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हर वार्ड में बनेगा सफाई रजिस्टर, 12 बजे बाद क्लस्टर सिस्टम लागू होगा, कंट्रोल रूम से सीधे दर्ज होंगी शिकायतें
रिसाली / SHOURYAPATH /
नगर पालिक निगम रिसाली में सफाई व्यवस्था को और अधिक प्रभावी बनाने के उद्देश्य से महापौर शशि सिन्हा की अध्यक्षता में आयोजित एक महत्वपूर्ण बैठक में कई निर्णय लिए गए। अब से हर वार्ड के सफाई सुपरवाइजरों को प्रतिदिन सफाई कार्यों की जानकारी संबंधित पार्षद को देनी होगी, साथ ही नागरिकों से सफाई की पुष्टि कराकर रजिस्टर में हस्ताक्षर लेना अनिवार्य किया गया है।
आयुक्त मोनिका वर्मा ने निर्देश दिया है कि प्रत्येक वार्ड के लिए तीन अलग-अलग रजिस्टर बनाए जाएं, जिनमें:
नाली की सफाई
सड़क-बाजार क्षेत्र की सफाई
पार्षद एवं नागरिकों की शिकायतें
का रिकॉर्ड रखा जाएगा।
उन्होंने स्पष्ट किया कि नाली सफाई की जानकारी “कहां से कहां तक” हुई, यह नागरिकों से प्रमाणित कराना होगा, जबकि सड़क और बाजार क्षेत्र की सफाई कार्यों की जानकारी सुपरवाइजर द्वारा पार्षद को दी जाएगी। यदि किसी पार्षद की ओर से सफाई कार्यों को लेकर कोई शिकायत है, तो उसे रजिस्टर के रिमार्क कॉलम में दर्ज कर तत्काल जन स्वास्थ्य विभाग को अवगत कराना होगा।
बैठक में कई पार्षदों ने यह शिकायत की कि दोपहर 12 बजे के बाद सफाईकर्मी वार्डों में नज़र नहीं आते, जबकि उनकी ड्यूटी दोपहर 2 बजे तक की है। इस पर आयुक्त ने एक नई कार्य योजना के तहत निर्देश दिया कि अब 3 से 4 वार्डों का एक क्लस्टर बनाया जाएगा। इन क्लस्टर्स में सफाई कर्मचारी बल्क में एकत्र होकर हर दिन किसी एक वार्ड में गहन सफाई कार्य करेंगे। इसके लिए पार्षदों को रोस्टर उपलब्ध कराने के भी निर्देश दिए गए हैं।
नवाचार के तहत आयुक्त ने जनस्वास्थ्य विभाग में एक कंट्रोल रूम स्थापित करने की घोषणा की है। शीघ्र ही इसके लिए टेलीफोन नंबर सार्वजनिक किए जाएंगे, जिससे नागरिक सीधे कंट्रोल रूम से संपर्क कर अपनी शिकायत दर्ज करा सकेंगे।
शिकायतें प्राथमिकता के आधार पर सूचीबद्ध की जाएंगी और संबंधित सुपरवाइजर को तत्काल कार्रवाई के लिए सौंपा जाएगा।
बैठक में महापौर शशि सिन्हा के साथ नेता प्रतिपक्ष शैलेन्द्र साहू, एमआईसी सदस्य अनिल देशमुख, जहीर अब्बास, रंजीता बेनुआ, ममता यादव, जमुना ठाकुर, चन्द्रभान ठाकुर, गोविन्द चतुर्वेदी, विनय नेताम, धर्मेन्द्र भगत, अनुप डे, शीला नारखेड़े, सोनिया देवांगन, रमा साहू, हरीशचन्द्र नायक, खिलेन्द्र चंद्राकर, पार्वती, सारिका साहू सहित कई पार्षद उपस्थित रहे।
? निष्कर्ष:
रिसाली नगर निगम द्वारा उठाए गए ये कदम पारदर्शिता, जवाबदेही और नागरिक सहभागिता को बढ़ावा देने की दिशा में मील का पत्थर साबित हो सकते हैं। यदि यह मॉडल सफल रहा, तो इसे अन्य नगरीय निकायों में भी लागू किया जा सकता है।
– संवाददाता
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