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नरेश देवांगन कि खास रिपोर्ट
जगदलपुर, शौर्यपथ। दलपत सागर तालाब छत्तीसगढ़ कि सबसे बड़ी कृत्रिम तालाबों में से एक है। 400 वर्ष पहले दलपत देव ने खेतो कि सिचाई के सात ही पशुओ के पानी पिने के उद्देश्य से दलपत सागर का निर्माण करवाया था। इस तालाब के मध्य में एक द्वीप नुमा छोटा सा स्थल है जिस पर प्राचीन मंदिर स्थित है। तालाब 354 एकड़ में फैला है। वर्तमान में दलपत सागर का अस्तित्व यहाँ फैले जलकुम्भी कि वजह से खतरे में है जिसको लेकर नगर निगम लगातार जीणोद्धार के नाम पर करोड़ों रुपये खर्च करने के बाद भी नाकामयाब साबित हो रही है. नगर निगम ने लाखों की लागत से विड हार्वेस्टिंग मशीन खरीदा और हर रोज यह मशीन जलकुंभी निकालने के लिए सागर में चलाई जाती है. इस मशीन में हर महीने लाखों रुपये ईंधन के लिए खर्च होते हैं. बावजूद इसके दलपत सागर में जलकुंभी जस की तस बनी हुई है, जलकुम्भी कि सफाई करने में निगम विफल साबित हो रही है वर्तमान में तलाब के 50 प्रतिशत से भी अधिक जगह में जलकुम्भी फैला है। लेकिन एक चौकाने वाली खबर सामने आ रही है जिस तलाब को सवारने सुधारने के लिए लगातार निगम करोड़ों रुपए खर्च कर रही है उसी निगम के पास जनता के पैसे को किये गए खर्च का हिसाब नहीं है । जबकि पिछली सरकार ने रामवन गमन पथ से जोड़कर इसके सौंदर्यीकरण के लिए करोड़ों का बजट पास किया था. राशि से दलपत सागर में दर्जनों नई लाइट तो लगाए गए और आइलैंड का जिर्णोद्धार किया गया बावजूद इसके भी शहर के वरिष्ठ अधिवक्ता संकल्प दुबे ने निगम से सुचना के अधिकार के तहत दलपत सागर में बीते 15 साल में कितनी राशि मेंटनेस में खर्च कि गई है जानकारी चाही लेकिन निगम ने उन्हें मात्र 2 महीने खर्च कि गई राशि के तस्तावेज उपलब्ध कराये है। जबकि लगातार इस तलाब के जीणोद्धार के लिए राशि ख़र्च किया जाता रहा है ऐसे में खर्च का हिसाब निगम के पास क्यों नहीं है ? इस पुरे मामले कि लिखित शिकायत वरिष्ठ अधिवक्ता संकल्प दुबे ने कलेक्टर को दी है।
शहर के वरिष्ठ अधिवक्ता संकल्प दुबे ने बताया कि उनके द्वारा नगर निगम जगदलपुर से सुचना के अधिकार के तहत एक सामान्य सा सवाल नगर निगम से किया कि पिछले 15 वर्षों में दलपत सागर को क्लीन करने के लिए क्या-क्या स्टेप लिए हैं साथ ही एक और आवेदन किया कि दलपत सागर को सफाई करने में और मेंटेनेंस में कितनी राशि खर्च की गई है जिसकी जानकारी प्राप्त नहीं होने पर प्रथम अपील किया जिसके बाद 2021 के कुछ आधे अधूरे दस्तावेज प्राप्त हुए जिसमें दो से तीन माह के दस्तावेज है. जिसे देखने से पता चल रहा है कि निगम के पास कोई पुक्ता जानकारी नहीं है. जो भी कार्य निगम के माध्यम से हुई है वह जनता के टैक्स के पैसे से कि गई है. जबकि लगातार देखा जा रहा है कि दलपत सागर कि सफाई को लेकर राशि खर्च की जा रही है. इस पुरे मामले कि जानकारी कलेक्टर से मिल एक लिखित शिकायत भी दी है कि आज तक मेंटेनेंस में निगम कितनी राशि खर्च की गई है और क्या-क्या कदम उनके द्वारा उठाए गए इसकी तत्काल जांच होनी चाहिए. इस मामले में कलेक्टर ने तत्काल कार्रवाई करने का आश्वासन दिया है. दलपत सागर हमारे शहर का बहुत पुराना तालाब है शहर की शोभा है लोग अपने हाथों से श्रमदान करते हैं. पब्लिक का पैसा कहां लगाया जा रहा है किस काम में कितना खर्च किया जा रहा है हमारा अधिकार है हम जानकारी प्राप्त करेंगे. रही बात इस मामले की अगर यहां से सही कार्रवाई नहीं होगी तो 'जनहित याचिका (Public Interest Litigation-PIL)' हाईकोर्ट में जल्द फाइल करूंगा।
इस मामले में नगर निगम आयुक्त श्री मंडावी का कहना है कि आरटीआई में बहुत सारे नियम बने हुए हैं. संबंधित व्यक्ति जवाब से संतुष्ट नहीं है तो अपील कर सकता है. दलपत सागर की सफाई के लिए लगातार विड हार्वेस्टिंग मशीन चलाया जा रहा है।
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