September 09, 2025
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शौर्यपथ

शौर्यपथ

भिलाई / शौर्यपथ /    महापौर और विधायक देवेंद्र यादव शनिवार को गृह मंत्री व पीडब्लूडी मंत्री ताम्रध्वज साह से मुलाकात किए। गृहमंत्री साहू से मुलाकात कर महापौर देवेंद्र यादव ने कई महत्वपूर्ण विषयों पर चर्चा की। गृहमंत्री साहू जी के कार्यालय में करीब एक घंटे तक महापौर यादव की चर्चा हुई। चर्चा के दौरान महापौर देवेंद्र यादव ने भिलाई के विकास कार्यों के संबंध में चर्चा किए। निगम क्षेत्र में विकास कार्य करने के लिए लगातार गृहमंत्री का सहयोग मिलता रहा। पीडब्लूडी विभाग से भी करोडृो रूपये के विकास कार्य की स्वीकृति दी गई। कुछ दिनों पहले करीब 10 करोड़ से सड़क, सौंदर्यीकरण कार्यो को बजट में शामिल किया। जनता को मूलभूत आवश्यकताओं को देखते हुए विकास कार्यो के लिए जो प्रयास किए। इसके लिए महापौर देवेंद्र यादव ने गृह मंत्री साहू का आभार जताया। साथ ही शहरवासियों को और ज्यादा बेहतर मूलभूत सुविधाएं उपलब्ध कराने आदि विषयों पर लंबी और सार्थक चर्चा हुई।
    बता दे कि कुछ दिनों पहले ही शासन ने 5 करोड़ रुपये से पावर हाउस से एसीसी चौक तक सड़क निर्माण और सौदर्यीकरण कार्य के लिए सहमति दी। साथ ही खुर्सीपार में 3 किलोमीटर सड़क निर्माण के लिए करीब साढे 3 करोड़और पावर हाउस ओवर ब्रिज पहुंच मार्ग सहित का उन्नयन व सौंदर्यीकरण करने करीब ढाई करोड़ से किया जाएगा।
्महापौर देवेंद्र यादव ने गृह मंत्री साहू को बताया कि वे भिलाई शहर में कई विकास कार्य करना चाहते है। इसके लिए उन्होंने पूरी योजना तैयार कर ली है। उन कार्यों को भी पूरा करने के लिए महापौर देवेंद्र यादव ने शहर के विकास के बजट देने की मांग की है। साथ ही महापौर ने बताया कि भिलाई नगर निगम क्षेत्र में कोरोना संक्रमण और डेंगू के रोकथाम के लिए बेहतर उपाए किए जा रहे हैं। निगम क्षेत्र के रहने वालों सहित बाहर से भिलाई में रोजी-रोटी के लिए आए लोगों की भी मदद की जा रही है। शहर के महानुभावों के सहयोग से जरूरतमंद लोगों को राशन आदि दिया गया है। इसके अलावा महापौर ने गृहमंत्री साहू का आभार भी जताते हुए कहाकि आप और सीएम भूपेश बघेल जी ने जनता की समस्याओं और तकलीफों को दूर करने के लिए इस संकट की घड़ी में जनता के हित में फैसले लिए। न्याय योजना से किसानों को न्याय दिला रहे है। हर परिवार का राशन कार्ड बना, सब को चावल मिल रहा है। साथ ही भिलाई में नाली,सड़क, स्टेडियम आदि इंफ्रास्ट्रक्चर निर्माण में सहयोग प्रदान कर रहे है। महापौर देवेंद्र यादव ने गृहमंत्री साहू से निवेदन किए की आगे भी जनता के हित और विकास के लिए सहयोग प्रदान करते रहे

डेंगू मरीजों के लिए होंगे आइसोलेटेड वार्ड
डेंगू की रोकथाम को लेकर कलेक्टर ने बुलाई बैठक

दुर्ग / शौर्यपथ / आगामी समय में डेंगू के पनपने की आशंका को लेकर जिला प्रशासन सतर्क है। आज इसकी रोकथाम की रणनीति पर विचार करने और इसे क्रियान्वित करने अहम बैठक कलेक्ट्रेट में आयोजित की गई। बैठक उपरांत कलेक्टर अंकित आनंद ने जरूरी निर्देश दिए। उन्होंने कहा कि इसके लिए तीन महत्वपूर्ण कार्य करने होंगे। पहला जहां साफ पानी जमा हो और लार्वा पल रहें हों, वहां एन्टी लार्वा आपरेशन चलाना। घरों के कोने कोने में छिपे मच्छरों को नष्ट करने स्प्रे का काम करना। सबसे आखिर में डाइग्नोसिस जितनी जल्दी हो उतना अच्छा। कलेक्टर ने कहा कि यह बेहद महत्वपूर्ण कार्य होगा। जितनी अच्छी रणनीति और प्रभावी क्रियान्वयन होगा, उतना ही अच्छा नतीजा आएगा।
   कलेक्टर ने कहा कि जिले में केवल 5 चिन्हांकित अस्पतालों में डेंगू का इलाज होगा। इनमें जिला अस्पताल, सेक्टर 9 हॉस्पिटल, स्पर्श हॉस्पिटल, शंकराचार्य हॉस्पिटल, बीएम शाह अस्पताल में इलाज होगा। इन सभी चिन्हांकित अस्पतालों में डेंगू के इलाज के लिए आइसोलेटेड वार्ड होंगे। आज बैठक में सभी अस्पतालों के प्रतिनिधि उपस्थित थे।
    कलेक्टर ने कहा कि स्प्रे का समय सुबह 5 से 7 बजे तक रखें क्योंकि ये मच्छरों को नष्ट करने का सबसे प्रभावी समय होता है। इसी प्रकार शाम को सूरज ढलने के बाद यह करें। कलेक्टर ने स्वास्थ्य अमले और निगम अमले दोनों को मिलकर यह कार्य करने कहा। उन्होंने कहा कि चूंकि डेंगू का लार्वा साफ पानी में पनपता है अत: ऐसे सभी जगहों में विशेषकर सार्वजनिक जगहों में भी एन्टी लार्वा आपरेशन चलाएं। उन्होंने कहा कि टेमीफास पर्याप्त मात्रा में उपलब्ध है। उन्होंने कहा कि टेमीफास का प्रभावी वितरण सुनिश्चित करें। इसकी रेफिलिंग की भी कार्रवाई निश्चित अवधि में कराएं। कलेक्टर ने कहा कि घरों के कोने-कोने में, अंधेरी जगहों पर स्प्रे का कार्य हो। किसी भी तरह की चूक की कोई गुंजाइश नहीं होनी चाहिए। उन्होंने कहा कि इसकी डेली मॉनिटरिंग की जाएगी। साथ ही जिला अस्पताल में एक्सक्लूसिव वार्ड के लिए नोडल अधिकारी भी होंगे।
कलेक्टर ने कहा कि जनभागीदारी और जागरूकता के माध्यम से इसे रोकने का कार्य आसान होगा। जिला चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी डॉ गंभीर सिंह ने अब तक किये गए कार्यों की विस्तार से जानकारी दी। डीएमओ डॉ. एस. के. मंडल ने इससे जुड़े हुए तकनीकी पक्षों को रखा। साथ ही अब तक डेंगू से निपटने के अनुभवों को भी साझा किया। इस दौरान भिलाई नगर निगम कमिश्नर  ऋतुराज रघुवंशी, अपर कलेक्टर गजेंद्र ठाकुर एवं अन्य अधिकारी उपस्थित थे।

दुर्ग-भिलाई / शौर्यपथ / शनिवार को सूरज डूबते ही मुस्लिम समाज के लोगों की निगाहे चांद देखने के लिए टिकी रही लेकिन यहां चांद नही दिखाई दिया। इसके अलावा भिलाई जामा मस्जिद ट्रस्ट द्वारा चांद की तस्दीक करने कई जगहों से पतासाजी की गई लेकिन कहीं चांद नही दिखने की बात सामने आई। इस लिए अब ईद की नमाज सोमवार को होगी और मुस्लिम समाज के लोग सोमवार को ईद मनायेंगे। मुस्लिम समाज के लोगों को उम्मीद थी कि शनिवार को 29वां रोजा को चांद दिखाई दे सकता है, क्योंकि पहला रोजा के दिन इस बार 29 का चांद नही दिखाई देने के कारण 30 के चंाद के हिसाब से तराबीह की नमाज पढना और रोजा रखना मुस्लिम समाज के लोगों ने शुरू किया।
इसलिए यह कयास लगाया जा रहा था कि शनिवार को 29 का चांद हो सकता है और रविवार को ईद मनाई जा सकेगी, इसके लिए मुस्लिम समाज के लोंगों ने पहले से ही पूरी तैयारी कर ली थी। इसके अलावा सउदी अरब में भारत से पहले एक दिन ईद मनाई जाती है और शनिवार को वहां भी ईद नही मनाई गई, इसलिए यह साफ हो गया है कि अब सोमवार को ही 30 रोजा रखने के बाद ईद मनाई जायेगी। हालांकि शासन ने भी सोमवार 25 मई को ही ईद की अवकाश कलेण्डर में घोषित की हुई है।

00 शरीर से दुर्गंध आने पर आक्रोशित हुए परिजन
00 जुनवानी के हाइटेक हास्पिटल में हुआ हंगामा

भिलाई / शौर्यपथ / इलाज के नाम पर एक मृत हो चुकी महिला को वेंटिलेटर में रख शहर के नामी हस्पिटल पर रुपए वसूलने का सनसनीखेज मामला सामने आया है। जुनवानी के बंद हो चुके अपोलो बीएसआर की जगह नये सिरे से शुरू की गई हाइटेक हास्पिटल का यह मामला है। परिजनों ने मरीज के शरीर से दुर्गंध आने पर मृत्यु हो जाने के बाद भी सिर्फ रुपए के लालच में इलाज जारी रखने का आरोप हास्पिटल प्रबंधन पर लगाया है।
राजनांदगांव के ग्रीनसिटी निवासी सिराजुन्निशा बेगम (62 वर्ष) को इलाज हेतु हाइटेक हास्पिटल में भर्ती कराया गया था। आपरेशन के बाद तबियत ज्यादा बिगडऩे पर महिला को वेंटिलेटर में रखा गया था। आज सुबह जब परिजन सिराजुन्निशा को देखने पहुंचे तो शरीर से आ रही दुर्गंध के चलते उन्हें मौत हो जाने की आशंका हुई। लेकिन चिकित्सकों ने दुर्गंध का कारण मरीज द्वारा शौच करने को बताते हुए जिंदा होने का दावा किया। परिजनों को इस बात पर यकीन नहीं आया और उन्होंने मरीज की छुट्टी कराकर जिला चिकित्सालय ले जाकर जांच कराई। जिला चिकित्सालय के डाक्टर ने महिला की मृत्यु हो जाने की पुष्टि कर दी। लेकिन मौत कब हुई है इसकी जानकारी पोस्ट मार्टम रिपोर्ट में मिलने की बात कही गई।
परिजनों के मुताबिक सिराजुन्निशा बेगम को पैर की नस दबने से हो रही परेशानी के चलते 3 मई को हाइटेक हास्पिटल में डाक्टर को दिखाया गया था।
यहां से दी गई दवाई के चलते सिराजुन्निशा को गैस की समस्या हो रही थी। इसलिए 13 मई को परिजन दुबारा हास्पिटल लेकर पहुंचे। इस बार सिराजुन्निशा को भर्ती कर अतड़ी का आपरेशन किया गया। इस आपरेशन के बाद हालात बिगडऩे पर उसे वेंटिलेटर में रखा गया। इस दौरान प्रतिदिन 5 यूनिट प्लाज्मा और 10 यूनिट ब्लड की जरुरत परिजन किसी तरह से पूरी करते रहे। इसके अलावा रोज 15 से 25 हजार रुपए की दवाईयां और इन्जेक्शन मंगवाया जा रहा था। आज जब शरीर से दुर्गंध आने पर मरीज को छोडऩे की बात कही गई तो हास्पिटल प्रबंधन 5 लाख के लगभग राशि की मांग करने लगा। इस बात पर काफी देर तक हंगामा चलता रहा।

          नई दिल्ली / शौर्यपथ / कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी के संसदीय क्षेत्र रायबरेली में सदर विधायक अदिति सिंह कांग्रेस के लिए बड़ी मुश्किल बन गई हैं. उनके बागी तेवर पार्टी को खासा नुकसान पहुंचा रहे हैं. हाल ही में प्रियंका गांधी और यूपी के सीएम योगी आदित्यनाथ के बीच हुए बस विवाद में अदिति सिंह ने अपनी ही पार्टी पर सवाल उठा दिए. लेकिन आपको बता दें कि उनके बागी रुख की वजह से पार्टी ने बीते साल की यूपी विधानसभा अध्यक्ष हृदय नारायण दीक्षित को पत्र लिखकर उनकी विधानसभा सदस्यता खारिज करने का पत्र लिखा था. लेकिन अभी तक इस पर कोई कार्रवाई नहीं है. लेकिन एक सच्चाई यह भी है कि कांग्रेस भले ही अदिति सिंह पर कार्रवाई करते हुए पार्टी से निकाल दे लेकिन उनकी विधायक पद वाली कुर्सी नहीं छीन सकती है. इसके पीछे दल-बदल कानून है.
क्या कहता है दल-बदल कानून
किसी भी सांसद और विधायक की कुर्सी तभी जा सकती या अयोग्य घोषित किया जा सकता है जब वह किसी दूसरे राजनीतिक दल में शामिल हो जाए, कोई निर्दलीय किसी दल में शामिल हो जाए, अगर वह सदन में अपनी ही पार्टी के खिलाफ वोट करे. किसी भी मुद्दे पर सदस्य खुद को वोटिंग से अलग रखे.

कौन कर सकता है अयोग्य घोषित
दल बदल कानून के मुताबिक किसी भी विधायक या सांसद को अयोध्य घोषित करने का अधिकार सदन के अध्यक्ष के पास होता है. यदि किसी के खिलाफ शिकायत मिलती है तो सदन का अध्यक्ष इस पर फैसला लेता है.

बीजेपी के पास है चाभी
यूपी विधानसभा के अध्यक्ष हृदय नारायण दीक्षित हैं और वह बीजेपी के नेता भी हैं. इसलिए ऐसा लग रहा है कि जब तक बीजेपी नहीं चाहेगी तब तक कोई फैसला नहीं लिया जाएगा.

कांग्रेस के सामने है बड़ी दिक्कत
मौजूदा समय रायबरेली की 5 विधानसभा सीटों में से दो कांग्रेस, दो बीजेपी और एक समाजवादी पार्टी के पास थी. लेकिन दिनेश सिंह के बीजेपी में जाने के बाद से उनके भाई जो कि हरचंदपुर से विधायक हैं वो भी एक तरह से बीजेपी में ही माने जाते हैं. यानी तीन विधायक पहले से ही बीजेपी के खाते में हैं. अदिति सिंह के जाने पर विधायकों की संख्या 4 हो जाएगी. इस लोकसभा चुनाव में जीत का अंतर देखते हुए ऐसा लगता है कि अदिति सिंह का बीजेपी में जाना कांग्रेस के लिए सबसे बड़ा खतरा होगा. बीते लोकसभा चुनाव की तस्वीर देखें तो अगर इस सीट पर चुनाव हो जाए तो कांग्रेस के लिए अदिति सिंह को हराना मुश्किल हो सकता है.

 

               कोलकाता / शौर्यपथ // प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने चक्रवाती तूफान ‘अम्फन' से पश्चिम बंगाल में हुई भारी तबाही का शुक्रवार को हवाई सर्वेक्षण कर जायजा लिया. इस अवसर पर सीएम ममता बनर्जी भी उनके साथ थीं. तूफान से बुरी तरह प्रभावित जिलों का जायजा लेने के बाद पीएम ने 1000 करोड़ रुपये की तुरंत मदद पश्चिम बंगाल को देने की घोषणा की है.इससे पहले, चक्रवाती तूफान ‘अम्फन' से पश्चिम बंगाल में हुई भारी तबाही का जायजा लेने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी आज सुबह कोलकाता पहुंचे. एयरपोर्ट पर राज्‍यपाल जगदीप धनखड़ और सीएम ममता बनर्जी ने उनका स्‍वागत किया था. पीएम ने बाद में हवाई सर्वेक्षण कर अम्‍फन से हुई तबाही से राज्‍य में हुए नुकसान का जायजा लिया, इस दौरान प्रभावित इलाकों के ज्‍यादातर स्‍थान पानी से घिरे नजर आ रहे थे.
तूफान के कारण कई पेड़ और बिजली के खंभे भी गिर गए हैं. हवाई सर्वेक्षण के बाद पीएम ने समीक्षा बैठक भी की. सीएम ममता बनर्जी ने अम्‍फन तूफान से करीब 1 लाख करोड़ रुपये तक के नुकसान की आशंका जताई है. पश्चिम बंगाल में अम्‍फन भारी तबाही मचाई है. इसके चलते 72 लोगों की मौत हो गई और दो जिले ‘‘पूरी तरह तबाह'' हो गए हैं. तूफान से हजारों लोग बेघर हो गए हैं, कई पुल नष्ट हो गए हैं और निचले इलाके जलमग्न हो गए हैं. कोलकाता और राज्य के कई अन्य हिस्सों में तबाही के निशान स्पष्ट देखे जा सकते हैं.

लगभग तीन माह के अंतराल में प्रधानमंत्री का यह देश की राजधानी दिल्‍ली के बाहर पहला दौरा है. कोरोना वायरस की महामारी और देश में जारी लॉकडाउन के चलते पीएम इस दौरान दिल्‍ली में ही रहे.पीएम मोदी की दिल्‍ली के बाहर पिछली यात्रा 29 फरवरी को प्रयागराज और चित्रकूट की थी. करीब 83 दिन बाद पीएम राजधानी से बाहर की यात्रा पर जा रहे हैं. इस दौरान वे अम्‍फन से प्रभावित एक अन्‍य राज्‍य ओडिशा भी जाएंगे.

 

           खाना खजाना / शौर्यपथ / रबड़ी तो आपने कई बार खाई होगी, अब रबड़ी में एक्सट्रा न्यूट्रिशन एड करें जिससे कि स्वाद के साथ सेहत के लिए भी यह डिश फायदेमंद हो। आइए, जानते हैं कैसे बनाएं एप्पल रबड़ी-

सामग्री :
3 मध्यम आकार के सेब
1 लीटर दूध
4 टेबल स्पून चीनी
1/4 टी स्पून हरी इलाइची
8-10 बादाम (स्लाइस्ड), हल्का उबला
8-10 पिस्ते (स्लाइस्ड), हल्का उबला

विधि :
एक बड़े बर्तन में दूध डालें और उसमें उबाल आने दें। इसे हल्के हाथ से तब तक चलाती रहें, जब तक दूध आधा न रह जाए। इसके बाद आंच धीमी कर दें और इसमें चीनी डालें। इसे धीमी आंच पर पकाते हुए लगातार चलाते रहें।
सेब को छीलकर कददूकस कर लें। जब दूध की मात्रा और कम हो जाए तो इसमें सेब डालकर अच्छे मिक्स करें। इसे 3 से 4 मिनट के लिए पकाएं। इसमें इलाइची पाउडर, बादाम और पिस्ते डालें। इसे सर्विंग डिश में निकाल लें। सेब के बचे हुए स्लाइस डिश के चारों तरफ लगाएं। इसे गर्म या ठंडा सर्व करें।

            लाइफस्टाइल / शौर्यपथ / कोरोना वायरस से बचाव के लिए घोषित लॉकडाउन लोगों को परिवार और परिजनों के साथ जोड़ने में मददगार साबित हो रहा है। लॉकडाउन में परिवार और प्रियजनों के बीच रहने को लेकर 52 फीसदी लोगों ने खुशी जताई है। हालांकि इस अवधि में कुछ लोगों का अनुभव खराब भी रहा है। 18 फीसदी लोगों ने कहा कि लंबे समय तक परिवार के साथ रहने से तनाव उत्पन्न हुआ है। ये सभी नतीजे जामिया द्वारा किए गए एक अध्ययन में सामने आए हैं।

जामिया मिलिया इस्लामिया की राष्ट्रीय सेवा योजना (एनएसएस) इकाई की तरफ से कोरोना वायरस का मनोवैज्ञानिक और सामाजिक प्रभाव विषय पर आस-पास के क्षेत्रों में अध्ययन आयोजित किया गया था। कुलपति की अगुवाई में संपन्न हुए इस अध्ययन के तहत जामिया, शाहीनबाग, नूर नगर, अबू फजल, ओखला विहार, बाटला हाउस, जुलैना, तिकोना पार्क, हाजी कॉलोनी, जामिया शिक्षक आवास के निवासियों से ऑनलाइन सवाल पूछ गए थे। इसमें कई वर्ग और श्रेणियों के लोगों को शामिल किया गया था। उनके जवाब के आधार पर रिपोर्ट जारी की है।

दिनचर्या बाधित होने से 28 फीसदी चिंतित-
कोरोना वायरस से बचाव के लिए घोषित लॉकडाउन की वजह से दिनचर्या प्रभावित होने से 28 फीसदी लोग चिंतित हैं। वहीं 19 फीसदी लोग ऐसे हालात में अपने आप को मजबूर महसूस कर रहे हैं। जबकि 13 फीसदी चिंतित और 6 फीसदी लोग इस दौरान उपज रहे नकारात्मक विचारों को लेकर भयभीत हैं।

48 फीसदी ने कहा- कोरोना से डर लगता है-
अध्ययन में लोगों से कोरोना संक्रमण से डर लगने संबंधी सवाल पूछे गए। 48 फीसदी लोगों ने कहा कि उन्हें डर लगता है। वहीं 16 फीसदी ने ना में जवाब दिया जबकि 36 फीसदी ने अपने जवाब में अनिश्चितता जताई है।

 

           सेहत /शौर्यपथ / राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र की हवा खतरनाक स्तर से छह गुना अधिक जहरीली हो गई है। ऐसे हाल में स्वस्थ व्यक्ति की सेहत पर भी सीधा खतरा है। इससे बचने के लिए हमें अपने शरीर में ऑक्सीकरण रोधी स्तर को बढ़ाना होगा।

हमारी रसोई में ही इसके उपाय छिपे हैं जो शरीर में प्रतिरोधक क्षमता को बढ़ा देंगे, जिससे प्रदूषण के खतरे से लड़ा जा सकता है। शरीर की शक्ति बढ़ाने के लिए नौ पोषक तत्वों का सेवन जरूरी है। जिनमें विटामिन ए, बीटा कारोटीन, विटामिन बी-2, रिबोफ्लेविन, मैग्नीशियम, जिंक, कॉपर, मैग्नीशियम और सेलेनियम शामिल हैं। ये औषधि, फल, सब्जी और मसालों में मिलते हैं।

काली मिर्च : इसमें बहुत प्रभावशाली ऑक्सीकरण रोधी तत्व कैप्सेइसिन होता है जो फेफड़ों की सुरक्षा करता है। प्रदूषण और सिगरेट के धुएं से होने वाले प्रभावों से बचाने में काली मिर्च का सेवन सबसे असरदार है।

अजवायन : प्रदूषित हवा के कारण खांसी और गले में सूजन महसूस हो तो अजवायन की चाय पियें। यह शरीर की अन्य प्रतिरक्षा संबंधी (इम्यून) समस्याओं को खत्म करने कारगर है।

हल्दी : इसे घी के साथ मिलकर खाने से खांसी और अस्थमा में राहत मिलेगी। हल्दी का सेवन कैंसर का खतरा कम करता है। शोध में पाया गया है कि इसमें पाया जाने वाला करक्यूमिन एंटीऑक्सीडेंट जानवरों में कैंसर का खत्मा करने में सक्षम है।

गुड़ : इस समय हर कोई जुकाम और बलगम से परेशान है। इससे राहत के लिए सोने से पहले हरद और गुड़ का सेवन करें तो बलगम घट जाएगा।

रोजमेरी : इसे गुलमेंहदी भी कहते हैं जो भूमध्यसागरीय क्षेत्र में उगने वाला पौधा है। आमतौर पर यह घरों में औषधि की तरह प्रयोग होता है। इस ऑक्सीकरण रोधी पौधे का अर्क पीना फायदेमंद होगा।

जहरीले तत्वों का असर रोकेगा इनका सेवन : इस बेहद संवेदशनशील समय में अगर प्रतिरोधक क्षमता बढ़ाने के लिए नींबू के पत्तों की चाय, ग्रीन चाय, चुकंदर, नीम, पपीता के पत्ते, आंवला, एलोवेरा, गिलोय, आश्वगंघा, गेहूं की घास, सहजन का सेवन प्रदूषण के जहरीले तत्वों का शरीर पर असर घटाएगा।

देशी घी बढ़ाएगा प्रतिरोधक क्षमता-
देशी घी के अलावा सरसों, नारियल, तिल और जैतून का तेल जैसे वसा खाने से शरीर खतरनाक तत्वों से लड़ने के लिए मजबूत होगा।

भाप लेने से खत्म होगी श्वसन में परेशानी-
इस समय सांस लेने में खासी दिक्कत महसूस होती है, इससे निपटने के लिए भाप लेना फायदेमंद होगा। यह श्वास लेने के तंत्र में नमी आएगी और खून के जमाव की समस्या खत्म होगी। इसके अलावा क्षारीय जल पीने से भी फायदा मिलेगा। ऐसे समय में सेहत सही रखने के लिए कम प्रदूषित स्थान पर ही व्यायाम करें और तनाव घटाने के लिए योग व ध्यान लगाएं।

नोट-
अदरक, दालचीनी, मुलैठी और अन्य औषधीय तत्व प्रदूषण से लड़ने में बेहद सहायक हैं। अगर इन तत्वों से बना काढ़ा या चाय इस सर्दी के मौसम में ली जाए तो आपकी प्रतिरोधी क्षमता बढ़ेगी। घर से बाहर निकलते समय मुंह में लौंग रखना भी बेहतर है। साथ ही गरम पानी ही पिया जाए तो अच्छा है।

             लाइफस्टाइल / शौर्यपथ / मुंह की बदबू एक आम समस्या है। आमतौर पर कहा जाता है कि दांत या मुंह की ठीक से सफाई नहीं करने पर मुंह की बदबू होती है, लेकिन मामला इतना सीधा नहीं है। इसके कई ऐसे कारण हो सकते हैं, जिनके बारे में मरीज ने सोचा भी नहीं होगा। मुंह की बदबू लंबे समय तक बनी रहे तो इसे हेलिटोसिस बीमारी कहा जाता है। इसका इलाज जरूरी है, अन्यथा गंभीर परिणाम भुगतने पड़ सकते हैं।
कि मुंह की बदबू के लक्षण हैं - गले में छाले होना, नाक बहना, लगातार खांसी बनी रहना और बुखार आना। मुंह की बदबू के कारण दांत गिर सकते हैं। मसूड़ों में दर्द हो सकता है और खून निकल सकता है। मुंह की दुर्गंध के कई कारण हो सकते हैं। कुछ मौखिक यानी मुंह से जुड़े कारण हैं तो कुछ मुंह से सीधे तौर पर संबंधित नहीं हैं। मुंह या दांतों की साफ-सफाई नहीं होने के अलावा मुंह में घाव, संक्रमण से पस पड़ना बदबू के अहम कारण हैं। मुंह का कैंसर भी बदबू का कारण बनता है। गैर-मौखिक कारणों में कई गंभीर बीमारियां शामिल हैं जैसे- डायबिटीज, फेफडों या किडनी की बीमारी।

मुंह की बदबू दूर करने के आयुर्वेदिक तरीके

मुंह की बदबू से बचना है तो सबसे पहले मुंह और दांतों की अच्छी तरह सफाई जरूर करें। यह काम सुबह और रात में किया जा सकता है। अच्छी क्वालिटी का टूथब्रश और पेस्ट इस्तेमाल करें। टंग क्लीनर से जीभ भी अच्छी तरह साफ करें। आमतौर पर जीभ के ऊपर जमी परत बदबू का कारण बनती है।

आयुर्वेद के मुताबिक, पर्याप्त मात्रा में पानी पिएं। पानी पीते रहने से मुंह साफ होता रहता है। दांतों में फंसा खाना निकल जाता है, जो बदबू का सबसे बड़ा कारण होता है। वहीं इस बीमारी से निपटने में ग्रीन टी भी फायदेमंद होती है। ग्रीन में मौजूद एंटीबैक्टीरियल कम्पोनेंट से दुर्गंध दूर होती है। माउथफ्रेशनर के रूप में सूखे धनिये का इस्तेमाल करें। लौंग और सौंफ का उपयोग भी किया जा सकता है। तुलसी की पत्तियां चबाना मुंह की दुर्गंध भगाने का सबसे कारगर तरीका है। सुबह और शाम तुलसी के तीन-चार पत्ते रोज चबाएं। इसी तर्ज पर अमरूद के पत्ते भी चबाए जाते हैं। इससे तत्काल फायदा मिलता है।

मुंह की बदबू दूर करने का एक और तरीका सरसों के तेल और नमक की मालिश है। हथेली में थोड़ा सरसों का तेल लें और एक चुटकी नमक मिलाएं। इस मिश्रण से मसूड़ों पर मालिश करें। न केवल मसूड़े मजबूत होंगे, बल्कि मुंह की बदबू भी चली जाएगी। आयुर्वेद के अनुसार, अनार की छाल भी इसका इलाज है। छाल को पानी में उबाल लें और रोज इससे कुल्ला करें।

जो लोग नकली दांत का उपयोग करते हैं, वे इनकी सफाई का अच्छी तरह ख्याल रखें। शराब और तंबाकू का सेवन न करें। जो लोग तंबाकू खाते हैं, उनके मुंह से लगातार बदबू आती रहती है। खाने में प्याज और लहसुन के उपयोग से बचें। उपरोक्त सावधानियां बरतने और घरेलू इलाज करने के बाद भी बदबू बनी रहती है तो डॉक्टर से सम्पर्क करें।

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