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जगदलपुर, शौर्यपथ। विश्वप्रसिद्ध ऐतिहासिक बस्तर दशहरा पर्व को निर्विघ्न सम्पन्न करवाने के लिए शुक्रवार शाम को जोगी बिठाई की पूजा विधान सीरासार भवन में पूरी की गई। ज्ञातव्य है कि ऐतिहासिक बस्तर दशहरा पर्व को निर्बाध रूप से सम्पन्न करवाने के लिए जिले के भानपुरी तहसील के छोटे आमाबाल निवासी पारम्परिक रूप से निर्धारित परिवार के युवक सदियों से उक्त अनूठी और सर्वाधिक महत्वपूर्ण रस्म को अदा करते हैं। जो दशहरा पर्व को निर्विघ्न संपन्न करवाने के लिए नियत दिवस तक कठोर उपासना में लीन रहते हैं। ऐतिहासिक बस्तर दशहरा पर्व के जोगी बिठाई विधान के मौके पर विधायक जगदलपुर किरण देव सहित क्षेत्र के अन्य जनप्रतिनिधियों सहित पारम्परिक नेतृत्वकर्ता मांझी-चालकी, मेम्बर-मेम्बरीन, नाईक-पाईक, पुजारी, सिरहा-गायता और सेवादार और कलेक्टर हरिस एस. और बस्तर दशहरा समिति के पदाधिकारी तथा जिला प्रशासन के अधिकारी-कर्मचारी तथा बड़ी संख्या में श्रद्धालु गणमान्य नागरिक मौजूद रहे।
नरेश देवांगन कि खास रिपोर्ट
जगदलपुर, शौर्यपथ। दलपत सागर तालाब छत्तीसगढ़ कि सबसे बड़ी कृत्रिम तालाबों में से एक है। 400 वर्ष पहले दलपत देव ने खेतो कि सिचाई के सात ही पशुओ के पानी पिने के उद्देश्य से दलपत सागर का निर्माण करवाया था। इस तालाब के मध्य में एक द्वीप नुमा छोटा सा स्थल है जिस पर प्राचीन मंदिर स्थित है। तालाब 354 एकड़ में फैला है। वर्तमान में दलपत सागर का अस्तित्व यहाँ फैले जलकुम्भी कि वजह से खतरे में है जिसको लेकर नगर निगम लगातार जीणोद्धार के नाम पर करोड़ों रुपये खर्च करने के बाद भी नाकामयाब साबित हो रही है. नगर निगम ने लाखों की लागत से विड हार्वेस्टिंग मशीन खरीदा और हर रोज यह मशीन जलकुंभी निकालने के लिए सागर में चलाई जाती है. इस मशीन में हर महीने लाखों रुपये ईंधन के लिए खर्च होते हैं. बावजूद इसके दलपत सागर में जलकुंभी जस की तस बनी हुई है, जलकुम्भी कि सफाई करने में निगम विफल साबित हो रही है वर्तमान में तलाब के 50 प्रतिशत से भी अधिक जगह में जलकुम्भी फैला है। लेकिन एक चौकाने वाली खबर सामने आ रही है जिस तलाब को सवारने सुधारने के लिए लगातार निगम करोड़ों रुपए खर्च कर रही है उसी निगम के पास जनता के पैसे को किये गए खर्च का हिसाब नहीं है । जबकि पिछली सरकार ने रामवन गमन पथ से जोड़कर इसके सौंदर्यीकरण के लिए करोड़ों का बजट पास किया था. राशि से दलपत सागर में दर्जनों नई लाइट तो लगाए गए और आइलैंड का जिर्णोद्धार किया गया बावजूद इसके भी शहर के वरिष्ठ अधिवक्ता संकल्प दुबे ने निगम से सुचना के अधिकार के तहत दलपत सागर में बीते 15 साल में कितनी राशि मेंटनेस में खर्च कि गई है जानकारी चाही लेकिन निगम ने उन्हें मात्र 2 महीने खर्च कि गई राशि के तस्तावेज उपलब्ध कराये है। जबकि लगातार इस तलाब के जीणोद्धार के लिए राशि ख़र्च किया जाता रहा है ऐसे में खर्च का हिसाब निगम के पास क्यों नहीं है ? इस पुरे मामले कि लिखित शिकायत वरिष्ठ अधिवक्ता संकल्प दुबे ने कलेक्टर को दी है।
शहर के वरिष्ठ अधिवक्ता संकल्प दुबे ने बताया कि उनके द्वारा नगर निगम जगदलपुर से सुचना के अधिकार के तहत एक सामान्य सा सवाल नगर निगम से किया कि पिछले 15 वर्षों में दलपत सागर को क्लीन करने के लिए क्या-क्या स्टेप लिए हैं साथ ही एक और आवेदन किया कि दलपत सागर को सफाई करने में और मेंटेनेंस में कितनी राशि खर्च की गई है जिसकी जानकारी प्राप्त नहीं होने पर प्रथम अपील किया जिसके बाद 2021 के कुछ आधे अधूरे दस्तावेज प्राप्त हुए जिसमें दो से तीन माह के दस्तावेज है. जिसे देखने से पता चल रहा है कि निगम के पास कोई पुक्ता जानकारी नहीं है. जो भी कार्य निगम के माध्यम से हुई है वह जनता के टैक्स के पैसे से कि गई है. जबकि लगातार देखा जा रहा है कि दलपत सागर कि सफाई को लेकर राशि खर्च की जा रही है. इस पुरे मामले कि जानकारी कलेक्टर से मिल एक लिखित शिकायत भी दी है कि आज तक मेंटेनेंस में निगम कितनी राशि खर्च की गई है और क्या-क्या कदम उनके द्वारा उठाए गए इसकी तत्काल जांच होनी चाहिए. इस मामले में कलेक्टर ने तत्काल कार्रवाई करने का आश्वासन दिया है. दलपत सागर हमारे शहर का बहुत पुराना तालाब है शहर की शोभा है लोग अपने हाथों से श्रमदान करते हैं. पब्लिक का पैसा कहां लगाया जा रहा है किस काम में कितना खर्च किया जा रहा है हमारा अधिकार है हम जानकारी प्राप्त करेंगे. रही बात इस मामले की अगर यहां से सही कार्रवाई नहीं होगी तो 'जनहित याचिका (Public Interest Litigation-PIL)' हाईकोर्ट में जल्द फाइल करूंगा।
इस मामले में नगर निगम आयुक्त श्री मंडावी का कहना है कि आरटीआई में बहुत सारे नियम बने हुए हैं. संबंधित व्यक्ति जवाब से संतुष्ट नहीं है तो अपील कर सकता है. दलपत सागर की सफाई के लिए लगातार विड हार्वेस्टिंग मशीन चलाया जा रहा है।
नरेश देवांगन कि खास रेपोर्ट
जगदलपुर, शौर्यपथ।महिलाओं के खिलाफ हिंसा का महिलाओं की सुरक्षा पर दूरगामी प्रभाव पड़ता है, जिसमें उनकी शारीरिक और मनोवैज्ञानिक भलाई भी शामिल है, जो अक्सर श्रम बाजार में शामिल होने और बने रहने की उनकी क्षमता को प्रभावित करती है ऐसी घटना को नियंत्रित करने लिए सरकार कार्यशालाओं, सांस्कृतिक कार्यक्रमों, संगोष्ठियों, प्रशिक्षणों, प्रिंट और इलेक्ट्रॉनिक मीडिया में विज्ञापनों आदि के माध्यम से महिलाओं और उनके अधिकारों से संबंधित विभिन्न कानूनों पर जागरूकता सृजन कार्यक्रम और प्रचार अभियान चलाती है। लेकिन महिलाओं और बच्चों के खिलाफ अपराध की घटनाओं को तब तक नियंत्रित नहीं किया जा सकता जब तक कि आम लोगों की मानसिकता में सकारात्मक बदलाव न आए। ऐसा ही एक मामला स्वास्थ्य विभाग का है जहा एक कर्मचारी ने अपने ही विभाग के महिला कर्मचारी को अकेले में बिना किसी को जानकारी दिए मिलने के लिए अश्लील आपत्तिजनक मैसेज व्हाट्सप्प में लगातार भेजता है, उक्त आरोप महिला कर्मचारी ने लगाया है। जिसकी महिला कर्मचारी ने जिले के अधिकारी को शिकायत कि है। वही इस मामले कि जाँच में महिला कर्मचारी के द्वारा लगाए गए आरोप को टीम ने सही पाया है बावजूद इसके भी अब तक कर्मचारी के ऊपर कार्यवाही नहीं कि गई है। विभाग अपने ही महिला कर्मचारी कि शिकायत पर कार्यवाही करने को लेकर संवेदनशील नहीं दिखाई दे रही है। जिससे जिम्मेदारो पर कई सवाल खड़े हो रहे है।
सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार मामला स्वास्थ्य विभाग के एक कर्मचारी के द्वारा महिला कर्मचारी से अश्लील आपत्तिजनक व्हाट्सप्प में मैसेज कर महिला कर्मचारी को लगातार मैसेज कर चित्रकूट रोड या ओड़िशा रोड़ में किसी अन्य को नहीं बताते हुए मिलने आने को कहता रहा. जिस पर महिला फरवरी 2024 एक लिखित शिकायत जिले के अधिकारी को कि उक्त शिकायत के बाद कर्मचारी ने शिकायत पत्र को विभाग के ऑफिसियल ग्रुप में डाल महिला कर्मचारी कि छवि को धूमिल कर उसकी पहचान सार्वजनिक कर उसे अपमानित किया। शिकायत पे जाँच टीम बनी , लगाए गए महिला कर्मचारी के आरोप को जांच टीम ने सही पाया जिसके बाद उक्त कर्मचारी के विरुद्ध सिविल सेवा (वर्गीकरण नियंत्रण तथा अपील) नियम -1966 के नियम -9 व महिलाओं का कार्यस्थल पर लैंगिक उत्पीड़न (निवारण, प्रतिषेध और प्रतितोष) अधिनियम -2013, यौन उत्पीड़न के प्रावधानों के अनुसार अनुशासनात्मक कार्यवाही किये जाने का प्रस्ताव रखा. इस कार्यवाही को आज लगभग 6 माह से ऊपर हो गए लेकिन उक्त कर्मचारी के ऊपर आरोप सही पाए जाने के बाद भी कार्यवाही जिम्मेदार अधिकारी के द्वारा नहीं किये जाने से जिम्मेदारों पर कई सवाल खड़े हो रहे है. वर्तमान में उक्त कर्मचारी के साथ महिला कर्मचारी भी कार्य कर रही है ऐसे में भविष्य में किसी प्रकार कि अनहोनी घटना होती है तो इसका जिम्मेदार कौन होगा? क्या विभाग कार्यवाही नहीं कर महिला कर्मचारी के सात किसी अप्रिय घटना होने का इंतजार कर रही है?
जगदलपुर, शौर्यपथ। करपावण्ड वन परिक्षेत्र से लगे बार्डर कोलावल के पास उड़ीसा से जीवित पेंगोलिन को बेचने के फिराख से आये 4 लोगो को वन विभाग कि टीम ने पकड़ा। वन विभाग ने आरोपियों के कब्जे से 02 नग मोटर सायकल,1 नग जीवित पेंगोलिन, 5 नग मोबाईल फ़ोन को जप्त कर वन अपराध प्रकरण दर्ज कार्यवाही कि है। वन विभाग कि बड़ी कार्यवाही के पीछे मुख्य वन संरक्षक जगदलपुर कि कार्य के प्रति संवेदनशीलता है। जिन्होंने सुचना मिलते ही सक्रियता दिखाते हुए तत्काल टीम का गठन कर एक बड़ी कार्यवाही को अंजाम दिया है।
वन विभाग से मिली जानकारी के अनुसार विभाग को 29 सितम्बर को मुकबीर से सुचना प्राप्त हुई कि कुछ लोग उड़ीसा से जीवित पेंगोलिन को बेचने के फिराख से उड़ीसा से करपावण्ड वन परिक्षेत्र से लगे बार्डर के समीप आकर ग्राहक तलाश कर रहे है। जिस पर मुख्य वन संरक्षक जगदलपुर आर.सी. दुग्गा के मार्गदर्शन में बस्तर वनमण्डल के वनमण्डलाधिकारी उत्तम कुमार गुप्ता के निर्देशन में तत्काल टीम का गठन कर टीम को सुचना स्थल भेज करपावण्ड कोलावल मार्ग पर घेराबंदी कर 02 मोटर सायकल में एक जूट की थैले में 01 नग जीवित पेंगोलिन के साथ आरोपी (1) रंजीत मलिक, उम्र -45, ग्राम - बेलोंडी, जिला -कोंडागांव(2) मकर भतरा, उम्र -55, ग्राम - बोरीपदर, जिला नवरंगपुर (3) अजय निहालब, उम्र -40, ग्राम - बोरीपदर, जिला नवरंगपुर (4) लबा सुना, उम्र - 42, ग्राम - बोरीपदर, जिला नवरंगपुर चारों आरोपियों को वन विभाग कि टीम ने पकड़ा पूछताछ करने पर आरोपियों ने बताया कि वन्य जीव पेंगोलिन को बेचने के फिराख से उड़ीसा से छ.ग. आकर ग्राहक तलाश कर रहे थे। जिसके बाद वन विभाग कि टीम ने आरोपियों के कब्जे से 02 नग मोटर सायकल,1 नग जीवित पेंगोलिन, 5 नग मोबाईल फ़ोन को जप्त कर करपावण्ड वन परिक्षेत्र कार्यालय लाया गया उक्त आरोपियों के खिलाफ वन अपराध प्रकरण दर्ज कर नियमानुसार कार्यवाही कर आरोपियों को न्यायलय पेश कर जेल भेजा गया ।
इस मामले में उपवनमण्डलाधिकारी जगदलपुर देवलाल दुग्गा, उप वनमण्डलाधिकारी चित्रकोट योगेश कुमार रात्रे, वन परिक्षेत्र अधिकारी माचकोट सुर्यप्रकश धु्रव, वन परिक्षेत्र अधिकारी चित्रकोट प्रकाश ठाकुर, वन परिक्षेत्र अधिकारी जगदलपुर देवेन्द्र वर्मा, वनरक्षक जयराज पात्र, ,सीएफओ जगदलपुर श्रीधर स्नेही कि महत्पूर्ण भूमिका रही।
जगदलपुर, शौर्यपथ। राज्य शासन के निर्देशानुसार कलेक्टर हरिस एस द्वारा 02 अक्टूबर 2024 को गांधी जयंती के अवसर पर बस्तर जिले में स्थित सभी प्रकार की मदिरा दुकानें अर्थात देशी मदिरा सीएस-2 (घघ) और विदेशी मदिरा एफएल-1 (घघ), एफएल-3 (होटल-बार), एफएल-7 (सैनिक कैंटीन) एवं मद्य भंडागार जगदलपुर को 02 अक्टूबर बुधवार को पूर्णतः बन्द रखे जाने आदेशित किया गया है और उक्त आदेश के परिप्रेक्ष्य में नियत दिवस पर मदिरा का विक्रय नहीं होने पाए और न ही किसी भी प्रकार से मदिरा का संव्यहार हो सके, इस हेतु आवश्यक कार्यवाही सुनिश्चित किये जाने के निर्देश सम्बंधित अधिकारियों को दिए गए हैं। इस आदेश का कड़ाई से परिपालन कराये जाने के निर्देश सर्व सम्बंधित अधिकारियों दिए गए हैं।
जगदलपुर, शौर्यपथ। सांसद महेश कश्यप ने मंगलवार को जगदलपुर शहर के धरमपुरा स्थित क्रीड़ा परिसर में ‘स्वच्छता ही सेवा’ पखवाड़ा के तहत आयोजित जिला स्तरीय कार्यक्रम में नागरिकों को स्वच्छता की शपथ दिलाई। कार्यक्रम में महापौर श्रीमती सफीरा साहू, पार्षदगण, कलेक्टर हरिस एस, सीईओ जिला पंचायत प्रकाश सर्वे, आयुक्त नगर निगम हरेश मंडावी और गणमान्य नागरिक, अधिकारी-कर्मचारी, शिक्षक-शिक्षिकाएं, बड़ी संख्या में छात्र-छात्राएं एवं नगर निगम के स्वच्छता दीदियां भी कार्यक्रम में शामिल हुए। इस दौरान क्रीड़ा परिसर एवं कन्या पाॅलिटेक्नीक परिसर की साफ-सफाई किया गया। वहीं छात्र-छात्राओं ने मानव श्रृंखला के जरिए बस्तर एवं गांधी जी के चश्मे की प्रतिकृति बनाकर स्वच्छता का संदेश दिया।
इस मौके पर सांसद श्री कश्यप ने कहा कि राष्ट्रपिता महात्मा गांधी ने स्वच्छता एवं साफ-सफाई को मानव जीवन का जरूरी हिस्सा मानकर इसे पूरे देशवासियों को अपनाने के लिए प्रेरित किया। पूज्य बापूजी की यह प्रेरणास्पद पहल हमारे जीवन के लिए अमूल्य है। प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी बापूजी की इस पहल को हर व्यक्ति तक पहुंचाने के लिए हरसंभव प्रयास कर रहे हैं और शहरों एवं गांवों तक स्वच्छता की अलख जगा रहे हैं। आईये हम सभी अपने शहर, गांव और प्रदेश को स्वच्छ एवं सुंदर बनाने के लिए सक्रिय सहभागिता निभाएं। वहीं अन्य लोगों को भी स्वच्छता एवं साफ-सफाई के प्रति प्रोत्साहित करें। इस मौके पर महापौर श्रीमती सफीरा साहू ने भी उपस्थित सभी लोगों को स्वच्छता एवं साफ-सफाई की दिशा में सजग रहकर सहभागी बनने का आग्रह किया।
ज्ञात हो कि 17 सितंबर से 02 अक्तूबर तक स्वच्छता ही सेवा पखवाड़ा के तहत ‘स्वभाव स्वच्छता-संस्कार स्वच्छता’ की थीम पर राज्य के सभी 184 नगरीय निकायों में विशेष स्वच्छता अभियान चलाया जा रहा है। जिसमें स्वच्छता एवं साफ-सफाई के साथ ही विभिन्न गतिविधियों के माध्यम से लोगों को स्वच्छता के प्रति जागरूक किया जा रहा है।
जगदलपुर, शौर्यपथ। कलेक्टर हरिस एस ने राजस्व अधिकारियों की साप्ताहिक समीक्षा बैठक में कहा कि 6 माह के पहले के धारा 107-(16) के प्रकरणों पर केस दर्ज करने के बाद विशेष ध्यान देकर बाॅड ओवर की कार्यवाही करना सुनिश्चित करें। उन्होंने राजस्व गांव घोषित करने की कार्यवाही में सभी अनुविभागीय अधिकारी एक सप्ताह में सभी प्रक्रिया कर जल्द पूर्ण करवाएं। कलेक्टर ने नजूल के प्रकरणों का लंबित संख्या ज्यादा होने और निराकरण का प्रतिशत कम होने पर न्यायालयवार लंबित प्रकरणों की समीक्षा की। साथ ही डायवर्सन, आरबीसी 6-4, नक्शा बटांकन, गिरदावरी कार्य की प्रगति सहित अन्य राजस्व मामलों की समीक्षा की। मंगलवार को जिला कार्यालय के प्रेरणा सभाकक्ष में राजस्व अधिकारियों की बैठक कलेक्टर श्री हरिस ले रहे थे।
कलेक्टर ने आरबीसी 6-4 के प्रकरणों में समय पर निराकरण की पहल पर जोर दिया और फसल क्षति, मकान क्षति, पशु क्षति में प्राथमिकता से रिपोर्ट तैयार कर तत्काल आर्थिक सहायता देने के हेतु ज्यादा विलंब नहीं करने के निर्देश दिए। उन्होंने फसल कटाई के उपरांत नक्शा बांटाकन के कार्य को एक नवम्बर से कार्यवाही करते हुए जनवरी तक 90 प्रतिशत तक पूर्ण करवाने के निर्देश दिए। इस कार्य हेतु तहसीलवार बैठक लेकर इस कार्य में प्रगति दें कहा गया। बैठक में कलेक्टर ने स्कूली बच्चों का लक्ष्य निर्धारित कर उनके आय, जाति, निवास प्रमाण पत्र बनाने की कार्यवाही करने कहा। इस हेतु राशन कार्ड के आधार पर सत्यापन कर सर्वे प्रारंभ किया जाए। प्रधानमंत्री किसान सम्मान निधि के लिए पटवारी ग्रामीण कृषि विस्तार अधिकारी की संयुक्त बैठक लेकर समीक्षा करने के लिए राजस्व अधिकारियों को निर्देशित किए। बैठक में बस्तर दशहरा की ड्यूटी, मुख्यमंत्री जनदर्शन के प्रकरण और निर्वाचन से संबंधित आवश्यक निर्देश की जानकारी देकर निराकरण करने के निर्देश दिए गए। इस अवसर पर अपर कलेक्टर सीपी बघेल सहित सभी राजस्व अधिकारी उपस्थित थे।
जगदलपुर, शौर्यपथ। कलेक्टर हरिस एस ने कहा कि सिकलसेल जांच का प्रत्येक विकासखण्ड में हजार व्यक्तियों का जांच का लक्ष्य तयकर काम करने की आवश्यकता है। साथ ही आयुष्मान कार्ड बनाने के लक्ष्य में जनपद व स्वास्थ्य विभाग आपसी समन्वय से कार्य को संपन्न करेंगे। इसके लिए 4 गांव का लक्ष्य निर्धारित कर सेचुरेशन करने की पहल की जाएगी, जिसकी प्रतिदिन रिपोटिंग प्रस्तुत किया जाएगा। बैठक में स्वास्थ्य विभाग के योजनाओं क्रियान्वयन की समीक्षा करते हुए आरसीएच इंन्ट्री, टीकाकरण की प्रगति लाने के निर्देश दिए। कलेक्टर श्री हरिस मंगलवार को जिला कार्यालय के प्रेरणा सभाकक्ष में समय-सीमा की बैठक लेकर अधिकारियों को निर्देशित किए। बैठक में कलेक्टर ने मुख्यमंत्री जनदर्शन में एक माह से लंबित प्रकरण का समीक्षा कर संबंधित विभाग के अधिकारियों को निराकरण करने के निर्देश दिए। साथ ही पीजी पोर्टल, नियद नेल्लानार योजना के डेशबोर्ड में 37 सेवाओं का पर विभागों द्वारा सर्वे कर जानकारी अपडेट करने के निर्देश दिए। इसके अलावा विगत दिन हुए मुख्य सचिव के वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग में प्राप्त निर्देशों पर चर्चा कर कार्यवाही करने के निर्देश दिए।
कलेक्टर ने प्रधानमंत्री किसान सम्मान निधि योजनातंर्गत, तीन वर्षो से धान नहीं बेचने वाले कृषकों, सहकारिता विभाग किसान क्रेडिट कार्ड के प्रकरणों का सेक्शन, एनआरएलएम बैंक लिंकेज, डिजिटल आजीविका रजिस्टर, लखपति दीदी पहल, नक्सल प्रभावित या सरेंडर नक्सली को शासकीय योजनाओं की लाभ देने, प्रधानमंत्री आवास योजना ग्रामीण की प्रगति की समीक्षा, आवास प्लस, मनरेगा अन्तर्गत आंगनबाड़ी भवन और उचित मूल्य की दुकान निर्माण की प्रगति की समीक्षा किया गया। इसके अलावा स्चच्छ भारत मिशन के तहत कार्यो, अन्य पिछड़ा वर्ग परिवारों के सर्वे का जानकारी देने, पीडीएस दूकान में खाद्यान भण्डारण की स्थिति, प्रधानमंत्री आदि आदर्श ग्राम योजना, प्रधानमंत्री मातृ वंदना योजना, सुकन्या समृद्धि योजना, पीएम विश्वकर्मा योजना के क्रियान्वयन की भी समीक्षा किए।
कलेक्टर ने हर गांव में मत्स्य पालन के लिए पट्टा आबंटन करने की कार्यवाही करने के साथ-साथ गांव की मछुआ समिति, स्व-सहायता समूह, मछली पालक युवाओं को अवसर देने कहा। इसके लिए जनपद स्तर पर मत्स्य पालकों की जानकारी रखने के निर्देश दिए। उन्होंने जिले में ई.केवाईसी करने के लिए 30 अक्टूबर तक सभी हितग्राहियों का वेरीफाई करवाने के निर्देश दिए। साथ ही बस्तर आदिवासी विकास प्राधिकरण मद के स्वीकृत कार्य की प्रगति का समीक्षा करते हुए प्रगतिरत कार्य को जल्द पूर्ण करवाने कहा। नक्सल हिंसा में पीड़ित को पुनर्वास सहायता योजना के तहत शत-प्रतिशत लाभान्वित करने के निर्देश दिए।
कलेक्टर ने जल-जीवन मिशन विकासखण्डवार कार्य पूर्णता की स्थिति विद्युत कनेक्शन क्रेडा को सोलर कनेक्शन की स्थिति की समीक्षा किए। शासन के निर्देशानुसार आवारा पशुओं और पालतु पशुओं जो मुख्य मार्ग या सड़क पर बेतरदीब बैठे रहते हैं उन पर नियंत्रण हेतु राष्ट्रीय राजमार्ग में मुख्यालय से 40-60 किलोमीटर की दूरी तक पशुओं के चिन्हाकंन हेतु संबंधित क्षेत्र के अनुविभागीय अधिकारी के नेतृत्व में समिति द्वारा गांव या पशु का रोड में बैठने वाले स्थल का चिन्हाकंन करने तथा ग्राम पंचायत स्तर पशुपालक का नाम की सूची तैयार करने की कार्यवाही की जाएगी। पशु पालकों को दो बार चेतावनी के बाद लोकहित अधिनियम के तहत कार्यवाही किया जाएगा। साथ ही आवारापशुओं को धर पकड़कर गौशाला में रखने की कार्यवाही की जाएगी। इसके अलावा बैठक में नशा मुक्ति अभियान, बस्तर ओलपिंक आयोजन व पंजीयन और बस्तर दशहरा के तहत सरस मेला आयोजन के संबंध में भी आवश्यक चर्चा और दिशा निर्देश दिए।
जगदलपुर, शौर्यपथ। अंतरराष्ट्रीय वृद्धजन दिवस के अवसर पर नकटी सेमरा स्थित आशा वृद्धाश्रम में आयोजित वरिष्ठजन सम्मान कार्यक्रम में विधायक जगदलपुर किरणदेव तथा अन्य जनप्रतिनिधियों ने 90 बुजुर्गों को शॉल-श्रीफल भेंटकर सम्मानित किया। वहीं समाज कल्याण विभाग की ओर से 42 वरिष्ठजनों को छड़ी प्रदान किया गया। इस दौरान स्वास्थ्य विभाग द्वारा 51 वरिष्ठजनों का स्वास्थ्य परीक्षण कर उन्हें निःशुल्क दवाई प्रदान करने सहित स्वास्थ्य सम्बन्धी परामर्श दी गई।
इस अवसर पर विधायक किरणदेव ने कहा कि बुजुर्गों की सेवा-सुश्रुषा करना हमारी जिम्मेदारी ही नहीं बल्कि कर्तव्य है। उनके अनुभव और सीख से हमें संस्कार मिलता है और जीवन में आगे बढ़ने के लिए उनका आशीर्वाद हमेशा बना रहता है। इसलिए किसी एक दिन उनका सम्मान करना नहीं अपितु हर दिन उनका आदर कर समुचित देखभाल का दायित्व निभाना चाहिए। उन्होंने कहा कि अंतरराष्ट्रीय वृद्धजन दिवस के अवसर पर बुजुर्गों का सम्मान करने का यह क्षण आत्मिक शांति और अपार खुशी प्रदान कर रहा है। उन्होंने उपस्थित सभी वरिष्ठजनों के स्वस्थ एवं सुखमय जीवन की कामना करते हुए आशीर्वाद देने का आग्रह किया।
उक्त कार्यक्रम में पहुंचे विधायक किरण देव ने वरिष्ठजनों से रूबरू होकर उनकी कुशल क्षेम पूछा। इस मौके पर क्षेत्र के जनप्रतिनिधियों ने भी बुजुर्गों का आदर-सम्मान कर उनकी समुचित देखभाल करने के संस्कार को सदैव बना कर रखने पर बल देते हुए भावी पीढ़ी को इस दिशा में तत्पर रहने कहा। इस दौरान आशा वृद्धाश्रम की संचालक मदर सिनसी ने बताया कि वर्ष 1978 में 04 निसहाय बुजुर्गों की देखभाल से शुरू यह संस्था अब तक 600 से अधिक वरिष्ठजनों को अपनी सेवाएं प्रदान कर चुकी है। शासन की सहायता से संस्था अपने उद्देश्य के अनुरूप संवेदनशील प्रयासों को अनवरत जारी रखने के लिए कटिबद्ध है। इस अवसर पर क्षेत्र के जनप्रतिनिधियों सहित अपर कलेक्टर सीपी बघेल तथा अन्य अधिकारियों के अलावा वरिष्ठजन और आशा वृद्धाश्रम के कार्यकर्ता मौजूद रहे।
जगदलपुर, शौर्यपथ। प्राचीन समय में उपयोग किए जाने वाले वस्तुओं को संग्रहित करने का बीड़ा स्कूली बच्चों ने उठाया है ।और उनके इस कार्य को सहयोग प्रदान किया पालकों ने उन्होंने बच्चों को पूर्वजों के जमाने में घरों में उपयोग करने की सामग्री खेती किसानी के औजार सहित बस्तर वनांचल क्षेत्र में उपयोग की जाने वाली विलुप्त सामग्रियों को सहेजने की जिम्मेदारी दी है और बच्चे उसे बखूबी निभा रहे हैं। जिला मुख्यालय जगदलपुर से महज 35 किलोमीटर दूरी पर स्थित लामकेर संकुल में स्थति प्राथमिक शाला डेंगगुडा पारा झारतरई के पालकों अपने स्कूल के बच्चों को अपने दैनिक जीवन में पूर्वजों के द्वारा उपयोग किए जाने वाली सामग्रियों को सहेजने की जिम्मेदारी दी है। ग्राम के सभी बालकों ने अपने-अपने घरों से बच्चों को वह सामग्रियां उपलब्ध कराई जिसका वह घर पर उपयोग करते थे देखते ही देखते 47 प्रकार की सामग्रियों को संग्रहण कर एक संग्रहालय का निर्माण किया है।
*क्या क्या सामग्री रखी गई है संग्रहालय में*
संग्रहालय में रुई बड़गी, तोसर, कोड़ा, हल, लगडा, पीढ़ा, तुमा, ढूटी, सोढिया, खपरा सांचा, फार, धान भूनने का चम्मच, मुशल, कावड़, सलप, सोडिया टाटी, बैल घंटी, चूल्हा, बेट, बैल नाथ, रेंदा, सीका, सूप, टूकनी, चोलन, कोंडी, पतरी, ककवा, चिमनी, कुसला, सूत आटना, लामन दिया, दही मथनी, मुठला, टार्च, आहरा, परला, लावा जाल, चम्मच, टांगा, गेड़ी, कुश आदि 47 प्रकार की सामग्रियां रखी गई है।
*रुई बढ़गी, तोसर, ढेरा, कोड़ा बना आकर्षण का केंद्र*
संग्रहालय में 47 प्रकार की सामग्रियों को रखा गया है ।और उन सामग्रियों के आगे उनका नाम भी लिखा गया है ।जो आज के नवयुवक हैं ,वह भी आकर इस संग्रहालय में उन सामग्रियों को देख रहे हैं जो उनके पूर्वज उपयोग करते थे ।आज के आधुनिक युग में जहां लोग ट्रैक्टर से खेती का कार्य करते हैं ।लेकिन पुराने समय में जब यह सब सामग्रियां नहीं होती थी। तो कितनी विषम परिस्थितियों में लोग कार्य किया करते थे। इन बातों को भी संग्रहालय में लोगों को समझाया जा रहा है।
रुई बढ़गी, तोसर, ढेरा, कोड़ा आकर्षण का केंद्र केंद्र बना हुआ है। रुई बढ़गी से दही मथना,तोसर का उपयोग कपड़ा बुनने के लिए। ढेरा का उपयोग रस्सी आंटने के लिए कोड़ा का उपयोग जानवर हांकने के लिए किया जाता है। इन सामग्रियों को लोग कौतूहल से देख रहे हैं।
संग्रहालय का शुभारंभ ग्राम के वरिष्ठ नागरिक झड़गू के द्वारा किया गया। उनके द्वारा उपस्थित सभी लोगो को प्रत्येक सामग्री के बारे में विस्तार से जानकारी दी गई। इस अवसर पर संकुल प्राचार्य चरण कश्यप, संकुल समन्वयक धर्मेंद्र अग्रवाणी, संतोष अग्रवाणी, शिक्षक झरना अग्रवाणी , नेहा कश्यप, नजीर खान, देव कुमार नाग, प्रदीप पटेल, उमा राज, गौरी पोर्ते, संध्या वर्मा, ओम प्रकाश ध्रुव, किरण साहू, मंजुला दास, पालक एवम ग्रामीण बलराम, जयराम, खेमराज, बलदेव, रामकुमार, राम प्रसाद, सुलधर, झगडू राम, अंतू राम, लखमू, कमलबती, खीरो, मंगली, मिटकी, कवसिला, पार्वती,गीता, सुकरी,ललिता,सुको, समबती, नीलो, बसंती, रतन,समदू, मदनी, अमीषा, मूनी,भगवती, एलसी, संतोष, सुमनी आदि उपस्थित थे।
*कार्य प्रशसनीय*
बस्तर क्षेत्र अपनी संस्कृति सभ्यता को लेकर जाना जाता है। आज के समय में अपनी संस्कृति को सहेजने का जो कार्य डेंगगुड़ा के स्कूली बच्चों ने उठाया है। वह प्रशंसनीय है।