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रायगढ़ / शौर्यपथ / सारंगढ़ थाना प्रभारी सारंगढ़ निरीक्षक आशीष वासनिक के मुखबिर द्वारा ग्राम दनसरा सोसायटी के पास कुछ लोगो द्वारा जुआ खेलने की सूचना मिली, सूचना पर सारंगढ पुलिस स्टाफ के साथ गवाहों के साथ जुआ फड के पास पहुंचे और घेराबंदी कर 07 जुआडियान को 52 पत्ती तास से काट पत्ती नामक जुआ खेलते पकड़े ।
जुआड़ी 1.संतोष श्रीवास पिता बाबुलाल श्रीवास उम्र 49 वर्ष साकिन कमलानगर सारंगढ 2. देव कुमार निषाद पिता जगधर निषाद उम्र 35 वर्ष 3. सुरेश कुमार सोनवानी पिता दादुराम सोनवानी उम्र 43 वर्ष 4. मोहनलाल अग्रवाल पिता प्यारेलाल उम्र 63 वर्ष 5. फुलेश्वर सोनवानी पिता सोनाराम सोनवानी उम्र 43 वर्ष 6. अशोक निषाद पिता चमार निषाद उम्र 24 वर्ष 7. दत्तात्रेय गिरी गोस्वामी पिता प्रहलाद गिरी गोस्वामी उम्र 37 वर्ष सभी साकिनान दानसरा थाना सारंगढ के फड़ एवं पास से जुमला नगदी रकम 26,200 रूपये एवं 52 पत्ती तास समक्ष गवाहन जप्त किया है ।
इसके एक दिन पूर्व सारंगढ़ लिस द्वारा ग्राम भेड़वन जुआ फड में भी दबिश देकर 07 जुआरियों को पकड़ा गया था और उनसे 25,300/- रूपये की जप्त हुई थी । जुआडियों पर थाना सारंगढ़ में 13 जुआ एक्ट के तहत कार्यवाही की गई थी ..
दुर्ग / शौर्यपथ / अभी जिले में पंद्रह सौ सैंपल रोज लिये जा रहे हैं। अब दो हजार सैंपल लिये जाएंगे। इसमें फोकस प्राइमरी कांटैक्ट और लक्षणों वाले मरीजों का होगा। फिफ्टी प्लस आयु वाले नागरिकों पर विशेष ध्यान होगा। कांटैक्ट ट्रेसिंग में हाई रिस्क केसेस के चिन्हांकन पर विशेष ध्यान होगा। इनका एंटीजन टेस्ट में निगेटिव आए तो पुन: पुष्टि के लिए आरटीपीसीआर किया जाएगा। कलेक्टर डॉ. सर्वेश्वर नरेंद्र भुरे ने कोविड संक्रमण की रोकथाम को लेकर अधिकारियों की महत्वपूर्ण बैठक कलेक्ट्रेट सभागार में ली। बैठक में भिलाई नगर निगम आयुक्त श्री ऋतुराज रघुवंशी, अपर कलेक्टर श्री प्रकाश सर्वे और श्री बीबी पंचभाई सहित अन्य अधिकारी उपस्थित थे।
ऑक्सीजन बेड भी बढ़ाएंगे- कलेक्टर ने अधिकारियों से कहा कि टेस्टिंग को बढ़ाने के पीछे अहम बात यह है कि आरंभिक दौर में ही कोविड के पकड़ में आ जाने पर इस पर नियंत्रण आसान हो सकता है क्योंकि फेफड़ों में संक्रमण का दौर आता है तो कठिनाई बढ़ जाती है। डेथ रेट घटाने के लिए यह बहुत जरूरी है कि पेशेंट की पहचान बिल्कुल प्रारंभिक स्टेज में कर ली जाए। इसके लिए चिन्हांकन के लिए सघन अभियान चलाना बेहद जरूरी है। हर दिन कम से कम 2 हजार टेस्ट किये जाएं। उन्होंने सभी बीएमओ से टेस्टिंग की जानकारी ली। उन्होंने कहा कि कुछ जगहों पर टेस्टिंग थोड़ी कम हो रही है इसकी संख्या बढ़ाएं। उन्होंने कहा कि ऑक्सीजन बेड की संख्या भी बढ़ानी है ताकि ऑक्सीजन की जरूरत वाले मरीजों के लिए इसकी व्यवस्था की जा सके। उन्होंने कहा कि जिला अस्पताल में निगेटिव और सांस की तकलीफ वाले मरीजों के लिए पचास बिस्तर आरंभ किये गए हैं। इसकी संख्या दस और भी बढ़ाई जाएगी। कलेक्टर ने कहा कि रात में भी जिला अस्पताल में कैज्युअल्टी में टेस्टिंग की सुविधा होनी चाहिए। सिविल सर्जन ने बताया कि हर दिन रात के वक्त लगभग 15 टेस्टिंग हो रही है।
बच्चों के लक्षण पर विशेष ध्यान दें हो सकते हैं सुपर स्प्रेडर- कलेक्टर ने कहा कि बुजुर्गों की प्रतिरोधक क्षमता कम होने के कारण कोविड का खतरा काफी रहता है। बच्चों की प्रतिरोधक क्षमता अच्छी होने की वजह से उन्हें कोविड का गंभीर खतरा कम रहता है लेकिन आशंका इस बात से होती है कि वे सुपर स्प्रेडर होते हैं अर्थात बहुत से लोगों तक कोविड को फैला सकते हैं अतएव संक्रमण के लक्षण वाले बच्चों का टेस्ट कर इनका उपचार आरंभ कर दें।
100 अतिरिक्त ऑक्सिमीटर उपलब्ध कराए जाएंगे आंगनबाड़ी कार्यकर्ताओं को- कंटनमेंट जोन में और ऐसे क्षेत्र में जहां पाजिटिव केस काफी संख्या में आए हैं। वहां व्यापक सर्वे किया जाएगा। इसके लिए आंगनबाड़ी कार्यकर्ताओं को सौ अतिरिक्त ऑक्सिमीटर उपलब्ध कराए जाएंगे। आइसोलेशन वार्ड में मरीजों के स्वास्थ्य संबंधी महत्वपूर्ण सूचकांक देखने मल्टीपैरा मॉनिटर की संख्या बढ़ाई जाएगी। मरीज के लक्षणों की गंभीरता के अनुरूप कोविड केयर सेंटर भेजा जाना होगा तय- सबसे गंभीर मरीजों को शंकराचार्य हॉस्पिटल भेजा जाएगा। इसके बाद लक्षणों के अनुरूप कोविड केयर सेंटर का चुनाव किया जाएगा। जिन मरीजों को लक्षण नजर नहीं आ रहे, उन्हें होम आइसोलेशन की व्यवस्था की जा सकती है। पाजिटिव की जानकारी होते ही मेडिसीन का किट देना अनिवार्य होगा। ऐसे मरीजों के घरों में स्टिकर लगाना जरूरी होगा। होम आइसोलेशन कंट्रोल रूम से फोन आते ही संबंधित हॉस्पिटल में मरीज को एडमिशन देना होगा।
अतिरिक्त क्षमता भी - धमधा में पचास बेड का कोविड केयर सेंटर, आजाद हास्टल में जैन समाज के सहयोग से सौ बेड का कोविड केयर सेंटर चलाया जाएगा। कलेक्टर ने सभी कोविड केयर सेंटर में आवश्यक सुविधाओं के प्रबंध के निर्देश अधिकारियों को दिए। कलेक्टर ने प्राइवेट हॉस्पिटल से भी पूरे समन्वय के साथ सभी मरीजों को सबसे अच्छी उपचार सुविधा देने के निर्देश अधिकारियों को दिए।
बिलासपुर / शौर्यपथ / देर से ही सही नगरपालिक निगम बिलासपुर में 11 एल्डरमैन की नियुक्ति हो गई। नियुक्ति के उपरांत कांग्रेस का एक गुट आदतन नाराज हो गया। जो स्वयं को निष्ठावान होने का प्रमाणपत्र देते है उन्होंने अपने पदों से इस्तिफा दे दिया। शहर विधायक शैलेष पांडेय व प्रदेश उपाध्यक्ष अटल श्रीवास्तव को दिया गया। इस्तिफा देने वालों को यह अच्छे से पता है कि जिन पदों से वे इस्तिफा दे रहे है उन पदों पर वे नही रहना चाहते तो उन्हें अपना इस्तिफा कहा भेजना चाहिए। किन्तु यही तो राजनीति है। बिलासपुर में विधानसभा के चुनाव पहले हुए और निगम के बाद में इस दौरान लोकसभा के चुनाव भी हो गए। किसका प्रदर्शन कैसा रहा कौन पार्टी के लिए कब से कितना निष्ठावान है और कौन कितना अनुशासति है यह सब जानते है। ऐसा कहा जाता है कि 11 एल्डरमैन से 7 विधायक की पसंद है, और शेष चार पर अन्य को प्राथमिकता है, है तो सभी कांग्रेस के जब जोगी कांग्रेस से आए हुए ज्ञानेंद्र उपाध्याय को मरवाही में मुख्य भुमिका मिल सकती है तब बिलासपुर में कांग्रसियों को ही यदि पद मिल गया तो इतनी नाराजगी किस बात की।
विश्लेषण तो यह भी है कि नगर निगम बिलासपुर का 80 प्रतिशत भाग बिलासपुर विधानसभा है और शैलेष पांडेय बिलासपुर के निर्वाचित विधायक है। ऐसे में 11 एल्डरमैन में से 7 पर उनकी पंसद को प्राथमिकता मिली तो बुराई क्या है। यदि हाईकमान ने बिलासपुर की गुटिय राजनीति को समझा और आने वाले तीन वर्षों के लिए क्या उचित होगा पर एक नया कदम उठाया है तो इसके लिए उन्हें धन्यवाद दिया जाना चाहिए। एक तरफ पार्टी की लड़ाई खबरों में नही आनी चाहिए का फरमान पार्टी पदाधिकारी देते है। निर्वाचित विधायक को अखबार में बोलने पर शहर अध्यक्ष ने चि_ी लिख कर पाठ तक पढ़ाया। किन्तु अब वही नैतिक्ता और पाठ कुछ पदाधिकारी भूल गए। किसने पार्टी के लिए कितना संर्घष किया सब जानते है। ऐसे में निगम में पार्टी कमजोर होगी वैसे भी इन दिनो शहर के कामकाज ठप है। भाजपा के वरिष्ठ नेता शहर सरकार को कोसना शुरू कर चुके है। कांग्रेस के भीतर के धमासान से उन्हें लाभ ही होगा।
00 पीएल पुनिया को बिलासपुर में नही मिल रही बधाई 00
कांग्रेस के हाईकमान ने छत्तीसगढ़ के लिए एक बार फिर से पीएल पुनिया को ही योग्य पाया है। ऐसा मान जाता है कि उनकी राजनीतिक सूझबूझ से ही प्रदेश में कांग्रेस को स्पष्ट बहुमत मिला। रणनीति इतनी सटीक रही की एक बार जब जीत के आकड़े निकलना शुरू हुए तो किन्तु परन्तु की स्थिति ही नही बनी और इसी का परिणाम की प्रदेश में किसी असंतोष की चिंता सत्ता को नही करना पड़ती। राजनीति के जानकार बताते है कि श्री पुनिया को बिलासपुर के राजनीतिक समीकरणों की भी अच्छी जानकारी है। कौन पार्टी हित में कितनी इमानदारी से रहता है और कौन जनता के बीच पकड़ रखता है। ये वे अच्छे से जानते है। शहर के कांग्रेसी नेता जो छोटे-छोटे अवसरों पर भी विज्ञापन, होर्डिग्ंस से शहर को पाट देते है। उन्होंने प्रभारी के रूप में दुबारा पुनिया की नियुक्ति पर कोई बधाई नही दी ना ही हर्ष व्यक्त किया। इससे यह पता चलता है कि शहर के कांग्रेसी पदाधिकारी अपने वरिष्ठ नेताओं का कितना सम्मान करते है। पुरे शहर में केवल दो कांग्रेसी कार्यकर्ता ने पुनिया की नियुक्ति पर अपनी आर्थिक स्थिति के अनुसार अपनी होर्डिग्ंस लगवाई। यह भी कांग्रेस की गुटबाजी को इंगीत करता है।
बिलासपुर / शौर्यपथ / तैश में आपराधिक कृत्य हो जाना और ठंडे दिमाग से षडय़ंत्र पूवर्क आपराधिक मामले को अंजाम देने के बीच बहुत अंतर है। एक षडय़ंत्र कैसे किसी मध्यमवर्गीय परिवार की जिंदगी भुचाल ले आता है और पुरा परिवार गहरे संकट में फस जाता है। इसका उदाहरण 19 अक्टुबर 2019 के दिन निराला नगर निवासी भुपेन्द्र शर्मा द्वारा की गई आत्महत्या है। मृतक जो की विद्युत मंडल का सेवा निवृत्त कर्मचारी था। असामाजिक तत्वों के चक्कर में पड़ कर अपनी बड़ी धन राशि 30 लाख रुपये से अधिक गवा बैठा था और उस पर इस बात के लिए दबाव था कि वह निराला नगर के जिस मकान में रहता है उसका भी मुख्तियार नामा उन्हीं लोगो के पक्ष में लिख दे जिन्होंने उससे छल पूवर्क 30 लाख रुपये ले लिया है। मृतक ने जिन लोगो का नाम अपने सोसाईट नोट में लिखा उन्में शैलेन्द्र सिंह, नवीन तिवारी, जयपाल पंजवानी, प्रमोद यादव और अवधेश शामिल है। असल में भुपेन्द्र शर्मा ने अपनी जान देने के पूर्व दो सोसाईट नोट लिखे थे।
मृतक का बेटा सौम्यदीप युके्रन में डॉक्टरी की पढ़ाई करता था। किन्तु पढ़ाई अधुरी छोड़ कर वापस आ गया था और गलत संगत में फस गया था। उसी के साथ अवधेश नाम का एक और व्यक्ति था सोम्यदीप की बरबादी में अवधेश का बड़ा हाथ था। एक तरफ बेटा जेल जा रहा था और दुसरी तरफ ब्याज के रुपये देनदारी के मसले में शहर के आदतन गुंडे भुपेन्द्र को अपने षडय़ंत्र में फसा चुके थे। सोम्यदीप दिपावली के वक्त घर आया और सरकंडा थाने की पुलिस ने उसे पकड़ लिया। अवधेश साहू ने सरकंडा थाने में शिकायत दर्ज कराया था कि सोम्यदीप ने उसकी मां के नाम की संपत्ती फर्जी पॉवर ऑफ अर्टनी से बेच दी। ऐसी शिकायते शहर में कई होती है। किन्तु कुछ मामलों में भ्रष्ट पुलिस जांच किए बिना ही किसी को हिरासत में लेकर जेल भेज देते है। 10 दिन की जेल उसी दौरान पिता द्वारा आत्महत्या बहनों का गृहस्थ जीवन लगभग बरबाद। किन्तु व्यवस्था के सामने समाज के कथित नेता चुप रहे। सौम्यदीप ने जेल से बाहर निकलने के बाद प्रदेश के डीजीपी को शिकायत की थी। डीजीपी ने शिकायत पर जांच की जिम्मेदारी कोतवाली सीएसपी निमेश बरैया को दी। सरकंडा थाना भी उन्ही के अंतर्गत आता है। जांच में उन्होंने पाया की सौम्यदीप को जो पावर ऑफ अर्टनी मिली है उसमें हेमो देवी और सकलदेव साहू को कोई आपत्ती नही है। रजीस्ट्री के समय भी पंजीयक के कार्यालय में दोनो उपस्थित थे रजीस्ट्री 7 अगस्त 2015 को हुई थी। सकलदेव ने गवाही में हस्ताक्षर भी किया। जांच में ऐसा पाया गया की जांच अधिकारी सब इंसपेक्टर राम आश्रय यादव ने एक लंबी रकम 90 हजार लेकर बिना दस्तावेजों के जांचे सौम्यदीप को अंदर करवा दिया। इस प्रकरण में कबूतर बाजी भी जुड़ी है, और उसमें बिलासपुर के एक निजी अस्पताल के डॉक्टर का नाम भी सामने आता है किन्तु उस ओर जांच नही हुई। प्रभाव शाली लोग इसी तरह बचते है। युके्रन में डॉक्टरी पढ़ाने के लिए भुपेंद्र शर्मा ने कुछ पैसा बिजली ठेकेदारों से लिया था।
बिजली विभाग में कर्मचारियों और ठेकेदारों के पास आसान रुपयों की भरमार है। यही कारण है कि ब्याज का काम बिजली विभाग से जड़ चुका है। कुल मिलाकर बढ़ते दबाव ने भुपेन्द्र शर्मा को आत्महत्या के बाध्य किया और उस मामले में भी बहुत गहनता से जांच नही हुई। बिलासपुर में जांच एजेंसिया गैर व्यवसायिक तरीके से काम करने की आदि है। इसलिए भुपेन्द्र शर्मा जैसे प्रकरण होते रहते है, और इन पर कोई नोटिस भी नही लेता। शैलेन्द्र सिंह, नवीन तिवारी, पंजवानी, प्रमोद यादव जैसे चहरे जेल जाना अपने ट्रेक रिर्काड में अर्वाड पाना मानते है। जब तक समाज ऐसे लोगो को हेय दृष्टि से नही देखेगा भुपेन्द्र शर्मा जैसे संस्काराी लोग आत्महत्या करते रहेंगे।
बालोद / शौर्यपथ / कलेक्टर एवं जिला दण्डाधिकारी जनमेजय महोबे ने ओदश जारी कर कहा है कि विश्व स्वास्थ्य संगठन (डब्ल्यू.एच.ओ.) के अनुसार वर्तमान में नोवेल कोरोना वायरस (कोविड-19) एक संक्रामक बीमारी है। इस बीमारी से भारत समेत पूरे विश्व के देशों के लिए खतरा उत्पन्न हो गया है। स्वास्थ्य की दृष्टि से यह तथ्य परिलक्षित है कि कोरोना वायरस के संपर्क से पीडि़त, संदेही से दूर रहने की सख्त हिदायत है। छत्तीसगढ़ शासन के द्वारा भी निर्देशित है कि इससे बचने के सभी संभावित उपाय अमल में लाया जाए। वर्तमान में छत्तीसगढ़ राज्य सहित बालोद जिले में भी कोरोना वायरस के संक्रमण का व्यापक फैलाव हो रहा है। इसके व्यापक प्रसार के संभाव्य को देखते हुए इसके प्रसार को रोकने के लिए कड़े सामाजिक अलगाव के उपायों को अपनाना उचित एवं आवश्यक हो गया है।
कलेक्टर द्वारा जारी आदेश के अनुसार वर्तमान संक्रमण के फैलाव एवं स्वास्थ्यगत आपातकालीन स्थिति को नियंत्रित रखने हेतु एवं जिले के नागरिकों की मांग के आधार पर महामारी रोग अधिनियम 1897 एवं दंड प्रक्रिया संहिता 1973 की धारा 144 के तहत् फेस मास्क/सोशल/फिजिकल डिस्टेंस रखने के संबंध समय-समय पर छत्तीसगढ़ शासन द्वारा जारी दिशा-निर्देशों का अनिवार्य रूप से पालन करने की शर्त पर बालोद जिला के समस्त नगरीय निकाय क्षेत्रों एवं प्रभावित ग्राम पंचायतों में 22 सितंबर 2020 से 30 सितंबर 2020 तक प्रतिबंधात्मक आदेश जारी किया गया है।
कलेक्टर द्वारा जारी आदेश के अनुसार जिले में स्थित भारत सरकार एवं राज्य सरकार के अधीन समस्त शासकीय/अर्धशासकीय/निजी कार्यालय प्रतिबंध से मुक्त रहेंगे। जिले के समस्त शैक्षणिक संस्थान/कोचिंग संस्थान/ट्यूशन क्लासेस बंद रहेंगे। केवल प्रवेश प्रक्रिया एवं ऑनलाइन क्लासेस की अनुमति होगी। सिनेमा हॉल, स्वीमिंग पूल, मनोरंजन पार्क, पर्यटन स्थल, क्लब, जिम, थिएटर, मॉल एवं ऑडिटोरियम, असेंबली हॉल एवं इस प्रकार के संस्थान बंद रहेंगे। धार्मिक स्थलों में पूर्व में जारी निर्देशों के तहत पूजा-अर्चना की जा सकेगी, किंतु धार्मिक/सांस्कृतिक/सामाजिक कार्यक्रम प्रतिबंधित रहेंगे। जिले के प्रतिबंंिधत शहरी क्षेत्रों में परिवहन सेवाएं जिसमें टैक्सी, ऑटो-रिक्शा, ई-रिक्शा, रिक्शा इत्यादि भी शामिल है, प्रतिबंधित रहेगी। अंतर्जिला एवं अंतर्राज्यीय बस परिवहन सेवाएं चालू रहेंगी। मास्क, सैनिटाइजर, दवाइयां, एटीएम वाहन, एल.पी.जी. गैस सिलेंडर एवं ऑक्सीजन सिलेंडर का परिवहन करने वाले वाहन एवं अन्य आवश्यक सेवाएं वाले वाहन को परिवहन की अनुमति रहेगी। स्वास्थ्य सेवाएं (जिसके अंतर्गत सभी अस्पताल, मेडिकल कॉलेज, लाइसेंस प्राप्त पंजीकृत क्लीनिक भी शामिल है) निर्बाध रूप से संचालित रहेंगे।
जिले में निम्नलिखित व्यवसाय/प्रतिष्ठान के अतिरिक्त अन्य सभी प्रकार के व्यवसाय/ प्रतिष्ठान प्रतिबंधित रहेंगे:- सब्जी, मटन, मछली, फल प्रात: 06:00 बजे से दोपहर 12:00 बजे तक, डेयरी केवल दूध व्यवसाय प्रात: 06:00 से 09:00 बजे तक एवं शाम 06:00 बजे से रात 08:00 बजे तक, रेस्टोरेंट/होटल केवल होम डिलिवरी (नो टेक अवे)े प्रात: 10:00 बजे से रात्रि 10:00 बजे तक समय निर्धारित किया गया है। दवा दुकानें/मेडिकल स्टोर्स/चश्मा दुकानें समय पाबंदी से छूट रहेगी। डीजल/पेट्रोल पंप/एल.पी.जी. एवं सी.एन.जी समय पाबंदी से छूट रहेगी। कृषि आदान विक्रय ईकाइयां, कृषि मशीनरी विक्रय, इससे संबंधित स्पेयर पाट्र्स एवं मरम्मत की दुकानें (इसकी सप्लाई चैन सहित) प्रात: 08:00 बजे से दोपहर 2:00 बजे तक समय निर्धारित किया गया है।
बालोद जिला के नगरीय निकाय एवं प्रभावित ग्राम पंचायतों के अंतर्गत स्थित समस्त शराब दुकानें पूर्णत: प्रतिबंधित रहेगी। होम डिलिवरी की अनुमति रहेगी। जिले के प्रतिबंधित नगरीय क्षेत्रों में स्थित समस्त ढाबा पूर्णत: बंद रहेंगे। होटल एवं रेस्टोरेंट से टेक अवे की सुविधा भी पूर्णत: प्रतिबंधित रहेगी। केवल होम डिलीवरी को निर्धारित समय अनुसार अनुमति रहेगी। होटलों में लॉजिंग एवं बोर्डिंग की सुविधा उपलब्ध रहेगी। दुग्ध संयंत्र (मिल्क प्लांट) संचालित रहेंगे। पूर्व में विवाह हेतु प्राप्त अनुमति मान्य होगी। घर पर जाकर दूध बांटने वाले दूध विक्रेता प्रात: 06:00 बजे से प्रात: 09:00 बजे एवं शाम 06:00 बजे से रात 08:00 बजे तक समस्त दिवसों के लिए अनुमति दी गई है। पेपर वितरण करने वाले हाकर्स प्रात: 06:00 से प्रात: 09:00 बजे तक अनुमति रहेगी। प्रभावित क्षेत्रों के समस्त नागरिक अपने घर में ही रहेंगें। बुनियादी आवश्यकताओं की पूर्ति के क्रम में बाहर जाने पर सामाजिक दूरी के दिशा-निर्देशों का अनुपालन करेंगे। किसी भी स्थिति में 4 से अधिक व्यक्तियों (ड्राईव्हर भी शामिल है) को घर से बाहर जाने से प्रतिबंधित किया गया है। घर से बाहर जाने की स्थिति में प्रत्येक व्यक्ति को अनिवार्यत: अपना वैध पहचान पत्र साथ में रखना होगा। प्रतिबंधित क्षेत्र अंतर्गत समस्त साप्ताहिक हाट बाजार बंद रहेंगे। नगरी निकाय सोशल डिस्टेंसिंग को ध्यान में रखते हुए अपनी सुविधा अनुसार वर्तमान में संचालित दैनिक हाट बाजार को शिफ्ट कर सकेंगे।
जिले में फैक्ट्री, निर्माण एवं श्रम कार्य संचालित करने वाली समस्त इकाइयां भारत सरकार एवं राज्य सरकार के द्वारा समय-समय पर जारी निर्देशों के शर्तों पर संचालित रहेगी। आवश्यक वस्तु से जुड़े वाहनो (मेडिकल इमरजेंसी वाणिज्यिक कार्गो) के परिवहन की अनुमति रहेगी। छूट प्राप्त दुकानदारों को अपने दुकान/संस्थान विक्रय हेतु मास्क रखना अनिवार्य होगा ताकि बिना मास्क पहने खरीदारी करने आए ग्राहकों को सर्वप्रथम मास्क/वितरण किया जाए तत्पश्चात अन्य वस्तु/सेवाओं का विक्रय किया जाए। इसी प्रकार प्रत्येक दुकान/संस्थान में स्वयं तथा आगंतुकों के उपयोग हेतु सैनिटाईजर रखना अनिवार्य होगा। किराना दुकानदार किराना सामग्रियों की होम डिलीवरी कर सकेंगे। सार्वजनिक स्थानों पर पान गुटखा इत्यादि खाकर थूकना प्रतिबंधित रहेगा। पूर्व के समान ही किसी भी प्रकार की सभा, आयोजन, जुलूस इत्यादि पर लगा प्रतिबंध जारी रहेगा। पशु चारा, खाद्य आपूर्ति से संबंधित परिवहन सेवाएं निर्बाध रूप से संचालित रहेगी। बिजली, पेयजल आपूर्ति एवं नगरपालिका सेवाएं जिसमें सफाई, सिवरेज एवं कचरे का डिस्पोजल इत्यादि भी शामिल है। जेल, अग्निशमन सेवाएं, एटीएम, प्रिंट एवं इलेक्ट्रॉनिक मीडिया, टेलीकॉम/इंटरनेट सेवाएं/आई.टी. आधारित सेवाएं, पेट्रोल/डीजल पंप एवं एल.पी.जी./सी.एन.जी गैस के परिवहन एवं भंडारण की गतिविधियां, पोस्टल सेवाएं निर्बाध रूप से संचालित रहेगी।
खाद्य, दवा एवं चिकित्सा उपकरण सहित सभी आवश्यक वस्तुओं की ई-कॉमर्स आपूर्ति, सुरक्षा कार्य में लगी सभी एजेंसियां (निजी एंजेसिंया सहित) निर्बाध रूप से संचालित रहेगी। अनवरत् उत्पादन प्रक्रिया अपनाने वाले जिले में स्थित औद्योगिक संस्थान अथवा फैक्ट्री (जिसमें ब्लास्ट, फर्नेश आदि हो) सीमेंट, स्टील, शक्कर, फर्टिलाइजर एवं खान कोरोना संक्रमण विस्तार को दृष्टिगत रखते हुए भारत सरकार, राज्य शासन तथा समय-समय पर अन्य संस्थानों के द्वारा महामारी से सुरक्षा हेतु दिए जा रहे निर्देशों का अक्षरस: पालन करने के शर्तों पर संचालित रहेंगे। न्यूनतम उपार्जन मूल्य पर उपार्जन मे सम्मिलित एजेंसियों सहित कृषि उत्पादों के उपार्जन में शामिल एजेंसियां इसमें मण्डी बोर्ड द्वारा संचालित अथवा राज्य शासन द्वारा अधिसूचित मण्डियां भी शामिल हैं। कृषि व्यवसाय हेतु कृषि उपकरण, खाद बीज आदि भी संचालित रहेगी। सभी प्रकार के निर्माण कार्य शासकीय/निजी प्रतिबंध से मुक्त रहेंगे। कृषि कार्य एवं उससे संबधित गतिविधियां निर्बाध रूप से संचालित रहेंगी। विदेश से आने वाले सभी नागरिक/अन्य राज्यों से आए हुए नागरिक जो होम क्वारेंटाईन की निगरानी में रखे गए हैं, उन्हें यह निर्देशित किया जाता है कि वे स्वास्थ्य अधिकारी द्वारा निर्धारित क्वारेंटाईन की अवधि का कडा्ई से पालन करेंगे। इसमें किसी प्रकार की चूक होने पर उनके विरूद्ध भारतीय दण्ड संहिता, 1860 की धारा 188 के तहत कार्यवाही की जाएगी। जिसके लिए वे स्वयं जिम्मेदार होंगे। कोरोना संक्रमित मरीज पाए जाने की स्थिति में कन्टेंमेंट जोन में पूर्व की भांति सभी गतिविधियां प्रतिबंधित रहेंगी।
मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी कार्यालय, बालोद में भी 24 घंटे सेवा हेतु कन्ट्रोल रूम स्थापित हैं, जिसका दूरभाष क्रमांक 9479090732, 9479090742, 9479090752 है। साथ ही 108 की सेवाएं भी 24 घंटे उपलब्ध रहेंगी। जिले में स्थित सभी शासकीय चिकित्सालय में स्वास्थ्य सेवाएं 24 घंटे उपलब्ध रहेंगी। बैंकिग सेवाएं सोशल डिस्टेंस का पालन करते हुए जारी रहेंगें। महामारी रोग अधिनियम 1897 एवं इसके संदर्भ में शासन द्वारा जारी पत्र के संदर्भ में इस कार्यालय द्वारा पूर्व में जारी समस्त आदेशों को अधिक्रमित करते हुए यह आदेश ंजारी किया गया है। यदि किसी भी व्यावसायी के द्वारा उपरोक्त शर्तो में से किसी भी एक या एक से अधिक शर्तों का उल्लंघन किया जाता है तो उसकी दुकान/संस्थान को तत्काल प्रभाव से 15 दिवस के लिए सील कर दिया जाएगा। उपर्युक्त वर्णित गतिविधियों में संशय उत्पन्न होने पर जिला दण्डाधिकारी का निर्णय अंतिम होगा।
यह आदेश बालोद जिले के नगरीय निकाय, नगर पालिका परिषद बालोद/दल्लीराजहरा एवं नगर पंचायत गुण्डरदेही, अर्जुन्दा, गुरूर, डौण्डी, डौण्डीलोहारा एवं चिखलाकसा तथा बालोद तहसील के प्रभावित ग्राम झलमला, सिवनी, हीरापुर, करहीभदर एवं लाटाबोड़ , गुंडरदेही तहसील के ग्राम सीकोसा, कचान्दुर एवं कलंगपुर, तहसील गुरूर के ग्राम कोलिहामार, भरदा एवं पुरूर, तहसील डौण्डीलोहरा के दुधली(मालीघोरी), संबलपुर, देवरी एवं मार्रीबंगला तथा तहसील डौण्डी के ग्राम कुसुमकसा में प्रभावशील होगा।
कलेक्टर द्वारा जारी आदेश के अनुसार दण्ड प्रकिया संहित 1873 की धारा 144 के तहत जारी आदेश एवं छत्तीसगढ़ शासन की अधिसुचना 13 मार्च 2020 के अंतर्गत उल्लेख है कि किसी व्यकित/संस्था/संगठन/प्रतिष्ठान द्वारा कोरोना वासरस (कोविड-19) के संक्रमण की रोकथाम एवं नियंत्रण हेतु जारी किसी भी निर्देश का उल्लंघन किया जाता है तो वह भारतीय दण्ड संहिता 1860 (1860 का 45) की धारा 188 के अंतर्गत दण्डनीय अपराध की श्रेणी के अंतर्गत आता है। अत: किसी व्यक्ति/संस्था/संगठन/प्रतिष्ठान द्वारा उपर्युक्त आदेश एवं इसमें दिए गए निर्देशों का उल्लंघन नहीं किया जाएगा। आदेश का उल्लंघन किए जाने पर नियमानुसार सख्त कार्यवाही की जाएगी।
धमतरी / शौर्यपथ / कलेक्टर जय प्रकाश मौर्य द्वारा बताया गया है कि कोरोना संक्रमण से सुरक्षा और बचाव के मद्देनजर मंगलवार 22 सितंबर से धमतरी जिले के सभी नगरीय निकायों के सभी वार्डों को कंटेनमेंट जोन बनाया जाएगा। उन्होंने आज व्यापारी संघों के प्रतिनिधि मंडल से कोविड 19 के संक्रमण और उससे बचाव के संबंध में विस्तार से चर्चा की तथा कंटेनमेंट जोन में कोरोना संक्रमण से बचाव के लिए रूप-रेखा भी तैयार की। उन्होंने बताया कि मंगलवार से सभी वार्डों को कंटेनमेंट जोन बनाया जाएगा, लेकिन इससे पहले नगरीय निकाय के अमले को इस संबंध में लोगों को जानकारी देना आवश्यक होगा, जिससे कि लोगों को बेवजह तकलीफ नहीं हो।
बैठक में कलेक्टर ने बताया कि इन कंटेनमेंट जोन में कोई भी किराना, सब्जी, फल की दुकान खोली नहीं जाएंगी, किन्तु अत्यावश्यक सेवाओं संबंधी संस्थान/कार्यालय, अस्पताल, नर्सिंग होम, खुली रहेंगी। गैस एजेंसी अपने निर्धारित अवधि में खुला रहेगा तथा मेडिकल, पेट्रोल पम्प चैबीसों घंटे खुले रहेंगे। दूध के लिए सुबह 6 से सुबह 10 बजे का समय तय किया गया है। इसके साथ ही जिले के सभी पर्यटन स्थल, चाहे वह नगरीय निकाय अथवा ग्रामीण क्षेत्र में हो, वे भी इन दस दिनों में बंद रहेंगे। बैठक में उपस्थित प्रतिनिधि मंडल से कलेक्टर ने अपेक्षा की कि वे इन दस दिनों में लोगों में कोविड 19 के संबंध में जागरूकता लाने का काम करेंगे, जिसमें सामाजिक दूरी, मास्क पहनना तथा सेनिटाईजेशन की महत्ता लोगों को समझाई जाएगी। प्रतिनिधि मंडल ने भी सहमति जताई कि वे व्यापारियों तथा लोगों में जागरूकता लाने का हरसंभव प्रयास करेंगे। यदि इन दस दिनों के बाद जब पुनः सभी व्यापार शुरू होगा और व्यापारी कोविड 19 का प्रोटोकाॅल का पालन नहीं करते हैं, तो व्यापारी संघ स्वयं संज्ञान में लेकर उन पर उचित कार्रवाई करेगा।
इसके अलावा नगरीय निकाय के अमले को भी कलेक्टर ने निर्देशित किया है कि वे कंटेनमेंट जोन अवधि के दौरान नगरीय निकायों का सेनिटाईजेशन करा लें। उन्होंने बैठक के अंत में जिलेवासियों से अपील की कि वे अनावश्यक घरों से नहीं निकलें तथा जब भी किसी काम से बाहर जाएं, तो मास्क का उपयोग जरूर करें और सामाजिक दूरी का भी पालन कर कोविड 19 से स्वयं और अपने परिवार का बचाव करें। बैठक में शरद लोहाना,महेश रोहरा, नरेन्द्र रोहरा, महेश जसूजा, हरि वाधवानी, विजय गोलछा इत्यादि उपस्थित रहे।
रायपुर / शौर्यपथ / कलेक्टर एवं जिला दंडाधिकारी डॉ एस. भारतीदासन ने दण्ड प्रकिया संहिता, 1973 की धारा 144, आपदा प्रबंधन अधिनियम, 2005 की धारा 30, 34 सहपठित एपिडेमिक डिसीजेज एक्ट, 1897 यथासंशोधित 2020 द्वारा प्रदत्त शक्तियों का प्रयोग करते हुए 1973 की धारा 144 सम्पूर्ण जिले में 21सितम्बर रात्रि 9 बजे से 28 सितम्बर के रात्रि 12 बजे तक तथा रायपुर जिला अन्तर्गत सम्पूर्ण क्षेत्र को कंटेनमेंट जोन घोषित किया है।
कलेक्टर द्वारा जारी आदेश में कहा गया है कि रायपुर जिले में आज दिनांक तक 26000 से अधिक कोरोना वायरस (कोविड-19) पॉजिटिव मरीजों की पहचान हो चुकी है तथा प्रतिदिन लगभग 900-1000 पॉजिटिव मरीज मिल रहे हैं। कोरोना वायरस के प्रसार की रोकथाम हेतु लगातार प्रयासो के बावजूद कोरोना पॉजिटिव मरीजों की संख्या में लगातार वृद्धि हो रही है। ऐसी दशा में कोरोना वायरस की रोकथाम एवं चेन को तोड़ने हेतु संपूर्ण रायपुर जिले को कंटेनमेंट जोन घोषित किया जाना आवश्यक हो गया है।
जिले की सभी सीमाएं 21से 28 सितम्बर के रात्रि 12 बजे तक पूर्णतः सील
जारी किए गए आदेश के अनुसार रायपुर जिले की सभी सीमाएं 21सितम्बर रात्रि 9 बजे से 28 सितम्बर के रात्रि 12 बजे की अवधि तक पूर्णतः सील रहेगी। इस अवधि में केवल मेडिकल दुकानों को अपने निर्धारित समय में खोलने की अनुमति होगी। मरीज एवं मेडिकल दुकान संचालक दवाओं की होम डिलीवरी व्यवस्था को प्राथमिकता दिया जाएगा। पेट्रोल पंप संचालकों द्वारा केवल शासकीय वाहनों व शासकीय कार्य में प्रयुक्त वाहन, मेडिकल इमरजेन्सी से संबंधित निजी वाहन, एम्बुलेंस तथा एल.पी.जी. परिवहन कार्य में प्रयुक्त वाहनों को ही पी.ओ.एल. प्रदान किया जाएगा। अन्य सभी वाहनों हेतु पी.ओ.एल. प्रदान करना पूर्णतः प्रतिबंधित रहेगा। दुग्ध पार्लर व वितरण की समयावधि सुबह 6 बजे से सुबह 8 बजे तक एवं शाम 5 बजे से शाम 6.30 बजे तक ही होगी। साथ ही यह स्पष्ट किया गया है कि दुग्ध व्यवसाय हेतु कोई भी दुकान या पार्लर नही खोले जायेंगे। केवल दुकान या पार्लर के सामने फिजिकल डिस्टेंसिग एवं मास्क संबंधी निर्देशों का पालन करते हुए उपरोक्त समयावधि में केवल दुग्ध विक्रय की अनुमति होगी। पैट शॉप एक्वेरियम को केवल पशुओं को पशुचारा देने हेतु सुबह 6 बजे से सुबह 8 बजे तक एवं शाम 5 बजे से शाम 6.30 बजे तक दुकान खोलने की अनुमति होगी।
एल.पी.जी. गैस सिलेन्डर की एजेसिंयाँ केवल टेलीफोनिक या ऑनलाइन ऑर्डर लेंगे तथा ग्राहकों को सिलेन्डरों की घर पहुँच सेवा उपलब्ध करायेगें। औद्योगिक संस्थानों एवं निर्माण इकाईयों को अपने कैम्पस के भीतर मजदूरों को रखकर व अन्य आवश्यक व्यवस्था करते हुये उद्योगों के संचालन व निर्माण कार्यो की अनुमति होगी। इस अवधि के दौरान सम्पूर्ण जिला अन्तर्गत संचालित समस्त शराब दुकाने बंद रहेगी। सभी धार्मिक, सांस्कृतिक एवं पर्यटन स्थल आम जनता के लिए पूर्णतः बंद रहेंगे।
केन्द्रीय,शासकीय,अर्द्धशासकीय एवं निजी कार्यालय रहेगें बंद
इस अवधि में रायपुर जिला अन्तर्गत सभी केन्द्रीय,शासकीय,अर्द्धशासकीय एवं निजी कार्यालय बंद रहेगें। सभी प्रकार की सभा, जुलुस, आयोजन आदि प्रतिबंधित रहेगें। होम आइसोलेशन में रह रहे कोविड पॉजिटिव मरीजों को भोजन की समस्या उत्पन्न होने पर कोविड केयर सेंटर आवश्यकतानुसार भेजा जाएगा। आपात स्थिति में 0771-2445785 और 0771-4320202 नंबरों में आवश्यकतानुसार संपर्क किया जा सकता है।
कोरोना संक्रमण रोकथाम एवं नियंत्रण के लिए गठित विभिन्न दलों में शामिल अधिकारी-कर्मचारी की उपस्थिति अनिवार्य
आदेश का उल्लंघन करने वाले पर भारतीय दण्ड संहिता के अनुसार होगी कड़ी कार्यवाही
कोविड संक्रमण के रोकथाम हेतु जिले में समस्त कार्य जैसे कांटेक्ट ट्रेसिंग, एक्टिव सर्विलांस, होम आइसोलेसन, दवाई वितरण आदि पूर्वानुसार चलते रहेगें। इन कार्य में संलग्न सभी शासकीय कर्मचारियों की उपस्थिति पूर्वानुसार अनिवार्य होगी। कोविड केयर सेंटर से डिस्चार्ज होने वाले मरीजों के परिवहन में संलग्न वाहन पूर्वानुसार संचालित रहेगें। अपरिहार्य परिस्थितियों में रायपुर जिले से अन्यत्र जाने वाले यात्रियों को ई-पास के माध्यम से पूर्व अनुमति लिया जाना अनिवार्य होगा। आपात स्थिति में यात्रा के दौरान 04 पहिया वाहनों में ड्राइवर सहित अधिकतम 03 एवं दो पहिया वाहन में केवल 02 व्यक्तियों को यात्रा की अनुमति होगी। इस निर्देश का उल्लंघन किए जाने पर 15 दिवस हेतु वाहन जप्त करते हुये चालानी व अन्य कानूनी कार्यवाही की जाएगी। मीडिया कर्मी यथासंभव वर्क फ्रॉम होम द्वारा कार्य संपादित करेगें। अत्यावश्यक स्थिति में कार्य हेतु बाहर निकलने पर अपना आई-कार्ड साथ रखेगें तथा फिजिकल डिस्टेंसिंग एवं मास्क संबंधी निर्देशा का कड़ाई से पालन सुनिश्चित करेंगे। केवल 20 सितम्बर दिन रविवार हेतु पूर्व में जारी सम्पूर्ण लॉकडाउन का आदेश शिथिल किया गया है तथा अन्य दिनों की भांति व्यावसायिक व अन्य गतिविधियों के संचालन की अनुमति होगी। यह आदेश कार्यालय पुलिस महानिरीक्षक, कलेक्टर, पुलिस अधीक्षक, अतिरिक्त जिला दण्डाधिकारी, अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक, उप पुलिस अधीक्षक (शहर/ग्रामीण), मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी कार्यालय एवं उनके अधीनस्थ समस्त कार्यालय, अनुविभागीय दण्डाधिकारी, तहसील, थाना एवं पुलिस चैंकी पर लागू नही होगा। इसके अतिरिक्त कानून व्यवस्था एवं स्वास्थ्य सेवा से संबंधित पदाधिकारी एवं कर्मी, बिजली, पेयजल आपूर्ति एवं नगरपालिका सेवायें जिसमें सफाई, सीवरेज एवं कचरे का डिस्पोजल इत्यादि भी शामिल है तथा अग्निशमन सेवाएं प्रदान करने वाले शासकीय कार्यालयों में उपरोक्त अवधि में आम जनता का प्रवेश प्रतिबंधित रहेगा। उपर्युक्त बिन्दुओं को छोड़कर जिले में समस्त गतिविधियाँ पूर्णतः प्रतिबंधित रहेगी। इस आदेश का उल्लंघन करने वाले व्यक्ति अथवा प्रतिष्ठानों पर भारतीय दण्ड संहिता 1860 की धारा 188 तथा अन्य सुसंगत विधि अनुसार कड़ी कार्यवाही की जाएगी।
जगदलपुर / शौर्यपथ / खरीफ फसलों की गिरदावरी के संबंध में किसी भी प्रकार की दावा आपत्ति 28 सितंबर तक की जा सकती है। राजस्व विभाग द्वारा प्राप्त जानकारी के अनुसार शासन द्वारा दिये गए निर्देशों के अनुसार जिले की समस्त भूमि के संबंध में भूमि स्वामी का नाम, क्षेत्रफल और उस पर ली गई फसल का विवरण खसरा के साथ ही विभागीय वेबसाइट में दर्ज किया गया है। छत्तीसगढ़ शासन के राजस्व विभाग की वेबसाइट https://revenue.cg.nic.in/bhuiyanreport में देखा जा सकता है। ग्रामवार और भूस्वामीवार फसल क्षेत्राच्छादन की जानकारी ग्राम पंचायत भवन या ग्राम के प्रमुख स्थानों में चस्पा की जाएगी। प्रविष्टि के संबंध में किसी भी प्रकार की दावा आपत्ति 28 सितंबर तक तहसील कार्यालय में प्रस्तुत की जा सकती है। दावा आपत्ति के निराकरण के बाद 14 अक्टूबर तक फसल क्षेत्राच्छादन का अंतिम प्रकाशन किया जाएगा
अम्बिकापुर / शौर्यपथ / कलेक्टर एवं जिला दंडाधिकारी संजीव कुमार झा के द्वारा जिले में कोरोना मरीजों की संख्या में लगातार वृद्धि को दृष्टिगत रखते हुए कोरोना वायरस की रोकथाम एवं चेन को तोड़ने हेतु नगर पालिक निगम अम्बिकापुर के सम्पूर्ण क्षेत्र को कंटेनमेंट जोन घोषित कर दिया गया है। कंटेनमेंट जोन में 21 सितम्बर रात्रि 9 बजे से 28 सितम्बर रात्रि 12 बजे तक की अवधि में दंड प्रक्रिया संहिता, 1973 की धारा 144 लागू रहेगी। जारी आदेशानुसार उपरोक्त दर्शित अवधि में सरगुजा जिले की सभी सीमाएं पूर्णतः सील रहेगी। उपरोक्त अवधि में केवल मेडिकल दुकानों को अपने निर्धारित समय में खुलने की अनुमति होगी। मरीज एवं मेडिकल दुकान संचालन दवाओं की होम डिलिवरी व्यवस्था को प्राथमिकता देंगे। पेट्रोल पंप संचालकों द्वारा केवल शासकीय वाहनों व शासकीय कार्य में प्रयुक्त वाहन, मेडिकल इमरजेन्सी से संबंधित निजी वाहन एवं एम्बुलेंस तथा एल.पी.जी परिवहन कार्य में प्रयुक्त वाहनों को ही पी.ओ.एल. प्रदान किया जाएगा। अन्य सभी वाहनों हेतु पी.ओ.एल. प्रदान करना पर्णतः प्रतिबंधित रहेगा।
दुग्ध पार्लर व वितरण की समयावधि प्रातः 6 बजे से प्रातः 8 बजे तक एवं संध्या 5 बजे से शाम 7 बजे तक ही होगी। साथ ही यह स्पष्ट किया जाता है कि दुग्ध व्यवसाय हेतु कोई भी दुकान एवं पार्लर नही खोले जायेंगे। केवल दुकान एवं पार्लर के सामने फिजिकल डिस्टेंसिंग एवं मास्क संबंधी निर्देशों का पालन करते हुए उपरोक्त समयावधि में केवल दुग्ध विक्रय की अनुमति होगी। पैट शॉप एवं एक्वेरियम को केवल पशुओं को पशुचारा देने हेतु प्रातः 6 बजे से प्रातः 8 बजे तक एवं संध्या 5 बजे से 6ः30 बजे तक शॉप खोलने की अनुमति होगी। एल.पी.जी. गैस सिलेन्डर की एजेसिंयों केवल टेलीफोनिक या ऑनलाईन ऑर्डर लेंगे तथा ग्राहकों को सिलेन्डरों की घर पहुंच सेवा उपलब्ध करायेंगे। औद्योगिक संस्थानों एवं निर्माण इकाईयों को अपने कैम्पस के भीतर मजदूरों को रखकर व अन्य आवश्यक व्यवस्था करते हुए उद्योगों के संचालन व निर्माण कार्यों की अनुमति होगी। उक्त अवधि के दौरान सम्पूर्ण नगर पालिक निगम क्षेत्र अंतर्गत संचालित समस्त शराब दुकाने बंद रहेंगी।
सभी धार्मिक, सांस्कृतिक एवं पर्यटन स्थल आम जनता के लिए पूर्णतः बंद रहेंगे। उपरोक्त अवधि में नगर निगम अम्बिकापुर क्षेत्र अन्तर्गत सभी केन्द्रीय, शासकीय, अर्द्धशासकीय एवं निजी कार्यालय बंद रहेगें। सभी प्रकार की सभी, जुलूस, आयोजन आदि प्रतिबंधित रहेगें। होम आईसोलेशन में रह रहे कोविड़ पॉजिटिव मरीजों को भोजन की समस्या उत्पन्न होने पर कोविड़ केयर सेंटर आवश्यकतानुसार भेजा जाएगा। आपात स्थिति में मोबाइल नंबर 7999647868, 9770527199, 9340764699, 9340711176 में आवश्यकतानुसार सम्पर्क किया जा सकता है। कोविड़ संक्रमण के रोकथाम हेतु नगर निगम। अम्बिकापुर में समस्त कार्य जैसे कांटेक्ट ट्रेसिंग, एक्टिव सर्विलांस, होम आइसोलेशन, दवाई, वितरण आदि पूर्वानुसार चलने रहेंगे। इन कार्य में संलग्न सभी शासकीय कर्मचारियों की उपस्थिति पूर्वानुसार अनिवार्य होगी। कोविड केयर सेन्टर से डिस्चार्ज होने वाले मरीजों के परिवहन में संलग्न वाहन पूर्वानुसार पूर्वानुसार संचालित रहेंगे। अपरिहर्य परिस्थितियों में नगर निगम अम्बिकापुर से अन्यत्र जाने वाले यात्रियों को ई-पास के माध्यम से पूर्व अनुमति लिया जाना अनिवार्य होगा।
आपात स्थिति में यात्रा के दौरान 04 पहिया वाहनों में ड्राईवर सहित अधिकतम 3 एवं दो पहिया वाहन में केवल 2 व्यक्तियों को यात्रा की अनुमति होगी। इस निर्देश का उपल्लंघन किए जाने पर 15 दिवस हेतु वाहन जप्त करते हुए चालानी व अन्य कानूनी कार्यवाही की जाएगी। मीडिया कर्मी यथासंभव वर्क फ्राम होम द्वारा कार्य संपादित करेगें। अत्यावश्यक स्थिति में कार्य हेतु बाहर निकलने पर अपना आई-कार्ड साथ रखेगें तथा फिजिकल डिस्टेंसिंग एवं मास्क संबंधी निर्देशों का कड़ाई से पालन सुनिश्चित करेगें। यह आदेश पुलिस महानिरीक्षक कार्यालु, कलेक्टर, पुलिस अधीक्षक, अतिरिक्त जिला दण्डाधिकारी, अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक, नगर पुलिस अधीक्षक, मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी कार्यालय एवं उनके अधीनस्थ समस्त कार्यालय, अनुविभागीय दण्डाधिकारी, तहसील, थाना एवं पुलिस चौंकी पर लागू नही होगा। इसके अतिरिक्त कानून व्यवस्था एवं स्वास्थ्य सेवा से संबंधित पदाधिकारी एवं कर्मी, बिजली, पेयजल आपूर्ति एवं नरगपालिका सेवाएं जिसमें सफाई, सिवरेज एवं कचरे का डिस्पोजल इत्यादि भी शामिल है तथा अग्निशमन सेवाएं। इन शासकीय कार्यालयों में उपरोक्त अवधि में आम जनता का प्रवेश प्रतिबंधित रहेगा।
रायपुर / शौर्यपथ / “आप टेंशन मत लो। आप जैसा सोचोगे वैसा आपके साथ होगा। आराम से फ्री-माइंड होकर इन्जॉय करो। जल्द ही आप घर चले जाओगे। आपका दस दिन कम्प्लिट... और फिर आप घर पर नजर आओगे।” पढ़ने-सुनने में यह किसी मनोचिकित्सक और उसके मरीज के बीच की बातचीत लगती है। पर दरअसल यह एक अस्पताल कर्मचारी और कोरोना संक्रमित मरीज के बीच की बातचीत है। प्रदेश के कोविड अस्पतालों में ऐसे बहुत से लोग हैं जो अस्पताल प्रशासन द्वारा सौंपे गए दायित्वों को पूर्ण करने के साथ ही वहां इलाज करा रहे मरीजों की हौसला अफजाई और मनोबल बढ़ाने का भी काम कर रहे हैं।
ऊपर जिक्र में आया बातचीत माना कोविड अस्पताल में वार्डब्वॉय का काम करने वाले चंद्रशेखर और वहां इलाज करा रहे कोविड-19 के मरीज के बीच की है। प्रदेश के कोविड अस्पतालों में भर्ती मरीजों को कोरोनामुक्त करने में डॉक्टरों और नर्सों के साथ वहां का पूरा अमला लगा हुआ है। अपने कार्यालयीन दायित्वों के साथ ही वे हर स्तर पर मरीजों की सहायता कर रहे हैं। चाहे उनकी जरूरत का समान उन तक पहुंचाना हो, उनकी सेहत का हाल-चाल जानना हो, वक्त पर उनके खाने-पीने की व्यवस्था को अंजाम देना हो या कोरोना से परेशान होकर हौसला खो रहे मरीजों का मनोबल बढ़ाना हो, वे हर जरूरत पर वहां मौजूद हैं।
कोरोना को मात देकर माना कोविड अस्पताल से आज ही घर लौटीं सुश्री अंकिता शर्मा कहती हैं – “अस्पताल में एक समय मैं सोचती थी कि घर कब पहुंचुंगी ! अकेलेपन के कारण मन में कई तरह के ख्याल आ रहे थे। नींद उड़ चुकी थी। मानसिक दुर्बलता के उस दौर में चंद्रशेखर की बातों ने अपनापन दिया, आत्मबल दिया।” चंद्रशेखर ने अंकिता की मनःस्थिति को भांप कर अपनी बातों से उसे हिम्मत बंधाई, सकारात्मकता दी। तनावमुक्त रहने कहा और जल्दी ही स्वस्थ होकर घर लौटने की उम्मीद भी जगाई। अंकिता चंद्रशेखर को धन्यवाद देते हुए कहती है कि उसने गैरों के बीच छोटे भाई की तरह मुझे अपनेपन का अहसास कराया।
पिछले कुछ महीनों से माना कोविड अस्पताल में काम कर रहे श्री चंद्रशेखर कहते हैं कि यहां मरीजों की मदद कर संतोष महसूस होता है। अस्पताल द्वारा दिए गए काम को पूरा करने के साथ ही वे जब किसी मरीज को निराश, हताश या हौसला खोते हुए देखते हैं, तो वे अपनी बातों से उनका मनोबल बढ़ाते हैं। वे कहते हैं – “पहले मुझे भी यहां डर लगता था। लेकिन अब नहीं लगता है। बीमारी और मानसिक परेशानी से जूझ रहे लोगों की सहायता करना अच्छा लगता है। हमारी बातों से किसी का मनोबल बढ़ता है, चिंता दूर होती है या मरीज के मन में सब कुछ ठीक हो जाने का भरोसा जगता है, तो इससे संतुष्टि मिलती है।