CONTECT NO. - 8962936808
EMAIL ID - shouryapath12@gmail.com
Address - SHOURYA NIWAS, SARSWATI GYAN MANDIR SCHOOL, SUBHASH NAGAR, KASARIDIH - DURG ( CHHATTISGARH )
LEGAL ADVISOR - DEEPAK KHOBRAGADE (ADVOCATE)
शौर्यपथ ( व्यंग लेख )। आज के जमाने में हैसियत के एक अलग ही मायने है । किसी की भी हैसियत के हिसाब से ही समाज में उसकी पूछ परख होती है । किंतु आज भी कुछ ऐसे कुंठा जीवी लोग समाज में बहुतेरे पाए जाते हैं जिनकी औकात चवन्नी की भी नही होती किंतु बाते आसमान से भी ऊंची ऐसे कुंठा जीवी को ये भी नही मालूम कि उनकी स्वयं की औकात कितनी धरातल की गहराई में है । ऐसा ही एक वाक्या हाल में ही देखने को मिला । जैसा कि आज कल समाज में बहुतेरे ऐसे व्यक्ति मिल जायेंगे जो पत्रकारिता से जुड़े है कुछ कार्य कर रहे तो बहुतेरे वसूली । पिछले दिनों हमारे मित्र का सामना ऐसे ही पत्रकार से हुआ । मित्र भी पत्रकार और मित्र को औकात दिखाने की बात करने वाला भी पत्रकार । जोश जोश में औकात की बात करने वाले पत्रकार ने एक सभा में मित्र के उपर ये व्यंग कस दिया कि कुछ पेपर की प्रति छापने वाले की क्या औकात बात बड़ी कह दी हमने मित्र की तरफ देखा सोंचा कि मित्र को सबके सामने नीचा दिखाया जा रहा मित्र कितना दुखी हो गया होगा किंतु मित्र के चेहरे में औकात बताने वाले पत्रकार की बात सुनकर गुस्सा या ग्लानि के बजाए मुस्कुराहट देखा तो मन संशय हुआ कि सभी के सामने हसने का प्रयास किया जा रहा है शायद हम भी कुछ सोच कर चुप रहे ।
जब एकांत में समय मिला तो हमने मित्र से संशय भरे शब्दों में पूछा कि एक व्यक्ति ने इतनी कड़वी बात कही फिर भी तुम्हारे चेहरे पर मुस्कुराहट ही रही आखिर बात क्या है कौन है वो फलाना पत्रकार जो ऐसे आरोप लगा रहा था और तुम हंस रहे थे ।
तब मित्र ने जो बात कही उसे सुनकर हमे भी हंसी आ गई । मित्र ने बताया कि वो तथाकथित पत्रकार से क्या बहस करे सारा शहर जानता है कि जिस थाली में खाता उसी में छेद करता कई बार तो व्यापारियों ने इसकी पुलिस में शिकायत की वहा भी बेशर्म माफी मांग कर आ गया । तीन _चार अखबार का पंजीयन करा चुका पर एक दो अंक छापने के बाद टे बोल गया । फर्जी दस्तावेज के सहारे बड़ा पत्रकार बना फिरता है समाज में अकेला घूमता है शेर कहता है अपने आप को पर है तो शेर भी जानवर ही जिसे समाज रूपी शहर में सर्कस में मनोरंजन के लिए ही उपयोग किया जाता है । जिसकी खुद की औकात एक समाचार को सुचारू रूप से चलाने की नही उसकी औकात वाली बात का जवाब देना भी मूर्खता ही है । और इस तरह मैं और मेरा मित्र हंसते हुए घर को निकल गए ।
लेख - शरद पंसारी , प्रधान संपादक शौर्यपथ समाचार पत्र
Make sure you enter all the required information, indicated by an asterisk (*). HTML code is not allowed.