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बिलासपुर / शौर्यपथ / जिले के शून्य से पांच वर्ष तक के 2.71 लाख से अधिक बच्चों को पल्स पोलियो की खुराक 27 फरवरी को पिलाई जाएगी । इसके लिए विशेष तैयारियां कर ली गई हैं और माइक्रो प्लान भी तैयार किया जा चुका है। विशेष पोलियो अभियान में इस आयु वर्ग का एक भी बच्चा ना छूटे और कोई कमी न रहे इसके लिये निगरानी टीम नियमित रूप से सक्रिय हैं।
इस संबंध में मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी डॉ. प्रमोद महाजन ने बताया पल्स पोलियो अभियान को लेकर तैयारियां कर ली गई हैं। साथ ही कर्मचारियों को इसके लिए प्रशिक्षण भी दिया गया है। पल्स पोलियो अभियान के तहत जिले के शून्य से पांच वर्ष तक के हर बच्चे को पोलियो की खुराक पिलाई जाए, यह प्रयास किया जा रहा है। वहीं जिला टीकाकरण अधिकारी डॉ. मनोज सैमुअल ने बताया “पल्स पोलियो अभियान के लिए माइक्रो प्लान बनाया गया है। 27 फरवरी को इस अभियान की शुरुआत की जाएगी। जिले में 2,71,847 बच्चों को पोलियो की खुराक पिलाने का लक्ष्य रखा है। जिले में कुल 1,490 टीकाकरण बूथ बनाए गए है। इन बूथों में पर स्वास्थ्यकर्मी तैनात रहेंगे। जिला स्तर पर निगरानी टीमें बनाई गई है। प्रत्येक टीम में 2 सदस्य होंगे। पर्यवेक्षक और 86 ट्रांजिट टीमों की निगरानी में पल्स पोलियो अभियान के तहत खुराक दी जाएगी| आंगनबाड़ी केंद्रों, प्राथमिक शाला, उपस्वस्थ्य केंद्रों से लेकर प्राथमिक, सामुदायिक, जिला अस्पतालों, में पोलियो की खुराक पिलाई जायेगी। रेलवे स्टेशन, बस स्टैंड और शहर में आने वाले मार्गों के नाकों पर भी पोलियो बूथ बनाए जाएंगे, ताकि कोई भी बच्चा पोलियो की खुराक पीने से न छूट जाए। इसके अलावा घुमंतू लोगों के बच्चों और निर्माण क्षेत्र में कार्य कर रहे मजदूरों के बच्चों को भी पोलियो की खुराक टीम द्वारा उनके कार्यस्थल पर जाकर भी पिलाई जाएगी।“
जनवरी की बजाए फरवरी में अभियान- जिला टीकाकरण अधिकारी डॉ. सैमुअल ने बताया कोई भी बच्चा नहीं छूटे इस उद्देश्य से सघन पोलियो अभियान हर साल चलाया जाता है। इस साल अभियान की शुरुआत जनवरी से होने वाली थी लेकिन कोरोना संक्रमण की तीसरी लहर की वजह से इसे टाल दिया गया था। बच्चों के स्वास्थ्य के मद्देनजर हर केंद्र में टीकाकरण के दौरान कोविड नियमों का पालन किया जाएगा। 28 फरवरी और 1 मार्च तक घर-घर भ्रमण कर अभियान की सतत् निगरानी की जाएगी और छूटे हुए बच्चों को इस दौरान पोलियो की खुराक दी जाएगी। “
पोलियो की खुराक अवश्य पिलाएं - छोटे बच्चों की रोग प्रतिरोधक क्षमता बहुत कमजोर होती है। उन्हें कई रोगों से बचाने के लिए उनका सही समय पर टीकाकरण बहुत आवश्यक है। शिशु के जन्म से लेकर पांच साल तक के बच्चों को टीकाकरण के माध्यम से कई रोगों से बचाया जा सकता है। ऐसे ही रोगों में से एक है पोलियो I छोटे बच्चों में पोलियो का इन्फेक्शन होने का खतरा बहुत अधिक होता है। इससे सबसे ज्यादा प्रभावित पांच साल से छोटे बच्चे होते हैं। पोलियो एक ऐसी बीमारी है जो हड्डियों को कमजोर कर बच्चे को अपंग भी बना सकती है और कई मामलों में इसके कारण मौत भी हो जाती है। इन सबसे बचने के लिए बच्चों को पोलियो की खुराक अवश्य पिलाएं ।
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