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भूपेश ने की पाटन से सत्याग्रह आंदोलन की शुरूआत, कहा पूरे छग में होगा अब आंदोलन
जानवरों को खुला घूमने के कारण किसानों की फसल हो रही है बर्बाद,लोग हो रहे है दुर्घटना के कारण मौत के ेिशकार
दुर्ग / शौर्यपथ / पूर्व मुख्यमंत्री भूपेेश बघेल ने अपने पूर्व निर्धारित कार्यक्रम के अनुसार पाटन एसडीएम कार्यालय पहुंचकर जहां एसडीएम कार्यालय में गायों को छोडा और बडी संख्या में उपस्थित कांग्रसियों व आमजनों के साथ राज्य सरकार के नाम एक ज्ञापन एसडीएम लोकेश ध्रुव को सौंपा।
इस दौरान मीडिया से चर्चा करते हुए पूर्व मुख्यमंत्री भूपेेश बघेल ने कहा कि हमने 15 दिन पहले ही राज्य की विष्णुदेव सरकार से आग्रह किया था कि खुले में घूम रहे मवेशियों की सरकार उचित रखरखाव करे। मवेशियों के खुलेआम सडकों पर घूमने के कारण जहां एक ओर किसानों की फसलें चैपट हो रही है, वहीं दूसरी ओर लगातार दुर्घटनाओं में इनके कारण वृद्धि हो रही है। सडको में मवेशियों के बैठने के कारण पूरे छत्तीसगढ में लोग दुर्घटना का शिकार हो रहे है और उनकी दर्दनाक मौत हो रही है। वह सब हमारे लोग हैं। उनकी चिंता करना जरूरी है। आज इस सत्याग्रह की शुरूआत हमारे द्वारा पाटन से कर
दी गई हैं ये अभियान अब बंद नही होगा बल्कि ये अभियान अब पूरे छग में सत्याग्रह आंदोलन के रूप में आगे बढेगा। हमने अपनी सरकार में 10 हजार से अधिक गौठान बनाये थे, लेकिन विष्णुदेव साय की सरकार ने उनपर कोई ध्यान नही दिया। हमारी मांग है कि पुन: गौठान योजना शुरू करें। गोबर खरीदी शुरू करें व वर्मी कम्पोस्ट बनाने का कार्य शुरू हो ताकि किसानों की उन्नति हो। भगवान सरकार को सदबुद्धि दे और वे जल्द से जल्द गौठान को शुरू करे।
आज सरकार के अफसर अलग-अलग गांवों जिनमें घुघवा, सांकरा, जाम गांव, बठेना, अटारी, बेलोदी, पाटन के किसान बडी संख्या में अपने पशु लेकर हमारे इस सत्याग्रह आंदोलन में शामिल हुए। यह अभियान किसानों की बर्बाद हो रही फसल को बचाने एवं प्रदेश में जानवरों की वजह से जो खुलेआम सडकों पर बैठे रहती है, उनके कारण हो रही दुर्घटना पर रोक लग सके। इसके लिए ये आंदोलन अब और तेज होगा। उन्होंने किसान भाईयों से आग्रह किया हेै कि जो भी मवेशी खुले में सडकों पर विचरण कर रहे है, उन्हें नजीदीक के थाने, तहसील आफिस, जनपद कार्यालय, पंचायत कार्यालयों में जाकर उन्हें सौंप दें और उनकी रक्षा अब आपकी जिम्मेदारी है कहकर इन मवेशियों को इनके कार्यालयों में बकायदा एक दिन पहले सूचना देकर इनके यहां छोडने का काम करें। चूंकि गोै माता है लेकिन राज्य की सरकार को कोई चिंता नही है, लोगों की जान माल और किसानों की हो रही फसल बर्बादी और सरकार को पूर्व में सूचना देने के बाद भी यह सरकार नही जागी तो आज हमने मवेषियों के साथ पाटन एसडीएम कार्यालय पहुंचकर अपने इस सत्याग्रह आंदोलन की शुरूआत आज से कर दी है। उनके साथ बडी संख्या मे कांग्रेसजन व कई गांवों के किसान इस सत्याग्रह में शामिल हुए।
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