August 03, 2025
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शौर्यपथ

शौर्यपथ

दुर्ग / शौर्यपथ / राष्ट्रीय महिला आयोग, छत्तीसगढ़ विधिक सेवा प्राधिकरण बिलासपुर के निर्देश एवं श्री संजय कुमार जायसवाल जिला एवं सत्र न्यायाधीश/अध्यक्ष जिला विधिक सेवा प्राधिकरण के विशेष मार्गदर्शन में मंगल भवन भिलाई -3 में  महिलाओं क अधिकारों एवं उनके संबंध में विधिक अधिकार के प्रति जागरूक किये जाने के उद्वेश्य से एक दिवसीय विधिक जागरूकता कार्यक्रम का आयोजन किया गया।
  राष्ट्ीय विधिक सेवा प्राधिकरण नई दिल्ली एवं राष्ट्ीय महिला आयोग का मुख्य उद्देश्य ग्रामीण/तालुका स्तर में महिलाओं के सशक्तिकरण के संबंध में विशेष जागरूकता अभियान कराये जाने के परिकल्पना को पूर्ण करने के उद्देश्य से तालुक विधिक सेवा समिति भिलाई-3 के ग्रामीण स्तर की महिलाओं के लिए विशेष जागरूकता शिविर आयोजित किया गया। आयोजित एक दिवसीय विधिक जागरूकता कार्यक्रम में रिसोर्स पर्सन के रूप में अधिवक्ता रेखा वर्मा एवं कुसुम शाह उपस्थित रही।
विधिक जागरूकता कार्यक्रम का शुभारंभ श्री पंकज दीक्षित न्यायाधीश/अध्यक्ष तालुक विधिक सेवा समिति, भिलाई-3 के द्वारा किया गया। कार्यक्रम के शुभारंभ में न्यायाधीश श्री पंकज दीक्षित ने उपस्थित महिलाओं को बताया कि ’‘ महिलाएं देश के विकास में महत्वपूर्ण भूमिका अदा करती है महिलाएं गृहस्थ को संभालती है तथा बच्चों का पालन पोषण कर उनका भविष्य उज्जवल बनाती है । विवाहित महिला आमतौर पर अपने अधिकारों से अनजान रहती है और घरेलू हिंसा का शिकार होते जाती है। इस जागरूकता शिविर का आयोजन का उद्वेश्य महिलाओं को उनके अधिकारों के प्रति जागरूक करना है।
         कार्यक्रम की रिसोर्स पर्सन ने अपने महिलाओ के लिए शासन से प्राप्त होने वाली   विभिन्न योजनाओं के संबंध में,सायबर अपराध, महिला प्रताडना पर जानकारी दी तथा महिलाओं के समानता का अधिकार, संपत्ति का अधिकारी, कार्य स्थल पर यौन उत्पीडन, महिला संशक्तिकरण, भरण पोषण, की जानकारी प्रदान की गई तथा महिलाओं को उपलब्ध विधिक सहायता योजना की जानकारी दी गई। महिलाओं ने कार्यक्रम के दौरान पूछे प्रश्नों का उत्तर रिसोर्स पर्सन अधिवक्ताओं के द्वारा दिया गया।
          कार्यक्रम में लगभग 60 महिलाएं शामिल हुई। मंच का संचालन अधिवक्ता सुषमा जेठानी के द्वारा किया गया। कार्यक्रम में महिला बाल विकास से अधिकारी, अधिवक्तागण भी उपस्थित थे।

मुख्यमंत्री ने बालोद में नवनिर्मित इंडोर स्टेडियम का किया शुभारंभ
मुख्यमंत्री ने मलखम्ब में जिम्नास्ट और योग के साधकों की सराहना की

balod / शौर्यपथ / मुख्यमंत्री श्री भूपेश बघेल ने आज बालोद में नवनिर्मित इंडोर स्टेडियम का शुभारंभ किया और खिलाड़ियों को शुभकामनाएं दी। मुख्यमंत्री ने इंडोर स्टेडियम पहुँचकर मलखम्ब में जिमनास्ट और योग कर रहे प्रतिभागियों के कलाकृतियों और अभ्यास को देखकर उनके हौसले की सराहना की। मुख्यमंत्री ने कहा कि यह भारत की प्राचीन विधा है। मलखम्ब से साधक मजबूत और तंदुरुस्त बनने के साथ ही तन और मन से स्वस्थ होते हैं। उन्होंने यहां प्रशिक्षण ले रहे प्रतिभागियों को अपना आशीर्वाद और शुभकामनाएं देते हुए नियमित अभ्यास करने के लिए प्रेरित किया। उन्होंने प्रशिक्षकों को जिमनास्ट और योग की बारीकियों से अवगत कराने और इसे बढ़ावा देने का सुझाव दिया।
 मुख्यमंत्री ने यहां नेशनल खिलाड़ी दीप्ति साहू, चंचल साहू, प्रेरणा साहू, करुण नायक, राजकुमार मुथाई , वीरेंद्र कुमार, उषा चौधरी से भेंट की । उन्होंने तीन सगी बहने  दीप्ति, चंचल और प्रेरणा साहू के जज्बे और हुनर की सराहना की । दीप्ति साहू नेशनल गेम में अनेक मेडल जीतकर जिले का नाम रोशन किया है । इंडोर स्टेडियम में कलारी पट्टू, उशु, मुथाई, किक बॉक्सिंग, जूडो खेल का भी प्रशिक्षण दिया जाता है। यह इंडोर स्टेडियम में पूर्व सैनिक सेवा संघ द्वारा निःशुल्क  प्रशिक्षण दिया जाता है।
  पूर्व सैनिक सेवा संघ के अध्यक्ष श्री राजकुमार साहू ने बताया कि यहां अभी 70 युवाओं को सैनिक, अर्धसैनिक बल में भर्ती के लिए जरूरी प्रशिक्षण दिया जा रहा है। पूर्व सैनिक श्री किशोर नाथ योगी, हेमंत मारगिया, कन्हैया लाल, उमेश साहू द्वारा प्रशिक्षण दिया जा रहा है । यहां सन 1962 और 1965 के युद्ध में अपनी वीरता का परिचय देने वाले 70 वर्षीय श्री विमल कुमार दास युवाओं को प्रशिक्षण दे रहे हैं।
  मलखम्ब दो शब्दों मल्ल और खंभा से मिलकर बना है। जिसका अर्थ क्रमशः जिम्नास्ट और पोल होता है।  इसका शाब्दिक अर्थ जिम्नास्ट पोल है । जिम्नास्ट द्वारा उपयोग किए जाने वाले पारंपरिक प्रशिक्षण के लिए उपयोग किया जाता है । मलखम्ब की उत्पत्ति 12 वीं शताब्दी में भारत के महाराष्ट्र राज्य में हुई थी । मलखम्ब एक ऐसा खेल है, जो पूरे शरीर को व्यायाम और कसरत करा कर स्वस्थ रखता है। यह जितना आसान दिखता है, वास्तव में इतना आसान नहीं होता है। इसके लिए मांसपेशियों में ताकत होनी चाहिए। इसको सीखने के लिए बहुत मेहनत व लगन की आवश्यकता होती है। मलखम्ब एक ऐसा खेल है, जिसमें एक सीधा खंभा होता है, जिस पर चढ़कर योग के साथ जिम्नास्ट भी किया जाता है। यह भारत के पुराने खेलों में से एक है। मलखम्ब के खंभे को शीशम और सहवान की लकड़ी से बनाया जाता है। जिसके ऊपर तेल लगाया जाता है। इसके बाद इसको जमीन में गाड़ दिया जाता है, और फिर कलाकृति की जाती है।

बालोद / शौर्यपथ / जिन विधाओं को सीखने और उनमें पारंगत होने के लिए नगर के युवाओं को बड़े शहरों की ओर रुख करना पड़ता था, अब वे सारी सुविधाएं युवाओं को स्थानीय स्तर पर सुलभ होगी। मुख्यमंत्री श्री भूपेश बघेल ने आज बालोद नगर के हृदय स्थल पर स्थित कला केंद्र का शुभांरभ किया और यहां विद्यार्थियों तथा युवाओं के साथ कुछ पल बिताया भी।
   कला केन्द्र जैसी बहु उद्देशीय संस्था की यहां बहुत पहले की मांग थी, जो आज साकार हुआ। जिला प्रशासन ने युवाओं की मांग को दृष्टिगत करते हुए जिला खनिज न्यास निधि मद से 45 लाख 93 हजार रूपए की लागत से कला केन्द्र की कार्ययोजना बनाई और इसे अमलीजामा पहनाते हुए इसका निर्माण किया गया। नगर के तहसील चौक पर इसकी स्थापना की गई। मुख्यमंत्री श्री भूपेश बघेल ने आज भवन का शुभारम्भ किया तथा जिलावासियों को बधाई देते हुए उम्मीद जताई कि यहां के युवक-युवतियों और विद्यार्थियों को अपना भविष्य गढ़ने में बेहतर दिशा और प्लेटफॉर्म मिलेगा। कला केन्द्र के समन्वयक ने बताया कि वर्तमान परिवेश में रोजगार एवं व्यक्तित्व विकास वाली विभिन्न विधाओं पर आधारित पाठ्यक्रम संचालित किए जाएंगे।
  ये पाठ्यक्रम होंगे संचालित -
इस संबंध में बताया कि यहां स्थानीय लोक संस्कृति एवं परम्पराओं को पुनर्जीवित करने के उद्देश्य से प्रशिक्षुओं को लोक संगीत सिखाया जाएगा। इसके अलावा बच्चों में गैर शैक्षणिक एवं व्यवसायोन्मुखी प्रतिभाओं को उभारने के उद्देश्य से व्यावसायिक पाठ्यक्रम के तौर पर मेहंदी, ड्राइंग, क्ले आर्ट एवं पेंटिंग की कक्षाएं संचालित की जाएंगी। इसी तरह व्यक्तित्व विकास पाठ्यक्रम के तहत बोलचाल में अंग्रेजी को शामिल करने के लिए स्पोकन इंग्लिश की शिक्षा दी जाएगी। साथ ही गिटार वादन, सेहत  के लिए जुम्बा क्लासेस, सभी प्रकार के योगा, पाककला के लिए कुकिंग क्लासेस, संगीत में रूचि रखने वाले युवाओं के लिए ड्रम बीटिंग, गिटार एंड की बोर्ड क्लासेस एवं मिक्सिंग स्टूूडियो, भारतीय नृत्य विधाएं जैसे भरत नाट्यम, पाश्चात्य नृत्य में सालसा, हिपहॉप एवं बॉलीवुड डांस शैली का प्रशिक्षण दिया जाएगा। इसके अलावा व्यक्तित्व विकास की कक्षाएं भी संचालित की जाएंगी। बताया गया है कि लोगों की मांग पर अन्य पाठ्यक्रमों को भी सम्मिलित किया जाएगा। इस प्रकार समन्वित विधाओं का समेकित रूप होगा कला केंद्र, जहां पर युवावर्ग अपने भीतर छिपी प्रतिभाओं को फर्श से अर्श तक पहुंचाने के लिए सही दिशा दे सकेंगे।

- पावर हाऊस अंडरब्रिज से मुर्गा चौक सेंट्रल एवेन्यू से सेक्टर 9, ठगड़ा बांधा, महराजा चौक होकर पुलगांव चौक से अंजोरा बाईपास की ओर से गुजरेंगे पदयात्री

दुर्ग / शौर्यपथ / इस बार नवरात्रि पदयात्रा में हिस्सा लेने वाले यात्री इस वर्ष पावर हाउस चौक से सुपेला की ओर ना जाकर पावर हाउस अण्डर ब्रिज से मुर्गा चौक से सेन्ट्रल एवेन्यू होकर सेक्टर 09 चौक, एम.डी. चौक, ठगडा बांधा ब्रिज, जेल तिराहा, महराजा चौक, पोटिया चौक होकर पुलगांव चौक से अंजोरा बाईपास की ओर से पदयात्री गुजरेगें। बैठक में अपर कलेक्टर श्री अरविंद एक्का, डिप्टी कलेक्टर श्री जागेश्वर कौशल सहित अन्य अधिकारी उपस्थित थे। नवरात्रि पदयात्रियों की सुविधा एवं सुरक्षा की दृष्टि से यह निर्णय लिया गया है। बैठक में निर्णय लिया गया कि पदयात्रा सुचारू रूप से संपन्न हो सके, इसके लिए पावर हाऊस अंडर ब्रिज से मुर्गा चौक से सेन्ट्रल एवेन्यू होकर सेक्टर 09  मार्ग उचित होगा। पदयात्रियों को यात्रा का अच्छा अनुभव हो इसके लिए उन्हें बुनियादी सुविधाएं प्रदान करना अहम है।
     बैठक में अपर कलेक्टर श्री अरविंद एक्का ने कहा कि अधिकारी देर शाम इस रूट का निरीक्षण करें एवं लाइटिंग सहित सभी आवश्यकताओं के संबंध में फीडबैक ले लें और इनका इंतजाम सुनिश्चित कराएं। इसके साथ ही प्राथमिक स्वास्थ्य व्यवस्था, पेयजल व्यवस्था, सफाई व्यवस्था और रूट में जहां-जहां भी लाइट की जरूरत है, उसकी पुख्ता व्यवस्था करा लें। सड़क में बीच-बीच में अस्थायी ब्रेकर बना दिये जाएं ताकि वाहनों की गति नियंत्रित रह सके। जहां जहां टेंट लगाए गए हैं वहां पब्लिक एड्रेसिंग सिस्टम की व्यवस्था भी हो, कुछ सूचनात्मक फ्लैक्स भी टेंट के भीतर लगाए जाएं ताकि यात्रियों को वांछित सूचनाएं मिल सके। अपर कलेक्टर ने पदयात्रा मार्ग में झाड़ियों की छंटाई करा लेने के निर्देश भी निगम अधिकारियों को दिए। यात्रियों की सुरक्षा सबसे अहम है इसके लिए सभी जरूरी उपाय कर लिये जाएं। बैठक में सभी अधिकारियों को दायित्व सौंपे गए। यात्रा के संबंध में सौंपे गए सारे निर्देशों का समय पर पालन सुनिश्चित करा लें। यात्रियों की सुविधा को बढ़ावा देने में पुरानी पदयात्रा के अनुभव काफी उपयोगी होते हैं। जो कमियां रह जाती हैं, उन्हें पूरा करने की दिशा में कार्य करें। साथ ही स्वच्छता भी अहम है इस दिशा में विशेष ध्यान रखें।

 दुर्ग / शौर्यपथ / निरंतरता सफलता का सबसे बड़ा हथियार है। रूकना नहीं है। लगातार मेहनत करते रहना है। सेल्फ एनालिसिस करना भी जरूरी है। टाइम मैनेजमेंट करना सीखों। अपनी प्राइरिटी सेट करों। आपके लाइफ में आपके लिए क्या जरूरी है। उक्त मोटिवेशनल स्पीच भिलाई नगर के युवा विधायक देवेंद्र यादव ने दी। खुर्सीपार के कॉलेज भवन में ऑडिटोरियम का निर्माण किया गया है। जिसका उद्घाटन करने के साथ ही यहां एक छात्र संवाद कार्यक्रम का आयोजन किया गया था। इस आयोजन में हजारों स्कूली छात्र-छात्राएं शामिल हुए। जिन्हे मोटिवेशनल स्पीच देने के लिए मुख्य वक्ता के रूप में भिलाई नगर विधायक देवेंद्र यादव सहित दुर्ग जिले के एसपी अभिषेक पल्लव, कामर्स गुरू व मोटिवेशनल स्पीकर संतोष रॉय, प्रकाश सर, सचिन सर, दुर्ग जिला अधिकारी अभय जायसवाल, पत्रकारिता जगत के जानेमाने हस्ती भिलाई हरिभूमि के ब्यूरो प्रमुख अलोक तिवारी और भिलाई टाइम्स के संपादक यशवंत साहू भी शामिल रहे। सभी ने बारी-बारी से मोटिवेशनल स्पीच दिया। अपने कॅरियम में वे कैसे आगे बढ़े, किस तरह से अपना लक्ष्य तय किया। किस तरह के संघर्षों का सामना करने के बाद आज वे इस मुकाम पर पहुंचे हैं। इन सभी विषयों पर प्रकाश डाला और साथ ही छात्र-छात्राओं को बताया कि वे कैसे अपने कॅरियर में आगे बढ़ सकते हैं। इस दौरान छात्र-छात्राओं ने अपने मन उठ रहे कई सवाल भी पूछे, जिसका जवाब उन्हें वक्ताओं ने दिया। सवाल जवाब से छात्राओं नेे अपनी परेशानियों का हल जाना। इस कड़ी में भिलाई नगर विधायक देवेंद्र यादव को एक छात्र ने पूछा कि आप विधायक है, कई सारे काम रहते हैं तो आप टाइम मैनेजमेंट कैसे करते है? टाइम मेनेजमेंट के बारे में बताते हुए विधायक देवेंद्र यादव ने कहा कि 6 घंटा सोना पर्याप्त है। इसलिए सुबह जल्दी उठना सीखे। कल क्या क्या करना है, आज तय होना चाहिए। अपनी प्राइरिटी सेट करना जरूरी है। जो भी काम करें जैसे कि आप पढऩे बैठ हैं तो भले एक घंटे पढ़ो लेकिन उस समय पूरा फोकस पढ़ाई में रखो। पूरी इंमानदारी से 1 घंटा दो। ऐसा नहीं कि दो घंटे पढऩे बैठे है और थोड़ा सा पढ़े फिर मोबाइल देखे फिर थोड़ा सा पढ़े। कार्यक्रम के अंत में खुर्सीपार स्कूल के शिक्षकों का यहां टॉप करने वाले विद्यार्थियों का सम्मान किया गया। आयोजक समिति ने सभी वक्ताओं को स्मृति चिन्ह भेंट की।

कभी निराश नहीं होना
एसपी अभिषेक पल्लव ने कहा कि कभी निराश नहीं होना। लंबी कूद मारना है तो दो कदम पीछे हटते हैं। लक्ष्य बनाकर मेहनत करना अच्छी बात है। लगातार मेहनत करते रहे। मेहनत करने वाले कभी पीछे नहीं रहते। उन्होंने अपने बारे में बताया कि वे आईआईटी और एमबीबीएस दोनों के लिए सलेक्ट हुए थे। पिता ने डॉक्टर बनाना इसलिए एमबीबीएस करने लगे। लेकिन इसमें उनका मन नहीं लगता था। कई बार नंबर बहुत कम मिले। लेकिन वे निराश नहीं हुए। मेडिकल की पढ़ाई पूरी करने के 12 साल बाद उन्होंने यूपीएससी की तैयारी की और वे एसपी बने। उन्होंने कहा कि पढ़ाई करना जरूरी है, पढ़ाई कभी व्यर्थ नहींं होता, जीवन में हमेशा काम आता है।

अवसर की कमियां नहीं होगी
शिक्षा अधिकारी अभय जायसवाल ने बताया कि वे भी इसी खुर्सीपार के स्कूल से पढ़े हैं। पहले अवसर की कमियां थी, लेकिन अब नहीं है। खुर्सीपार के बच्चों में टैलेंट बहुत है। शिक्षा विभाग का पूरा सहयोग रहेगा। परीक्षा की तैयारी के विषय पर उन्होंने कहा कि जितना ज्यादा मेहनत उतना अच्छा परिणाम मिलेगा। भौतिक शास्त्र सरल विषय है, इससे डरे नहीं। एक सवाल के जवाब में उन्होंने कहा कि आज बच्चों के पास गूगल, यूट्यूट बादि माध्यम है, कई विषयों को समझने के लिए। उनके समय में यह सब नहीं था। ऑन लाइन पढ़ाई ठीक है अगर हम इसे पॉजिटिव तौर पर ले तो, लेकिन किताब का कोई विकल्प नहीं है।

आगे बढ़ते चले
मोटिवेशन स्पीकर संतोष रॉय ने बच्चों से कहा कि एक बार ठान लो तो आप सभी भी वह सब कर सकते हैं जो चाहते हैं। भगवान ने हमें आगे की तरह बढऩे के लिए बनाया है। इस लिए जब भी हम कदम बढ़ाते है, आगे बढ़ाते है। इसलिए लाइफ में भी हमें आगे की तरह बढ़ते रहना चाहिए। पढ़ाई के दौरान मेाबाइल से दूर रखने की भी सलाह दी।
इस दौरान मुख्य रूप से आयोजनकर्ता संगम यादव, असफाक अंसारी, मार्टिन, राहुल शर्मा, अय्यूब खान,अमितेश सिंह को सभी अतिथियों ने आयोजन के लिए बधाई दी।

 दुर्ग / शौर्यपथ / छत्तीसगढ़ स्टेट क्रिकेट संघ द्वारा अक्टूबर 2022 में प्रस्तावित अंडर-14 अंतर जिला क्रिकेट प्रतियोगिता में भाग लेने के लिए क्रीड़ा, सांस्कृतिक एवं नागरिक सुविधाएं तथा बीएसपी क्रिकेट क्लब के संयुक्त तत्वाधान में बीएसपी क्रिकेट ग्राउंड, इंदिरा प्लेस, सिविक सेंटर में आगामी 25 सितंबर  को प्रात: 9 बजे से बीएसपी अंडर-14 टीम के चयन हेतु चयन स्पर्धा आयोजित की जा रही है।
भिलाई परीधि के वार्ड/नॉन वार्ड युवा (बालक) खिलाड़ी जिनका जन्म छत्तीसगढ़ राज्य क्रिकेट संघ के नियमानुसार 01 सितंबर, 2008 से 31 अगस्त, 2010 के बीच हुआ हो, वे ही चयन स्पर्धा में भाग लेने के पात्र होंगे। पात्र प्रतिभागियों को अपने साथ आयु प्रमाण पत्र के साथ पिछले 03 साल के परीक्षा की अंक सूची की मूल व छायाप्रति साथ लाना अनिवार्य है। प्रतिभागी 25 सितंबर, को प्रात: 9 बजे उपरोक्त मैदान में चयनकर्ताओं के पास अपना नाम दर्ज करा सकते है। इस चयन स्पर्धा के चयनकर्ता है देवेश बनर्जी, उत्तम डे, परमजीत सिंह। इस चयन स्पर्धा के प्रभारी सहायक प्रबंधक (क्रीड़ा, सांस्कृतिक एवं नागरिक सुविधाएं) अभिजीत भौमिक रहेंगे।

      नई दिल्ली /शौर्यपथ  /रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन एक बार फिर से आक्रामक अंदाज में आ गए हैं। उन्होंने रूस में सेना के मोबिलाइजेशन का आदेश दिया है। इसके साथ ही पश्चिमी देशों को चेतावनी देते हुए कहा है कि हमारी बात को हल्के में न लें। पुतिन ने कहा कि हम रूस की रक्षा के लिए कुछ भी करने के लिए तैयार हैं। पुतिन ने फिलहाल 3 लाख अतिरिक्त सैनिकों के मूवमेंट का आदेश दिया है। बुधवार को व्लादिमीर पुतिन ने टीवी पर प्रसारित भाषण में यह बात कही। इससे पहले मंगलवार को ही खबर आई थी कि यूक्रेन के पूर्वी और दक्षिणी हिस्से में रूस रेफरेंडम की तैयारी कर रहा है। रूस की इस तैयारी का पश्चिमी देशों ने विरोध किया था और कहा था कि ऐसा करने से तनाव बढ़ेगा।
दरअसल रूस ने 4 क्षेत्रों को मिलाने की योजना बनाई है और उसके तहत रेफरेंडम का प्लान बनाया है। शुक्रवार से लुहान्सक, खेरसन और दोनेत्सक समेत 4 प्रांतों में रेफरेंडम की शुरुआत होनी है। कहा जा रहा है कि रूस के इशारे पर यह रेफरेंडम हो रहा है और उसके बाद इन प्रांतों को कब्जाने की ओर से रूस कदम बढ़ा सकता है। इस बीच पुतिन ने पश्चिमी देशों पर आरोप लगाया कि वह न्यूक्लियर ब्लैकममेल कर रहा है। उन्होंने कहा कि नाटो देशों के नेताओं ने जिस तरह से न्यूक्लियर ब्लैकमेलिंग करने वाले बयान दिए हैं, उससे पता चलता है कि वे रूस के खिलाफ परमाणु हथियारों का भी इस्तेमाल कर सकते हैं।
व्लादिमीर पुतिन ने पश्चिमी देशों को चेतावनी देते हुए कहा, 'जो लोग रूस के खिलाफ इस तरह के बयानों को बढ़ावा दे रहे हैं, उन्हें यह याद रखना चाहिए कि रूस के पास भी नाटो देशों से निपटने के लिए सभी जरूरी चीजें मौजूद हैं। हमारे देश की एकता और अखंडता पर जब भी कोई खतरा पैदा होगा तो फिर हम अपनी पूरी शक्ति का इस्तेमाल करेंगे।' पुतिन ने कहा कि हमारी इस चेतावनी को किसी को भी हल्के में नहीं लेना चाहिए। इस बीच बुधवार से ही पुतिन ने मिलिट्री मोबिलाइजेनश का आदेश दे दिया है। इसके तहत उन सिटिजनों को तैयार किया जाएगा, जिनके पास कोई सैन्य प्रशिक्षण रहा है।

         नई दिल्ली / शौर्यपथ  /हिजाब इन दिनों खूब चर्चा में है। महिलाओं के लिए हिजाब पहनने को लेकर शुरू हुआ विवाद भारत से ज्यादा ईरान में चर्चा में बना हुआ है। भारत में हिजाब पहनने का मुद्दा यूनिफॉर्म में इसे शामिल करने को लेकर है जबकि, ईरान में महिलाएं हिजाब की अनिवार्यता हटाने को लेकर आमादा हैं। 22 साल की अमीनी की मौत के बाद से महिलाओं में गुस्सा चरम पर है। हालांकि ऐसा पहले ऐसा नहीं था। कभी पश्चिमी देशों की तरह खुलापन के माहौल में जीने वाले ईरान में 1979 के बाद सबकुछ बदल गया। इस्लामिक क्रांति के बाद से देश में अयातुल्लाह खोमैनी ने सत्ता संभाली और शरिया कानून लागू किया। हिजाब की अनिवार्यता ईरान के अलावा सिर्फ तालिबान शासित अफगानिस्तान में है। इससे उलट दुनिया के 55 अन्य मुस्लिम बहुल देशों में ऐसे नियम नहीं हैं। ईरान में तो 9 साल की उम्र के बाद से हर महिला को हिजाब पहनना जरूरी है। इन नियमों के पालन के लिए बाकायदा अलग से पुलिस व्यवस्था भी है।
ईरान की धरती इस वक्त हिजाब के विरोध को लेकर दुनियाभर में चर्चा में बनी हुई हैं। यहां की महिलाओं ने हिजाब पहनने के खिलाफ एक अनोखा सोशल मीडिया कैंपेन शुरू किया है। नो टू हिजाब कैंपेन में महिलाएं सोशल मीडिया पर बिना हिजाब की तस्वीरें पोस्ट कर रही हैं। साथ ही हिजाब जलाते हुए और अपने बालों को काटते हुए सोशल मीडिया पर तस्वीरें-वीडियो जारी कर रही हैं।
इस्लामिक क्रांति के बाद बदल गया ईरान
दरअसल, ईरान पहले ऐसा नहीं था। ईरान के लोगों में पहले पश्चिमी देशों की तरह खुलापन था लेकिन,  1979 आई इस्लामिक क्रांति ने सबकुछ बदल दिया। शाह मोहम्मद रेजा पहलवी को हटाकर धार्मिक नेता अयातुल्लाह खोमैनी ने सत्ता संभाली और ईरान में शरिया कानून लागू कर दिया। हालांकि यह और बात है कि दुनिया के 195 देशों में से 57 मुस्लिम बहुल हैं। इनमें से 8 में शरिया कानून का सख्ती से पालन किया जाता है। जबकि सिर्फ दो ही देश ऐसे हैं जहां महिलाओं को घर से निकलने पर हिजाब पहनना जरूरी है। इन देशों में ईरान के अलावा अफगानिस्तान भी शामिल है। अफगानिस्तान में इस वक्त तालिबान का शासन है।
9 साल के बाद हिजाब पहनना अनिवार्य
ईरान में हिजाब की अनिवार्यता को लेकर नियम इतने कड़े हैं कि आप सुनकर ही चौंक जाएंगे। यहां अगर लड़की 9 साल पार कर गई है तो उसके लिए हिजाब पहनना जरूरी हो जाता है। घर से निकलने से लेकर ऑफिस, रेस्तरां, सार्वजनिक स्थल, अस्पताल कुल मिलाकर हर जगह महिलाओं को हिजाब पहनना जरूरी है। इन नियमों का पालन कराने के लिए बाकायदा अलग से पुलिसिंग व्यवस्था भी है, जो सिर्फ शरिया कानून के पालन अच्छे से हो रहे हैं, इन पर नजर रखती है। कोई भी उन्हें ऐसा न करते हुए दिखता है या पता चलता है तो उन्हें उसके खिलाफ सख्त ऐक्शन लेने की पूरी छूट है।
नियम तोड़ने पर 74 चाबुक से लेकर 16 साल तक सजा
ईरान में किसी महिला के लिए हिजाब पहनने के आदेश का पालन करना काफी महंगा और दर्दनाक है। यहां इसे लेकर सख्त कानून है। नियम तोड़ने पर 74 चाबुक लगाने से लेकर 16 साल तक की कैद की सजा दी जाती है। अब अंदाजा लगाइए इतनी सख्ती के बाद भी 70 फीसदी से ज्यादा महिलाएं इस वक्त ईरान में हिजाब पहनने के खिलाफ विरोध में उतर चुकी हैं।

       नई दिल्ली / शौर्यपथ /राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने मजाकिया लहजे में उपराष्ट्रपति जगदीप धनखड़ से पूछा कि उन्होंने ममता बनर्जी जैसी कठोर महिला पर ऐसा क्या जादू किया कि उन्होंने उपराष्ट्रपति चुनाव में मतदान से ही दूर रहने का फैसला लिया। कांग्रेस अध्यक्ष चुनाव की रेस में सबसे आगे चल रहे गहलोत ने कहा कि वह तो हैं ही जादूगर, धनखड़ से पूछा- आप भी जादू जानते हैं क्या? दरअसल, धनखड़ इससे पहले पश्चिम बंगाल में राज्यपाल के पद पर थे, टीएमसी सुप्रीमो ममता बनर्जी विपक्षी दलों से आती हैं। ऐसे में उनके चुनाव से दूर रहने के फैसले के बाद विपक्षी उम्मीदवार मारर्गेट अल्वा को वोटिंग में नुकसान हुआ। हालांकि ये और बात है कि टीएमसी के वोटिंग में हिस्सा लेने के बाद भी राजद उम्मीदवार धनखड़ की ताजपोशी पक्की होती।
मौका था मंगलवार को राजस्थान विधानसभा में अभिनंदन कार्यक्रम का। इस दौरान राजस्थान के सीएम अशोक गहलोत और उपराष्ट्रपति जगदीप धनखड़ के बीच हंसी-मजाक देखने को मिला। उपराष्ट्रपति धनखड़ ने अपने संबोधन के दौरान यह भी कहा कि एक बार राज्य विधानसभा चुनाव के दौरान उन्होंने खुद जादू किया था।
इस अवसर पर बोलते हुए, गहलोत ने इस साल अगस्त में उपराष्ट्रपति चुने जाने से पहले पश्चिम बंगाल के राज्यपाल रहे जगदीप धनखड़ से मजाकिया अंदाज में पूछा, “आपके संबंध देश में चर्चा का विषय थे। जब तक आप वहां (पश्चिम बंगाल में राज्यपाल) तीन साल तक रहे। आपने क्या जादू किया कि जब आप उपराष्ट्रपति पद के उम्मीदवार बने, तो ममता बनर्जी ने मतदान से ही परहेज किया? कृपया हमें रहस्य बताएं।"
मैं तो हूं जादूगरः गहलोत
गहलोत आगे कहते हैं, "ममता जैसी सख्त महिला पर आपने क्या जादू किया? मैं जादूगर हूं।" गहलोत ने आगे पूछा कि क्या धनखड़ उनसे बड़े जादूगर हैं। गहलोत की "मैं जादूगर हूं" टिप्पणी कांग्रेस अध्यक्ष पद की दौड़ में सबसे आगे होने की चर्चा के बीच आई है। उन्हें गांधी परिवार का करीबी माना जाता है।
जानिए धनखड़ का जवाब
मुख्यमंत्री की टिप्पणी का जवाब देते हुए, वीपी धनखड़ ने मजाक में कहा, "मुझे याद है जब राजस्थान विधानसभा चुनाव चल रहे थे, राजेंद्र राठौर चूरू से उम्मीदवार थे। मैं उनकी रैली में गया था। जादूगर का जादू ठीक है (गहलोत की ओर इशारा करते हुए), लेकिन मैंने भी जादू कर दिया कि वह आज तक कभी चुनाव नहीं हारे।"

    नई दिल्ली / शौर्यपथ  /पीएम केयर्स फंड बोर्ड ऑफ ट्रस्टीज में नए सदस्यों को शामिल किया गया है। मंगलवार को उद्योगपति रतन टाटा समेत कई लोगों को ट्रस्टी बनाया गया। वहीं, सुधा मूर्ति को सलाहकार समूह में शामिल किया गया है। प्रधानमंत्री कार्यालय की तरफ से गुरुवार को यह जानकारी दी गई है। पीएम नरेंद्र मोदी की अध्यक्षता में हुई बैठक में केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह, केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण और नए नामित ट्रस्टी शामिल हुए है।
बैठक के दौरान पीएम मोदी ने केयर्स फंड में योगदान के लिए भारतीयों का तारीफ की है। बैठक के दौरान फंड की मदद से चलाए गईं पहलों की जानकारी दी गई। इसमें पीएम केयर्स फॉर चिल्ड्रन स्कीम भी शामिल रही, जिसके जरिए 4 हजार 345 बच्चों की सहायता की जा रही है। पीएम का कहना है कि नई ट्रस्टी और सलाहकारों के आने से पीएम केयर्स फंड के काम को नया नजरिया मिलेगा।
ये किए गए शामिल
सुप्रीम कोर्ट के पूर्व जज जस्टिस केटी थॉमस, पूर्व डिप्टी स्पीकर करिया मुंडा और उद्योगपति रतन टाटा ट्रस्टी के तौर पर पीएम केयर्स फंड में शामिल हुए हैं। बैठक के बाद ट्रस्ट की तरफ से सलाहकार समूह में सदस्यों को नामित किया गया। इनमें पूर्व कैग राजीव महर्षि, इन्फोसिस फाउंडेशन की पूर्व चेयरपर्सन सुधा मूर्ति, इंडिकॉर्प्स और पिरामल फाउंडेशन के पूर्व सीईओ आनंद शाह का नाम शामिल है।
क्या है पीएम केयर्स फंड
पीएम मोदी की अध्यक्षता में पीएम केयर्स फंड यानी   की शुरुआत 28 मार्च 2020 में की गई थी। इस फंड के जरिए सरकार का मकसद कोविड-19 जैसी आपातकाल और संकट की स्थिति में राहत मुहैया कराना है। यह फंड पूरी तरह से लोगों या संगठनों की तरफ से मिलने वाले ऐच्छिक सहयोग से काम करता है।

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