February 06, 2025
Hindi Hindi

31 मई विश्व तम्बाकू निषेध दिवस पर विशेष

कुलेश्वर वर्मा ने दृढ़ इच्छा शक्ति से त्यागी तंबाकू सेवन की आदत

*शौर्यपथ  विशेष*

कुलेश्वर वर्मा (36) पिछले 20वर्षों से तंबाकू और तंबाकू से बने उत्पाद का सेवन कर रहे थे । तंबाकू ही उनका सब कुछ था । तंबाकू के बिना उनको लगता था एक पल भी जी नहीं पाऐंगे । लेकिन दृढ़ इच्छाशक्ति और निरंतर परामर्श ने कुलेश्वर वर्मा को 10 माह पूर्व तंबाकू और तंबाकू से बने उत्पाद के सेवन से मुक्ति दिलाई।
कुलेश्वर वर्मा वाहन प्रबंधक के रूप में एक निजी संस्था में कार्य करते हैं । जब वह आठवीं क्लास में थे तब से उनको तम्बाकू की  आदत लग गई थी । शुरुआत के दिनों में मां बाप से छुपकर स्कूल में दोस्तों के साथ तंबाकू या गुटखे का सेवन करते थे लेकिन धीरे धीरे यह आदत ऐसी पड़ गई कि इससे पार पाना एक समुद्र पार करने के बराबर हो गया ।
घर की आर्थिक स्थिति भी इतनी सुद्रण नहीं थी। शुरुआती दिनों में पिताजी के जेब से एक दो रूपये चुराकर अपनी लत को पूरा किया और कभी-कभी दोस्तों ने भी सहयोग किया । मुझे लगा भी में जो सेवन कर रहा हूं यह एक बहुत बड़ा काम है ।‘’
लेकिन धीरे-धीरे इसने शरीर को अंदर ही अंदर खोखला करना शुरू कर दिया। कुलेश्वर बताते हैं आदत इतनी खराब हो गई थी एक दिन में वह कम से कम 50 से 100 रुपए तक के तंबाकू और गुटखे का सेवन करने लगे थे। जब नौकरी शुरू की तो यह आदत और बढगई। जो भी साथी मिलता वह भी गुटखे का शौकीन होता ।
एक वर्ष  पहले कुलेश्वर ने अखबार में नशा मुक्ति को लेकर एक खबर पढ़ी जिसमें बताया गया था रायपुर में नशा मुक्ति केंद्र की स्थापना की गई है जो पंडरी के जिला अस्पताल में स्पर्श क्लीनिक कुलेश्वर ने बताया मुझमें यह खबर पढ़ कर तम्बाकू खाने की आदत छोड़ने की इच्छा जागृत हुई।
मैंने वहां जाकर जब संपर्क किया तो सोशल वर्कर अजय बैस और नेहा सोनी ने मेरा परामर्श किया। डॉ सृष्टि यदु द्वारा मुझे निकोटीन चिंगम चबाने को दी गई। नियमित रूप से मेरी काउंसलिंग और व्यायाम कराने का कार्य किया गया।‘’
तम्बाकू से मेरा मुंह भी नहीं खुलता था।  लगातार फिज़ीयो थैरिपी सलाह का पालन करने से अब कुछ आराम मिला हैं । खाना खाने में स्वाद आने लगा है और मेरा पैसा बचने लगा है । घर में और समाज में मुझे एक विजेता के रूप में देखा जाने लगा  है’’ ।
कुलेश्वर कहते है तम्बाकू से मुक्ति पाना आसान नही था । शुरुआत में अजीब सी बेचैनी,  घबराहट, और चिड़चिड़ापन होता था। रात में नींद नहीं आती थी और छोटी छोटी बातो पर गुस्सा आता था। काम करने से पहले तम्बाकू खाने की इच्छा होती थी और नही मिलने पर काम में मन नही लगता था | भूख कम हो गई और कभी कभी लगा की मस्तिष्क संतुलन बिगड़ने लगा है ।
केंद्र के परामर्शदाताओं ने तम्बाकू को छोड़ने के लिए निकोटिन गम  दिया था । साथ ही मल्टीविटामिन का टेबलेट भी को दिया ।इसके साथ कुछ घरेलू उपचार के माध्यम से भी तम्बाकू को छुड़ाने के लियें  प्रयास करवाये जैसे सुबह योग के दौरान  दालचीनी और 2 काजू, बादाम को खाने के साथ अधिक पानी पीने की सलाह दी गई । परामर्श में तम्बाकू को नकारना भी सिखाया, और मन को नियंत्रण में करने पर बल दिया गया। शुरुआत में  बहुत परेशानी हुई लेकिन फिर तम्बाकू सेवन से मुक्ति पा गया ।
कुलेश्वर को जानने वाले कहते हैं जब यह ऑफिस में आते थे तो दिनभर इनके मुंह में तंबाकू भरा रहता था इनसे बात करने की इच्छा नहीं होती थी । जब यह बात करते थे तो बदबू आती थी।
लेकिन जब से इन्होंने यह आदत छोड़ी है।
आशीष सर्राफ ,कुलेश्वर के नियोक्ता  "मुझे बहुत खुशी होती है कि मेरे यहां भी तंबाकू पर विजय पाने वाला एक योद्धा मौजूद है । मैं अब दुसरों को कुलेश्वर का उदाहरण  दे सकता हूं।
कि जब कुलेश्वर तंबाकू छोड़ सकते हैं तो क्यों ना हम सब मिलकर इस तंबाकू और तंबाकू से बने उत्पाद के सेवन से मुक्ति पाएं

Rate this item
(0 votes)

Leave a comment

Make sure you enter all the required information, indicated by an asterisk (*). HTML code is not allowed.

हमारा शौर्य

हमारे बारे मे

whatsapp-image-2020-06-03-at-11.08.16-pm.jpeg
 
CHIEF EDITOR -  SHARAD PANSARI
CONTECT NO.  -  8962936808
EMAIL ID         -  shouryapath12@gmail.com
Address           -  SHOURYA NIWAS, SARSWATI GYAN MANDIR SCHOOL, SUBHASH NAGAR, KASARIDIH - DURG ( CHHATTISGARH )
LEGAL ADVISOR - DEEPAK KHOBRAGADE (ADVOCATE)