October 23, 2025
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धर्म संसार / शौर्यपथ / प्रभु यीशु के जन्म की ख़ुशी में मनाया जाने वाला क्रिसमस का त्योहार पूरी दुनिया में मनाया जाता है। यह त्योहार कई मायनों में बेहद खास है। क्रिसमस को बड़ा दिन, सेंट स्टीफेंस डे या फीस्ट ऑफ़ सेंट स्टीफेंस भी कहा जाता है। प्रभु यीशु ने दुनिया को प्यार और इंसानियत की शिक्षा दी। उन्होंने लोगों को प्रेम और भाईचारे के साथ रहने का संदेश दिया। प्रभु यीशु को ईश्वर का इकलौता प्यारा पुत्र माना जाता है। इस त्योहार से कई रोचक तथ्य जुड़े हैं। आइए जानते हैं इनके बारे में।
क्रिसमस ऐसा त्योहार है जिसे हर धर्म के लोग उत्साह से मनाते हैं। यह एकमात्र ऐसा त्योहार है जिस दिन लगभग पूरे विश्व में अवकाश रहता है। 25 दिसंबर को मनाया जाने वाला यह त्योहार आर्मीनियाई अपोस्टोलिक चर्च में 6 जनवरी को मनाया जाता है। कई देशों में क्रिसमस का अगला दिन 26 दिसंबर बॉक्सिंग डे के रूप मे मनाया जाता है। क्रिसमस पर सांता क्लॉज़ को लेकर मान्यता है कि चौथी शताब्दी में संत निकोलस जो तुर्की के मीरा नामक शहर के बिशप थे, वही सांता थे। वह गरीबों की हमेशा मदद करते थे उनको उपहार देते थे। क्रिसमस के तीन पारंपरिक रंग हैं हरा, लाल और सुनहरा। हरा रंग जीवन का प्रतीक है, जबकि लाल रंग ईसा मसीह के रक्त और सुनहरा रंग रोशनी का प्रतीक है। क्रिसमस की रात को जादुई रात कहा जाता है। माना जाता है कि इस रात सच्चे दिल वाले लोग जानवरों की बोली को समझ सकते हैं। क्रिसमस पर घर के आंगन में क्रिसमस ट्री लगाया जाता है। क्रिसमस ट्री को दक्षिण पूर्व दिशा में लगाना शुभ माना जाता है। फेंगशुई के मुताबिक ऐसा करने से घर में सुख समृद्धि आती है। पोलैंड में मकड़ी के जालों से क्रिसमस ट्री को सजाने की परंपरा है। मान्यता है कि मकड़ी ने सबसे पहले जीसस के लिए कंबल बुना था।

विजयादशमी पर्व पर दुर्ग में रावण दहन, बैगा पारा मिनी स्टेडियम के संधारण हेतु 7 लाख की घोषणा

  दुर्ग / शौर्यपथ /

   प्रदेश के स्कूल शिक्षा, ग्रामोद्योग, विधि एवं विधायी मंत्री श्री गजेन्द्र यादव विजयादशमी पर्व के अवसर पर नगर के बैगा पारा मिनी स्टेडियम और ऋषभ ग्रीन सिटी में आयोजित दशहरा उत्सव एवं रावण दहन कार्यक्रमों में शामिल हुए। उन्होंने भगवान श्रीराम की आरती एवं पूजा-अर्चना कर प्रदेशवासियों और नगरवासियों की सुख-शांति व समृद्धि की मंगलकामना की।
  मंत्री यादव ने विजयादशमी पर्व की शुभकामनाएँ देते हुए कहा कि यह पर्व बुराई पर अच्छाई की जीत का प्रतीक है और हमें सत्य, साहस और कर्तव्यनिष्ठा के मार्ग पर चलने की प्रेरणा देता है। उन्होंने कहा –
"मर्यादा पुरुषोत्तम भगवान श्रीराम का जीवन हम सबके लिए प्रेरणा का स्रोत है। उनके आदर्शों को आत्मसात करते हुए हमें समाज में भाईचारा, समरसता और मानवीय मूल्यों को सशक्त करना होगा। यही मार्ग हमें एक सशक्त और सभ्य समाज की ओर ले जाएगा।"
  उन्होंने आगे कहा कि रामराज्य की परिकल्पना केवल शासन तक सीमित नहीं है, बल्कि यह प्रत्येक नागरिक के जीवन में नैतिकता, न्याय और समानता को स्थापित करने का संदेश देता है। वर्तमान समय में श्रीराम के आदर्श और दशहरा पर्व की प्रासंगिकता और भी बढ़ गई है।

बैगा पारा मिनी स्टेडियम के संधारण की घोषणा
  दशहरा उत्सव के दौरान मंत्री  यादव ने बड़ी घोषणाएँ करते हुए कहा कि जय शीतला यंग क्लब को वे प्रतिवर्ष 1 लाख रुपये प्रदान करेंगे। साथ ही, बैगा पारा मिनी स्टेडियम के संधारण हेतु 7 लाख रुपये देने की घोषणा की।
  नगर निगम महापौर श्रीमती अलका बाघमार ने भी स्टेडियम के समतलीकरण का कार्य जल्द शुरू करने का भरोसा दिलाया।
  इस अवसर पर जय शीतला यंग क्लब के अध्यक्ष संजय यादव सहित समिति के सदस्यों ने मंत्री व महापौर का आभार व्यक्त किया। यह क्लब अपने 50वें वर्षगांठ रावण दहन समारोह का आयोजन कर रहा था।

भव्य रावण दहन और सुरक्षा व्यवस्था
  स्व. हेमचंद यादव के बाद यह पहला अवसर था जब किसी कैबिनेट मंत्री ने इस रावण दहन कार्यक्रम में मुख्य अतिथि की भूमिका निभाई।
जय श्रीराम और हर-हर महादेव के नारों से गूंजते इस कार्यक्रम में शहरवासियों की भारी भीड़ उमड़ी।
भव्य आयोजन को देखते हुए कोतवाली थाना प्रभारी तापेश्वर नेताम ने स्वयं पुलिस बल के साथ सुरक्षा मोर्चा संभाले रहे।

गरिमा के साथ सम्पन्न हुआ 50वाँ वर्ष
  बैगा पारा मिनी स्टेडियम में आयोजित यह दशहरा उत्सव और रावण दहन जय शीतला यंग क्लब की 50वीं वर्षगांठ का प्रतीक रहा, जो सामाजिक एकता और सांस्कृतिक गौरव का संदेश देता है। मंत्री गजेन्द्र यादव की घोषणाओं से स्टेडियम का रूपांतरण अब और भी तेज़ी से होगा, जिससे आगामी आयोजनों को नई दिशा मिलेगी।

भिलाई / शौर्यपथ / छत्तीसगढ़ के प्रमुख समाजसेवी और हैवी ट्रांसपोर्ट कंपनी (HTC) के संस्थापक स्वर्गीय सेठ बीरा सिंह की छठवीं पुण्यतिथि पर भिलाई में श्रद्धांजलि सभा का आयोजन हुआ। इस मौके पर राजनीतिक, सामाजिक और धार्मिक जगत की बड़ी हस्तियों के साथ-साथ ट्रांसपोर्टरों, पत्रकारों और गुरुद्वारा प्रबंधन समितियों के पदाधिकारी बड़ी संख्या में उपस्थित रहे।

कार्यक्रम का आयोजन सेठ बीरा सिंह अस्पताल, जीई रोड के प्रांगण में किया गया। श्रद्धांजलि सभा में उपस्थित हर वर्ग के लोगों ने स्व. बीरा सिंह के योगदान को याद कर उन्हें अपनी श्रद्धांजलि अर्पित की।

“पिता के दिखाए रास्ते पर चलूंगा” – इंद्रजीत सिंह

स्व. बीरा सिंह के सुपुत्र एवं भिलाई ट्रक ट्रेलर ट्रांसपोर्ट एसोसिएशन के अध्यक्ष इंद्रजीत सिंह ‘छोटू’ ने इस अवसर पर कहा कि वे अपने पिता की शिक्षाओं और समाज सेवा की परंपरा को आगे बढ़ाते रहेंगे। उन्होंने कहा कि HTC परिवार समाजहित में लगातार नई जिम्मेदारियों को निभाता रहेगा।

नि:शुल्क शव वाहन और बॉडी फ्रीजर की सौगात

HTC परिवार ने शहरवासियों के लिए बड़ी पहल करते हुए नि:शुल्क शव वाहन और दो शव फ्रीजर उपलब्ध कराए।

शव वाहन : पावर हाउस स्थित एसबीएस हॉस्पिटल परिसर में रहेगा।

शव फ्रीजर : एक कोहका गुरुद्वारा और दूसरा सुपेला गुरुद्वारा समिति को सौंपा गया।

जरूरतमंद नागरिक गुरुद्वारा प्रबंधन समितियों से संपर्क कर नि:शुल्क सुविधा प्राप्त कर सकेंगे। सुविधा के लिए एक हेल्पलाइन नंबर भी जारी किया गया है।

महिलाओं और दिव्यांगों के लिए सहयोग

पुण्यतिथि अवसर पर HTC परिवार ने महिलाओं को सिलाई मशीनें और विकलांगों को ट्राइसिकल वितरित किए। साथ ही, समाजसेवा और चिकित्सा क्षेत्र में योगदान देने वाले प्रमुखजनों एवं एसबीएस हॉस्पिटल के डॉक्टरों को शॉल और गुलदस्ता देकर सम्मानित किया गया।

समाज और राजनीति की बड़ी हस्तियों की मौजूदगी

श्रद्धांजलि सभा में नगर निगम सभापति केशव बंटी साहू, सरयूपारीय ब्राह्मण समाज अध्यक्ष प्रभुनाथ मिश्रा, ट्रांसपोर्टर गनी खान, छत्तीसगढ़ सिख पंचायत अध्यक्ष जसवीर सिंह चहल, यादव समाज अध्यक्ष जगन्नाथ यादव, भोजपुरी परिषद अध्यक्ष प्रभुनाथ बैठा, भाजपा नेता प्रवीण पांडे, स्व. बीरा सिंह की पत्नी श्रीमती कुलवंत कौर, सर्वसमाज कल्याण समिति महासचिव मलकित सिंह लल्लू, कोषाध्यक्ष अनिल चौधरी सहित कैप वन सुपेला, कोहका और सेक्टर-6 गुरुद्वारों की प्रबंधन समितियां उपस्थित रहीं।

इसके अलावा चैंबर ऑफ कॉमर्स महिला विंग की अध्यक्ष श्रीमती सुमन कनौजे, सचिव श्रीमती पाणिग्रही, कलार समाज, साहू समाज, सतनामी समाज सहित बड़ी संख्या में अन्य समाजों के प्रमुखजन भी कार्यक्रम में शामिल हुए।

By- नरेश देवांगन 

जगदलपुर, शौर्यपथ। विश्व प्रसिद्ध बस्तर दशहरा पर्व में सोमवार को रथ परिक्रमा की अंतिम और सबसे अनूठी रस्म 'बाहर रैनी' निभाई गई। इस दौरान राज परिवार के सदस्य ने सदियों पुरानी परंपरा का निर्वहन करते हुए माड़िया आदिवासी समुदाय के लोगों के साथ 'नवाखानी' (नए चावल की खीर) खाई। इस अवसर पर सांसद एवं बस्तर दशहरा समिति के अध्यक्ष महेश कश्यप, महापौैर संजय पांडे सहित जनप्रतिनिधिगण भी शामिल रहे। नवाखानी के बाद विशालकाय विजय रथ की वापसी हुई। यह रस्म बस्तर की अनूठी सामाजिक समरसता और आदिवासी संस्कृति की झलक पेश करती है।

 

​परंपरा: रथ चोरी और राजा का मान-मनौव्वल

​दरअसल, विजयादशमी की रात (भीतर रैनी) को माड़िया समुदाय के ग्रामीणों ने परंपरानुसार आठ पहियों वाले विशाल रथ को चुराकर नगर के समीप कुम्हड़ाकोट जंगल में छिपा दिया था। यह रस्म उस ऐतिहासिक घटना को याद करती है जब एक बार ग्रामीणों ने राजा से असंतुष्ट होकर रथ चुरा लिया था।

​शुक्रवार दोपहर राज परिवार के सदस्य, राजगुरू और मांझी-मुखिया पूरे लाव-लश्कर और गाजे-बाजे के साथ रथ को वापस लाने के लिए कुम्हड़ाकोट पहुँचे। यहाँ राजा द्वारा ग्रामीणों से रथ वापस करने के लिए मान-मनौव्वल किया गया।

 

नवाखानी से हुआ सद्भाव

​माड़िया समुदाय ने रथ लौटाने के लिए शर्त रखी कि राजा उनके साथ नवाखानी खाएँगे। राज परिवार ने सहर्ष इस शर्त को स्वीकार किया। नए चावल से बने इस प्रसाद को सभी ने एक साथ ग्रहण किया, जो राज और आदिवासी समुदाय के बीच गहरे पारंपरिक संबंध और सद्भाव का प्रतीक है।

​नवाखानी की रस्म पूरी होने के बाद माँ दंतेश्वरी का छत्र विधि-विधान के साथ रथ पर विराजित किया गया। माड़िया समुदाय के लोगों ने भारी उत्साह के बीच विजय रथ को जंगल से वापस खींचकर दंतेश्वरी मंदिर के सिंहद्वार तक पहुँचाया।

​बाहर रैनी रस्म के समापन के साथ ही बस्तर दशहरा की रथ परिक्रमा पूरी हो गई। 75 दिनों तक चलने वाला यह अनोखा पर्व अब आगामी रस्मों-काछन जात्रा और कुटुम्ब जात्रा- के साथ अपने अंतिम चरण की ओर बढ़ रहा है।

गुरु घासीदास बाबा के आदर्शों पर चलकर बनाएंगे विकसित छत्तीसगढ़ : मुख्यमंत्री साय
मुख्यमंत्री साय भंडारपुरी धाम में आयोजित गुरु दर्शन एवं संत समागम मेला में हुए शामिल : 162 करोड़ रुपए से अधिक की राशि के 16 विकास कार्यों का किया भूमिपूजन
मुख्यमंत्री ने की मेला स्थल पर डोम निर्माण एवं तेलासी-भंडारपुरी मार्ग में स्ट्रीट लाइट लगवाने की घोषणा

रायपुर / शौर्यपथ / मुख्यमंत्री विष्णु देव साय आज रायपुर जिले के आरंग तहसील अंतर्गत भंडारपुरी धाम में आयोजित गुरु दर्शन एवं संत समागम मेला में मुख्य अतिथि के रूप में शामिल हुए। इस अवसर पर उन्होंने 162 करोड़ रुपए से अधिक की लागत वाले 16 विकास कार्यों का भूमिपूजन किया, जिनमें नवीन सड़क निर्माण, चौड़ीकरण और मजबूतीकरण के कार्य शामिल हैं।
     मुख्यमंत्री साय ने मेला स्थल पर डोम निर्माण, तेलासी-भंडारपुरी मार्ग में स्ट्रीट लाइट लगवाने तथा कुटेसर प्राथमिक विद्यालय को माध्यमिक विद्यालय में उन्नयन किए जाने की घोषणा की। उन्होंने कहा कि यदि समाज से पाँच युवा पायलट बनना चाहें तो उनका पूरा खर्च सरकार वहन करेगी और उन्हें पायलट बनाया जाएगा।
    मुख्यमंत्री विष्णु देव साय ने सर्वप्रथम गुरु गद्दी का दर्शन कर प्रदेश की जनता की खुशहाली के लिए आशीर्वाद लिया। उन्होंने अपने संबोधन में कहा कि बाबा गुरु घासीदास के आदर्शों पर चलकर हमें विकसित छत्तीसगढ़ का निर्माण करना है। उनके आदर्शों में मानवता और समानता की सीख निहित है। गुरु बाबा ने समाज को एकजुट होने का संदेश दिया, जिसके परिणामस्वरूप सतनामी समाज आज प्रगति और सौहार्द की दिशा में अग्रसर है।
    मुख्यमंत्री ने कहा कि मेरा सौभाग्य है कि पिछले वर्ष भी मुझे मुख्यमंत्री के रूप में इस मेले में शामिल होने का अवसर मिला। लेकिन इस वर्ष और पिछले वर्ष में बड़ा अंतर आया है। पिछले वर्ष जब मैं यहां आया था तब आपके समाज के गुरु खुशवंत साहेब विधायक थे, अब वे मंत्री बने हैं। उन्हें अनुसूचित जाति और जनजाति के विकास तथा युवाओं को कौशल प्रशिक्षण देकर रोजगार से जोड़ने की बड़ी जिम्मेदारी मिली है। आपके समाज के गौरव से हमें अपार उम्मीदें हैं।
   मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रदेश के हर क्षेत्र का विकास तेजी से हो रहा है। देश के यशस्वी प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने छत्तीसगढ़ की तीन करोड़ जनता से जो भी वादे किए थे, उन्हें हम ‘मोदी की गारंटी’ के रूप में पूरा कर रहे हैं। अब तक नौ हजार से अधिक सरकारी भर्तियाँ पूरी हो चुकी हैं और हाल ही में शिक्षा विभाग में पाँच हजार पदों की भर्ती प्रक्रिया शुरू हुई है। उन्होंने कहा कि शासन के प्रत्येक कार्य में पारदर्शिता सुनिश्चित करने के उद्देश्य से सुशासन एवं अभिसरण विभाग का गठन किया गया है। ऐसा करने वाला छत्तीसगढ़ देश का पहला राज्य है। हमारी सरकार भ्रष्टाचार मुक्त शासन के लिए संकल्पित है। मुख्यमंत्री ने कहा कि भ्रष्टाचार करने वाला चाहे कितना भी बड़ा व्यक्ति क्यों न हो, उसे बख्शा नहीं जाएगा।

मुख्यमंत्री ने कहा कि डॉ. रमन सिंह के कार्यकाल में अनुसूचित जाति समाज के विकास हेतु प्राधिकरण का गठन किया गया था। वर्तमान सरकार ने उसके बजट को 50 करोड़ से बढ़ाकर 75 करोड़ कर दिया है।

धर्मगुरु गुरु बालदास साहेब ने कहा कि यह मेला सामाजिक सौहार्द और एकजुटता का प्रतीक है। उन्होंने समाज के गुरु खुशवंत साहेब को कैबिनेट मंत्री बनाने के लिए मुख्यमंत्री विष्णु देव साय का आभार व्यक्त किया और कहा कि सतनामी समाज ही नहीं बल्कि पूरा प्रदेश आज विकास की राह पर अग्रसर है।  विधानसभा अध्यक्ष डॉ. रमन सिंह ने कहा कि कुतुब मीनार से भी ऊँचा जैतखाम छत्तीसगढ़ के गिरौदपुरी में है। यह किसी व्यक्ति की उपलब्धि नहीं बल्कि गुरु बाबा घासीदास की प्रेरणा का परिणाम है। उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री विष्णु देव साय ने गरीबों के उत्थान और प्रदेश को आगे बढ़ाने का जो संकल्प लिया है, वह साकार हो रहा है। किसानों, महिलाओं, युवाओं और मजदूरों के हित में योजनाएँ बन रही हैं।

उपमुख्यमंत्री अरुण साव ने कहा कि आज 162 करोड़ रुपए से अधिक की लागत वाले 16 विकास कार्यों का भूमिपूजन हुआ है, जो आरंग विधानसभा के विकास की दिशा में ऐतिहासिक कदम है। उन्होंने कहा कि छत्तीसगढ़ महतारी की गोद में अनेक संत-महात्मा और तपस्वी जन्मे हैं। मुख्यमंत्री विष्णु देव साय के नेतृत्व में ‘हमने बनाया है, हम ही संवारेंगे’ का संकल्प लेकर सरकार आगे बढ़ रही है। प्रदेश की सड़कों के विकास के लिए 700 से अधिक टेंडर जारी किए गए हैं और बरसात के बाद प्रदेश की सड़कें नए स्वरूप में नजर आएँगी।

मंत्री गुरु खुशवंत साहेब ने कहा कि यह मेला गुरु घासीदास बाबा के पुत्र गुरु बालकदास साहेब के गद्दीनशीन होने की स्मृति में प्रतिवर्ष आयोजित होता है। यह सतनाम धर्म के आदर्शों का प्रतीक है। आज ही के दिन गुरु बालकदास जी ने राजगद्दी स्वीकार कर भंडारपुरी की पावन भूमि को अपनी कर्मभूमि बनाया था।

इस अवसर पर राजागुरु, धर्मगुरु गुरु बालदास साहेब, बाबा गुरु ढालदास साहेब, गुरु मकसूदन साहेब, गुरु सोमेश बाबा, गुरु सौरभ साहेब, सांसद कमलेश जांगड़े, सीएसआईडीसी के अध्यक्ष राजीव अग्रवाल, अपेक्स बैंक के अध्यक्ष केदार गुप्ता, जिला पंचायत रायपुर के अध्यक्ष नवीन अग्रवाल, विधायक डोमन लाल कोर्सेवाड़ा, पूर्व विधानसभा अध्यक्ष गौरीशंकर अग्रवाल, मोना सेन, अमित चिमनानी, श्याम नारंग, नवीन मार्कण्डेय सहित समाज के संतजन एवं बड़ी संख्या में गणमान्य नागरिक उपस्थित थे।

छत्तीसगढ़ में महिला स्वास्थ्य को मिला नया आयाम, बढ़ी ग्रामीण अंचलों में जागरूकता
स्वस्थ नारी सशक्त परिवार अभियान: 31 हज़ार शिविरों में 22 लाख लोगों की स्वास्थ्य जांच
नवरात्रि में जुड़ा स्वास्थ्य का संकल्प – महिलाओं ने लिया जागरूकता का व्रत
36 हज़ार से अधिक हितग्राहियों को आयुष्मान वय वंदना व पीएम-जय कार्ड का वितरण

रायपुर / शौर्यपथ /  केंद्रीय स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्रालय की महत्वाकांक्षी पहल “स्वस्थ नारी, सशक्त परिवार अभियान” ने छत्तीसगढ़ में कई नए कीर्तिमान स्थापित किए हैं। बीते पखवाड़े भर में प्रदेशभर में 31 हजार से अधिक स्वास्थ्य शिविर आयोजित किए गए, जिनमें लगभग 22 लाख लोगों ने जांच और उपचार की सेवाएं प्राप्त कीं। विशेष बात यह रही कि इन शिविरों में महिलाओं की भागीदारी सबसे अधिक रही। यह इस तथ्य को प्रमाणित करता है कि अब ग्रामीण अंचलों में भी महिलाएं अपने स्वास्थ्य को लेकर जागरूक हो रही हैं। यह सहभागिता अभियान के उस मूल विचार को सशक्त करती है, जिसके अनुसार जब महिला स्वस्थ होती है, तभी पूरा परिवार और समाज सशक्त बनता है।
  इन शिविरों में महिला स्वास्थ्य, पोषण और अनीमिया जांच को विशेष प्राथमिकता दी गई। इस दौरान पाँच लाख से अधिक लोगों की अनीमिया जांच की गई। यह न केवल जांच की व्यापकता को दर्शाता है, बल्कि यह भी स्पष्ट करता है कि राज्य सरकार महिलाओं में खून की कमी जैसी पुरानी समस्या के समाधान हेतु ठोस कदम उठा रही है। शिविरों में गर्भवती महिलाओं की एएनसी जांच, बच्चों का टीकाकरण, उच्च रक्तचाप, मधुमेह, टीबी, कैंसर और सिकल सेल जैसी बीमारियों की स्क्रीनिंग को भी शामिल किया गया। परिणामस्वरूप 1.91 लाख गर्भवती महिलाओं की जांच की गई, 2.72 लाख लोगों की सिकल सेल स्क्रीनिंग हुई, 3.72 लाख लोगों की टीबी जांच की गई और 67 हजार से अधिक बच्चों को टीके लगाए गए।
   अभियान अंतर्गत महिला स्वास्थ्यकर्मियों और विशेषज्ञों ने बड़ी संख्या में महिलाओं को संतुलित आहार, आयरन-फोलिक एसिड की महत्ता, स्वच्छता और जीवनशैली में सुधार जैसे विषयों पर परामर्श दिया। यह पहल उपचार से आगे बढ़कर समय रहते रोगों की पहचान और रोकथाम की दिशा में भी कारगर सिद्ध हो रही है। लगभग 13 लाख लोगों को विभिन्न स्वास्थ्य विषयों पर जागरूक किया गया, जिससे यह स्पष्ट है कि यह अभियान केवल बीमारियों का उपचार नहीं, बल्कि समाज में स्वास्थ्य के प्रति सोच बदलने का प्रयास भी है।
  अभियान की व्यापकता का अनुमान इस तथ्य से भी लगाया जा सकता है कि इसे नवरात्रि महोत्सव से जोड़कर महिला स्वास्थ्य और परिवार सशक्तिकरण की अभिनव पहल की गई। राज्य के विभिन्न जिलों में नवरात्रि के दौरान माता पंडालों और गरबा स्थलों पर हजारों महिलाओं ने ‘स्वस्थ नारी–सुरक्षित परिवार’ का संकल्प लिया। इस अवसर पर स्वास्थ्य विभाग की टीमों ने महिलाओं को स्वच्छता, संतुलित आहार, नियमित स्वास्थ्य जांच और मासिक धर्म स्वच्छता के महत्व से अवगत कराया।
  राज्य सरकार ने वरिष्ठ नागरिकों को भी इस अभियान से जोड़ा है। इस दौरान 36,186 हितग्राहियों को आयुष्मान वय वंदना कार्ड एवं प्रधानमंत्री जन आरोग्य योजना के कार्ड वितरित किए गए, जिससे अब उन्हें उच्चस्तरीय स्वास्थ्य सेवाओं तक निःशुल्क पहुंच मिल सकेगी। छत्तीसगढ़ का यह अभियान केवल स्वास्थ्य सुविधा का विस्तार नहीं, बल्कि सामाजिक सशक्तिकरण का एक मॉडल बनकर उभर रहा है। गांव-गांव और दूरस्थ अंचलों तक पहुँचते हुए यह पहल दर्शाती है कि जब नीतियां ज़मीन पर उतरती हैं, तो बदलाव केवल आंकड़ों में नहीं, बल्कि जीवन के हर स्तर पर दिखाई देता है।

टीबी उन्मूलन की दिशा में केंद्र और राज्य की साझा प्रतिबद्धता
  भारत सरकार ने वर्ष 2025 तक टीबी मुक्त भारत का लक्ष्य निर्धारित किया है और इसी दिशा में लगातार निर्णायक कदम उठाए जा रहे हैं। इस लक्ष्य की प्राप्ति में छत्तीसगढ़ जैसे राज्य भी पूरी प्रतिबद्धता के साथ योगदान दे रहे हैं।‘स्वस्थ नारी, सशक्त परिवार’ अभियान के दौरान ही 3,72,985 लोगों की टीबी स्क्रीनिंग की गई, जिनमें लक्षण पाए जाने पर तुरंत इलाज की प्रक्रिया शुरू की गई। टीबी रोगियों के पोषण और सहयोग के लिए 7,000 से अधिक ‘निक्षय मित्रों’ को पंजीकृत किया गया है, जो उन्हें पोषण आहार और मानसिक संबल प्रदान कर रहे हैं।
  "स्वस्थ नारी ही सशक्त परिवार और समाज की नींव है और इसी सोच के साथ छत्तीसगढ़ में स्वस्थ नारी, सशक्त परिवार अभियान ने व्यापक सफलता हासिल की है। बीते पखवाड़े में आयोजित हजारों शिविरों में लाखों लोगों ने जांच व उपचार कराए, जिनमें महिलाओं की सक्रिय भागीदारी ने यह साबित किया कि अब ग्रामीण अंचलों में भी स्वास्थ्य के प्रति जागरूकता तेजी से बढ़ रही है। इस अभियान में महिला स्वास्थ्य, पोषण, टीकाकरण और गंभीर बीमारियों की जांच के साथ-साथ परामर्श और जागरूकता पर भी जोर दिया गया है, जिससे यह पहल सिर्फ इलाज तक सीमित न रहकर सामाजिक सशक्तिकरण का मॉडल बन गई है। प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी के टीबी मुक्त भारत 2025 संकल्प की दिशा में छत्तीसगढ़ का यह योगदान महत्वपूर्ण भूमिका निभाएगा।"
-मुख्यमंत्री श्री विष्णुदेव साय
  "स्वस्थ नारी, सशक्त परिवार अभियान ने गांव-गांव और दूरस्थ अंचलों तक स्वास्थ्य सेवाएँ पहुँचाकर नया कीर्तिमान स्थापित किया है। लाखों महिलाओं को अनीमिया, सिकल सेल और टीबी जैसी बीमारियों की जांच एवं परामर्श की सुविधा मिली है।  राज्य सरकार की प्रतिबद्धता है कि हर परिवार तक गुणवत्तापूर्ण स्वास्थ्य सेवाएँ पहुँचे और यह अभियान इस दिशा में एक मजबूत कदम साबित हुआ है।"

मुख्यमंत्री साय करमा परब पर्व 2025 में हुए शामिल

   रायपुर / शौर्यपथ / मुख्यमंत्री श्री विष्णु देव साय आज शाम राजधानी स्थित अखिल भारतीय वनवासी आश्रम परिसर में उरांव (सरना) आदिवासी विकास संघ रायपुर द्वारा आयोजित करमा पूजा परब 2025 महोत्सव में शामिल हुए।
 मुख्यमंत्री श्री साय ने भगवान करमा राजा की विधिवत पूजा-अर्चना कर प्रदेशवासियों के सुख, समृद्धि एवं खुशहाली की कामना की। इसके साथ ही उन्होंने भारत माता के तैलचित्र पर दीप प्रज्ज्वलित कर कार्यक्रम का शुभारंभ किया।
  कार्यक्रम को संबोधित करते हुए मुख्यमंत्री श्री साय ने कहा कि करमा परब हमारी संस्कृति और हमारे पूर्वजों की अमूल्य धरोहर है। इस संस्कृति और परंपरा को जीवंत बनाए रखना न केवल हमारी जिम्मेदारी है, बल्कि यह हमारा नैतिक कर्तव्य भी है। करमा परब हमारे प्रकृति-प्रेम और पर्यावरणीय चेतना का प्रतीक है। इस दौरान उन्होंने सभी को करमा परब की हार्दिक बधाई और शुभकामनाएँ दीं।
  इस अवसर पर कैबिनेट मंत्री श्री रामविचार नेताम, अखिल भारतीय वनवासी कल्याण आश्रम के पदाधिकारी तथा उरांव (सरना) आदिवासी विकास संघ से जुड़े परिवार और सदस्यगण बड़ी संख्या में उपस्थित थे।

दुर्ग / शौर्यपथ / प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के जन्मदिन से गांधी जयंती तक चल रहे सेवा पखवाड़ा के अंतर्गत भाजपा अल्पसंख्यक मोर्चा द्वारा दुर्ग जिला भाजपा कार्यालय में सम्मान समारोह आयोजित किया गया। इसमें अल्पसंख्यक समाज से जुड़े वरिष्ठजन, सामाजिक कार्यकर्ताओं और प्रमुख व्यक्तियों को सम्मानित किया गया।

कार्यक्रम की अध्यक्षता भाजपा अल्पसंख्यक मोर्चा जिला अध्यक्ष साजन जोसेफ ने की। मुख्य अतिथि के रूप में भाजपा जिलाध्यक्ष सुरेंद्र कौशिक, महापौर अलका बाघमार, मोर्चा प्रभारी अबरार सिद्दीकी, महामंत्री दिलीप साहू, विनोद अरोरा, सभापति श्याम शर्मा, उपाध्यक्ष शिवेंद्र परिहार, मंत्री गायत्री वर्मा, कार्यालय मंत्री आसिफ अली, प्रदेश कार्यसमिति सदस्य अमजद अली तथा अन्य पदाधिकारी मौजूद रहे।

भाजपा का मूल मंत्र सेवा और राष्ट्रवाद – कौशिक

अपने संबोधन में जिलाध्यक्ष सुरेंद्र कौशिक ने कहा कि भाजपा सदैव सबका साथ, सबका विकास, सबका विश्वास के मूल मंत्र पर कार्य करती है। प्रधानमंत्री मोदी और मुख्यमंत्री विष्णु देव साय के नेतृत्व में केंद्र व राज्य सरकार की योजनाओं का लाभ बिना किसी भेदभाव के सभी वर्गों को मिल रहा है। उन्होंने कहा कि “सरकारें आती-जाती रहती हैं, लेकिन भाजपा का ध्येय केवल सेवा और राष्ट्रवाद है।”

हर वर्ग का ख्याल रखती है भाजपा सरकार – सिद्दीकी

जिला प्रभारी अबरार सिद्दीकी ने कहा कि विपक्ष अल्पसंख्यकों को भड़काने का कार्य करता है, जबकि भाजपा बिना किसी भेदभाव के हर वर्ग का ध्यान रखती है। उन्होंने पंडित दीनदयाल उपाध्याय और डॉ. श्यामा प्रसाद मुखर्जी की विचारधारा को भाजपा की कार्यशैली की नींव बताया।

“सर्वे भवंतु सुखिनः” की भावना से कार्य – महापौर

महापौर अलका बाघमार ने कहा कि भाजपा सरकार सर्वे भवंतु सुखिनः की भावना से कार्य करती है। उन्होंने बताया कि सेवा पखवाड़ा के अंतर्गत ब्लड डोनेशन कैंप में अल्पसंख्यक समाज की भागीदारी सबसे अधिक रही।

सम्मानित हुए समाजसेवी और वरिष्ठजन

इस अवसर पर समाजसेवा व मानव कल्याण में योगदान देने वाले जयचंद डोंगरे, ओबेद दास, डॉ. जोसमोन, डॉ. सी.एन. विनोद, रूपेश डेनियल, अमित कुमार, पाल सोमनाथ, सुशील बाग, राहुल मसीह, ऐजे मैथ्यू, स्व. मोहम्मद इस्माइल फिरोजी, मीर कासिम, अरमान आलम, असलम कुरैशी सहित कई प्रमुख जनों को सम्मानित किया गया।

बड़ी संख्या में रहे अल्पसंख्यक समाज के लोग उपस्थित

कार्यक्रम में भाजपा नेता श्याम शर्मा, राजीव पांडेय, गायत्री वर्मा, अमजद अली, शशि द्वारका साहू, खालिद रिजवी, फिरोज सिद्दीकी, महेश जैन, डॉ. मनोज जैन सहित अनेक कार्यकर्ता शामिल हुए। कार्यक्रम का संचालन भाजपा मीडिया प्रभारी राजा महोबिया और सोशल मीडिया संयोजक रजनीश श्रीवास्तव ने किया। इस अवसर पर अल्पसंख्यक समाज के लोग बड़ी संख्या में उपस्थित होकर भाजपा के प्रति समर्थन और आभार व्यक्त किया।

रायपुर / शौर्यपथ / केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह आज छत्तीसगढ़ के दो दिवसीय प्रवास पर राजधानी रायपुर पहुंचे। मुख्यमंत्री विष्णु देव साय ने स्वामी विवेकानंद विमानतल पर पुष्पगुच्छ भेंट कर उनका आत्मीय स्वागत किया।
  विमानतल पर केंद्रीय राज्य मंत्री तोखन साहू, विधानसभा अध्यक्ष डॉ रमन सिंह, उप मुख्यमंत्री विजय शर्मा, उप मुख्यमंत्री अरुण साव, वित्त मंत्री ओपी चौधरी, कृषि मंत्री राम विचार नेताम ,पर्यटन मंत्री  राजेश अग्रवाल, महापौर मीनल चौबे, सांसद श्रीमती रूपकुमारी चौधरी, मुख्य सचिव विकास शील, अपर मुख्य सचिव मनोज पिंगुआ, पुलिस महानिदेशक अरुण देव गौतम, आईजी अमरेश मिश्रा, संभागायुक्त महादेव कावरे, कलेक्टर डॉ गौरव सिंह ने भी केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह का स्वागत किया।
 उल्लेखनीय है कि केंद्रीय गृह मंत्री शाह 4 अक्टूबर को मुख्यमंत्री विष्णु देव साय के साथ जगदलपुर प्रवास पर रहेंगे, जहां वे विभिन्न कार्यक्रमों में शामिल होंगे।

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के लखपति दीदी बनाने के संकल्प से महिलाएं बनी आत्मनिर्भर : मुख्यमंत्री


रायपुर / शौर्यपथ / महिलाएं आज जीवन के हर क्षेत्र में सफलता के नए आयाम गढ़ रही हैं। तकनीक ने पूरी दुनिया के उत्पादों को फिंगरटिप्स पर ला दिया है और अब डिजिटल माध्यम से वैश्विक बाजार तक पहुँचना संभव हो गया है। इसी उद्देश्य से बिहान की दीदियों को डिजिटल प्रशिक्षण दिया जा रहा है ताकि छत्तीसगढ़ के उत्पाद देश और दुनिया के बाजारों तक पहुँच सकें। मुख्यमंत्री श्री विष्णु देव साय ने आज राजधानी रायपुर के शहीद स्मारक भवन में पंचायत एवं ग्रामीण विकास विभाग तथा पॉलिसी वॉच द्वारा आयोजित बिहान दीदियों के प्रशिक्षण कार्यक्रम को संबोधित करते हुए यह बात कही।
  मुख्यमंत्री साय ने कहा कि नवरात्रि का पर्व हमारी संस्कृति में नारी शक्ति के सम्मान और पूजन का प्रतीक है। जहां नारी का सम्मान होता है, वहीं देवताओं का वास माना जाता है। उन्होंने कहा कि प्रदेश की महिलाएं इतिहास रच रही हैं। बिहान की बहनों की कामयाबी हमें गर्व से भर देती है। छत्तीसगढ़ की दीदियां अब आत्मनिर्भरता की ब्रांड एम्बेसडर  बन रही हैं। लखपति दीदियां सपनों को नए पंख दे रही हैं और आज उन्हें डिजिटली सक्षम बनाकर उनके उत्पादों को वैश्विक बाजार से जोड़ने का कार्य किया जा रहा है।
 मुख्यमंत्री श्री साय ने कहा कि यदि हम संकल्प लेकर आगे बढ़ें तो सफलता निश्चित है। केंद्र और राज्य सरकार मिलकर महिलाओं को आत्मनिर्भर बनाने के लिए निरंतर कार्य कर रही हैं। वर्ष 2027 तक देशभर में 3 करोड़ और छत्तीसगढ़ में 8 लाख महिलाओं को आत्मनिर्भर बनाने का लक्ष्य निर्धारित किया गया है। उन्होंने बताया कि जशपुर जैसे जिलों में महुआ आधारित उत्पाद तैयार हो रहे हैं, जिन्हें ‘जशप्योर’ ब्रांड के रूप में राष्ट्रीय पहचान मिली है। कोरोना काल में महुआ से सैनिटाइज़र बनाकर महिलाओं ने अपनी क्षमता और नवाचार का परिचय दिया था।
 मुख्यमंत्री श्री साय ने आगे कहा कि महतारी वंदन योजना से महिलाओं को आर्थिक रूप से सशक्त बनाने में मदद मिली है। आत्मनिर्भरता का मार्ग संकल्प और प्रयास से ही संभव है। महिला स्व-सहायता समूहों के नवाचार और परिश्रम से प्रदेश की अर्थव्यवस्था को नई दिशा मिल रही है। उन्होंने भरोसा दिलाया कि सरकार महिलाओं को और अधिक सशक्त बनाने के लिए हरसंभव सहयोग करेगी।

महिलाओं ने साझा किया लखपति बनने का शानदार सफर
  इस अवसर पर मुख्यमंत्री ने लखपति दीदी बनने की प्रेरक कहानियाँ सुनीं। बलरामपुर जिले के तारकेश्वरपुर की श्रीमती पूनम गुप्ता ने बताया कि सरस्वती महिला स्व-सहायता समूह से जुड़ने के बाद उनके जीवन में बड़ा बदलाव आया। प्रशासन के सहयोग से किराना दुकान खोली, आटा चक्की स्थापित की और अब पिकअप व ट्रैक्टर खरीदकर व्यवसाय को विस्तार दिया है।
  गरियाबंद की श्रीमती हेमिन साहू ने बताया कि एक समय सब्जी खरीदने तक में कठिनाई होती थी। बिहान से लोन लेकर आचार-पापड़ का व्यवसाय शुरू किया, जो अब राजिम में दुकान तक पहुँच चुका है। आज उन्हें प्रतिदिन लगभग 4 हजार रुपए की आय हो रही है। हाल ही दिल्ली के सरस मेले में उन्होंने 2 लाख 31 हजार रुपए की बिक्री की।
  श्रीमती गीता वैष्णव ने भावुक होकर कहा कि पहले उन्हें 10 रुपए के लिए हाथ फैलाना पड़ता था। लेकिन बिहान के माध्यम से मां वैभवलक्ष्मी स्व-सहायता समूह से जुड़कर उन्होंने आचार-पापड़ व्यवसाय शुरू किया। अब वे अपनी कमाई से बेटे को सॉफ्टवेयर इंजीनियर बनाने का सपना पूरा कर रही हैं।
  रायपुर की श्रीमती गीता वर्मा ने बताया कि वैभव स्व-सहायता समूह से जुड़कर हल्दी-मसाले का व्यवसाय शुरू किया और आज हर महीने 15 से 20 हजार रुपए की आय अर्जित कर रही हैं। उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री जी के लखपति दीदी बनाने के संकल्प ने उनकी और लाखों बहनों की जिंदगी बदल दी है।

मुख्यमंत्री ने बिहान दीदियों के स्टॉलों का किया निरीक्षण
  मुख्यमंत्री श्री विष्णु देव साय ने शहीद स्मारक भवन परिसर में पॉलिसी वॉच इंडिया फाउंडेशन द्वारा लगाए गए बिहान दीदियों के स्टॉलों का अवलोकन किया। उन्होंने विभिन्न स्व-सहायता समूहों की महिलाओं से चर्चा कर उनके उत्पादों और आजीविका गतिविधियों की जानकारी ली।
  इस दौरान उन्होंने भारत माता संकुल, डोंगरगांव की महिलाओं से साहीवाल और गिर गाय के A2 मिल्क से निर्मित घी की खरीदारी की। समूह की श्रीमती दिनेश्वरी साहू ने बताया कि उनके पास 25 से 30 गाएं हैं, जिनसे डेयरी उत्पाद तैयार कर महिलाएं अच्छी आय कमा रही हैं।
  जालाग्राम संगठन, सेरीखेड़ी की श्रीमती खिलेश्वरी मधुकर ने बताया कि उनके समूह की महिलाएं फिनायल, धूपबत्ती, मोमबत्ती, कुकीज़ और ग्लिसरीन सोप बनाकर आत्मनिर्भर बन रही हैं।
  वहीं जय माँ भवानी स्व-सहायता समूह, मुंदगांव (डोंगरगढ़) की श्रीमती लक्ष्मी गंधर्व ने मुख्यमंत्री को अगरवुड का पौधा भेंट किया और बताया कि अगरवुड से बनने वाले तेल की कीमत लाखों रुपए होती है। इसका उपयोग अगरबत्ती, परफ्यूम और एसेंशियल ऑयल निर्माण में किया जाता है।

राष्ट्रीय पहचान की ओर बिहान की दीदियां
  उल्लेखनीय है कि पंचायत एवं ग्रामीण विकास विभाग और पॉलिसी वॉच के संयुक्त तत्वाधान में बिहान की दीदियों के लिए विशेष कार्यशाला आयोजित की गई है। इसके अंतर्गत स्व-सहायता समूह की महिलाएं अपने उत्पादों को राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय प्लेटफ़ॉर्म पर बेच सकेंगी। उन्हें प्रोडक्ट की ब्रांडिंग, कास्टिंग और पैकेजिंग जैसी बारीकियों का प्रशिक्षण भी दिया जाएगा।
  कार्यक्रम में पंचायत एवं ग्रामीण विकास विभाग की प्रमुख सचिव श्रीमती निहारिका बारीक सिंह तथा फ्लिपकार्ट के मुख्य  कॉरपोरेट अधिकारी श्री रजनीश कुमार सहित अन्य गणमान्य नागरिक उपस्थित थे।

रायपुर शहर के रावणभांठा एवं शंकरनगर दशहरा उत्सव में शामिल हुए मुख्यमंत्री विष्णु देव साय
भव्य आतिशबाजी देखने को उमड़ी भारी भीड़
  रायपुर / शौर्यपथ / मुख्यमंत्री विष्णु देव साय आज रायपुर शहर के रावणभांठा एवं शंकरनगर दशहरा उत्सव में शामिल हुए। श्री साय ने कहा विजयादशमी पर्व अधर्म पर धर्म की जीत का प्रतीक है। सत्य परेशान हो सकता है पर पराजित नहीं हो सकता है। सत्य की अंततः जीत होती है।
  मुख्यमंत्री साय ने कहा छत्तीसगढ़ के लिए विजयादशमी का अवसर बहुत ही खास है। प्रभु श्रीराम का छत्तीसगढ़ से बहुत गहरा नाता है। छत्तीसगढ़ माता कौशल्या का मायका और प्रभु राम का ननिहाल है। इस लिए हम प्रभु राम को भांचा राम कहते है। इसी के कारण छत्तीसगढ़ में भांजे का पैर छूकर प्रणाम करने की परंपरा है। वनवास के दौरान श्रीराम, माता सीता और लक्ष्मण जी ने यहां लंबा समय बिताया। छत्तीसगढ़ में अलग अलग स्थानों में इसके प्रमाण मिलते है। वनवास काल में प्रभु श्रीराम के सामने अनेक कठिनाइयां थीं। रावण से युद्ध के समय श्रीराम वनवासी थे जबकि रावण के पास अस्त्र-शस्त्र के साथ ही विशाल असुरों की सेना थी। प्रभु श्रीराम ने वानर सेना के साथ मिलकर रावण को परास्त कर यह सिद्ध किया कि अधर्म और अहंकार का नाश निश्चित है। मुख्यमंत्री ने लोगों से अपने अंदर रावण रूपी काम, क्रोध,अहंकार,लोभ,मोह एवं माया रूपी बुराइयों को समाप्त करने का आव्हान किया और प्रदेशवासियों को विजयादशमी पर्व की शुभकामनाएं दी।
  इस अवसर पर कार्यक्रम को सम्बोधित करते हुए सांसद बृजमोहन अग्रवाल ने कहा यहां दहशरा मनाने की परंपरा लगभग 150 साल पुराना इतिहास है। प्रभु बालाजी महाराज का विशेष आशीर्वाद इस प्रांगण को मिलता है। आज विजयादशमी का पर्व असत्य पर सत्य की,अधर्म पर धर्म की जीत का का प्रतीक है। विधायक सुनील सोनी, महापौर श्रीमती मीनल चौबे ने भी कार्यक्रम को संबोधित किया।
  इस अवसर पर छत्तीसगढ़ राज्य नागरिक आपूर्ति निगम के अध्यक्ष संजय श्रीवास्तव, सीएसआईडीसी अध्यक्ष राजीव अग्रवाल, पूर्व विधायक श्रीचंद सुंदरानी सहित बड़ी संख्या में स्थानीय जनप्रतिनिधि गण  दूधाधारी मठ से जुड़े पदाधिकारी,खम्हारडीह सार्वजिक दशहरा एवं सांस्कृतिक समिति के सदस्य एवं नागरिक गण उपस्थित थे।

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