August 03, 2025
Hindi Hindi

कोरोना काल में फ्रंट लाईन वाले पत्रकारों की समस्याओ की ओर भी ध्यान दे शासन प्रशासन

  • Ad Content 1

युवा विधायक से मीडिया जगत को भारी उम्मीदें
कोरोना काल में युवा पत्रकारों की हो रही है लगातार दर्दनाक मौत

दुर्ग / शौर्यपथ / पूरे देश और प्रदेश में फैले कोरोना की इस महामारी में लोकतंत्र का चौथा स्तंभ कहलाने वाला पत्रकार भी इन दिनों कोरोना की चपेट में आते जा रहा है। दुर्ग जिला में जहां एक ओर इलाज के दौरान कोरोना की बीमारी से दो पत्रकारों की मौत हो गई, जिसमें जितेन्द्र साहू, युवा पत्रकार नरेन्द्र साहू एवं वरिष्ठ पत्रकार गुरपेज खैरे (हार्टअटैक) से हो चुकी है। इसके अलावा दो दर्जन से अधिक पत्रकार और मार्केटिंग और प्रेस की दुनिया में काम करने वाले लोग, व कम्प्यूटर ऑपरेटर भी आज हॉस्पिटल एवं घर में होम आइसोलेशन में घर में बिस्तर में पउे हुए है। सत्ताधारी दल हो या विपक्ष हो, इन तमाम नेताओं को हिरो और जीरो बनाने वाला पत्रकार आज आर्थिक तंगी की मार तों झेल ही रहा है साथ ही भारी भरकम इलाज के बोझ से दबते चला जा रहा है। इस ओर शासन प्रशासन के अलावा किसी भी समाजसेवी या बडे राजनैतिक दलों या बड़ व्यक्ति का ध्यान पत्रकारों की ओर नही दिया जाना, काफी चिंतनीय विषय है।
उल्लेखनीय है कि जनप्रतिनिधियों की हर बात को मुखर होकर समाज के आगे लाने वाला ये पत्रकार ही होता है। लेकिन किसी का भी कोई भी ध्यान मीडिया जगत के इन पत्रकारों की ओर नही दिया जाना बड़ा ही चिंतनीय विषय है और पत्रकारों के जीवन के लिए ये बड़ा ही चुनौतीपूर्ण कार्य हो गया है। एक ओर स्थानीय शहर सरकार के मुखिया को चाहिए कि वे पत्रकारों की पीड़ा को राज्य सरकार के उच्च स्तर के पटल पर रखे ताकि पत्रकारों का भला हो सके। चूंकि आज मार्केट में समाज के लोगों को जागरूक करने का कार्य ये मीडियाकर्मी ही फं्रट लाईन में रह कर कर रहे हैं। सरकार को चाहिए कि जिस तरह वह लॉकडाउन लगाने का निर्णय कलेक्टरों पर थोप देते है, और कलेक्टर साहब इस बीमारी को लेकर लॉकडाउन लगाने का काम बखूबी करते हेैँ। निश्चित रूप से ये काबिले तारीफ है लेकिन प्रदेश के मुखिया को चाहिए कि हर जिले के कलेक्टर को वह निर्देशित करे कि कोरोना महामारी में फिल्ड मे ंकार्य करने वाले पत्रकारों का बीमा सरकार को करना चाहिए ताकि कोरोना या सडक हादसे में पत्रकारों की मौत होने पर उनके परिवार को आर्थिक लाभ मिल सके। वहीं सरकारी और निजी अस्पतालों में बेड भी कुछ प्रतिशत पत्रकारों और उनके परिजनों के लिए आरक्षित किया जाये। साथ ही उनको या तो उनके पूरे बिल में छूट मिल सके या नही तो पचास प्रतिशत बिल माफ हो।
अब चूकि कोरोना के महामारी में परिवार वाले भटकाव की स्थिति में ना रहे, ऐसे मामले में एजूकेशन हब कहलाने वाले इस भिलाई में बडे बडे नामचीन अस्पताल है, वहंा पर वेन्टीलेकर,आईसीयू,ऑक्सीजन, में पत्रकारों को या उनके परिवार के लोगों को तुरंत भर्ती के लिए भी नोडल अधिकारी नियुक्ति करेंऔर एक हेल्प लाईन नंबर जारी करे। जिससे पत्रकारों को निजी तौर पर इसका लाभ मिल सके। पत्रकार और उसके परिवार भटकाव की स्थिति में ना रहे। कई नामचीन अखबार, साप्ताहिक अखबार और सांध्य दैनिक अखबार और इलेक्ट्रानिक मीडिया के पत्रकार भी कोरोना क ेचपेट में है। भिलाई के युवा विधायक से दुर्ग / भिलाई के पत्रकारों को काफी उम्मीदे हैं कि वह इन सारी बातों और मांगों को राज्य के मुखिया के समक्ष रखकर इसे जल्द लागू करायेगे। चूंकि अधिकांशतर मौत से दुनिया को अलविदा कहने वाले युवा वर्ग के ही पत्रकार है। ऐसे में समाजसेवा का दंभ भ्ररने वाले समाजसेवियों को भी आगे आकर पत्रकारों की इस पीड़ा मे सहयोगकर और अपना बडा योगदान देना चाहिए। वहीं विपक्ष के नेता एवं अन्य क्षेत्रीय दल को तो मानो जैसे सांप सूंध गया हो, कोई भी मीडिया जगत के लोगों का पूछ परख करने वाला नजर नही आ रहा है।

Rate this item
(0 votes)

Latest from शौर्यपथ

Leave a comment

Make sure you enter all the required information, indicated by an asterisk (*). HTML code is not allowed.

हमारा शौर्य

हमारे बारे मे

whatsapp-image-2020-06-03-at-11.08.16-pm.jpeg
 
CHIEF EDITOR -  SHARAD PANSARI
CONTECT NO.  -  8962936808
EMAIL ID         -  shouryapath12@gmail.com
Address           -  SHOURYA NIWAS, SARSWATI GYAN MANDIR SCHOOL, SUBHASH NAGAR, KASARIDIH - DURG ( CHHATTISGARH )
LEGAL ADVISOR - DEEPAK KHOBRAGADE (ADVOCATE)