CONTECT NO. - 8962936808
EMAIL ID - shouryapath12@gmail.com
Address - SHOURYA NIWAS, SARSWATI GYAN MANDIR SCHOOL, SUBHASH NAGAR, KASARIDIH - DURG ( CHHATTISGARH )
LEGAL ADVISOR - DEEPAK KHOBRAGADE (ADVOCATE)
प्रदेश में ध्वनि प्रदूषण को लेकर हाईकोर्ट ने फिर जताई नाराजगी
बिलासपुर / शौर्यपथ / हाई कोर्ट द्वारा स्वतः संज्ञान में ली गई ध्वनि प्रदूषण से संबंधित जनहित याचिका की सुनवाई 13 दिसम्बर को मुख्य न्यायाधीश रमेश सिन्हा और न्यायमूर्ति रविन्द्र कुमार अग्रवाल की युगल पीठ के समक्ष हुई। इस दौरान चीफ जस्टिस रमेश सिन्हा ने ध्वनि प्रदूषण रोकने के लिए की जा रही प्रशासन की अपर्याप्त कार्रवाई पर नाराजगी जताते हुए कहा है कि “हमें यह मानना पड़ेगा कि कलेक्टर खुद ही कानून का पालन नहीं कराना चाहते हैं।”
अमित मल ने दायर की हस्तक्षेप याचिका
रायपुर की सिंगापुर सिटी के बाजू में रहने वाले अमित मल ने हस्तक्षेप याचिका दायर कर कोर्ट को बताया कि सिंगापुर सिटी के मरीना क्लब में दुर्गा त्यौहार में डांडिया खेलने के दौरान बहुत ध्वनि प्रदूषण किया गया तथा पुलिस को शिकायत करने के बावजूद कोई कार्रवाई नहीं की गई। इसके अलावा हाई कोर्ट ने भी स्वत: संज्ञान लिया है। इनकी एक साथ सुनवाई चल रही है। छत्तीसगढ़ नागरिक संघर्ष समिति की ओर से भी डॉक्टर राकेश गुप्ता और विश्वजीत मित्रा ने बताया कि उनकी शिकायतों पर कार्रवाई नहीं हुई।
सरकारी वकील ने मांगी नई तारीख
सुनवाई के दौरान शासन की ओर से उपस्थित अधिवक्ता ने कोर्ट से आग्रह किया कि क्योंकि सरकार में परिवर्तन हुआ है इसलिए नहीं सुनवाई पर जवाब देने के लिए कुछ समय चाहिए। इस पर कोर्ट ने 17 जनवरी 2024 को अगली सुनवाई रखी है।
कोर्ट के आदेशों का अक्षरशः पालन कराएं
डीजे के माध्यम से देर रात तक किये जा रहे ध्वनि प्रदूषण पर कोर्ट ने कहा “आम आदमी करेगा क्या? ऐसा लगता है लॉ एंड ऑर्डर रह ही नहीं गया है।” कोर्ट ने कहा कि “डीजे बजाने पर जो प्रतिबंध लगाया गया है उसके नियमों का पालन नहीं हो रहा है और अभी भी डीजे बजाने की घटनाएं हो रही हैं। प्रशासन ध्वनि प्रदूषण के नियमों का पालन नहीं करा रहा है।” कोर्ट ने सभी जिला कलेक्टर को आदेश किया कि “ध्वनि प्रदूषण पर कोर्ट के आदेशों और नियमों का शब्दशः और भावना के अनुरुप पालन करें और अगर नहीं करेंगे तो हम मानेगें कि “जिला कलेक्टर इसका पालन नहीं करना चाहते। आदेश की प्रति सभी जिला कलेक्टर को भेजने के आदेश किये गए है।”
उल्लेखनीय है कि पूर्व की सुनवाई में हाईकोर्ट ने कई बार जिला प्रशासन को ध्वनि प्रदूषण के मामलों में कानून के मुताबिक सख्त कार्रवाई करने का निर्देश दिया है। डॉ राकेश गुप्ता और विश्वजीत मित्रा ने बताया कि उनकी समिति कई वर्षों से ध्वनि प्रदूषण के विरुद्ध आवाज उठा रही है और ध्वनि प्रदूषण को खत्म करने के लिए प्रतिबद्ध है।
Make sure you enter all the required information, indicated by an asterisk (*). HTML code is not allowed.