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दुर्ग//शौर्यपथ /नगर पालिक निगम के तहत शहर की सफाई वयवस्था पर लगातार निगम अमला कार्य कर रहा है! महापौर श्रीमती अलका बाघमार ने जनप्रतिनिधियों व अधिकारियों के साथ बोरसी वार्ड क्रमांक 51 क्षेत्र में सफाई कार्यो का निरीक्षण किया और संबंधित अधिकारियों को तत्काल सफाई और सुधार कार्यो को प्राथमिकता देने का निर्देश दिए,महापौर श्रीमती अलका बाघमार ने वार्ड 51, वृंदावन नगर का निरीक्षण।उन्होंने नाली निर्माण: कलकत्ता स्वीट से इशू बाड़ी से गार्डन तक नाली निर्माण के लिए प्रस्ताव बनाने के निर्देश दिए।
उन्होंने सड़क क्षेत्र अतिक्रमण हटाना और घरों व दुकानों जे सामने और नालियों के ऊपर से अतिक्रमण हटाने के निर्देश दिए।उन्होंने अधिकारियों से कहा गार्डन की सफाई निरन्तर करते रहें।इन कार्यों को पूरा करने से वार्ड 51, वृंदावन नगर की स्वच्छता और सुंदरता में सुधार होगा।उन्होंने कहा सड़क किनारे नालियों के आस पास से झाड़ियों व घास को हटाने कहा।
महापौर ने इस दौरान साफ- सफाई के साथ घर-घर कचरा कलेक्शन कार्य का निरीक्षण किया। मौके पर ही सफाई व्यवस्था को दुरुस्त करने के लिए निगम अधिकारी को आवश्यक दिशा निर्देश भी दिए।
इस दौरान एमआईसी देवनारायण चन्द्राकर, ज्ञानेश्वर ताम्रकर,पार्षद साजन जोसेफ,कार्यपालन अभियंता दिनेश नेताम,सहायक अभियंता संजय ठाकुर,उपअभियंता विकास दमाहे सहित अन्य सुपरवाइजर भी मौके पर मौजूद रहे।
सम्बंधित अधिकारी ने महापौर को जानकारी देते हुए बताया कि बोरसी क्षेत्र की सफाई व्यवस्था को व्यवस्थित करने के लिए लगातार निगम प्रशासन प्रयासरत है!
उन्होने कहा कि निगम प्रशासन द्वारा बाजार में कचरा वाहन की व्यवस्था की गई है! जिसमें दुकानदार अपना कचरा उक्त वाहन में डाल सके। लोगों के द्वारा कचरा फेंकने पर निगम के द्वारा द्वारा जुर्माना की कार्रवाई किया जाएगा।नगर निगम की लगातार निगरानी पर सफाई व्यवस्था में सुधार हुआ है।हमारा उद्देश्य बाजार को स्वच्छ सुंदर एवं व्यवस्थित बनाना है।जिसके लिए निगम प्रशासन दिन-रात कार्य कर रहा है।
मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय ने रेडी टू ईट निर्माण एवं वितरण हेतु रायगढ़ में 10 महिला स्व-सहायता समूहों को सौंपे अनुबंध पत्र
बच्चों के पोषण अभियान के साथ महिलाओं की आर्थिक समृद्धि को मजबूती देगी यह पहल: मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय
रायगढ़ जिले के सभी 2709 आंगनबाड़ी केंद्रों में रेडी टू ईट फूड का महिला स्व सहायता समूहों द्वारा किया जाएगा वितरण
रायपुर /शौर्यपथ / छत्तीसगढ़ सरकार द्वारा प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी की एक और गारंटी को पूरा करते हुए रेडी टू ईट निर्माण का कार्य पुनः महिला स्व-सहायता समूहों को सौंपने के निर्णय पर अमल की पहल की शुरुआत आज रायगढ़ जिले से की गई है। रायगढ़ जिले के सभी 2709 आंगनबाड़ी केंद्रों में रेडी टू इट फूड अब महिला स्व सहायता समूहों द्वारा उपलब्ध कराया जाएगा।
मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय ने रायगढ़ में आयोजित कार्यक्रम में 10 महिला स्व-सहायता समूहों को रेडी टू ईट निर्माण एवं वितरण के लिए अनुबंध पत्र सौंपे। इस अवसर पर वित्त मंत्री ओ.पी. चौधरी, रायगढ़ सांसद राधेश्याम राठिया, राज्यसभा सांसद देवेंद्र प्रताप सिंह, विधायक पुरंदर मिश्रा, जिला पंचायत अध्यक्ष श्रीमती शिखा रविंद्र गबेल, महापौर जीवर्धन चौहान एवं जिला पंचायत सदस्य श्रीमती सुषमा खलखो उपस्थित थीं।
मुख्यमंत्री साय ने कहा कि राज्य सरकार ने आंगनबाड़ी केंद्रों के लिए पूरक पोषण आहार (रेडी टू ईट) के निर्माण एवं वितरण का कार्य महिला स्व-सहायता समूहों को सौंपने का निर्णय लिया है। यह कार्य प्रारंभिक चरण में 6 जिलों में पायलट प्रोजेक्ट के रूप में प्रारंभ किया जाएगा। रायगढ़ इस पहल का पहला जिला बना है, जहाँ 10 महिला स्व-सहायता समूहों को अनुबंध पत्र वितरित किए गए हैं।
मुख्यमंत्री ने कहा कि इन समूहों की बहनें अब आंगनबाड़ी के बच्चों को पौष्टिक आहार उपलब्ध कराने के साथ-साथ इस कार्य से अपनी आमदनी भी बढ़ाएंगी, जिससे वे आर्थिक रूप से सशक्त बन सकेंगी। यह योजना महिलाओं को स्वरोजगार के साथ-साथ सामाजिक और आर्थिक सशक्तिकरण की दिशा में भी एक सार्थक पहल है। साथ ही, बच्चों को पोषण युक्त आहार प्रदान कर राज्य के पोषण स्तर में सुधार लाने में भी यह योजना महत्वपूर्ण भूमिका निभाएगी।
मुख्यमंत्री साय ने अपने संबोधन में कहा कि विगत डेढ़ वर्ष के कार्यकाल में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी जी की गारंटी के अधिकांश कार्यों को धरातल पर उतारा गया है। प्रधानमंत्री आवास योजना, 3100 रुपये प्रति क्विंटल की दर से धान खरीदी, दो वर्षों का बकाया बोनस वितरण, महतारी वंदन योजना के तहत महिलाओं को प्रतिमाह 1000 रुपये की सहायता राशि, तेन्दूपत्ता संग्रहण दर में 5500 रुपये प्रति मानक बोरा की वृद्धि तथा चरण पादुका योजना की पुनः शुरुआत जैसे कार्य इसके सशक्त उदाहरण हैं। साथ ही, रामलला दर्शन योजना एवं तीर्थयात्रा योजना के माध्यम से प्रदेशवासियों को धार्मिक स्थलों की यात्रा का लाभ भी दिया जा रहा है।
मुख्यमंत्री ने बताया कि अटल डिजिटल सेवा केन्द्रों की शुरुआत की गई है, जिसका उद्देश्य ग्रामीण क्षेत्रों के लोगों को उनके गांव में ही बैंकिंग सेवाएं उपलब्ध कराना है। अब तक प्रदेश की 1,460 पंचायतों में ऐसे सेवा केन्द्र स्थापित किए जा चुके हैं, जिससे हजारों माताएं और बहनें सरल, सुरक्षित और सुलभ बैंकिंग सेवाओं का लाभ उठा रही हैं। आने वाले समय में शेष पंचायतों को भी इस सुविधा से जोड़ा जाएगा।
इस अवसर पर वित्त मंत्री ओ.पी. चौधरी ने कहा कि राज्य सरकार महिलाओं को आत्मनिर्भर बनाने हेतु सतत कार्य कर रही है। पूरे देश में 3 करोड़ लखपति दीदी बनाने का जो लक्ष्य रखा गया है, उसके अनुरूप छत्तीसगढ़ सरकार योजनाबद्ध तरीके से कार्य कर रही है। इसी दिशा में रेडी टू ईट योजना प्रारंभ की जा रही है, जिसके प्रथम चरण में 6 जिलों को शामिल किया गया है। रायगढ़ ऐसा पहला जिला है जहाँ महिला समूहों को अनुबंध पत्र सौंपे गए हैं। वित्त मंत्री ने अनुबंध प्राप्त सभी महिला समूहों से गुणवत्ता युक्त कार्य करने का आह्वान किया और कहा कि वे इस योजना को एक आदर्श मॉडल के रूप में प्रस्तुत करें। यह पहल न केवल महिलाओं को आर्थिक रूप से सशक्त बनाएगी, बल्कि राज्य के पोषण अभियान को भी मजबूती प्रदान करेगी।
उल्लेखनीय है कि रायगढ़ जिले में रेडी टू ईट कार्य हेतु 10 महिला समूहों का चयन किया गया है, जिन्हें अनुबंध पत्र प्रदान किए गए हैं। इन समूहों को रेडी टू ईट यूनिट की स्थापना हेतु प्रधानमंत्री फॉर्मेलाइजेशन ऑफ माइक्रो फूड प्रोसेसिंग एंटरप्राइज़ (PMFME) योजना के अंतर्गत उद्योग विभाग द्वारा पूंजीगत सब्सिडी प्रदान की जाएगी।रायगढ़ जिले की सभी परियोजनाओं रायगढ़ शहरी, रायगढ़ ग्रामीण, पुसौर, खरसिया, घरघोड़ा, तमनार, लैलूंगा, मुकड़ेगा, धरमजयगढ़ एवं कापू परियोजनाओं के अंतर्गत आंगनबाड़ी केंद्रों में रेडी टू ईट वितरण हेतु महिला समूहों का चयन किया गया है।
मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय ने रेडी टू ईट निर्माण एवं वितरण हेतु रायगढ़ में 10 महिला स्व-सहायता समूहों को सौंपे अनुबंध पत्र
बच्चों के पोषण अभियान के साथ महिलाओं की आर्थिक समृद्धि को मजबूती देगी यह पहल: मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय
रायपुर /शौर्यपथ /छत्तीसगढ़ सरकार द्वारा प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की एक और गारंटी को पूरा करते हुए रेडी टू ईट निर्माण का कार्य पुनः महिला स्व-सहायता समूहों को सौंपने के निर्णय पर अमल की पहल की शुरुआत आज रायगढ़ जिले से की गई है।
मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय ने रायगढ़ में आयोजित कार्यक्रम में 10 महिला स्व-सहायता समूहों को रेडी टू ईट निर्माण एवं वितरण के लिए अनुबंध पत्र सौंपे। इस अवसर पर वित्त मंत्री श्री ओ.पी. चौधरी, रायगढ़ सांसद राधेश्याम राठिया, राज्यसभा सांसद श्री देवेंद्र प्रताप सिंह, विधायक श्री पुरंदर मिश्रा, जिला पंचायत अध्यक्ष श्रीमती शिखा रविंद्र गबेल, महापौर श्री जीवर्धन चौहान एवं जिला पंचायत सदस्य श्रीमती सुषमा खलखो उपस्थित थीं।
मुख्यमंत्री साय ने कहा कि राज्य सरकार ने आंगनबाड़ी केंद्रों के लिए पूरक पोषण आहार (रेडी टू ईट) के निर्माण एवं वितरण का कार्य महिला स्व-सहायता समूहों को सौंपने का निर्णय लिया है। यह कार्य प्रारंभिक चरण में 6 जिलों में पायलट प्रोजेक्ट के रूप में प्रारंभ किया जाएगा। रायगढ़ इस पहल का पहला जिला बना है, जहाँ 10 महिला स्व-सहायता समूहों को अनुबंध पत्र वितरित किए गए हैं।
मुख्यमंत्री ने कहा कि इन समूहों की बहनें अब आंगनबाड़ी के बच्चों को पौष्टिक आहार उपलब्ध कराने के साथ-साथ इस कार्य से अपनी आमदनी भी बढ़ाएंगी, जिससे वे आर्थिक रूप से सशक्त बन सकेंगी। यह योजना महिलाओं को स्वरोजगार के साथ-साथ सामाजिक और आर्थिक सशक्तिकरण की दिशा में भी एक सार्थक पहल है। साथ ही, बच्चों को पोषण युक्त आहार प्रदान कर राज्य के पोषण स्तर में सुधार लाने में भी यह योजना महत्वपूर्ण भूमिका निभाएगी।
मुख्यमंत्री साय ने अपने संबोधन में कहा कि विगत डेढ़ वर्ष के कार्यकाल में प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी जी की गारंटी के अधिकांश कार्यों को धरातल पर उतारा गया है। प्रधानमंत्री आवास योजना, 3100 रुपये प्रति क्विंटल की दर से धान खरीदी, दो वर्षों का बकाया बोनस वितरण, महतारी वंदन योजना के तहत महिलाओं को प्रतिमाह 1000 रुपये की सहायता राशि, तेन्दूपत्ता संग्रहण दर में 5500 रुपये प्रति मानक बोरा की वृद्धि तथा चरण पादुका योजना की पुनः शुरुआत जैसे कार्य इसके सशक्त उदाहरण हैं। साथ ही, रामलला दर्शन योजना एवं तीर्थयात्रा योजना के माध्यम से प्रदेशवासियों को धार्मिक स्थलों की यात्रा का लाभ भी दिया जा रहा है।
मुख्यमंत्री ने बताया कि अटल डिजिटल सेवा केन्द्रों की शुरुआत की गई है, जिसका उद्देश्य ग्रामीण क्षेत्रों के लोगों को उनके गांव में ही बैंकिंग सेवाएं उपलब्ध कराना है। अब तक प्रदेश की 1,460 पंचायतों में ऐसे सेवा केन्द्र स्थापित किए जा चुके हैं, जिससे हजारों माताएं और बहनें सरल, सुरक्षित और सुलभ बैंकिंग सेवाओं का लाभ उठा रही हैं। आने वाले समय में शेष पंचायतों को भी इस सुविधा से जोड़ा जाएगा।
इस अवसर पर वित्त मंत्री श्री ओ.पी. चौधरी ने कहा कि राज्य सरकार महिलाओं को आत्मनिर्भर बनाने हेतु सतत कार्य कर रही है। पूरे देश में 3 करोड़ लखपति दीदी बनाने का जो लक्ष्य रखा गया है, उसके अनुरूप छत्तीसगढ़ सरकार योजनाबद्ध तरीके से कार्य कर रही है। इसी दिशा में रेडी टू ईट योजना प्रारंभ की जा रही है, जिसके प्रथम चरण में 6 जिलों को शामिल किया गया है। रायगढ़ ऐसा पहला जिला है जहाँ महिला समूहों को अनुबंध पत्र सौंपे गए हैं। वित्त मंत्री ने अनुबंध प्राप्त सभी महिला समूहों से गुणवत्ता युक्त कार्य करने का आह्वान किया और कहा कि वे इस योजना को एक आदर्श मॉडल के रूप में प्रस्तुत करें। यह पहल न केवल महिलाओं को आर्थिक रूप से सशक्त बनाएगी, बल्कि राज्य के पोषण अभियान को भी मजबूती प्रदान करेगी।
उल्लेखनीय है कि रायगढ़ जिले में रेडी टू ईट कार्य हेतु 10 महिला समूहों का चयन किया गया है, जिन्हें अनुबंध पत्र प्रदान किए गए हैं। इन समूहों को रेडी टू ईट यूनिट की स्थापना हेतु प्रधानमंत्री फॉर्मेलाइजेशन ऑफ माइक्रो फूड प्रोसेसिंग एंटरप्राइज़ (PMFME) योजना के अंतर्गत उद्योग विभाग द्वारा पूंजीगत सब्सिडी प्रदान की जाएगी।रायगढ़ जिले की रायगढ़ शहरी, रायगढ़ ग्रामीण, पुसौर, खरसिया, घरघोड़ा, तमनार, लैलूंगा, मुकड़ेगा, धरमजयगढ़ एवं कापू परियोजनाओं के अंतर्गत आंगनबाड़ी केंद्रों में रेडी टू ईट वितरण हेतु महिला समूहों का चयन किया गया है।
सैलानियों के लिए मानसून ट्रैकिंग का विशेष आयोजन
रायपुर/शौर्यपथ /मानसून आते ही छत्तीसगढ़ राज्य के बस्तर जिले का प्राकृतिक नजारा देखते ही बनता है। यहां प्रकृति अपने सबसे खूबसूरत रूप में नजर आती है। हरियाली, झरने और जंगलों का माहौल दिल को खुश कर देता है। इस मौसम में आप परिवार और दोस्तों के साथ बाहर घूमने-फिरने के साथ बस्तर के प्राकृतिक सौंदर्य का आनंद ले सकते हैं।
बस्तर में पर्यटन को बढ़ावा देने के लिए जिला प्रशासनं द्वारा मानसून ट्रैक की थीम पर कार्यक्रम आयोजित किया जा रहा है। इसके लिए मानसून के मौसम में प्राकृतिक सौंदर्य वाले स्थानों पर ट्रैकिंग का आयोजन किया जा रहा है। मानसून ट्रैक प्लान के तहत जिले के झरनों और जंगल-पहाड़ों जैसे दर्शनीय स्थलोंए जो पर्यटकों को आकर्षित करते हैंए वहां प्रशिक्षित स्थानीय गाइडों के माध्यम से भ्रमण करवाया जाएगा।
अगर आप वीकेंड पर कहीं घूमने का प्लान बना रहे हैं, तो बस्तर जिले के प्राकृतिक जलप्रपात चित्रकोट, तीरथगढ़, चित्रधारा, मेंदरीघूमर, तामड़ाघूमर, बीजाकसा, मिचनार ये जगहें न सिर्फ प्राकृतिक खूबसूरती से भरपूर हैं, बल्कि यहां मानसून ट्रैक और फोटोग्राफी के लिए भी बेहतरीन माहौल है।
बस्तर जिले में पर्यटकों को आने के लिए विशाखापट्टनम से प्रतिदिन रेल सेवा संचालित है। साथ ही विमान सेवा के तहत हैदराबाद से प्रतिदिन, दिल्ली से सप्ताह में दो दिन की विमान सेवा उपलब्ध है। इसके अलावा जगदलपुर सड़क मार्ग से रायपुर, बिलासपुर, अंबिकापुर सहित हैदराबाद, विशाखापट्टनम से नियमित बस की सुविधा भी है। प्रशासन द्वारा मानसून ट्रैक कार्यक्रम को अन एक्सप्लोर्ड बस्तर के साथ मिलकर किया जा रहा है। मानसून ट्रैक के संबंध में जानकारी के लिए प्रशासन ने 9109188567 और 8962991988 संपर्क नंबर जारी किया है ।
मानसून ट्रैक में चिन्हाकित स्थलों के तहत चित्रकोट सर्किट में ट्रैकिंग के लिए चित्रकोट दंडामी रिसॉर्ट से प्रारंभ कर करबहार (मिनी गोआ) 2 किलोमीटर की दूरी में बोटिंग, वाटरफाल, शिवलिंग का दर्शन, जलप्रपात का ऊपर से नजारा दिखाया जाएगा। साथ ही मेंदरी घुमर से इंद्रावती नदी तक 3 किलोमीटर के ट्रैक में रिवर क्रासिंग जंगली इलाके में, मेंदरीघुमर से तामड़ाघुमर तक (7 किमी) में 150 फिट डाउनवर्डस ट्रैक , क्रोकोडाइल साइटिंग, सेंडबिच, बर्ड वाचिंग, प्राकृतिक स्वीमिंग एरिया, तीरथा से बीजाकसा (2.5 किमी) तक की ट्रैकिंग बोटिंग कैम्प, बोनफायर, ट्रायबल फूड, तीरथा गांव का भ्रमण सहित स्थनीय स्तर की पौराणिक कहानी की जानकारी दी जाएगी। बीजाकसा से मेंदरी तक (8 किमी) में वाटरफॉल , वैली व्यू, जंगली जानवर और पंक्षियों की साइटिंग का आनंद लिया जा सकेगा। इसके अलावा मिचनार हिल्स क्षेत्र में ट्रैकिंग भी करवाया जाएगा।
बस्तर जिले में स्थित कांगेर वैली नेशनल पार्क के अधीन आने वाले टोपर वाटरफॉल का ट्रैकिंग, मड़वा वाटरफॉल का ट्रैकिंग, शिवगंगा ट्रैकिंग में जंगल एरिया के बीच जलप्रपात, झरना जंगली जानवर बर्ड वाचिंग करवाया जाएगा। कैलाश गुफा, कैलाश झील, गुड़िया पदर में गांव से जलप्रपात तक (4 किमी) तक ट्रैकिंग करवाई जाएगी। तीरथगढ़ वॉटरफॉल से रानीदरहा वाटरफॉल(3 किमी) तक में जंगल एरिया वाईल्ड लाइफ, बर्ड वाचिंग, मालकेव ट्रैक में मादरकोंटा से तीरथगढ़ (8 किमी) तक जंगलों के बीच ट्रैकिंग करवाई जाएगी। इसके अलावा जिले के माचकोट इलाके में स्थित झील और झरनों के नाम से प्रसिद्ध तिरिया में और माचकोट के जंगलों में भ्रमण करवाने की कार्य योजना बनाई गई है।
मुंगेली /शौर्यपथ / कलेक्टर कुन्दन कुमार ने जिला पंचायत के सभा कक्ष में पंचायत एवं ग्रामीण विकास विभाग की समीक्षा बैठक ली। उन्होंने प्रधानमंत्री आवास योजना ग्रामीण, प्रधानमंत्री जनमन योजना के अंतर्गत आवासों की भौतिक प्रगति, मनरेगा श्रमिकों के नियोजन की स्थिति, कार्य पूर्णता की , मस्टर रोल में उपस्थित की ,आंगनवाड़ी भवन निर्माण, राष्ट्रीय ग्रामीण आजीविका मिशन स्वच्छ भारत मिशन, मोर गांव मोर पानी सहित विभिन्न गतिविधियों निर्माण कार्यों के प्रगति की विस्तार से समीक्षा की और संबंधित अधिकारियों को आवश्यक दिशा निर्देश दिए।
प्रधानमंत्री आवास योजना (ग्रामीण) की समीक्षा करते हुए कलेक्टर ने स्पष्ट कहा कि गरीबों को आवास उपलब्ध कराना शासन की सर्वाेच्च प्राथमिकता है, इसलिए सभी विकासखंडों में अपूर्ण, प्रगतिरत एवं अप्रारंभ आवासों को त्वरित गति से पूर्ण कराया जाए। उन्होंने कहा कि पीएम आवास,आंगनबाड़ी भवन सहित विभिन्न निर्माण कार्यों में गुणवत्ता का विशेष ध्यान रखें,किसी भी परिस्थिति में गुणवत्ता से समझौता नहीं किया जाएगा। उन्होंने अधिकारियों को सभी निर्माणाधीन भवनों का भौतिक निरीक्षण कर गुणवत्ता सुनिश्चित करने को कहा।
बेहतर कार्य की सराहना, लापरवाही पर नोटिस
जनमन योजना के अंतर्गत निर्मित आवासों की प्रगति की समीक्षा करते हुए बेहतर प्रदर्शन करने वाले तकनीकी सहायकों बच्चन मार्काे, योगेन्द्र पटेल एवं नितिन चंद्राकर की प्रशंसा करते हुए उन्हें और बेहतर कार्य के लिए प्रेरित किया। वहीं कार्यों में धीमी प्रगति पर नाराज़गी जताते हुए लोरमी के तकनीकी सहायक रविन्द्र पैकरा और पी एम आवास के ब्लॉक समन्वयक की नोटिस जारी करने के निर्देश दिए।
’मनरेगा कार्यों में तेजी लाने के निर्देश’
कलेक्टर ने मनरेगा के अंतर्गत, कार्य पूर्णता, मोबाइल मॉनिटरिंग सिस्टम के माध्यम से मास्टर रोल में उपस्थित, कृषि एवं कृषि संबंधी कार्यों पर व्यय की प्रगति, ष्मोर गांव मोर पानीष् महभियान आदि की समीक्षा करते हुए लक्ष्य के अनुरूप बेहतर प्रगति लाने तथा सभी लंबित कार्यों को शीघ्र पूर्ण करने के निर्देश दिए। मनरेगा कार्याे में धीमी प्रगति पर उन्होंने
लोरमी पी.ओ. और प्रोग्रामर को नोटिस जारी करने के निर्देश दिए
कलेक्टर ने सभी अधिकारियों को स्पष्ट संदेश देते हुए कहा कि निर्धारित समयसीमा में कार्य पूर्ण नहीं होने की स्थिति में जिम्मेदारों पर सख्त कार्रवाई की जाएगी। उन्होंने कार्यों में तेजी, गुणवत्ता और पारदर्शिता सुनिश्चित करने के भी निर्देश दिए। जिला पंचायत के मुख्य कार्यपालन अधिकारी श्री प्रभाकर पांडेय ने लक्ष्य के अनुरूप सभी योजनाओं एवं कार्यों में आवश्यक प्रगति लाने के लिए आश्वस्त किया। बैठक में पंचायत एवं ग्रामीण विकास विभाग की उपसंचालक सुश्री भूमिका देसाई सहित संबंधित अधिकारी कर्मचारी मौजूद रहे।
राजनांदगांव/शौर्यपथ /छत्तीसगढ़ के सूक्ष्म, लघु एवं मध्यम उद्यमों एमएसएमई को पारंपरिक बैंकिंग साधनों से आगे बढ़कर वैकल्पिक वित्तीय स्त्रोतों से सहायता प्राप्त करने हेतु प्रोत्साहित करने के उद्देश्य से रेजिंग एंड एक्सेलरेटिंग एमएसएमई परफॉर्मेंस योजना के अंतर्गत वैकल्पिक वित्तपोषण पर एक दिवसीय कार्यशाला का आयोजन किया गया। कार्यशाला की अध्यक्षता जिला व्यापार एवं उद्योग केंद्र राजनांदगांव के महाप्रबंधक द्वारा की गई। रैंप योजना भारत सरकार के सूक्ष्म, लघु एवं मध्यम उद्यम मंत्रालय तथा विश्व बैंक द्वारा संयुक्त रूप से वित्तपोषित है। जिसका उद्देश्य एमएसएमई क्षेत्र को सशक्त बनाना, वित्तीय पहुंच को आसान करना तथा उन्हें प्रतिस्पर्धी एवं सतत विकास की दिशा में आगे बढ़ाना है। कार्यशाला की शुरूआत में रैंप योजना की संक्षिप्त जानकारी प्रतिभागियों को दी गई। इसके पश्चात उप प्रबंधक एनएसई श्री उर्मिलेश द्वारा NSE EMERGE में सूचीकरण की प्रक्रिया, आवश्यक दस्तावेज, पात्रता मानदंड और इससे मिलने वाले लाभों पर प्रस्तुति दी गई।
ब्रांच ऑफिस इन चार्ज SIDBI रायपुर श्री अमित खरे ने सिडबी के माध्यम से एमएसएमई को उपलब्ध विभिन्न वित्तीय सहायता योजनाओं की विस्तृत जानकारी साझा की। इनवॉइसमार्ट से श्री निखिल ने बिल डिस्काउंटिंग एवं TReDS प्लेटफॉर्म के संचालन एवं लाभों की जानकारी दी। उन्होंने बताया कि TReDS प्लेटफॉर्म विलंबित भुगतानों की समस्या के समाधान, समयबद्ध भुगतान सुनिश्चित करने और एमएसएमई के नकदी प्रवाह में सुधार के लिए एक प्रभावी माध्यम है। कार्यशाला में जिले के 41 से अधिक सूक्ष्म, लघु एवं मध्यम उद्यमियों, महिला उद्यमियों एवं चार्टर्ड अकाउंटेंट्स ने सहभागिता की। कार्यशाला के अंत में प्रतिभागियों ने विषय की उपयोगिता पर सकारात्मक प्रतिक्रिया दी और ऐसी कार्यशालाओं को निरंतर आयोजित करने की मांग की। यह कार्यशाला एमएसएमई के लिए पूंजी बाजार में प्रवेश, वैकल्पिक वित्त स्रोतों की समझ और वित्तीय सशक्तिकरण की दिशा में एक सार्थक पहल सिद्ध हुई।
राजनांदगांव /शौर्यपथ /राज्य का अधिकांश क्षेत्र वर्षा आधारित होने से मौसमीय प्रतिकूलता एवं कृषि आदान लागत में वृद्धि के कारण कृषि आय में अनिश्चितता बनी रहती है, जिसके कारण कृषक फसल उत्पादन के लिए आवश्यक आदान जैसे उन्नत बीज, उर्वरक, कीटनाशक, यांत्रिकीकरण एवं नवीन कृषि तकनीकी में पर्याप्त निवेश नहीं कर पाते हैं। राज्य सरकार द्वारा कृषि में पर्याप्त निवेश एवं कास्त लागत राहत देने के लिए कृषक उन्नति योजना प्रारंभ की गई है। फसल विविधीकरण को प्रोत्साहन देने, दलहन तिलहन फसलों के क्षेत्र विस्तार तथा इनके उत्पादन में आत्मनिर्भरता के लक्ष्य के साथ योजनांतर्गत चिन्हित अन्य फसलों पर आदान सहायता राशि दिए जाने का निर्णय लिया गया है। जिससे धान के अतिरिक्त दलहन-तिलहन, मक्का व अन्य फसलों की खेती करने वाले कृषकों को 10,000 रूपए प्रति एकड़ की दर से आदान सहायता राशि प्रदान की जाएगी। इसके अतिरिक्त विगत खरीफ में एकीकृत किसान पोर्टल में पंजीकृत ऐसे किसान जिन्होंने धान की फसल लगाई हो तथा प्रदेश की सहकारी समितियों में समर्थन मूल्य पर धान विक्रय किया हो उन्हें धान के स्थान पर अन्य खरीफ फसल हेतु एकीकृत किसान पोर्टल में पंजीयन तथा गिरदावरी में रकबे की पुष्टि उपरांत मान्य रकबे पर राशि 11,000 रूपए प्रति एकड़ की दर से आदान सामग्री का भुगतान होगा।
कृषक उन्नति योजना का मुख्य उद्देश्य फसल क्षेत्राच्छादन, उत्पादन एवं उत्पादकता में वृद्धि, फसल के कास्त लागत में कमी लाकर कृषकों की आय में वृद्धि तथा उनके सामाजिक-आर्थिक स्तर में सुधार के साथ-साथ कृषकों को उन्नत बीज, उर्वरक, कीटनाशक, मानव श्रम, यांत्रिकीकरण एवं नवीन कृषि तकनीकी में निवेश हेतु प्रोत्साहन, फसल विविधीकरण को प्रोत्साहन देते हुए कृषि को लाभ के व्यवसाय के रूप में पुर्नस्थापित करना। योजना का क्रियान्वयन खरीफ 2025 से किया जाएगा।
हितग्राही की पात्रता-
कृषक उन्नति योजना का लाभ केवल उन्हीं कृषकों को मिलेगा, जिन्होंने एकीकृत किसान पोर्टल में पंजीयन कराया हो। एकीकृत किसान पोर्टल में पंजीकृत ऐसे समस्त कृषक जिनके द्वारा खरीफ मौसम में जिला सहकारी केन्द्रीय बैंक से संबद्ध प्राथमिक कृषि साख सहकारी समितियों (लैम्पस सहित) अथवा छत्तीसगढ़ राज्य बीज एवं कृषि विकास निगम लिमिटेड को धान अथवा धान बीज का विक्रय किया गया हो। विगत खरीफ मौसम में एकीकृत किसान पोर्टल में पंजीकृत ऐसे कृषक जिन्होंने धान फसल लगायी हो तथा प्रदेश की सहकारी समितियों में समर्थन मूल्य पर धान विक्रय किया हो तथा वर्तमान में धान के स्थान पर अन्य खरीफ फसल लेने हेतु पंजीयन कराया हो, जिनके द्वारा खरीफ मौसम में दलहन, तिलहन, मक्का लघु धान्य फसल (कोदो, कुटकी एवं रागी) एवं कपास फसल हेतु पंजीयन कराया गया हो। संस्थागत समितियां जैसे-ट्रस्ट, मंडल, प्राईवेट लिमिटेड, शाला विकास समिति तथा केन्द्र व राज्य शासन के संस्थान को योजनान्तर्गत पात्रता नहीं होगी। कृषकों को आदान सहायता राशि का भुगतान कृषि भूमि सिलिंग कानून के प्रावधानों के अध्याधीन किया जाएगा।
कृषकों को भुगतान-
कृषक उन्नति योजना अंतर्गत आदान सहायता राशि कृषकों के बैंक खाते में प्रत्यक्ष डीबीटी के माध्यम से की जाएगी। खरीफ 2025 में प्रदेश के किसानों से उपार्जित धान की मात्रा पर धान (कॉमन) पर राशि 731 रूपए प्रति क्विंटल की दर से अधिकतम राशि 15351 रूपए प्रति एकड़ तथा धान (ग्रेड-ए) पर राशि 711 रूपए प्रति क्विंटल की दर से अधिकतम राशि 14931 रूपए प्रति एकड़ की दर से आदान सहायता राशि प्रदान किया जाएगा। विगत खरीफ में एकीकृत किसान पोर्टल में पंजीकृत ऐसे कृषक जिन्होंने धान फसल लगायी हो तथा प्रदेश की सहकारी समितियों में समर्थन मूल्य पर धान विक्रय किया हो, उन्हें धान के स्थान पर अन्य खरीफ फसल हेतु एकीकृत किसान पोर्टल में पंजीयन तथा गिरदावरी में रकबे की पुष्टि उपरांत, मान्य रकबे पर राशि 11,000 रूपए प्रति एकड़ की दर से आदान सहायता राशि प्रदान किया जाएगा।
खरीफ में दलहन, तिलहन, मक्का लघु धान्य फसल कोदो, कुटकी एवं रागी तथा कपास लेने वाले कृषकों को एकीकृत किसान पोर्टल पर पंजीयन तथा गिरदावरी में रकबे की पुष्टि उपरांत मान्य रकबे पर राशि 10,000 रूपए प्रति एकड़ की दर से आदान सहायता राशि प्रदान किया जाएगा। किसी कृषक को अधिक भुगतान होने की स्थिति में संबधित कृषक से राशि वसूल की जा सकेगी। योजना का क्रियान्वयन मार्कफेड, खाद्य विभाग, छत्तीसगढ़ राज्य बीज एवं कृषि विकास निगम लिमिटेड तथा संचालनालय कृषि के माध्यम से किया जाना है।
घर-घर जाकर कचरा करेगा इकट्ठा,शहर के वार्डो के लिए 120 नए कचरा कलेक्शन रिक्शा:
दुर्ग/शौर्यपथ / नगर पालिक निगम। आज महापौर श्रीमती अलका बाघमार ने सभापति श्याम शर्मा के साथ शहर क्षेत्र में घर घर कचरा संग्रह करने 120 नए कचरा रिक्शा का पूजा अर्चना कर शुभारंभ किया।इस दौरान एमआईसी सदस्य नरेंद्र बंजारे,देवनारायण चन्द्राकर,शेखऱ चन्द्राकर,ज्ञानेश्वर ताम्रकर, नीलेश अग्रवाल,पार्षद साजन जोसेफ, गुलशन साहू,सरिता चन्द्राकर, ललिता ठाकुर,मनोज सोनी,संभव सोनी,पीआईयू शेखऱ दुबे,राहुल सहित अन्य मौजूद रहें।
बता दे कि शहर क्षेत्र के लिए 120 कचरा कलेक्शन रिक्शा लिया गया है।60 वार्डो के हर एक वार्ड के लिए दो नए रिक्शा घर-घर जाकर कचरा इकट्ठा करेंगे और इससे शहर को स्वच्छ रखने में मदद मिलेगी।
महापौर श्रीमती बाघमार ने कहा कचरा रिक्शा का शुभारंभ के बाद दुर्ग शहर को स्वच्छ बनाने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है। ये रिक्शा शहर के वार्डो के गलियो के विभिन्न हिस्सों में घर-घर जाकर कचरा इकट्ठा करेंगे, जिससे शहर को साफ और स्वच्छ रखने में मदद मिलेगी।
महापौर अलका बाघमार ने जानकारी देते हुए बताया कि छत्तीसगढ़ राज्य स्वच्छता के क्षेत्र में हमेशा अग्रणी रहा है। शहर को देश में सबसे स्वच्छ शहर बनाना है। इसके लिए लगातार प्रयास किया जा रहा है।
शहर की स्वच्छता की पहचान साफ सफाई से होती जाती है।इसके लिए कचरा कलेक्शन पर और भी ज्यादा जोर दिया जा रहा है। निगम द्वारा कचरा कलेक्शन के लिए 120 कचरा कलेक्शन पहुची है,इनके जरिए डोर टू डोर कचरा लिया जाएगा।
वन मंत्री की अध्यक्षता में आईडीसी की बैठक सम्पन्न
रायपुर/शौर्यपथ /वन मंत्री केदार कश्यप की अध्यक्षता में आज वनोपज राजकीय व्यापार अर्न्तविभागीय समिति(आईडीसी)की 307वीं बैठक नवा रायपुर स्थित मंत्री निवास कार्यालय में सम्पन्न हुई। वनोपज राजकीय व्यापार अर्न्तविभागीय समिति की बैठक में महत्वपूर्ण निर्णय लिए गए। वन मंत्री श्री कश्यप ने कहा कि बैठक में लिए गए जनकल्याणकारी निर्णयों से राज्य में लघु वनोपजों के व्यापार को ज्यादा मजबूती मिलेगी और वनांचल के लोगों की आय में बढ़ोत्तरी होगी साथ ही साथ उनके जीवन स्तर में आर्थिक बदलाव भी आयेगा। मंत्री श्री कश्यप ने उम्मीद जताई है कि इससे वनोपज निर्यात को भी प्रोत्साहन मिलेगा।
वन मंत्री मंत्री केदार कश्यप ने 306वीं बैठक में लिए गए निर्णयों की प्रगति की समीक्षा की। बैठक में वर्ष 2023-24, तथा 2024-25 के लिए भारत सरकार की न्यूनतम समर्थन मूल्य (एमएसपी) योजना के अंतर्गत 16 प्रमुख वनोपजों जैसे महुआ फूल, तेंदूपत्ता (बीज रहित), गोंद, हर्रा, बहेरा, चिरौंजी, कोदो, कुल्थी, रागी, गिलोय, कुसुम बीज, बहेड़ा बीज आदि वनोपज की समर्थन मूल्य पर खरीदी के प्रस्ताव को समिति के समक्ष प्रस्तुत किया गया। इसी तरह बैठक में वर्ष 2024-25 एवं 2025 के लिए समर्थन मूल्य योजनांतर्गत वनोपजों की विक्रय दरों के निर्धारण को लेकर आवश्यक दिशा-निर्देश एवं प्रस्तावों पर भी समिति द्वारा विचार किया गया।
इस अवसर पर सचिव वन अमरनाथ प्रसाद, प्रधान मुख्य वन संरक्षक व्ही. श्रीनिवास राव, राज्य लघु वनोपज संघ के प्रबंध संचालक अनिल साहू, श्रीमती सलमा फारूकी सहित अन्य वरिष्ठ विभागीय अधिकारी उपस्थित रहे।
रायपुर/शौर्यपथ /मुख्यमंत्री विष्णु देव साय आज गुरु पूर्णिमा के अवसर पर रायगढ़ प्रवास के दौरान ग्राम बनोरा स्थित अघोर गुरु पीठ में गुरु दर्शन के लिए पहुंचे। उन्होंने गुरु पीठ आश्रम के उपासना स्थल पर अघोरेश्वर अवधूत भगवान राम जी की प्रतिमा के दर्शन कर प्रदेश की सुख, समृद्धि और खुशहाली की कामना की। उन्होंने आश्रम में अघोरेश्वर अवधूत भगवान राम जी के प्रिय शिष्य प्रियदर्शी भगवान राम जी के दर्शन भी किए और मार्गदर्शन प्राप्त किया । इस अवसर पर वित्त मंत्री ओ पी चौधरी, लोक सभा सांसद राधेश्याम राठिया, राज्यसभा सांसद देवेंद्र प्रताप सिंह , विधायक पुरंदर मिश्रा सहित अन्य जनप्रतिनिधि उपस्थित थे।