August 02, 2025
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मुख्यमंत्री विष्णु देव साय बोले – “नक्सलवाद की रात ढल रही है, बस्तर में विकास की नई सुबह हो रही है”

  रायपुर/शौर्यपथ ब्यूरो/
(साभार: जनसंपर्क विभाग, छत्तीसगढ़ शासन)

छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री श्री विष्णु देव साय ने बस्तर में नक्सलवाद के खात्मे को लेकर एक ऐतिहासिक घोषणा करते हुए कहा कि "नक्सलवाद की रात अब ढल रही है और विकास की नई सुबह का उदय हो चुका है।" उन्होंने बताया कि बस्तर रेंज में ₹2.54 करोड़ के इनामी 66 हार्डकोर नक्सलियों ने आत्मसमर्पण कर मुख्यधारा से जुड़ने का संकल्प लिया है। इस आत्मसमर्पण में ₹25 लाख के इनामी माओवादी SZCM (South Zonal Committee Member) रामन्ना ईरपा उर्फ जगदीश भी शामिल है, जो संगठन का एक शीर्ष रणनीतिकार रहा है।

मुख्यमंत्री ने कहा कि यह ऐतिहासिक आत्मसमर्पण डबल इंजन सरकार की सुशासन, सुरक्षा और पुनर्वास नीति का प्रत्यक्ष प्रमाण है। सरकार की समावेशी और सशक्त योजनाओं ने इस दिशा में निर्णायक बदलाव लाया है।
एक ही दिन में 5 जिलों से आए 66 नक्सली मुख्यधारा में

मुख्यमंत्री ने जानकारी दी कि:

    बीजापुर से 25,    दंतेवाड़ा से 15,    कांकेर से 13,    नारायणपुर से 8,    सुकमा से 5 नक्सलियों ने आत्मसमर्पण किया है।

इन सभी ने राज्य सरकार की आत्मसमर्पण एवं पुनर्वास नीति से प्रेरित होकर हिंसा का मार्ग छोड़ शांति और विकास की दिशा में चलने का निर्णय लिया।


‘पूना मारगेम’ – पुनर्वास से पुनर्जीवन की नीति बनी बदलाव की धुरी

मुख्यमंत्री साय ने “पूना मारगेम: पुनर्वास से पुनर्जीवन” नीति को इस परिवर्तन का केंद्रीय तत्व बताते हुए कहा कि राज्य सरकार इन नक्सलियों के भविष्य को संवारने और उन्हें समाज के सम्मानित नागरिक के रूप में पुनः स्थापित करने हेतु पूर्ण रूप से प्रतिबद्ध है।

18 महीनों में 1,570 माओवादियों का आत्मसमर्पण – सरकार की नीति की व्यापक स्वीकार्यता

मुख्यमंत्री ने बताया कि पिछले 18 महीनों में 1,570 माओवादी कैडर आत्मसमर्पण कर चुके हैं। यह सरकार की पारदर्शी, नागरिक हितैषी और मानवीय दृष्टिकोण से प्रेरित नीति की सफलता का प्रमाण है। आत्मसमर्पण करने वालों में कई कुख्यात और रणनीतिक स्तर के माओवादी शामिल हैं।
केंद्र-राज्य समन्वय से बस्तर में विकास और सुरक्षा की नई लहर

मुख्यमंत्री साय ने कहा कि प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी और केंद्रीय गृह मंत्री श्री अमित शाह के मार्गदर्शन में राज्य और केंद्र सरकार मिलकर बस्तर के दूरस्थ क्षेत्रों में सुरक्षा और विकास का समवेत अभियान चला रही हैं।

उन्होंने बताया कि अब बस्तर के सुदूर क्षेत्रों में:

    सड़कों का विस्तार,    पेयजल आपूर्ति,    प्राथमिक और माध्यमिक शिक्षा केंद्र,    स्वास्थ्य सुविधाएं,    परिवहन,    बिजली एवं डिजिटल नेटवर्क जैसी मूलभूत सुविधाएं पहुँच चुकी हैं।

रामन्ना ईरपा का आत्मसमर्पण – माओवादी नेटवर्क को गहरा झटका

सूत्रों के अनुसार, रामन्ना ईरपा उर्फ जगदीश माओवादी संगठन का दक्षिण जोनल कमेटी सदस्य (SZCM) था, जो रणनीति, भर्ती और स्थानीय नेटवर्क संचालन का प्रमुख चेहरा रहा है। उसका आत्मसमर्पण माओवादी नेटवर्क की रीढ़ तोड़ने जैसा माना जा रहा है।
मुख्यमंत्री का संदेश – “बस्तर भय से नहीं, भविष्य से पहचाना जाएगा”

मुख्यमंत्री साय ने आत्मसमर्पण करने वाले सभी व्यक्तियों का स्वागत करते हुए कहा:

    "हम हर उस हाथ को थामेंगे, जो हथियार छोड़कर शांति, शिक्षा और सृजन की राह पर लौटना चाहता है। यह बस्तर के पुनर्निर्माण का समय है। यह सामाजिक भागीदारी से संचालित नया युग है।"

निष्कर्ष: नक्सलवाद पर निर्णायक प्रहार, विकास की ठोस जमीन

बस्तर की यह घटना केवल एक प्रशासनिक सफलता नहीं, बल्कि आशा, पुनर्वास और सामाजिक पुनरुत्थान की ऐतिहासिक पटकथा है। नक्सलवाद के आतंक से लंबे समय से जूझते बस्तरवासियों के लिए यह एक निर्णायक मोड़ है — अब बस्तर की पहचान भय नहीं, बल्कि भविष्य की संभावना होगी।

? रिपोर्ट: शरद पंसारी
संपादक: शौर्यपथ दैनिक समाचार
? www.shouryapathnews.in | ? संपर्क: 8962936808
(साभार: जनसंपर्क विभाग, छत्तीसगढ़ शासन)

कृषि यंत्रों के साथ ही आधुनिक कृषि यंत्र ड्रोन की पूजा कर लगाया गुड़ के चीला का भोग

  रायपुर / शौर्यपथ /
 छत्तीसगढ़ का पारंपरिक और प्रथम त्यौहार हरेली आज जिले भर में अपार उत्साह और उमंग के साथ मनाया गया। सावन मास की अमावस्या को मनाए जाने वाला यह पर्व, जो छत्तीसगढ़ की समृद्ध कृषि, संस्कृति और प्रकृति के प्रति सम्मान का प्रतीक है, इस बार भी अपने रंग-रूप और परंपराओं के साथ लोगों के दिलों में उत्सव का माहौल लेकर आया। इस अवसर पर किसानों ने अपने पारंपरिक कृषि यंत्रों हल, नांगर, कुदाली और फावड़े की पूजा कर फसलों की सुखद पैदावार और समृद्धि की कामना की। वहीं बालोद जिले की तीन ड्रोन दीदियों ने आधुनिक तकनीक और परंपरा का अनूठा संगम पेश करते हुए आधुनिक कृषि यंत्र ड्रोन की पूजा कर हरेली तिहार को नया आयाम दिया।
जिले में तीन ड्रोन दीदियों श्रीमती चित्ररेखा साहू, श्रीमती भावना साहू और सुश्री रूचि साहू ने छत्तीसगढ़ के पारंपरिक हरेली तिहार को आधुनिक तकनीक के साथ जोड़कर एक नई मिसाल पेश की है। ये ड्रोन दीदियां, जो शासन की ड्रोन दीदी योजना के तहत तकनीकी रूप से प्रशिक्षित हैं, जो कि नियमित रूप से किसानों के मित्र के रूप में तथा कृषि कार्य में अहम भूमिका निभाते हुए फसलों में नैनो उर्वरक छिड़काव का कार्य मिनटों में पूरा कर देती हैं। आज उन्होंने हरेली तिहार के अवसर पर ड्रोन को धूप-दीप से पूजित किया और नारियल व गुड़ के चीले का भोग लगाया। ड्रोन दीदी श्रीमती चित्ररेखा साहू ने कहा कि हमारी परंपरा हमें कृषि यंत्रों का सम्मान सिखाती है। ड्रोन आज हमारा आधुनिक कृषि यंत्र है, जो दवाई छिड़काव और फसलों की निगरानी में मदद करता है। इसे पूजकर हम प्रकृति और तकनीक के मेल को बढ़ावा दे रहे हैं।  
ड्रोन दीदी श्रीमती भावना साहू ने बताया कि ड्रोन तकनीक से खेती में समय और मेहनत की बचत हो रही है, और हरेली तिहार के इस अवसर पर उन्होंने संकल्प लिया कि वे जिले के अन्य किसानों को भी इस तकनीक से जोड़ेंगी। ड्रोन दीदी सुश्री रूचि साहू ने कहा कि हमारा लक्ष्य है कि बालोद जिले के हर खेत तक ड्रोन की पहुंच हो, ताकि फसल उत्पादन दोगुना हो और किसानों का जीवन आसान बने। ड्रोन दीदियों ने इस योजना की सराहना करते हुए कहा कि प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी की दूरगामी सोंच से हम महिलाओं के सशक्तिकरण का मार्ग प्रशस्त हुआ है। इस योजना से हमें आत्मनिर्भर बनकर जीवन में बेहतर कार्य करने का आत्मबल मिला है। उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री श्री विष्णुदेव साय के विशेष प्रयासों से आज कृषि के क्षेत्र में निरंतर नवाचार देखने को मिल रहा है। इससे हम लोगों को बेहतर आय और सुखद जीवन मिला है। हमारे द्वारा निरंतर ही किसानों के फसलों में नैनो उर्वरक का छिड़काव व देखरेख किया जा रहा है। ड्रोन दीदियों ने हरेली तिहार के अवसर पर प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी और मुख्यमंत्री श्री विष्णुदेव साय के प्रति आभार व्यक्त करते हुए, उन्हें हरेली तिहार की बधाई एवं शुभकामनाएं प्रेषित की है।

भगवान भोले की कृपा बनी रहे और हमारा देश व छत्तीसगढ़ सतत् रूप से विकास, शांति और समृद्धि की दिशा में आगे बढ़ता रहे : मुख्यमंत्री

  रायपुर / शौर्यपथ / सावन मास के पावन अवसर पर मुख्यमंत्री श्री विष्णुदेव साय ने अपनी धर्मपत्नी श्रीमती कौशल्या साय के साथ आज बगिया स्थित श्री फलेश्वरनाथ महादेव मंदिर पहुंचकर पूरे विधि-विधान से पूजा-अर्चना कर प्रदेशवासियों के सुख-समृद्धि एवं खुशहाली की मंगलकामना की। इस अवसर पर मुख्यमंत्री ने सुप्रसिद्ध कथा वाचिका किशोरी राजकुमारी तिवारी द्वारा किए जा रहे शिव महापुराण कथा का श्रवण भी किया।
   इस अवसर पर मुख्यमंत्री ने कहा कि भगवान भोलेनाथ की कृपा सभी पर बनी रहे और हमारा देश और छत्तीसगढ़ सतत् रूप से विकास, शांति और समृद्धि की दिशा में आगे बढ़ता रहे। उन्होंने कहा कि भगवान श्री भोलेनाथ के आशीर्वाद से छत्तीसगढ़ सरकार राज्य के कल्याण के लिए समर्पित होकर कार्य कर रही है। हमारी सरकार की नई उद्योग नीति से आकर्षित होकर बीते छह से आठ महीनों में लगभग साढ़े छह लाख करोड़ रुपये के निवेश प्रस्ताव प्राप्त हुए हैं। राज्य सरकार ने युवाओं के लिए सरकारी नौकरियों के अवसर सृजित किए हैं।

  
  इस अवसर पर फलेश्वरनाथ महादेव मंदिर परिसर में आयोजित 01 लाख 108 पार्थिव शिवलिंग निर्माण एवं विशेष पूजन अनुष्ठान श्रद्धा, आस्था और शास्त्रोक्त विधि-विधान के साथ संपन्न हुआ। यह आयोजन 22 जुलाई से प्रारंभ हुआ था और इसका समापन आज 24 जुलाई को विधिपूर्वक किया गया। पूरे आयोजन में बड़ी संख्या में श्रद्धालुजन उत्साहपूर्वक भाग ले रहे हैं। भक्तगण पूर्ण श्रद्धा, निष्ठा और भक्ति भाव से पार्थिव शिवलिंग निर्माण में सहभागी रहे। पूजन एवं अनुष्ठान का आयोजन प्रतिष्ठित विद्वान पंडितों द्वारा शास्त्र सम्मत विधियों के अनुसार किया गया, जिससे वातावरण भक्तिमय और आध्यात्मिक ऊर्जा से परिपूर्ण हो उठा। इस अवसर पर जिला पंचायत अध्यक्ष सालिक साय, कमिश्नर नरेंद्र दुग्गा, आईजी दीपक कुमार झा, कलेक्टर रोहित व्यास, पुलिस अधीक्षक शशिमोहन सिंह, जिला पंचायत सीईओ श्री अभिषेक कुमार, जनप्रतिनिधिगण और भारी संख्या में ग्रामीण मौजूद रहे।

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