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जगदलपुर, शौर्यपथ। कलेक्टर हरिस एस. ने कहा कि कृषि और आनुशांगिक विभागों द्वारा विभागीय योजनाओं का बेहतर क्रियान्वयन कर किसानों और ग्रामीणों के आर्थिक विकास के लिए सार्थक प्रयास किया जाए। किसानों को बीज-खाद की उपलब्धता के साथ ही आर्थिक सहायता प्रदान करें, किसान क्रेडिट कार्ड के माध्यम से फसल ऋण की उपलब्धता सुनिश्चित किया जाए। वहीं साग-सब्जी उत्पादन एवं उद्यानिकी फसल लेने और पशुपालन, कुक्कुटपालन, सूकरपालन, बकरीपालन सहित ककून उत्पादन जैसे आयमूलक गतिविधियों के लिए ग्रामीणों को प्रोत्साहित कर उन्हें आवश्यक सहायता मुहैया कराया जाए। कलेक्टर श्री हरिस शुक्रवार को कलेक्टोरेट के अपने कार्यालयीन कक्ष में कृषि, उद्यानिकी, मत्स्यपालन, पशुपालन एवं रेशमपालन विभागीय योजनाओं और कार्यों की विस्तृत समीक्षा बैठक में उक्त निर्देश दिए। उन्होंने रबी फसल सीजन में सिंचाई संसाधनों की उपलब्धता के अनुरूप जिले में सूरजमुखी की खेती को बढ़ावा देने पर बल देते हुए किसानों का चयन कर उन्हें आवश्यक सहायता प्रदान किए जाने के निर्देश दिए।
कलेक्टर ने रबी फसल सीजन में मिलेट्स की खेती के अंतर्गत रागी की पैदावार हेतु किसानों को प्रेरित कर ज्यादा से ज्यादा रकबा में रागी की पैदावार लेने पर जोर दिया। वहीं पुष्प फसल क्षेत्र विस्तार के तहत गेंदा फूल की खेती को प्रोत्साहित किए जाने के निर्देश दिए। उन्होंने जिले में कटहल की खेती को भी बढ़ावा देने के लिए पहल करने की आवश्यकता बताई। कलेक्टर ने जिले में मछलीपालन के लिए प्रधानमंत्री मत्स्य संपदा योजनांतर्गत किसानों को स्वयं की भूमि में तालाब निर्माण के लिए सहायता प्रदान किए जाने कहा। वहीं ग्रामीण ईलाके में ग्राम पंचायतों के अधीन अधिकाधिक तालाबों के पट्टे स्व-सहायता समूहों तथा मछुआ समितियों को प्रदान करने के निर्देश दिए। उन्होंने जिले में झींगा उत्पादन को भी प्रोत्साहित करने हेतु किसानों को लाभान्वित किए जाने कहा।
कलेक्टर हरिस एस. ने पालतू पशुओं के टीकाकरण में अद्यतन प्रगति लाने के साथ ही कृत्रिम गर्भाधान के लिए ज्यादा ध्यान देने के निर्देश दिए। इस दिशा में प्रशिक्षित पशुधन मित्रों की सेवाएं लेने कहा। वहीं कुक्कुटपालन के साथ ही आय संवृद्धि के मद्देनजर बटेरपालन को भी प्रोत्साहित किए जाने कहा। राज्य डेयरी उद्यमिता विकास योजनांतर्गत दुग्ध उत्पादन के लिए चयनित हितग्राहियों को उन्नत नस्ल के दुधारू पशुओं की उपलब्धता पर ध्यान केंद्रीत करने के निर्देश दिए। उन्होंने जिले में रेशमपालन को प्रोत्साहित करने सहित धागाकरण के लिए भी बेहतर पहल करने पर जोर देते हुए शहतूत प्लांटेशन तथा मलबरी ककून उत्पादन के लिए सहायता मुहैया कराए जाने कहा। साथ ही रैली कोसा संग्रहण में वृद्धि के लिए प्रयास किए जाने के निर्देश दिए। बैठक के दौरान राष्ट्रीय कृषि विकास योजना, प्रधानमंत्री किसान सम्मान निधि योजना, बीज ग्राम योजना, किसान समृद्धि योजना, राष्ट्रीय जलग्रहण क्षेत्र विकास परियोजना, राज्य पोषित योजना, राष्ट्रीय बागवानी मिशन इत्यादि की विस्तृत समीक्षा की गई। बैठक में उपसंचालक कृषि राजीव श्रीवास्तव, उपसंचालक मत्स्यपालन मोहन राणा, उपसंचालक उद्यानिकी सुरेश ठाकुर सहित पशुपालन, रेशमपालन विभाग एवं छत्तीसगढ़ राज्य बीज विकास निगम के अधिकारी मौजूद रहे।
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