March 25, 2025
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धर्म संसार / शौर्यपथ / प्रभु यीशु के जन्म की ख़ुशी में मनाया जाने वाला क्रिसमस का त्योहार पूरी दुनिया में मनाया जाता है। यह त्योहार कई मायनों में बेहद खास है। क्रिसमस को बड़ा दिन, सेंट स्टीफेंस डे या फीस्ट ऑफ़ सेंट स्टीफेंस भी कहा जाता है। प्रभु यीशु ने दुनिया को प्यार और इंसानियत की शिक्षा दी। उन्होंने लोगों को प्रेम और भाईचारे के साथ रहने का संदेश दिया। प्रभु यीशु को ईश्वर का इकलौता प्यारा पुत्र माना जाता है। इस त्योहार से कई रोचक तथ्य जुड़े हैं। आइए जानते हैं इनके बारे में।
क्रिसमस ऐसा त्योहार है जिसे हर धर्म के लोग उत्साह से मनाते हैं। यह एकमात्र ऐसा त्योहार है जिस दिन लगभग पूरे विश्व में अवकाश रहता है। 25 दिसंबर को मनाया जाने वाला यह त्योहार आर्मीनियाई अपोस्टोलिक चर्च में 6 जनवरी को मनाया जाता है। कई देशों में क्रिसमस का अगला दिन 26 दिसंबर बॉक्सिंग डे के रूप मे मनाया जाता है। क्रिसमस पर सांता क्लॉज़ को लेकर मान्यता है कि चौथी शताब्दी में संत निकोलस जो तुर्की के मीरा नामक शहर के बिशप थे, वही सांता थे। वह गरीबों की हमेशा मदद करते थे उनको उपहार देते थे। क्रिसमस के तीन पारंपरिक रंग हैं हरा, लाल और सुनहरा। हरा रंग जीवन का प्रतीक है, जबकि लाल रंग ईसा मसीह के रक्त और सुनहरा रंग रोशनी का प्रतीक है। क्रिसमस की रात को जादुई रात कहा जाता है। माना जाता है कि इस रात सच्चे दिल वाले लोग जानवरों की बोली को समझ सकते हैं। क्रिसमस पर घर के आंगन में क्रिसमस ट्री लगाया जाता है। क्रिसमस ट्री को दक्षिण पूर्व दिशा में लगाना शुभ माना जाता है। फेंगशुई के मुताबिक ऐसा करने से घर में सुख समृद्धि आती है। पोलैंड में मकड़ी के जालों से क्रिसमस ट्री को सजाने की परंपरा है। मान्यता है कि मकड़ी ने सबसे पहले जीसस के लिए कंबल बुना था।

छत्तीसगढ़ विधानसभा ने संसदीय परंपराओं में रचा अनुशासन और आदर्श का इतिहास : विधानसभा अध्यक्ष डॉ. रमन सिंह

रायपुर /शौर्यपथ / मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय ने आज छत्तीसगढ़ विधानसभा के रजत जयंती समारोह के अवसर पर प्रदेशवासियों की ओर से भारत की राष्ट्रपति श्रीमती द्रौपदी मुर्मु का आत्मीय स्वागत करते हुए कहा कि यह हम सभी का सौभाग्य है कि जब छत्तीसगढ़ विधानसभा अपने गौरवशाली 25 वर्षों का उत्सव मना रही है, तब देश की प्रथम नागरिक हमारे बीच उपस्थित हैं। उन्होंने कहा कि वर्ष 2000 में भारत रत्न स्वर्गीय श्री अटल बिहारी वाजपेयी जी के नेतृत्व में बने छत्तीसगढ़ का रजत वर्ष संयोग से उनके जन्मशताब्दी वर्ष में पड़ रहा है, जिसे हम अटल निर्माण वर्ष के रूप में मना रहे हैं।

   मुख्यमंत्री साय ने कहा कि हमारी विधानसभा की 25 वर्षों की यात्रा लोकतंत्र की सुदृढ़ परंपराओं की प्रतीक है। वैदिक काल से चले आ रहे भारतीय लोकतंत्र को छत्तीसगढ़ ने अपने कार्यों से मजबूत किया है। सदन में जनहितकारी विषयों पर गंभीर चर्चाएं, सशक्त विमर्श और स्वस्थ वातावरण में लिए गए निर्णय, हमारी संसदीय संस्कृति को समृद्ध करते हैं। उन्होंने कहा कि छत्तीसगढ़ विधानसभा ने केवल विधायी कार्य ही नहीं, बल्कि प्रतिनिधियों के नेतृत्व विकास को भी प्राथमिकता दी है। मुख्यमंत्री विष्णु देव साय ने कहा कि हमारे माननीय प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी जी कहते हैं कि सीखने की प्रक्रिया निरंतर चलनी चाहिए। हाल ही में विधानसभा सदस्यों के लिए आईआईएम रायपुर में आयोजित पब्लिक लीडरशिप प्रोग्राम इसका उदाहरण है, जहाँ नेतृत्व और प्रशासन के महत्वपूर्ण पहलुओं पर प्रशिक्षण दिया गया। उन्होंने कहा कि हम सभी मिलकर विकसित भारत और विकसित छत्तीसगढ़ के निर्माण के लिए संकल्पबद्ध हैं।

विधान सभा अध्यक्ष डॉ. रमन सिंह ने राष्ट्रपति श्रीमती द्रौपदी मुर्मु का स्वागत करते हुए कहा कि छत्तीसगढ़ विधानसभा को यह गौरव प्राप्त है कि तीसरी बार भारत के राष्ट्रपति ने सदन को संबोधित किया है। इससे पहले स्वर्गीय डॉ. एपीजे अब्दुल कलाम और श्रीमती प्रतिभा देवी सिंह पाटिल विधानसभा को संबोधित कर चुके हैं। उन्होंने राष्ट्रपति मुर्मु जी के सरल, संघर्षशील और प्रेरणादायक जीवन को देश की महिलाओं, जनप्रतिनिधियों और युवाओं के लिए प्रेरणा स्रोत बताया। उन्होंने छत्तीसगढ़ विधान सभा की 25 वर्ष की यात्रा को लोकतांत्रिक मूल्यों की सुदृढ़ता की यात्रा बताया। उन्होंने कहा कि सदन में ‘स्वअनुशासन’ की परंपरा स्थापित की गई, जहां सदस्यों ने स्वयं बनाए नियमों का पालन कर पूरे देश के लिए उदाहरण प्रस्तुत किया।

 डॉ. सिंह ने बताया कि छत्तीसगढ़ विधानसभा ने संसदीय गतिविधियों के क्षेत्र में राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय पहचान बनाई है। उन्होंने उल्लेख किया कि छत्तीसगढ़ विधानसभा ने 2011 में लोक सेवा गारंटी अधिनियम, और 2012 में खाद्य सुरक्षा अधिनियम पारित किए, जो अंत्योदय और समावेशी विकास के प्रतीक हैं। डॉ. रमन सिंह ने बताया कि शीघ्र ही विधानसभा नया रायपुर स्थित नवीन भवन में स्थानांतरित होगी। उन्होंने राष्ट्रपति जी की उपस्थिति को सदन की स्मृतियों में एक अमिट अध्याय बताया। उन्होंने कहा कि विधानसभा में सदन में उत्कृष्ट प्रदर्शन करने वाले जनप्रतिनिधियों और पत्रकारों को नियमित रूप से पुरस्कार व सम्मान दिया जाता है, जो लोकतांत्रिक चेतना को सुदृढ़ करते हैं।

 नेता प्रतिपक्ष डॉ. चरणदास महंत ने भारत की राष्ट्रपति श्रीमती द्रौपदी मुर्मु का हृदय से स्वागत करते हुए उन्हें संघर्ष, सादगी और सेवा की प्रतीक बताया। उन्होंने कहा कि राष्ट्रपति जी का जीवन पूरे देश के लिए प्रेरणास्रोत है। उन्होंने राष्ट्रपति श्रीमती मुर्मु की उपस्थिति को ऐतिहासिक बताते हुए आभार व्यक्त किया और कहा कि हम सब उनके वचनों से प्रेरणा लेकर छत्तीसगढ़ के विकास में एकजुटता से कार्य करेंगे। 

इस अवसर पर राज्यपाल श्री रमेन डेका ने विधानसभा सदस्य संदर्भ पुस्तिका का विमोचन किया और राष्ट्रपति श्रीमती द्रौपदी मुर्म को पुस्तिका की प्रथम प्रति भेंट की। 

रजत जयंती समारोह के अवसर पर मंत्रीमंडल के सभी मंत्रीगण एवं विधानसभा के सभी सदस्यगण उपस्थित थे।

फील्ड विजिट कर समस्याओं का मौके पर समाधान सुनिश्चित करें अधिकारी- मुख्यमंत्री  साय

15 दिवसीय विशेष अभियान : हैंडपंप और सार्वजनिक नलों की मरम्मत

रायपुर / शौर्यपथ / मुख्यमंत्री  विष्णु देव साय ने कहा कि ग्रीष्मकाल में प्रदेश के प्रत्येक नागरिक तक निर्बाध और सुरक्षित पेयजल पहुंचाना हमारी प्राथमिक जिम्मेदारी है। इसके लिए सभी विभागों के बीच समन्वय और जनसहभागिता अनिवार्य है। उन्होंने ज़ोर देकर कहा कि जल संकट से निपटने के लिए जल संरक्षण की दिशा में ठोस और निर्णायक कदम उठाए जाने की आवश्यकता है, जिससे आने वाले समय में प्रदेश जल संकट की किसी भी स्थिति से सुरक्षित रह सके। मुख्यमंत्री श्री साय मंत्रालय में आयोजित लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी एवं जल संसाधन विभाग की उच्चस्तरीय समीक्षा बैठक को संबोधित कर रहे थे। 

मुख्यमंत्री श्री साय ने अधिकारियों को निर्देशित किया कि ग्रीष्म ऋतु के दौरान प्रदेशभर में पेयजल की समुचित और सतत उपलब्धता सुनिश्चित करने के लिए सभी जरूरी उपायों को प्राथमिकता पर क्रियान्वित किया जाए।

मुख्यमंत्री श्री साय ने ग्रीष्मकालीन परिस्थितियों को ध्यान में रखते हुए प्रदेशभर में पेयजल की उपलब्धता को राज्य सरकार की सर्वोच्च प्राथमिकता घोषित किया है। उन्होंने संबंधित अधिकारियों को स्पष्ट निर्देश दिए कि जल संकट की किसी भी संभावना को गंभीरता से लेते हुए त्वरित और समन्वित कार्रवाई सुनिश्चित की जाए। मुख्यमंत्री ने इस दिशा में ग्रामीण विकास, नगरीय प्रशासन, ऊर्जा, वन एवं कृषि विभाग को परस्पर तालमेल के साथ कार्य करने के निर्देश दिए।

उन्होंने कहा कि प्रदेश में उत्पन्न हो रही पेयजल समस्याओं के समाधान हेतु अल्पकालिक और दीर्घकालिक रणनीतियाँ समान रूप से आवश्यक हैं। इसके लिए उन्होंने जल संरक्षण के प्रभावी उपायों जैसे रिचार्ज पिट, रेन वॉटर हार्वेस्टिंग और सौर ऊर्जा आधारित पंपों को तेजी से बढ़ावा देने पर बल दिया। साथ ही, उन्होंने भूजल के अनियंत्रित दोहन पर सख्त निगरानी रखने और कम जल-खपत वाली फसलों की खेती को प्रोत्साहन देने के निर्देश दिए, जिससे जल संसाधनों का संतुलित उपयोग सुनिश्चित हो सके।

मुख्यमंत्री श्री साय ने अधिकारियों को निर्देश दिए कि वे केवल कार्यालयों तक सीमित न रहते हुए, फील्ड में जाकर स्वयं स्थिति का आकलन करें और स्थल पर ही पेयजल संबंधी समस्याओं का त्वरित समाधान सुनिश्चित करें।

मुख्यमंत्री ने निर्देश दिए कि आगामी 15 दिनों के भीतर प्रदेशभर में विशेष अभियान चलाकर सभी हैंडपंपों और सार्वजनिक नलों की मरम्मत सुनिश्चित की जाए। उन्होंने कहा कि अनेक स्थानों पर हैंडपंपों में केवल मामूली तकनीकी समस्याएँ होती हैं, जिन्हें यदि समय रहते स्थानीय मैकेनिक द्वारा दुरुस्त किया जाए, तो नागरिकों को अनावश्यक परेशानी से बचाया जा सकता है।

बैठक के दौरान यह जानकारी दी गई कि राज्य सरकार ने इस कार्य के त्वरित निष्पादन हेतु पूरे प्रदेश में मोबाइल वैन यूनिट्स की विशेष व्यवस्था की है, जो आगामी चार महीनों तक फील्ड में सक्रिय रहकर रखरखाव और मरम्मत का कार्य प्राथमिकता से संपादित करेंगी।

मुख्यमंत्री श्री साय ने कहा कि प्रदेश के पर्वतीय और मैदानी दोनों क्षेत्रों में स्वच्छ पेयजल की सतत उपलब्धता सुनिश्चित करना राज्य सरकार की प्राथमिक जिम्मेदारी है। उन्होंने अधिकारियों से कहा कि इसके लिए स्थानीय भू-प्राकृतिक परिस्थितियों के अनुरूप जल संरक्षण उपायों को बढ़ावा दिया जाए, ताकि दीर्घकालिक समाधान सुनिश्चित किया जा सके। उन्होंने वन्य प्राणियों के लिए गर्मी के मौसम में जल की उपलब्धता सुनिश्चित करने के भी स्पष्ट निर्देश दिए।

मुख्यमंत्री ने यह भी निर्देशित किया कि प्रदेशभर में अमृत सरोवरों को जल प्रबंधन के मॉडल के रूप में विकसित किया जाए, ताकि वे जल संग्रहण, वर्षा जल संरक्षण और सामुदायिक भागीदारी के सफल उदाहरण बन सकें। उन्होंने तालाबों और जलाशयों के आसपास हो रहे अतिक्रमण को प्राथमिकता से हटाने की आवश्यकता पर बल देते हुए कहा कि जलस्रोतों की रक्षा करना केवल प्रशासनिक दायित्व नहीं, बल्कि सामूहिक सामाजिक जिम्मेदारी भी है।

मुख्यमंत्री श्री साय ने सौर ऊर्जा आधारित पेयजल योजनाओं के संचालन और रखरखाव की प्रक्रिया को तीव्र गति से क्रियान्वित करने के निर्देश दिए। उन्होंने कहा कि इन योजनाओं के प्रभावी कार्यान्वयन से जल स्रोतों के अपव्यय को नियंत्रित किया जा सकता है और ऊर्जा की बचत भी सुनिश्चित होती है। मुख्यमंत्री ने विशेष रूप से इस बात पर बल दिया कि सोलर पेयजल योजनाओं में 'सेंसर आधारित स्वचालित प्रणाली' लागू की जाए, जिससे जल वितरण की निगरानी और नियंत्रण तकनीकी रूप से संभव हो सके और स्मार्ट जल प्रबंधन प्रणाली की दिशा में राज्य एक महत्वपूर्ण कदम आगे बढ़ाए।

मुख्यमंत्री ने पंचायती राज संस्थाओं की भूमिका को जल संरक्षण के क्षेत्र में अत्यंत महत्वपूर्ण बताते हुए कहा कि ग्राम स्तर पर जनजागरूकता और सहभागिता ही जल संकट का दीर्घकालिक समाधान है। उन्होंने निर्देश दिए कि ग्राम सभाओं में जल संरक्षण, भूजल प्रबंधन और निस्तारी जल योजनाओं पर व्यापक चर्चा सुनिश्चित की जाए, ताकि समुदाय स्तर पर ठोस पहल हो सके। मुख्यमंत्री ने पंचायत एवं ग्रामीण विकास विभाग को इन गतिविधियों के सुनियोजित क्रियान्वयन और ग्राम पंचायतों की सक्रिय भागीदारी सुनिश्चित करने के लिए विशेष रूप से निर्देशित किया।

इस उच्चस्तरीय बैठक में उपमुख्यमंत्री श्री अरुण साव, श्री विजय शर्मा, मुख्य सचिव श्री अमिताभ जैन, मुख्यमंत्री के प्रमुख सचिव श्री सुबोध सिंह, पंचायत एवं ग्रामीण विकास विभाग की प्रमुख सचिव श्रीमती निहारिका बारिक, लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी विभाग के सचिव श्री मोहम्मद कैसर अब्दुल हक, जल संसाधन विभाग के सचिव श्री राजेश सुकुमार टोप्पो और कृषि, वन, जलवायु परिवर्तन एवं ऊर्जा विभाग के अधिकारी उपस्थित थे।

स्थानीय लोगों को नक्सल हिंसा से निजात दिलाने में मिलेगी मदद , पिछले एक साल में ९२ मओवादियो ने किया आत्मसमर्पण नारायणपुर / शौर्यपथ /(संवाददाता -हरिया सोनी) साय सरकार की…

डॉ. श्यामा प्रसाद मुखर्जी स्टेडियम में 27 मार्च को होगा कार्यक्रम का आयोजन
मुंगेली/शौर्यपथ /कलेक्टर राहुल देव के निर्देशानुसार जिला पंचायत सीईओ श्री प्रभाकर पाण्डेय ने डॉ. श्यामा प्रसाद मुखर्जी स्टेडियम में 27 मार्च को आगामी सामूहिक कन्या विवाह कार्यक्रम की तैयारियों का निरीक्षण किया। उन्होंने टेंट एवं पंडाल, विद्युत, बैठक, साउंड सिस्टम, पार्किंग और अन्य व्यवस्थाओं को समय-सीमा के भीतर पूर्ण करने के निर्देश दिए। सीईओ पाण्डेय ने अधिकारियों से कहा कि कार्यक्रम गरिमामय वातावरण में संपन्न हो। उन्होंने सभी व्यवस्थाएं सुव्यवस्थित और सुचारू रूप से संचालित करने के निर्देश दिए। इस अवसर पर अपर कलेक्टर श्रीमती मेनका प्रधान, डिप्टी कलेक्टर श्री अजय शतरंज सहित संबंधित अधिकारी मौजूद रहे।
     बता दें कि 27 मार्च को आयोजित होने वाले इस सामूहिक विवाह समारोह में 152 जोड़े विवाह बंधन में बंधेंगे। कार्यक्रम में केंद्रीय राज्यमंत्री तोखन साहू, उप मुख्यमंत्री  अरुण साव, मुंगेली विधायक पुन्नूलाल मोहले, बिल्हा विधायक  धरमलाल कौशिक, जिला पंचायत अध्यक्ष श्रीकांत पाण्डेय, उपाध्यक्ष श्रीमती शांति देवचरण भास्कर सहित अन्य जनप्रतिनिधि, गणमान्य नागरिक एवं बड़ी संख्या में लोग शामिल होंगे।

विभागीय योजनाओं एवं गतिविधियों का बेहतर क्रियान्वयन करने के दिए निर्देश
मुंगेली /शौर्यपथ /कलेक्टर राहुल देव ने जिला कलेक्टोरेट स्थित मनियारी सभाकक्ष में समय-सीमा की बैठक ली। बैठक में उन्होंने विभागीय योजनाओं एवं गतिविधियों के प्रगति के संबंध में विस्तार से जानकारी ली और जिले में बेहतर क्रियान्वयन करने के निर्देश दिए। कलेक्टर ने ग्रीष्मकाल में बढ़ते तापमान, गर्मी एवं भूमिगत जलस्तर नीचे गिरने की समस्या को संज्ञान में लेते नगरीय निकायों में सभी सीएमओ को वार्डाें का भ्रमण कर पानी की समस्या का जायजा लेने और उचित व्यवस्था करने के निर्देश दिए। साथ ही ग्रामीण क्षेत्रों में जल की उचित व्यवस्था एवं प्रबंधन करने के निर्देश संबंधित अधिकारियों को दिए। लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी विभाग के कार्यपालन अभियंता श्री कुन्दन राणा ने बताया कि जिले में जल की समस्या वाले 139 गांवों का चिन्हांकन कर पानी पहुंचाने की वैकल्पिक व्यवस्था की जा रही है।
आर.टी.ई. अंतर्गत प्रवेश के लिए पैसे मांगने पर करें शिकायत
     कलेक्टर देव ने शिक्षा का अधिकार (आर.टी.ई.) के अंतर्गत प्रवेश प्रक्रिया की जानकारी लेते हुए पात्र बच्चों को पूरी पारदर्शिता के साथ प्रवेश देने के निर्देश दिए। उन्होंने कहा कि जिला प्रशासन द्वारा आर.टी.ई. अंतर्गत प्रवेश के लिए पैसे मांगने पर शिकायत हेतु हेल्पलाईन नंबर 9406275513, 9406275534, 9406275514, 8641002203 जारी किया गया है। किसी अधिकारी द्वारा पैसे की मांग करने पर कॉल सेंटर के उक्त नम्बर पर कोई भी व्यक्ति शिकायत कर सकते हैं। कलेक्टर ने आयुष्मान एवं वय वंदना कार्ड और वृद्धावस्था पेंशन कार्ड बनाने के प्रगति के संबंध में जानकारी ली और सभी पात्र हितग्राहियों का कार्ड बनाने पूरी संवेदनशीलता एवं तत्परता से कार्य करने के लिए प्रोत्साहित किया। उन्होंने मुख्यमंत्री कन्या विवाह प्रोत्साहन योजना के अंतर्गत सामूहिक विवाह कार्यक्रम की तैयारी के संबंध में जानकारी ली तथा गरिमामय आयोजन के लिए आवश्यक दिशा निर्देश दिए। कलेक्टर ने लोरमी कॉलेज से खाम्ही तक सड़क निर्माण तथा मुंगेली से फास्टरपुर नेशनल हाईवे निर्माण की प्रगति के संबंध में जानकारी ली और समय-सीमा में पूरा करने के लिए निर्देश दिए।
राजस्व प्रकरणों के निराकरण में धीमी प्रगति पर नायब तहसीलदार को नोटिस जारी
      कलेक्टर ने नामांतरण, बटांकन, सीमांकन आदि राजस्व प्रकरणों की विस्तार से समीक्षा की और पथरिया में राजस्व प्रकरणों के निराकरण की धीमी प्रगति पर संबंधित नायब तहसीलदार श्री चंद्रकांत चंद्रवंशी को शोकाज नोटिस जारी करने के निर्देश दिए। इसी प्रकार उन्होंने प्रधानमंत्री आदर्श ग्राम योजना, पीएम जनजाति उत्कर्ष महाभियान, चिराग परियोजना, कलेक्टर के समक्ष एवं जनदर्शन के महत्वपूर्ण प्रकरण, किसान कार्ड पंजीयन, सरपंचों का प्रशिक्षण, धान उठाव की स्थिति, शिक्षा एवं स्वास्थ्य विषय पर विस्तार से चर्चा करते हुए लक्ष्य के अनुरूप समय-सीमा में आवश्यक प्रगति लाने के निर्देश दिए। बैठक में जिला पंचायत सीईओ श्री प्रभाकर पाण्डेय, अपर कलेक्टर श्रीमती मेनका प्रधान, मुंगेली एसडीएम श्रीमती पार्वती पटेल, लोरमी एसडीएम श्री अजीत पुजारी, पथरिया एसडीएम श्री बी.आर.ठाकुर सहित सभी विभागों के जिला स्तरीय अधिकारी मौजूद रहे।

दुर्ग/शौर्यपथ /नगर पालिक निगम सीमा क्षेत्र अंतर्गत निगम कार्यालय में टैक्स काउंटर पर सुबह से देर शाम तक टैक्स पटाने के लिए लोगो की भारी भीड़ टैक्स पटाने के लिए करदाता बहाए पसीना।भीड़ को देखते हुए आयुक्त सुमित अग्रवाल ने मुख्य कार्यालय गेट के पास टैक्स जमा करने वाले लोगो के लिए काउंटर स्थापित किया है।आयुक्त सुमित अग्रवाल ने टैक्स काउंटर का राजस्व अधिकारी आरके बोरकर,सहायक राजस्व निरीक्षक शुभम गोइर,जलकार्य निरीक्षक राजू लाल चन्द्राकर की उपस्थिति में निरीक्षण कर राजस्व विभाग टैक्स काउंटर में टैक्स संबंधित जांच की।उन्होंने
  लोगो की सुविधा के लिए शामियाना और पेयजल की व्यवस्था के  लिए भी निर्देश दिए।उन्होंने कहा मार्च महीने के कारण निगम में विभिन्न प्रकार के टैक्स जमा करने वाले लोगो सुविधा देने के निर्देश दिए।मार्च माह को खत्म होने सिर्फ अंतिम 7 दिन बचे है।ऐसे में करदाता एक हज़ार पेनाल्टी के डर से निगम टैक्स काउंटर में कर दाताओं की उमड़ी भीड़,आयुक्त ने निरीक्षण कर करदाताओं से बात कर कहाँ अपना टैक्स लाइन में रहकर आराम से टैक्स जमा करें।39 करोड़ के लक्ष्य में 33 करोड़ से अधिक टैक्स वसूली भी हो चुकी है।निगम दफ्तर के काउंटर में बकाया टैक्स पटाने सैकड़ो की संख्या में रोजाना बकायादार पहुंच रहे हैं निगम के विभिन्न प्रकार के टैक्स जमा करने।राजस्व वसूली से बड़ी रकम एकत्र कर रही है।इधर सहायक राजस्व निरीक्षण टीम अमला द्वारा बकायादारों के घरों में लगातार दस्तक दी जा रही है इसके अलावा बड़े व्यापारी एवं सालों से टैक्स न जमा करने वालों के पास भी निगम की टीम लगातार पहुंचकर टैक्स वसूल भी कर रही है।मार्च के महीने में बकाया टैक्स देने के लिए निगम में बकायादारो की उमड़ी भीड़ भी देखने को मिल रही है जिस तेजी से टैक्स वसूली का कार्य किया जा रहा है।

‘मनखे-मनखे एक समान’ के सिद्धांत से बनेगा समरस छत्तीसगढ़ - राष्ट्रपति श्रीमती द्रोपदी मुर्मु
लोकतांत्रिक परंपराओं में छत्तीसगढ़ विधानसभा एक आदर्श उदाहरण - राज्यपाल रमेन डेका
 रायपुर/शौर्यपथ /भारत की राष्ट्रपति श्रीमती द्रौपदी मुर्मु ने आज छत्तीसगढ़ विधान सभा के रजत जयंती समारोह में भाग लेते हुए प्रदेशवासियों को 25 वर्षों की लोकतांत्रिक यात्रा की बधाई दी और विधान सभा की उत्कृष्ट संसदीय परंपराओं की भूरि-भूरि प्रशंसा की। राष्ट्रपति श्रीमती मुर्मु ने छत्तीसगढ़ राज्य की स्थापना को स्वर्गीय प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी जी के असाधारण मार्गदर्शन का परिणाम बताया और उनके प्रति सादर नमन किया। उन्होंने कहा कि छत्तीसगढ़ की लोकतांत्रिक यात्रा, जन-आकांक्षाओं की अभिव्यक्ति का एक प्रेरणास्पद उदाहरण है। उन्होंने अपने विधायक काल की स्मृतियाँ साझा करते हुए कहा कि जन-प्रतिनिधि के रूप में कार्य करना जनसेवा की भावना से प्रेरित व्यक्तियों के लिए एक सौभाग्य होता है। उन्होंने विधान सभा को संस्कृति की संवाहक और नीति निर्धारण की दिशा देने वाला केंद्र बताया।
छत्तीसगढ़ विधान सभा: अनुकरणीय संसदीय आचरण का प्रतीक
 राष्ट्रपति श्रीमती द्रौपदी मुर्मु ने छत्तीसगढ़ विधान सभा द्वारा अपनाई गई अनुशासित और मर्यादित परंपराओं की सराहना की। विशेष रूप से उन्होंने 'स्वयमेव निलंबन' जैसे नियमों की सराहना की और इस बात को ऐतिहासिक बताया कि 25 वर्षों में छत्तीसगढ़ विधानसभा में कभी भी मार्शल का उपयोग नहीं करना पड़ा।
राष्ट्रपति श्रीमती मुर्मु ने छत्तीसगढ़ को मातृशक्ति का  साक्षात प्रतीक बताते हुए  राज्य की सांस्कृतिक गरिमा को नमन किया। उन्होंने छत्तीसगढ़ की महिला विभूति मिनी माता को याद करते हुए उनके योगदान को नमन किया। साथ ही उन्होंने इस बात की सराहना की कि आज विधान सभा में 19 महिला विधायक हैं और राज्य में महिला मतदाताओं की संख्या पुरुषों से अधिक रही है। राष्ट्रपति ने महिला विधायकों से आह्वान किया कि वे राज्य की अन्य महिलाओं को सशक्त बनाने में अग्रणी भूमिका निभाएँ। उन्होंने ‘नारी शक्ति वंदन अधिनियम’ की भावना को धरातल पर उतारने की अपील की।
समावेशी समाज की दिशा में छत्तीसगढ़ की नीतियाँ
 राष्ट्रपति श्रीमती मुर्मु ने छत्तीसगढ़ विधान सभा द्वारा पारित 565 विधेयकों को समावेशी विकास की दिशा में ऐतिहासिक बताया। विशेष रूप से महिलाओं को रूढ़ियों पर आधारित प्रताड़ना से मुक्त कराने वाले अधिनियम का उल्लेख करते हुए डॉ. रमन सिंह जी के कार्यकाल में इसे विधान सभा का महत्वपूर्ण योगदान बताया।
प्राकृतिक संसाधनों से समृद्ध, संभावनाओं से परिपूर्ण राज्य
राष्ट्रपति श्रीमती द्रौपदी मुर्मु ने कहा छत्तीसगढ़ में विकास की असीम संभावनाएं विद्यमान है।उन्होंने कहा कि राज्य में खनिज, औद्योगिक और कृषि क्षेत्र में विकास की व्यापक संभावना है। उन्होंने पर्यावरण-संरक्षण और विकास के बीच संतुलन की आवश्यकता पर जोर दिया। उन्होंने कहा कि यहां के पारंपरिक लोक शिल्प की देश-विदेश में सराहना होती है। यह सुंदर राज्य हरे-भरे जंगलों, झरनों तथा अन्य प्राकृतिक वरदानों से समृद्ध है। छत्तीसगढ़ को महानदी, हसदेव, इंद्रावती और शिवनाथ जैसी नदियों का आशीर्वाद प्राप्त है। छत्तीसगढ़ को आधुनिक विकास के मार्ग पर आगे बढ़ने के साथ-साथ पर्यावरण का संरक्षण भी सुनिश्चित करना है। राज्य के आप सब नीति-निर्माताओं पर विकास और प्रकृति के बीच संतुलन स्थापित करने की ज़िम्मेदारी है। इसके साथ ही समाज के सभी वर्गों को आधुनिक विकास-यात्रा से जोड़ना भी सभी जनप्रतिनिधियों का उत्तरदायित्व है।
वामपंथी उग्रवाद से मुक्ति की ओर निर्णायक प्रगति
राष्ट्रपति श्रीमती द्रौपदी मुर्मु ने कहा कि छत्तीसगढ़ में वामपंथी उग्रवाद से प्रभावित लोगों को समाज की मुख्य धारा से जोड़ने का कार्य अंतिम और निर्णायक दौर में पहुंच गया है। छत्तीसगढ़ के नक्सल प्रभावित क्षेत्रों के लोग विकास के मार्ग पर आगे बढ़ना चाहते हैं। उन्होंने विश्वास व्यक्त किया कि छत्तीसगढ़ को उग्रवाद से पूर्णतया मुक्त करने के प्रयास में शीघ्र ही सफलता प्राप्त होगी और राज्य के इतिहास में एक स्वर्णिम अध्याय जुड़ेगा।
सामाजिक समरसता का मूलमंत्र : ‘मनखे-मनखे एक समान’
 गुरु घासीदास जी के संदेश ‘मनखे-मनखे एक समान’ को उद्धृत करते हुए राष्ट्रपति ने सामाजिक समानता और समरसता के आदर्श छत्तीसगढ़ के निर्माण की बात कही। राष्ट्रपति मुर्मु ने छत्तीसगढ़ विधान सभा को आदर्श लोकतांत्रिक संस्थान बताते हुए राज्य के उज्ज्वल भविष्य की कामना की और सभी जनप्रतिनिधियों से श्रेष्ठ छत्तीसगढ़ के निर्माण हेतु समर्पण की भावना से कार्य करने का आह्वान किया।
 राज्यपाल श्री रमेन डेका ने रजत जयंती समारोह में राष्ट्रपति श्रीमती द्रौपदी मुर्मु की गरिमामयी उपस्थिति को अद्वितीय और प्रेरणादायक बताते हुए राज्य की जनता की ओर से उनका हृदय से स्वागत किया। उन्होंने  भारत रत्न श्री अटल बिहारी वाजपेयी जी को स्मरण करते हुए कहा कि छत्तीसगढ़ राज्य का निर्माण उनके दूरदर्शी नेतृत्व और जन-आकांक्षाओं की गहरी समझ का परिणाम था। उन्होंने बताया कि वर्ष 2025 को राज्य सरकार ने ‘अटल निर्माण वर्ष’ के रूप में घोषित किया है, जिसमें अधोसंरचना विकास को सर्वाेच्च प्राथमिकता दी जाएगी। राज्यपाल श्री डेका ने छत्तीसगढ़ विधान सभा की 25 वर्ष की यात्रा को गर्व और सम्मान की यात्रा बताया।
 राज्यपाल ने विधानसभा द्वारा अपनाए गए ‘स्वयमेव निलंबन’ नियम को अनुशासन और लोकतांत्रिक मर्यादाओं के पालन का अद्भुत उदाहरण बताया। उन्होंने इसे पूरे देश की विधानसभाओं के लिए एक मॉडल के रूप में प्रस्तुत किया, जिसे राष्ट्रभर में सराहा गया है।
 उन्होंने कहा कि छत्तीसगढ़ विधानसभा जन आकांक्षाओं को मूर्त रूप देने वाला मंच है। राज्यपाल ने विधानसभा की नीतियों और कार्यक्रमों की सराहना की, जिनसे राज्य को सामाजिक, आर्थिक और सांस्कृतिक रूप से सशक्त बनाया गया। उन्होंने बताया कि नक्सल प्रभावित क्षेत्रों में पुनर्वास और विकास के निरंतर प्रयासों से बस्तर अंचल के आदिवासी समुदायों को मुख्यधारा से जोड़ने में सफलता मिल रही है।
खनिज संपदा से औद्योगिक शक्ति बनने की यात्रा
 राज्यपाल ने कहा कि छत्तीसगढ़ को देश का प्रमुख स्टील और ऊर्जा उत्पादक राज्य बताते हुए उन्होंने इस उपलब्धि का श्रेय राज्य के दूरदर्शी नेतृत्व को दिया। राज्यपाल ने जानकारी दी कि वर्तमान विधानसभा में 19 महिला विधायक हैं, जो कुल सदस्यों का 21.11 प्रतिशत हैं। इसे उन्होंने महिला सशक्तिकरण का श्रेष्ठ उदाहरण बताया और राज्य में महिलाओं की बढ़ती भूमिका की सराहना की।उन्होंने छत्तीसगढ़ की ऐतिहासिक, सांस्कृतिक और आध्यात्मिक धरोहर को नमन करते हुए कई महापुरुषों का स्मरण किया, जिनमें माता शबरी, गुरु घासीदास, स्वामी विवेकानंद, वीर नारायण सिंह, मिनीमाता आदि प्रमुख हैं। उन्होंने यह भी कहा कि स्वामी विवेकानंद के किशोर जीवन के महत्वपूर्ण वर्ष छत्तीसगढ़ में बीते, जिसने उनके आत्मिक विकास में योगदान दिया। उन्होंने कहा कि रजत जयंती वर्ष हमें एक नई ऊर्जा देता है, और यह हमारा सामूहिक संकल्प होना चाहिए कि छत्तीसगढ़िया सबले बढ़िया की पहचान को बनाए रखते हुए राज्य को समान अवसर, सर्वांगीण समृद्धि और सांस्कृतिक गरिमा से युक्त विकसित छत्तीसगढ़ के रूप में आगे ले जाएँ।

छत्तीसगढ़ विधानसभा ने संसदीय परंपराओं में रचा अनुशासन और आदर्श का इतिहास : विधानसभा अध्यक्ष डॉ. रमन सिंह
रायपुर/शौर्यपथ /मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय ने आज छत्तीसगढ़ विधानसभा के रजत जयंती समारोह के अवसर पर प्रदेशवासियों की ओर से भारत की राष्ट्रपति श्रीमती द्रौपदी मुर्मु का आत्मीय स्वागत करते हुए कहा कि यह हम सभी का सौभाग्य है कि जब छत्तीसगढ़ विधानसभा अपने गौरवशाली 25 वर्षों का उत्सव मना रही है, तब देश की प्रथम नागरिक हमारे बीच उपस्थित हैं। उन्होंने कहा कि वर्ष 2000 में भारत रत्न स्वर्गीय श्री अटल बिहारी वाजपेयी जी के नेतृत्व में बने छत्तीसगढ़ का रजत वर्ष संयोग से उनके जन्मशताब्दी वर्ष में पड़ रहा है, जिसे हम अटल निर्माण वर्ष के रूप में मना रहे हैं।
 मुख्यमंत्री साय ने कहा कि हमारी विधानसभा की 25 वर्षों की यात्रा लोकतंत्र की सुदृढ़ परंपराओं की प्रतीक है। वैदिक काल से चले आ रहे भारतीय लोकतंत्र को छत्तीसगढ़ ने अपने कार्यों से मजबूत किया है। सदन में जनहितकारी विषयों पर गंभीर चर्चाएं, सशक्त विमर्श और स्वस्थ वातावरण में लिए गए निर्णय, हमारी संसदीय संस्कृति को समृद्ध करते हैं। उन्होंने कहा कि छत्तीसगढ़ विधानसभा ने केवल विधायी कार्य ही नहीं, बल्कि प्रतिनिधियों के नेतृत्व विकास को भी प्राथमिकता दी है। मुख्यमंत्री श्री विष्णु देव साय ने कहा कि हमारे माननीय प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी जी कहते हैं कि सीखने की प्रक्रिया निरंतर चलनी चाहिए। हाल ही में विधानसभा सदस्यों के लिए आईआईएम रायपुर में आयोजित पब्लिक लीडरशिप प्रोग्राम इसका उदाहरण है, जहाँ नेतृत्व और प्रशासन के महत्वपूर्ण पहलुओं पर प्रशिक्षण दिया गया। उन्होंने कहा कि हम सभी मिलकर विकसित भारत और विकसित छत्तीसगढ़ के निर्माण के लिए संकल्पबद्ध हैं।
विधान सभा अध्यक्ष डॉ. रमन सिंह ने राष्ट्रपति श्रीमती द्रौपदी मुर्मु का स्वागत करते हुए कहा कि छत्तीसगढ़ विधानसभा को यह गौरव प्राप्त है कि तीसरी बार भारत के राष्ट्रपति ने सदन को संबोधित किया है। इससे पहले स्वर्गीय डॉ. एपीजे अब्दुल कलाम और श्रीमती प्रतिभा देवी सिंह पाटिल विधानसभा को संबोधित कर चुके हैं। उन्होंने राष्ट्रपति मुर्मु जी के सरल, संघर्षशील और प्रेरणादायक जीवन को देश की महिलाओं, जनप्रतिनिधियों और युवाओं के लिए प्रेरणा स्रोत बताया। उन्होंने छत्तीसगढ़ विधान सभा की 25 वर्ष की यात्रा को लोकतांत्रिक मूल्यों की सुदृढ़ता की यात्रा बताया। उन्होंने कहा कि सदन में ‘स्वअनुशासन’ की परंपरा स्थापित की गई, जहां सदस्यों ने स्वयं बनाए नियमों का पालन कर पूरे देश के लिए उदाहरण प्रस्तुत किया।
 डॉ. सिंह ने बताया कि छत्तीसगढ़ विधानसभा ने संसदीय गतिविधियों के क्षेत्र में राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय पहचान बनाई है। उन्होंने उल्लेख किया कि छत्तीसगढ़ विधानसभा ने 2011 में लोक सेवा गारंटी अधिनियम, और 2012 में खाद्य सुरक्षा अधिनियम पारित किए, जो अंत्योदय और समावेशी विकास के प्रतीक हैं। डॉ. रमन सिंह ने बताया कि शीघ्र ही विधानसभा नया रायपुर स्थित नवीन भवन में स्थानांतरित होगी। उन्होंने राष्ट्रपति जी की उपस्थिति को सदन की स्मृतियों में एक अमिट अध्याय बताया। उन्होंने कहा कि विधानसभा में सदन में उत्कृष्ट प्रदर्शन करने वाले जनप्रतिनिधियों और पत्रकारों को नियमित रूप से पुरस्कार व सम्मान दिया जाता है, जो लोकतांत्रिक चेतना को सुदृढ़ करते हैं।
  नेता प्रतिपक्ष डॉ. चरणदास महंत ने भारत की राष्ट्रपति श्रीमती द्रौपदी मुर्मु का हृदय से स्वागत करते हुए उन्हें संघर्ष, सादगी और सेवा की प्रतीक बताया। उन्होंने कहा कि राष्ट्रपति जी का जीवन पूरे देश के लिए प्रेरणास्रोत है। उन्होंने राष्ट्रपति श्रीमती मुर्मु की उपस्थिति को ऐतिहासिक बताते हुए आभार व्यक्त किया और कहा कि हम सब उनके वचनों से प्रेरणा लेकर छत्तीसगढ़ के विकास में एकजुटता से कार्य करेंगे।
इस अवसर पर राज्यपाल रमेन डेका ने विधानसभा सदस्य संदर्भ पुस्तिका का विमोचन किया और राष्ट्रपति श्रीमती द्रौपदी मुर्म को पुस्तिका की प्रथम प्रति भेंट की।
रजत जयंती समारोह के अवसर पर मंत्रीमंडल के सभी मंत्रीगण एवं विधानसभा के सभी सदस्यगण उपस्थित थे।

घरो के बाहर नाली पर चबूतरा, किसी ने नालियों को ढककर उस पर लोहे की जालियों डालकर गार्डन,पौधे लगाकर सड़क तक किया कब्जा,निगम ने चलाया बुलडोजर
दुर्ग/शौर्यपथ / नगर पालिक निगम सीमा क्षेत्र अंतर्गत शहर अतिक्रमण मुक्त की कार्रवाही।आज भी वार्ड क्रमांक 21 क्षेत्र में अवैध अतिक्रमण हटाने की कार्रवाही का तीसरा दिन भी जारी रहा।सिंधिया नगर,मुकुट नगर,हनुमान नगर सहित आसपास अन्य में में करीब दर्जनों लोगों ने सड़क क्षेत्रों में घेरकर अपने घर के सामने चबूतरा, गार्डन, सीढ़ी व अन्य निर्माण कर लिया था। नगर निगम प्रशासन ने बुलडोजर चलाकर तोड़कर हटवाया। सैकड़ो क्षेत्र के रहवासियों ने इससे महापौर श्रीमती अलका बाघमार को अवगत कराया था। नालियों के ऊपर बनाए गए स्थायी निर्माण से सफाई में भी दिक्कत हो रही है। मामला संज्ञान में आने के बाद आयुक्त सुमित अग्रवाल के निर्देश पर  निगम प्रशासन अतिक्रमण प्रभारी परमेश्वर के नेतृत्व में टीम के साथ पहुँचकर  अवैध निर्माण बुलडोजर चलाकर को तोड़ दिया गया। बता दे कि निगम प्रशासन की सख्ती को देखते हुए कई कब्जाधारी अपना-अपना अतिक्रमण स्वयं हटाने लगे।
महापौर श्रीमती अलका बाघमार ने कहा कि आवागमन को ध्यान में रखते. हुए शहर की सड़कों को अतिक्रमण मुक्त करने अभियान लगातार जारी रहेगा।उन्होंने कहा कि अतिक्रमण की कार्रवाही शहर के सभी वार्डो एवं बाजार क्षेत्रो में भी चलाया जाएगा।उन्होंने कहा कि सड़कों की चौड़ाई होने बावजूद। वर्तमान में जो हालात है उनमें दो कारें एक साथ नहीं निकल सकती। यदि कारें एक साथ निकलना चाहें तो अन्य वाहनों को रूकना पड़ता है।महापौर ने लोगो से अपील किया है की समस्त कॉलोनी में जिन्होंने भी अतिक्रमण करके चौड़ी रोड को सकरी कर दिए है। अतिक्रमण हटवाने की कार्रवाई शुरू कर दिया गया है। ताकि आवागमन का सुगम हो सके और कालोनियां व शहर सुंदर दिखे।  
वहीं नालियां ढकने से उनकी सफाई तक नहीं हो पा रही। जिससे आने वाले दिनों में बरसात का पानी नालियों में भरने से पानी भरने की समस्या से परेशानियों का सामना करना पड़ता है।

वहीं कई लोगों ने घर के बाहर नाली पर चबूतरा बनाकर उस पर कूलर रख लिए। किसी ने नालियों को ढककर उस पर लोहे की जालियों से कवर कर गार्डन बना लिया। जहां कुछ पौधे लगाकर सड़क तक पर कब्जा कर लिया गया था।महापौर श्रीमती अलका बाघमार एवं आयुक्त सुमित अग्रवाल के निर्देश पर शहर क्षेत्र के अंदर अतिक्रमण मुक्त कर शहर को स्वच्छ व सुंदर बनाने की कल्पना की है।
वार्ड क्रमांक 21 में सड़क क्षेत्र अतिक्रमण हटाओ अभियान की कार्रवाही से रहवासियों में खुश का माहौल है। लोगो से अपील जो भी है अपने घर की सीमा अंतर्गत पर रहे सड़क क्षेत्र की चौड़ाई पर अतिक्रमण कर सकरा न करें। सरकारी जमीन को घेराने वालो की खैर नही।

सक्रिय रूप से आगे रहने वाले जमीनी स्तर के कार्यकर्ता को मिली बड़ी जवाबदारी_  बिसेल राम नाग अध्यक्ष जिला कांग्रेस कमेटी
   नारायणपुर/शौर्यपथ /जिला कांग्रेस नारायणपुर नए अध्यक्ष के रूप में बिसेल राम नाग को बनाया गया है  नारायणपुर कांग्रेस के पदाधिकारी सदस्यों द्वारा आज शहर के विश्राम गृह में उनका स्वागत सम्मान हार पहना कर , मिठाई खिलाकर  किया गया,
   अपने नए जिला कांग्रेस अध्यक्ष की नियुक्ति को लेकर कार्यकर्ताओं मे जोश और उत्साह देखा गया, नए अध्यक्ष की नियुक्ति  निर्णय का स्वागत भी किया है जिला कांग्रेस के सभी पदाधिकारी सदस्यों ने आशा व्यक्त करते कहा कि नए अध्यक्ष श्री बिसेल राम नाग जी के नेतृत्व में जिले में कांग्रेस कमेटी और अधिक सशक्त व संगठित और अधिक ऊर्जा के रूप से कार्य करेगी। एक आम नागरिकों सच्चे जमीनी कार्यकर्ता को जिला की कमान सौंपा जाना बहुत बड़ी जिम्मेदारी है। इसको लेकर हाई कमान को धन्यवाद ज्ञापित भी किया गया,नए अध्यक्ष बिसेल राम नाग ने कहा कि छग प्रदेश प्रभारी माननीय सचिन पायलट जी, प्रदेश अध्यक्ष छत्तीसगढ़ कांग्रेस कमेटी

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