December 08, 2025
Hindi Hindi

नरवा योजना के तहत युध्दस्तर पर जारी है काम

  • Ad Content 1

-थनौद नाले के जीर्णोद्धार में 100 से ज्यादा महिलाएं जुटी
-पानी के संकट से छुटकारा पाने के लिए महिलाओं ने अपने कंधे पर उठाई जिम्मेदारी
-अब तक 3 डबरियों का निर्माण पूर्ण
-करीब डेढ़ किलोमीटर तक नाले का जीर्णोद्धार व 10 डबरियों के निर्माण की है योजना
-300 एकड़ में सिंचाई सुविधा का होगा निर्माण


दुर्ग  / शौर्यपथ /   भगीरथ की पौराणिक कहानी तो हम सब जानते हैं जिन्होंने गंगा नदी को धरती पर लाने का काम किया था। कुछ ऐसी ही कहानी है थनौद की महिलाओं की जिन्होंने लंबे समय से अपने क्षेत्र में चली आ रही पानी की कमी को दूर करने की ठानी और आशा की किरण के रूप में सामने आया नरवा प्रोजेक्ट। जिसके तहत पहले ग्राम सभा में प्रस्ताव पारित करवाया गया। खास बात ये है कि नाला जीर्णोद्धार के काम में ज्यादातर श्रमिक, महिलाएं ही हैं।
पानी का संकट दूर करने में नरवा योजना बनेगी मददगार-हम सभी जानते हैं पानी से महिलाओं का सीधा जुड़ाव है हम सदियों से देखते आ रहे हैं पीने का पानी भरना महिलाओं की ही जिम्मेदारी है। पानी का स्रोत घर के पास हो या मीलों दूर, अपने सर पर गागर लेकर निकल पड़ती हैं महिलाएं तब जाकर घरों में पानी पहुँच पाता है। इसके बाद खाना पकाना, घर की साफ-सफाई, लिपाई पोताई, बर्तनों की सफाई, मवेशियों को पानी पिलाना से जिम्मेदारी घर की महिलाओं की ही रही है। इसलिए पानी की कमी से सबसे ज्यादा महिलायें ही प्रभावित होती हैं। थनौद में भी यही दिक्कत थी।
गांव की महिलाओं ने देखा कि गांव में वर्षा का जल इकट्ठा करने के लिए पर्याप्त साधन नहीं थे। इसलिए भूजल स्तर भी कम था । बारिश का पूरा पानी व्यर्थ में बह जाता था। एक नाला था वो भी जीर्ण शीर्ण। गर्मी में पानी की समस्या प्रबल हो जाती थी। 25 से 30 हैण्डपम्प तो थे मगर जमीन के अंदर पानी न होने के कारण सब सूख जाते थे। क्षेत्र के तालाब का पानी मार्च के बाद पानी सूख जाता था । जिससे महिलाओं को पीने का पानी भरने एवं निस्तारी के लिए दो किलोमीटर का सफर तय करना पड़ता था। नरवा, गरूवा ,घुरूवा, बाड़ी योजना के तहत संचालित नरवा परियोजना एक बहुआयामी योजना है जिसका उद्देश्य जल संरक्षण तो है ही लेकिन इस योजना में सबसे महत्वपूर्ण बात ये है कि इसके तहत हो रहे जल स्रोतों के जीर्णोद्धार के द्वारा अब वर्षा के जल को रोककर पानी की कमी से छुटकारा पाने की दिशा में बढ़िया काम हो रहा है। जब थनौद की महिलाओं को पता चला कि नरवा योजना के तहत बहुत से जल संरक्षण के कार्य हो रहे हैं, साथ ही इस काम के लिए महात्मा गांधी नरेगा से मजदूरी भी मिलेगी। इस तरह एक पंथ और दो काज वाली बात महिलाओं को समझ आ गई। अपने गांव से पानी का संकट दूर करने के लिए महिलाओं ने थनौद नाले के जीर्णोद्धार का प्रस्ताव ग्राम सभा में दिया। प्रस्ताव को मंजूरी मिली और काम शुरू हुआ। तकनीकी सहायक श्रीमती दीप्ती सिंह ने बताया कि महिलाओं की कर्मठता को देखते हुए इस काम के लिए मनरेगा के तहत 9.65 लाख के काम मंजूरी मिली।
महिलाओं ने उठाई है नाला निर्माण की जिम्मेदारी-जिला पंचायत सीईओ श्री एस. आलोक बताते हैं कि थनौद मार्ग से पुल तक नाला निर्माण के इस कार्य की खास बात ये है कि ये पूरा काम महिलाएं कर रही हैं। उन्होंने बताया कि 100 से अधिक महिलाएं नाला निर्माण में लगी हुई हैं। उन्होंने बताया कि महात्मा गाधी नरेगा के तहत 746 पंजीकृत परिवार हैं, जिनमें मजदूरों की 991 संख्या है। वर्तमान में 596 परिवार एक्टिव हैं, जिनमें से लगभग जिसमें 95 प्रतिशत महिलाएं हैं। श्री आलोक ने बताया कि नाले के बीच-बीच में डबरी निर्माण का कार्य किया जा रहा है। ताकि वर्षा रूपी वरदान से मिले ज्यादा से ज्यादा पानी को एकत्रित किया जा सके।
कार्य पूर्ण होने पर 300 एकड़ में मिलेगी सिंचाई सुविधा,भूजल स्तर में बढ़ोतरी के साथ मिलेगी निस्तारी की भी सुविधा- सीईओ श्री एस. आलोक ने बताया कि हमारा आंकलन है कि कार्य पूर्ण होने पर लगभग 300 एकड़ के लिए सिंचाई सुविधा निर्मित होगी। इसके अलावा डबरी निर्माण से भूजल स्तर में बढ़ोतरी के साथ निस्तारी की भी सुविधा निर्मित होगी। जिला पंचायत से प्राप्त जानकारी के मुताबिक राजनांदगांव के टेड़ेसरा से देवादा होते हुए अंजोरा(ख) व थनौद में यह करीब 1500 मीटर तक इसका बहाव है। इस नाले के जीर्णोद्धार के लिए 9.65 लाख रुपए की राशि स्वीकृत हुई है। अब तक 3 डबरियों का निर्माण पूर्ण हो चुका है और 10 प्रस्तावित है।
नाले के किनारे अरहर तिल की फसल लेकर अतिरिक्त आमदनी-श्री एस. आलोक मुख्य कार्यपालन अधिकारी जिला पंचायत दुर्ग ने बताया कि स्व-सहायता समूह की महिलाओं द्वारा नाले के किनारों पर अरहर, तिल, टमाटर आदि लगाकर महिलाओं को अतिरिक्त आमदनी अर्जित करवाने के प्रयास भी किए जाएंगे। उन्होंने महिलाओं को सुझाव भी दिए कि प्रोजेक्ट उन्नति और बिहान से जुड़कर आजीविका प्राप्त करें। उन्होंने 70 से 80 रोजगार दिवस वाले परिवारों को 100 रोजगार दिवस पूर्ण करने हेतु प्रोत्साहित भी किया।

Rate this item
(0 votes)

Leave a comment

Make sure you enter all the required information, indicated by an asterisk (*). HTML code is not allowed.

हमारा शौर्य

हमारे बारे मे

whatsapp-image-2020-06-03-at-11.08.16-pm.jpeg
 
CHIEF EDITOR -  SHARAD PANSARI
CONTECT NO.  -  8962936808
EMAIL ID         -  shouryapath12@gmail.com
Address           -  SHOURYA NIWAS, SARSWATI GYAN MANDIR SCHOOL, SUBHASH NAGAR, KASARIDIH - DURG ( CHHATTISGARH )
LEGAL ADVISOR - DEEPAK KHOBRAGADE (ADVOCATE)