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रायपुर / शौर्यपथ / राष्ट्रीय प्रौद्योगिकी संस्थान (एनआईटी) रायपुर ने स्वच्छता पखवाड़ा 2025 के अंतर्गत स्वच्छता जागरूकता और सामाजिक जिम्मेदारी को बढ़ावा देने के लिए एक विशेष कार्यक्रम आयोजित किया। इस अवसर पर संस्थान की लिटरेरी समिति द्वारा ‘स्वच्छता ही सेवा’ विषय पर निबंध प्रतियोगिता आयोजित की गई, जबकि नृत्य क्लब ने स्वच्छता जागरूकता पर आधारित सांस्कृतिक नृत्य प्रस्तुति प्रस्तुत की। कार्यक्रम में डॉ. मनोज चोपकर, डॉ. सुवेंदु रूप, डॉ. सुधाकर पाण्डेय, डॉ. संजय कुमार, डॉ. टी. पी. साहू, डॉ. वाय विजय बाबू, डॉ. चेतना शर्मा राजपूत, डॉ. अनिल मांझी सहित कई फैकल्टी सदस्य और विद्यार्थी उपस्थित रहे।
निबंध प्रतियोगिता में बड़ी संख्या में विद्यार्थियों ने भाग लिया और स्वच्छता के महत्व पर अपने विचार साझा किए। प्रतिभागियों ने व्यक्तिगत और सामूहिक प्रयासों के माध्यम से स्वच्छ और स्वस्थ समाज के निर्माण में योगदान देने के महत्व को रेखांकित किया।
इसके बाद नृत्य क्लब द्वारा प्रस्तुत ‘स्वच्छता: एक गूंज – एक सांस्कृतिक नृत्य प्रस्तुति’ ने सभी का ध्यान आकर्षित किया। कलाकारों ने शक्तिशाली अभिव्यक्तियों और सुंदर नृत्य मुद्राओं के माध्यम से स्वच्छता, सतत विकास और सामूहिक जिम्मेदारी जैसे विषयों को उजागर किया। स्वच्छता एंथम ‘स्वच्छमेव जयते’ पर आधारित इस प्रस्तुति ने यह संदेश दिया कि प्रत्येक व्यक्ति के छोटे-छोटे प्रयास मिलकर एक स्वच्छ और स्वस्थ राष्ट्र का निर्माण कर सकते हैं।
एनआईटी रायपुर ने स्वच्छ भारत मिशन के अनुरूप नवाचारी और जनजागरूकता से जुड़े कार्यक्रमों को नियमित रूप से आयोजित करते हुए इस पहल में सक्रिय योगदान जारी रखने का संदेश दिया।
पीडब्ल्यूडी मंत्री बताये वो 717 सड़क कब बनेगी ? सड़कों की मरम्मत कब तक होगी?
रायपुर/शौर्यपथ / प्रदेश के खस्ताहाल टूटी-फूटी, गड्ढों युक्त सड़को के लिए मरम्मत करने में डबल इंजन सरकार को असफल बताते हुये प्रदेश कांग्रेस के वरिष्ठ प्रवक्ता धनंजय सिंह ठाकुर ने कहा कि भाजपा की सरकार एक साल में मात्र पौन किलोमीटर नयी सड़क बनाने कार्य आदेश दिया है इसे समझ सकते हैं कि सड़क को लेकर सरकार कितनी गंभीर है। उपमुख्यमंत्री एवं पीडब्ल्यूडी मंत्री अरुण साव दावा करते हैं कि 717 सड़कों की मंजूरी दी गई है तो उन्हें बताना चाहिए कि वह 717 सड़क कहां है? और प्रदेश के सड़कों में गड्ढों की मरम्मत क्यों नहीं हुई? सरकार की उदासीनता के चलते ही प्रदेश के सड़कों में गड्ढा ही गड्ढा नजर आ रहे हैं मरम्मत नहीं हो पा रहा है।
प्रदेश कांग्रेस के वरिष्ठ प्रवक्ता धनंजय सिंह ठाकुर ने कहा कि रायगढ़, अंबिकापुर, सरगुजा, राजनंदगांव, दुर्ग, भिलाई, रायपुर, कोरिया, जशपुर, जांजगीर-चांपा, कोरबा, कांकेर, धमतरी, गरियाबंद सहित सभी जिलों में सड़कों की खस्ताहाल है। सड़कों के खराब स्थिति को लेकर जनता लगातार प्रदर्शन कर रही है सोशल मीडिया में विरोध जता रही है। लेकिन जिम्मेदार लोग आंख बंद करके बैठे हुए है। जनता की परेशानी से उन्हें कोई लेन देन नहीं है। सड़क में गड्ढों के कारण भारी वाहन फंस जा रहे हैं। टू व्हीलर फोर व्हीलर में भी यात्रा करने में लोगों को भारी परेशानी हो रहा है। गाड़ियां खराब हो रही है यात्रा करने वालो को कमर दर्द,हाथ पैर ने दर्द,मानसिक तनाव झेलना पड़ रहा है। सड़कों के गड्ढों में पानी इस तरह भर जाता है कि लोग उसमें नाव चला कर विरोध जाता रहे पर सरकार में बैठे जिम्मेदार लोगों के कान में जूं नही रेंग रहा है।
प्रदेश कांग्रेस के वरिष्ठ प्रवक्ता धनंजय सिंह ठाकुर ने कहा कि प्रदेश की जनता खस्ताहाल टूटी-फूटी गड्ढा युक्त सड़कों से परेशान है। डबल इंजन की सरकार नई सड़क तो बना नही पा रही और पूर्व से बनी सड़कों की मरम्मत करने की वित्तीय स्थिति नजर नहीं आ रही है। सड़कों के गड्ढे जानलेवा साबित हो रहे है दुर्घटना का कारण बन रही है। क्या यही सुशासन है?
दुर्ग / भिलाई / शौर्यपथ / शहीदों दे सरताज—धन-धन गुरु तेग बहादुर साहिब जी की 350वीं शहीदी के उपलक्ष्य में आयोजित ऐतिहासिक नगर कीर्तन आज (सुबह) छत्तीसगढ़ में पहुँचा। यह कीर्तन असम धुरी के पावन गुरद्वारे साहिब से प्रारम्भ होकर सुबह लगभग 10:15 बजे भिलाई के कुम्हारी टोल प्लाजा पहुँचा, जहाँ छत्तीसगढ़ सिख पंचायत-भिलाई और यूथ सिख सेवा समिति-भिलाई ने संगत सहित गुरूग्रन्थ साहिब की हाजरी भरते हुए हर्षोल्लास के साथ अतिथि-सत्कार किया।
नगर कीर्तन की यात्रा तुंरत बाद चरोदा , खुर्सीपार ,पावर हाउस, सुपेला घडी चौक व नेहरू नगर चौक होते हुए दुर्ग पहुँची। प्रत्येक पड़ाव पर संगत ने शुद्ध भाव से श्री गुरु ग्रंथ साहिब के दर्शन किए और लगभग 10-10 मिनट तक नाम-सिमरन व कीर्तन में शामिल होकर श्रद्धा अर्पित की।
यूथ सिख सेवा समिति-भिलाई ने संगत का हृदयपूर्वक आभार व्यक्त किया और कहा कि स्थानीय समुदाय ने बढ़-चढ़ कर इस ऐतिहासिक अवसर को सफल बनाने में योगदान दिया। आयोजन न केवल सिख इतिहास की अमर गाथा का स्मरण कराता है, बल्कि समाज में भाईचारे, त्याग और मानवता का बढ़ाता संदेश भी देता है।
मुख्य आयोजक व उपस्थित वरिष्ठ लोग:
यूथ सिख सेवा समिति-भिलाई के अध्यक्ष इन्द्रजीत सिंह (छोटू), कोषाध्यक्ष मलकीत सिंह, महासचिव जसवंत सिंह सैनी, सचिव हरपाल सिंह, तथा समिति के अन्य पदाधिकारी-सदस्य (हरिंदर सिंह, यशदीप सिंह, सोम सिंह इत्यादि) प्रमुख रूप से मौजूद रहे।
सिख पंचायत के प्रमुख प्रतिनिधियों में अध्यक्ष जसवीर सिंह चहल, वाइस चेयरमैन गुरमीत सिंह गाँधी के साथ कई वरिष्ठ साथी और समाजसेवी मौजूद रहे। (कार्यक्रम में सैकड़ों संगत तथा स्थानीय सामाजिक-धार्मिक प्रतिनिधि उपस्थित थे।)
कार्यक्रम का सार:
नगर कीर्तन का शांत और अनुशासित स्वरूप, नाम-जप एवं कीर्तन की रसधारा, तथा संगत का अनुकरणीय सहयोग-व्यवहार प्रमुख रूप से देखने को मिला। आयोजन के माध्यम से शहीदी पर्व की गरिमा बनाए रखते हुए स्थानीय लोगों में ऐतिहासिक जानकारी और धार्मिक भावनाओं को सम्मानजनक मंच मिला।
दैनिक शौर्यपथ महासमुंद ब्यूरो संतराम कुर्रे
बसना/शौर्यपथ / शारदीय नवरात्र के प्रथम दिवस विधायक डॉ संपत अग्रवाल ने श्री राम जानकी मंदिर में प्रज्वलित किया ज्योति कलश, दी शुभकामनाएं
नवरात्र के प्रथम दिवस विधायक डॉ. संपत अग्रवाल ने की मां दुर्गा की आराधना, कहा-यह पर्व बुराई पर अच्छाई की जीत और नारी शक्ति का प्रतीक है विधायक डॉ संपत अग्रवाल ने मां दुर्गा से मांगी क्षेत्रवासियों की सुख-समृद्धि, नारी शक्ति के सम्मान का दिया संदेश बसना । शारदीय नवरात्र के पावन अवसर पर, बसना नगर स्थित श्री राम जानकी मंदिर में भक्ति का माहौल छाया रहा। नवरात्र के प्रथम दिन, क्षेत्र के विधायक डॉ. संपत अग्रवाल ने मंदिर पहुंचकर माता दुर्गा की पूजा-अर्चना की और ज्योति कलश प्रज्वलित किया। उन्होंने इस शुभ अवसर पर समस्त क्षेत्रवासियों को शारदीय नवरात्र की हार्दिक बधाई और शुभकामनाएं दीं, और क्षेत्र की सुख-समृद्धि एवं खुशहाली की कामना की।
इस अवसर पर विधायक डॉ. संपत अग्रवाल ने अपने विचार व्यक्त करते हुए कहा कि मां दुर्गा का आगमन हमारे जीवन में नई ऊर्जा और शक्ति का संचार करता है। यह पर्व हमें बताता है कि बुराई पर हमेशा अच्छाई की जीत होती है। यह नौ दिन हमें न केवल देवी की पूजा करने का अवसर देते हैं, बल्कि आत्म-चिंतन और आत्म-शुद्धि का भी संदेश देते हैं।
उन्होंने आगे कहा कि मां दुर्गा शक्ति, साहस और धैर्य का प्रतीक हैं। उनका प्रत्येक रूप हमें जीवन की चुनौतियों का सामना करने की प्रेरणा देता है। हमें उनके आदर्शों को अपने जीवन में उतारना चाहिए और समाज में सकारात्मकता और भाईचारे को बढ़ावा देना चाहिए।
विधायक डॉ. अग्रवाल ने कहा कि नवरात्र का यह पर्व नारी शक्ति का सम्मान करने का भी प्रतीक है। हमें हर रूप में नारी का सम्मान करना चाहिए, क्योंकि वह सृष्टि की जननी और शक्ति का स्रोत है। मैं कामना करता हूँ कि मां दुर्गा हम सभी के जीवन में सुख, शांति, समृद्धि और सफलता लाएं और हमारे क्षेत्र को हर संकट से बचाएं।
इस दौरान मंदिर में श्री राम जानकी मंदिर समिति बसना के मुख्य संरक्षक डॉ संपत अग्रवाल के साथ संरक्षकआनंद मदनानी,संरक्षक डाॅ एन के अग्रवाल,संरक्षक राधेलाल अग्रवाल,अध्यक्ष रमेश अग्रवाल,सचिव अभय धृतलहरे,सचिव निर्मल दास सह,कोषाध्यक्ष अजय अग्रवाल,प्रमुख कार्यकारिणी सदस्य जयनारारायण अग्रवाल,श्याम लाल अग्रवाल, अभिमन्यु जायसवाल,पुरुषोत्तम धृतलहरे जनपद सदस्य पिथौरा,विधायक निज सहायक बसना नरेंद्र बोरे ,प्रदीप दास राजन,अर्चक पुरोहित संदीप शास्त्री,युवा नेता सोनू छाबड़ा,राजेन्द्र डोंगरे सहित भारी संख्या में श्रद्धालु और गणमान्य नागरिक मौजूद थे, जिन्होंने विधायक डॉ. संपत अग्रवाल के साथ पूजा में भाग लिया।
कांग्रेस ने पहले ही कहा था की महतारी वंदन योजना कुछ ही दिनों की है
महतारी वंदन योजना के नाम पर महिलाओं से धोखा
पिछले तीन महीना से 40 प्रतिशत महिलाओं को पैसा नहीं मिल रहा है
रायपुर/शौर्यपथ / प्रदेश कांग्रेस प्रवक्ता वंदना राजपूत ने कहा कि साय साय महिलाओं का नाम महतारी वंदन योजना की लिस्ट से काटा जा रहा है। महतारी वंदन योजना के नाम पर महिलाओं से धोखा हुआ है कांग्रेस पहले ही दावा किया था कि कुछ ही दिन महतारी वंदन का पैसा महिलाओं को मिलेगा अब यह बात सच साबित हो रहा है। पिछले तीन महीने से महतारी वंदन की राशि 40 प्रतिशत महिलाओं को नहीं मिल रहा है। भारतीय जनता पार्टी सत्ता में काबिज होने के लिए महिलाओं के भावनाओं से खेला गया। विधानसभा चुनाव में मोदी का गारंटी था कि महतारी वंदन योजना के नाम से प्रत्येक विवाहित महिलाओं को 1000 रू. देने का वादा किया था। भारतीय जनता पार्टी की सरकार की एक नया साजिश है कि सर्वे के माध्यम से पात्र महिलाओं का नाम साय साय काटा जा रहा है। सरकार घोषित 70 लाख में से 60 प्रतिशत महिलाओं के खाते में पैसा डाल रही थी जुलाई अगस्त सितंबर माह में सभी पात्र महिलाओं को राशि नहीं मिली है बड़ी संख्या में महिलाओं को अपात्र बताकर उनका नाम लाभार्थी सूची से हटा दिया गया है।
प्रदेश कांग्रेस प्रवक्ता वंदना राजपूत ने कहा कि भाजपा सरकार के नियत में खोट है इस लिए सर्वे के नाम पर महिलाओं को अपात्र के नाम पर काटा जा रहा है लेकिन जो पात्र महिला है उनका सर्वे क्यों नहीं कराया जा रहा है और उन महिलाओं को क्यों नहीं जोड़ा जा रहा है जो जो विवाहित भी है जो सरकारी नौकरी नहीं कर रही है। ऐसे लाखों महिलाएं हैं जो महतारी वंदन योजना का लाभ मिलना चाहिए लेकिन भारतीय जनता पार्टी के कूटनीति के कारण लाभ से वंचित रहना पड़ रहा है। आज महिलाएं चिंतित एवं परेशान है की महतारी वंदन योजना का पैसा भी नहीं मिल रहा है और दोगुना तिगुना बिजली का बिल आ रहा है। यह कैसा विष्णु का सुशासन है जहां किए गए वादा पूरा नहीं किया जाता और उल्टा जनता का खून पसीने की कमाई महंगी बिजली के नाम से, महंगे खाद्य पदार्थ के नाम से, महंगा शिक्षा के नाम से, महंगा स्वास्थ्य के नाम, महंगा खाद यूरिया के नाम पर लूटा जा रहा है।
एमसीबी / शौर्यपथ / मनेंद्रगढ़-चिरमिरी-भरतपुर (एमसीबी) जिले के पोड़ीडीह स्थित पी.एम. श्री एकलव्य आदर्श आवासीय विद्यालय में आदिसेवा पर्व एवं स्वच्छता पखवाड़े का भव्य आयोजन किया गया, जिसमें स्वास्थ्य मंत्री एवं विधायक श्री श्याम बिहारी जयसवाल मुख्य अतिथि के रूप में शामिल हुए।
कार्यक्रम का शुभारंभ मंत्री जयसवाल ने मां सरस्वती की प्रतिमा पर माल्यार्पण और दीप प्रज्वलन से किया। इस अवसर पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की प्रेरक डॉक्यूमेंट्री का प्रदर्शन किया गया, जिसने विद्यार्थियों और उपस्थित लोगों को राष्ट्र सेवा और समाज सुधार की दिशा में प्रेरित किया। बच्चों द्वारा निर्मित ड्रोन का प्रदर्शन कार्यक्रम का विशेष आकर्षण रहा, जिसे मंत्री ने स्वयं उड़ाकर बच्चों की प्रतिभा और नवाचार की सराहना की।
अपने उद्बोधन में मंत्री जयसवाल ने शिक्षा के महत्व पर जोर देते हुए कहा कि प्रत्येक नागरिक का दायित्व है कि वह समाज और राष्ट्र के प्रति अपनी जिम्मेदारियों को निभाए। उन्होंने प्रधानमंत्री आवास योजना, गरीबों को चावल 1 रुपये प्रति किलो दर से उपलब्ध कराने, विशेष जनजातीय योजनाओं, कोरोना वैक्सीन निर्माण और अंतरराष्ट्रीय स्तर पर भारत की प्रतिष्ठा बढ़ाने जैसी उपलब्धियों का उल्लेख किया। इसके साथ ही आतंकवाद के खिलाफ उठाए गए कदमों और साइबर अपराध एवं ऑनलाइन धोखाधड़ी से सतर्क रहने की अपील भी की।
मंत्री जयसवाल ने विद्यालय को डिजिटल बोर्ड, इंटरेक्टिव पैनल और साउंड सिस्टम की सौगात देने की घोषणा की, जिससे बच्चों की शिक्षा में आधुनिक तकनीक का समावेश होगा। कार्यक्रम में महापौर श्री राम नरेश राय, जिला अध्यक्ष श्रीमती चंपा देवी पावले, आशीष मजुमदार, धर्मेंद्र पटवा, रामेश्वर पांडेय, सहायक आयुक्त, विद्यालय प्राचार्य और मंडल संयोजक सहित अनेक गणमान्य व्यक्ति उपस्थित रहे। बच्चों की सक्रिय भागीदारी ने आदिसेवा पर्व और स्वच्छता पखवाड़े को यादगार बनाया।
सामुदायिक श्रमदान का आयोजन
“स्वच्छता ही सेवा” अभियान के अंतर्गत धार्मिक, पर्यटन और सामुदायिक स्थलों पर भी स्वच्छता श्रमदान कार्यक्रम आयोजित किए जा रहे हैं। इसी कड़ी में सिद्ध बाबा धाम पर जनप्रतिनिधियों, अधिकारियों, कर्मचारियों और ग्रामीणों की उपस्थिति में सामुदायिक स्वच्छता श्रमदान आयोजित किया गया।
उपस्थित जनप्रतिनिधियों और ग्रामीणों ने श्रद्धा और सेवा भाव के साथ परिसर को स्वच्छ किया और पर्यटन स्थलों पर सिंगल यूज प्लास्टिक न प्रयोग करने की शपथ ली। वक्ताओं ने कहा कि स्वच्छता केवल सौंदर्य तक सीमित नहीं, बल्कि यह स्वास्थ्य, पर्यावरण और सामाजिक जिम्मेदारी से जुड़ी है। गंदगी से बीमारियों का खतरा बढ़ता है, जबकि स्वच्छ वातावरण से स्वस्थ और सशक्त समाज का निर्माण संभव होता है।
सामुदायिक श्रमदान में नगर पालिका अध्यक्ष प्रतिमा यादव, उपाध्यक्ष धर्मेंद्र पटवा, सरपंच सोनू सिंह, ग्राम पंचायत चनवारीडांड के सदस्य, अनुविभागीय अधिकारी (राजस्व) लिंगराज सिदार, मुख्य कार्यपालन अधिकारी वैशाली सिंह और बड़ी संख्या में ग्रामीण शामिल हुए। कार्यक्रम के अंत में घोषणा की गई कि 23 सितंबर को जिले के प्रमुख पर्यटन स्थल अमृतधारा में जिला स्तरीय स्वच्छता श्रमदान आयोजित किया जाएगा, जिसमें पूरे जिले के जनप्रतिनिधि और नागरिक शामिल होकर स्वच्छता संदेश को आगे बढ़ाएंगे।
रायपुर/शौर्यपथ /
छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय कल 23 सितम्बर को राजधानी रायपुर और धमतरी जिले के विभिन्न कार्यक्रमों में शामिल होंगे। उनका यह प्रवास जहां आस्था के प्रतीक मंदिर दर्शन से आरंभ होगा, वहीं विकास कार्यों के लोकार्पण और शिलान्यास के साथ जनकल्याण की नई गाथा भी लिखेगा।
राजधानी रायपुर से होगी यात्रा की शुरुआत
मुख्यमंत्री सुबह 10:30 बजे सिविल लाइन स्थित निवास से प्रस्थान करेंगे। सबसे पहले वे काली माता मंदिर, आकाशवाणी चौक में दर्शन करेंगे। इसके बाद डोंगरगढ़ दर्शनों हेतु बसों को हरी झंडी दिखाकर श्रद्धालुओं को रवाना करेंगे।
धमतरी में ‘महती सदन’ का होगा शुभारंभ
रायपुर से पुलिस ग्राउंड हेलीपैड से हवाई मार्ग द्वारा वे धमतरी पहुंचेंगे। 11:30 बजे ग्राम भैंसगांव (मगरलोड) के समीप करेली बड़ी में महती सदन का भव्य शुभारंभ करेंगे। इसी दौरान विशेष कार्यक्रम ‘एक मां के नाम’ में भी शामिल होंगे।
विकास कार्यों का लोकार्पण व शिलान्यास
करेली बड़ी मंडी परिसर में 12:05 बजे से 1:30 बजे तक मुख्यमंत्री शिक्षा विभाग से जुड़े अनेक कार्यों का लोकार्पण और शिलान्यास करेंगे। इस अवसर पर क्षेत्रीय जनता और जनप्रतिनिधियों की उपस्थिति में विकास की नई योजनाओं की सौगात दी जाएगी।
वापसी रायपुर में
कार्यक्रमों के उपरांत मुख्यमंत्री 2:00 बजे हेलिपैड टिनई स्टेडियम से रायपुर लौटेंगे और 2:30 बजे मुख्यमंत्री निवास पहुंचकर अपने दौरे का समापन करेंगे।
विशेष महत्व
मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय का यह दौरा नवरात्र पर्व की पावन बेला में आस्था, संस्कृति और विकास को एक साथ जोड़ने वाला साबित होगा। मंदिर दर्शन से लेकर शिक्षा और सामाजिक कल्याण योजनाओं तक, उनका यह कार्यक्रम प्रदेशवासियों को विश्वास और प्रगति की नई दिशा प्रदान करेगा।
शौर्यपथ लेख / भारत में स्वच्छता की चर्चा जब भी होती है, तो केवल कचरा या गंदगी की सफाई ही नहीं बल्कि शौचालयों की उपलब्धता और उनका नियमित उपयोग भी सबसे बड़ी चुनौती के रूप में सामने आती है। लंबे समय तक खुले में शौच की समस्या देश की छवि और स्वास्थ्य दोनों के लिए बाधा बनी रही। वर्ष 2014 में जब प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने स्वच्छ भारत मिशन का आह्वान किया, तब इस समस्या को दूर करने की दिशा में व्यापक प्रयास शुरू हुए। घर-घर शौचालय बनने लगे, शहरों और कस्बों में सार्वजनिक और सामुदायिक शौचालयों का निर्माण हुआ और धीरे-धीरे समाज में यह संदेश घर करने लगा कि स्वच्छता केवल सरकार का कार्य नहीं बल्कि हर नागरिक की जिम्मेदारी है।
इसी सोच को आगे बढ़ाते हुए क्लीन टॉयलेट अभियान की शुरुआत हुई, जिसकी थीम है – “स्वच्छ शौचालय हमारी जिम्मेदारी।” इस अभियान का मकसद केवल शौचालय बनाना नहीं, बल्कि उन्हें स्वच्छ, सुरक्षित और उपयोगी बनाए रखना है। क्योंकि यह बार-बार देखा गया कि शौचालय बन जाने के बाद भी उनका रखरखाव न होने से लोग उन्हें छोड़कर फिर खुले में शौच करने लगते थे। इसलिए इस अभियान ने ध्यान केंद्रित किया नागरिकों की सक्रिय भागीदारी, सफाई मित्रों और स्थानीय निकायों के सहयोग तथा सामुदायिक जिम्मेदारी पर।
इंदौर: स्वच्छता की राजधानी और नई पहल
देश का सबसे स्वच्छ शहर कहलाने वाला इंदौर क्लीन टॉयलेट अभियान का भी अग्रणी उदाहरण है। विश्व शौचालय दिवस के अवसर पर नगर निगम ने “शौचालय सुपर स्पॉट कैंपेन” आयोजित किया। इस अनोखे अभियान में नागरिकों को प्रोत्साहित किया गया कि वे सार्वजनिक शौचालयों का उपयोग करें और वहां पर अपनी उपस्थिति को तस्वीर के माध्यम से दर्ज करें। नतीजा यह हुआ कि शहर के सात सौ से अधिक शौचालयों पर एक लाख से ज्यादा लोगों ने जाकर सेल्फी ली और उसे ऑनलाइन अपलोड किया। यह केवल आंकड़ों की बात नहीं है बल्कि यह दर्शाता है कि इंदौर के नागरिक स्वच्छता को गर्व और जिम्मेदारी दोनों मानते हैं।
खास बात यह रही कि अभियान की शुरुआत के केवल तीन घंटे के भीतर ही तीस हजार से अधिक तस्वीरें अपलोड हो चुकी थीं। सुबह पांच बजे से आठ बजे तक का यह दृश्य बताता है कि नागरिक कितनी तत्परता और जागरूकता के साथ इसमें भाग ले रहे थे। इंदौर का यह प्रयोग न केवल पूरे देश के लिए प्रेरणा है बल्कि यह संदेश भी देता है कि यदि जनता प्रशासन के साथ कंधे से कंधा मिलाकर खड़ी हो, तो कोई भी लक्ष्य असंभव नहीं होता।
बिलासपुर: बबलू महतो और परिवार की मिसाल
छत्तीसगढ़ के बिलासपुर जिले के अशोक नगर इलाके की कहानी बताती है कि बदलाव के लिए बड़े साधनों की नहीं बल्कि छोटे प्रयासों की आवश्यकता होती है। नगर निगम ने बबलू महतो को एक सार्वजनिक सुविधा केंद्र की देखभाल की जिम्मेदारी दी। यह स्थान पहले असामाजिक तत्वों का अड्डा माना जाता था। लोग वहां जाने से डरते थे और शौचालय लगभग बेकार पड़ा था।
लेकिन बबलू महतो ने अपने परिवार के सहयोग से इस स्थान का कायाकल्प कर दिया। उन्होंने न केवल शौचालय और स्नानघर की नियमित सफाई सुनिश्चित की बल्कि आसपास का वातावरण भी पूरी तरह बदल डाला। धीरे-धीरे यह स्थान लोगों के लिए सुरक्षित और स्वच्छ सार्वजनिक स्थल बन गया। उनकी पत्नी अनीता और पूरा परिवार इस जिम्मेदारी को निभाने में बराबर का योगदान देता है। आज यह सुविधा केंद्र इलाके के लोगों के लिए वरदान बन चुका है। यह उदाहरण हमें यह सिखाता है कि यदि जिम्मेदारी का भाव हो तो कोई भी व्यक्ति समाज में बड़ा बदलाव ला सकता है।
कोरबा: प्रभास शाही का योगदान
कोरबा जिले के प्रभास शाही ने अपनी सतत मेहनत और सेवा से स्वच्छता अभियान को एक नया आयाम दिया। वे पिछले दस वर्षों से शहर के नए बस स्टैंड और अन्य इलाकों में बने तेईस सार्वजनिक शौचालयों की देखभाल कर रहे हैं। उनकी सोच केवल सफाई तक सीमित नहीं रही। उन्होंने इन शौचालयों को आधुनिक सुविधाओं से लैस किया।
महिलाओं और बच्चों की आवश्यकताओं को ध्यान में रखते हुए उन्होंने सैनिटरी नैपकिन डिस्पेंसर, इंसीनेरेटर और बेबी फीडिंग रूम जैसी सुविधाएँ उपलब्ध कराईं। यह सब बिना किसी बड़े प्रचार-प्रसार के हुआ, लेकिन इसका असर पूरे शहर पर पड़ा। प्रभास शाही की मेहनत का ही परिणाम है कि कोरबा शहर खुले में शौच से पूरी तरह मुक्त हुआ और ODF++ का दर्जा प्राप्त कर सका। यह उपलब्धि बताती है कि व्यक्तिगत प्रयास भी सामूहिक सफलता में बदल सकते हैं।
स्वच्छता और गरिमा का संबंध
क्लीन टॉयलेट अभियान केवल सफाई का सवाल नहीं है, यह स्वास्थ्य और गरिमा दोनों से जुड़ा हुआ है। खासकर महिलाओं और बच्चों के लिए स्वच्छ और सुरक्षित शौचालय का होना उनकी गरिमा और आत्मसम्मान का सवाल है। ग्रामीण और शहरी दोनों क्षेत्रों में लंबे समय तक महिलाओं को अंधेरे में खुले में शौच करने के लिए मजबूर होना पड़ा। इससे न केवल उनका स्वास्थ्य प्रभावित होता था बल्कि सुरक्षा की समस्या भी बनी रहती थी।
आज जब सामुदायिक और सार्वजनिक शौचालयों का जाल बिछाया गया है, तो जिम्मेदारी यह बनती है कि उनकी स्वच्छता और उपयोगिता बनी रहे। यदि वे गंदे या अनुपयोगी होंगे तो लोग फिर से पुराने तरीकों की ओर लौट सकते हैं। इसलिए क्लीन टॉयलेट अभियान का संदेश यह है कि निर्माण के साथ-साथ रखरखाव भी उतना ही जरूरी है।
चुनौतियाँ और समाधान
हालांकि इस अभियान की सफलता के बावजूद कई चुनौतियाँ सामने हैं। कई शहरों में शौचालय तो बन जाते हैं लेकिन उनका नियमित रखरखाव नहीं हो पाता। पानी और बिजली जैसी मूलभूत सुविधाएँ न होने से उनका उपयोग कठिन हो जाता है। कई बार नागरिक भी लापरवाही बरतते हैं और शौचालयों को गंदा छोड़ देते हैं।
इन समस्याओं का समाधान तभी संभव है जब नागरिक, प्रशासन और सफाई मित्र मिलकर काम करें। एक ओर स्थानीय निकाय को यह सुनिश्चित करना होगा कि शौचालयों की सफाई और मरम्मत नियमित रूप से हो, वहीं नागरिकों को भी इन्हें अपनी संपत्ति मानकर संभालना होगा। जागरूकता अभियानों, जन सहभागिता और तकनीक के उपयोग से इस दिशा में और सुधार किया जा सकता है।
जनभागीदारी का महत्व
क्लीन टॉयलेट अभियान की सबसे बड़ी ताकत है जनभागीदारी। जब लोग इसमें जुड़ते हैं तो यह केवल सरकारी योजना नहीं बल्कि एक आंदोलन बन जाता है। इंदौर, बिलासपुर और कोरबा जैसे उदाहरण यही साबित करते हैं। इंदौर में नागरिकों का उत्साह, बबलू महतो और प्रभास शाही जैसे व्यक्तियों की निष्ठा और प्रशासन का सहयोग मिलकर इसे सफल बनाता है। यही कारण है कि यह अभियान अब पूरे देश में तेजी से फैल रहा है।
भविष्य की दिशा
स्वच्छता केवल आज की जरूरत नहीं बल्कि आने वाली पीढ़ियों की सेहत और सुरक्षा से भी जुड़ी हुई है। स्मार्ट सिटी, आत्मनिर्भर भारत और सतत विकास जैसे लक्ष्यों को हासिल करने के लिए जरूरी है कि हम स्वच्छता को अपनी संस्कृति और आदत का हिस्सा बनाएं। क्लीन टॉयलेट अभियान हमें यही सिखाता है कि यदि हर नागरिक इसे अपना कर्तव्य माने तो शहर ही नहीं पूरा देश साफ और स्वस्थ हो सकता है।
यह अभियान धीरे-धीरे लोगों की सोच बदल रहा है। अब लोग शौचालयों को केवल जरूरत नहीं बल्कि अपनी गरिमा और सम्मान से जुड़ा मानने लगे हैं। यह बदलाव ही इस अभियान की सबसे बड़ी उपलब्धि है।
क्लीन टॉयलेट अभियान हमें यह संदेश देता है कि स्वच्छ शौचालय केवल सरकार की जिम्मेदारी नहीं बल्कि हर नागरिक का कर्तव्य है। जब लोग इसे अपनी आदत बना लेंगे तो न केवल बीमारियाँ कम होंगी बल्कि समाज भी अधिक सुरक्षित और सम्मानजनक बनेगा। इंदौर की जनता, बिलासपुर के बबलू महतो और कोरबा के प्रभास शाही जैसे उदाहरण हमें प्रेरित करते हैं कि अगर इच्छा और प्रतिबद्धता हो तो बदलाव लाना कठिन नहीं।
आज जरूरत इस बात की है कि हम सब मिलकर इस अभियान को आगे बढ़ाएँ और यह साबित करें कि स्वच्छ भारत का सपना केवल एक योजना नहीं बल्कि हमारी साझा जिम्मेदारी और राष्ट्रीय संकल्प है।
लेख : पत्र सूचना कार्यालय की ओर से जारी
बस्तर ओलंपिक के लिए पंजीयन आज से शुरू
उप मुख्यमंत्री अरुण साव ने दंतेवाड़ा से की पंजीयन की शुरूआत
दंतेवाड़ा में विकास कार्यों के लिए 5 करोड़ देने की घोषणा की
रायपुर / शौर्यपथ / बस्तर संभाग में आगामी अक्टूबर-नवम्बर में होने वाले बस्तर ओलंपिक के लिए आज से पंजीयन प्रारंभ हो गया। उप मुख्यमंत्री तथा खेल एवं युवा कल्याण मंत्री श्री अरुण साव ने आज दंतेवाड़ा में आयोजित कार्यक्रम में इसकी औपचारिक शुरूआत की। बस्तर ओलंपिक के दौरान आयोजित होने वाले खेलों में भाग लेने के लिए खिलाड़ी 20 अक्टूबर तक अपना पंजीयन करा सकते हैं। बस्तर ओलंपिक का विकासखंड स्तर पर आयोजन 25 अक्टूबर से 5 नवम्बर तक, जिला स्तरीय आयोजन 5 नवम्बर से 15 नवम्बर तक तथा संभाग स्तरीय आयोजन 24 नवम्बर से 30 नवम्बर तक किया जाएगा। वन एवं जलवायु परिवर्तन तथा दंतेवाड़ा जिले के प्रभारी मंत्री श्री केदार कश्यप और विधायक श्री चैतराम अटामी भी पंजीयन के शुभारंभ कार्यक्रम में शामिल हुए।
उप मुख्यमंत्री अरुण साव ने बस्तर ओलंपिक के लिए पंजीयन की शुरूआत करते हुए कहा कि पिछले वर्ष आयोजित बस्तर ओलंपिक से बस्तर की दशा और दिशा बदली है। आने वाले समय में बस्तर विश्व के मानचित्र पर अपनी अलग पहचान स्थापित करेगा। यहां की प्रतिभाएं राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय स्तर पर भी अपनी चमक बिखेरेंगे। उन्होंने बताया कि पिछले बस्तर ओलंपिक में एक लाख 62 हजार खिलाड़ियों ने अपना पंजीयन कराया था। इस वर्ष दो लाख खिलाड़ियों के पंजीयन का लक्ष्य है। प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी ने भी बस्तर ओलंपिक की प्रशंसा की थी। इस आयोजन को पूरे देश में लोकप्रिय बनाना है। बस्तर के हर गांव के हर बच्चे और युवा की भागीदारी इसमें सुनिश्चित करना है। श्री साव ने कार्यक्रम में दंतेवाड़ा जिले में मूलभूत सुविधाओं के विकास के लिए पांच करोड़ रुपए देने की घोषणा की।
वन एवं जलवायु परिवर्तन तथा दंतेवाड़ा जिले के प्रभारी मंत्री केदार कश्यप ने अपने संबोधन में कहा कि नवरात्रि के पावन अवसर पर आज बस्तर ओलंपिक के लिए पंजीयन का शुभारंभ किया जा रहा है। बस्तर अनेक मामलों में समृद्ध है, चाहे वह खेल हो, संस्कृति हो या अन्य कोई क्षेत्र... बस्तर ने हमेशा अपनी विशिष्ट पहचान बनाई है। बस्तर अपनी अनूठी परंपराओं और रीति-रिवाजों के कारण विशेष महत्व रखता है, जिन्हें हमारे पूर्वज आदिकाल से निभाते आ रहे हैं। उन्होंने कहा कि बस्तर में खेल प्रतिभाओं की कोई कमी नहीं है। बस्तर ओलंपिक से इन प्रतिभाओं को पहचान और प्रोत्साहन मिलेगा। उन्होंने लोगों से अधिक से अधिक संख्या में बस्तर ओलंपिक में भाग लेने की अपील की।
विधायक चैतराम अटामी और खेल एवं युवा कल्याण विभाग के सचिव यशवंत कुमार ने भी पंजीयन के शुभारंभ कार्यक्रम को संबोधित किया। राज्य महिला आयोग की सदस्य श्रीमती ओजस्वी मंडावी, दंतेवाड़ा जिला पंचायत के अध्यक्ष नंदलाल मुड़ामी, उपाध्यक्ष अरविन्द कुंजाम, दंतेवाड़ा नगर पालिका की अध्यक्ष श्रीमती पायल गुप्ता, खेल एवं युवा कल्याण विभाग की संचालक श्रीमती तनुजा सलाम, डीआईजी कमलोचन कश्यप, पुलिस अधीक्षक गौरव राय, जिला पंचायत के सीईओ जयंत नाहटा और डीएफओ सागर जाधव सहित अनेक जनप्रतिनिधि और गणमान्य नागरिक बड़ी संख्या में कार्यक्रम में मौजूद थे।
नारायणपुर के अबूझमाड़ में सुरक्षाबलों की बड़ी सफलता : दो इनामी नक्सली ढेर
रायपुर / शौर्यपथ / मुख्यमंत्री विष्णु देव साय ने नारायणपुर ज़िले के अबूझमाड़ क्षेत्र में सुरक्षाबलों की ओर से चलाए गए सफल अभियान की सराहना करते हुए कहा कि यह छत्तीसगढ़ में नक्सलवाद के खात्मे की दिशा में एक निर्णायक उपलब्धि है।
मुख्यमंत्री साय ने कहा कि अबूझमाड़ क्षेत्र में सुरक्षाबलों और नक्सलियों के बीच हुई मुठभेड़ में 2 नक्सली न्यूट्रलाइज किए गए हैं। दोनों पर 40-40 लाख रुपये का इनाम घोषित था। मुख्यमंत्री ने कहा कि यह सफलता केवल नक्सलवाद के खात्मे की दिशा में एक निर्णायक पड़ाव ही नहीं है, बल्कि छत्तीसगढ़ में शांति, सुरक्षा और विकास की प्रक्रिया को और भी गति प्रदान करती है।
मुख्यमंत्री ने इस अभियान में शामिल सुरक्षाकर्मियों को बधाई देते हुए कहा कि उनकी बहादुरी और समर्पण से ही प्रदेश आज शांति और विकास की राह पर तेज़ी से आगे बढ़ रहा है।
मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी जी के विज़न और माननीय केंद्रीय गृहमंत्री श्री अमित शाह जी के नेतृत्व में नक्सलवाद का अंत अब पहले से कहीं अधिक निकट और निश्चित होता दिखाई दे रहा है। उन्होंने विश्वास व्यक्त किया कि मार्च 2026 तक नक्सलमुक्त भारत का संकल्प अवश्य साकार होगा।
