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अयोध्या /शौर्यपथ/
उत्तर प्रदेश में विधानसभा चुनाव का आज छठे चरण का मतदान हो रहा है. इस बीच अयोध्या से डीएम आवास के बोर्ड के रंग परिवर्तन को लेकर सियासत गरमाई हुई है. बता दें कि डीएम आवास के बोर्ड को भगवा से हरा रंग में पेंट कर दिया गया है. लोग बोर्ड के रंग बदलने से मतलब सरकार बदलने का लगा रहे हैं. हालांकि, अयोध्या प्रशासन इस पूरे प्रकरण पर कुछ नहीं बोल रहा है. दरअसल, यूपी में जब सीएम योगी आदित्यनाथ की सरकार बनी थी, तब बोर्ड को भगवा रंग से पेंट कर दिया गया था. लेकिन इस पर हंगामा होने के बाद अब फिर बोर्ड को एक तरफ़ से भगवा और दूसरी तरफ़ हरे रंग से पेंट कर दिया गया है.
बता दें यह घटना तब हुई है, जब यूपी में विधानसभा चुनाव के लिए वोटिंग हो रही है. इसको लेकर विपक्षी दल अलग-अलग तरीके के सियासे मायने लगा रहे हैं. यूपी में पांच चरणों का मतदान हो चुका है. छठे चरण के लिए आज वोटिंग हो रही है. छठे चरण में जिन दस जिलों में मतदान हो रहा है, उनमें गोरखपुर, अंबेडकरनगर, बलिया, बलरामपुर, बस्ती, देवरिया, कुशीनगर, महराजगंज, संत कबीर नगर और सिद्धार्थनगर शामिल हैं. इसके बाद एक और चरण का मतदान होना बाकि है. मतगणना 10 मार्च को होगी.
रायपुर /शौर्यपथ/
नगरीय प्रशासन एवं विकास तथा श्रम मंत्री डॉ. शिवकुमार डहरिया ने बिलासपुर में श्रमिकों के लिए एक सौ बिस्तर अस्पताल निर्माण के लिए आवश्यक कार्यवाही जल्द शुरू करने के निर्देश दिए हैं। उन्होंने आज राज्य मंत्रालय महानदी भवन में राज्य कर्मचारी बीमा निगम की क्षेत्रीय परिषद् की बैठक में कहा कि श्रमिकों को बेहतर सुविधाएं मिले इसके लिए कार्य योजना बनायी जाए। कर्मचारी राज्य बीमा योजना के तहत अधिक से अधिक श्रमिकों का पंजीयन किया जाए।
नगरीय प्रशासन एवं श्रम मंत्री डॉ. डहरिया ने कहा कि श्रमिकों के हित में राज्य के अन्य जिलों में भी चिकित्सा सेवाएं का विस्तार किया जाए, जिससे सभी जिलों में जरूरतमंद श्रमिकों को इलाज की सुविधा मिले। उन्होंने कहा कि कर्मचारी राज्य बीमा निगम एवं कर्मचारी राज्य बीमा सेवाओं के अधिकारी समन्वित प्रयास कर एक कार्ययोजना बनाकर कार्य करें। उनहोंने कहा कि उन सभी जिलों में जहां अधिनियम के प्रावधान लागू है तथा जहां कोई चिकित्सा सुविधा नही है उन सभी जिलों में टाई अप अस्पताल की व्यवस्था की जाए।
बैठक में अधिकारियों ने बताया कि राज्य के 10 जिलों में 42 औषद्यालय संचालित हैं। राज्य के 54 निजी अस्पतालों को अनुबंधित कर कर्मचारी राज्य बीमा निगम के तहत बीमित हितग्राहियों को रोगी चिकित्सा सुविधाएं उपलब्ध करायी जा रही है। वर्तमान में रायपुर, दुर्ग, बिलासपुर एवं रायगढ़ में सेकेण्डरी केयर हेतु टाई अप अस्पताल की व्यवस्था है। बैठक में कर्मचारी राज्य बीमा अस्पतालों के निर्माण के संबंध में विस्तार से चर्चा की गई।
बैठक में इसी तरह से चांपा, बेमेतरा, अम्बिकापुर, पलारी (बलौदाबाजार) में कर्मचारी राज्य बीमा निगम के नए कार्यालयों, सह शाखा कार्यालय एवं औषधालय खोलने के संबंध में चर्चा के साथ ही उद्योग एवं मजदूर संघ के सदस्यों ने श्रमिक हितों एवं सुविधाओं के संबंध में आवश्यक सुझाव दिए। बैठक में श्रम विभाग के सचिव अमृत खलको, कर्मचारी राज्य बीमा निगम के निदेशक सहित अन्य अधिकारी, उद्योग एवं मजदूर संघ के पदाधिकारी ऑनलाइन शामिल हुए।
रायपुर /शौर्यपथ/
मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने वरिष्ठ पत्रकार और फिल्म समीक्षक जय प्रकाश चौकसे के निधन पर गहरा दुःख प्रकट किया है। उन्होंने ईश्वर से चौकसे के शोकाकुल परिजनों और उनके पाठकों को संबल प्रदान करने की प्रार्थना की है।
दंतेवाड़ा /शौर्यपथ /
में दंतेवाड़ा जिले के किरंदुल में दो साल से एक शख्स का शव गांव में संभाल कर रखा गया है, इस इंतजार में कि उसे इंसाफ मिलेगा. इस इंतजार में कि मृतक के सिर से नक्सली होने का दाग हटेगा. परिजनों का मानना है कि सुरक्षाबलों ने उसे नक्सली बताकर मार डाला. सुरक्षा बलों का दावा था कि मृतक इनामी नक्सली था और बम बनाने का एक्सपर्ट था.
19 मार्च 2020, सुबह 7.30 बजे गमपुर के जंगलों में सुरक्षाबलों ने मुठभेड़ का दावा किया. मुठभेड़ में गंगालूर एरिया कमेटी के मेडिकल टीम प्रभारी आईईडी बनाने के एक्सपर्ट बदरू माड़वी को मार गिराने का दावा किया और कहा बदरू 2 लाख रुपये का इनामी नक्सली था. बदरू के भाई शन्नू इस मामले में चश्मदीद गवाह हैं, उनका आरोप है कि उनके भाई को उनके सामने घेर के मार दिया गया. दो साल बीतने को हैं, गांव वालों ने बदरू के शव को गांव के बगल स्थित शमशान के किनारे लगभग छह फीट का गड्ढा खोदकर सफेद कपड़ों में लपेटकर नमक, तेल और कई जड़ी-बूटियों का लेप लगाकर रखा हुआ है. मौसम की मार से बचाने के लिए ऊपर से लकड़ी के फट्टे से ढककर ऊपर सेदो पॉलिथीन लगाकर मिट्टी से दबाकर रखा हुआ है, हालांकि शव अब काफी हद तक कंकाल में बदल चुका है, लेकिन गांव वालों का कहनै है कि इंसाफ मिलने तक शव कोसुरक्षित रखेंगे. उनका ये भी कहना है बदरू नक्सली नहीं था वो महुआ चुनने गया था.
शव को गड्ढा खोदकर जड़ी-बूटी लगाकर रखा हुआ है
बदरू के रिश्तेदार कमलू पोड़ियाम कहते हैं कि आज भी शव को गड्ढा खोद कर और कपड़ा बांध कर रखे हैं ताकि कोर्ट से जांच हो, हालांकि बस्तर आईजी पी सुंदरराज कहते हैं कि मुठभेड़ के बाद मृतक की शिनाख्त बदरू माड़वी के रूप में हुई थी. उसके पश्चात विधिनुसार कार्रवाई संपन्न की गई थी. हाल फिलहाल में जानकारी मिली है कि डेड बॉडी को गांव वालों ने जड़ी बूटी लगाकर रखा है, उसका विस्तृत डिटेल लिया जा रहा है. दरअसल, परिजनों को उम्मीद है कि जब न्यायालय इस मामले को संज्ञान में लेगा और जांच के लिए शव के रिपोस्टमार्टम की बात आएगी तब इस शव को बाहर निकाला जाएगा.
बदरू की मां ने सुनाई आपबीती
बदरू की मां माड़वी मारको कहती हैं कि पिता की मौत के बाद घर में पुरुष के तौर पर बदरू ही सबसे बड़ा सदस्य था, जिस पर परिवार की सारी जिम्मेदारियां थीं. घटना से चार साल पहले बदरू की शादी पोदी नामक युवती से हुई थी, पर कोई बच्चे नहीं हैं. बदरू पर अपने दो छोटे भाई शन्नु और पंडरू की शादी की भी जिम्मेदारी थी. बदरू के शव को अभी तक रखने के सवाल पर उनकी मां ने रोते हुए कहा कि पुलिस बेवजह ग्रामीणों की हत्या कर रही है और नक्सलवाद के नाम पर उनके बेटे की हत्या कर दी गई. उनका कहना है कि जब तक इस मामले को न्यायालय द्वारा संज्ञान में नहीं लिया जाएगा तब तक अंतिम संस्कार नहीं किया जाएगा.]
बदरू की पत्नी को भी न्याय की आस
बदरू की पत्नी पोदी आज भी उदास आंखों से न्याय की उम्मीद कर रही है. पोदी का कहना है कि पुलिस ने उसका सब कुछ बर्बाद कर दिया. आज घर की जिम्मेदारी उठाने वाला कोई भी नहीं है. घर की छोटी बड़ी जरूरतों के लिए और घर खर्च के लिए भी उसे ही जद्दोजहद करनी होती है. पोदी का कहना है कि हालांकि अब उसका सब कुछ लुट चुका है, पर अभी भी उसे न्याय की उम्मीद है. उनका कहना है कि इस मामले की जांच हो और दोषी पुलिस वालों को जेल भेजा जाए, जिससे उनके गांव में दोबारा ऐसी घटना न दोहराई जाए. गांव के ही एक युवा अर्जुन कड़ती का कहना है कि बदरू की हत्या गांव के लिए कोई पहली घटना नहीं है. उन्होंने अपनी आपबीती बताते हुए कहा कि ऐसी ही घटना उनके परिवार में भी हो चुकी है. 2017 में उनके बड़े भाई भीमा कड़ती और उनकी साली जो कि अपनी बच्ची के छठी के कार्यक्रम की तैयारी के लिए बाजार गए हुए थे उन्हें भी पुलिस द्वारा मारकर उन्हें नक्सली साबित कर दिया गया था.
गांव में पहले भी हो चुकी हैं ऐसी घटनाएं
उसके पहले मासो नामक एक और ग्रामीण की हत्या पुलिस ने नक्सली बताकर की थी. अर्जुन का कहना है कि इस गांव में रहने वाले ग्रामीणों का जीवन अधर में अटका हुआ है. यहां किसी के पास भी न तो आधार कार्ड है और न ही वोटर कार्ड, गांव के कुछ लोगों के पास पहुत पुराना राशन कार्ड है. कई बार पुलिस द्वारा उन्हें जंगलों में पकड़ लिया जाता है और उनसे उनकी पहचान पूछी जाती है पर उनके पास कोई सरकारी दस्तावेज नहीं होने की वजह से वे अपनी पहचान नहीं बता पाते और पुलिस उनपर नक्सली होने का आरोप लगाकर उनके साथ मारपीट करती है.
अर्जुन ने बताया कि सुकमा जिले के लोगों के लिए आधार कार्ड बनवाने के लिए दंतेवाड़ा के नजदीकी गांव समेली में शिविर लगाया गया था, जिसकी जानकारी मिलने के बाद उन्होंने भी बीजापुर जिले के सीईओ से मुलाकात कर आधार कार्ड और वोटर कार्ड बनवाने के लिए शिविर लगवाने का निवेदन किया था, पर आज तक इस पर कोई पहल नहीं हुई. गांव के एक युवक जो पांचवीं तक पढ़े हैं, उन्होंने भी गांव की समस्या बताते हुए बताया कि जब बस्तर में सलवा जुडूम की शुरुआत हुई तो उनके गांव के लगभग तीस घरों को आग के हवाले कर दिया गया था, उस वक्त वो आश्रम में रहकर पढ़ाई कर रहे थे और गांव में आगजनी होने की वजह से पढ़ाई छोड़कर वापस लौट आए.
गांववालों का आरोप- सुरक्षाबल जंगलों में पकड़ लेते हैं
कमलू का कहना है कि गमपुर गांव के सभी लोगों की आमदनी का जरिया वनोपज ही है और इसे एकत्रित करने ग्रामीणों को पूरे दिन जंगलों में ही भटकना पड़ता है. ऐसे में यदि जवानों द्वारा उन्हें जंगलों में पकड़ लिया जाता है तो बहुत ज्यादा प्रताड़ित किया जाता है. इसी तरह की समस्याओं को देखते हुए आज पूरा गांव एकजुट होकर बदरू के मामले की न्यायिक जांच चाहता है और चाहता है कि न्यायालय द्वारा ही उनकी इस समस्या का कोई ठोस निदान दिया जाए जिससे कि फिर कभी दुबारा उनके गांव के किसी युवक की हत्या बेवजह न की जाए.
नई दिल्ली /शौर्यपथ/
मेडिकल स्कूलों में एडमिशन को लेकर केंद्रीय मंत्री प्रह्लाद जोशी के बयान पर कांग्रेस नेता जयराम रमेश ने निशाना साधा है. उन्होंने जोशी के बयान को बेहद असंवेदनशील करार दिया है. दरअसल, जोशी ने कहा था कि विदेशों में मेडिकल की पढ़ाई करने जाने वाले 90 फीसदी भारतीय छात्र क्वालीफायर तक पास नहीं कर पाते हैं. बता दें कि कांग्रेस नेता जयराम रमेश ने प्रह्लाद जोशी पर निशाना साधते हुए
जयराम रमेश ने ट्वीट किया- 'मोदी सरकार की विफलताओं और पीआर गतिविधियों पर पर्दा डालने के लिए मंत्री प्रह्लाद जोशी ने चौंकाने वाला असंवेदनशील बयान दिया है. नमो का एकमात्र मंत्र है NATO- नो एक्शन, तमाशा ओनली!'
बता दें कि जोशी का यह बयान ऐसे वक्त आया है, जब यूक्रेन में हजारों भारतीय छात्र फंसे हैं और उन्हें वापस लाने की कोशिश में सरकार जुटी है. रूसी सेना यूक्रेन की राजधानी कीव और खारकीव में भारी हमला कर रही है. जोशी ने कहा कि यह सही समय नहीं है, जब उन कारणों पर बात की जाए कि देश के लोग क्यों देश जाकर पढ़ाई करने जाते हैं. जो लोग विदेश में पढ़ाई कर मेडिकल डिग्री हासिल करते हैं, उन्हें फॉरेन मेडिकल ग्रेजुएट्स एक्जामिनेशन को पास करना पड़ता है, तभी वो भारत में इलाज करने के योग्य घोषित किए जाते हैं.
हावेरी /शौर्यपथ /
भारत के स्टूडेंट्स और वर्कर, बड़ी संख्या में अन्य देशों के लोगों के साथ बुधवार को युद्ध प्रभावित यूक्रेन के खारकीव से नजदीकी रेलवे स्टेशन की ओर बढ़ रहे हैं. अपनी जान को जोखिम में डाल रहे इन लोगों ने तिरंगा थाम रखा है. एक स्टूडेंट के पिता ने बुधवार को यह बात कही. वेंकटेश वैश्यार ने न्यूज एजेंसी पीटीआई को बताया, '700 भारतीयों सहित 1000 लोग भारतीय राष्ट्रीय ध्वज को लेकर रेलवे स्टेशन की ओर पैदल बढ़ रहे हैं. यह रेलवे स्टेशन उनके बंकर से करीब सात किलोमीटर दूर है. चूंकि कोई वाहन उपलब्ध नहीं है, इसलिए वे पैदल ही यात्रा कर रहे. '
वेंकटेश का बेटा, 23 साल का अमित, खारकीव मेडिकल कॉलेज में पांचवें साल का स्टूडेंट है. वह खारकीव के मेडिकल कॉलेज में पढ़ाई करने वाले कर्नाटक के हावेरी जिले के रानेबेन्नुर ताल्लक के तीन छात्रों में से एक है. अमित का कजिन 24 साल का सुमन भी यहां पढ़ता है. श्रीधर मूर्ति वैश्यार का बेटा सुमन और अमित, युद्ध प्रभावित यू्क्रेन से वापस लौटने का प्रयास कर रहे हैं. मंगलवार को इनके जूनियर 22 वर्षीय नवीन शेखरप्पा की उस समय गोलाबारी में मौत हो गई जब वे अपने बंकर से बाहर निकलकर खाना, पानी और मनी एक्सचेंज करने के लिए निकला था. वेंकटेश कहते हैं, 'छात्रों के पास जोखिम मोल लेने के अलावा कोई विकल्प नहीं है क्योंकि उनके पास खाना और पानी नहीं है. वे अब भगवान के ही भरोसे हैं और रेलवे स्टेशन की ओर बढ़ रहे हैं.' वेंककेश ने बताया कि अमित उनका इकलौता बेटा है और यदि उसे कुछ हो गया तो वे जी नहीं पाएंगे.
यूक्रेन के खारकीव में गोलाबारी में कर्नाटक का एक छात्र घायल भी हुआ है. मुख्यमंत्री बसवराज बोम्मई ने मंगलवार को यह जानकारी दी. घायल छात्र नवीन शेखरप्पा के साथ था जो गोलाबारी में मारा गया. बोम्मई ने पत्रकारों से कहा, ‘‘हावेरी जिले में रनेबेन्नूर तालुक के चलगेरी गांव के दो और छात्र वहां थे. एक घायल हुआ है जबकि दूसरा सुरक्षित है.''मुख्यमंत्री ने बताया कि उन्होंने नवीन के पिता शेखरप्पा ज्ञानगौदर से बात की और घटना पर दुख जताया. बोम्मई ने कहा कि उनकी ध्यान नवीन का शव भारत लाने पर है.उन्होंने कहा, ‘‘हमें अभी तक कोई सूचना नहीं मिली है कि शव की हालत क्या है...मैंने पीएमओ से बात की है और उनसे अनुरोध किया है. मैंने प्रधानमंत्री को यूक्रेन से शव लाने के लिए संदेश भी भेजा है. हमारे अधिकारी यूक्रेन में दूतावास के अधिकारियों के संपर्क में हैं.'
नई दिल्ली /शौर्यपथ /
फिनटेक कंपनी BharatPe के संस्थापक रहे अशनीर ग्रोवर के इस्तीफे के एक दिन बाद कंपनी की ओर से एक बयान जारी कर कहा गया है कि ग्रोवर अब कर्मचारी, निदेशक या संस्थापक नहीं हैं. BharatPe ने यह भी कहा है कि उनका परिवार वित्तीय गड़बड़ियों में शामिल था. अशनीर ग्रोवर ने भी मंगलवार को ही अपने मैनेजिंग डायरेक्टर और बोर्ड डायरेक्टर के पद से इस्तीफा दिया था. ग्रोवर ने आरोप लगाया था कि उनपर आधारहीन आरोप लगाए जा रहे हैं और इसके चलते वो लंबी और अकेली लड़ाई लड़ रहे थे.
BharatPe ने आरोप लगाया है कि सह-संस्थापक अशनीर ग्रोवर के परिवार और उनके संबंधियों ने कंपनी के कोष का बड़े पैमाने पर दुरुपयोग किया है. अभी कुछ दिनों पहले आर्थिक अनियमितताओं के चलते अशनीर की पत्नी माधुरी जैन ग्रोवर को भी कंपनी से बर्खास्त कर दिया गया था.
बता दें कि BharatPe ने बुधवार को बताया कि उसके सह-संस्थापक अशनीर ग्रोवर को कंपनी में सभी पदों से हटा दिया गया है. कंपनी ने एक बयान में कहा, ‘निदेशक मंडल ग्रोवर परिवार के निंदनीय आचरण से भारतपे, इसके मेहनती कर्मचारियों और विश्व स्तरीय प्रौद्योगिकी की प्रतिष्ठा को धूमिल नहीं होने देगा. ग्रोवर अपने गलत कामों की वजह से अब कंपनी के संस्थापक या निदेशक या कर्मचारी तक नहीं हैं.'
बता दें कि अशनीर ने अपने इस्तीफे में कंपनी के बोर्ड मेंबरों पर ही आरोप लगाया था कि वो ग्रोवर को आरोपों में घसीटने के साथ-साथ कंपनी की ब्रांड वैल्यू को भी नुकसान पहुंचा रहे हैं. उन्होंने लिखा, '2022 की शुरुआत से ही, मुझे आधारहीन आरोपों में घसीटा जा रहा है, मुझपर और मेरे परिवार पर हमला किया जा रहा है. वो बस मुझे ही चोट नहीं पहुंचा रहे हैं, उस कंपनी की प्रतिष्ठा को भी चोट पहुंचा रहे हैं, जिसे बचाने का दावा वो कर रहे हैं.'
बता दें कि ग्रोवर तबसे विवाद में हैं, जब कोटक महिंद्रा बैंक के स्टाफ के साथ उनका अभद्र भाषा इस्तेमाल करने के मामले में उनका नाम सामने आया था. उसके बाद माधुरी जैन ग्रोवर को हटाए जाने के बाद खबर आई थी कि उन्होंने पर्सनल ब्यूटी ट्रीटमेंट, इलेक्ट्रॉनिक प्रॉडक्ट्स खरीदने और अमेरिका व दुबई की फैमिली वैकेशन के लिए कंपनी के पैसों का इस्तेमाल किया था.
नई दिल्ली /शौर्यपथ /
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने बुधवार को प्रौद्योगिकी-सक्षम विकास पर बजट-पश्चात एक वेबिनार को संबोधित करते हुए कहा कि इस बार के आम बजट में विज्ञान और प्रौद्योगिकी के लिए जो प्रावधान किए गए हैं वो बहुत महत्वपूर्ण हैं इनका तेजी से क्रियान्वयन बहुत जरूरी है. प्रधानमंत्री ने अपने ट्विटर हैंडल के जरिये कहा 'भारत को आत्मनिर्भर बनाने के उद्देश्य से मजबूत आधार तैयार करने और आम आदमी को सशक्त बनाने के लिये प्रौद्योगिकी मजबूत माध्यम है.' उन्होंने कहा कि देश में मजबूत डेटा सुरक्षा ढांचा बहुत जरूरी है. प्रधानमंत्री ने प्रौद्योगिकी-सक्षम विकास पर वेबिनार में अमेरिका के राष्ट्रपति बाइडेन के भाषण का जिक्र करते हुए कहा 'अमेरिका के राष्ट्रपति ने आज अपने भाषण में ‘मेक इन अमेरिका' पर जोर दिया. इसके बाद PM मोदी ने कहा है कि नए युग में भारत को भी आत्मनिर्भर बनना जरूरी है.
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने अपने ट्विटर हैंडल पर लिखा "इस बार हमारे बजट में पर खास जोर दिया गया है. आर्टिफिशल इंटेलिजेंस, जियो स्पेशल सिस्टम, ड्रोन से लेकर सेमी कंडक्टर, और स्पेस तकनीक तक, और क्लीन टेक्नोलॉजी से लेकर 5जी तक, ये सभी सेक्टर्स आज देश की प्राथमिकता हैं. उन्होंने कहा हमारी सरकार के साइंस एंड टेक्नॉलोजी सिर्फ आइसोलेटेड सेक्टर नहीं है. आज इकोनॉमी के क्षेत्र में हमारा विजन डिजिटल इकोनॉमी और फिनटेक जैसे आधार से जुड़ा है. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा हमारे लिए तकनीक देश के सामान्य से सामान्य नागरिक को सशक्त करने का माध्यम है. हमारे लिए तकनीक देश को आत्मनिर्भर बनाने का प्रमुख आधार है. इंफ्रास्ट्रक्चर के फील्ड में हमारा डेवलपमेंट विजन एडवांस टेक्नॉलोजी पर बेस्ड है. PM ने कहा भारत के पास दुनिया का तीसरा सबसे बड़ा और तेजी से आगे बढ़ता स्टार्टअप ईको-सिस्टम है. मैं हमारे स्टार्टअप्स को भरोसा देता हूं कि सरकार उनके साथ पूरी शक्ति के साथ खड़ी है.
बजट में युवाओं की स्किलिंग, रि-स्किलिंग और अप-स्किलिंग के लिए पोर्टल का प्रावधान भी रखा गया है. गौरतलब है, भारत सरकार केंद्रीय बजट 2022 के तहत वित्त मंत्री द्वारा की गई घोषणाओं को कुशलपूर्वक लागू करने के लिए विभिन्न क्षेत्रों में वेबिनार की एक श्रृंखला का आयोजन कर रही है. ये वेबिनार श्रृंखला सार्वजनिक और निजी क्षेत्रों, शिक्षाविदों और उद्योग के विशेषज्ञों को एक मंच पर ला रही है, ताकि सभी क्षेत्रों में कार्यान्वयन रणनीतियों पर विचार किया जा सके.
भुवनेश्वर /शौर्यपथ /
ओडिशा में सत्तारूढ़ बीजू जनता दल ने पंचायत चुनावों में विपक्ष को चारों खाने चित करते हुए 852 सीटों में से 766 सीटों पर जीत दर्ज की है. राज्य में मुख्य विपक्षी दल भारतीय जनता पार्टी को जिला परिषद की केवल 42 सीटें मिली. जबकि कांग्रेस को 37 सीटें मिली हैं. निर्दलीय उम्मीदवारों ने तीन सीटों पर जीत दर्ज की जबकि चार सीटें छोटे दलों के हिस्से में आई. ओडिशा पंचायत चुनावों में इस बार एक कॉलेज की छात्रा, एक सब्जी विक्रेता और एक दंत चिकित्सक ने भी बाजी मारी और बड़े नेताओं को करारी हार हुई है.
हाल ही में संपन्न पंचायत चुनावों में पुरी जिले के प्रताप पुरुषोत्तमपुर गांव के एक गरीब परिवार से ताल्लुक रखने वाली स्नातक की छात्रा हीरा नायक ने जीत हासिल की. उन्होंने पंचायत समिति सदस्य की सीट चार मतों के मामूली अंतर से जीती है. अपनी जीत पर बात करते हुए नायक ने कहा कि उनके पिता एक दिहाड़ी मजदूर हैं और परिवार एक झोपड़ी में रहता है. आर्थिक तंगी और बाधाओं के बावजूद, वो अपनी पढ़ाई कर रही है और अपने स्नातक पाठ्यक्रम के तीसरे वर्ष में है. हीरा नायक ने कहा कि "मैंने देखा है कि मेरे गांव के लोगों को फानी चक्रवात में कैसे नुकसान उठाने पड़े. स्थानीय पंचायत सदस्यों ने कोई काम नहीं किया. फिर, मैंने चुनाव लड़ने का फैसला किया."
इसी तरह रायगढ़ जिले के Ramanaguda zone-I से जिला परिषद सदस्य के रूप में सब्जी विक्रेता टी श्रीधर ने जीत हासिल की. कांग्रेस के टिकट पर चुनाव लड़ने वाले श्रीधर ने कहा कि "लोगों को मुझपर भरोसा है और उन्होंने प्रतिद्वंद्वी दलों के पैसे को खारिज किया और मुझे वोट दिया. मैं उन्हें कभी निराश नहीं होने दूंगा."
पेशे से दंत चिकित्सक और कांग्रेस के पूर्व विधायक भजबल मांझी की बेटी लिपिका मांझी ने भी नबरंगपुर जिले के पापदहांडी जिला परिषद जोन- II से जीत हासिल करने में सफल रही. उन्होंने कांग्रेस के टिकट पर चुनाव लड़ा था.
नई दिल्ली /शौर्यपथ/
राजनीतिक दलों द्वारा वोटर्स को ललचाने के लिए मुफ्त 'उपहारों' के वादे का वितरण के खिलाफ सुप्रीम कोर्ट में एक जनहित याचिका दायर की गई थी. अब इस याचिका पर सुनवाई के लिए सुप्रीम कोर्ट ने सहमति जता दी है. वकील बरुन कुमार सिन्हा ने कहा कि राजनीतिक दलों द्वारा चुनाव के समय 'उपहार' की घोषणा से मतदाताओं को प्रभावित किया जाता है. इससे चुनाव प्रक्रिया की शुद्धता प्रभावित होती है. अब इस मामले में सुप्रीम कोर्ट गुरुवार को सुनवाई करेगा.
हिंदू सेना के नेता सुजीत यादव ने सुप्रीम कोर्ट में जनहित याचिका दाखिल की है. याचिका में कांग्रेस, समाजवादी पार्टी, बहुजन समाज पार्टी और आम आदमी पार्टी को पक्षकार बनाया गया है. याचिका में पार्टियों द्वारा मुफ्त बिजली, लैपटॉप स्मॉर्ट फोन समाजवादी पेंशन योजना , पंजाब में महिलाओं को एक हजार रूपए प्रति माह भत्ते का जिक्र करते हुए कहा गया कि यह वादा भ्रष्ट प्रथा और भ्रष्टाचार की श्रेणी में आता है.
कोर्ट में दायर की गई याचिका में समाजवादी पार्टी, कांग्रेस के यूपी में और आम आदमी पार्टी के पंजाब के उम्मीदवारों को अयोग्य घोषित करने की मांग की गई है. इसके साथ ही इस याचिका में ये अनुरोध भी किया गया है कि जो भी इस तरह के मामलों में दोषी पाया जाए, उनके खिलाफ FIR दर्ज कर कार्यवाही की जानी चाहिए.