September 07, 2025
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शौर्यपथ

शौर्यपथ

भिलाई। विश्व आदिवासी दिवस के अवसर पर भिलाई स्टील प्लांट शेड्यूल्ड ट्राइब एम्प्लॉइज वेलफेयर एसोसिएशन एवं आदिवासी मंडल भिलाई के संयुक्त तत्वावधान में बुधवार को भव्य रैली का आयोजन किया गया। रैली का प्रारंभ रेल चौक से हुआ, जिसमें आदिवासी संस्कृति, पारंपरिक खानपान, पर्यावरण संरक्षण और सामुदायिक एकता का मनमोहक प्रदर्शन देखने को मिला।

कार्यक्रम में शामिल आदिवासी मंडल के पदाधिकारियों का स्वागत फूल-मालाओं, पारंपरिक गीतों, ढोल-नगाड़ों और नृत्य की ताल पर किया गया। आयोजन में लगभग 2,500 सदस्यों को पारंपरिक नाश्ता — फरहा और टमाटर की चटनी — सरई पत्तों के दोने में परोसा गया, जो पर्यावरण संरक्षण के प्रति संगठन की प्रतिबद्धता का प्रतीक बना। मौके पर लगाए गए आकर्षक सेल्फी प्वाइंट ने भी लोगों का ध्यान खूब खींचा और आयोजन का मुख्य आकर्षण बन गया।

शाम को सेक्टर-4 स्थित इस्पात क्लब में सांस्कृतिक संध्या का आयोजन हुआ, जिसमें करीब 500 एसटी कर्मचारी और उनके परिजन उपस्थित रहे। कार्यक्रम की शुरुआत संगठन के अध्यक्ष प्रदीप टोप्पो ने आदिवासी संस्कृति पर लिखी अपनी कविता के साथ स्वागत संबोधन से की। उन्होंने कहा, "इस आयोजन का उद्देश्य न केवल हमारी समृद्ध आदिवासी सांस्कृतिक धरोहर और परंपराओं का उत्सव मनाना है, बल्कि सभी एसटी कर्मचारियों को एक मंच पर एकजुट करना भी है। यह दिन हमें हमारी जड़ों से जोड़ता है, पूर्वजों के संघर्ष और उनकी विरासत की याद दिलाता है तथा भविष्य के लिए प्रेरित करता है।"

इस अवसर पर मुख्य अतिथि के रूप में के.के. तिर्की और डॉ. श्रीमती नीलि एस. कुजूर मौजूद थे। अतिथियों का स्वागत पारंपरिक रीति से — हाथ धोकर, बैज और आदिवासी गमछा पहनाकर तथा गुलदस्ता भेंट कर — किया गया। अपने संबोधन में के.के. तिर्की ने कहा कि आदिवासी समुदाय प्रकृति से गहराई से जुड़ा हुआ है और उसका संरक्षण हमारी परंपरा का हिस्सा है।

कार्यक्रम में विभिन्न सांस्कृतिक प्रस्तुतियों, पारंपरिक नृत्यों और गीतों ने माहौल को उत्साह और गौरव से भर दिया। आयोजन के अंत में सभी प्रतिभागियों ने सामूहिक रूप से आदिवासी गौरव और एकता बनाए रखने का संकल्प लिया।

भिलाई। आईआईटी भिलाई की शोध टीम ने आईआईटी मद्रास और जर्मनी के शीर्ष संस्थानों के वैज्ञानिकों के साथ मिलकर एक क्रांतिकारी तकनीक विकसित की है, जिसके जरिए महंगे व जहरीले धातुओं की जगह सस्ते, प्रचुर और सुरक्षित धातु—लोहे का उपयोग कर उच्च गुणवत्ता वाले प्लास्टिक और पॉलिमर बनाए जा सकेंगे।

टीम में अमूल जैन, भानेंद्र साहू और डॉ. संजीव बनर्जी शामिल हैं, जिन्होंने विशेष लौह-आधारित उत्प्रेरकों की मदद से यह विधि तैयार की। यह तकनीक सामान्य कमरे के तापमान पर सटीक रूप से नियंत्रित पॉलिमर तैयार करती है, जिससे प्रक्रिया न केवल पर्यावरण-अनुकूल और सुरक्षित बनती है बल्कि उद्योगों व छोटे व्यवसायों (MSME) के लिए किफायती और मापनीय भी।

शोध में पहली बार रेडॉक्स और नियर-इन्फ्रारेड (NIR) सक्रिय लौह ट्राइरेडिकल कॉम्प्लेक्स आधारित पॉलीमराइजेशन प्लेटफॉर्म का उपयोग किया गया। यह प्लेटफॉर्म हल्के और सामान्य परिस्थितियों में एक्रिलामाइड्स और मेथैक्रिलेट्स का नियंत्रित रेडिकल पॉलीमराइजेशन संभव बनाता है। नतीजतन, अभूतपूर्व चेन-एंड फिडेलिटी, संकीर्ण फैलाव और उच्च पर्यावरणीय सुरक्षा के साथ पॉलिमर व डिब्लॉक कोपॉलीमर तैयार होते हैं।

यह तकनीक बायोमेडिसिन, स्मार्ट कोटिंग्स और प्रतिक्रियाशील प्रणालियों के लिए उन्नत कार्यात्मक सामग्री विकसित करने का मार्ग खोलती है। इसके जरिए भारत के उद्योग और MSME अब महंगे या जहरीले धातुओं की निर्भरता घटाकर, हरित और उच्च प्रदर्शन वाले पॉलिमर का उत्पादन कर सकेंगे।

इस परियोजना को भारत सरकार के DSIR–CRTDH कार्यक्रम से सहायता मिली। शोध पत्र विश्व-प्रसिद्ध एंग्वैंड्टे केमी इंटरनेशनल एडिशन (Wiley-VCH) में प्रकाशित हुआ है, जो पॉलिमर रसायन विज्ञान के भविष्य में इस खोज के महत्व को रेखांकित करता है।

भिलाई। भिलाई इस्पात संयंत्र (बीएसपी) के व्यवसायिक उत्कृष्टता विभाग द्वारा 29 से 31 जुलाई तक मानव संसाधन विकास केंद्र में संयंत्र स्तरीय ‘गुणवत्ता-2025’ क्वालिटी सर्कल एवं फाइव-एस प्रस्तुतिकरण प्रतियोगिता का आयोजन किया गया। इस प्रतियोगिता में कर्मचारियों और अधिकारियों ने कार्यक्षेत्र में किए गए सृजनात्मक कार्यों व अभिनव समाधान की प्रस्तुतियां दीं।

समापन एवं पारितोषिक वितरण समारोह 12 अगस्त को कार्यपालक निदेशक (मानव संसाधन) पवन कुमार के मुख्य आतिथ्य में संपन्न हुआ। विशिष्ट अतिथि के रूप में मुख्य महाप्रबंधक प्रभारी (एम एंड यू) विजय कुमार बेहेरा उपस्थित थे।

प्रतियोगिता में 74 टीमों ने पांच श्रेणियों—मैन्यूफैक्चरिंग स्ट्रीम, मैन्यूफैक्चरिंग सपोर्ट स्ट्रीम, प्योर सर्विसेज स्ट्रीम, लीन क्वालिटी सर्कल और 5-एस—में उत्साहपूर्वक भाग लिया।

  • मैन्यूफैक्चरिंग स्ट्रीम में टीम ऊर्जा (यूआरएम) प्रथम, टीम रेल रक्षक (रेल एवं स्ट्रक्चरल मिल) द्वितीय और टीम अनन्या (सिंटर प्लांट-3) तृतीय रही।

मुख्य अतिथि पवन कुमार ने कहा कि यह प्रतियोगिता संयंत्र में गुणवत्ता के प्रति जागरूकता और नवाचार की संस्कृति को बढ़ावा देती है तथा राष्ट्रीय स्तर की प्रतियोगिताओं में प्रतिभाग का मार्ग प्रशस्त करती है।

महाप्रबंधक (व्यवसायिक उत्कृष्टता) मनोज दुबे ने स्वागत भाषण में बताया कि इस वर्ष 26 विभागों की 74 टीमों ने भाग लिया, जो पिछले वर्ष की 53 टीमों की तुलना में लगभग 40% अधिक है, इसे उन्होंने सराहनीय उपलब्धि बताया।

गोगो पर छापा… सितार पर खामोशी!

मुख्य बिंदु  
    गोगो सिगरेट पर छापामारी और कार्रवाई, पर सितार गुटखा पर विभाग की खामोशी
    निर्माण फैक्ट्री पर कई बार छापे — मालिक और मजदूर हर बार गायब
    गुरमुख जुमनानी का नाम बार-बार, फिर भी अब तक कोई ठोस कार्रवाई नहीं
    शहर के हर चौक-चौराहे पर बेखौफ बिक्री, युवा पीढ़ी नशे की गिरफ्त में
    विभाग और जिला प्रशासन की चुप्पी पर जनता में सवाल

दुर्ग। शौर्यपथ /
   शहर में अवैध गोगो सिगरेट पर छापामारी कर खाद्य एवं औषधि विभाग ने अपनी पीठ थपथपाई, परंतु इसी शहर में खुलेआम बिक रहे “सितार” नामक जानलेवा गुटखा पर विभाग की चुप्पी सवालों के घेरे में है। स्वास्थ्य मानकों की बात करें तो “सितार” गुटखा कहीं से भी निर्धारित नियमों पर खरा नहीं उतरता, फिर भी इसकी बिक्री बेखौफ जारी है।
  पिछले कुछ वर्षों में विभाग ने कई बार “सितार” गुटखा निर्माण फैक्ट्रियों का भंडाफोड़ किया — राजनांदगांव से लेकर गनियारी तक — लेकिन हर बार नतीजा वही… फैक्ट्री में मालिक, मजदूर और पूरा स्टाफ छापे से पहले ही गायब! और हैरानी की बात, इन फैक्ट्रियों का नाम लगातार एक ही शख्स से जुड़ता रहा — गुरमुख जुमनानी । अखबारों और टीवी चैनलों में कई बार इनका नाम “सितार” गुटखा निर्माता के रूप में सुर्खियों में आया, परंतु अब तक उनके खिलाफ ऐसी कोई ठोस कार्रवाई नहीं हुई जो उनके “नशे के साम्राज्य” को तोड़ सके।
   नतीजा— शहर के हर चौक-चौराहे, स्कूल-कॉलेज के आसपास तक, यह जहरीला/ अवैधानिक  गुटखा खुलेआम बिक रहा है। युवा पीढ़ी इस सस्ते नशे के जाल में फंस रही है, और विभाग की नज़रें मानो इस ओर से मूंद ली गई हों। न रिटेल दुकानों पर छापे, न गोदामों पर कार्रवाई, न ही सप्लाई चेन पर रोक।
आख़िर सवाल ये है—
    क्या विभाग “गोगो” पर सख्ती दिखाकर और “सितार” पर खामोशी साधकर किसी अदृश्य दबाव में काम कर रहा है?
    क्या जिला प्रशासन इस ढुलमुल रवैये पर संज्ञान लेगा और दोषियों पर ऐसी कार्रवाई करेगा जो पूरे प्रदेश में उदाहरण बने?
    या फिर, यह खेल यूं ही चलता रहेगा और शहर का भविष्य नशे की अंधेरी खाई में धंसता जाएगा?
   समाज के स्वास्थ्य और आने वाली पीढ़ी के भविष्य से खिलवाड़ करने वालों पर नकेल कसने का समय अब आ चुका है। यदि आज भी प्रशासनिक और विभागीय कार्रवाई में साहस और निष्पक्षता नहीं दिखाई गई, तो कल इतिहास यह दर्ज करेगा कि दुर्ग के युवाओं को नशे में धकेलने में केवल व्यापारी ही नहीं, बल्कि व्यवस्था भी बराबर की दोषी रही।

रायपुर / शौर्यपथ /
छत्तीसगढ़ में इलेक्ट्रिक वाहनों (ईवी) की लोकप्रियता लगातार बढ़ रही है और इसके पीछे सरकार की प्रोत्साहन योजनाएं बड़ा कारण बन रही हैं। केंद्र सरकार की दो प्रमुख योजनाओं—फास्टर एडॉप्शन एंड मैन्युफैक्चरिंग ऑफ (हाइब्रिड) एंड इलेक्ट्रिक व्हीकल्स फेज-2 (FAME-II) और इलेक्ट्रिक मोबिलिटी प्रमोशन स्कीम 2024 (EMPS-2024)—के तहत पिछले तीन वर्षों में राज्य के खरीदारों को 138 करोड़ रुपये से अधिक की सब्सिडी मिली है।

केंद्रीय भारी उद्योग राज्य मंत्री भूपतिराजु श्रीनिवास वर्मा ने मंगलवार को लोकसभा में यह जानकारी रायपुर के सांसद बृजमोहन अग्रवाल के प्रश्न के लिखित उत्तर में दी।

FAME-II योजना (अप्रैल 2019 – मार्च 2024) के तहत अप्रैल 2022 से मार्च 2024 के बीच छत्तीसगढ़ में 33,552 इलेक्ट्रिक वाहन बिके। इस अवधि में खरीदारों को 121.26 करोड़ रुपये की सब्सिडी का लाभ दिया गया।

वहीं, EMPS-2024 योजना, जो सिर्फ छह महीने (अप्रैल–सितंबर 2024) के लिए प्रभावी रही, के दौरान 13,091 इलेक्ट्रिक दोपहिया और तिपहिया वाहन बिके और खरीदारों को 16.74 करोड़ रुपये की राहत दी गई।

अधिकारियों के अनुसार, इन योजनाओं के तहत खरीदारों को अलग से आवेदन करने की आवश्यकता नहीं होती। सब्सिडी सीधे वाहन की खरीद कीमत से घटा दी जाती है और बाद में यह राशि भारी उद्योग मंत्रालय द्वारा मूल उपकरण निर्माता कंपनियों (OEMs) को भुगतान कर दी जाती है। इस कारण राज्य में कोई भी भुगतान लंबित नहीं है।
  पर्यावरण विशेषज्ञों का कहना है कि बैटरी चालित स्कूटर, तिपहिया और कारों की बढ़ती बिक्री न सिर्फ ईंधन पर निर्भरता कम करेगी, बल्कि प्रदूषण घटाने में भी मददगार साबित होगी। सरकार के सतत सहयोग के साथ, छत्तीसगढ़ में स्वच्छ और हरित परिवहन की ओर बदलाव अब और तेज़ी पकड़ रहा है।

कोंडागांव / शौर्यपथ /
कोंडागांव जिला मुख्यालय से महज 7–8 किलोमीटर दूर ग्राम पंचायत ककोडी में स्थित दंतेश्वरी मक्का प्लांट इन दिनों ग्रामीणों के लिए काल साबित हो रहा है। मंगलवार सुबह ग्रामवासियों ने प्लांट परिसर में घुसकर जोरदार प्रदर्शन किया और तत्काल इसे बंद करने की मांग की। मौके पर पहुंची प्रशासनिक टीम ने समझाइश देकर स्थिति को काबू में किया, लेकिन ग्रामीणों का गुस्सा और भय अभी भी बरकरार है।

ग्रामीणों का आरोप है कि जो प्लांट किसानों और पशुपालकों के हित में लगाया गया था, वही अब ज़हर उगल रहा है। वेटकेक सड़ने से दुर्गंध फैल रही है, मवेशियों की मौत हो रही है, पेड़ सूख रहे हैं और खेत बर्बाद हो रहे हैं। हालात ऐसे हैं कि लोगों का सांस लेना तक मुश्किल हो गया है। ग्रामीणों का कहना है—"आज मवेशी मर रहे हैं, कल हमारी बारी होगी।"

आंतरिक सूत्रों के अनुसार, यह स्थिति प्लांट में लगा डायर मशीन बंद होने के कारण बनी है। मजदूरों ने बताया कि डायर चालू होता तो वेटकेक को पशु और पक्षियों के उत्तम आहार में बदल दिया जाता—मुर्गी, मछली, कछुआ और मवेशियों के लिए चारा तैयार होता। लेकिन मशीन के ठप होने से वेटकेक सड़ रहा है, जिससे कीटाणु और जहरीली बदबू फैल रही है।

मामले में कई गंभीर सवाल उठ रहे हैं—

  • डायर चालू क्यों नहीं किया गया?

  • मक्का से एथनॉल बनाने का दावा कर चावल (कनकी) से उत्पादन क्यों हो रहा है?

  • पानी निकासी की व्यवस्था क्यों नहीं की गई?

  • क्या यह प्लांट प्रदूषण नियंत्रण के मानकों का पालन कर रहा है?

  • ग्रामीणों की जान-माल की सुरक्षा के लिए प्रशासनिक कदम कब उठेंगे?

ग्रामीणों की मांग है कि जब तक समस्या का स्थायी समाधान नहीं होता, तब तक प्लांट को बंद किया जाए। वहीं, प्रशासन ने जांच का भरोसा दिया है, लेकिन अब देखना यह है कि ज़िला प्रशासन इस लापरवाही पर क्या ठोस कार्रवाई करता है, क्योंकि मामला सीधे-सीधे पर्यावरण, पशुधन और मानव जीवन की सुरक्षा से जुड़ा है।

बड़ेकनेरा के स्वास्थ्य केंद्र की एम्बुलेंस जून 2024 से सीएमएचओ दफ्तर में खड़ी, कागजों में फंसी जनसेवा
ग्रामीणों ने विधायक, कलेक्टर से लेकर सीएमएचओ तक लगाई गुहार, लेकिन ‘सुधार’ के नाम पर मिली सिर्फ तारीखें
स्वास्थ्य मंत्री के दावे हकीकत से कोसों दूर, मरीज अब भी खुद का ‘रोगी वाहन’ बनने को मजबूर

    कोंडागांव / शौर्यपथ / एक तरफ प्रदेश के स्वास्थ्य मंत्री श्याम बिहारी जायसवाल बड़े गर्व से कह रहे हैं कि “स्वास्थ्य सुविधाओं में तेजी से सुधार हो रहा है”, वहीं हकीकत यह है कि ग्राम पंचायत बड़ेकनेरा के प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र में डेढ़ साल से एम्बुलेंस नाम की कोई चीज नहीं है।
   2019-20 में श्यामा प्रसाद मुखर्जी राष्ट्रीय रूर्बन मिशन योजना के तहत बड़ेकनेरा को मिली एम्बुलेंस जून 2024 में आरटीओ, इंश्योरेंस और सर्विसिंग के नाम पर सीएमएचओ कार्यालय कोंडागांव में जमा कर दी गई। तब से अब तक यह "कागजों की गाड़ी" वहीं अटकी पड़ी है।
   ग्रामीण और पंचायत प्रतिनिधि थक-हारकर कभी विधायक से, कभी सीएमएचओ से और कभी कलेक्टर से गुहार लगाते रहे, लेकिन फाइलें आगे बढ़ने की रफ्तार घोंघे की चाल से भी धीमी रही। आखिरकार बड़ेकनेरा के सरपंच प्रकाश चुरगियां और प्रतिनिधि मंडल ने सीएमएचओ कार्यालय पहुंचकर सीधे पूछा—

अगर आरटीओ, इंश्योरेंस और फिटनेस पूरी है तो एम्बुलेंस क्यों नहीं लौटा रहे?
अगर पूरी नहीं है तो जिम्मेदार कौन है?
और उन पर कार्रवाई कब होगी, जिन्होंने लोगों की जान के साथ खिलवाड़ किया?

  प्रदेश में स्वास्थ्य सेवाएं ‘तेजी से सुधार’ के दावे कर रही हैं, लेकिन कोंडागांव में यह ‘तेज रफ्तार’ इतनी धीमी हो गई कि डेढ़ साल में भी एक एम्बुलेंस बड़ेकनेरा वापस नहीं पहुंच पाई।
अब सवाल सीधा है—क्या यह स्वास्थ्य विभाग का सुधार है या लोगों की जान को भगवान भरोसे छोड़ देने की नई सरकारी नीति?
"लगता है स्वास्थ्य विभाग के लिए एम्बुलेंस भी ‘आपातकालीन’ नहीं, बस एक लंबी दूरी की सरकारी कहानी है—जिसका गंतव्य कभी आता ही नहीं!"

मौके पर पहुंचे जिला कलेक्टर एवं सीईओ
घटनाक्रम की ली जानकारी, बच्चों के बेहतर प्राथमिक उपचार के दिए  निर्देश
जर्जर भवन  में कक्षा संचालन शासन के निर्देशों का उल्लंघन,बी.ई.ओ., बी.आर.सी. प्रधान पाठक को नोटिस जारी करने दिए निर्देश
   मुंगेली/शौर्यपथ/मुंगेली विकासखंड के ग्राम बरदुली में स्थित शासकीय प्राथमिक शाला में छत का प्लास्टर गिरने से बच्चों के घायल होने की सूचना मिली। जानकारी मिलने पर तत्काल कलेक्टर श्री कुन्दन कुमार और जिला पंचायत सीईओ श्री प्रभाकर पांडेय ने विद्यालय का निरीक्षण किया। उन्होंने मौजूद शिक्षकों से घटनाक्रम के संबंध में विस्तार से जानकारी ली। प्रधान पाठक श्री अखिलेश शर्मा ने बताया कि शाला भवन के छत का प्लास्टर गिरने से कक्षा तीसरी के साथ छात्र हिमांशु दिवाकर और अंशिका दिवाकर को सिर और हाथ में चोट आई। उनका प्राथमिक उपचार किया गया, अभी बच्चे ठीक हैं। जिला प्रशासन एवं स्वस्थ आमले की मौजूदगी में बच्चों का जिला अस्पताल में प्राथमिक उपचार किया गया। सी.एम.एच.ओ ने बताया कि कोई भी गंभीर स्थिति नहीं है बच्चे खतरे से बाहर है।कलेक्टर ने संबंधित अधिकारियों को बच्चों का बेहतर इलाज करने एवं अन्य आवश्यक दिशा निर्देश दिए।
      घटना को गंभीरता से लेते हुए कलेक्टर ने संबंधित अधिकारियों को कड़ी फटकार लगाई। उन्होंने कहा कि शासन का स्पष्ट निर्देश है कि जर्जर भवनों में किसी भी परिस्थिति में कक्षाओं का संचालन नहीं होना चाहिए। निर्देशों की अवहेलना करते हुए कक्षाओं का संचालन किया जाना  गंभीर लापरवाही को दर्शाता है। उन्होंने विकासखंड शिक्षा अधिकारी श्री जितेंद्र बावरे, बी.आर.सी. सूर्यकांत उपाध्याय, संकुल समन्वयक शत्रुघ्न साहू और प्रधान पाठक अखिलेश शर्मा को नोटिस जारी करने के निर्देश दिए। उन्होंने जिला शिक्षा अधिकारी और डीएमसी समग्र शिक्षा को फटकार लगाते हुए स्पष्ट निर्देश दिए कि जिले में कहीं भी इस प्रकार की घटना नहीं होनी चाहिए अन्यथा सख्त कार्रवाई की जाएगी।
कलेक्टर ने बच्चों से बातचीत कर बढ़ाया उत्साह
     विद्यालय निरीक्षण के दौरान कलेक्टर ने कक्षा में मौजूद बच्चों से बातचीत की। विद्यालय में शिक्षण सहित अन्य आवश्यक व्यवस्थाओं के संबंध में जानकारी ली। उन्होंने बच्चों से पहाड़ पूछा और उन्हें चॉकलेट एवं बिस्किट प्रदान कर प्रोत्साहित किया।
कलेक्टर को अपने बीच पाकर बच्चे आश्चर्यचकित
     स्कूल में उस समय भावुक एवं आश्चर्य जनक माहौल बन गया जब जिला पंचायत सीईओ ने बच्चों से जिले के कलेक्टर का नाम पूछा।  बच्चों ने पूरी तत्परता से कलेक्टर का नाम बताया और भविष्य में उनसे मिलने की इच्छा जताई। लेकिन जब सामने बैठे व्यक्ति ने कलेक्टर के रूप में अपना परिचय दिया तो बच्चे आश्चर्य से उत्साहित हो उठे। उनकी खुशी का ठिकाना नहीं रहा।

    दुर्ग/शौर्यपथ /प्रजापिता ब्रह्माकुमारी ईश्वरीय विश्व विद्यालय द्वारा रक्षाबंधन के पावन पर्व पर प्रजापिता ब्रह्माकुमारी बहनो ने महापौर श्रीमती अलका बाघमार के बगले में पहुँचकर राखी बांधी।
  रक्षाबंधन का संदेश देते हुए महापौर अलका बाघमार ने कहा वैसे तो भारत को त्योहारों व पर्वों का देश कहा जाता है जब भी कोई पर्व या त्यौहार आता है तो सभी के मन में खुशी, उमंग, उत्साह व रिश्तो में एक नई मिठास घुल सी जाती है। रक्षाबंधन का यह पर्व वैसे तो भाई-बहन के स्नेह, सुरक्षा और सम्मान के पर्व के रूप में मनाया जाता है। बहनें, भाई को तिलक लगाती है। राखी बांधती है व मुँह मीठा करती है एवं भाई, बहन को गिप्ट देते हैं व उनके रक्षा का संकल्प लेते हैं।इस अवसर पर ब्रह्माकुमारीज के भाई-बहनों ने अपनी सहभागिता दी।

वोटर लिस्ट को लेकर नेता प्रतिपक्ष राहुल गांधी के द्वारा प्रस्तुत साक्ष्य गंभीर और चिंताजनक
चुनाव आयोग राहुल गांधी के उठाए गए सवालों का जवाब दें
रायपुर/शौर्यपथ / प्रदेश कांग्रेस मुख्यालय राजीव भवन में कांग्रेस के वरिष्ठ नेताओं, पदाधिकारियों ने चुनावी गड़बड़ियों को लेकर की गयी नेता प्रतिपक्ष राहुल गांधी के प्रेस कॉन्फ्रेंस की रिकार्डिंग को फिर से देखा तथा राहुल गांधी के द्वारा दिये गये तथ्यों को तार्किक और गंभीर बताते हुए कहा कि राहुल गांधी के द्वारा दिये गये साक्ष्यों से साफ हो रहा है कि देश की चुनाव प्रणाली में गड़बड़ियां की जा रही है। चुनाव आयोग द्वारा इसका जवाब देश की जनता को देना चाहिए।
अखिल भारतीय कांग्रेस कमेटी के महासचिव श्री केसी वेणुगोपाल के निर्देश पर प्रदेश मुख्यालय में राहुल गांधी के प्रेस कॉन्फ्रेंस की रिकार्डिंग फिर से दिखाई गई। 11 अगस्त को प्रदेश के सभी जिला कांग्रेस कार्यालयों में भी कांग्रेसजनों एवं बुद्धिजीवियों तथा मीडिया के समक्ष राहुल गांधी की 7 अगस्त की प्रेस कॉन्फ्रेंस की रिकार्डिंग दिखाई जायेगी।
कांग्रेस की मांग है कि चुनाव आयोग यदि अपनी निष्पक्षता को प्रमाणित करना और अपनी विश्वसनीयता को पुनःस्थापित करना चाहता है, तो उसे दो स्पष्ट माँगों पर तत्काल कार्रवाई करनी होगीः-
1. चुनाव आयोग को मशीन-पठनीय मतदाता डेटा तत्काल सार्वजनिक करना चाहिए।
2. चुनावी प्रक्रिया से जुड़ी सीसीटीवी फुटेज को सार्वजनिक किया जाना चाहिए।
साथ ही चुनाव आयोग राहुल गांधी के उठाये सवालों का जवाब दे।
आज के कार्यक्रम में पूर्व अध्यक्ष धनेन्द्र साहू, वरिष्ठ नेता सत्यनारायण शर्मा, पूर्व मंत्री ताम्रध्वज साहू, पूर्व मंत्री अमितेश शुक्ल, पूर्व विधायक विकास उपाध्याय, पूर्व सांसद छाया वर्मा, महामंत्री सकलेन कामदार, प्रदेश कांग्रेस संचार विभाग के अध्यक्ष सुशील आनंद शुक्ला, महेंद्र छाबड़ा, प्रमोद दुबे, पंकज शर्मा, प्रदेश कांग्रेस के वरिष्ठ प्रवक्ता धनंजय सिंह ठाकुर, रायपुर ग्रामीण जिला अध्यक्ष उधो वर्मा, पूर्व महापौर एजाज ढेबर, राजेश चौबे, कन्हैया अग्रवाल, युवा कांग्रेस अध्यक्ष, आकाश शर्मा, कांग्रेस सेवादल के अध्यक्ष अरूण ताम्रकार, डॉ. राकेश गुप्ता, डॉ. अजय साहू, श्रीकुमार मेनन, मो. सिद्दीक, सारिक रईस खान, दिलीप चौहान, शब्बीर खान, बबीता नत्थानी, प्रमोद चौबे, नंदलाल देवांगन, रियाज अहमद, योगेन्द्र सोलंकी, इकराम भाई, देवेन्द्र यादव, अरूण जंघेल, सुनील कुकरेजा, सौरभ साहू, डॉ. कमलनयन पटेल, देवकुमार साहू, पल्लवी सिंह, मुकेश चंद्राकर उपस्थित थे।

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