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रायपुर / शौर्यपथ / छत्तीसगढ़ के औद्योगिक विकास और वैश्विक निवेश को नई दिशा देने के उद्देश्य से प्रदेश के मुख्यमंत्री विष्णु देव साय 10 दिवसीय विदेश यात्रा पर आज जापान और दक्षिण कोरिया के लिए रवाना हुए। मुख्यमंत्री के पदभार संभालने के 18 माह बाद यह उनकी पहली विदेश यात्रा है, जिसे प्रदेश के विकास की दृष्टि से अत्यंत महत्वपूर्ण माना जा रहा है।
मुख्यमंत्री विष्णु देव साय जापान के ओसाका में आयोजित वर्ल्ड एक्सपो में शामिल होंगे तथा वहां इलेक्ट्रॉनिक्स, ऑटोमोबाइल्स और फूड प्रोसेसिंग जैसे क्षेत्रों में निवेश आकर्षित करने का प्रयास करेंगे। इन क्षेत्रों में जापान और दक्षिण कोरिया दोनों ही देश वैश्विक स्तर पर अग्रणी हैं और छत्तीसगढ़ में इन क्षेत्रों में उद्योगों के लिए अपार संभावनाएं मौजूद हैं।
पत्रकारों से चर्चा करते हुए मुख्यमंत्री ने बताया कि नई औद्योगिक नीति के अंतर्गत अब तक करीब 6.30 लाख करोड़ रुपये के एमओयू (MoU) हो चुके हैं। इनमें से कई परियोजनाओं पर काम भी प्रारंभ हो चुका है और शेष को भी शीघ्र गति दी जाएगी। उन्होंने विश्वास व्यक्त किया कि इन निवेश प्रस्तावों के जरिए प्रदेश में न केवल औद्योगिक ढांचा मजबूत होगा, बल्कि बड़े पैमाने पर रोजगार के अवसर भी सृजित होंगे।
मुख्यमंत्री श्री साय ने कहा –
"छत्तीसगढ़ में अपार संभावनाएं हैं। इलेक्ट्रॉनिक्स, ऑटोमोबाइल्स और फूड प्रोसेसिंग के क्षेत्र में हम राष्ट्रीय और वैश्विक स्तर पर छत्तीसगढ़ को एक नई पहचान दिलाएंगे। हमारी कोशिश है कि यहां के संसाधनों और क्षमता को उद्योगों के माध्यम से विकास का मजबूत आधार बनाया जाए।"
प्रदेश सरकार की नई औद्योगिक नीति निवेशकों के लिए अनुकूल माहौल प्रदान कर रही है, जिसके चलते देश-विदेश की प्रमुख कंपनियां छत्तीसगढ़ की ओर आकर्षित हो रही हैं। मुख्यमंत्री की इस यात्रा से प्रदेश और एशियाई औद्योगिक महाशक्तियों—जापान व दक्षिण कोरिया—के बीच आर्थिक सहयोग और निवेश की नई राह खुलने की संभावना प्रबल हो गई है।
छत्तीसगढ़, जो अब तक अपनी खनिज संपदा और कृषि उत्पादन के लिए देशभर में प्रसिद्ध रहा है, अब उच्च तकनीक, मैन्युफैक्चरिंग और वैश्विक औद्योगिक साझेदारी का नया केंद्र बनने की ओर अग्रसर है। मुख्यमंत्री विष्णु देव साय की यह विदेश यात्रा निश्चित ही प्रदेश के औद्योगिक एवं आर्थिक भविष्य की दिशा तय करने में महत्वपूर्ण साबित होगी।
मुख्यमंत्री साय ने हजारों युवाओं के साथ लगाई स्वतंत्रता की दौड़
भारत माता और रानी दुर्गावती की प्रतिमा पर माल्यार्पण कर उन्हें नमन किया
रायपुर / shouryapath / हमारा तिरंगा पूर्वजों के वर्षों के संघर्षों और बलिदान का जीवंत प्रतीक है। हम सभी तिरंगे की शान को हमेशा बनाए रखेंगे, अपने अमर बलिदानियों को कभी नहीं भूलेंगे और सभी मिलकर विकसित, समृद्ध और सशक्त छत्तीसगढ़ का निर्माण करेंगे। मुख्यमंत्री श्री विष्णु देव साय आज राजधानी रायपुर के मरीन ड्राइव में आयोजित स्वतंत्रता दौड़ में शामिल हुए और कार्यक्रम को संबोधित किया। इस दौरान उन्होंने हजारों युवाओं के साथ स्वतंत्रता दौड़ लगाई और भारत माता और अमर बलिदानी रानी दुर्गावती की प्रतिमा पर माल्यार्पण कर उन्हें नमन किया।
मुख्यमंत्री साय ने कहा कि तिरंगे में करोड़ों भारतीयों की आकांक्षाएं समाई हैं और यह हमारी वीरता, शांति और समृद्धि के भाव की अमिट चेतना है।
श्री साय ने पवित्र तिरंगे को प्रणाम करते हुए कहा कि हमारे देश के यशस्वी प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के आह्वान पर पिछले कुछ वर्षों से स्वतंत्रता दिवस में पूरा देश तिरंगामय हो जाता है। उन्होंने कहा कि पिछले कुछ दिनों से हम सभी अलग-अलग तरीकों से इस पावन दिवस को उत्साह के साथ मना रहे है। तिरंगा यात्राएं और हर-घर तिरंगा फहराने के संकल्प ने इस पावन अवसर को जन-जन से जोड़ दिया है। मुख्यमंत्री ने कहा कि यह तिरंगा यात्रा केवल एक आयोजन नहीं, बल्कि हमारी एकता, अखंडता और राष्ट्रीय गौरव का जीवंत प्रतीक है। उन्होंने कहा कि स्वतंत्रता दिवस हमें यह स्मरण कराती है कि आज़ादी अनगिनत बलिदानों की अमूल्य देन है। लाखों-करोड़ों देशभक्तों ने अपने प्राण न्योछावर किए, तब जाकर हमें यह स्वतंत्रता प्राप्त हुई।
मुख्यमंत्री ने कहा कि आज के खास अवसर ने मुझे बचपन के दिनों की याद दिला दी। जब मैं स्कूल में था तब स्वतंत्रता दिवस पर प्रभात फेरी निकलती थी, गांव-गांव में देशभक्ति गाने गूंजते थे। उन्होंने कहा कि उस समय जो गर्व महसूस होता था, वही गर्व आज भी हमारे दिल में है। मुख्यमंत्री ने कहा कि आज हमारा दायित्व है कि हम अपने देश और प्रदेश को विकास की नई ऊँचाइयों पर ले जाएं। वर्ष 2047 तक के लिए हमने विकसित छत्तीसगढ़ विज़न डॉक्यूमेंट तैयार किया है, और हमारी सरकार उसी के अनुरूप कार्य कर रही है। यह सरकार के साथ-साथ हम सभी का साझा संकल्प है। मुख्यमंत्री श्री साय ने इस अवसर उपस्थित सभी को स्वतंत्रता दिवस की अग्रिम शुभकामनाएं दी।
कार्यक्रम में खेल एवं युवा कल्याण मंत्री टंकराम वर्मा ने कहा कि स्वतंत्रता दौड़ सिर्फ एक दौड़ नहीं बल्कि आजादी के लिए किये गए संघर्ष का प्रतिसाद है। देश को वीर सपूतों के बलिदान से आजादी मिली है। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के विकसित, स्वच्छ, स्वस्थ और श्रेष्ठ भारत के विजन के साथ चलते हुए हमारे मुख्यमंत्री ने भी विकसित और समृद्धशाली छत्तीसगढ़ का सपना संजोया है। उन्होंने कहा कि इस स्वप्न को पूर्ण करने अपना अमूल्य योगदान देने का संकल्प लें।
इस दौरान विधायक पुरंदर मिश्रा, विधायक मोतीलाल साहू, विधायक गुरु खुशवंत साहेब, विधायक अनुज शर्मा, जिला पंचायत अध्यक्ष नवीन अग्रवाल, खेल एवं युवा कल्याण विभाग के सचिव यशवंत कुमार मौजूद रहे।
नया रायपुर / शौर्यपथ / छत्तीसगढ़ सरकार ने प्रशासनिक व्यवस्था को सुदृढ़ करने के उद्देश्य से एक बड़ा प्रशासनिक फेरबदल करते हुए भारतीय प्रशासनिक सेवा (आईएएस) के अधिकारियों का तबादला किया है। यह आदेश आज शाम सामान्य प्रशासन विभाग, मंत्रालय, महानदी भवन, नया रायपुर अटल नगर द्वारा जारी किया गया।
जारी आदेश के अनुसार, राज्य शासन ने कुल 10 आईएएस अधिकारियों का स्थानांतरण किया है। इस फेरबदल में कुछ अधिकारियों को वर्तमान दायित्वों के साथ-साथ अतिरिक्त प्रभार भी सौंपा गया है, जबकि कुछ अधिकारियों को नई जिम्मेदारियां दी गई हैं।
मुख्य बिंदुओं पर एक नजर:
* श्री अविनाश चंपावत (भा.प्र.से. 2003), सचिव, राजस्व एवं आपदा प्रबंधन तथा पुनर्वास विभाग को उनके वर्तमान कर्तव्यों के साथ-साथ सचिव, खाद्य नागरिक आपूर्ति एवं उपभोक्ता संरक्षण विभाग का अतिरिक्त प्रभार दिया गया है।
* श्री रितेश कुमार अग्रवाल (भा.प्र.से. 2012), संचालक, कोष एवं लेखा तथा अति. प्रभार संचालक, पेंशन, पंजीयक, फर्म एवं संस्थाएं को अब आगामी आदेश पर्यंत प्रबंध संचालक, छ.ग. मेडिकल सर्विसेज कॉर्पोरेशन, रायपुर के पद पर पदस्थ किया गया है।
* श्री रवि मित्तल (भा.प्र.से. 2016), आयुक्त, जनसंपर्क तथा अति. प्रभार मुख्य कार्यपालन अधिकारी, संवाद को आयुक्त, जनसंपर्क तथा मुख्य कार्यपालन अधिकारी, संवाद के अतिरिक्त प्रभार सौंपे गए हैं।
* श्रीमती पद्मिनी भोई साहू (भा.प्र.से. 2016), प्रबंध संचालक, छ.ग. मेडिकल सर्विसेज कॉर्पोरेशन, रायपुर को आगामी आदेश पर्यंत प्रबंध संचालक, कोष एवं लेखा तथा संचालक, पेंशन और पंजीयक, फर्म एवं संस्थाएं का अतिरिक्त प्रभार सौंपा गया है।
* श्रीमती हीना अनिमेष नेताम (भा.प्र.से. 2016), उप सचिव, राजभवन, रायपुर को आगामी आदेश पर्यंत संचालक, आदिम जाति अनुसंधान एवं प्रशिक्षण संस्थान के पद पर पदस्थ किया गया है।
सरकार ने प्रशासनिक कार्यों में गति लाने और जनकल्याणकारी योजनाओं के क्रियान्वयन को और प्रभावी बनाने के लिए यह निर्णय लिया है। इन तबादलों को राज्य की प्रशासनिक मशीनरी को और अधिक चुस्त-दुरुस्त करने की कवायद के रूप में देखा जा रहा है। राज्यपाल के नाम से जारी यह आदेश छत्तीसगढ़ शासन के सामान्य प्रशासन विभाग के अवर सचिव, रजत कुमार, द्वारा हस्ताक्षरित है।
यह प्रशासनिक बदलाव राज्य में शासन-प्रशासन के स्तर पर महत्वपूर्ण प्रभाव डालेगा और विभिन्न विभागों के कामकाज में नई ऊर्जा का संचार होने की उम्मीद है।
समाचार सार
*प्रधानमंत्री किसान सम्मान निधि की 20वीं किश्त की राशि जारी*
*प्रदेश के 25.47 लाख से अधिक किसानों के खातों में 553 करोड़ 34 लाख रुपये का हुआ अंतरण*
*राज्य के अन्नदाताओं को अब तक पीएम किसान सम्मान निधि के अंतर्गत मिली 9 हजार 700 करोड़ रुपये की राशि*
*छत्तीसगढ़ के 2.34 लाख वन पट्टाधारी और 32,500 विशेष पिछड़ी जनजाति के किसानों को भी मिल रहा है योजना का लाभ*
रायपुर / शौर्यपथ/ सावन के पवित्र महीने में प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी ने वाराणसी (उत्तर प्रदेश) से देशभर के 9.7 करोड़ से अधिक किसानों को पीएम किसान सम्मान निधि की 20वीं किश्त के रूप में 20500 करोड़ रुपये की राशि डीबीटी के माध्यम से सीधे उनके खातों में हस्तांतरित की। इस अवसर पर छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री श्री विष्णु देव साय राजधानी रायपुर स्थित उद्यानिकी एवं वानिकी विश्वविद्यालय के सभागार से प्रदेश के किसानों के साथ वर्चुअल माध्यम से कार्यक्रम से जुड़े।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने इस वृहद किसान सम्मेलन को संबोधित करते हुए कहा कि किसान सम्मान निधि योजना के अंतर्गत 2019 से अब तक देशभर के किसानों को 3.75 लाख करोड़ रुपये की राशि सीधे उनके खातों में भेजी जा चुकी है।
प्रधानमंत्री ने कहा कि हमारी सरकार किसानों की समृद्धि के लिए निरंतर काम कर रही है और पीएम किसान निधि इसका सशक्त उदाहरण है। श्री मोदी ने कहा कि कृषि विकास में पिछड़े जिलों के लिए ‘प्रधानमंत्री धन-धान्य योजना’ की शुरुआत की गई है और इसके लिए 24 हजार करोड़ रुपये का प्रावधान किया गया है। प्रधानमंत्री ने बताया कि सिंचाई योजनाओं पर भी सरकार बड़े पैमाने पर निवेश कर रही है ताकि खेतों तक पानी पहुंच सके और उत्पादन में वृद्धि हो। प्राकृतिक आपदाओं से किसानों को राहत देने के उद्देश्य से ‘प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना’ संचालित है, जो उन्हें संकट से उबारने का कार्य करती है। प्रधानमंत्री ने महिलाओं के आर्थिक सशक्तिकरण पर जोर देते हुए कहा कि 1.5 करोड़ से अधिक महिलाएं ‘लखपति दीदी’ बन चुकी हैं और 3 करोड़ के लक्ष्य में से आधा काम हमने पूरा कर लिया है।
मुख्यमंत्री विष्णु देव साय ने प्रदेशवासियों को पवित्र श्रावण मास की शुभकामनाएं देते हुए भगवान महादेव से छत्तीसगढ़ के सतत् कल्याण, समृद्धि और खुशहाली की कामना की। उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री किसान सम्मान निधि योजना से छत्तीसगढ़ के लगभग 25 लाख से अधिक किसानों को 553 करोड़ 34 लाख रुपये की धनराशि प्राप्त हुई है।
मुख्यमंत्री साय ने प्रदेशवासियों की ओर से प्रधानमंत्री श्री मोदी का आभार व्यक्त करते हुए कहा कि अन्नदाताओं को आर्थिक संबल देकर उनके परिश्रम का सम्मान किया गया है।
मुख्यमंत्री ने कहा कि हमारी सरकार “मोदी की गारंटी” के अनुरूप किसानों की उन्नति के लिए निरंतर समर्पित भाव से कार्य कर रही है। हमने किसानों से जो वादा किया था, उसे पूरा किया है। आज छत्तीसगढ़ में किसानों को 3100 रुपये प्रति क्विंटल की दर से धान की कीमत दी जा रही है, जो उनकी आय को और सुदृढ़ कर रही है। उन्होंने कहा कि सरकार गठन के दस दिनों के भीतर ही 3716 करोड़ रुपये की 2 वर्ष की बकाया बोनस राशि का भुगतान कर हमने किसानों के भरोसे को और मजबूत किया। पूर्व प्रधानमंत्री श्रद्धेय अटल बिहारी वाजपेयी के नेतृत्व में ‘किसान क्रेडिट कार्ड योजना’ की शुरुआत हुई, जिसने खेती-किसानी को लाभकारी व्यवसाय में परिवर्तित कर दिया। मुख्यमंत्री ने कहा कि इससे पहले किसान भारी ब्याज दरों पर उधार लेकर खेती करते थे, लेकिन आज केसीसी (KCC) के माध्यम से शून्य ब्याज दर पर ऋण मिल रहा है, जिससे खेती-किसानी और आसान हो गई है।
मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रदेश में सिंचाई का रकबा बढ़ाने के लिए तेज़ी से कार्य किया जा रहा है। बस्तर क्षेत्र में नक्सलवाद की कमर टूट चुकी है और हम बोधघाट परियोजना, महानदी और इंद्रावती नदी को जोड़ने जैसी योजनाओं के माध्यम से बस्तर को सिंचित और समृद्ध क्षेत्र बनाने के लिए कार्य कर रहे हैं। श्री साय ने कहा कि दलहन-तिलहन फसलों को प्रोत्साहित करने के लिए 10 हजार रुपये की सहायता राशि का प्रावधान किया गया है। साथ ही, भूमिहीन कृषि मजदूरों को भी 10 हजार रुपये की सहायता राशि प्रदान की जा रही है।
मुख्यमंत्री ने कहा कि सरकार खेती ही नहीं, बल्कि मत्स्यपालन, दुग्ध उत्पादन और पशुपालन जैसे सहायक कृषि कार्यों को भी सशक्त करने में जुटी है। ‘दुधारू पशु वितरण योजना’ को पायलट प्रोजेक्ट के रूप में प्रदेश के 6 जिलों से प्रारंभ किया गया है, जिसे नेशनल डेयरी डेवलपमेंट बोर्ड (NDDB) के माध्यम से लागू किया जा रहा है। इससे दूध का उत्पादन बढ़ेगा और किसानों को उसकी उचित कीमत मिलेगी।
श्री साय ने कहा कि मिलेट्स (श्री अन्न) जैसे पौष्टिक अनाजों का उत्पादन, कोदो, कुटकी और रागी जैसी पारंपरिक फसलों की खेती को बढ़ावा देकर किसानों को बाजार में बेहतर दाम दिलाने की दिशा में कदम उठाए जा रहे हैं। छत्तीसगढ़ के किसानों को इसका सीधा लाभ मिलेगा।
कार्यक्रम को संबोधित करते हुए केंद्रीय राज्य मंत्री तोखन साहू ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में हमारी सरकार निरंतर किसानों को इस योजना के तहत राशि सीधे उनके खाते में हस्तांतरित कर रही है। उन्होंने इस मौके पर कहा कि नरेंद्र मोदी जी के नेतृत्व में गांव-गांव में पक्की सड़कें बन गई हैं। किसान क्रेडिट कार्ड के माध्यम से अब किसानों को बिना ब्याज के अल्पकालिक ऋण उपलब्ध हो रहा है। हमारी सरकार ने अनेक योजनाएं धरातल पर लाकर किसानों की बेहतरी के लिए कार्य किया है।
कृषि विकास एवं किसान कल्याण मंत्री श्री रामविचार नेताम ने कहा कि आज इस योजना के तहत छत्तीसगढ़ के 25.47 लाख से अधिक किसानों के खातों में डीबीटी के माध्यम से 20वीं किश्त की राशि 553 करोड़ 34 लाख रुपये अंतरित की गई है। उन्होंने कहा कि छत्तीसगढ़ की विष्णुदेव साय सरकार जय-जवान, जय-किसान, जय-विज्ञान और जय-अनुसंधान की परिकल्पना के साथ आधुनिक कृषि उपकरणों और तकनीकों का उपयोग कर खेती-किसानी को नई दिशा दे रही है। उन्होंने कहा कि प्रदेश में वृहद रूप से ‘विकसित कृषि संकल्प अभियान’ चलाया गया। इस अभियान में कृषि वैज्ञानिकों, अधिकारियों और कर्मचारियों ने एक लाख से अधिक किसानों से मुलाकात कर खेती-किसानी के तरीकों और उनके फायदों की जानकारी दी।
कार्यक्रम में हितग्राहियों को कृषि उपकरणों एवं योजनाओं के तहत अनुदान राशि के चेक प्रदान किए गए।
कार्यक्रम में विधायकगण सर्वश्री सुनील सोनी, पुरंदर मिश्रा, गुरु खुशवंत साहेब, इंद्रकुमार साहू, रायपुर संभाग के आयुक्त महादेव कावरे, छत्तीसगढ़ राज्य बीज एवं कृषि विकास निगम लि. के प्रबंध संचालक श्री अजय अग्रवाल, इंदिरा गांधी कृषि विश्वविद्यालय के कुलपति डॉ. गिरीश चंदेल, महात्मा गांधी उद्यानिकी एवं वानिकी विश्वविद्यालय के कुलपति डॉ. आर.आर. सक्सेना सहित बड़ी संख्या में किसान उपस्थित थे।
बिलासपुर, 2 अगस्त 2025 | छत्तीसगढ़ के शैक्षणिक परिदृश्य में एक बड़ा मोड़ आया जब बिलासपुर हाईकोर्ट ने निजी स्कूलों द्वारा दायर उस याचिका को खारिज कर दिया जिसमें वे अपनी फीस स्वतंत्र रूप से तय करने का अधिकार मांग रहे थे।
कोर्ट ने स्पष्ट किया कि राज्य सरकार को यह अधिकार है कि वह सार्वजनिक हित में निजी विद्यालयों की फीस संरचना को विनियमित कर सके।
⚖️ मुख्य बिंदु:
? याचिका का विषय:
राज्य में संचालित कुछ प्रतिष्ठित निजी विद्यालयों ने यह याचिका दायर की थी कि छत्तीसगढ़ शासन द्वारा गठित “फीस विनियमन समिति” उनकी स्वायत्तता में हस्तक्षेप कर रही है।
याचिकाकर्ताओं ने तर्क दिया था कि निजी संस्थानों को आर्थिक स्वायत्तता संविधान द्वारा प्रदत्त है, और शासन को सीधे तौर पर फीस तय करने का अधिकार नहीं है।
? हाईकोर्ट का फैसला:
मुख्य न्यायाधीश की खंडपीठ ने यह स्पष्ट करते हुए याचिका खारिज की कि
> “शिक्षा एक सामाजिक जिम्मेदारी है, व्यावसायिक अवसर नहीं। राज्य सरकार को यह वैधानिक अधिकार है कि वह सार्वजनिक हित में निजी स्कूलों की फीस पर नियंत्रण रख सके।”
कोर्ट ने संविधान के अनुच्छेद 21-A (निःशुल्क और अनिवार्य शिक्षा का अधिकार) तथा शिक्षा के अधिकार अधिनियम (RTE Act 2009) का हवाला देते हुए यह टिप्पणी दी।
? फीस विनियमन समिति की वैधता बरकरार:
राज्य शासन द्वारा वर्ष 2023 में गठित फीस विनियमन समिति की संवैधानिकता को भी कोर्ट ने वैध ठहराया है। इस समिति में शिक्षा विशेषज्ञों, विधि विशेषज्ञों और अभिभावकों के प्रतिनिधियों को शामिल किया गया है।
? अब क्या होगा?
✅ अब सभी निजी स्कूलों को राज्य सरकार द्वारा निर्धारित मानकों के अनुरूप फीस प्रस्ताव प्रस्तुत करना होगा।
✅ फीस वृद्धि से पहले समिति की अनुमति आवश्यक होगी।
✅ मनमानी फीस वसूली पर दंडात्मक कार्यवाही का प्रावधान रहेगा।
? राज्य शासन की प्रतिक्रिया:
छत्तीसगढ़ शासन के शिक्षा सचिव ने निर्णय का स्वागत करते हुए कहा:
> "यह फैसला छात्रों और अभिभावकों के हित में है। शिक्षा को व्यापार नहीं बनने दिया जाएगा। अब पारदर्शिता और जवाबदेही के साथ फीस तय होगी।"
??? अभिभावकों में खुशी, स्कूलों में असमंजस:
जहां अभिभावक संघों ने कोर्ट के निर्णय का स्वागत किया है, वहीं कई निजी स्कूल प्रबंधन समितियां अब इस आदेश की समीक्षा करने की बात कह रही हैं।
? पृष्ठभूमि में क्या हुआ था?
2022-23 सत्र में कई स्कूलों द्वारा 30% से 60% तक फीस बढ़ोतरी के बाद राज्यभर में विरोध शुरू हुआ था।
सरकार ने छत्तीसगढ़ निजी विद्यालय शुल्क विनियमन अधिनियम 2023 पारित कर फीस नियंत्रण के लिए एक समिति का गठन किया।
इसी के खिलाफ स्कूलों की याचिका दाखिल हुई थी, जिसे अब खारिज कर दिया गया।
? निष्कर्ष:
यह निर्णय छत्तीसगढ़ में निजी शिक्षा के क्षेत्र में पारदर्शिता, संतुलन और सामाजिक जवाबदेही की दिशा में एक निर्णायक कदम है। यह स्पष्ट संकेत है कि शिक्षा को सेवा के रूप में देखा जाएगा, न कि केवल लाभ कमाने के माध्यम के रूप में।