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दुर्ग / शौर्यपथ / चंदूलाल कोविड केयर हास्पिटल के चिकित्सकों और नर्सिंग स्टाफ की कड़ी मेहनत के बूते आज एक जिंदगी भी बेहद कठिन परिस्थितियों में बचा ली गई। ये 70 वर्षीय बुजुर्ग महिला महालक्ष्मी की कहानी है। जब महालक्ष्मी का आक्सीजन लेवल डाउन हुआ तो इनके परिजनों ने उन्हें अस्पताल ले जाने का निर्णय किया। परिजनों ने अस्पताल पहुँचकर बताया कि आक्सीजन लेवल 50 से 60 के बीच आ रहा है। मरीज की गंभीर स्थिति को देखते हुए इन्हें तुरंत भर्ती किया गया तथा आक्सीजन सपोर्ट आरंभ कर दिया गया। इसके साथ ही मेडिसीन प्लान की गई। स्थिति में लगातार सुधार हुआ और अंततः आज मरीज के परिजनों के लिए वो बहुप्रतीक्षित दिन आ गया जब 20 दिन के इंतजार के बाद वो घर पहुँची। उनके पोते ने बताया कि हास्पिटल स्टाफ ने दादी का बहुत ध्यान रखा। लगातार स्वास्थ्य की मानिटरिंग करते रहें, दवाइयाँ देते रहें।
हास्पिटल के स्टाफ के प्रोत्साहन ने दादी की हिम्मत बढ़ाई और वे धीरे-धीरे स्वस्थ होती गईं। इतने कम लेवल पर आक्सीजन चले जाने के चलते हम लोग काफी घबरा गए थे लेकिन कोविड केयर सेंटर के डाॅक्टरों ने आश्वस्त किया कि मेडिकल पैरामीटर में लगातार सुधार आ रहा है और दादी रिकवरी की राह पर हैं। इससे हम सबका भी मन बहुत मजबूत हुआ। उन्होंने कहा कि हास्पिटल में खाने-पीने की व्यवस्था और साफ-सफाई भी बढ़िया रही। हास्पिटल के मेडिकल आफिसर डाॅ. अनिल शुक्ला ने बताया कि हम लोग मरीजों के मनोबल पर भी पूरा ध्यान दे रहे हैं। डाॅक्टर्स राउंड के समय मरीजों को मोटिवेट करता है। नर्सिंग स्टाफ भी हमेशा मोटिवेशन बनाये रखता है। हर कुछ घंटे में विशेषज्ञ डाॅक्टर्स क्रिटिकल मरीजों के ट्रीटमेंट की रणनीति के संबंध में चर्चा करते हैं और आगे के लिए प्लान तैयार करते हैं इसका अच्छा असर होता है और रिकवरी तेज होती है।
जब आईं थी तो साँस लेने में दिक्कत के साथ डायरिया से भी जूझ रही थीं- सुभाष नगर की 59 वर्षीय शिवानी जब हास्पिटल में आईं तो उन्हें साँस लेने की दिक्कत के साथ ही डायरिया की समस्या भी थीं। उनका आक्सीजन लेवल 80 तक पहुँच गया था। कमजोरी और बुखार भी था। ऐसे में इनकी तकलीफों को देखते हुए अलग-अलग तरह से मेडिसीन प्लान की गई। चूँकि कई पैरामीटर्स पर काम करना था अतएव अस्पताल के विशेषज्ञों ने लगातार चर्चा की और इनका ट्रीटमेंट प्लान किया। आज शिवानी भी डिस्चार्ज हुईं। उनके भतीजे ने बताया कि चंदूलाल चंद्राकर कोविड केयर हास्पिटल में बुआ का अच्छे से ध्यान रखा गया। यहाँ खाने-पीने की सुविधा बहुत अच्छी थी। साफ-सफाई की व्यवस्था भी अच्छी रही। आज वो डिस्चार्ज हुईं, अस्पताल का अनुभव बहुत अच्छा रहा।
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