October 24, 2025
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चट्टानी इरादों से राहुल का हुआ पुनर्जन्म : रास्ते अगर चट्टानी थे, तो इरादे हमारे फ ौलादी थे : मुख्यमंत्री भूपेश बघेल

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रायपुर / शौर्यपथ /

"माना कि चुनौती बड़ी थी, हमारी टीम भी कहां शांत खड़ी थी। रास्ते अगर चट्टानी थे, तो इरादे हमारे फौलादी थे।" मुख्यमंत्री श्री भूपेश बघेल का यह ट्वीट मासूम राहुल साहू के रेस्क्यू ऑपरेशन की कठिनाइयों को बयां करने के लिए काफी है। 104 घंटे के अथक परिश्रम और नाउम्मीद हुए लगातार प्रयास का परिणाम रहा कि जांजगीर-चाम्पा जिले के मालखरौदा विकासखंड अंतर्गत पिहरीद में घर के नजदीक ही खुदे बोरवेल के गड्ढे में गिरे मासूम राहुल को बेहद चट्टानी भौगोलिक संरचना और विपरीत मौसम के बावजूद बोरवेल से सुरक्षित बाहर निकाल लिया गया। मुख्यमंत्री श्री बघेल ने राहुल के सफल रेस्क्यू ऑपरेशन को लेकर कहा कि, सभी की दुआओं और रेस्क्यू टीम के अथक, समर्पित प्रयासों से राहुल साहू को सकुशल बाहर निकाल लिया गया है।

गौरतलब है कि बोरवेल में फंसे राहुल को बचाने के लिए रेस्क्यू दल ने हर बार कड़ी चुनौतियों का सामना किया। राहुल के रेस्क्यू में बड़े-बड़े चट्टान बाधा बनकर काम को आगे बढ़ाने में रोड़ा अटकाते रहे। इस बीच रेस्क्यू टीम को हर बार अपनी रणनीति बदलने के साथ नयी-नयी चुनौतियों से जूझना पड़ा। सुरंग खोदने के लिए मशीनें बदलनी पड़ीं। 65 फीट गहराई में जाकर हॉरिजेंटल सुरंग तैयार करने और राहुल तक पहुंचने में सिर्फ चट्टानों की वजह से ही 5 दिन लग गए। रेस्क्यू टीम को भारी गर्मी और उमस के बीच कभी झुककर तो कभी लेटकर सिर्फ टॉर्च की रोशनी में काम करना पड़ा। इसके बावजूद अभियान न तो रुका, न ही जीवन और मौत के बीच संघर्ष कर रहे राहुल ने हार मानी।

मुख्यमंत्री श्री भूपेश बघेल ने बोरवेल में फंसे मासूम राहुल को सुरक्षित बाहर निकाल लिए जाने के तत्काल बाद समुचित चिकित्सा सुविधा उपलब्ध कराने के लिए जिला प्रशासन को पहले ही निर्देश दिए हुए थे। रेस्क्यू ऑपरेशन में जुटे बचाव दल ने पूरे धैर्य, समझदारी और साहस से लक्ष्य के लिए काम करते हुए 104 घंटे की कड़ी मशक्कत के बाद राहुल को बोरवेल से बाहर निकाल लिया। इस बीच जब तक बोल व सुन पाने में अक्षम 11 वर्षीय राहुल बोरवेल के भीतर फंसा रहा, तब तक राहुल के लिए भीतर ऑक्सीजन की व्यवस्था कर उस तक पर्याप्त मात्रा में ऑक्सीजन पहुंचाया जाता रहा। वहीं विशेष कैमरे की मदद से राहुल के गतिविधियों को लेकर पल-पल की निगरानी की जाती रही। बहरहाल मासूस की जिंदगी को बचाने में सफल रहने पर बचाव दल समेत राहुल के लिए प्रार्थना करने वाले हर शख्स ने राहत की सांस ली है।

मुख्यमंत्री से मिलकर राहुल की माँ हुईं भावुक, बोलीं आपकी टीम ने पत्थरों को चीरकर मेरे बेटे को दिया नया जीवन..आप मेरे लिए भगवान

मुख्यमंत्री भूपेश बघेल राहुल को देखने जब बिलासपुर के अपोलो हॉस्पिटल पहुँचे तो भावनाओं का समंदर उमड़ पड़ा । जनप्रतिनिधि, अधिकारी, डॉक्टर, स्टाफ, हर किसी की आंखें नम हो गयीं। वजह, मुख्यमंत्री को देखकर राहुल की माँ गीता के आंसू रुकने का नाम नहीं ले रहे थे । गीता ने मुख्यमंत्री से कहा आप हमारे लिये भगवान समान हैं । आपकी टीम ने पत्थरों को चीरकर मेरे बेटे की जान बचायी है । किसी ने ना भूख देखी ना प्यास और ना ही एक पल के लिए कोई सोया । जब तक राहुल बाहर नहीं आ गया सभी लोग ऐसे लगे रहे जैसे उनका बेटा फंसा हो । आप सब को, आपके बच्चों को हमारा परिवार जीवन भर दुआएं देगा । मुख्यमंत्री करीब 5 मिनट तक आईसीयू में रुके और मां की बातें ध्यान से सुनते रहे । पूरे समय गीता के आंसू नहीं रुके और हाथ जोड़े खड़ी रहीं । मुख्यमंत्री ने राहुल की मां के सर पर स्नेह पूर्वक हाथ रखकर सांत्वना दी और कहा कि ये हमारा फर्ज था । हमारे लिए एक एक नागरिक जान अनमोल है । श्री बघेल ने राहुल से भी बात की और हालचाल जाना ।

मुख्यमंत्री ने कहा कि वास्तव में पूरी रेस्क्यू टीम ने असाधारण काम किया है । लेकिन ये हमारा फर्ज था । श्री बघेल ने कहा कि राहुल की पढ़ाई की व्यवस्था राज्य सरकार करेगी , आप लोगों को चिंता करने की जरूरत नहीं है । मुख्यमंत्री ने डॉक्टर्स को राहुल का बेहतर और समुचित इलाज करने के निर्देश भी दिये ।

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