचायत सम्मेलन कार्यक्रम में बस्तर सांसद महेश कश्यप शामिल हुए।
विराट हिन्दू सम्मेलन कार्यक्रम में रामबालक दास महाराज , साध्वी प्रज्ञा ठाकुर ,बस्तर सांसद महेश कश्यप व भाजपा नेता प्रबल प्रताप जूदेव ने 600 परिवार के लोगो के पैर धुलाकर एवम तिलक लगाकर उन्हें मूल हिन्दू धर्म वापसी कराया है। इस कार्यक्रम में बाबा रामबालक दास, बाबा रामरूप दास, बाबा अजय उपध्याय ने मौजूद लोगों को धर्म के प्रति प्रवचन के माध्यम से जागरूक किया।
जगदलपुर, शौर्यपथ। जिला रोजगार एवं स्वरोजगार मार्गदर्शन केन्द्र आड़ावाल जगदलपुर में 31 दिसम्बर दिन मंगलवार को प्रातः 11 बजे से सांयकाल 04 बजे तक प्लेसमेंट कैम्प का आयोजन किया गया है। जिसमें एक निजी नियोजक के कुल 23 पदों एकाउंटेंट, सुपरवाइजर, वेल्डर, मोटर मेकेनिक एवं सेल्स मैनेजर हेतु योग्य अभ्यर्थियों का किया जाएगा। पदों के लिए आवश्यक शैक्षणिक योग्यता क्रमशः बीकॉम या एमकॉम, स्नात्तक, आईटीआई डिप्लोमा तथा स्नात्तक अथवा एमबीए होना चाहिए। इच्छुक आवेदक निर्धारित स्थल पर समयावधि में अपनी समस्त शैक्षणिक दस्तावेजों की मूल प्रतियां, एक सेट छायाप्रतियां, एक पासपोर्ट साईज फोटोग्राफ सहित उपस्थित होकर प्लेसमेंट कैम्प में शामिल हो सकते हैं। यह आयोजन पूर्णतः निःशुल्क है।
जगदलपुर, शौर्यपथ। परिस्थितियां चाहे कितनी भी विपरीत हो पर यदि सपनों को परवान देने की ताकत है और मजबूत इरादे हैं, तो हौसले कभी नहीं टूटते और इसकी एक बानगी देखने को मिली बस्तर ओलंपिक में, जहां पर नक्सल हिंसा में दिव्यांग हुए खिलाड़ियों ने अपने मजबूत इरादे के साथ उत्कृष्ट खेल प्रतिभा का प्रदर्शन किया। ऐसे ही नक्सली हिंसा को छोड़ मुख्य धारा में आएं आत्मसमर्पित आरक्षक बने सुकमा जिले के अंतर्गत दोरनापाल के गांव पालेमपाठ निवासी पुनेम सन्ना ने भी व्हील चेयर में दौड़ लगाई। उन्होंने बताया कि वह करीब 22 साल की उम्र में सन् 2000 में नक्सलियों के सम्पर्क में आया। मुझे बताया गया कि सशस्त्र विद्रोह से ही हमारे जीवन में बदलाव आएगा, मुझे तो खाना मिल जाता था पर मेरे घर वाले भूखे ही रहते थे और वे मुश्किल से जीवन-यापन करते थे। ये सब देखकर मैं छत्तीसगढ़ सरकार की समर्पण नीति से प्रभावित होकर 2012 में समर्पण कर मुख्य धारा में आया। मुख्य धारा में आने के बाद सन 2013 मुझे डीआरजी में आरक्षक के रूप में नियुक्त किया गया। मुझे और मेरे परिवार को इसकी कीमत भी चुकानी पड़ी। नक्सलियों ने मेरे बड़े भाई जोगा सन्ना को भी मौत के घाट उतार दिया। अगस्त 2013 में गस्ती के दौरान अचानक नक्सलियों ने अंधाधुंध फायरिंग सहित बम ब्लास्ट हुई। मेरे साथी जवान शहीद हुए और मेरा बायां पैर बुरी तरह से प्रभावित हो गया। जिससे मैं अब चलने में असमर्थ हूं। परन्तु मेरे इरादे नहीं टूटे है और आज इस बस्तर ओलम्पिक में दौड़ रहा हूं। मेरे परिवार में अभी पत्नी पूनम नंदे और 3 बच्चे हैं। परिवार में 2 लड़का और एक लड़की हैं जिसमें एक लड़का चैथी और लड़की पहली कक्षा में पढ़ रही है। सबसे छोटी बच्ची 2 साल की हुई है अभी आंगनबाड़ी जा रही है।
*बस्तर ओलंपिक के रंग में डूबा पूरा बस्तर, उमड़ पड़ा पूरा शहर*
बस्तर ओलम्पिक के समापन समारोह में पूरा बस्तर उमड़ पड़ा एक तरफ मांझी-चालकी, सिरहा, गुनिया, विभिन्न आदिवासी समाज के प्रमुख, राजनीतिक हस्तियां, साहित्यकार, शामिल हुए। वहीं दूसरी ओर खेल खिलाड़ी एवं नक्सल हिंसा से प्रभावित तथा नक्सली हिंसा को छोड़ मुख्यधारा में आएं समर्पित माओवादी ने बढ़चढ़ कर हिस्सा लिया।
जगदलपुर, शौर्यपथ। बस्तर ओलंपिक 2024 के समापन सत्र में आया हूं और आज बस्तर बदल रहा है, लेकिन आपको विश्वास दिलाता हूं कि मैं 2026 के बस्तर ओलंपिक के उद्घाटन समारोह में आऊंगा और कहूंगा कि बस्तर बदल चुका है। बस्तर ओलंपिक केवल 1 लाख 65 लोगों की खेल प्रतिस्पर्धा तक सीमित नहीं है बल्कि यह समूचे बस्तर के उम्मीदों की पहचान बनने वाला है। केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने रविवार को बस्तर ओलंपिक 2024 के समापन सत्र में मार्च 2026 तक नक्सल उन्मूलन के संकल्प को दोहराते हुए यह बातें कही।
केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह और मुख्यमंत्री विष्णु देव साय ने समापन सत्र के दौरान नुवा बाट के व्हीलचेयर रेस, रिले रेस, रस्साकसी सहित अन्य प्रतिस्पर्धाओं का फाइनल मुकाबला देखा। साथ ही बस्तर अंचल के प्रसिद्ध नृत्य, नुक्कड़ नाटक और सांस्कृतिक प्रस्तुतियां भी देखी। कार्यक्रम में गृह मंत्री अमित शाह और मुख्यमंत्री विष्णु साय सहित अतिथियों ने बस्तर ओलंपिक 2024 के विजेताओं यूथ आइकॉन को प्रशस्ति पत्र और मेडल देकर सम्मानित किया। इस दौरान बस्तर ओलंपिक 2024 के विधिवत घोषणा की गई और ध्वज मुख्य अतिथि को सौपा गया।
केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने कहा कि बस्तर ओलंपिक नक्सलवाद के कॉफिन में अंतिम कील ठोकने का काम करेगा। बस्तर ओलंपिक लाखों आदिवासी युवाओं को गलत रास्ते में जाने से रोकेगा और उन्हें भारत निर्माण से जोड़ेगा। श्री शाह ने कहा कि बस्तर ओलंपिक क्षेत्र में शांति सुरक्षा और विकास की नई नींव डालने वाला है। बस्तर बदल रहा है, से बस्तर बदल गया, के यात्रा की शुरुआत इस ओलंपिक ने की है। केंद्रीय मंत्री श्री शाह ने कहा कि दुनिया में जब भी भारत को किसी स्पर्धा में मेडल मिलता है तो उसमें से आधे मेडल हमारे आदिवासी बच्चें लेकर आते हैं। उन्होंने कहा कि खेलों की और विकास की जो आज शुरुआत हुई है, वह आने वाले दिनों में बस्तर के आदिवासी बच्चों के लिए विश्व भर के क्षितिज खोलेगा। श्री शाह ने नक्सलवाद को छोड़कर मुख्य धारा से जुड़ने वाले सभी खिलाड़ियों को शुभकामनाएं दी।
*गत एक साल में छत्तीसगढ़ सरकार ने लिखी बस्तर के विकास की नई इबारत*
केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने कहा कि नक्सली हिंसा से प्रभावित दिव्यांगों की जो आज व्हीलचेयर रेस हुई है, यह बस्तर के विकास की रेस है। उन्होंने कहा कि एक दौर था जब बस्तर में मूलभूत सुविधाएं तक नसीब नहीं थी, लेकिन पिछले 1 साल में छत्तीसगढ़ सरकार ने बस्तर के विकास की नई इबारत लिखी है और बस्तर के गांव-गांव तक शासकीय योजनाओं का लाभ लोगों को मिल रहा है। केंद्रीय मंत्री श्री शाह ने कहा कि डबल इंजन की सरकार में नक्सलियों के खिलाफ अभियान में तेजी आई और पिछले 1 साल में नक्सल मोर्चे पर बड़ी सफलता हासिल हुई है।
केंद्रीय गृह मंत्री श्री शाह ने कहा कि आज मैने नुवा बाट दस्ते की प्रतिभा को देखा और मेरा मन संवेदना से भर गया। ये नुवा बाट खिलाड़ियों का दस्ता देश के लिए उम्मीद की नई किरण है। उन्होंने बस्तर के युवाओं से कहा कि हार मानने वाला कभी नहीं जीतता बल्कि जीतता वो है जो कभी हार नहीं मानता। मुझे पूरा विश्वास है कि 2026 के ओलंपिक में जब बस्तर की कोई बेटी मेडल लेकर आएगी तो देश को उस पर गर्व होगा और हम इसी संकल्प के साथ आगे बढ़ रहे हैं। केंद्रीय मंत्री श्री शाह ने आदिवासी क्षेत्रों के लिए केंद्र सरकार द्वारा चलाई जा रही योजनाओं की जानकारी दी। उन्होंने एकलव्य स्कूल, आदिवासी आदर्श ग्राम योजना, प्रधानमंत्री पीवीटीजी डेवलपमेंट मिशन, जनजाति उन्नत ग्राम योजना सहित अन्य योजनाओं से जुड़ी जानकारी साझा की।
*नक्सलवाद का समाधान केवल पुलिस कार्रवाई से नहीं, बल्कि शिक्षा, खेल और रोजगार के सकारात्मक अवसर प्रदान करना*
मुख्यमंत्री विष्णु देव साय ने बस्तर ओलंपिक में भाग लेकर प्रतिभागियों को ऐतिहासिक सफलता के लिए बधाई देते हुए कहा कि बस्तर ओलंपिक का यह आयोजन केवल खेल नहीं है, बल्कि बस्तर की संस्कृति, उत्साह और प्रतिभा का उत्सव है। यह आयोजन एक संदेश देता है कि बस्तर का असली चेहरा इसकी सांस्कृतिक विरासत और प्राकृतिक सुंदरता है न कि माओवादी हिंसा। मुझे यह कहते हुए गर्व की अनुभूति हो रही है कि बस्तर ओलम्पिक के माध्यम से हमने इस अंचल के युवाओं की ऊर्जा को खेल के माध्यम से एक सकारात्मक दिशा देने में सफल रहे हैं। इस आयोजन के माध्यम से हमने युवाओं को शासन-प्रशासन से जोड़कर विकास के कार्यों में सहभागी बनने की ओर उन्मुख किया है। ओलंपिक में शामिल खिलाड़ियोें ने आज यह संदेश दिया कि बस्तर में बदलाव की बयार चल पड़ी है। नक्सलवाद का समाधान केवल पुलिस कार्रवाई से नहीं, बल्कि शिक्षा, खेल और रोजगार के सकारात्मक अवसर प्रदान करने से होगा और बस्तर ओलंपिक इसका सबसे बड़ा उदाहरण है। इस आयोजन के माध्यम से हमने न केवल बस्तर के युवाओं की छुपी प्रतिभा को देखा, बल्कि उन आत्मसमर्पित भाइयों और बहनों की प्रतिभा को भी देखा, जिन्होंने हिंसा की माओवादी विचारधारा को छोड़कर मुख्यधारा में वापसी की है। आज चेहरों पर जो मुस्कान है, वह एक खुशहाल और शांतिपूर्ण बस्तर का प्रतीक है।
मुख्यमंत्री श्री साय ने कहा कि माओवाद के माँद कहे जाने वाले इलाकों में हमने नये कैंप स्थापित किये। यहां नक्सलियों को ललकारा और उन्हें धूल चटाई। पिछले एक साल में माओवाद के खिलाफ हमारी लड़ाई में बड़ी सफलता मिली है। इस दौरान 200 से अधिक माओवादियों को ढेर किया गया है, 900 से ज्यादा माओवादी गिरफ्तार हुए तथा 812 माओवादियों ने आत्मसमर्पण किया है यह बड़ी उपलब्धि है। जवानों का बढ़ा हुआ हौसला और आत्मविश्वास देखकर मैंने भी अपने भीतर नयी ऊर्जा का महसूस की है। हमारी डबल इंजन की सरकार ने नियद नेल्लानार योजना’ के माध्यम से बस्तर के अंदरूनी गांव तक लोकतंत्र और विकास की किरणों को पहुंचाने में सफल हुए है। नियद नेल्लानार योजना के माध्यम से हम सड़क, पुल-पुलिया, स्कूल, अस्पताल, आंगनवाड़ी, पेयजल, बिजली, मोबाइल टॉवर जैसी अधोसंरचनाएं अंदरूनी गांवों तक पहुंचा रहे हैं। वर्षों से बंद पड़े स्कूलों को फिर से शुरू किया गया है। आत्मसमर्पित नक्सलियों के पुनर्वास की भी बेहतर व्यवस्था और विशेष प्रावधान सरकार द्वारा किए गए हैं। प्रदेश के आत्मसमर्पित नक्सलियों और नक्सल प्रभावित परिवारों के पुनर्वास और उन्हें एक सुरक्षित जीवन प्रदान करने के उद्देश्य से भारत सरकार ने 15,000 पक्के प्रधानमंत्री आवास बनाए जाएंगे। नगरनार स्टील प्लांट और रायपुर- विशाखापट्टनम आर्थिक गलियारे से बस्तर अंचल के विकास को नई गति मिलेगी। पूरे अंचल में वाणिज्य और व्यापार को बढ़ावा मिलेगा, इससे युवाओं के लिए बड़ी संख्या में रोजगार के नये मौके भी सृजित होंगे। श्री साय ने कहा कि पर्यटन के क्षेत्र में भी बस्तर ने हाल ही में एक बड़ी उपलब्धि हासिल की है। कांगेर घाटी में स्थित गांव धुड़मारास को संयुक्त राष्ट्र विश्व पर्यटन संगठन के अपने अपग्रेड प्रोग्राम फॉर बेस्ट टूरिज्म विलेज के अंतर्गत पर्यटन के विकास के लिए चुना गया है। उपमुख्यमंत्री विजय शर्मा ने समारोह को संबोधित करते हुए कहा कि बस्तर के माओवादी हिंसा से प्रभावित लोगों ने केंद्रीय गृह मंत्री से राजधानी मुलाकात की थी। अब बस्तर का दर्द दिल्ली तक पहुंच पाया है। हम बस्तर को संवारने और युवा ऊर्जा को सकारात्मक दिशा देने का काम हमारी सरकार कर रही है। उन्होंने बस्तर ओलम्पिक के सफल आयोजन के लिए बस्तर वासियों को शुभकामनाएं दी। कार्यक्रम को खेल मंत्री श्री टंकराम वर्मा ने भी संबोधित किया।
बस्तर ओलंपिक की सबसे खास बात ये रही कि इसमें 300 से अधिक नुवा बाट (आत्म समर्पित माओवादी) बढ़ चढ़कर हिस्सा लिया इसके साथ ही 18 से अधिक माओवादी हिंसा में प्रभावित दिव्यांग खिलाड़ी भी शामिल हुए। संभाग स्तरीय बस्तर ओलंपिक में मुख्य रूप से फुटबॉल, वॉलीबॉल, कराटे, वेटलिफ्टिंग, बैडमिंटन, कबड्डी, आर्चरी, एथलेटिक्स, रस्साकसी, हॉकी और रिलेरेस शामिल है। इस मौके पर केबिनट मंत्री केदार कश्यप, लोकसभा सांसद बस्तर महेश कश्यप, उपाध्यक्ष बस्तर क्षेत्र आदिवासी विकास प्राधिकरण एवं विधायक कोंडागांव सुश्री लता उसेंडी, विधायक जगदलपुर श्री किरण देव, केशकाल नीलकंठ टेकाम, चित्रकोट विनायक गोयल, कांकेर आशाराम नेताम, जिला पंचायत अध्यक्ष बस्तर श्रीमती वेदवती कश्यप, छत्तीसगढ़ राज्य युवा आयोग अध्यक्ष विश्व विजय सिंह तोमर, महापौर नगर निगम जगदलपुर श्रीमती सफिरा साहू सहित अन्य जनप्रतिनिधि और केन्द्र शासन एवं राज्य शासन के वरिष्ठ अधिकारी तथा हजारों की संख्या में खेलप्रेमी गणमान्य नागरिक उपस्थित रहे।
जगदलपुर, शौर्यपथ। बस्तर ओलंपिक 2024 के समापन सत्र में आया हूं और आज बस्तर बदल रहा है, लेकिन आपको विश्वास दिलाता हूं कि मैं 2026 के बस्तर ओलंपिक के उद्घाटन समारोह में आऊंगा और कहूंगा कि बस्तर बदल चुका है। बस्तर ओलंपिक केवल 1 लाख 65 लोगों की खेल प्रतिस्पर्धा तक सीमित नहीं है बल्कि यह समूचे बस्तर के उम्मीदों की पहचान बनने वाला है। केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने रविवार को बस्तर ओलंपिक 2024 के समापन सत्र में मार्च 2026 तक नक्सल उन्मूलन के संकल्प को दोहराते हुए यह बातें कही।
केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह और मुख्यमंत्री विष्णु देव साय ने समापन सत्र के दौरान नुवा बाट के व्हीलचेयर रेस, रिले रेस, रस्साकसी सहित अन्य प्रतिस्पर्धाओं का फाइनल मुकाबला देखा। साथ ही बस्तर अंचल के प्रसिद्ध नृत्य, नुक्कड़ नाटक और सांस्कृतिक प्रस्तुतियां भी देखी। कार्यक्रम में गृह मंत्री अमित शाह और मुख्यमंत्री विष्णु साय सहित अतिथियों ने बस्तर ओलंपिक 2024 के विजेताओं यूथ आइकॉन को प्रशस्ति पत्र और मेडल देकर सम्मानित किया। इस दौरान बस्तर ओलंपिक 2024 के विधिवत घोषणा की गई और ध्वज मुख्य अतिथि को सौपा गया।
केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने कहा कि बस्तर ओलंपिक नक्सलवाद के कॉफिन में अंतिम कील ठोकने का काम करेगा। बस्तर ओलंपिक लाखों आदिवासी युवाओं को गलत रास्ते में जाने से रोकेगा और उन्हें भारत निर्माण से जोड़ेगा। श्री शाह ने कहा कि बस्तर ओलंपिक क्षेत्र में शांति सुरक्षा और विकास की नई नींव डालने वाला है। बस्तर बदल रहा है, से बस्तर बदल गया, के यात्रा की शुरुआत इस ओलंपिक ने की है। केंद्रीय मंत्री श्री शाह ने कहा कि दुनिया में जब भी भारत को किसी स्पर्धा में मेडल मिलता है तो उसमें से आधे मेडल हमारे आदिवासी बच्चें लेकर आते हैं। उन्होंने कहा कि खेलों की और विकास की जो आज शुरुआत हुई है, वह आने वाले दिनों में बस्तर के आदिवासी बच्चों के लिए विश्व भर के क्षितिज खोलेगा। श्री शाह ने नक्सलवाद को छोड़कर मुख्य धारा से जुड़ने वाले सभी खिलाड़ियों को शुभकामनाएं दी।
*गत एक साल में छत्तीसगढ़ सरकार ने लिखी बस्तर के विकास की नई इबारत*
केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने कहा कि नक्सली हिंसा से प्रभावित दिव्यांगों की जो आज व्हीलचेयर रेस हुई है, यह बस्तर के विकास की रेस है। उन्होंने कहा कि एक दौर था जब बस्तर में मूलभूत सुविधाएं तक नसीब नहीं थी, लेकिन पिछले 1 साल में छत्तीसगढ़ सरकार ने बस्तर के विकास की नई इबारत लिखी है और बस्तर के गांव-गांव तक शासकीय योजनाओं का लाभ लोगों को मिल रहा है। केंद्रीय मंत्री श्री शाह ने कहा कि डबल इंजन की सरकार में नक्सलियों के खिलाफ अभियान में तेजी आई और पिछले 1 साल में नक्सल मोर्चे पर बड़ी सफलता हासिल हुई है।
केंद्रीय गृह मंत्री श्री शाह ने कहा कि आज मैने नुवा बाट दस्ते की प्रतिभा को देखा और मेरा मन संवेदना से भर गया। ये नुवा बाट खिलाड़ियों का दस्ता देश के लिए उम्मीद की नई किरण है। उन्होंने बस्तर के युवाओं से कहा कि हार मानने वाला कभी नहीं जीतता बल्कि जीतता वो है जो कभी हार नहीं मानता। मुझे पूरा विश्वास है कि 2026 के ओलंपिक में जब बस्तर की कोई बेटी मेडल लेकर आएगी तो देश को उस पर गर्व होगा और हम इसी संकल्प के साथ आगे बढ़ रहे हैं। केंद्रीय मंत्री श्री शाह ने आदिवासी क्षेत्रों के लिए केंद्र सरकार द्वारा चलाई जा रही योजनाओं की जानकारी दी। उन्होंने एकलव्य स्कूल, आदिवासी आदर्श ग्राम योजना, प्रधानमंत्री पीवीटीजी डेवलपमेंट मिशन, जनजाति उन्नत ग्राम योजना सहित अन्य योजनाओं से जुड़ी जानकारी साझा की।
*नक्सलवाद का समाधान केवल पुलिस कार्रवाई से नहीं, बल्कि शिक्षा, खेल और रोजगार के सकारात्मक अवसर प्रदान करना*
मुख्यमंत्री विष्णु देव साय ने बस्तर ओलंपिक में भाग लेकर प्रतिभागियों को ऐतिहासिक सफलता के लिए बधाई देते हुए कहा कि बस्तर ओलंपिक का यह आयोजन केवल खेल नहीं है, बल्कि बस्तर की संस्कृति, उत्साह और प्रतिभा का उत्सव है। यह आयोजन एक संदेश देता है कि बस्तर का असली चेहरा इसकी सांस्कृतिक विरासत और प्राकृतिक सुंदरता है न कि माओवादी हिंसा। मुझे यह कहते हुए गर्व की अनुभूति हो रही है कि बस्तर ओलम्पिक के माध्यम से हमने इस अंचल के युवाओं की ऊर्जा को खेल के माध्यम से एक सकारात्मक दिशा देने में सफल रहे हैं। इस आयोजन के माध्यम से हमने युवाओं को शासन-प्रशासन से जोड़कर विकास के कार्यों में सहभागी बनने की ओर उन्मुख किया है। ओलंपिक में शामिल खिलाड़ियोें ने आज यह संदेश दिया कि बस्तर में बदलाव की बयार चल पड़ी है। नक्सलवाद का समाधान केवल पुलिस कार्रवाई से नहीं, बल्कि शिक्षा, खेल और रोजगार के सकारात्मक अवसर प्रदान करने से होगा और बस्तर ओलंपिक इसका सबसे बड़ा उदाहरण है। इस आयोजन के माध्यम से हमने न केवल बस्तर के युवाओं की छुपी प्रतिभा को देखा, बल्कि उन आत्मसमर्पित भाइयों और बहनों की प्रतिभा को भी देखा, जिन्होंने हिंसा की माओवादी विचारधारा को छोड़कर मुख्यधारा में वापसी की है। आज चेहरों पर जो मुस्कान है, वह एक खुशहाल और शांतिपूर्ण बस्तर का प्रतीक है।
मुख्यमंत्री श्री साय ने कहा कि माओवाद के माँद कहे जाने वाले इलाकों में हमने नये कैंप स्थापित किये। यहां नक्सलियों को ललकारा और उन्हें धूल चटाई। पिछले एक साल में माओवाद के खिलाफ हमारी लड़ाई में बड़ी सफलता मिली है। इस दौरान 200 से अधिक माओवादियों को ढेर किया गया है, 900 से ज्यादा माओवादी गिरफ्तार हुए तथा 812 माओवादियों ने आत्मसमर्पण किया है यह बड़ी उपलब्धि है। जवानों का बढ़ा हुआ हौसला और आत्मविश्वास देखकर मैंने भी अपने भीतर नयी ऊर्जा का महसूस की है। हमारी डबल इंजन की सरकार ने नियद नेल्लानार योजना’ के माध्यम से बस्तर के अंदरूनी गांव तक लोकतंत्र और विकास की किरणों को पहुंचाने में सफल हुए है। नियद नेल्लानार योजना के माध्यम से हम सड़क, पुल-पुलिया, स्कूल, अस्पताल, आंगनवाड़ी, पेयजल, बिजली, मोबाइल टॉवर जैसी अधोसंरचनाएं अंदरूनी गांवों तक पहुंचा रहे हैं। वर्षों से बंद पड़े स्कूलों को फिर से शुरू किया गया है। आत्मसमर्पित नक्सलियों के पुनर्वास की भी बेहतर व्यवस्था और विशेष प्रावधान सरकार द्वारा किए गए हैं। प्रदेश के आत्मसमर्पित नक्सलियों और नक्सल प्रभावित परिवारों के पुनर्वास और उन्हें एक सुरक्षित जीवन प्रदान करने के उद्देश्य से भारत सरकार ने 15,000 पक्के प्रधानमंत्री आवास बनाए जाएंगे। नगरनार स्टील प्लांट और रायपुर- विशाखापट्टनम आर्थिक गलियारे से बस्तर अंचल के विकास को नई गति मिलेगी। पूरे अंचल में वाणिज्य और व्यापार को बढ़ावा मिलेगा, इससे युवाओं के लिए बड़ी संख्या में रोजगार के नये मौके भी सृजित होंगे। श्री साय ने कहा कि पर्यटन के क्षेत्र में भी बस्तर ने हाल ही में एक बड़ी उपलब्धि हासिल की है। कांगेर घाटी में स्थित गांव धुड़मारास को संयुक्त राष्ट्र विश्व पर्यटन संगठन के अपने अपग्रेड प्रोग्राम फॉर बेस्ट टूरिज्म विलेज के अंतर्गत पर्यटन के विकास के लिए चुना गया है। उपमुख्यमंत्री विजय शर्मा ने समारोह को संबोधित करते हुए कहा कि बस्तर के माओवादी हिंसा से प्रभावित लोगों ने केंद्रीय गृह मंत्री से राजधानी मुलाकात की थी। अब बस्तर का दर्द दिल्ली तक पहुंच पाया है। हम बस्तर को संवारने और युवा ऊर्जा को सकारात्मक दिशा देने का काम हमारी सरकार कर रही है। उन्होंने बस्तर ओलम्पिक के सफल आयोजन के लिए बस्तर वासियों को शुभकामनाएं दी। कार्यक्रम को खेल मंत्री श्री टंकराम वर्मा ने भी संबोधित किया।
बस्तर ओलंपिक की सबसे खास बात ये रही कि इसमें 300 से अधिक नुवा बाट (आत्म समर्पित माओवादी) बढ़ चढ़कर हिस्सा लिया इसके साथ ही 18 से अधिक माओवादी हिंसा में प्रभावित दिव्यांग खिलाड़ी भी शामिल हुए। संभाग स्तरीय बस्तर ओलंपिक में मुख्य रूप से फुटबॉल, वॉलीबॉल, कराटे, वेटलिफ्टिंग, बैडमिंटन, कबड्डी, आर्चरी, एथलेटिक्स, रस्साकसी, हॉकी और रिलेरेस शामिल है। इस मौके पर केबिनट मंत्री केदार कश्यप, लोकसभा सांसद बस्तर महेश कश्यप, उपाध्यक्ष बस्तर क्षेत्र आदिवासी विकास प्राधिकरण एवं विधायक कोंडागांव सुश्री लता उसेंडी, विधायक जगदलपुर श्री किरण देव, केशकाल नीलकंठ टेकाम, चित्रकोट विनायक गोयल, कांकेर आशाराम नेताम, जिला पंचायत अध्यक्ष बस्तर श्रीमती वेदवती कश्यप, छत्तीसगढ़ राज्य युवा आयोग अध्यक्ष विश्व विजय सिंह तोमर, महापौर नगर निगम जगदलपुर श्रीमती सफिरा साहू सहित अन्य जनप्रतिनिधि और केन्द्र शासन एवं राज्य शासन के वरिष्ठ अधिकारी तथा हजारों की संख्या में खेलप्रेमी गणमान्य नागरिक उपस्थित रहे।