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दुर्ग / शौर्यपथ / शासकीय विश्वनाथ यादव तामस्कर स्नातकोत्तर स्वशासी महाविद्यालय, दुर्ग के राजनीति विज्ञान विभाग द्वारा सावित्रीबाई फुले की जयंती बड़े उत्साह और गरिमा के साथ मनाई गई। इस अवसर पर महाविद्यालय के प्राचार्य डॉ. अजय कुमार सिंह ने मुख्य अतिथि के रूप में उपस्थित होकर अपने प्रेरणादायक विचार साझा किए। अपने उद्बोधन में डॉ. अजय कुमार सिंह ने कहा, "सावित्रीबाई फुले न केवल भारत में महिला शिक्षा की जननी थीं, बल्कि उन्होंने समाज में व्याप्त असमानता और अन्याय के खिलाफ आवाज उठाई। उनका जीवन हमें यह सिखाता है कि शिक्षा केवल व्यक्तिगत विकास का साधन नहीं, बल्कि समाज में सकारात्मक बदलाव लाने का शक्तिशाली माध्यम है। हमें उनके आदर्शों को अपनाकर एक समतामूलक समाज की स्थापना के लिए कार्य करना चाहिए।" विभागाध्यक्ष डॉ. शकील हुसैन ने सावित्रीबाई फुले के योगदान पर प्रकाश डालते हुए उनकी सहयोगी फातिमा शेख को भी याद किया। उन्होंने कहा, "सावित्रीबाई फुले और फातिमा शेख ने मिलकर सामाजिक परिवर्तन का जो अद्वितीय कार्य किया, वह आज भी हमारे लिए प्रेरणा का स्रोत है। फातिमा शेख ने सावित्रीबाई के साथ मिलकर शिक्षा के क्षेत्र में क्रांति लाई और वंचित वर्गों के लिए शिक्षा को सुलभ बनाया।
यह साझेदारी हमें सहयोग और समानता के महत्व को समझने का अवसर प्रदान करती है।" कार्यक्रम में प्राध्यापकों तरुण कुमार साहू, डॉ. राजेश्वरी जोशी, डॉ. रश्मि गौर, श्रीमती राखी भारती, शाहबाज अली और अमित कुमार ने भी अपने विचार व्यक्त किए। वक्ताओं ने सावित्रीबाई फुले के जीवन से प्रेरणा लेने और उनके विचारों को वर्तमान समय में अपनाने की आवश्यकता पर जोर दिया। विदित है कि सावित्री बाई फूले का जन्म 3 जनवरी 1831 को हुआ था, उनके योगदान को याद करते हुए प्रतिवर्ष 3 जनवरी को उनकी जयंती मनाई जाती है।इस अवसर पर स्नातक, स्नातकोत्तर एवं अन्य विभागों के विद्यार्थियों ने भी बढ़-चढ़कर हिस्सा लिया। निबंध, भाषण और पोस्टर प्रतियोगिताओं के माध्यम से विद्यार्थियों ने सावित्रीबाई फुले और फातिमा शेख के विचारों और उनके योगदान को रेखांकित किया। कार्यक्रम का समापन धन्यवाद ज्ञापन के साथ हुआ, जिसमें डॉ राजेश्वरी जोशी ने प्राचार्य, प्राध्यापकों, विद्यार्थियों और सभी उपस्थितजनों का आभार व्यक्त किया।
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