October 27, 2025
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शौर्यपथ

शौर्यपथ

नई दिल्ली / शौर्यपथ / हैदराबाद तेलंगाना की राजधानी हैदराबाद के बाहरी इलाके में अपराधियों ने एक डेंटल डॉक्टर को दिन दहाड़े अगवा कर लिया और रिहाई के बदले 10 करोड़ रुपये बिटक्वाइन्स के रूप में फिरौती की मांग की. इतना ही नहीं डॉक्टर का अपहरण भी नाटकीय अंदाज में हुआ. पांच अपहरणकर्ता बुर्के में आए थे. हैदराबाद से सटे रंगारेडी जिले के किस्मतपुर में डॉक्टर हुसैन एक डेंटल हॉस्पिटल में काम करते थे, वहीं से अपहरणकर्ताओं ने उन्हें अगवा कर लिया.
अपहरण के बाद डॉक्टर हुसैन को हैदराबाद ले जाया गया , जहां उन्हें अंधेरे कमरे में रखा गया. पुलिस के मुताबिक अपहरणकर्ता मराठी बोलते थे. बाद में उन अपहरणकर्ताओं ने डॉक्टर को चार अन्य लोगों को सौंप दिया जो बोलेरो में सवार थे. ये सभी बेंगलुरु या कर्नाटक के सटे इलाके शिमोगा जाने की बात कर रहे थे.
अपराधियों ने डॉक्टर हुसैन को इसलिए निशाना बनाया था क्योंकि हुसैन डेंटिस्ट के अलावा प्रॉपर्टी डीलिंग का भी काम करते हैं. किस्मतपुर में उनकी भी प्रॉपर्टी है. एक कार की निशानदेही पर पुलिस ने उन्हें अपहर्ताओं के चंगुल छुड़ाया. पुलिस ने गुप्त सूचना के आधार पर आंध्र प्रदेश क अनंतपुर में एक कार को चारों तरफ से घेर लिया. इस घटना में तीन अपराधी भागने में कामयाब रहे जबकि एक पुलिस के हत्थे चढ़ गया. कार में डेंटिस्ट हुसैन के हाथ-पैर बंधे हालत में मिले.

नई दिल्ली/ शौर्यपथ / ट्विटर ने 18 अक्टूबर को अपने प्लेटफॉर्म पर लेह-लद्दाख की जियो टैग लोकेशन को जम्मू-कश्मीर, चीन में दिखाया था. जिसके बाद केंद्र सरकार के आईटी सचिव अजय साहनी ने ट्विटर के सीईओ जैक डोर्सी को इस मामले में कड़ी चेतावनी के साथ चिट्ठी लिखी थी. सरकार ने ट्विटर द्वारा भारत के नक्शे को गलत तरीके से दिखाने पर आपत्ति दर्ज कराई थी. ट्विटर ने इस मुद्दे पर सरकार के समक्ष सफाई पेश की थी लेकिन अब इस मामले को देख रही समिति का कहना है कि ट्विटर की सफाई अपर्याप्त है.
पैनल की चीफ मीनाक्षी लेखी ने कहा कि समिति अपनी राय में इस बात पर एकमत है कि लद्दाख को चीन के हिस्से के रूप में दर्शाने वाले ट्विटर पर स्पष्टीकरण अपर्याप्त था. ट्विटर इंडिया के अधिकारियों ने आज समिति को बताया कि ट्विटर इस मुद्दे पर भारत की संवेदनशीलता का सम्मान करता है लेकिन ये नाकाफी है. ये सिर्फ संवेदनशीलता का सवाल नहीं है. ये भारत की संप्रभुता और अखंडता के खिलाफ है. लद्दाख को चीन का हिस्सा दिखाना एक आपराधिक कृत्य है, इस अपराध के लिए 7 साल तक कैद हो सकती है.
आईटी सचिव अजय साहनी ने ट्विटर को दो टूक शब्दों में स्पष्ट किया था कि लेह केंद्रशासित प्रदेश लद्दाख का हिस्सा है. लद्दाख और जम्मू-कश्मीर भारत के अभिन्न अंग हैं, जो भारत के संविधान द्वारा शासित हैं. साहनी ने ट्विटर को स्पष्ट शब्दों में कहा है कि सोशल साइट को भारत के लोगों की भावनाओं का सम्मान करना चाहिए.
उन्होंने कहा कि ट्विटर द्वारा भारत की संप्रभुता और अखंडता के साथ किया गया अपमान स्वीकार नहीं किया जाएगा. यह कानून का भी उल्लंघन होगा. आईटी सचिव ने पत्र में लिखा कि ऐसे कार्यों से न सिर्फ ट्विटर की साख गिरती है बल्कि सोशल साइट की तटस्थता और निष्पक्षता पर भी सवाल उठते हैं.

 

रायपुर / शौर्यपथ / मुख्यमंत्री भूपेश बघेल के नेतृत्व में छत्तीसगढ़ सरकार द्वारा कोरोना काल में आर्थिक विकास को सुचारू रूप से जारी रखने के लिए अपनाई गई रणनीति के उत्साहजनक परिणाम सामने आए हैं। संकट के बावजूद प्रदेश के त्यौहारी बाजार में अच्छी रौनक दिख रही है। वाहन बाजार से मिले आंकड़ों के अनुसार पिछले नवरात्रि की तुलना में इस बार की नवरात्रि में ग्रामीण और शहरी दोनों ही क्षेत्र के लोगों ने जमकर वाहनों की खरीदी की है। वर्ष 2019 में नवरात्र के दौरान जहां 417 एग्रीकल्चर ट्रेक्टर बिके थे, वहीं इस साल 679 ट्रेक्टरों की बिक्री हुई। इसी तरह कमर्शियल ट्रेक्टर पिछले साल 28 बिके थे, जबकि इस साल यह संख्या 35 रही। यह आंकड़ा ग्रामीण क्षेत्रों में आ रही समृद्धि तथा किसानों में बढ़ते आत्मविश्वास को दर्शाता है। इसी तरह मोटर कार की बिक्री में भी वृद्धि दर्ज की गई है। पिछली नवरात्र को जहां 2426 मोटर कार लोगों ने खरीदी थीं, वहीं इस बार 2795 मोटर कारों की बिक्री हुई। यदि हार्वेस्टर की बात करें तो पिछले नवरात्रि में मात्र एक हार्वेस्टर की बिक्री हुई थी, जबकि इस नवरात्रि में 24 लोगों ने हार्वेस्टर की खरीदी की है। गांवों की तरह शहरी क्षेत्रों में भी लोगों में उत्साह और आत्मविश्वास का वातावरण बना हुआ है। कोरोनाकाल के बाद तेजी से छत्तीसगढ़ की अर्थव्यवस्था संवर रही है। छत्तीसगढ़ सरकार द्वारा किसानों की जेब में पैसा डालने इसे असर माना जा सकता है।
एक ओर जहां पूरे देश में आर्थिक मंदी और बेरोजगारी का माहौल देखा जा सकता है वहीं छत्तीसगढ़ राज्य में मुख्यमंत्री भूपेश बघेल के द्वारा कोरोनाकाल में लिए गए सकारात्मक और दूरदर्शी निर्णय का परिणाम उपलब्धियों के रुप में देश में सुर्खियां बटोर रहा है। किसानों के खाते में संकट के समय पैसा डालने, लॉकडाउन में उद्योग का संचालन सुचारू रखकर रोजगार के अवसर को बनाए रखने, मनरेगा के माध्यम से सर्वाधिक रोजगार देने जैसे अभिनव प्रयासों का ही यह असर है कि छत्तीसगढ़ की अर्थव्यवस्था पूरी रफतार से गतिमान रही। राज्य में मंदी का असर नहीं पड़ा। अनलॉक होने के बाद जब बाजार खुले तो व्यवसाय में भी रौनक आई और त्योहार का सीजन आने के साथ खरीददारी भी बढ़ गई। इस नवरात्रि में गत नवरात्रि की अपेक्षा अधिक संख्या में कृषि कार्य के लिए ट्रैक्टर, कार और हार्वेस्टर की बिक्री फिर से देखा जा सकता है।

रायपुर / शौर्यपथ / मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने आज विधानसभा के विशेष सत्र में छत्तीसगढ़ कृषि उपज मंडी (संशोधन) विधेयक 2020 पर चर्चा करते हुए कहा कि केन्द्र सरकार द्वारा लाया गया नया कृषि कानून किसानों के लिए नहीं, बल्कि पूंजीपतियों को लाभ देने वाला है। उन्होंने कहा कि केन्द्र सरकार एक राष्ट्र-एक बाजार की दुहाई देती है। जब एक राष्ट्र-एक बाजार है, तो कीमत भी एक होनी चाहिए। यदि केन्द्र सरकार एक राष्ट्र-एक बाजार-एक कीमत की व्यवस्था लागू कर दें, तो हमंे कानून में संशोधन करने की जरूरत ही नहीं पड़ती। उन्होंने कहा कि कृषि क्षेत्र में तीन नये कानून बनाकर केन्द्र सरकार पूंजीपतियों को लाभ पहुंचाना चाहती है। केन्द्र सरकार का कानून किसानों को ठगने वाला कानून है। उन्होंने कहा कि केन्द्र सरकार के नए कानूनों से किसानों के मन में संशय पैदा हो गया है। उन्होंने कहा कि केन्द्र सरकार को इस बात की गारंटी देनी चाहिए कि किसानों के उपज को कोई भी समर्थन मूल्य से नीचे नहीं खरीदेगा।
मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने सदन में केन्द्र सरकार द्वारा पारित तीनों कृषि कानूनों की खामियों की जमकर आलोचना की और कहा कि हम अपने किसानों के हितों को सुरक्षित रखना चाहते हैं, छत्तीसगढ़ के व्यापार को सुरक्षित रखना चाहते है। मुख्यमंत्री ने कहा कि छत्तीसगढ़ के लोग भोले-भाले है। लोग ठगाए मत, इसलिए हम मंडी विधेयक में संशोधन कर किसानों और आम उपभोक्ता के हितों की रक्षा की व्यवस्था कर रहे हैं। मुख्यमंत्री ने केन्द्रीय वित्त मंत्री द्वारा कोरोना संक्रमण काल के दौरान 20 लाख करोड़ रूपए के राहत पैकेज का उल्लेख करते हुए कहा कि इस विशेष पैकेज से किसी को एक पैसा भी नहीं मिला। उन्होंने प्रधानमंत्री किसान सम्मान निधि और शांता कुमार कमेटी सिफारिशों का उल्लेख किया और केन्द्र सरकार द्वारा किसानों के हितों की अनदेखी के मामले को सदन में बड़े ही तार्किक ढंग से उठाए। मुख्यमंत्री के संबोधन के दौरान पूरे सदन में खामोशी छायी रही। सदन के सदस्य, किसानों के हित में मुख्यमंत्री के तर्काें को बड़े ही गौर से सुनते नजर आए। मुख्यमंत्री ने कहा कि जब छत्तीसगढ़ की बात हो, किसानों की बात हो, तो दल नहीं, दिल देखा जाना चाहिए। उन्होंने कहा कि पीएम किसान सम्मान निधि से छत्तीसगढ़ के किसानों को लाभ देने के मामले में केन्द्र सरकार द्वारा अड़ंगा लगाया जा रहा है। केन्द्र सरकार किसानों को भ्रमित कर रही है।
मुख्यमंत्री ने आगे कहा कि केन्द्र सरकार ने कृषि के क्षेत्र में जो तीन नए कानून बनाए है, उसकी जरूरत क्या थी? क्या किसी किसान संगठन ने या किसी राजनीतिक दल ने कानून में बदलाव की मांग की थी? कोरोना संकट काल में जब देश के लोग समस्याओं से जूझ रहे थे, ऐसी स्थिति में केन्द्र सरकार ने किसानों के हितों की परवाह न करते हुए कृषि के क्षेत्र में तीन नए अध्यादेश जारी कर दिए। उन्होंने कहा कि इसके चलते केन्द्र सरकार के एक सहयोगी दल की मंत्री ने इस्तीफा दे दिया। इन्ही तीनों कानूनों के चलते एनडीए के सहयोगी दल नाराज है। एनडीए के कई केन्द्रीय मंत्री भी इस कानून से सहमत नहीं है। मुख्यमंत्री ने आगे कहा कि केन्द्र सरकार का कहना है कि कृषि के तीनों नए कानून, किसानों के लिए लाभकारी है। उन्होंने कहा कि यह भ्रम पूरे देश में फैलाया जा रहा है। इससे किसानों का भला होने वाला नहीं है। यह कानून पूंजीपतियों को लाभ देने वाला कानून है। मुख्यमंत्री ने कहा कि बिहार में 2006 से यह कानून लागू है। आज हालत यह है कि समर्थन मूल्य तो दूर की बात, बिहार में 1300 रूपए क्विंटल से अधिक मूल्य पर किसानों का धान खरीदने वाला कोई नहीं है। उन्होंने कहा कि जब इस कानून से बिहार के किसानों का कोई भला नहीं हुआ तो देश के किसानों का भला होने वाला नहीं है।
केन्द्र सरकार के नए कानून के तहत निजी मंडी खोलने की बात पर एतराज जताते हुए मुख्यमंत्री ने कहा कि इसके जरिए सरकारी मंडियों को समाप्त करने का षड़यंत्र रचा जा रहा है। उन्होंने कहा कि इस कानून की वजह से धीरे-धीरे मंडियां खत्म हो जाएंगी। मुख्यमंत्री ने कहा कि यह चिटफंड कम्पनी जैसी व्यवस्था है। उन्होंने छत्तीसगढ़ राज्य में चिटफंड कम्पनियों के कारनामों को भी एक-एक कर उजागर किया और कहा कि जिस तरीके से चिटफंड कम्पनियां लोगों को लालच देकर लूटती है। उसी तरह केन्द्र सरकार द्वारा पारित नए कानूनों के जरिए किसान और आम उपभोक्ता लूटे जाएंगे। मुख्यमंत्री ने आगे कहा कि समर्थन मूल्य भारत सरकार घोषित करती है, तो किसानों को समर्थन मूल्य दिलाने के जिम्मेदारी भी केन्द्र सरकार की है। राज्य सरकारें एजेंसी के रूप में काम करती है। उन्होंने कहा कि जब हम छत्तीसगढ़ के किसानों का धान 2500 रूपए क्विंटल में खरीद रहे थे। भारत सरकार ने किसानों को बोनस देने पर प्रतिबंध लगा दिया। उन्होंने कहा कि धान और गेहूं खरीदने पर यूपीए सरकार ने किसानों को बोनस दिया था। वर्तमान में केन्द्र में ऐसी सरकार है, जो किसानों को बोनस देने से रोकती है।
मुख्यमंत्री ने कहा कि केन्द्र सरकार से किसानों को बोनस देने की अनुमति के लिए हम कृषि मंत्री और खाद्य मंत्री के साथ दिल्ली गए थे। तत्कालीन केन्द्रीय खाद्य मं़त्री से मुलाकात कर छत्तीसगढ़ और यहां के किसानों की विशेष परिस्थितियों को देखते हुए बोनस दिए जाने की मांग की थी। परंतु हमारी इस मांग को केन्द्र सरकार ने ठुकरा दिया था। मजबूरन हमें किसानों का धान 2500 रूपए प्रति क्विंटल के बजाए समर्थन मूल्य पर खरीदना पड़ा। किसानों के हितों की रक्षा और उनके उपज का वाजिब मूल्य दिलाने के लिए हमने राजीव गांधी किसान न्याय योजना शुरू की है। इसका लाभ हम राज्य के धान उत्पादक किसानों के साथ-साथ गन्ना और मक्का उपजाने वाले किसानों को भी दे रहे हैं। मुख्यमंत्री ने कहा कि छत्तीसगढ़ ऐसा राज्य है, जहां स्वामीनाथन कमेटी की सिफारिशों पर अमल किया जा रहा है।
मुख्यमंत्री ने आगे कहा कि केन्द्र सरकार, राज्य सरकारों के हितों की लगातार अनदेखी कर रही है। उन्होंने कहा कि बीते छह माह से जीएसटी का पैसा केन्द्र सरकार ने नहीं दिया है। केन्द्र सरकार से छत्तीसगढ़ को 4000 करोड़ रूपए लेना है। मुख्यमंत्री ने इस मौके पर अत्यावश्यक वस्तु विधेयक में केन्द्र सरकार द्वारा किए गए बदलाव को आम लोगों के लिए नुकसानदायक बताते हुए कहा कि यह विपणन कानून है। इसमें बदलाव पंूंजीपतियों को फायदा पहुंचाने के लिए किया गया है। इससे अत्यावश्यक वस्तुओं में जैसे खाद्यान्न, तेल, आलू, प्याज आदि के भंडारण की सीमा को खत्म कर दिया गया है। उन्होंने कहा कि इसका फायदा उठाकर कारपोरेट और बड़े-बड़े व्यापारी मन माफिक कीमत पर किसानों की उपज खरीदकर जमाखोरी करेंगे। पूरा बाजार उनके कब्जे में हो जाएगा और मनमाने दाम पर सामान बचेंगे। उन्होंने कहा कि इसका दुष्परिणाम अभी से देखने को मिलने लगा है। आलू और प्याज की कीमतें कई गुना बढ़ गई है। यह कानून आम उपभोक्ताओं के खिलाफ है।
मुख्यमंत्री ने सदन में विपक्षी सदस्यों द्वारा चर्चा के दौरान धान खरीदी के संबंध में उठाए गए सवालों का जवाब देते हुए कहा कि केन्द्र सरकार ने चावल उपार्जन की जो लिमिट इस साल तय की है। वह भी भेदभाव पूर्ण है। उन्होंने कहा कि छत्तीसगढ़ से छोटे राज्यों की भी लिमिट छत्तीसगढ़ से ज्यादा है। उन्होंने कहा कि धान से एथेनॉल बनाने के उनके प्रस्ताव का शुरूआती दौर में लोगों ने मजाक उठाया था। अब तो केन्द्र सरकार ने हमारे प्रस्ताव को लाभकारी बताते हुए मान्य कर लिया है। धान से एथेनॉल बनाने की अनुमति भी दे दी है और इसका विधिवत दर 54.87 रूपए घोषित कर दिया है। मुख्यमंत्री ने कहा कि छत्तीसगढ़ राज्य में धान की अतिशेष मात्रा तथा गन्ना से एथेनॉल बनाने के लिए राज्य सरकार ने एमओयू भी कर लिया है। मुख्यमंत्री ने कहा कि आगामी एक साल में राज्य में एथेनॉल का उत्पादन भी शुरू हो जाएगा। इससे किसानों को उनकी उपज का वाजिब मूल्य मिलेगा।
मुख्यमंत्री ने चर्चा के दौरान शांता कुमार कमेटी की सिफारिशों को उल्लेख करते हुए कहा कि केन्द्र सरकार इसके जरिए बोनस को समाप्त करने के बाद अब पीडीएस सिस्टम को भी बंद करने की जुगत में लगी है। मुख्यमंत्री ने कहा कि छत्तीसगढ़ देश का एक ऐसा राज्य है, जहां का पीडीएस सिस्टम पूरे देश के लिए मॉडल है। हमारे राज्य में पीडीएस के 98 प्रतिशत उपभोक्ताओं का राशनकार्ड उनके आधार कार्ड से लिंक है। उन्होंने कहा कि शांता कुमार कमेटी की रिपोर्ट के एकदम उलट छत्तीसगढ़ राज्य में 80 प्रतिशत से अधिक किसान समर्थन मूल्य से लाभान्वित होते हैं। मुख्यमंत्री ने केन्द्र सरकार के कॉन्ट्रेक्ट फॉर्मिंग कानून को भी किसानों के लिए घातक बताया। उन्होंने कहा कि हम अपने किसानों के हितों की रक्षा के लिए नया कानून लेकर आए हैं। उन्होंने कहा कि छत्तीसगढ़ सरकार किसानों के हित में खड़ी है और उनके हितों की अनदेखी नहीं होने देगी। मुख्यमंत्री ने छत्तीसगढ़ के किसानों और आम उपभोक्ताओं के हितों की रक्षा के लिए सर्व सम्मति से मंडी विधेयक संशोधन विधेयक 2020 को पारित करने का आग्रह किया।

मनोरंजन / शौर्यपथ / कॉमेडी, ड्रामा और डांस का कॉम्बिनेशन एक ही जगह बहुत कम देखने को मिलता है। टीवी पर इस बार आपको यह तीनों चीजें एक साथ नजर आने वाली हैं। कैसे? दरअसल, कॉमेडी शो 'तारक मेहता का उल्टा चश्माÓ की पूरी कास्ट डांस रिएलिटी शो 'इंडियाज बेस्ट डांसरÓ के सेट पर नजर आने वाली है।
पिंकविला के मुताबिक, 'तारक मेहता का उल्टा चश्माÓ की कास्ट स्पेशल गेस्ट के रूप में डांस रिएलिटी शो में आएगी। आने वाले एपिसोड्स में आप देखेंगे कि 'इंडियाज बेस्ट डांसरÓ शो में डांस के अलावा हंसी-मजाक का भी तड़का मिलेगा। मलाइका अरोड़ा, टेरेंस लूईस और गीता कपूर संग कास्ट मस्ती करती नजर आएगी। होस्ट हर्ष लिंबाचिया और भारती सिंह भी कई फन मोमेंट शेयर करेंगे। उम्मीद है कि यह अभी तक का सबसे ज्यादा एंटरटेनिंग अपिसोड होगा।
मालूम हो कि 'तारक मेहता का उल्टा चश्माÓ के तीन हजार एपिसोड पूरे हो चुके हैं। दिलीप जोशी, इस शो में 'जेठालालÓ का किरदार निभाते हैं। इनकी सोशल मीडिया पर भी तगड़ी फैन फॉलोइंग है। दर्शकों के बीच 'जेठालालÓ का किरदार काफी लोकप्रिय है। 'दयाबेनÓ संग वह एक खट्टा-मीठा रिश्ता शेयर करते हैं, लेकिन लंबे समय से इस शो से 'दयाबेनÓ गायब हैं। हालांकि, अब इनके वापस आने की चर्चा हो रही है।

सेहत / शौर्यपथ /भारतीय वैज्ञानिकों ने गठिया की दवा सल्फापायरीडाइन के दुष्प्रभावों को कम करने के लिए रोगियों को दवा देने का नया तरीका खोजा है। पंजाब स्थित लवली प्रोफेशनल यूनिवर्सिटी (एलपीयू) के अनुसंधानकर्ताओं के अनुसार सल्फापायरीडाइन गठिया (रूमटॉइड आर्थराइटिस) की तीसरी सबसे पुरानी दवा है जो अब भी इस्तेमाल होती है।
उन्होंने कहा कि लंबे समय तक इस दवा के सेवन से जी मिचलाना, उल्टी आना, त्वचा पर चकत्ते पडऩा, चक्कर आना, बेचैनी और पेट में दर्द जैसे दुष्प्रभाव सामने आते हैं।
एलपीयू में स्कूल ऑफ फार्मास्युटिकल साइंसेज के एसोसिएट प्रोफेसर भूपिंदर कपूर ने 'पीटीआई-भाषा से कहा, 'Óअत्यधिक खुराक की वजह से दवा के अणु के दुष्प्रभाव होते हैं, इसलिए हमने एक ऐसा तरीका निकाला है जिससे सीधे शरीर के प्रभावित हिस्से तक पहुंचाया जा सकता है और यह सुरक्षित है। 'मैटेरियल्स साइंस एंड इंजीनियरिंग सी नामक पत्रिका में प्रकाशित अध्ययन में अनुसंधानकर्ताओं ने सल्फापायरीडाइन का एक 'प्रोड्रग विकसित करने और इसे दवा देने के नए तरीके में शामिल करने की जानकारी दी है।
प्रोड्रग को रोगी के शरीर के प्रभावित हिस्से में सीधे इंजेक्ट किया जाता है। इसका दवा के रूप में सेवन नहीं किया जाता। अनुसंधानकर्ताओं ने कहा कि इसका मतलब है कि दवा शेष शरीर में फैले बिना सीधे प्रभावित अंग तक पहुंचती है।
अनुसंधानकर्ताओं के दल ने दवा देने की इस नवोन्मेषी प्रणाली के प्री- क्लीनिकल ट्रायल और परीक्षण सफलतापूर्वक किए हैं। इस अध्ययन का संचालन फोर्टिस अस्पताल, लुधियाना और तमिलनाडु के ऊटी स्थित जेएसएस कॉलेज ऑफ फार्मेसी के साथ मिलकर किया गया है।

खेल / शौर्यपथ / रविवार को आईपीएल में खेले गए पहले मुकाबले में चेन्नई सुपर किंग्स ने रॉयल चैलेंजर्स बैंगलोर को आठ विकेट से हरा दिया। आरसीबी ने पहले बल्लेबाजी करते हुए 20 ओवर में छह विकेट पर 145 रन बनाए। जवाब में सीएसएके ने 18.3 ओवर में दो विकेट गंवाकर 150 रन बनाकर मैच अपने नाम कर लिया। ऋतुराज गायकवाड़ ने नॉटआउट 65 रनों की पारी खेली और मैन ऑफ द मैच चुने गए। सीएसके की ओर से सैम करन ने 3 ओवर में 19 रन देकर तीन विकेट लिए। मैच के बाद धोनी ने अपनी टीम के युवा खिलाडिय़ों को खास सलाह दी है।
तीन बार की आईपीएल विजेता चेन्नई सुपर किंग्स का अभियान इंडियन प्रीमियर लीग के मौजूदा सत्र में भले ही लगभग खत्म हो गया हो लेकिन महेंद्र सिंह धोनी चाहते हैं कि उनके खिलाड़ी इन आखिरी दर्दनाक 12 घंटों के हर पल का आनंद लें। केकेआर के 12 प्वॉइंट्स हैं और सोमवार को किंग्स इलेवन पंजाब के खिलाफ जीतने पर उसके 14 प्वॉइंट्स हो जाएंगे। मुंबई इंडियंस, दिल्ली कैपिटल्स और रॉयल चैलेंजर्स बैंगलोर के 14 प्वॉइंट्स हैं। चेन्नई अगले दोनों मैच जीतने पर भी 12 प्वॉइंट्स ही ले सकेगी।
धोनी ने मैच के बाद कहा कि अच्छा प्रदर्शन नहीं करने पर दुख होता है। टूर्नामेंट में हमारे आखिरी दर्दनाक 12 घंटे बचे हैं। हमें इसका पूरा मजा लेना है। इससे कोई फर्क नहीं पडऩा चाहिए कि प्वॉइंट टेबल में हम कहां हैं। उन्होंने कहा कि अगर आप क्रिकेट का मजा नहीं ले रहे हैं तो यह क्रूर और दर्दनाक हो सकता है। मैं अपने युवा खिलाडिय़ों के प्रदर्शन से खुश हूं।
आरसीबी पर आठ विकेट से मिली जीत में चेन्नई के खिलाडिय़ों ने जैसा प्रदर्शन किया, धोनी पूरे टूर्नामेंट में उनसे वैसा ही खेल चाहते थे। उन्होंने कहा कि यह परफेक्ट प्रदर्शन में से एक था। सभी ने रणनीति पर अमल किया। हमने विकेट लिए और उन्हें कम स्कोर पर रोका। उन्होंने किफायती गेंदबाजी करने वाले स्पिनर इमरान ताहिर और मिशेल सैंटनर के अलावा बल्लेबाज ऋतुराज गायकवाड़ की भी जमकर तारीफ की।

सेहत / शौर्यपथ / सिर्फ बादाम और अखरोट पर ही क्यों अटके रहें , जब आप किशमिश से भी बहुत सारी गुडनेस ले सकते हैं? यहां जाने कि क्यों आपको इस स्वस्थ नाश्ते को अपने आहार में शामिल करना चाहिए।
कौन कहता है कि स्वस्थ खाद्य पदार्थ हमेशा उबाऊ होते हैं? मदर नेचर में जब इतने स्वादिष्ट, स्वस्थ और पौष्टिक सुपरफूड मौजूद हैं जिसका हम किसी भी समय आनंद ले सकते हैं, और वह भी बिना किसी अपराधबोध के। जब पोषक तत्वों की बात आती है ऐसा ही एक सुपरफूड है ?किशमिश
किशमिश मूल रूप से सूखे हुए अंगूर होते हैं, जो विटामिन, खनिज, एंटीऑक्सिडेंट, फाइटोन्यूट्रिएंट्स, पॉलीफेनोल्स और कई अन्य आहार फाइबर जैसे कई पोषक तत्वों से भरे होते हैं।
यह सब किशमिश को उन लोगों के लिए सबसे उपयुक्त बनाता है, जो अपने स्वास्थ्य और कल्याण के प्रति सचेत हैं।
यहां दैनिक आधार पर किशमिश खाने के सात अद्भुत स्वास्थ्य लाभ हैं, जैसा कि अमरीन शेख, वोकहार्ट अस्पताल, मुंबई के प्रमुख आहार विशेषज्ञ और पोषण सुझा रहीं हैं:
1.किशमिश पूप को आसान बनाती है
स्वस्थ शरीर के लिए कब्जयुक्त पेट एक हेल होल है। यही कारण है कि आपको हर समय पाचन मार्ग को साफ रखने की आवश्यकता है। किशमिश निश्चित रूप से इसमें आपकी मदद कर सकती है!
किशमिश अघुलनशील आहार फाइबर युक्त है, जो उन्हें एक प्राकृतिक रेचक बनाता है। ये बाउल मूवमेंट को बेहतर बनाता है, और हमारे सिस्टम से मल को चिकना बनाकर निकालने में मदद करती है।
वह कहती है, "किशमिश कब्ज के साथ-साथ पेट दर्द, इरिटेटिंग बाउल सिंड्रोम, गैस, सूजन और पेट फूलना जैसी अन्य गैस्ट्रोइंटेस्टाइनल समस्याओं से राहत प्रदान करती है।"
2.वजन बढ़ाने के लिए किशमिश खाएं
हर कोई वजन कम करने के लिए नहीं सोचता है। ऐसे लोग भी हैं जो स्वस्थ तरीके से वजन बढ़ाना चाहते हैं। इसके लिए किशमिश पर भरोसा किया जा सकता है।
शेख बताती हैं, "अगर आप वजन बढ़ाना चाहती हैं, तो किशमिश आपकी सबसे अच्छे दोस्त हो सकती हैं। किशमिश फ्रुक्टोज और ग्लूकोज में समृद्ध हैं, जिससे यह आपको ऊर्जा प्रदान करती है। यह आपके सिस्टम में खराब कोलेस्ट्रॉल को बढ़ाए बिना वजन बढ़ाने में आपकी मदद करेगी।"
3.यह कैंसर की रोकथाम में भी मददगार है
वह कहती हैं, "किशमिश की उपस्थिति के कारण किशमिश एंटीकार्सिनोजेनिक लाभ प्रदान करती है। कैटेचिन में पॉलीफेनोल यौगिक होते हैं, जो एंटीऑक्सिडेंट यौगिक होते हैं।"
4.यह आपके बीपी को नियंत्रण में रखती है
तनाव और हमारे खाने की आदतों से हमारे रक्तचाप में उतार-चढ़ाव हो सकता है। यह अच्छा संकेत नहीं है। लेकिन भगवान का शुक्र है कि किशमिश इसे कंट्रोल कर सकती है।
हाइ ब्लड प्रेसर ही नही लो ब्लड प्रेसर भी हो सकता है आपके सेहत के लिए हानी कारक। चित्र: शटरस्टॉककिशमिश आपकी बीपी को भी नियंत्रित करता है। चित्र: शटरस्टॉक
किशमिश में उच्च पोटेशियम सामग्री होती है, और पोटेशियम एक प्राकृतिक वासोडिलेटर है जो हमारी रक्त वाहिकाओं को आराम देता है, रक्त परिसंचरण में सुधार करता है और इस प्रकार उच्च रक्तचाप से राहत देता है।
इसके अलावा, किशमिश में आहार फाइबर रक्त वाहिकाओं की कठोरता को कम करता है, जिससे रक्तचाप में सुधार होता है। यह बदले में उच्च रक्तचाप के जोखिम को कम करता है।
5.किशमिश इम्यूनिटी भी बढ़ाती है
कोविड -19 के लिए धन्यवाद, जिसने सभी को अपनी इम्?युनिटी पर ध्?यान देना सिखाया। जब किशमिश की बात आती है, तो उसमें विटामिन और खनिजों के साथ-साथ अन्य यौगिकों, जैसे एंटीऑक्सिडेंट और पॉलीफेनोल्स जैसे आवश्यक पोषक तत्व होते हैं।
ये सभी हमारे सिस्टम में मुक्त कणों से लडऩे में मदद करते हैं, उन्हें स्थिर करते हैं और हमारी कोशिकाओं को सफेद रक्त कोशिकाओं सहित ऑक्सीडेटिव क्षति से रोकते हैं। ये सब मिलकर हमारी इम्?युनिटी को बढ़ाते हैं।
सुश्री शेख बताती हैं,"इनमें जीवाणुरोधी, एंटीवायरल और एंटीफंगल गुण भी होते हैं, जो विभिन्न संक्रमणों के जोखिम को कम करने में मदद करते हैं।"
6.गठिया जैसे एंटी इंफ्लामेटरी विकारों को रोकने में मदद करता है
किशमिश गठिया और गाउट जैसी इंफ्लामेटरी समस्याओं के कारण दर्द से राहत प्रदान करने में सहायक होती है। इसका कारण एंटीऑक्सिडेंट और पॉलीफेनोल की उपस्थिति है।
वह कहती हैं, "विटामिन सी और पॉलीफेनोल जैसे एंटीऑक्सिडेंट प्रकृति में एंटी इंफ्लामेटरी हैं, जो गठिया और गठिया से जुड़े दर्द और सूजन से राहत देती हैं।"
7.यह आपको बेहतर नींद देने में भी है मददगार
कई कारणों से शांतिपूर्ण नींद की कमी आपके मानसिक के साथ-साथ शारीरिक स्वास्थ्य को भी खराब कर सकती है। आपकी नींद संबंधी समस्?याओं को हल करने के लिए किशमिश से बेहतर क्?या होगा?
"आयरन जैसे आवश्यक पोषक तत्व की मौजूदगी के कारण अनिद्रा का इलाज करने के लिए किशमिश को काफी फायदेमंद माना गया है। जैसा कि हम सभी जानते हैं, लोहा एक महत्वपूर्ण खनिज है जो न केवल हीमोग्लोबिन के उत्पादन को बढ़ाता है, बल्कि चयापचय में सुधार करता है, ऑक्सीजन वहन करता है, प्रतिरक्षा को मजबूत करता है और बेहतर नींद सुनिश्चित करता है।"
अंत मे कुछ महत्वपूर्ण
हालांकि इस बात पर ज्यादा शोध नहीं किया गया है कि किशमिश तनाव और अन्य मानसिक स्वास्थ्य से जुड़े मुद्दों पर कैसे मदद करता है, इसके कुछ सकारात्मक निष्कर्ष निकले हैं। यह नींद को प्रेरित करने, आपके शरीर को आराम देने और आपको शांत रखने के लिए माना जाता है।
"इसके अलावा, अगर आपको मीठे की क्रेविंग बहुत ज्?यादा है, तो किशमिश चॉकलेट और कैंडी से बेहतर ऑप्?शन है। इसके मीठे स्वाद के कारण।"
तो, अब आप जानते हैं कि किशमिश आपके लिए इतनी अच्?छी क्?यों है!

खाना खजाना / शौर्यपथ / नवरात्रि के बाद अब जल्द ही करवा चौथ का त्योहार भी आने वाला है। इस दिन महिलाएं परिवार के लोगों के लिए कई तरह के व्यंजन बनाती है। आप भी अपने दिन को खास बना सकती हैं इस स्पेशल रेसिपी के साथ , जिसका नाम है क्रिस्पी नमकीन कचोरी। जी हां यह कचोरी खाने में हलवाई जैसी खस्ता होती हैं। आइए जानते हैं कैसे बनाई जाती हैं यह कचोरी।
क्रिस्पी नमकीन कचोरी बनाने के लिए सामग्री-
-1 कटोरी मैदा
- 1 कटोरी गेहूं का आटा
- 2 चम्मच मोयन का तेल
- नमक
- अजवाइन
भरावन सामग्री-
-1 कटोरी बेसन
- नमक
-लाल मिर्च,
- जीरा
-सौंफ,
-तिल्ली
-धनिया
-गरम मसाला
- मोयन का तेल
क्रिस्पी नमकीन कचोरी बनाने की विधि-
क्रिस्पी नमकीन कचोरी बनाने के लिए सबसे पहले आटे में सभी सामग्री मिलाकर पूड़ी जैसा आटा गूंथकर अलग रख दें। अब बेसन में सारे मसालों के साथ इतना मोयन डालें कि उसकी गोली बन जाए। अब इसे अच्छी तरह मिक्स करके इसकी छोटी-छोटी गोलियां बना लें।
अब आटे की लोई बनाकर पूरी बेलें, फिर उसमें बेसन की गोली रखकर हाथ से गोल-गोल दबाते हुए कचोरी बना लें। एक कड़ाही में तेल गरम करके धीमी आंच पर कचोरी कुरकुरी होने तक तल लें। गरमा-गरम कचोरी को चटनी के साथ पेश करें। इस कचोरी की खास बात यह है कि इन्हें आप सात-आठ दिनों तक आसानी से उपयोग में ला सकते हैं। आप चाहे तो इसमें चाट की सामग्री डलकर भी खा सकते हैं।

चेन्नई / शौर्यपथ / कथित घुसपैठ को लेकर भारतीय मछुआरों पर हमला करने का मामला सामना आया है. श्रीलंकाई नौसेना पर कथित घुसपैठ को लेकर भारतीय मछुआरों के एक समूह पर हमला करने का आरोप है. मछुआरों पर आरोप है कि उन्होंने श्रीलंका के जल क्षेत्र में घुसपैठ की कोशिश की. हालांकि, भारतीय मछुआरों ने इन आरोपों को खारिज किया है. इस हमले में एक मछुआरा जख्मी बताया जा रहा है.
भारतीय मछुआरों ने श्रीलंका के जल क्षेत्र में घुसपैठ के आरोपों का खड़न किया है. उन्होंने कहा कि हम पर पत्थर फेंके गए और हमारे जाल को नुकसान पहुंचाया गया. वहीं, अधिकारियों का कहना है कि इस संबंध में अब तक कोई औपचारिक शिकायत नहीं हुई है और वे मामले की जांच कर रहे हैं. घायल मछुआरा तमिलनाडु के रामेश्वरम का रहने वाला बताया जा रहा है.
बता दें कि तमिलनाडु पहले भी केंद्र के सामने श्रीलंकाई अधिकारियों द्वारा भारतीय मछुआरों के उत्पीड़न का मामला उठा चुका है. साथ ही केंद्र सरकार से भारतीय मछुआरों का उत्पीड़न बंद करने के लिए कदम उठाने का आग्रह कर चुका है, जो कि हिंद महासागर में मछली पकड़ने के दौरान कभी-कभी जल क्षेत्र को पार कर जाते हैं.

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