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शिल्प बाजार में सत्रह राज्यों का एक से एक आकर्षक उत्पाद ग्राहकों को कर रहा है आकर्षित
भिलाई/शौर्यपथ / छत्तीसगढ सर्वजन विकास समिति राजनांदगांव द्वारा आयोजित एवं कार्यालय विकास आयुक्त हस्तशिल्प भारत सरकार वस्त्र मंत्रालय नई दिल्ली द्वारा प्रायोजित कला मंदिर के सामने वेलडेक्स ग्राउण्ड सिविक सेंटर में लगेे गांधी शिल्प बाजार का शुभारंभ गत दिवस दुर्ग लोकसभा के सांसद विजय बघेल ने किया। इस अवसर पर सहायक निदेशक हस्तशिल्प सेवा केन्द्र जगदलपुर एवं विकास आयुक्त कार्यालय हस्तशिल्प वस्त्र मंत्रालय भारत सरकार नई दल्ली मनोज राठी, हस्तशिल्प संवधर्न अधिकारी आर एन देवांगन एवं इस हस्तशिल्प बाजार के संचालक भावेश बुद्धदेव विशेष रूप से उपस्थित थे। इस गांधी शिल्प के संचालक भावेश बुद्धदेव ने बताया कि इस गांधी शिल्प बाजार को ग्राहकों का अच्छा प्रतिसाद मिल रहा है। दिन प्रतिदिन यहां ग्राहको की भीड़ बढते ही जा रही है क्योंकि देश के 17 राज्यों के 70 स्टाल इस शिल्प बाजार में दुकानदारों ने लगाया है। इस बाजार में लगे है एक से एक आकर्षक उत्पाद यहां के ग्राहकों को काफी आकर्षित कर रहा है। इस गांधी शिल्प बाजार में देश के 17 राज्यों के कई दूर दराज क्षेत्रों से लोग आकर यहां अपने हस्तशिल्प द्वारा निर्मित उत्पादों का स्टाल लगाये है, इसमें जहां विविध हस्तशिल्प एवं जूट शिल्प केन्द्र के जूट से बने सामानो के साथ ही रायगढ के ब्रास का एक एक आयटम जहां लोगों को लुभा रहा है, वहीं जयपुर की जुती व चप्पल,बनारस की फेमस बनारसी साड़ी एवं के साथ आसाम के बम्बू से बने एक से एक आकर्षक सामान यहां लगें है एक बार ग्राहक यहां आ गये तो बिना कुछ लिये खाली हाथ नही जा पा रहे हैं।
हमारे संवाददाता से चर्चा करते हुए सहायक निदेशक हस्तशिल्प सेवा केन्द्र जगदलपुर एवं विकास आयुक्त कार्यालय हस्तशिल्प वस्त्र मंत्रालय भारत सरकार नई दल्ली मनोज राठी एवं गांधी शिल्प बाजार के संचालक भावेश बुद्धदेव ने संयुक्त रूप से बताया कि यहां कोसा की साड़ी, ब्लॉक प्रिंट, लेदर क्राफ्ट, ढोकरा शिल्प, ज्वेलरी, बस्तर शिल्प, बांस शिल्प, एम्ब्रायडरी वर्क, चंदरी साड़ी, टेराकोटा, उडि़सा पट्टचित्र, कालीन शिल्क, बनारसी साड़ी, जूट क्राफ्ट एवं वुडेन क्राफ्ट सहित अन्य कई हैण्डीक्राफ्ट की वस्तुएं इस बाजार में बिकने के लिए आई है।
सहायक निदेशक हस्तशिल्प सेवा केन्द्र जगदलपुर एवं विकास आयुक्त कार्यालय हस्तशिल्प वस्त्र मंत्रालय भारत सरकार नई दल्ली मनोज राठी ने आगे बताया कि यह गांधी शिल्प बाजार लगाने का उद्देश्य है कि हम हस्तशिल्पियों के लिए एक डायरेक्टर मार्केट उपलब्ध कराये और उनको आगे बढने का एक प्लेटफार्म दें ताकि जहां वे अपना सामान बेच सके। भिलाई में यह गांधी शिल्प बाजार लगाने के बारे में चर्चा करते हुए श्री राठी ने बताया कि भिलाई एक बहुत अच्छा मार्केट वाला प्रोटेंशियल सिटी है। सरकार ऐसे शहरों को चुनती है जो प्रोटेशियल हो, और हैण्डीक्राफ्ट को पहचान सके, उसको समझे और उसकी कीमत दे पाये। आप यहां देख रहे है कि यहां नागलैंड, आसाम से भी कारीगर यहां भिलाई के नाम से ही अपना उत्पाद लेकर आये है। वहीं शिल्प बाजार के संचालक भावेश बुद्धदेव ने बताया कि इस बाजार में हैण्डीक्राफट के एक से एक सामान बिक्री के लिए आये हुए है। यहां खादी, जूट, एम्ब्राडरी सहित सभी प्रकार के हैण्डक्राफट के सामान आये है।
हमारे द्वारा यह शिल्प बाजार लगाने का मुख्य उद्देश्य है कि हम हस्तशिल्प की बने सामानों को सीधे ग्राहकों को कम कीमत पर उपलब्ध कराये क्योंकि अन्य उत्पादों में ऐसा होता है कि बीच में बिचौलिया होता है, और वह अपने हिसाब से अपना कमीशन लेकर सामान दुकानदारों को देता है और उससे ग्राहकोंं को अधिक दर पर सामान मिलता है, इसलिए हमारी सोच है कि हम सीधे हस्तशिल्प निर्मित करने वालों को डायरेक्टर ग्राहकों पास पहुंचाये इससे एक तो हस्तशिल्प वालों को आगे बढने का एक उचित स्थान मिलेगा और वहीं ग्राहकों को भी कम कीमत पर सामान उपलब्ध हो सकेगा। इस गांधी शिल्प बाजार में जूट पेंटिग्स व जूट स्टेचू के लिए छग राज्य शासन से पुरस्कृत, डॉ. कीर्ति काले, जूट फ्लावर्स के लिए छग शासन द्वारा पंजीकृत एवं प्रयास प्रकाशन बिलासपुर द्वारा सम्मानित श्रीमती प्रतिभा सिंह, जूट बैंग व जूट मेट के लिए ग्लोबल अकादमी रीवा द्वारा पुरस्कृत श्रीमती पूजा काले, क्रोशिया वर्क के लिए रीवां के तथास्तु अकादमी द्वारा सम्मानित श्रीमती सुलोचना काले भी अपनी अपनी आकर्षक उत्पाद लेकर इस मेला में पधारे हुए है जिसमें जूट पेटिंग्स, जूट स्टेच्यू,जूट फलावर्स, जूट बैग, जूट मेट, क्रोशिया वर्क, एम्ब्रोस पेंटिंग्स, फ्रेबिक पेंटिंग, डॉल मेकिंग, वाल हैंङ्क्षग, पैंचवर्क, सॉटन स्टेचू, एम्ब्रायरी, रेटल पेंटिंग्स के साथ ही छत्तीसगढ सवनाही पेंटिँग्स के सामान कम दर पर लेकर उपलब्ध हुई है।
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