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दुर्ग / शौर्यपथ /
कलेक्टर श्री अभिजीत सिंह ने आज कलेक्टोरेट सभाकक्ष में आयोजित राजस्व अधिकारियों की समीक्षा बैठक में जिले के सभी राजस्व कार्यों की गहन समीक्षा करते हुए अधिकारियों को समयबद्ध, पारदर्शी और परिणामोन्मुख कार्यशैली अपनाने के निर्देश दिए।
उन्होंने कहा कि “राजस्व विभाग प्रशासन की रीढ़ है, यहाँ की तत्परता सीधे जनता के विश्वास से जुड़ी है।”
बैठक में नामांतरण, खाता विभाजन, सीमांकन, नक्शा बटांकन, डायवर्सन, वृक्ष कटाई, त्रुटि सुधार, अभिलेख शुद्धता, कृषक पंजीयन, ई–डिस्ट्रिक्ट लोक सेवा गारंटी, गिरदावरी, धान खरीदी और भूमि आबंटन जैसे महत्वपूर्ण राजस्व प्रकरणों की प्रगति की समीक्षा की गई।
कलेक्टर सिंह ने निर्देश दिए कि शासकीय विभागों से भूमि आबंटन के लिए प्राप्त आवेदनों का निराकरण सर्वोच्च प्राथमिकता पर किया जाए।
उन्होंने संबंधित अधिकारियों से कहा कि चिन्हांकित स्थलों का मैदानी निरीक्षण कर वस्तुस्थिति की जांच करें और नक्शा बटांकन कार्य शीघ्र पूर्ण करें।
साथ ही, शासकीय भूमि पर हुए कब्जे हटाने की कार्रवाई तेज करने के निर्देश भी दिए।
कलेक्टर ने कहा कि कृषक पंजीयन कृषि डिजिटलीकरण की दिशा में महत्वपूर्ण कदम है, जिससे पारदर्शिता बढ़ेगी और योजनाओं का लाभ सीधे किसानों तक पहुँचेगा।
उन्होंने निर्देश दिए कि पात्र किसानों का पंजीयन प्राथमिकता से सुनिश्चित किया जाए तथा ग्राम पंचायतों में कोटवारों के माध्यम से मुनादी कर किसानों को सूचित किया जाए।
धान खरीदी को लेकर भी उन्होंने विस्तृत समीक्षा करते हुए कहा कि जिले की 20 नई समितियों को राजस्व रिकॉर्ड में अपडेट किया जाए ताकि खरीदी कार्य में किसी प्रकार की तकनीकी बाधा न आए।
कलेक्टर सिंह ने अविवादित नामांतरण, बंटवारा, सीमांकन और राजस्व वसूली की स्थिति पर विशेष चर्चा की।
उन्होंने निर्देश दिए कि सीमांकन प्रतिवेदन की तिथि निर्धारित कर कार्य शीघ्र पूर्ण किया जाए तथा नक्शा बटांकन के लिए टीम बनाकर कार्यवाही में तत्परता लाई जाए।
अभिलेख शुद्धता के लिए डिजिटल हस्ताक्षर प्रमाण पत्र (DSC) को एक सप्ताह के भीतर अद्यतन करने भी कहा गया।
कलेक्टर ने भू-अर्जन के लंबित प्रकरणों, भारतमाला परियोजना से संबंधित कार्यों और राजस्व पुस्तक परिपत्र 6–4 के मामलों की समीक्षा की।
उन्होंने कहा कि मुआवजा भुगतान में किसी भी प्रकार की देरी अस्वीकार्य होगी, और प्रभावित लोगों को समय पर राहत मिलनी चाहिए।
जाति प्रमाण पत्र के लंबित प्रकरणों को भी गंभीरता से लेकर शीघ्र निराकृत करने के निर्देश दिए गए।
कलेक्टर ने दीनदयाल उपाध्याय भूमिहीन कृषक कल्याण योजना के अंतर्गत पात्र हितग्राहियों की सूची को अद्यतन करने कहा।
उन्होंने स्पष्ट निर्देश दिए कि “अपात्र व्यक्तियों को योजना का लाभ न मिले, यह सुनिश्चित करना अधिकारियों की जवाबदेही होगी।”
कलेक्टर सिंह ने कहा कि अनुविभागीय अधिकारी (SDM), तहसीलदार, और नायब तहसीलदार परस्पर समन्वय से सभी भू-अभिलेख संबंधी प्रकरणों का निराकरण सुनिश्चित करें।
उन्होंने चेतावनी दी कि “राजस्व कार्यों में लापरवाही या विलंब पाए जाने पर संबंधित अधिकारी पर कार्रवाई की जाएगी।”
बैठक में अपर कलेक्टर श्री अभिषेक अग्रवाल, अपर कलेक्टर श्रीमती योगिता देवांगन, अपर कलेक्टर श्री वीरेन्द्र सिंह,
एसडीएम श्री लवकेश ध्रुव, श्री सोनल डेविड, श्री महेश राजपूत, संयुक्त कलेक्टर श्रीमती सिल्ली थॉमस,
तथा सभी तहसीलदार, नायब तहसीलदार और एएसएलआर अधिकारी उपस्थित रहे।
“राजस्व प्रशासन की कार्यशैली में पारदर्शिता, जवाबदेही और जनता की संतुष्टि हमारी सर्वोच्च प्राथमिकता है।
प्रत्येक अधिकारी यह सुनिश्चित करे कि हर प्रकरण का समाधान समयसीमा में हो और जनता को राहत मिले।”
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Feb 09, 2021 Rate: 4.00
