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दुर्ग / शौर्यपथ / गांधी चैाक हिंदी भवन के सामने विशेष सहयोग से राजेश श्रीवास्तव जिला न्यायाधीश/अध्यक्ष जिला विधिक सेवा प्राधिकरण दुर्ग के मार्गदर्शन एवं निर्देश पर रोको-टोको अभियान के अंतर्गत एवं कानूनी विधिक जानकारी दिये जाने के संबंध में आज से 25 जुलाई तक विशेष अभियान चलाया जा रहा है। उक्त जागरूकता अभियान में विशेष तौर पर ऐसे लोग को जो कि बिना मास्क धारण किए घूम रहे हैं, उन्हें इस आशय का बंधपत्र भरवाया जा रहा है कि कोविड-19 संक्रमण के बचाव के संबंध में सार्वजनिक स्थान पर मास्क अवश्य लगाउॅगा तथा शासन की कोविड संबंधी नियमों का पालन करूंगा।
इस अवसर पर राकेश कुमार वर्मा अतिरिक्त जिला एवं सत्र न्यायाधीश, विवेक वर्मा अतिरिक्त जिला एवं सत्र न्यायाधीश एवं अविनाश त्रिपाठी अतिरिक्त जिला एवं सत्र न्यायाधीश ने उपस्थित होकर बताया कि कोविड संबंधित नियमों का पालन करना अति आवश्यक है तभी कोविड-19 से बचा जा सकता हेेै साथ ही बताया कि कोविड से बचाव के लिए हमारा सबसे बड़ा हथियार मास्क और सोशल डिस्टेंसिंग का पालन करना है परंतु आम लोगो के द्वारा बहुत सी लापरवाही देखी जा रही है, लोग मास्क पहनकर नहीं निकलते हैं और ना ही सोशल डिस्टेंसिंग का पालन करते हैं। न्यायाधीश गणों ने बताया कि कोविड के समय में लोग घरों में बैठे हैं और ज्यादातर समय इंटरनेट पर बीत रहा है। बैंकिंग का काम भी ऑनलाइन बैकिंग ही हो रहा है, ऐसे कुछ हैकर्स एक्टिव होकर मौके का फायदा उठा रहे हैं और लोगों को कभी कोई स्कीम के नाम पर तो कभी डोनेशन के नाम पर ठग रहे हैं।
कुछ लोग सोशल मीडिया पर फर्जी अकाउंट बनाकर ठगने का काम भी कर रहे हैं। ऐसे में सोशल नेटवर्किंग का इस्तेमाल करते समय अलर्ट रहना चाहिए। हाल ही में फर्जी फेसबुक अकाउंट से धोखाधड़ी के कई मामले सामने आए हैं। साइबर ठग फेसबुक का फर्जी अकाउंट खोलकर लोगों से चीटिंग कर रहे हैं और यह काम इतनी होशियारी से किया जा रहा है कि यूजर्स को खबर तक नहीं लग पाती कि उसके फर्जी खाते का इस्तेमाल किया जा रहा है। साइबर ठग सबसे पहले आपके प्रोफाइल से आपका फोटो डाउनलोड कर के आपके नाम से फेक अकाउंट बनाकर आपके फ्रेंड को रिक्वेस्ट भेजता है। जैसे ही फ्रेंड रिक्वेस्ट को आपका फेसबुक फ्रेंड मंजूर करता है वैसे ही आपके फ्रेंड से डोनेशन के नाम पर पैसे मांगा जाता हेै। ये साइबर ठग अपनी बातों में ऐसे उलझाते हैं कि लोग उनके झांसे में आ जाते है। फिर वॉलेट से पैसा मांग जाते है। कुछ ऐसे भी मामले आए हैं जिनमें साइबर ठग लोगों को विश्वास में लेकर उनके वॉलेट की जानकारी मांगते हैं और फिर उसे खाली कर देते है।
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