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जगदलपुर / शौर्यपथ / वैश्विक महामारी के लगातार बढ़ रहे संक्रमण ने महतारी एक्सप्रेस 102 कर्मचारियों का कार्य भी बड़ा दिया है| आजकल कोरोना संक्रमण के डर से लोग अस्पताल और स्वास्थ्य केन्द्रों में जाने से कतरा रहे हैं तो कर्मचारियों को पहले उनकी समझाइश भी करनी पड़ रही है | बस्तर के दूरस्थ क्षेत्रों में कार्यरत महतारी एक्सप्रेस 102 के कर्मचारी कोरोना वारियर बनकर अपनी विशेष भूमिका निभा रहे हैं। यहां 102 के कर्मचारी संक्रमित क्वारंटाइन सेंटरों में भी पहुंचकर मरीजों सहित गर्भवती महिलाओं को अस्पताल पहुंचाने में जुटे है। साथ ही अस्पतालों में उपचार के बाद स्वस्थ्य होने पर उन्हें घर तक पहुंचाकर अपनी जिम्मेदारी का बखूबी निर्वहन करने में जुटे हैं।
महतारी एक्सप्रेस 102 के पायलट और ईएमटी की टीम 24 घंटे सेवा दे रहे हैं। कोरोना वायरस से बचाव में महतारी एक्सप्रेस के कर्मचारी हर बार उपयोग में लाने से पहले एम्बुलेंस को सेनेटाइज कर साफ सफाई का पूरा ध्यान रखते है। साथ ही डिलेवरी महिलाओं के अलावा क्वारंटाइन मरीज को अस्पताल पहुंचाने व घर पहुंचाते समय 102 महतारी एक्सप्रेस को प्रत्येक बार सैनिटाइज किया जा रहा है। साथ ही प्रत्येक मरीजों को संक्रमण की रोकथाम व बचाव के लिए समझाइश देते हुए ग्लब्स व मास्क पहनाया जाता है।
बस्तर जिला मुख्यालय से 50 किमी दूर भानपुरी सीएचसी के अंतर्गत आने वाले मुंडागांव प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र में तैनात महतारी एक्सप्रेस के पायलट रामफल बंजारे ने बताया सूदूर जंगल के इलाकों में पहुंच विहिन मार्गों से होकर डिलवरी के लिए गर्भवती महिला का लेबर पेन होने की सूचना कॉल सेंटर से मिलने पर एम्बुलेंस लेकर 30 मिनट में हितग्राही के घर पहुंचने की कोशिश रहती है। पायलेट श्री बंजारे ने बताया प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र से 20 से 25 किमी की दूर गांव होता है। सुबह 8 बजे से रात 8 बजे तक 12 घंटे की डयूटी करते हैं। वे चार साल से पायलट यानी एम्बुलेंस के ड्राइवर की नौकरी कर रहे हैं। ईएमटी घनश्याम बर्मन ने कहा ये उनका सौभाग्य है ऐसे दुरस्थ अंचल में जरुरतमंदों तक दिन रात कभी भी इमेंरजेंसी सेवा देते हैं। जब किसी गांव में पहुंचते हैं तो लोग डॉक्टर साहब कहकर पुकारने लगते हैं। मरीज की गंभीर हालत में लोगों उनकों किसी फिल्म नायक की तरह समझ कर सम्मान देते हैं।
लॉकडाउन के दौरान मई महीने में पारापुर भंडामपुर ( चित्रकोट) निवासी फूलो बाई (28) के प्रसव पीड़ा का कॉल आया| जैसे ही महतारी एक्सप्रेस की टीम पहुंची इमेंरजेंसी मेडिकल टेक्निशयन घनश्याम बर्मन ने महिला की जांच की । प्रसव पीड़ा ज्यादा होने की वजह से मितानिन और स्थानीय महिलायों की मदद से घर पर ही डिलवरी करवाई गयी| प्रसूता ने जुड़वा बच्चों को जन्म दिया। बच्चा व जच्चा स्वस्थ्य होने पर एम्बुलेंस की टीम लोहांडीगुड़ा अस्पताल लेकर आयी जहाँ प्रभारी चिकित्सक द्वारा जांच व प्रसव बाद की दवाईयां दी गई। दूसरी टीम में गजेंद्र सिंह ईएमटी व पायलट मयाराम धुव्र महतारी एक्सप्रेस में सेवा देते हैं।
वहीं हेल्थ एवं वेलनेस सेंटर मुंडागांव पीएचसी के प्रभारी चिकित्सक रोशन वर्मा (आरएमओ) ने बताया रेफरल केस में 50 किमी दूरी के दायरे में जिला मुख्यालय जगदलपुर में सिविल अस्पताल व मेडिकल कॉलेज तक इमेंरजेंसी में सेवा देकर मरीजों की जान बचाने का कार्य करते हैं। इन एम्बुलेंस से गर्भवती महिलाओं के उपचार के लिए उन्हें हॉस्पिटल तक मुफ्त लाया जाता है और वापस घर तक छोड़ा जाता है| महिने में 10 से 12 नार्मल डिलवरी कराया करवाई जाती है। डिलवरी के बाद जच्चा – बच्चा की जांच के बाद टीकाकारण भी किया जाता है।
आरएमओ रोशन वर्मा ने बताया पिछले साल 179 सुरक्षित डिलवरी करवाई गयी थी । एम्बुलेंस की सुविधा मिलने से ग्रामीण क्षेत्र के हाई रिस्क प्रेग्नेंसी की 2 प्रतिशत मामलों को रेफर किया जाता है। श्री वर्मा ने बताया कोरोना संक्रमण को लेकर सहमें लोग जब अस्पताल आने से कतरा रहे हैं तब महतारी एक्सप्रेस की टीम ने मोर्चा संभाला और गर्भवती महिलाओं को समझाकर अस्पताल में संस्थागत डिलवरी कराने प्रोत्साहित किया।
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