
CONTECT NO. - 8962936808
EMAIL ID - shouryapath12@gmail.com
Address - SHOURYA NIWAS, SARSWATI GYAN MANDIR SCHOOL, SUBHASH NAGAR, KASARIDIH - DURG ( CHHATTISGARH )
LEGAL ADVISOR - DEEPAK KHOBRAGADE (ADVOCATE)
धर्म संसार / शौर्यपथ / प्रभु यीशु के जन्म की ख़ुशी में मनाया जाने वाला क्रिसमस का त्योहार पूरी दुनिया में मनाया जाता है। यह त्योहार कई मायनों में बेहद खास है। क्रिसमस को बड़ा दिन, सेंट स्टीफेंस डे या फीस्ट ऑफ़ सेंट स्टीफेंस भी कहा जाता है। प्रभु यीशु ने दुनिया को प्यार और इंसानियत की शिक्षा दी। उन्होंने लोगों को प्रेम और भाईचारे के साथ रहने का संदेश दिया। प्रभु यीशु को ईश्वर का इकलौता प्यारा पुत्र माना जाता है। इस त्योहार से कई रोचक तथ्य जुड़े हैं। आइए जानते हैं इनके बारे में।
क्रिसमस ऐसा त्योहार है जिसे हर धर्म के लोग उत्साह से मनाते हैं। यह एकमात्र ऐसा त्योहार है जिस दिन लगभग पूरे विश्व में अवकाश रहता है। 25 दिसंबर को मनाया जाने वाला यह त्योहार आर्मीनियाई अपोस्टोलिक चर्च में 6 जनवरी को मनाया जाता है। कई देशों में क्रिसमस का अगला दिन 26 दिसंबर बॉक्सिंग डे के रूप मे मनाया जाता है। क्रिसमस पर सांता क्लॉज़ को लेकर मान्यता है कि चौथी शताब्दी में संत निकोलस जो तुर्की के मीरा नामक शहर के बिशप थे, वही सांता थे। वह गरीबों की हमेशा मदद करते थे उनको उपहार देते थे। क्रिसमस के तीन पारंपरिक रंग हैं हरा, लाल और सुनहरा। हरा रंग जीवन का प्रतीक है, जबकि लाल रंग ईसा मसीह के रक्त और सुनहरा रंग रोशनी का प्रतीक है। क्रिसमस की रात को जादुई रात कहा जाता है। माना जाता है कि इस रात सच्चे दिल वाले लोग जानवरों की बोली को समझ सकते हैं। क्रिसमस पर घर के आंगन में क्रिसमस ट्री लगाया जाता है। क्रिसमस ट्री को दक्षिण पूर्व दिशा में लगाना शुभ माना जाता है। फेंगशुई के मुताबिक ऐसा करने से घर में सुख समृद्धि आती है। पोलैंड में मकड़ी के जालों से क्रिसमस ट्री को सजाने की परंपरा है। मान्यता है कि मकड़ी ने सबसे पहले जीसस के लिए कंबल बुना था।
अटल उत्कृष्ट शिक्षा योजना से प्रतिज्ञा का फौज में जाने का सपना होगा पूरा
रायपुर / शौर्यपथ / एक माँ की आँखों में उमड़ी खुशी, चेहरे पर झलकता गर्व और शब्दों में छलकता भावातिरेक इस बात का प्रमाण है कि सरकार की दिशा सही है और योजनाएँ वास्तविक जरूरतमंदों तक पहुँच रही हैं। रायपुर की नंदिनी यादव, जो रोज़ी-मजदूरी कर परिवार का पालन-पोषण करती हैं, आज अपनी बेटी प्रतिज्ञा को छत्तीसगढ़ पब्लिक स्कूल, टाटीबंध में प्रवेश दिलाकर गदगद हैं। यह संभव हुआ है मुख्यमंत्री श्री विष्णु देव साय की पहल पर शुरू की गई अटल उत्कृष्ट शिक्षा योजना से।
नंदिनी यादव बताती हैं कि वह हमेशा चाहती थीं कि उनके बच्चे भी इंग्लिश मीडियम स्कूल में पढ़ें, लेकिन सीमित आर्थिक स्थिति के कारण यह सपना पूरा नहीं हो पा रहा था। घर के अन्य बच्चों को देख वह कई बार सोचती थीं कि उनकी बिटिया भी अच्छे स्कूल में पढ़े। जब प्रतिज्ञा का चयन अटल उत्कृष्ट शिक्षा योजना में हुआ तो उनकी आँखों से खुशी के आँसू छलक पड़े। उन्होंने कहा मेरे लिए यह क्षण अविस्मरणीय है। यह मेरे जीवन का सबसे बड़ा तोहफा है।
मुख्यमंत्री श्री विष्णु देव साय से मुलाकात के दौरान नंदिनी यादव ने अपने मन की भावनाएँ साझा कीं। उन्होंने कहा कि अब बेटी का भविष्य संवर जाएगा। मुख्यमंत्री श्री साय ने भी नंदिनी यादव को बधाई और शुभकामनाएँ देते हुए कहा कि यह योजना श्रमिक परिवारों के बच्चों को बेहतर शिक्षा और जीवन की नई दिशा देने का माध्यम बनेगी।
नंदिनी ने बताया कि बेटी प्रतिज्ञा का सपना बड़ा है। वह हमेशा से कहती आई है कि उसे फौज में जाना है और देश की सेवा करनी है। बिटिया का यह सपना अब हकीकत बनने की राह पर है। इंग्लिश मीडियम में पढ़ाई और बेहतर संसाधनों की उपलब्धता से वह अपने लक्ष्य तक पहुँच सकेगी। मुख्यमंत्री श्री साय ने बच्ची की इस सोच की सराहना करते हुए कहा कि ऐसे सपनों से ही देश की नींव मजबूत होती है।
नंदिनी यादव ने अपनी खुशी साझा करते हुए बताया कि केवल बच्ची की शिक्षा की व्यवस्था ही नहीं, बल्कि प्रधानमंत्री आवास योजना से उन्हें पक्का मकान मिला है, उज्ज्वल योजना से रसोई गैस कनेक्शन मिला और उनकी सासू माँ को शासन से सिलाई मशीन भी प्राप्त हुई है। इन योजनाओं ने उनके परिवार की जिंदगी बदल दी है। उन्होंने कहा सरकार की योजनाएँ मेरे परिवार के लिए संबल बन गई हैं, यही तो सच्चा अंत्योदय है।
उन्होंने आगे कहा कि मुख्यमंत्री जी के कारण आज मेरी बच्ची को बेहतर शिक्षा मिल रही है। मैं मुख्यमंत्री जी के पास अपनी भावनाएँ व्यक्त करने आई हूँ। यह खुशी शब्दों में बयान करना मुश्किल है। माँ की भावुकता देखकर उपस्थित लोग भी प्रभावित हुए। मुख्यमंत्री ने उन्हें आश्वस्त किया कि बेटी की पढ़ाई पूरी जिम्मेदारी से होगी और परिवार को लगातार सहयोग मिलता रहेगा।
उल्लखेनीय है कि अटल उत्कृष्ट शिक्षा योजना के तहत छठी से बारहवीं तक पढ़ाई का पूरा दायित्व सरकार उठाती है। नंदिनी यादव अब निश्चिंत हैं कि उनकी बच्ची का भविष्य सुरक्षित है। महतारी वंदन योजना से मिलने वाले सहयोग ने उनके परिवार को आर्थिक संबल दिया है। यह कहानी केवल एक माँ-बेटी की नहीं, बल्कि पूरे छत्तीसगढ़ के उन हजारों परिवारों की है जिनके सपने सरकार की योजनाओं से साकार हो रहे हैं।
वन टाइम सेटलमेंट योजना-2 बनी गेम चेंजर, पिछले 6 माह में हुई 2230 संपत्तियों की बिक्री
रायपुर / शौर्यपथ /
छत्तीसगढ़ के शहरी क्षेत्रों में मध्यम और निम्न आय वर्ग के लोगों को सुविधा युक्त आवास का सपना छत्तीसगढ़ गृह निर्माण मंडल पूरा कर रहा है। मंडल ने पिछले छह माह में 2230 संपत्तियों का विक्रय कर 435 करोड़ रुपये का रिकॉर्ड राजस्व अर्जित किया है, जो पिछले पाँच वर्षों में अर्जित राजस्व की तुलना में कहीं अधिक है। इस उपलब्धि में वन टाइम सेटलमेंट योजना-2 गेम चेंजर साबित हुई है।
आवास एवं पर्यावरण मंत्री श्री ओ.पी. चौधरी ने कहा कि हमारा उद्देश्य केवल संपत्तियों का विक्रय नहीं, बल्कि हर परिवार को सुरक्षित और सम्मानजनक छत प्रदान करना है। यह उपलब्धि हितग्राहियों के विश्वास और टीम के समर्पण का परिणाम है। अब हम गुणवत्ता आधारित आवास उपलब्ध कराने की दिशा में और तेजी से काम करेंगे।
गृह निर्माण मंडल के अध्यक्ष श्री अनुराग सिंह देव ने कहा कि मंडल ने आने वाले समय में किफायती दरों पर हाउसिंग प्रोजेक्ट्स लॉन्च करने की योजना बनाई है। मंडल द्वारा डिजिटल रजिस्ट्रेशन, ई-आवास और भुगतान प्रक्रिया को और सरल एवं पारदर्शी बनाने पर कार्य किया जा रहा है। उन्होंने कहा कि मात्र छह माह में 2200 से अधिक परिवारों का ‘अपने घर का सपना’ पूरा हुआ है। हमारा लक्ष्य छत्तीसगढ़ को आवास क्रांति में देश का अग्रणी राज्य बनाना है।
छत्तीसगढ़ गृह निर्माण मंडल ने औसतन प्रतिवर्ष 1387 संपत्तियों का विक्रय किया, जिनका वार्षिक मूल्य लगभग 262 करोड़ रुपये रहा। वहीं मार्च 2025 से अगस्त 2025 तक मात्र छह माह में ही यह आँकड़ा 2230 संपत्तियों और 435 करोड़ रुपये तक पहुँच गया। इसमें अटल विहार एवं सामान्य आवास योजना के तहत 1070 संपत्तियाँ 259 करोड़ रुपये में तथा ओटीएस-2 योजना के अंतर्गत 30 प्रतिशत तक की छूट के साथ 1160 संपत्तियाँ 176 करोड़ रुपये में विक्रय की गईं।
छत्तीसगढ़ सरकार की इस वर्ष लागू वन टाइम सेटलमेंट योजना-2 ने आम नागरिकों को बड़ी राहत दी है। इस योजना के तहत 1160 संपत्तियों का 176 करोड़ रुपये मूल्य का विक्रय हुआ। इसके पहले, सितंबर 2021 से मार्च 2024 तक लागू ओटीएस-1 योजना के अंतर्गत तीन वर्षों में केवल 506 संपत्तियाँ 88 करोड़ रुपये में विक्रय हो पाई थीं।
रायपुर / शौर्यपथ / मुख्यमंत्री विष्णु देव साय 11 सितम्बर को जगदलपुर में छत्तीसगढ़ इन्वेस्टर कनेक्ट का शुभारंभ करेंगे। इस आयोजन से बस्तर अंचल में औद्योगिक गतिविधियों में तेजी आएगी, वहीं रोजगार के अवसरों के नए द्वार खुलेंगे।
उल्लेखनीय है कि प्रदेश सरकार की प्राथमिकताओं में बस्तर का विकास सदैव अग्रणी रहा है। इन्वेस्टर कनेक्ट इसी संकल्प को और सशक्त बनाने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है। समावेशी विकास की इस सोच के अंतर्गत उद्योग और निवेश को केवल आर्थिक गतिविधियों तक सीमित न रखकर शिक्षा, स्वास्थ्य, रोजगार और सामाजिक सशक्तिकरण जैसे मूलभूत क्षेत्रों से जोड़ा गया है, ताकि बस्तर का विकास केवल औद्योगिक प्रगति तक सीमित न रहकर सामाजिक उन्नति का आधार भी बन सके।
इन्वेस्टर कनेक्ट न केवल बस्तर में नए उद्योगों और व्यापक रोजगार के अवसरों का मार्ग प्रशस्त करेगा, बल्कि यह भी सुनिश्चित करेगा कि विकास की प्रत्येक उपलब्धि का लाभ सीधे स्थानीय समुदायों तक पहुँचे और वे इस प्रगति यात्रा के सक्रिय भागीदार बनें।
अटल उत्कृष्ट शिक्षा योजना से प्रतिज्ञा का फौज में जाने का सपना होगा पूरा
रायपुर / शौर्यपथ / एक माँ की आँखों में उमड़ी खुशी, चेहरे पर झलकता गर्व और शब्दों में छलकता भावातिरेक इस बात का प्रमाण है कि सरकार की दिशा सही है और योजनाएँ वास्तविक जरूरतमंदों तक पहुँच रही हैं। रायपुर की नंदिनी यादव, जो रोज़ी-मजदूरी कर परिवार का पालन-पोषण करती हैं, आज अपनी बेटी प्रतिज्ञा को छत्तीसगढ़ पब्लिक स्कूल, टाटीबंध में प्रवेश दिलाकर गदगद हैं। यह संभव हुआ है मुख्यमंत्री विष्णु देव साय की पहल पर शुरू की गई अटल उत्कृष्ट शिक्षा योजना से।
नंदिनी यादव बताती हैं कि वह हमेशा चाहती थीं कि उनके बच्चे भी इंग्लिश मीडियम स्कूल में पढ़ें, लेकिन सीमित आर्थिक स्थिति के कारण यह सपना पूरा नहीं हो पा रहा था। घर के अन्य बच्चों को देख वह कई बार सोचती थीं कि उनकी बिटिया भी अच्छे स्कूल में पढ़े। जब प्रतिज्ञा का चयन अटल उत्कृष्ट शिक्षा योजना में हुआ तो उनकी आँखों से खुशी के आँसू छलक पड़े। उन्होंने कहा मेरे लिए यह क्षण अविस्मरणीय है। यह मेरे जीवन का सबसे बड़ा तोहफा है।
मुख्यमंत्री विष्णु देव साय से मुलाकात के दौरान नंदिनी यादव ने अपने मन की भावनाएँ साझा कीं। उन्होंने कहा कि अब बेटी का भविष्य संवर जाएगा। मुख्यमंत्री श्री साय ने भी नंदिनी यादव को बधाई और शुभकामनाएँ देते हुए कहा कि यह योजना श्रमिक परिवारों के बच्चों को बेहतर शिक्षा और जीवन की नई दिशा देने का माध्यम बनेगी।
नंदिनी ने बताया कि बेटी प्रतिज्ञा का सपना बड़ा है। वह हमेशा से कहती आई है कि उसे फौज में जाना है और देश की सेवा करनी है। बिटिया का यह सपना अब हकीकत बनने की राह पर है। इंग्लिश मीडियम में पढ़ाई और बेहतर संसाधनों की उपलब्धता से वह अपने लक्ष्य तक पहुँच सकेगी। मुख्यमंत्री साय ने बच्ची की इस सोच की सराहना करते हुए कहा कि ऐसे सपनों से ही देश की नींव मजबूत होती है।
नंदिनी यादव ने अपनी खुशी साझा करते हुए बताया कि केवल बच्ची की शिक्षा की व्यवस्था ही नहीं, बल्कि प्रधानमंत्री आवास योजना से उन्हें पक्का मकान मिला है, उज्ज्वल योजना से रसोई गैस कनेक्शन मिला और उनकी सासू माँ को शासन से सिलाई मशीन भी प्राप्त हुई है। इन योजनाओं ने उनके परिवार की जिंदगी बदल दी है। उन्होंने कहा सरकार की योजनाएँ मेरे परिवार के लिए संबल बन गई हैं, यही तो सच्चा अंत्योदय है।
उन्होंने आगे कहा कि मुख्यमंत्री जी के कारण आज मेरी बच्ची को बेहतर शिक्षा मिल रही है। मैं मुख्यमंत्री जी के पास अपनी भावनाएँ व्यक्त करने आई हूँ। यह खुशी शब्दों में बयान करना मुश्किल है। माँ की भावुकता देखकर उपस्थित लोग भी प्रभावित हुए। मुख्यमंत्री ने उन्हें आश्वस्त किया कि बेटी की पढ़ाई पूरी जिम्मेदारी से होगी और परिवार को लगातार सहयोग मिलता रहेगा।
उल्लखेनीय है कि अटल उत्कृष्ट शिक्षा योजना के तहत छठी से बारहवीं तक पढ़ाई का पूरा दायित्व सरकार उठाती है। नंदिनी यादव अब निश्चिंत हैं कि उनकी बच्ची का भविष्य सुरक्षित है। महतारी वंदन योजना से मिलने वाले सहयोग ने उनके परिवार को आर्थिक संबल दिया है। यह कहानी केवल एक माँ-बेटी की नहीं, बल्कि पूरे छत्तीसगढ़ के उन हजारों परिवारों की है जिनके सपने सरकार की योजनाओं से साकार हो रहे हैं।
कोंडागांव / शौर्यपथ / कोंडागांव के नेशनल हाइवे 30 पर स्थित शायद आप इस हरे भरे पठार नुमा जगह को देख के सोच रहे होंगे की ये एक मैदान है और इस जगह पर शायद फुटबॉल या क्रिकेट या कोई भी खेला जाता होगा । मगर शायद आपकी सोच गलत है यह एक तालाब है जिसे वर्षों पहले लोग इस बंधा तालाब से अपने उपयोग नहाने व रोजमर्रा की जिंदगी के लिए उपयोग किया करते थे।
इसके बाद इस बंधा तालाब के बाजू में सौंदर्यीकरण के साथ पार्क बना दिया गया कुछ समय यहां बोटिंग भी की गई मगर अब ये हाल है कि आज ये पूरा तालाब जलकुम्भी से भर चुका है साथ ही कोंडागांव नगर पालिका ने इस पर लाखों ख़र्च भी समय-समय पर किया। मगर अब शायद नगर पालिका भी इस जलकुम्भी को निकालने में नाकाम रह गई और आज यह पूरी तरफ से एक हरे भरे मैदान में तब्दील हो चुका है हालाँकि सिर्फ उपर से ही हरा भरा है और सतह पर जल है।
क्यों कहलाने लगा मैदान
आपको बतादे की लोग इस जगह को देख के मैदान कहने लगे है क्योंकि की यह चारों तरफ से पूरी तरफ हरा भरा और घना हो गया है देखने मे यह स्टेडियम से कम नहीं लग रहा है ।
साथ ही आपको बता दे कि यह तालाब कोंडागांव से गुजरने वाली नेशनल हाईवे 30 से लगी हुई है यह मार्ग सीधा राजधानी को जोड़ने वाला मार्ग है साथ ही यह तालाब अब सोसल मीडिया में छाया हुआ है कोई इस मैदान रूपी तालाब को देख के 20 - 20 क्रिकेट खेलने या राज्य स्तरीय फुटबॉल खेलने की बात करते है।
कांग्रेस नेतृत्व का काम, केवल भ्रम फैलाना और नकारात्मक राजनीति करना – संजय पाण्डे
जगदलपुर । शौर्यपथ / बस्तर के सर्वमान्य आदिवासी नेता एवं मंत्री श्री केदार कश्यप पर कांग्रेस द्वारा लगाए जा रहे निराधार एवं भ्रामक आरोपों को लेकर जगदलपुर महापौर श्री संजय पाण्डे ने कड़ी प्रतिक्रिया व्यक्त की। उन्होंने कहा कि कांग्रेस ने हमेशा जनहित के मुद्दों से ध्यान भटकाने के लिए षड्यंत्र और झूठे प्रचार का सहारा लिया है।
महापौर संजय पाण्डे ने कहा कि –
“कांग्रेस भली-भांति जानती है कि बस्तर में उसकी राजनीतिक ज़मीन खो चुकी है और यहां यदि किसी का सशक्त जनाधार है, तो वह भाजपा के आदिवासी नेता श्री केदार कश्यप का है। कांग्रेस का यह दुर्भावनापूर्ण कृत्य केवल एक सौम्य, सरल और सहज व्यक्तित्व के धनी आदिवासी नेता को बदनाम करने का प्रयास है। श्री केदार कश्यप का व्यवहार हमेशा विनम्र और सरल रहा है, वे जनसामान्य से सहजता से मिलते हैं और उनकी समस्याओं को गंभीरता से सुनते हैं। यही कारण है कि बस्तर की जनता उन्हें अपना सच्चा नेता मानती है।”
महापौर ने भानपुरी की घटना पर भी कड़ा आक्रोश व्यक्त करते हुए कहा –
“कांग्रेस ने जिस तरह से भानपुरी स्थित मंत्री केदार कश्यप के निवास कार्यालय का घेराव कर वहाँ तोड़फोड़ की, पत्थरबाज़ी की और यहां तक कि ड्यूटी में तैनात महिला पुलिसकर्मी के साथ मारपीट की, वह कांग्रेस की गुंडागर्दी और अराजक मानसिकता का प्रमाण है। सत्ता से बाहर होने की बौखलाहट में कांग्रेस अब हिंसक और असंवैधानिक रास्ता अख्तियार कर चुकी है। जनता इस कृत्य को कभी माफ नहीं करेगी और कांग्रेस की असली तस्वीर अब पूरी तरह सामने आ चुकी है।”
उन्होंने कहा कि झूठे आरोप लगाना, मनगढ़ंत कहानियां बनाकर सोशल मीडिया में फैलाना कांग्रेस की पुरानी फितरत है, लेकिन केवल आरोप लगाने से आरोप साबित नहीं होते। कांग्रेस का यह आचरण लोकतंत्र और जनभावनाओं के साथ छल करने जैसा है।
महापौर ने आगे कहा कि माननीय मुख्यमंत्री श्री विष्णुदेव साय के नेतृत्व में भाजपा सरकार छत्तीसगढ़ सहित बस्तर के सर्वांगीण विकास के लिए दृढ़संकल्पित है। मंत्री केदार कश्यप निरंतर आदिवासी समाज के उत्थान और बस्तर के विकास के लिए कार्यरत हैं। उनका सौम्य और सरल व्यक्तित्व ही उन्हें जनता के और निकट ले आता है। यही कारण है कि कांग्रेस बस्तर की जनता से जुड़े मुद्दों पर पूरी तरह खाली हो चुकी है और केवल भ्रम फैलाने का असफल प्रयास कर रही है।
महापौर पाण्डे ने कांग्रेस के हालिया धरना-प्रदर्शन और घेराव की राजनीति पर कटाक्ष करते हुए कहा कि –
“कांग्रेस का कोई भी हठकंडा मंत्री केदार कश्यप जैसे सौम्य और सहज व्यक्तित्व की छवि को प्रभावित नहीं कर सकता। कांग्रेस के टूलकिट की सच्चाई जनता के सामने उजागर हो चुकी है। दरअसल, कांग्रेस के नेता दीपक बैज की लोकप्रियता में गिरावट और अपनी शाख बचाने की मजबूरी में कांग्रेस ऐसे हथकंडे अपना रही है, लेकिन इसमें उसे मुंह की खानी पड़ेगी।”
अंत में महापौर ने कहा कि –
“बस्तर की जनता कांग्रेस की इस नकारात्मक राजनीति को न केवल नकारेगी, बल्कि भाजपा के प्रति अपने विश्वास को और मज़बूती से दोहराएगी। भ्रष्टाचार में आकंठ डूबी कांग्रेस का अब बस्तर में कोई भविष्य शेष नहीं है।”
दुर्ग / शौर्यपथ /
जिला कार्यालय सभाकक्ष में आयोजित जनदर्शन कार्यक्रम में कलेक्टर अभिजीत सिंह ने नागरिकों से सीधे मुलाकात कर उनकी समस्याएं सुनीं। कार्यक्रम में डिप्टी कलेक्टर उत्तम ध्रुव भी उपस्थित रहे। कलेक्टर ने सभी आवेदनों को गंभीरता से लेते हुए संबंधित विभागों को त्वरित कार्रवाई करने निर्देश दिए। इस दौरान कुल 80 आवेदन प्राप्त हुए, जिनमें अवैध कब्जा, आवासीय पट्टा, प्रधानमंत्री आवास, भूमि सीमांकन, आर्थिक सहायता राशि सहित विभिन्न विषयों से जुड़ी मांगें सामने आईं।
ग्रीन चौक, दुर्ग निवासी एक महिला ने बताया कि उनके भवन में पिछले चार वर्षों से सरकारी फुटकर मदिरा दुकान संचालित है। भवन जर्जर हो चुका है और मरम्मत कराना आवश्यक है। वह मरम्मत के बाद स्वयं का व्यवसाय शुरू करना चाहती हैं। इसके साथ ही अप्रैल से अब तक दुकान संचालक द्वारा किराया भी जमा नहीं किया गया है। इस पर कलेक्टर ने आबकारी विभाग को परीक्षण कर आवश्यक कार्रवाई करने के निर्देश दिए।
ग्राम पंचायत चंगोरी के सरपंच ने बताया कि उप-स्वास्थ्य केंद्र की छत जर्जर हो चुकी है और लगातार प्लास्टर गिरने से हादसे का खतरा बना हुआ है। इस पर कलेक्टर ने मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी को निरीक्षण कर आवश्यक मरम्मत कराने के निर्देश दिए।
भिलाई के रहवासियों ने हुड़को कालीबाड़ी परिसर की सरकारी भूमि पर 40 वर्ष पुराने फलदार व अन्य वृक्षों की अवैध कटाई की शिकायत दर्ज कराई। उन्होंने बताया कि नवरात्रि के दौरान इन पेड़ों को काटकर व्यावसायिक गतिविधियां चलाई जाती हैं। इस पर कलेक्टर ने एसडीएम भिलाई को आवश्यक कार्रवाई करने के निर्देश दिए।
ग्राम खपरी (धमधा) निवासी ने आवेदन देकर बताया कि ऑनलाइन रिकॉर्ड में उनकी 0.96 हे. कृषि भूमि को त्रुटिवश 0.46 हे. दर्ज कर दिया गया है, जिससे उन्हें परेशानी हो रही है। इस पर कलेक्टर ने तहसीलदार धमधा को जांच कर सुधार की कार्रवाई करने को कहा।
जनदर्शन कार्यक्रम में खाद्य विभाग, नगर निगम दुर्ग, रिसाली एवं भिलाई, समाज कल्याण विभाग और जिला पंचायत के अधिकारी भी उपस्थित रहे।
भिलाई / शौर्यपथ / जश्ने ईद मिलादुन्नबी के अवसर पर रविवार, 7 सितंबर की शाम सैय्यदी सुन्नी जामा मस्जिद मजार कमेटी भिलाई-तीन में भव्य सम्मान समारोह का आयोजन हुआ। इस मौके पर विभिन्न क्षेत्रों की प्रतिभाओं, समाजसेवियों, पत्रकारों और शिक्षा के क्षेत्र में उत्कृष्ट प्रदर्शन करने वाले युवाओं को सम्मानित किया गया।
इससे पहले कमेटी द्वारा स्वास्थ्य शिविर और रक्तदान शिविर भी आयोजित किया गया था। दरगाह शरीफ परिसर में आयोजित इस कार्यक्रम में पैगम्बर हजरत मुहम्मद सल्ललाहु अलैहि वसल्लम की आमद की महत्ता और उनकी शिक्षाओं पर अतिथियों ने विचार रखे।
कमेटी के अध्यक्ष रुस्तम खान ने स्वागत भाषण में आयोजन की महत्ता बताई। विशिष्ट अतिथि थाना प्रभारी अंबर सिंह राजपूत ने उभरती प्रतिभाओं की सराहना करते हुए कहा कि ऐसे सम्मान समारोह समाज में एकता और बेहतर भविष्य की ओर प्रेरित करते हैं। समाजसेवी सुजीत बघेल ने इसे सराहनीय पहल बताया और कहा कि दरगाह परिसर कौमी एकता का जीवंत उदाहरण है।
इमाम हाफिज अकील ने पैगम्बर की शिक्षाओं को इंसानियत और अल्लाह तक पहुँचने का सच्चा मार्ग बताया। वहीं बीईटीओ सैय्यद असलम ने कहा कि नबी की पाकीजा जिंदगी अपनाने से दुनिया में इंसाफ, भाईचारा और औरतों को सम्मान मिला।
इस अवसर पर एमबीबीएस में चयनित जोया खान और नजब तबस्सुम, इंजीनियरिंग पाठ्यक्रम में चयनित रुहमैशा अहमद और कक्षा 10वीं में 90% अंक प्राप्त करने वाली रेहाबा को सम्मानित किया गया तथा नगद प्रोत्साहन राशि दी गई।
इसी प्रकार पत्रकारिता, समाजसेवा और विभिन्न क्षेत्रों में उल्लेखनीय योगदान देने वाले जमील खान, हरगोविंद सिंह, डॉ. नौशाद सिद्दीकी, मोहम्मद फारुक, कदीर रजा, नातखां हाफिज नसीम खान, डॉ. असलम, मनीष चंद्राकर और मुहम्मद जाकिर हुसैन को भी सम्मानित किया गया।
कार्यक्रम का संचालन हमीद अहमद शाह ने किया। आयोजन में महासचिव नसीम खान, रईस अहमद, तौहीद खान, मोहम्मद आरिफ, अबुल हसन, जफर अब्बास, लतीफ सहित बड़ी संख्या में मुस्लिम समाज के लोग उपस्थित थे।
यह आयोजन केवल सम्मान समारोह नहीं बल्कि कौमी एकता, सामाजिक सौहार्द और इंसानियत का संदेश देने वाला कार्यक्रम साबित हुआ।
32 राज्यों से आएंगे 800 से अधिक प्रतिभागी, उद्घाटन विधानसभा अध्यक्ष डॉ. रमन सिंह और समापन मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय करेंगे
भिलाई / शौर्यपथ / छठवीं राष्ट्रीय योगासन स्पोर्ट्स चैंपियनशिप 2025 (सीनियर एवं सीनियर-A) का आयोजन 11 से 14 सितंबर तक अग्रसेन भवन, सेक्टर-6, भिलाई में होने जा रहा है। इसमें देश के 32 राज्यों से 800 से ज्यादा प्रतिभागी हिस्सा लेंगे और योग के माध्यम से अपनी प्रतिभा का प्रदर्शन करेंगे।
छत्तीसगढ़ योगासन स्पोर्ट्स एसोसिएशन के अध्यक्ष गोस्वामी जयंत विष्णु भारती ने बताया कि आयोजन का उद्देश्य छत्तीसगढ़ की जनता को योग के प्रति जागरूक करने के साथ-साथ योग को राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय स्तर पर एक प्रतिस्पर्धी खेल विधा के रूप में स्थापित करना है।
11 सितंबर, गुरुवार को सुबह 11 बजे उद्घाटन समारोह होगा।
मुख्य अतिथि : छत्तीसगढ़ विधानसभा अध्यक्ष डॉ. रमन सिंह
अध्यक्षता : दुर्ग सांसद विजय बघेल
विशिष्ट अतिथि : पूर्व विधानसभा अध्यक्ष प्रेम प्रकाश पांडे, वैशाली नगर विधायक रिकेश सेन, हरियाणा योग आयोग अध्यक्ष डॉ. जयदीप आर्य, धमतरी महापौर जगदीश रामू रोहरा, दुर्ग महापौर अलका बाघमार, भाजपा प्रवक्ता गौरीशंकर श्रीवास, पतंजलि भारत स्वाभिमान न्यास के प्रभारी अनूप बंसल, उद्योगपति विजय कुमार गुप्ता सहित अन्य गणमान्यजन।
प्रतियोगिता में पुरुष एवं महिला वर्ग के लिए 18-28, 29-35 और 36-42 वर्ष के तीन आयु वर्ग रखे गए हैं।
कुल 12 इवेंट आयोजित होंगे।
निर्णायक मंडल में 80 विशेषज्ञ निर्णायक, जो 30 राज्यों से विशेष रूप से आमंत्रित किए गए हैं, निष्पक्ष मूल्यांकन करेंगे।
प्रतिभागियों के प्रदर्शन का मूल्यांकन आईआईटी मद्रास द्वारा विकसित सॉफ्टवेयर से किया जाएगा, जो उनकी सूक्ष्म गतिविधियों, संयम, एकाग्रता और शारीरिक संतुलन का विश्लेषण करेगा।
श्री भारती ने बताया कि अगले वर्ष जापान में होने वाले एशियाई खेलों में योग को शामिल किया जा रहा है। साथ ही, 2036 ओलंपिक में भी योगासन को शामिल किए जाने की संभावना प्रबल है। हाल ही में 38वें राष्ट्रीय खेलों में छत्तीसगढ़ के खिलाड़ियों ने योग में दो स्वर्ण और एक कांस्य पदक जीतकर महत्वपूर्ण उपलब्धि दर्ज की है।
14 सितंबर, रविवार दोपहर 2 बजे समापन समारोह होगा।
मुख्य अतिथि : मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय
अध्यक्षता : सांसद दुर्ग विजय बघेल
विशिष्ट अतिथि : सांसद संतोष पांडेय, विधायक ललित चंद्राकर, योगासन भारत अध्यक्ष उदित सेठ, भाजयुमो नेता मनीष पांडे, भाजपा नेता कमल सिंह राजपूत, उद्योगपति विजय गुप्ता, समाजसेवी बंसी अग्रवाल, छत्तीसगढ़ क्रिकेट संघ डायरेक्टर सरदार बलदेव सिंह भाटिया सहित अन्य।
यह आयोजन भिलाई के लिए न केवल राष्ट्रीय स्तर की बड़ी खेल प्रतियोगिता है बल्कि योग को वैश्विक खेल मंच पर पहचान दिलाने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम भी साबित होगा।
भिलाई / शौर्यपथ / आशीष नगर, सड़क-11 में कंवर समाज महिला मंडल भिलाई का तीज मिलन समारोह 2025 उत्साहपूर्वक मनाया गया। मुख्य अतिथि रिसाली महापौर शशि सिन्हा और विशेष अतिथि अंबिका दाउ रहीं। महिलाओं ने रंगारंग सांस्कृतिक कार्यक्रम प्रस्तुत किए।
तीज क्वीन – दीपिका चंद्रवंशी, उमा चंद्रवंशी, भोज चंद्रवंशी रहीं, जबकि सोलह श्रृंगार प्रतियोगिता में ज्योति चंद्रवंशी और माधुरी रावके ने बाजी मारी।
कार्यक्रम का संचालन महिला मंडल अध्यक्ष रंजना चंद्रवंशी व टीम ने किया।
भिलाई। शौर्यपथ / बायपास रोड स्थित हेरिटेज इंटरनेशनल पब्लिक स्कूल में शिक्षक दिवस बड़े हर्षोल्लास के साथ मनाया गया। कार्यक्रम के मुख्य अतिथि वैशाली नगर विधायक रिकेश सेन के प्रतिनिधि एवं क्षत्रिय कल्याण सभा के अध्यक्ष शैलेन्द्र सिंह थे, जबकि अध्यक्षता जिला भाजपा अध्यक्ष पुरुषोत्तम देवांगन ने की।
कार्यक्रम की शुरुआत डॉ. सर्वपल्ली राधाकृष्णन के चित्र पर माल्यार्पण से हुई। स्कूल संचालक बृजमोहन उपाध्याय ने अतिथियों व सभी शिक्षकों का स्वागत किया। इस अवसर पर सभी शिक्षकों को श्रीफल, प्रशस्तिपत्र व उपहार देकर सम्मानित किया गया। साथ ही समाज को दिशा देने वाले मीडिया प्रतिनिधियों (चौथा स्तंभ) को भी सम्मानित किया गया।
मुख्य अतिथि शैलेन्द्र सिंह ने कहा कि "शिक्षक ही वह मार्गदर्शक हैं जो हमें ज्ञान देकर जीवन में सफलता, पहचान और संघर्ष करने की शक्ति प्रदान करते हैं।"
जिला भाजपाध्यक्ष पुरुषोत्तम देवांगन ने कहा कि "समाज और राष्ट्र के भविष्य निर्माण में योगदान देने वाले गुरुओं का सम्मान करना गौरव की बात है।"
संचालक बृजमोहन उपाध्याय ने विद्यालय की उपलब्धियों पर प्रकाश डालते हुए कहा कि "विद्यालय में उच्च शिक्षित शिक्षकों द्वारा गुणवत्तापूर्ण शिक्षा व संस्कार दिए जाते हैं, जिससे नगर में हेरिटेज स्कूल की अलग पहचान बनी है।" उन्होंने केन्द्र व राज्य सरकार की नीतियों की सराहना करते हुए भाजपा सरकार के निरंतर बने रहने की कामना की।
संस्कृत हमारी विरासत का आधार, इसे संरक्षित करना सबकी जिम्मेदारी : मुख्यमंत्री
मुख्यमंत्री साय विराट संस्कृत विद्वत्-सम्मेलन में हुए शामिल
रायपुर / शौर्यपथ / भारतीय संस्कृति की आत्मा संस्कृत में निहित है, जो हमें विश्व पटल पर एक विशिष्ट पहचान प्रदान करती है। संस्कृत भाषा व्याकरण, दर्शन और विज्ञान की नींव है, जो तार्किक चिंतन को बढ़ावा देती है। मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय ने आज राजधानी रायपुर के संजय नगर स्थित सरयूपारीण ब्राह्मण सभा भवन में आयोजित विराट संस्कृत विद्वत्-सम्मेलन को संबोधित करते हुए यह बात कही।
मुख्यमंत्री साय ने कहा कि संस्कृत शिक्षा आधुनिक युग में भी प्रासंगिक और उपयोगी है। संस्कृत भाषा और साहित्य हमारी विरासत का आधार हैं, जिन्हें हमें संरक्षित और संवर्धित करना चाहिए।
मुख्यमंत्री साय ने कहा कि देववाणी संस्कृत पर चर्चा के साथ यह सम्मेलन भारतीय संस्कृति, संस्कार और राष्ट्र को सुदृढ़ बनाने का एक महान प्रयास है। मुख्यमंत्री साय ने संस्कृत भाषा के संरक्षण एवं संवर्धन के लिए संस्कृत भारती छत्तीसगढ़ और सरयूपारीण ब्राह्मण सभा छत्तीसगढ़ द्वारा किए जा रहे प्रयासों की सराहना की तथा उन्हें बधाई और शुभकामनाएँ दीं।
मुख्यमंत्री साय ने कहा कि आधुनिक शिक्षा में संस्कृत भाषा को शामिल करने से विद्यार्थियों का बौद्धिक विकास सुनिश्चित होगा। संस्कृत में वेद, उपनिषद और पुराण जैसे ग्रंथों का विशाल भंडार है, जो दर्शन, विज्ञान और जीवन-मूल्यों का संदेश देते हैं। वेदों में वर्णित आयुर्वेद, गणित और ज्योतिष आज भी प्रासंगिक हैं और शोध का विषय हो सकते हैं। इन ग्रंथों में कर्म, ज्ञान और भक्ति के सिद्धांत स्पष्ट रूप से प्रतिपादित हैं, जो आधुनिक जीवन में शांति और संतुलन ला सकते हैं।ऐसे में संस्कृत शिक्षा आधुनिक युग में भी उतनी ही प्रासंगिक और उपयोगी है।
मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय ने कहा कि वेदों और उपनिषदों के ज्ञान को अपनाकर हम अपनी विरासत को संजोने के साथ-साथ अपने जीवन को भी समृद्ध बना सकते हैं। उन्होंने कहा कि हमें युवाओं को संस्कृत साहित्य से जोड़ने के लिए प्रेरित करना होगा, ताकि वे इस ज्ञान को नई पीढ़ी तक पहुँचा सकें।
मुख्यमंत्री ने यह भी कहा कि तकनीक के माध्यम से संस्कृत शिक्षा को आकर्षक और प्रासंगिक बनाया जा सकता है। राज्य में संस्कृत विद्वानों और शिक्षकों की सक्रिय भागीदारी से इस दिशा में ठोस कदम उठाए जा सकते हैं। उन्होंने आह्वान किया कि इस सम्मेलन के माध्यम से हमें संस्कृत विद्या के प्रचार-प्रसार और अगली पीढ़ी को जोड़ने का संकल्प लेना चाहिए।
कार्यक्रम में मुख्यमंत्री साय ने सरयूपारीण ब्राह्मण सभा, छत्तीसगढ़ के प्रचार पत्रक का विमोचन भी किया। विराट संस्कृत विद्वत्-सम्मेलन का आयोजन संस्कृत भारती छत्तीसगढ़ एवं सरयूपारीण ब्राह्मण सभा छत्तीसगढ़ के संयुक्त तत्वावधान में किया गया।
सम्मेलन को संबोधित करते हुए संस्कृत भारती के प्रांताध्यक्ष डॉ. दादू भाई त्रिपाठी ने कहा कि इतिहास में ऐसे अनेक प्रमाण मिलते हैं, जिनसे सिद्ध होता है कि एक समय संस्कृत जनभाषा के रूप में प्रचलित थी। छत्तीसगढ़ी भाषा का संस्कृत से सीधा संबंध है। छत्तीसगढ़ी में पाणिनि व्याकरण की कई धातुओं का सीधा प्रयोग होता है। उन्होंने यह भी बताया कि सरगुजा क्षेत्र में सर्वाधिक आदिवासी विद्यार्थी संस्कृत की शिक्षा प्राप्त कर रहे हैं।
मुख्यमंत्री साय ने कार्यक्रम में सरयूपारीण ब्राह्मण समाज के विभिन्न क्षेत्रों में उल्लेखनीय योगदान देने वाले व्यक्तियों को सम्मानित किया। इनमें गठिया रोग विशेषज्ञ डॉ. अश्लेषा शुक्ला, उत्कृष्ट तैराक अनन्त द्विवेदी तथा पं. रविशंकर शुक्ल विश्वविद्यालय के कुलपति प्रो. सच्चिदानंद शुक्ला शामिल थे।
सम्मेलन को दंडी स्वामी डॉ. इंदुभवानंद महाराज, सरयूपारीण ब्राह्मण सभा छत्तीसगढ़ के अध्यक्ष डॉ. सुरेश शुक्ला और अखिल भारतीय संस्कृत भारती शिक्षण प्रमुख डॉ. श्रीराम महादेव ने भी संबोधित किया। इस अवसर पर डॉ. सतेंद्र सिंह सेंगर, अजय तिवारी, बद्रीप्रसाद गुप्ता सहित बड़ी संख्या में संस्कृत शिक्षकगण, सामाजिक प्रतिनिधि और गणमान्यजन उपस्थित थे।
रायपुर / शौर्यपथ /
मुख्यमंत्री साय ने आज चंद्रग्रहण से पूर्व परंपरानुसार अपने निवास परिसर में गौमाता को रोटी और गुड़ खिलाकर प्रदेश की सुख-समृद्धि, शांति और जनकल्याण की मंगलकामना की। मुख्यमंत्री ने कहा कि भारतीय परंपरा में गौ-सेवा का विशेष महत्व है। गाय को गुड़ खिलाने से ग्रहण के अनिष्ट प्रभाव कम होते हैं और सकारात्मक ऊर्जा का संचार होता है।
गौ-सेवा से आत्मिक संतोष
मुख्यमंत्री साय ने इस अवसर पर कहा—
"गौ-सेवा से मुझे आत्मिक संतोष और नई ऊर्जा का अनुभव होता है। यह सेवा न केवल हमारी संस्कृति की पहचान है, बल्कि जनमानस में शांति और सौहार्द का संदेश भी देती है।"
उन्होंने आगे कहा कि गौ-सेवा करने से व्यक्ति के जीवन में सच्ची शांति, संतुलन और सकारात्मक दृष्टिकोण का विकास होता है।
परंपरा और विश्वास का संगम
चंद्रग्रहण जैसे खगोलीय अवसरों पर रोटी और गुड़ अर्पित करने की परंपरा लोकआस्था और विश्वास से जुड़ी है। मुख्यमंत्री ने इस परंपरा का निर्वहन करते हुए प्रदेशवासियों के लिए मंगलकामनाएं कीं और समृद्ध छत्तीसगढ़ के निर्माण की दिशा में सबके सहयोग का आह्वान किया।
विशेष विश्लेषण : गौ-सेवा और चंद्रग्रहण परंपरा
संस्कृति और आस्था का दृष्टिकोण
भारतीय संस्कृति में गाय को माता का स्थान प्राप्त है। धार्मिक मान्यता है कि चंद्रग्रहण या सूर्यग्रहण के समय गौमाता को रोटी और गुड़ खिलाने से ग्रहण के अनिष्ट प्रभाव कम होते हैं। यह परंपरा पुण्य और सकारात्मक ऊर्जा की प्राप्ति से जुड़ी मानी जाती है।
विज्ञान और स्वास्थ्य का दृष्टिकोण
गुड़ को पचाना आसान होता है और यह प्राकृतिक शुगर व आयरन का स्रोत है, जो पशुओं और मनुष्यों दोनों के लिए लाभकारी है। ग्रहण काल में पारंपरिक रूप से उपवास और सात्विक आहार की परंपरा रही है। इसका वैज्ञानिक कारण यह माना जाता है कि ग्रहण के समय वातावरण में सूक्ष्मजीवों की वृद्धि तेज हो जाती है, जिससे भारी या दूषित भोजन से परहेज किया जाता है। गौ-सेवा से मनुष्य में करुणा, अनुशासन और जिम्मेदारी की भावना बढ़ती है, जो मानसिक संतुलन और सामाजिक सद्भाव को प्रोत्साहित करती है।
